I am a KHAS by descent, I have read our history in Uttarakhand, from where our ancestors came and that there was KHAS KINGDOM for about 500 years from tenth to fifteenth Century AD, so naturally I have a DEEP love & respect for Uttarakhand. I want to visit these area in future. We people are living in two nations, but anyway we are KHAS People.
Gorkha kaun the Rawat bist adhikari bhandari Thapa Saha Chauhan gurung magar ye hi to gorkha the jo ki gadwalio ke Bhai the. Kya atyachar kiya tha hame bhi to pata chale.gorkha ko itihaskaro ne badnaam kiya hai gadwali bhi Bahadur the dono ke pubaj ekhi hai.
@@sukumayachhetri6599 इतिहास की बातें हैं और सत्य हैं, विजयी फौज क्या क्या करती थी ये आज आप इंटरनेट की मदद से ढूंढ सकते हो.........कभी की दुश्मनी आज किसे याद है.........लेकिन इतिहास के काले पन्ने कभी साफ नही होते, जो हुआ था आप उसकी कल्पना कर के भी कांप जाएंगे यदि सत्य को स्वीकारना आता है
नालागढी देहरादून के अंदर स्थित गढ़वाल राज्य का महत्वपूर्ण गढ़ था जिसको हम लोग भुला चुके है l इसी गढ मे बाद मे कब्जे के लिये अंग्रेजो एवं गोरखाओ लडाई हुयी थी जिसको हम खलगां लडाई के नाम से जानते हैं lयह गढ पहले भी मौजूद था और कई प्रसिद्ध लडाईयां यहां गढवालियों एवं मुगलों के बीच लडी गयी परन्तु उनको भुला दिया गया है l नये दौर में इसको पुनः वास्तविकता के आधार पर लिखने की आवश्यकता है l कितने कितने लोगों को स्मरण होगा
हमारी दादी भी हमें गोरख्याणी के आ़तक की कहानीयां सुनाती थी जो उन्होंने भी अपने पिता व दादा दादी से सुनी थी | दादी यह भी बताती थी कि जब गोरखों ने हमारे गांव "कोठी चलनियों की" पर आक्रमण किया जो कि टिहरी जिले के देवप्रयाग ब्लाक में है , तब गांव की कुल देवी कांलिका मां ने सजा के रुप में गोरखा सैनिको को अंधा कर दिया था व उन पर दोष रूप में प्रकट हुयी थी , तत्पश्चात मां कांलिका के प्रकोप से बचने हेतु गोरखा सैनिको ने मां कांलिका की पूजा अर्चना कर के दुबारा आक्रमण न करने का बचन दिया था व मंदिर में एक बड़ा घंटा भी चढ़ाया था जो मंदिर में आज भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में मौजूद है और इस पर गोरखों का पता व किस दिन भेंट किया गया यह भी अंकित है |
कुमाउ गडवाल - से सिमला - अर्र नेपाल पश्चिम तक खस राज्य था जो खस का निवास गडवाल था करण बस खस राज्य दो टुक्रा हो गिया यस्लिए गोर्खा था उ खस था आफ्ना राज्य किलि वरम बार गोर्खा ले गडवाल हाम्ला गर्था अबिपि हे नेपाल मे सिलालेख
Gorkha kinhdom tibet ka lhasa tak paschim me bengal dakchine ma ganga tak faila tha, uttarakhanda jyada bihar ko kabja kiya tha, lekin bihar, tibet, bengal kahi par bhi gorkha ke cruelity story popular nahi bas uttarakhand me hi kyu gorkhalika cruelity ka story popular he. Aur tum logo aur bhi jhoote kahaniya sunaya jata he ki gorkha ne uttarkhand ko capture karne se angrrzo se yudh huwa, jab ki nepal ko angrezo ke saath yudh bihar kubja kar ganga paar karne ka baad border dispute ke bajah se huwa, tum logo ko itna jhoote kahaniya batakar tumlogo brainwash kiya gaya je tum logo ko nahi maloom Uttarakhand ke bewakoofi ki bajah se bharat ko 100 saal adhik angrezo ko gulam hona padha
My great great grandfather was also a soldier of gorkha dynasty of prithivi Raj Shah and we live in pithoragarh district by starting I want to say one thing every dynasty in history want to rule in other land to defeat them and they do fight so gorkha dynasty is also like other who want to spread their kingdom because in past time it's normal but comparing past time gorkha to present gorkha that their DNA will bi cruel so this is a stereotype in India gorkhas are from Uttarakhand himanchal skkim and other state and some are of napali origin you can see in your village People are in gorkhas ragemant gorkha are the most loyal and brave ragemant of Indian army they always be faithful and loyal
@Radha Radha गढ़वाली यू ट्यूबर को मैं चैलेंज करता हूँ कि वे नेपाली भाषा जैसे उच्चकोटि के कार्यक्रम गढ़वाली में करके दिखा दे।विद्या चापालाई का खोजी और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा विश्वसनीय कार्यक्रम ''हेर्ने कथा'' कोई भी गढ़वाली नहीं बना सकता।विद्या चापालाई वर्तमान को कथावस्तु बनाकर बेहतरीन प्रस्तुतिकरण करती है।गांव गांव भ्रमण करती है। दूसरा ''इंद्रेणी'' कार्यक्रम गीतों के जरिये समाजिक दायत्व का भी काम करता है।इसके विपरीत गढ़वाली यू ट्यूबर ''once upon a time'' के देवपुत्र होने की मुगालता में रहते हैं। न ये गढ़वाली बना पाते हैं न हिंदी।
आप गोरखौ के विषयमे जो बात इतिहास मे कहेगय है कहकर कहरहे है। गोरखालि का नेचर पुरापुर फरक है। जो लडाइ कि बात है, उसबख्त का लडाइ मे दुसमन को हर कोहि देश वैसाहि करते है जो आपने गोरखौ के बिषय मे बोले है। हरबक्त हाराहुवा देश, जितने वालौॕ के बिषय मे आपके जैसाहि बोलते है ।जय नेपाल, जय कुमाउ, जय गडवाल।
गढवालियो को सचेत हो जाना चाहिये गोरखौ से क्यों कि गढवाल में पलायन के वजह गांव के गांव खाली हो गये है सब गढ़वाल वासियोसे अपील है कि अपना पहाड़ न छोड़ें साल में जरूर एक बार अपना पहाड़ जाना चाहिए धन्यवाद जय उत्तराखंड
गोरखों ने भयंकर और क्रूर अत्याचार किया इसी श्राप से आज तक नेपाल अपनी गरीबी मुफलिसी से उभर न पाया। आज भी इनका स्तर खानसामा और चौकीदारी से ऊपर न उठ पाया है। अब भी मौका मिलते ही लूटपाट करने से पीछे नहीं हटते। उत्तराखंड को इनसे खासकर सचेत रहना चाहिए।
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं... गोरखों के अत्याचार की कहानि़याँ बड़े -बूढ़े लोग सुनाते थे.किसी के द्वारा अत्याचार करने पर आज भी लोग कहते हैं. - गोर्ख्या राज ऐ रै छै?
आपने बिल्कुल सही जानकारी दी बिल्कुल ऐसा ही था गोरखों का शासन जो लोग गलत बता रहे हैं उनको ना तो इतिहास की जानकारी है ना उन्हौने कुछ पढ़ा है अगर पढ़ा होता तो ऐसा नहीं लिखते कि गोरखा लोग अच्छे थे. उनकी सज़ा देने की और भी भयानक तरीके थे उनकी क्रूरता और भी भयानक थी.
