भैया तथागत बुद्ध कहते हैं जहां पर दुविधा इस बात को छोड़ देना चाहिए इसी लिए हम लोग किसी हिंदू पर्व को नही मनाते न ही मनाएंगे लेकिन अपने इतिहास की जानकारी तो होनी ही चाहिए की ये पर्व कैसे बनाए गए हैं अपनी अपनी सोच का फर्क h
@sanjaysrivastava6897 आप को इतना पता नही है गौतम बुध से पहले भी 27 बुद्ध हुए थे मतलब साफ है कि उनके पिता जी कौन से धर्म के होंगे तब कोई धर्म ही नही था सिर्फ संस्कृति और सभ्यताएं थी
Aap shodh karte rahiye hum log bas puja karte rahege baudh ho yaa nahi ho fark nahi parta ❤ Fir milege 2025 me Aasha karte hai aape shodh me pragati hoga ❤ Jai Sanatani dharm ke shreth parv Chaat maiya.
भारत बुद्ध की धरती है। और यहाँ के सभी मुलनिवासीयों के पूर्वज बुद्धिस्ट थे। राष्ट्रीय कैलेंडर शकसंम्बध है। और ये बुद्धिस्ट कैलेंडर है। आज तक एक कैलेंडर नही बना पाए पाखण्डी लोग छठ महापर्व बुद्धिस्ट पर्व है।
महोदय सिर्फ प्राकृत भाषा शैली के आधार पर यह प्रमाणित कर देना कि यह बौद्ध का त्योहार है, यह गलत है। उस समय बोलचाल की भाषा ही प्राकृत थी। रही बात संस्कृत की तो यह आम जनों की भाषा नहीं थी, यह भाषा कठिन था, कठिन है और भविष्य में कठिन रहेगा। प्राकृत भाषा बुद्धकालीन तत्काल समय की आम जनमानस की भाषा थी, तो जाहिर सी बात है कि आम लोग भी संबंधित भाषा का ही प्रयोग करते होंगे।
नहीं प्राकृत का क्षेत्र उत्तर प्रदेश और बिहार में था और बौद्ध सभ्यता इन्हीं जगहों में था लेकिन ये पूरे भारत को चिल्लायेंगे और यह दो प्रदेश इसलिए पिछड़ गए क्योंकि ये बुद्धिस्ट हो गए
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे। जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया। दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥ इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते। नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है। शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे। जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया। दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥ इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते। नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है। शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
पहले जैन फिर बौद्ध फिर मुस्लिम 712,,फिर वैदिक आया,, सनातन कही नही था,, हाँ मुग़ल के समय हिंदू शब्द आया था,, सनातन शब्द 1900 सदी मे आरएसएस के ब्राह्मणों द्वारा लाया गया था,, आप श्रीवास्तव है इसलिए अपना इतिहास सुन लीजिये आप कितने शिक्षित लोग थे लेकिन ब्राह्मण के जाल मे फ़स गए है ✍️✍️ अंग्रेजी हुकूमत केवल लाला मतलब श्रीवास्तव को क्लर्क मतलब बाबू बनाया जाता क्युकि उनके पास बुद्धि था ये बात ब्राह्मणों को घटक रही थी इसलिए सभी ब्राह्मणों नें मिलकर अंग्रेजो को भगा दिया.. आज सरकारी नौकरी मे लाला बहुत कम.. ब्राह्मण बहुत ज्यादा है ✍️✍️
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे। जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया। दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥ इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते। नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है। शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
Jab budh hi nahi to chhath budh ka parb kaise ho gya bhagban mahabir ko tum budh kahte ho budh sirf budhist ka kalpna matra he asal me mahabir ki ye log budh budh bata kar logo ko murkh bna raha he
स्तूप ईरान से कापी किया हुआ है और इंडिका में मेगास्थनीज लिखता है कि भारतीय लोगों को स्तूप की जानकारी नहीं था और ये ईरानी पुत्र स्तूप स्तूप चिल्लाते हैं
@@SunilBaudhOfficial kis sabut ki bat kar rahe he aap tripatak sutpitak ya binaypitak kya ye Sach nahi he ki bhagban mahabir aur budh ka janamkal ya dono ko hi per ke niche khir khane se hi gyan prapt huwa he
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे। जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया। दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥ इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते। नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है। शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
अभी तक बौद्ध भक्त कहां सोए थे,आज सारे त्यौहार इन्हें के है, या इनको किसी ने अब सपने में बताया है,यही समय बौद्धधर्म प्रचार के लिए अच्छा है।
Bhai name hindu dharm hai ya sanatan dharm,😢😢
Log abhi dharm ke naam me hi confuse hai.
