श्रीमान, योगवशिष्ठ और श्री अरविंद जी के अदैत मै समानता है या अंतर है, जो थोडा बहुत योग समन्वय का अध्ययन किया है मेने मुझे ऐसा लगता है की ऐक ही है अरविंद जी और योगवशिष्ठ,,कृप्या आप मार्गदर्शन किजिए 🙏🙏
योग वसिष्ठ और श्री अरविंद के दर्शन में आत्मा परमात्मा के सम्बंध में एक तादात्म्य है I यहाँ तक दोनों के वेदान्त दर्शन में कुछ समानता है l पर कई पहलुओं में अनेकों भिन्नता हैं l जैसे कि श्री अरविंद संसार को मरीचिका नहीं मानते ना ही इसे केवल किसी वैश्विक मन का स्वप्न कहते हैं l मुक्ति केवल एक चरण है मानव यात्रा का एक पड़ाव ना कि अंतिम लक्ष्य l रूपांतरण एवं दिव्य देह इत्यादि की योग वसिष्ठ में कहीं चर्चा नहीं है l यदि कोई पुरातन ग्रंथ श्री अरविंद दर्शन के सबसे निकट आता है तो वह है ईशा उपनिषद और श्रीमदभगवत गीता I
Jai Sri Maa Jai Sri Aurobindo
ૐ નમો ભગવતેં. ..... ૐ શ્રી માં અર્વિંદૌય નમઃ
Om shri maa sharnam mam Sri Aurobindo sharnam mam
So we'll and correctly explained.
Jai Maa. Jai Sri Aurobindo 🙏🙏
Love you maa
Thanks Bhai
OM NAMO BHAGAWATE
🙏🙏🌹🌹
Exactly , absolutely n extremely thoughts for living long ,longer, longest n finally transform in to IMMORTALITY it's called CONSCIOUSNESS.
Mother, may thy will be done in my life, not mine. Maate tumhari jay ho, tuhmari ichha ki jay ho. Jay Jagatjanani.
HariOm 🙏🙏🙏Aap saty hi kah rhe hae Alok ji
Faith🌺
Dhanyabad Bhai.
Ma🙏
presentation also chamatkar.......
Maa ... Maa ... Maa ...
🙏💐🙏શ્રી માં
Very good
Thanks
🙏
That is true
প্রথম এ কৃপার যোগ্য হতে হবেই।
माँ, मै काफी कष्ट में हूं!, मेरी रक्षा कीजिए 🙏🙏🙏🙏🙏
किया कष्ट हे
V true alokbhai ...Ma ...is the only to escape from all difficulties...I have experience abt it...full trust on prayer...
श्रीमान, योगवशिष्ठ और श्री अरविंद जी के अदैत मै समानता है या अंतर है, जो थोडा बहुत योग समन्वय का अध्ययन किया है मेने मुझे ऐसा लगता है की ऐक ही है अरविंद जी और योगवशिष्ठ,,कृप्या आप मार्गदर्शन किजिए 🙏🙏
योग वसिष्ठ और श्री अरविंद के दर्शन में आत्मा परमात्मा के सम्बंध में एक तादात्म्य है I यहाँ तक दोनों के वेदान्त दर्शन में कुछ समानता है l पर कई पहलुओं में अनेकों भिन्नता हैं l जैसे कि श्री अरविंद संसार को मरीचिका नहीं मानते ना ही इसे केवल किसी वैश्विक मन का स्वप्न कहते हैं l मुक्ति केवल एक चरण है मानव यात्रा का एक पड़ाव ना कि अंतिम लक्ष्य l रूपांतरण एवं दिव्य देह इत्यादि की योग वसिष्ठ में कहीं चर्चा नहीं है l यदि कोई पुरातन ग्रंथ श्री अरविंद दर्शन के सबसे निकट आता है तो वह है ईशा उपनिषद और श्रीमदभगवत गीता I
@@AuroMaa धन्यवाद आपका मुझे correct करने के लिए,,योगवशिष्ठ मै कोई पद्धति नही बताई गई, निदिध्यासन आदि पर फोकस है 🙏🙏