आप जो तथ्य दे रहे हो, सही तो होँगे लेकिन आपको यह भी बोलनस ही पडेगा कि अत्याचारी गोर्खाली कौन थे, कहाँ से नेपाल में राज करने गए थे, किन परिस्थितियोँ मे ऐसा हूआ करता था, वो शासकोँमे सेएआप ही के लोग भी तो होते होँगे कि नहीं ??? थोडा गौर करिएगा महोदय । वह बिते हुए काल पर किसी समुदाय को टार्गेट करनेवाला पुर्वाग्रह से ग्रसित ब्यक्तिगत घुटन को हावा देना युक्तीसनगत नहीं माना जाना है । यस तो किसी तरह कि क्याम्पेन(campaign) जैसा भान होता है ।
आज पहली बार गोरखा राज के बारे में विस्तृत जानकारी मिली बहुत कुछ सुनाथा रोंगटे खड़े करने वाले दृश्य आत्मा भी थर्रा जाती है हमेशा किसी न किसी अत्याचारियों ने मनमाना राज किया यह सब जयचन्द और दोगलों के कारण हुई और लोग निष्क्रिय पड़े रहे वहीं अब भी है स्वार्थ परता और दोगलापन और जनता लाठी वालों के साथ लोगों को इन उद्धरणों से कुछ सीखना चाहिए लेकिन मुश्किल है
जब दो राज्य बिच युद्ध होता तो येसा हि होता हे। कास्मिर मे हाल क्या हो रहा हे।यदि कास्मिर स्वतन्त्र हो गया वा पाकिस्तान ने कब्जा करलिया तो कस्मिरका लोग ईन्डिया के सम्बन्ध मे क्या कहेगे।राम राज्य का उपमा दिलाङयेगे? ये सब हारे हुये तत्कालीन राजा और अंग्रेज़ ने प्रोपोगन्डा भि हो सक्ता हे गोर्खा को बेज्जत कर्नेको लिए ।जय गोर्खा !अखण्ड गोर्खा जिन्दावाद !क्यास्पियन सागर से बर्मा तक गोर्खा-भुमि
इस वीडियो में नेपाली गौरखो के कमेंट्स देखकर हंसी आ रही है ये नेपाली गौरखे कह रहे हैं कि उत्तराखंड का इतिहास ऐसा नहीं है हद है भाई हम हमारा इतिहास अब तुम नेपालीयो से सीखना पड़ेगा क्या ? हमने अपने पूर्वजों से सुना है ये सब कि नेपाली गौरखो ने कितना अत्याचार किया था
Suna he praman dekhak aur jin logk ne gulamo ko kharoda tha weh kaha ke log the. Yehi kahana chahatu hi ki tum logo ko bewakoof bana fiya gaya tha, tum logo ka ho bewakoofi fha bharay 100 saal aur jyada,angrezo ka gulam raha.
Don’t confuse War-Time administration and normal administration. Remember that Nepal was fighting a war with East India Company in this region. In war time, everywhere conditions can be very harsh for common people.
It was unfortunate that Indians were lost in bygone medieval period on 19th century timeline. Indians and especially pahadis should understand that Gorkhas were called by their own ruler. Gorkhas were feared cause they knew the concept of divide and rule British used in the subcontinent.
गोरखा सैनिक देश की सेवा में कार्यरत हैं। वे सम्माननीय है। पुराने समय की बातों को भूल जाना चाहिए। जैसे जर्मनी में हिटलर के द्वारा किए गए अत्याचारों की चर्चा करना वर्जित है।
हालाँकि आज के दौर में समाज तेजी के साथ बदल रहा है परंतु अगर किसी समाज के पास इतिहास में कोई गर्व करने घटना है तो उसे अवश्य ही स्मरण रखना चाहिए। अगर हार मिली है तो सबक लेने की आवश्यकता है और अगर जीत मिली है तो गर्व की बात होती है। 1804 AD में भी खुडबुडा देहरादून की लड़ाई में हार थे परन्तु उस हार के बाद ही गोरखाओ तदोपरांत अंग्रेजो के आने से गढ़वाली समाज पुराने दौर को छोड़कर धीरे धीरे आधुनिक समय की ओर चल पड़ा। देर से ही सही परन्तु वर्तमान में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। NSA अजीत डोभाल, CDS विपिन रावत, राइफलमैन जसवंत सिंह रावत 1962 चीन युद्ध इत्यादि
लखेड़ा जी आपने गोरखाली के बारे में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किया है।यह गढ़वाल के समस्त लोगों को जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पिछले काफी समय से इनकी संख्या यहां बढ़ती जा रही है।मैदानी इलाकों में लोग इनसे डरने लगे हैं।
Uttrakhand kisi ka gulam nhi bna..gadwal ne muglo ko haraya tha.madho sing bhandi ne.tibat ko b haraya tha.jb gadwal me bhukamp aya tha.or gwdwal k 80% log mar gye the.tb kumau k raja joshi ne..nepal ka sath diya tha..gadwal me hamla krne k liye.kyu ki gadwal or kumau ki jung hoti rehti thi..jiske chalte..kumau 25 saal or gadwal 10 saal gulam rha..
Kangra at the time amar singh thapa was ruled by maharja sansar Chand .. he took help from maharaja ranjeet singh to retreat them towards present day Garhwal after that British defeated them and Garhwal kumaon became British Indian territory
It is absolutely true, our grand parents told us many such stories about gorkha invaders even in Himachal Pradesh .British Army had come to rescue.Amar Singh Thapa was last invader in H.P.
Shame that you believe in false history. Gorkha is being demonised just because nepal and india are two different country. If they had been one then no historian would have dared called gorkha rule as cruel
ये सारा झूठा इतिहास अंग्रेज ने लिखा है गढवाल की जनसंख्या अधिक नहीं थी अगर गोरखा इतने क्रूरता करते तो गढ़वाल की जनता बचती नही नस्ल खतम हो जाती जो नेपाल के लिए लड़ते थे वो खुद को गोरखा बोलते थे नेपाल कुमाऊ और गढ़वाल के छेत्री बिस्ट रावत पाल पांडे चंद भोटिया सब एक ही है। बहुत सारी गढ़वाली जातीय नेपाल के लिए लड़ती थी। लेकिन गद्दारों को क्रूर सजा दी जाती थी नेपाली हो या गढ़वाली जिन गोरखा सैनिकों ने गढ़वाल में क्रूरता दिखाई थी उन सबको बाद में नेपाल नरेश द्वारा कड़ी सजा दी गई। गढ़वाल नरेश प्रद्युम्न शाह के भाई में सत्ता कब्जा लिया था लेकिन गोरखा फौज ने प्रद्युम्न शाह को फिर से गढ़वाल का राजा घोषित किया। लिकन बाद में प्रद्युम्न शाह ने गढ़वाल गुर्जरों की संयुक्त फौज बनाकर गोरखा सेना पर हमला किया और मारा गया। आज भी कुमाऊ का 70% हिस्सा नेपाल में है। गढ़वाली नेपाली कुमाऊनी सब एक है। गढ़वाली कुमाऊनी भी एक दूसरे पर हमला करते थे क्रूरता करते थे वो इतिहास क्यों छुपा रहे हो।
अगर गोर्खा साशक सच् मुच मे क्रुर और अत्याचारी रहे हो ते तो क्यू उन्हो ने सिक्किम और दार्जीलिंग बासि के साथ् भी उसी तरह के अत्याचार नही किए होंगे? अगर ये बात वाकही सच होती तो क्यूं वंहाके लोग गोर्खा साशकों के प्रति अप हि कि तरह अनुभव साझा नही करते ? उल्टा वो आज भी अपने आपको क्यूं भारतीय गोर्खा कहने मे गर्व महसूस करते हैं? क्यू नेपालि भाषा बोलते हैं और नेपाली पहिरन पहेनते हैं ? गोर्खाओंद्वारा भुमि कब्जा तो वंहा भी तो हुवा था। और त और कुमाउ काली नदि से पुर्व आजके सुदुर पश्चिम ( डोटी) क्षेत्र को भी गोर्खाओ ने जित कर हि नेपाल राज्य मे मिलाएथे। लेकिन वो भी क्यू आप का जैसा अशंतुष्टि और आक्रोस व्यक्त नही करते हैं? इसका एक हि मतलब है कि अन्ग्रेजो ने आप लोग गोर्खाओं से फिर कभी मिल्ने का सोच नबना सके उस के लिए आप के दिल और दिमाग मे घृणा के इतने ज्यादा जहर भर दिए कि आप आज भी उसी चिज़को कटु सत्य मानके चलते हो।