😮😮
सारे त्योहार को बौद्ध धर्म से जोड़ दें जिससे भारत के सारे sc st माने और पूजा पाठ में लग जायेंगे
भैया तथागत बुद्ध कहते हैं जहां पर दुविधा इस बात को छोड़ देना चाहिए इसी लिए हम लोग किसी हिंदू पर्व को नही मनाते न ही मनाएंगे लेकिन अपने इतिहास की जानकारी तो होनी ही चाहिए की ये पर्व कैसे बनाए गए हैं अपनी अपनी सोच का फर्क h
@SunilBaudhOfficial ji bhaiya bilkul honi chahiye
गौतम बुद्ध के पिता जी सनातनी थे या बौद्ध थे यदि बौद्ध पर्व छठ है तो जापान कोरिया चीन में भी मानना चाहिए@@SunilBaudhOfficial
@sanjaysrivastava6897 आप को इतना पता नही है गौतम बुध से पहले भी 27 बुद्ध हुए थे मतलब साफ है कि उनके पिता जी कौन से धर्म के होंगे तब कोई धर्म ही नही था सिर्फ संस्कृति और सभ्यताएं थी
@SunilBaudhOfficial 27बुढो के नाम एक ही थे या सब के अलग अलग थे सबके पिता का नाम शुद्धोधन था
Right Jay Bheem Jay samvidhan namo budhay
Aap shodh karte rahiye hum log bas puja karte rahege baudh ho yaa nahi ho fark nahi parta ❤
Fir milege 2025 me
Aasha karte hai aape shodh me pragati hoga ❤
Jai Sanatani dharm ke shreth parv Chaat maiya.
भारत बुद्ध की धरती है। और यहाँ के सभी मुलनिवासीयों के पूर्वज बुद्धिस्ट थे। राष्ट्रीय कैलेंडर शकसंम्बध है। और ये बुद्धिस्ट कैलेंडर है। आज तक एक कैलेंडर नही बना पाए पाखण्डी लोग छठ महापर्व बुद्धिस्ट पर्व है।
Deepotsav Se Lekar jitne bhi Parv Hai vah Sab Buddhist Ka Hai Isko Khali Rang Roop Badal Diya gaya hai Baki Jo Bhi padh Paye sab baudh stup ka hai
Satya video
❤❤❤
बुद्ध बुध जापाना। 2:05 2:05
पराया मॉल अपना
Very Nice Jankari Sir Jee 🙏🌹🌹🙏. Namo Buddhay Jay Bhim 🙏🙏.
कुछ भी हो मगर इस पूजा से लोगों क्या। फायदा है ।कौन सा विकास करता है
महोदय सिर्फ प्राकृत भाषा शैली के आधार पर यह प्रमाणित कर देना कि यह बौद्ध का त्योहार है, यह गलत है। उस समय बोलचाल की भाषा ही प्राकृत थी। रही बात संस्कृत की तो यह आम जनों की भाषा नहीं थी, यह भाषा कठिन था, कठिन है और भविष्य में कठिन रहेगा। प्राकृत भाषा बुद्धकालीन तत्काल समय की आम जनमानस की भाषा थी, तो जाहिर सी बात है कि आम लोग भी संबंधित भाषा का ही प्रयोग करते होंगे।
नहीं प्राकृत का क्षेत्र उत्तर प्रदेश और बिहार में था और बौद्ध सभ्यता इन्हीं जगहों में था लेकिन ये पूरे भारत को चिल्लायेंगे और यह दो प्रदेश इसलिए पिछड़ गए क्योंकि ये बुद्धिस्ट हो गए
Great science Jay vigyan pakhand mukt Bharat Jay Bheem namo budhay Jay samvidhan Jay bharat
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे।
जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया।
दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥
इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते।
नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है।
शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
अभी तक कहा थे श्रीमान
Baba sahab ne kisi bhi tyohar ko manane se mana kiya tha,
Pakhand mat failao😂
Rajendra prasad singhji ko namaskar ap sandar itihaskar hai
आने वाले समय में नव बौद्ध दूसरे के बाप को अपना बाप बना लेंगे इनको करना सभी काम वही है लेकिन उसको बुद्धिस्ट बोलकर
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे।
जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया।
दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥
इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते।
नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है।
शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
Bewkuf mat banao sabhi sanatan ka ansh hai.vansh.purwajo ko Badal lo to jaane jaisriram
Jai Bhim namo buddha jai bharat jai savindan jai samrat
Bahut bahut sadhuvad
Hum chahenge ki sab parb ko baudhh dharam se jod digiye taki sc st baudh na bane wo sc st yani hindu samagh kar rahe
छठ मैया हो गई 😂
छठ बौद्ध पर्व है तो जापान में चीन में कोरिया में क्यों नहीं मनाया जाता है
Ye bakait sirf ye neele kabutar krte h india mei... Crypto Buddhists 😂😂😂
बौद्ध धर्म के किस ग्रन्थ में लिखा ही है
सूर्य देवता सबकेहैं कोई कहे कि सूर्य देवता मेरे है तो महा मूर्ख आदमी हैं
गौतम बुद्ध के पिता जी सनातनी थे या बौद्ध थे? पहले बौद्ध धर्म आया सनातन धर्म आया
पहले जैन फिर बौद्ध फिर मुस्लिम 712,,फिर वैदिक आया,, सनातन कही नही था,, हाँ मुग़ल के समय हिंदू शब्द आया था,, सनातन शब्द 1900 सदी मे आरएसएस के ब्राह्मणों द्वारा लाया गया था,,
आप श्रीवास्तव है इसलिए अपना इतिहास सुन लीजिये आप कितने शिक्षित लोग थे लेकिन ब्राह्मण के जाल मे फ़स गए है ✍️✍️
अंग्रेजी हुकूमत केवल लाला मतलब श्रीवास्तव को क्लर्क मतलब बाबू बनाया जाता क्युकि उनके पास बुद्धि था ये बात ब्राह्मणों को घटक रही थी इसलिए सभी ब्राह्मणों नें मिलकर अंग्रेजो को भगा दिया.. आज सरकारी नौकरी मे लाला बहुत कम.. ब्राह्मण बहुत ज्यादा है ✍️✍️
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे।
जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया।
दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥
इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते।
नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है।
शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।
Ye hai singh sahab ki najayaj aulad nsl sudhar andolan me inki amma babau sahab se kheli thi.lage raho
Jab budh hi nahi to chhath budh ka parb kaise ho gya bhagban mahabir ko tum budh kahte ho budh sirf budhist ka kalpna matra he asal me mahabir ki ye log budh budh bata kar logo ko murkh bna raha he
कल्पना कौन है वो सारे सबूत बताते हैं।किसके पुरातात्विक प्रमाण है किसके नही 🤣🤣
Ye saare chor hai bhai.. jain or hindu se churakar.. naya bakaiti bnaye h.. 1952 k baad paida hua h ye naya Buddhism neele wala😂😂😂
स्तूप ईरान से कापी किया हुआ है और इंडिका में मेगास्थनीज लिखता है कि भारतीय लोगों को स्तूप की जानकारी नहीं था
और ये ईरानी पुत्र स्तूप स्तूप चिल्लाते हैं
@@SunilBaudhOfficial kis sabut ki bat kar rahe he aap tripatak sutpitak ya binaypitak kya ye Sach nahi he ki bhagban mahabir aur budh ka janamkal ya dono ko hi per ke niche khir khane se hi gyan prapt huwa he
बौद्ध धर्म जब भारत से बाहर गया तो साथ में बौद्ध त्यौहार भी साथ में गया। यानि वहां पर बौद्ध लोग बौद्ध त्यौहार मनाने लगे।
जैसे मुसलमान और ईसाई धर्म भारत में आया तो अनुयाई अपने त्यौहार भी भारत में लेकर आया।
दीपावली दशहरा होली राखी छठ आदि त्यौहार क्यों नहीं श्री लंका, तिब्बत बर्मा थाईलैंड में मनाया जाते॥
इसका उत्तर है ये सब बौद्ध धर्म के त्यौहार नहीं है न बौद्ध मनाते।
नवबौद्ध को सब चीज हड़पने की आदत पड गया है।
शर्म करो। फर्जी लेखक साहब।