न्याय की देवी की आंखों पर अब पट्टी नहीं, हाथ में तलवार की जगह संविधान

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  • Опубликовано: 24 ноя 2024

Комментарии • 27

  • @shivshankertiwari4566
    @shivshankertiwari4566 28 дней назад

    बहुत सुंदर प्रस्तुति है। प्रतीकात्मक रूप से न्याय की देवी के स्वरूप को बदलने से ज्यादा भारतीय कानून में व्याप्त विसंगतियों में सुधार और उससे भी ज्यादा जजों की चयन प्रक्रिया और उनके व्यवहार में सुधार और बदलाव की आवश्यकता है और वकीलों पर लगाम लगाने की तत्काल जरूरत है जो अपनी मनमर्जी से कानून और कानूनी प्रक्रिया को अपनी सुविधानुसार चला रहे हैं। पहले और आज की न्याय व्यवस्था में कोई ज्यादा अंतर नहीं है, पहले अंग्रेज अपनी लाठी के बल पर तो आज वकील अपने रसूख और जज अपने त्रुटिपूर्ण चयन से आकर चला रहे हैं।

  • @bhagwanpdsinha1142
    @bhagwanpdsinha1142 Месяц назад

    सही टिप्पणी, कार्यसंस्कृति को बदले बिना प्रतीकों को सिर्फ़ बदलने से फ़र्क़ नहीं आयेगा

  • @PushpaDevi-cz6qu
    @PushpaDevi-cz6qu Месяц назад

    माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय जी को सभी सुप्रीम कोर्ट और सभी अदालतों से आनलाइन सलाह मांगने चाहिए और सलाह लेने के बाद बदलाव किया जाना चाहिए क्योंकि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर जी के भी अपमान है न्याय की देवी मे बदलाव करने चाहिए

  • @PushpaDevi-cz6qu
    @PushpaDevi-cz6qu Месяц назад

    न्याय की देवी बिना पक्षपात के फैसले के लिए आंख पर पट्टी बंधी हुई थी

  • @devendrabhatt7225
    @devendrabhatt7225 28 дней назад

    अच्छी समीक्षा के साथ अच्छे सुचना का कलेक्शन सर जी।
    वैसे देश भर में परिवर्तन की लहर है जो मेरी समझ में पुस्तक के जिल्द बदलने से अधिक नहीं है। मा उच्च तुम न्यायालय ने भी वही किया है।
    बेहतर हो कि न्याय प्रक्रिया की देरी को दूर किया जाए

  • @AJAYChhatria-o7e
    @AJAYChhatria-o7e Месяц назад

    ❤❤❤❤❤

  • @a.k.sarkar7633
    @a.k.sarkar7633 Месяц назад

    Very correct and just analysis of the matter. It is true that a lot of changes have to be made. It is indeed a good step. ❤

  • @AJAYChhatria-o7e
    @AJAYChhatria-o7e Месяц назад

    🇮🇳

  • @sanjitkhajuria
    @sanjitkhajuria Месяц назад

    Nice

  • @AJAYChhatria-o7e
    @AJAYChhatria-o7e Месяц назад

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @NABAKUMARMAJUMDAR-lp5bb
    @NABAKUMARMAJUMDAR-lp5bb Месяц назад

    Got to know many more things

  • @sanchitmishra8315
    @sanchitmishra8315 28 дней назад

    Superb information
    मूर्ति के हाथ में एक घड़ी भी पहना देनी चाहिए थी ।
    कम से कम टाइम से न्याय तो मिल जाए ।

    • @sanchitmishra8315
      @sanchitmishra8315 28 дней назад

      Sir constitution pe lecture series aspirants ke liye RUclips channel pe banaiye covering all articles .
      Plz sir 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sunilbisaria7505
    @sunilbisaria7505 Месяц назад

    अंग्रेज़ों के शासनकाल और वर्तमान दोनों ही समय की न्यायपालिका न निष्पक्ष थी न है। हां कुछ एक न्यायमूर्तियों के नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किये जा सकते हैं जैसे जे एस वर्मा, जगमोहन लाल सिंन्हा आदि अनेक न्यायमूर्ति हैं।

  • @RaviBhushan-y1s
    @RaviBhushan-y1s Месяц назад

    टोपी बदलने से खोपड़ी नहीं बदलती

  • @bhagwanpdsinha1142
    @bhagwanpdsinha1142 Месяц назад

    प्रस्तुति के दौरान अतिशय भावुकता के अचानक विस्फोट से बचना चाहिए ।
    वर्तमान न्याय पर समीक्षा के समय उमर खालिद एवं भीमा कोडेगाँव के मुद्दालहुम की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की बेइंसाफ़ी याद आ गयी

    • @sudhanshuranjan_official
      @sudhanshuranjan_official  Месяц назад

      सही। भावुक नहीं होना चाहिए।

    • @romasinha2325
      @romasinha2325 Месяц назад

      बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई
      धन्यवाद sir🙏

  • @aakusrivastava6170
    @aakusrivastava6170 Месяц назад

    भाई लेकिन ज्यादातर तलवार की धार बहुत कुंद होती है

  • @AJAYChhatria-o7e
    @AJAYChhatria-o7e Месяц назад

    15. 89. 45. 16. 71. 91.
    .40. 44 . 10. 11. YES

  • @AJAYChhatria-o7e
    @AJAYChhatria-o7e Месяц назад

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