This is not the pure truth ..i can say some of the gorkha sena may be cruel but not all the gorkha... during gorkha period also mostly high commander of gorkha are Uttarakhand origin people ..u can read nepal history mostly sena nayek ,commander ,sena pati are from pahadi xettriya ... mostly high level post are from pahadi brahman ...even still today the rulling community in nepal are mostly pahadi Brahman & Xettriya who are mostly migrated from Uttarakhand...one thing i can say that gorkha had rapidly transform pahadi population to all over nepal ...being from easten part of nepal which is very far from Uttarakhand... here the king was from kirat or tribal kings ...here was never a aryan population but after gorkha envade this region how rapidly pahadi brahman & Xettriya population incease here that todays the majority population of estern pasrt of nepal is pahadi aryan or khas peoples ...even my ancestors are migrated from Uttarakhand towards nepal during gorkha period but today my families are in high post in Nepal..even the people who migrated from Uttarakhand and himachal mostly living happy and respected like here ..being from pahadi Brahman and Xettriya we always got a high post & respect in nepal...even the nepali language of nepal is actually a khas language which was adopted by gorkha king beacuse at that time we pahadi khas are the majority in gorkha kingdom.so, even they have to accept our language...and last thing Hindu religion is also mostly infuence by pahadi people in nepal towards tribal people...puja patha karna ,bhoj bhater ,shradda ,karma kand ,religious things ,teej ka brat ,janai purnima ,dashain & tihar ,dheusi bhailo jesi sari hindu culture ko bhi influnce kiya ..Asar 15 ko dahi chiura khana..sawan 15 ko kheer khana ..maghe sagratei ko laddu khana sab culture Uttarakhandi or pahadi khas logo ki influnce se aaya he...mene kabhi apne ghr me kabhi gorkha raja kaa koi curel kahani nahi suna ..ajkal toh log mostly jante tak nahi ki they are migrated from Uttarakhand, Himachal because you people never try to unite ..being from same race and family,u people always neglet us ...ham pahadi khas logo ko bahut taklif he Uttarakhand side k pahadi log ham ko nepali bolte he or khud se alag mante he being from same ancester ... or Nepal k mostly tribal log hamko bidesi indian ,banaras se bhag kar aaya brahman bolte he ..jab ki hamara maidano se kabhi koi nata nahi tha ..even majority of pahadi brahman in Nepal think that they come from banaras side but we are actually from kumaun ,gadwal side ...aap log hamare apne ho ..hamare aama ,buba ,kaka ,kaki ,badabaa ,badimaa ,sanima ,sano baa ,fufu fupaju ,mama maiju bhauju ,sasu ,sasura jese sare words common he still we are trying our best to preserve sanatan religion in Nepal...🙏♥️🥺🕉️🇳🇵
[15/03, 6:34 PM] Dream: ruclips.net/video/Qj0YCTwqskc/видео.html [17/03, 2:46 PM] Dream: ruclips.net/video/7VcoFwZvNGY/видео.html [17/03, 2:46 PM] Dream: ruclips.net/user/shortskO342hESJoM?feature=share [20/03, 10:17 AM] Dream: ruclips.net/video/kxaFwoF9eF8/видео.html [22/03, 10:49 AM] Dream: ruclips.net/video/9jbRrnCT4ks/видео.html [24/03, 11:28 AM] Dream: शुभ प्रभात 💐💐 मैंने पर्वारोहण पर आधारित कक्षा 8 मै एक पाठ पढ़ा था जिसमें यह सिखाया गया था कि हमें पर्वतों को इसलिए चढ़ना चाहिए - कि हमारे अंदर बहुत से ऑफिसर्स क्वॉलिटी का निर्माण हो जब हम कठिनाईयों से भरे अपने रास्ते पे चलते हैं और पर्वत के शिखर पे खड़े हो कर अपने हाथ खोलकर लंबी लंबी सांस लेते है और फिर आखे खोलकर पूरी दुनिया को देखते हैं तो हमें जीवन की सारी मुश्किल आसान लगती हैं और हमारे अंदर टीम भावना का विकास होता है ऐसा ही कुछ मैंने भी महसूस किया उम्मीद है आप को ये पसंद आएगा👍🏻👍🏻🏔️🗻🏕️⛺ [24/03, 11:28 AM] Dream: ruclips.net/video/iq2zFaFiNRE/видео.html
अगर ऐसा था तो Uttrakhand के समकालीन इतिहासकार मौलाराम ने गोरखा राजाओं के सम्मान में किताबें क्यूँ लिखी थी। रण बहादुर चंद्रिका और नाम याद नहीं आ रहा है। रण बहादुर को तो दानवीर कर्ण की उपाधि तक दे डाली। आप को मौलाराम की रचनाओं पर भी विडियो बनानी चाहिए।
@@alkachhetri2322 samne jab mout ho to sab Bolte hai .kinda rehnde k liye .jab har ek history kitab Mai or bade budhe USS atyachar k bare Mai batate hai ,fir Sant moularam kaise USS time k bare Mai Accha likh sakte hai bhot BADA contradiction hai ye .
अपमानजनक गलत इतिहास ।।। यैसा कभि हाे नहि सक्ता ,गाेर्खा लाेग मानविय रुपमें भि वहुत संवेदनशील थे ,गढवालके अन्तिम राजा प्रधुम्न शाहकाे मृत्यु के वाद भि गाेर्खाेने राजसम्मानके साथ अन्तेष्टि कि थि जाे अाज भि प्रधुम्न शाहकि समाधि स्थल सुरक्षित है।।। ऐसि गलत अपवाह मत फैलाअाे लखेडा जि ।।।।यदि ऐसि गलत भिडियो डालेगेताे में अापकाे लाइक ,सव्सक्राइव बन्द करेंगे।।।।
@@shantijoshi5648 अंग्रेजाेने ऐसि गलत अफवाह फैलाकर गढवाल,कुमाउकाे अधिनस्त किया था ,फुटाअाे राज कराे उनका सिद्धान्त था यिसका प्रभाव अाज भि अापलाेंगाेंमें है । यिस हकिकतकाे मान्ना हाेगा , ।
Meri Dadi Aaj bi inpe bane gane sunke Roti hai Hamare purvaj bhi Pahadon Mein Aaye The use time Apne Shero ko chhodkar Aaj Bhi Uttrakhand Mein Bahar Ke Log bahut jyada bus Rahe Jo Uttrakhand ke liye bahut Khatarnak hai Uttarakhand mein Nepali bahut jyada Ranhne lage Hai ab jo logo ko bahut paresan karte hai pahado ME jake
जित्ने का नाम राम और हार्नेका नाम राबण रहेता हे।ईतिहास जित्नेका लिखेजाता हे।युद्ध के समय मे कोहि भि रामायण नहि पढता । काटमार होईजाता हे। कश्मिर मे देखिये।फिर वाे समय आजका जैसा सञ्चार और मानवअधिकार का नहि था । जब एक हि जात का मानिस दो देश मे बस्ते हे और नजिकका समजिकका सम्बन्ध होता हे तो उनका बिच बिग्रह ल्याउने का कोसिस जारी रहेता हे।यिसके लिये मिडया और कथित बिद्यवान लोक जो राज्य द्वारा पालित- पोषित होति हे निरन्तर बिष बमन करते रहेता हे। ता कि सर्बसाधारण लोक भ्रम मे रहे और भबिस्य मे समस्या न आये। जय खसिया !
