संतान गोपाल मंत्र | पुत्र प्राप्ति मंत्र | Santana Gopala Mantra | Putra Prapti Mantra

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  • Опубликовано: 11 сен 2024
  • Lyrics :
    ॥ देवकी सूत गोविंद वासुदेव जगतपते देहिमे तनय कृष्ण त्वाहम शरणगते ॥
    ॥ Devakisut Govind Vasudev Jagatpate Dehime
    Tanay Krishnam Tvaham Sharan Gate ॥
    संतान गोपाल मन्त्र का जप कैसे करें :
    • संतान गोपाल मन्त्र का जप श्री कृष्ण जन्माष्टमी अथवा किसी शुभ मुहूर्त में ही प्रारम्भ करना चाहिए।
    • पाठ का प्रारम्भ किसी सुयोग्य ब्राह्मण द्वारा श्रद्धापूर्वक करवाना चाहिए यदि ऐसा संभव नही हो तो जातक स्वयं प्रारम्भ करना चाहिए। स्वयं पाठ करना अति श्रेष्ठकर माना जाता है।
    • मन्त्र जप से पहले विनियोग, अंगन्यास तथा ध्यान करना चाहिए तदुपरांत बीज मंत्र का जप करना चाहिए।
    1. विनियोग :- श्री सन्तानगोपालमंत्रस्य श्री नारद ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः श्री कृष्णो देवता गलौं बीजं नमः शक्ति पुत्रार्थे जपे विनियोगः।
    2. अंगन्यास :- देवकीसुत गोविन्द हृदयाय नमः, वासुदेव जगतपते, शिरसे स्वाहा, देहि में तनयं, कृष्ण शिखायै वषट, त्वामहं शरणम् गतः कवचाय हुम्, ॐ नमः अस्त्राय फट।।
    3. ध्यान :- निम्न मंत्रो का ध्यान जप के साथ करना चाहिए।
    वैकुण्ठादागतं कृष्णं रथस्य करुणानिधिम्। किरीटसारथिम् पुत्रमानयन्तं परात्परम्।
    आदाय तं जलस्थं च गुरवे वैदिकाय च। अपर्यन्तम् महाभागं ध्यायेत् पुत्रार्थमच्युतम्।।
    4. बीज मन्त्र :-
    ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
    देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
    ऊपर बताये गए विधियों के अनुसार
    • सन्तान गोपाल मन्त्र का जप तब तक करनी चाहिए जब तक आपकी मनोकामना की पूर्ति न हो जाए।
    • मन्त्र जप के लिए तुलसी के माला का ही प्रयोग करना चाहिए।
    • प्रतिदिन एक या दो माला का जप अवश्य करनी चाहिए।
    • कुल सवा लाख मन्त्र जप करने का विधान है।
    • मन्त्र जप पूरा होने पर कुल मन्त्र के जप का दशांश हवन, तर्पण तथा मार्जन अवश्य ही करना चाहिए।
    • इसके बाद कम से कम पांच ब्राह्मणों को भोजन कराकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
    • आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
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