मृत्यु महोत्सव क्यों है ? कैसे होता है ? इन प्रश्नों का सुव्यवस्थित समाधान इन १८ काव्यों के माध्यम से हो जाता है । उत्कृष्ट ३६ दिनों की सल्लेखना से मृत्युमहोत्सव प्राप्त चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर महाराज जी कि छवियाँ अद्भुत शांति प्रदान करती है । पूज्य गुरुदेव का सरल सुंदर पद्यानुवाद,गम्भीर, मधुर स्वर, सुंदर संगीत साधक को ध्यान अवस्था मे ले जाते हैं । पूज्य गुरुदेव को कोटिशः प्रणाम । सभी संयोजकों को धन्यवाद ।
सुंदर स्वर,भरीव नाद,,प्रतिबंधित लय,मधून आ, शांतीसागरांचे ब्रह्मदर्शन ,संपूर्ण जीवन दर्शन,जैन जातीत जन्म मिळ्याल्याचे सार्थक,। खूप खूप आभार प पू क्षुल्लक ध्यानसागर महाराज। आज आम्ही धन्य जाहलो। इच्छामि। चैतन्यवन।
Icchakar guruwar
मृत्यु महोत्सव क्यों है ? कैसे होता है ?
इन प्रश्नों का सुव्यवस्थित समाधान इन १८ काव्यों के माध्यम से हो जाता है ।
उत्कृष्ट ३६ दिनों की सल्लेखना से मृत्युमहोत्सव प्राप्त चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर महाराज जी कि छवियाँ अद्भुत शांति प्रदान करती है ।
पूज्य गुरुदेव का सरल सुंदर पद्यानुवाद,गम्भीर, मधुर स्वर, सुंदर संगीत साधक को ध्यान अवस्था मे ले जाते हैं ।
पूज्य गुरुदेव को कोटिशः प्रणाम ।
सभी संयोजकों को धन्यवाद ।
सुंदर स्वर,भरीव नाद,,प्रतिबंधित लय,मधून आ, शांतीसागरांचे ब्रह्मदर्शन ,संपूर्ण जीवन दर्शन,जैन जातीत जन्म मिळ्याल्याचे सार्थक,।
खूप खूप आभार प पू क्षुल्लक ध्यानसागर महाराज। आज आम्ही धन्य जाहलो।
इच्छामि।
चैतन्यवन।
Such a thought provoking paath . Death is an opportunity to get libration from cycle of Birth and Death .. What a thought
Namostu guruvar!
yeh adbhut track hai, dhanyawad 🙏
🙏JaiJinendra 🙏🙏
Bahut Sundar, lyrics are very meaningful,madhur Sangeet, Divine voice❤
Namostu grudev
मेरा सौभाग्य था कि कल मै भी वहां गुरुदेव के पास वर्धमान प्रतिष्ठान में उपस्थित था ।
Kya khoob hai
Namostu Gurudev 🙏🙏🙏
Namostu Gurudev 🙏🙏 Namostu 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
NAMOSTU BHAGAVAN 🙏NAMOSTU MAHARAJ ji🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
इच्छाकार गुरुदेव
अद्भुत
मृत्यु महोत्सव को रचकर बन गये जन जन के उपकारी,
ऐसे गुरुदेव को बारम्बार इच्छामी हमारी
इच्छाकर गुरुदेव
🙏🙏🙏👌👌👌
2016श्रवणबेलगोल में स्वामी जी के दर्शन हुए उस समय स्वामी जी के सर में पीड़ा की बाधा थी उस समय कुछ भैया व्रती करने का पुण्य मिला इच्छामि स्वामी जी
6
अद्भुत...