बहुत अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद! लेकिन अफ़सोस है कि हम लोग आज भी संगठित नहीं हैं। एक दुसरे से ईर्ष्या करते हैं। गोरखा शासनकाल सच में बहुत क्रुर व अत्याचारों से भरा था। आदमी की गले की हड्डी यानी कालर बौन में नखेल डालकर काम लिया जाता था।
Rajawo k sasan kal meh ye sab aam baat thi apas meh ladte the. tabhi mughlo Or angrezo ne hindustan par kabza kiya tha. origin, ancesters hum sab ke ek he the or hai.
मेरे दादाजी ने भी बताई थी यही कहानी बहुत साल पहले गोरखा छोटे बच्चे के दोनों हाथ बांध कर आर्म पिट में जलते ओपले रखते थे और बच्चा तड़प तड़प कर मर जाता था ये मेरे दादा जी ने बताई थी ये कहानी।
नेपाल एकिकरण के समय महाकली नदी पश्चिम कुमाउ गडवाल काँगडा का भी एकिकरण होगया था'आज के उत्तराखण्ड' उस को आप गोर्खा राज/शासन बोल रहे हैं। मैने उत्तराखण्ड राज्य के इतिहास और जब उत्तराखण्ड नेपाल में एकिकरण होगया था उस समय का भी मैने बहुत गहरी अध्ययन करते आया हुं, जिस तरह नेपाल एकिकरण को गोर्खा राज नाम दे कर जिस तहर की डरवानी कहानीयाँ फैलाई गइ है वो पुर्ण सत्य नही है। उस समय नेपाल शासक कहते थे `युद्द में जो कुछ भी हो लेकिन युद्द में हराकर एकिकरण होने के वाद उस राज्य और उस क्षेत्र के लोगो को हिफाजत और सुरक्षा करना हमारी कर्तव्य है' यैसे कहते थे, गोरखा को जब चिढाया जाता था तब भयानक होते थे नही तो गोरखा दयालु थे । येह उस समय का इतिहास अध्ययन करने से पता चलता है। यिस तरह कि डरवानी भयानक नेपाल एकिकरण को गोर्खा राज नाम दे कर जिस तरिका से अफवाहए फैलाई गइ है वे सब भारत आजाद होने के वाद से सुरू हुई भारत स्वतन्त्र होगया लेकिन भारत के पास बहुत सरी समस्या थे अंग्रेज ने कब्जा करने सामेल हुवे राज्यो स्वतन्त्रता कि तरफ जा सकते थे, भारत के दो तरफ पाकिस्तान था दो पाकिस्तान एक होने केलिय भारतिय जमिन कब्जा कर सकता था पाकिस्तान और नेपाल की समस्या संयुक्त राष्ट्र संघ मे दर्ज होचुका भारत से भी पुराना और योद्दाओं का देश नेपाल अपनी अंग्रेजले द्वारा भारत मे सामेल कुमाउ गडवाल काँगडा सिक्किम व दार्जिलिङ वापस लेने के लिए कदम बढा सकता था और बढी बात उस जगह का जनता को भी भारत के प्रति वितृष्णा थी दार्जिलिङ मे गोर्खा ल्यान्ड राज्य की मांग थी उत्तराखण्ड मे सौतेले व्यवहार करने कि क्रोध थी यैसे में यिन भुमीयां नेपाल कि तरफ चलने का डर भारतिय संस्थापन पक्ष का था तो उन लोगो यैसी भ्रामक इतिहास लेख अफवाहए फैलाउने सुरू करदी।
Gorkha RULE was only ore CRUEL for first two years. Then for some time there was peace as the gorge governor of India was very peace living and he stopped the massacre
Ukhand m pahadi dists se palayan ka main karan State govt ki nakami h jo aaj 22 yrs m bhi public ko basic facilities Roads hospitals drs experts lectures pani rojgars nahi de pai h log bimar ko palki m 4-8 kms road tak late h ilaj ke liye Ramnagar kotdwar haldwani kashipur jate h aur hamare bachche naukri ke liye Delhi ncr nikal jate h.
फिर इतिहास दौहरा रहे है गढवाली लोग बिना नेपालियों के इनका काम नही होता , और अबकी बार नेपाली पिछावाडे मे गर्म सरियां डालेंगे अगर ऐसी दरिया दिली दिखाऐंगे गढवाली तो
Well said by Dr sb, that's what we are proud to our purkha but sad to say that we are divided into two part from one single heart. I was studying history and said that "paschima killa kangada purbama tistha pugethyoun, kunsaktiko samunne kahile hami jhukethyaun" during British impaired tistha to kangada was a single Nepal called Gurkha rajya and the capital was gorkha but its a one district of Nepal. Due to saugouli understanding we lost so many lands and now it's called utterkhand. No matter we are proud to say that we are one families the great himali, bhasa color bhinna bhayapani we are nepali and we are kamaun and garwali. Om namah shivayah.
बहुत गलत बात बोल्दिया ये लोग ! गोरखा कभी अत्याचारी नहि हो सकते । ये सब गलत ईतिहास फिरङ्गियो अङ्ग्रेजो ने लिखा लिया ताकी पहाडी हिमबत खन्ड कि लोगो मे एकता नहो सके । आज भि ईन्डिया अङ्ग्रेजो को यह पथ मे चलकर ये सुन्दर पहाड को उपनिबेस बनाकर रखा है । और समस्त उत्तराखन्ड के जनताको भि उपनिबेस के तहत रखा है । येसि गलत ईतिहास आज भि पढाइजारहे है । हकिकत कुछ अलग है ।
Jai Maa Kaali, Jai Bhole, Jai Shree Ram, Jai Hanuman, Jai Hind! Jai Gorkhali. Jisko jo kehna hai kahe bhaiyo. Hum Veer Gorkhali, desh ke rakshak hai humare garhwali aur kumauni bhaiyo ki tarah. Hum par koi aankh utha kar nahi dekh sakta. Lakhera maan jaa. Teri saari koshish vyartha hai.
@@lalitthakur4145 jhoot kahaniya. Uttarakhand se jyada nepal me dakchin me bihar ke bubhag kabja kiya tha to bihariyo me gorkha ki kroorta ki kahanaiya kyu parachalit nahi. Agar gorkha sachmuch kroor hota to sabhi jagaj kroor hona chaiye na, kyi sirf uttarakhand me hj kyu?
This history are wrong... Gorkha are never too bad... The king of gorkha prithvinarayan shah family are from rajasthan... They are rajput... Than how they will do such to their own peoples... And if they are bad for uttarakhandi than how they became good among western Nepal peoples who are similar with uttarakhand peoples... This all history are created by britisher to break hill peoples like bengal & punjab... They partiate or separate hindu & muslim bengali... They separate hindu & muslim punjabi to make fight among us... But they false upon to separate hill people bcoz our religion and culture are same...and the main thing is we are all hindu... Jay pashupati nath 🙏♥️🇳🇵
We have to drop Hindu brotherhood for that . Then we must also talk about all inter kingdom atrocities…right from marathas invasion of bengal and Sikh and rajput friendship with the British crushing the Indian freedom struggle
@Radha Radha hum khud Uttarakhand se hai bachpan poora gaw Mai Raha Mai tab ye kahawat suni thi , aur ye BAAT sach v hai aur normal hai koi v dusre desh Ka raja jab Koi dusra rajya jeet leta tha to Jo Jung Mai usko nukshan hua vo sab vo tax leke uski kami poori krta tha . Gorkhao ne v kumau aur garhwal Mai aisa hi kia aur baad Mai Britishers ne v..
Ye video satya nahi h.Itihaaskaar hamesha nispaksh hokar itihaas likhe ye jaruri to nahi. Unke kanoon sakht jarur rahe honge. Lekin ye video jo bhi baate h vo jhut hai
Original kumaoni mostly from katyuri period. Found in kumaon n doti of Nepal. Who form doti after katyuri kingdom disintegrated. N all kumai Brahmins of nepal. Many might be khasa n early rajpoot, Brahmin. Caste is continous thing. Many later migrant also got same title from king. It needs deep study. But it's sure original kumaoni mostly live in kumaon n west nepal n some may be migrated to garwal.
@@unknownsoldieryudhvir5998 केदारनाथ फ़िल्म में मुस्लिम युवक और ब्राह्मण लड़की की कहानी थी,निर्माता कोई पंजाबी था।सोच लो गढ़वालियों! बस चंद वर्षों के बाद उत्तराखंड में पंजाबियों और मुल्लों का ही राज रहेगा।जम्मू से कुछ सौ रोहिंग्या परिवार भागे हैं।उत्तराखंड के नेता उन्हें गढ़वालियों के नाम पर किसी तराई में बसा देंगे वोट बैंक के लिए। कोटद्वार में सुलभ शौचालय वाला आदमी मूतने का भी 5 रु लेता है और हगने का 10 रु। सामान चढ़ाने के लिए अब ईमानदार नेपाली नहीं मिलते।उनकी जगह बिहार,उ0प्र0 के मजदूरों ने ले ली है।वे पहाड़ियों को कुछ भी नहीं समझते।
@@unknownsoldieryudhvir5998 Bhai Mai BHI Nepali Bhai purane samaya Mai sabhi desh ik dusare desh par kabza Karke ik dusare par shaasan karte the isse ye nahi ki saare loog galat hote Nepali or Uttarakhandi ham Bhai hai
Kahani sachhi hai ,Hamare purvaj kee mandir ke andar gorkhon ne hatya kar dee thee 🙏 Lekin aaj ke samay me koi aapas me bair bhav nahin hona chahiye purana yaad karke bas sachhai malum rahni chahiye.🙏
उत्तराखंड का इतिहास पढ लो फिर भाई..सच का सामना करना सीखो आज भी उत्तराखंड में नेपालियों की संख्या काफी हो रही है और केदारनाथ आपदा में भी नेपालियों ने क्रूर लूट की थी
Gorkha kewal unification kiya. Local log ko haath me liya. Jo atyachar huwa tha kumau aur gadwal ke local sasak ne kiya hoga. Lekin aaj gorkha ko dosh dete hai ye log. Local janata ko lutne wale kumau ke hi log the gorkha nahi. jo kitab likhte hai un ke hi purkha ne local janata prati atyachar kiya hai.
5:36 yh gorkha's fight like evil, eat's animal and birds, and crushes children's head, drink blood and while fighting they kill people and laugh like " he ha ha ha hoo hoo ha ha ha 👹" 😂 And i think i have heard that dialogue " soja bete nai to gorkha aajaigey" i can't recall that movie name 😂😂😂😂
If you think so that we are like these statement then you are my next target☺. We don't do these shitty things and if you will pass such comment soon you are my next target and i will do the same that you mentioned above🤣🤣🤣
नेपाली गौरखो पर हम भी कभी भरोसा नहीं करते हमने अपने पुरखों से सुना है इनके बारे में ये बहुत अत्याचारी लोग थे और आज भी नेपाल की पोलीसी चीन की तरफदारी करती है
Gorkha were khas pahadi people. They were simiar to kumaoni as much as kumaoni n garwali. But kumaoni n doteli ( todays far west Nepali ) r almost same. many of them migrated from Katyuri kingdom. Who tried to to annex u for being similar just like they annexed all today's west Nepali pahadi with diff dialect from many kingdoms just before entering kumaon. They had nothing to do with Nepali n kirati who were completely diff. Nepali were only for newar of Kathmandu valley annexed by eastern pahadi gorkha in 1700 n kirati for today's east Nepali Rai, Limboo, lepcha, tamang etc annexed by pahadi gorkha in late 1700 after many wars Who r actually more like assamese tribes till gorkha invasion .About 30 wars between gorkha n kirati in late 1700. So other Nepali like kirati, newari, n hostoric non gorkha pahadi like doteli, jumli, palpeli who also annexed by gorkhali pahadi forcefully in 18 th century shd be kept out of this disvission since it happens in 1800 where gorkha got Nepali identity only in 1923 after gorkha kingdom made by pahadi gorkha change it's name to Nepal. Though in British India context any ethnicity of extended gorkha kingdom or who joined gorkha regiment is called gorkhali. Be it from 90 PC hills ethnicity of Nepal kingdom annexed by gorkha just before entering kumaon.
Main langurgadhi area main rhta hun maine bhi ye baat suni hai ye jo mandir ki photo dikhai gyi hai ye bhairavgadhi ki hai iske samne dusri pahadi par hanuman ji (langur) ka mandir tha tab gorkhon ki wajah se isko is pahadi par laya gya tha isi liye isko langoor gadhi kahte hai...
@@yogeshpandey3443 langoorgadi ko hi bhairavgadh kahte hai ye puri garhwal main hain. Vaise isko bhairav langoorgadh kahte hai.. Negi ji ke song veero bhado ka desh main bhi suna hoga..
I am a KHAS by descent, I have read our history in Uttarakhand, from where our ancestors came and that there was KHAS KINGDOM for about 500 years from tenth to fifteenth Century AD, so naturally I have a DEEP love & respect for Uttarakhand. I want to visit these area in future. We people are living in two nations, but anyway we are KHAS People.
Where do you stay?
Gorkha kaun the Rawat bist adhikari bhandari Thapa Saha Chauhan gurung magar ye hi to gorkha the jo ki gadwalio ke Bhai the. Kya atyachar kiya tha hame bhi to pata chale.gorkha ko itihaskaro ne badnaam kiya hai gadwali bhi Bahadur the dono ke pubaj ekhi hai.
@@sukumayachhetri6599 You know it very well Suku maya.
जय बडा खसान । जय ग्रेटर नेपाल । जय कुमाउ गढबाल ।।
@@sukumayachhetri6599 इतिहास की बातें हैं और सत्य हैं, विजयी फौज क्या क्या करती थी ये आज आप इंटरनेट की मदद से ढूंढ सकते हो.........कभी की दुश्मनी आज किसे याद है.........लेकिन इतिहास के काले पन्ने कभी साफ नही होते, जो हुआ था आप उसकी कल्पना कर के भी कांप जाएंगे यदि सत्य को स्वीकारना आता है
नालागढी देहरादून के अंदर स्थित गढ़वाल राज्य का महत्वपूर्ण गढ़ था जिसको हम लोग भुला चुके है l इसी गढ मे बाद मे कब्जे के लिये अंग्रेजो एवं गोरखाओ लडाई हुयी थी जिसको हम खलगां लडाई के नाम से जानते हैं lयह गढ पहले भी मौजूद था और कई प्रसिद्ध लडाईयां यहां गढवालियों एवं मुगलों के बीच लडी गयी परन्तु उनको भुला दिया गया है l नये दौर में इसको पुनः वास्तविकता के आधार पर लिखने की आवश्यकता है l कितने कितने लोगों को स्मरण होगा
There are many areas, first, people, etc of uttrakhand are not mentioned in our history.
गोरखाको गलत भावना फैलाउने का लागि अग्रेजले लेखेको काल्पनिक इतिहास गोरखालीले यस्तो अत्याचार गर्देनन् महोदय
Sir namaskar,yo paddam hai,some he said is true but not all.. en.m.wikipedia.org/wiki/Jayant_Rana
Dai etti respect na dinus ini haru lai yo sapai ini haruko gorkha ko pratii jalan ho.
@@indiangorkhaarmy3288 तो भाई तुम आते ही क्यों हो हमारे भारत में हमारे भारत और उत्तराखंड में आकर फिर हमें ही धमकी देते हो
@@rajuniyal2898 abbey vo indian gorkha hai shayad.
@@indiangorkhaarmy3288 Istifa de de bete ni chaiye tumari saap kane wali sena.
Most ovverated army-Gorka
हमारी दादी भी हमें गोरख्याणी के आ़तक की कहानीयां सुनाती थी जो उन्होंने भी अपने पिता व दादा दादी से सुनी थी |
दादी यह भी बताती थी कि जब गोरखों ने हमारे गांव "कोठी चलनियों की" पर आक्रमण किया जो कि टिहरी जिले के देवप्रयाग ब्लाक में है , तब गांव की कुल देवी कांलिका मां ने सजा के रुप में गोरखा सैनिको को अंधा कर दिया था व उन पर दोष रूप में प्रकट हुयी थी , तत्पश्चात मां कांलिका के प्रकोप से बचने हेतु गोरखा सैनिको ने मां कांलिका की पूजा अर्चना कर के दुबारा आक्रमण न करने का बचन दिया था व मंदिर में एक बड़ा घंटा भी चढ़ाया था जो मंदिर में आज भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में मौजूद है और इस पर गोरखों का पता व किस दिन भेंट किया गया यह भी अंकित है |
हम गोरखा ब्राह्मण है । गोर्खाओ के लिए काली मा सबसे पुजनिय होति है । तुम लोग अनाप सनाप बक्ते हो ।
Gorkha log Kalimata ki pooja karte h
@@bibekseelnep3227 भाई तो अपने नेपाल में रहो ना हमारे भारत और उत्तराखंड में क्यूं आकर कब्जे कर रहे हो
कुमाउ गडवाल - से सिमला - अर्र नेपाल पश्चिम तक खस राज्य था जो खस का निवास गडवाल था करण बस खस राज्य दो टुक्रा हो गिया यस्लिए गोर्खा था उ खस था आफ्ना राज्य किलि वरम बार गोर्खा ले गडवाल हाम्ला गर्था अबिपि हे नेपाल मे सिलालेख
Gorkha kinhdom tibet ka lhasa tak paschim me bengal dakchine ma ganga tak faila tha, uttarakhanda jyada bihar ko kabja kiya tha, lekin bihar, tibet, bengal kahi par bhi gorkha ke cruelity story popular nahi bas uttarakhand me hi kyu gorkhalika cruelity ka story popular he. Aur tum logo aur bhi jhoote kahaniya sunaya jata he ki gorkha ne uttarkhand ko capture karne se angrrzo se yudh huwa, jab ki nepal ko angrezo ke saath yudh bihar kubja kar ganga paar karne ka baad border dispute ke bajah se huwa, tum logo ko itna jhoote kahaniya batakar tumlogo brainwash kiya gaya je tum logo ko nahi maloom
Uttarakhand ke bewakoofi ki bajah se bharat ko 100 saal adhik angrezo ko gulam hona padha
My great great grandfather was also a soldier of gorkha dynasty of prithivi Raj Shah and we live in pithoragarh district by starting I want to say one thing every dynasty in history want to rule in other land to defeat them and they do fight so gorkha dynasty is also like other who want to spread their kingdom because in past time it's normal but comparing past time gorkha to present gorkha that their DNA will bi cruel so this is a stereotype in India gorkhas are from Uttarakhand himanchal skkim and other state and some are of napali origin you can see in your village People are in gorkhas ragemant gorkha are the most loyal and brave ragemant of Indian army they always be faithful and loyal
Chill dear
@Radha Radha मेरा यहा कुछ नही
@Radha Radha गढ़वाली यू ट्यूबर को मैं चैलेंज करता हूँ कि वे नेपाली भाषा जैसे उच्चकोटि के कार्यक्रम गढ़वाली में करके दिखा दे।विद्या चापालाई का खोजी और सामाजिक सरोकारों से जुड़ा विश्वसनीय कार्यक्रम ''हेर्ने कथा'' कोई भी गढ़वाली नहीं बना सकता।विद्या चापालाई वर्तमान को कथावस्तु बनाकर बेहतरीन प्रस्तुतिकरण करती है।गांव गांव भ्रमण करती है। दूसरा ''इंद्रेणी'' कार्यक्रम गीतों के जरिये समाजिक दायत्व का भी काम करता है।इसके विपरीत गढ़वाली यू ट्यूबर ''once upon a time'' के देवपुत्र होने की मुगालता में रहते हैं। न ये गढ़वाली बना पाते हैं न हिंदी।
@Radha Radha ye atyachar ki bat karte jo inki bhavi pidi ko janm dene wali ma ko or new born baby ko goshala me rakhte the
Or fir yahi nahi 3 ya 4din k bad jangle me ghas katne bhej dete the. Ye koi nani dadi ki sunai hui katha nahi h.
आप गोरखौ के विषयमे जो बात इतिहास मे कहेगय है कहकर कहरहे है। गोरखालि का नेचर पुरापुर फरक है। जो लडाइ कि बात है, उसबख्त का लडाइ मे दुसमन को हर कोहि देश वैसाहि करते है जो आपने गोरखौ के बिषय मे बोले है। हरबक्त हाराहुवा देश, जितने वालौॕ के बिषय मे
आपके जैसाहि बोलते है ।जय नेपाल, जय कुमाउ, जय गडवाल।
Jai Bharat
अत्याचारों का बहुत सहा है हमारे पहाड़ियों ने, आज भी गोरख्यानी के अत्याचारों की कहानियां घर घर में सुनाई जाती हैं।
सही कहा।
Tu sale bhagode aaj bhi to pahad chhod kar bhag raha hai abhi tuje kaun gorkha bhagaraha hai kaamchor mehnat se darta hai.
I am sorry on behalf of nepali khas people😭
गढवालियो को सचेत हो जाना चाहिये गोरखौ से क्यों कि गढवाल में पलायन के वजह गांव के गांव खाली हो गये है सब गढ़वाल वासियोसे अपील है कि अपना पहाड़ न छोड़ें साल में जरूर एक बार अपना पहाड़ जाना चाहिए धन्यवाद जय उत्तराखंड
वहॉ सब नेपाली डाेट्याल पहुँच गये है कई जगह उन्हाेने कब्जा कर लिया है खेती कर रहे है गड़वालियाे जमीन बाेरहे है जाेत रहे है
Playan se schet hone ki jyada jarurat
Rojgaar Or achche education ki bi jarurat h taki pahado se playan na ho
कुछ नेपाली गढ़वाली हो गए हैं।ये नेपाली गढ़वाली हो जाएं तो ठीक ही है। बांग्लादेशी नहीं आने चाहिए।
@@ManoharSingh-jx5fr bhai tu apshabda karega to hum bhi tujhe pahadi dhebra kahenge sidhi batt
कुछ बहुत अच्छे नेपाली हैं। उनका स्वागत है।
गोरखों ने भयंकर और क्रूर अत्याचार किया इसी श्राप से आज तक नेपाल अपनी गरीबी मुफलिसी से उभर न पाया। आज भी इनका स्तर खानसामा और चौकीदारी से ऊपर न उठ पाया है। अब भी मौका मिलते ही लूटपाट करने से पीछे नहीं हटते। उत्तराखंड को इनसे खासकर सचेत रहना चाहिए।
भाइ लोग--गोरखाली आज भि स्वतन्त्र है,अलग देश हे लेकिन आपलोग आज भि इन्डियाका गुलामी कररही हो
हम ही इंडिया हैं।
@@himalayilog आप लोगोने क्यु आपका अलग हि राज्य स्थ्पना कर नहि सका??हिमवत खण्ड भारत खण्डमे आपलोगोनै मिलाइथि!!
@@rajbasnetgrChup b Bhikari.
@@rajbasnetgrGdp kitni h tumari? Jhatuo? Gulami to tum kar rahe ho randi ki aulado Nepaliyo. Open challenge to any Nepali for a fight in anywhere.
आप बिल्कुल सही कह रहे हैं... गोरखों के अत्याचार की कहानि़याँ बड़े -बूढ़े लोग सुनाते थे.किसी के द्वारा अत्याचार करने पर आज भी लोग कहते हैं. - गोर्ख्या राज ऐ रै छै?
आपने बिल्कुल सही जानकारी दी बिल्कुल ऐसा ही था गोरखों का शासन जो लोग गलत बता रहे हैं उनको ना तो इतिहास की जानकारी है ना उन्हौने कुछ पढ़ा है अगर पढ़ा होता तो ऐसा नहीं लिखते कि गोरखा लोग अच्छे थे. उनकी सज़ा देने की और भी भयानक तरीके थे उनकी क्रूरता और भी भयानक थी.
@@veermalathapamala5021 apne nam k jesi h ap.
आप जो तथ्य दे रहे हो, सही तो होँगे लेकिन आपको यह भी बोलनस ही पडेगा कि अत्याचारी गोर्खाली कौन थे, कहाँ से नेपाल में राज करने गए थे, किन परिस्थितियोँ मे ऐसा हूआ करता था, वो शासकोँमे सेएआप ही के लोग भी तो होते होँगे कि नहीं ??? थोडा गौर करिएगा महोदय । वह बिते हुए काल पर किसी समुदाय को टार्गेट करनेवाला पुर्वाग्रह से ग्रसित ब्यक्तिगत घुटन को हावा देना युक्तीसनगत नहीं माना जाना है । यस तो किसी तरह कि क्याम्पेन(campaign) जैसा भान होता है ।
सही जानकारी दी आपने मैंने अपने पुर्वजों से यह बात सुनी है।
Tumara kya kahana nepal ke veer general kaji kalu panday ke bare me wo bhi tumare purvaj the? Panday ji
@@sukumayachhetri6599Kiske purvaj Bosdike? Tum Nepali bss bolne mai tezz hote hai. Tum Andman or Chinese mix log.
धन्यबाद इस गाथा के वास्ते
गोरखा राज में गढवाल की जनता जंगलों व गुफाओं में शरण लिए रहे एसी कहानियाँ प्रचलित हैं धन्यवाद इतिहास की पूर्ण जानकारी के लिए
लाजवाब जानकारी 👏
Fake story
आज पहली बार गोरखा राज के बारे में विस्तृत जानकारी मिली बहुत कुछ सुनाथा रोंगटे खड़े करने वाले दृश्य आत्मा भी थर्रा जाती है हमेशा किसी न किसी अत्याचारियों ने मनमाना राज किया यह सब जयचन्द और दोगलों के कारण हुई और लोग निष्क्रिय पड़े रहे वहीं अब भी है स्वार्थ परता और दोगलापन और जनता लाठी वालों के साथ लोगों को इन उद्धरणों से कुछ सीखना चाहिए लेकिन मुश्किल है
अति सुन्दर प्रस्तुति है आपकी हमने भी सुना था बचपन में गोरखो के अत्याचार की कहानी
जब दो राज्य बिच युद्ध होता तो येसा हि होता हे। कास्मिर मे हाल क्या हो रहा हे।यदि कास्मिर स्वतन्त्र हो गया वा पाकिस्तान ने कब्जा करलिया तो कस्मिरका लोग ईन्डिया के सम्बन्ध मे क्या कहेगे।राम राज्य का उपमा दिलाङयेगे? ये सब हारे हुये तत्कालीन राजा और अंग्रेज़ ने प्रोपोगन्डा भि हो सक्ता हे गोर्खा को बेज्जत कर्नेको लिए ।जय गोर्खा !अखण्ड गोर्खा जिन्दावाद !क्यास्पियन सागर से बर्मा तक गोर्खा-भुमि
जय गोर्खा
He RAM. Kaisa SAMAY RHA HOGA .KITNE ATTYACHARI THE YE LOG. JAI HIND.
Axa aur kux
गोरखे बहुत अत्याचारी थे लेकिन अब नहीं है
इस वीडियो में नेपाली गौरखो के कमेंट्स देखकर हंसी आ रही है ये नेपाली गौरखे कह रहे हैं कि उत्तराखंड का इतिहास ऐसा नहीं है हद है भाई हम हमारा इतिहास अब तुम नेपालीयो से सीखना पड़ेगा क्या ? हमने अपने पूर्वजों से सुना है ये सब कि नेपाली गौरखो ने कितना अत्याचार किया था
Jis shah raja ne kumao garwal par akraman kiya tha woh kumao garwal ke hi kattyuriyo ka bamsaj tha. Hasi to tumhare jaiae bewakoof logo par aata he.
Suna he praman dekhak aur jin logk ne gulamo ko kharoda tha weh kaha ke log the. Yehi kahana chahatu hi ki tum logo ko bewakoof bana fiya gaya tha, tum logo ka ho bewakoofi fha bharay 100 saal aur jyada,angrezo ka gulam raha.
अच्छी जानकारी
Fake story
Hardev Joshi is black spot of Uttarakhand history. A Jaichand of uttrakhand
So are Saklanis
बिलकुल सही है गोरखो ने बहुत अत्याचार किया था ये बात उत्तराखण्डीयो को समझना चाहिए
ये तो अङ्ग्रेजो द्वारा पढाइ गै ईतिहास है ।
Don’t confuse War-Time administration and normal administration. Remember that Nepal was fighting a war with East India Company in this region. In war time, everywhere conditions can be very harsh for common people.
It was unfortunate that Indians were lost in bygone medieval period on 19th century timeline. Indians and especially pahadis should understand that Gorkhas were called by their own ruler. Gorkhas were feared cause they knew the concept of divide and rule British used in the subcontinent.
वो गोरखा कोनसा जाती के थे साथ साथ जानकारी रखे होते बहुत अछा लगता धन्यवाद
गोर्खा सैनिक LOCपर अपनी जान कि बाजी लगाकर भारतीय सिमाका सुरक्षा करते है,तो क्या अाप उन सैनिकों को भि घृणाके दृष्टि से हि देखते हैं ।
History' h bhai wo ..present time nhi ..past m to sab ek dusre se ladte the ..iska matlab ye nhi ki aaj bhi lade
History should be told.
गोरखा सैनिक देश की सेवा में कार्यरत हैं। वे सम्माननीय है।
पुराने समय की बातों को भूल जाना चाहिए। जैसे जर्मनी में हिटलर के द्वारा किए गए अत्याचारों की चर्चा करना वर्जित है।
कुछ तो रशिया भी चले गए थे लड़ने, पैसों के लिए। रशियन ने वहीं रख लिया था पॉटर बनाकर उन्हें। अब भारत सरकार ही छुड़ाकर लाई है वापस।
हालाँकि आज के दौर में समाज तेजी के साथ बदल रहा है परंतु अगर किसी समाज के पास इतिहास में कोई गर्व करने घटना है तो उसे अवश्य ही स्मरण रखना चाहिए। अगर हार मिली है तो सबक लेने की आवश्यकता है और अगर जीत मिली है तो गर्व की बात होती है। 1804 AD में भी खुडबुडा देहरादून की लड़ाई में हार थे परन्तु उस हार के बाद ही गोरखाओ तदोपरांत अंग्रेजो के आने से गढ़वाली समाज पुराने दौर को छोड़कर धीरे धीरे आधुनिक समय की ओर चल पड़ा। देर से ही सही परन्तु वर्तमान में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। NSA अजीत डोभाल, CDS विपिन रावत, राइफलमैन जसवंत सिंह रावत 1962 चीन युद्ध इत्यादि
लखेड़ा जी आपने गोरखाली के बारे में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किया है।यह गढ़वाल के समस्त लोगों को जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पिछले काफी समय से इनकी संख्या यहां बढ़ती जा रही है।मैदानी इलाकों में लोग इनसे डरने लगे हैं।
Daya aa rahi hai mujhe tujhpar.
सही कहा आपने सर नेपाली लोग अवैध तरीके से हमारे उत्तराखंड में कब्जे कर रहे हैं जो भविष्य के लिए ख़तरनाक है
Bhai...terey jaisi soch walon ki bhi sankhyaa yhaa p badhti jaari hai bhaut...poora hindustan darney lga hai ab...
अंग्रेज ने गाेरखा कि गलत अपवाह फैलाकर उत्तराखण्डकाे अंग्रेज ने गुलाम वनाया
😂😂🙏🙏
Fir Angrej ne paisa diya aur kitab likhwaya. Ye kitab wale 2 kaudi ke lie kuchh bhi likhte hai duniya ko pagal banate gai
Uttrakhand kisi ka gulam nhi bna..gadwal ne muglo ko haraya tha.madho sing bhandi ne.tibat ko b haraya tha.jb gadwal me bhukamp aya tha.or gwdwal k 80% log mar gye the.tb kumau k raja joshi ne..nepal ka sath diya tha..gadwal me hamla krne k liye.kyu ki gadwal or kumau ki jung hoti rehti thi..jiske chalte..kumau 25 saal or gadwal 10 saal gulam rha..
@@hitvideos7957 Bhai wo kumaoun ka raja nhi senapati tha...kumaoun ka raja chand tha
@@manish85.75 ha pr sath to raja ne b diya tha..wrna sena pati akela sath nhi de pata nepal ka..inhone mil kr.gadwal pr hamla krwaya tha..
बहुत अच्छा एेसे अनकहि ईतिहास का उजागर करना चाहिए । जय खस
Ye already uksssc aur ukpsc ke syllabus me hai....
Jai DEVBHOOMI. Jai Hind. Jai Bharat.
अभी भी समय है अपनी संस्कृति को बचाओ, देश गांव की रक्षा के लिए एकजुट रहो
पहाड़ मे कहावत है कुकुरैव हजाे गाेरखैव झन हाे
ईन्डिया के गुलाम मत बनो ।
@@bibekseelnep3227 bhag Nepali.
Jay nepal kumau pni ghorkha samraje ma par tesaile hami sabai le jani rakhau
@Radha Radha ab aap kaha ke ho
सदियों बाद कोई तो आया जो हिमालय राज्य ऊतराखंड के शान्त वातावरण को चकनाचूर करना चाहता है। आपका मिशन सफल डाँकटर
क्या कहना चाहती हो थापा
@@mrrajendra1977 han sahi to to kaha.
@@mrrajendra1977 wo kehna chahti hai ki sadiyo baad koi aaya hai jo ab gorkha aur gadhwali me fhoot bharke ashantti phelana chahta hai
Negi vo ye kehna chahti hai ki pahad ki shanti mat bhang karo. Pyaar bane rehne do logo me.
@@mr.awesome507 😂😂history na batein abb.
बहुत ही दिल दहलाने वाला शासनकाल था धन्य है वो लोग जिन्होंने यह सब सहा
Kangra at the time amar singh thapa was ruled by maharja sansar Chand .. he took help from maharaja ranjeet singh to retreat them towards present day Garhwal after that British defeated them and Garhwal kumaon became British Indian territory
Nepal ke log hamaare hi Bhai hai
Hmare bete hai.
It is absolutely true, our grand parents told us many such stories about gorkha invaders even in Himachal Pradesh .British Army had come to rescue.Amar Singh Thapa was last invader in H.P.
Shame that you believe in false history. Gorkha is being demonised just because nepal and india are two different country. If they had been one then no historian would have dared called gorkha rule as cruel
ये सारा झूठा इतिहास अंग्रेज ने लिखा है गढवाल की जनसंख्या अधिक नहीं थी अगर गोरखा इतने क्रूरता करते तो गढ़वाल की जनता बचती नही नस्ल खतम हो जाती जो नेपाल के लिए लड़ते थे वो खुद को गोरखा बोलते थे नेपाल कुमाऊ और गढ़वाल के छेत्री बिस्ट रावत पाल पांडे चंद भोटिया सब एक ही है। बहुत सारी गढ़वाली जातीय नेपाल के लिए लड़ती थी। लेकिन गद्दारों को क्रूर सजा दी जाती थी नेपाली हो या गढ़वाली जिन गोरखा सैनिकों ने गढ़वाल में क्रूरता दिखाई थी उन सबको बाद में नेपाल नरेश द्वारा कड़ी सजा दी गई। गढ़वाल नरेश प्रद्युम्न शाह के भाई में सत्ता कब्जा लिया था लेकिन गोरखा फौज ने प्रद्युम्न शाह को फिर से गढ़वाल का राजा घोषित किया। लिकन बाद में प्रद्युम्न शाह ने गढ़वाल गुर्जरों की संयुक्त फौज बनाकर गोरखा सेना पर हमला किया और मारा गया। आज भी कुमाऊ का 70% हिस्सा नेपाल में है। गढ़वाली नेपाली कुमाऊनी सब एक है। गढ़वाली कुमाऊनी भी एक दूसरे पर हमला करते थे क्रूरता करते थे वो इतिहास क्यों छुपा रहे हो।
अगर गोर्खा साशक सच् मुच मे क्रुर और अत्याचारी रहे हो ते तो क्यू उन्हो ने सिक्किम और दार्जीलिंग बासि के साथ् भी उसी तरह के अत्याचार नही किए होंगे? अगर ये बात वाकही सच होती तो क्यूं वंहाके लोग गोर्खा साशकों के प्रति अप हि कि तरह अनुभव साझा नही करते ? उल्टा वो आज भी अपने आपको क्यूं भारतीय गोर्खा कहने मे गर्व महसूस करते हैं? क्यू नेपालि भाषा बोलते हैं और नेपाली पहिरन पहेनते हैं ? गोर्खाओंद्वारा भुमि कब्जा तो वंहा भी तो हुवा था। और त और कुमाउ काली नदि से पुर्व आजके सुदुर पश्चिम ( डोटी) क्षेत्र को भी गोर्खाओ ने जित कर हि नेपाल राज्य मे मिलाएथे। लेकिन वो भी क्यू आप का जैसा अशंतुष्टि और आक्रोस व्यक्त नही करते हैं? इसका एक हि मतलब है कि अन्ग्रेजो ने आप लोग गोर्खाओं से फिर कभी मिल्ने का सोच नबना सके उस के लिए आप के दिल और दिमाग मे घृणा के इतने ज्यादा जहर भर दिए कि आप आज भी उसी चिज़को कटु सत्य मानके चलते हो।
@@bhishmainfinity9202 even kumaoni and garhwali have clashes between them , gorkhas were as cruel as Mughal
@@lordPankajThakur bullshit…Gorkhas were true hindu rulers…Panwar kings backstabbed Hindus by supporting Mughals and British
जाती पाती के कारण ही हिन्दू समाज में हमेशा बाहरी लोगो ने फायदा उठाया इसमें कोई बडी बात नही
Hum apne aap ko Garv se Hindu kahate Hain Hindustani kahate lekin do char aadami ke baje se Aaj nafrat felaya ja Raha hai
@@veermalathapamala5021 han theek bol rahi h ap.
@@durgalimbu9197 past mai jo hua use chodo abhi ham sabhi ek hai हर हर महादेव
@@crazyshorts7779 sahi kaha bhai jai hind
This is not the pure truth ..i can say some of the gorkha sena may be cruel but not all the gorkha... during gorkha period also mostly high commander of gorkha are Uttarakhand origin people ..u can read nepal history mostly sena nayek ,commander ,sena pati are from pahadi xettriya ... mostly high level post are from pahadi brahman ...even still today the rulling community in nepal are mostly pahadi Brahman & Xettriya who are mostly migrated from Uttarakhand...one thing i can say that gorkha had rapidly transform pahadi population to all over nepal ...being from easten part of nepal which is very far from Uttarakhand... here the king was from kirat or tribal kings ...here was never a aryan population but after gorkha envade this region how rapidly pahadi brahman & Xettriya population incease here that todays the majority population of estern pasrt of nepal is pahadi aryan or khas peoples ...even my ancestors are migrated from Uttarakhand towards nepal during gorkha period but today my families are in high post in Nepal..even the people who migrated from Uttarakhand and himachal mostly living happy and respected like here ..being from pahadi Brahman and Xettriya we always got a high post & respect in nepal...even the nepali language of nepal is actually a khas language which was adopted by gorkha king beacuse at that time we pahadi khas are the majority in gorkha kingdom.so, even they have to accept our language...and last thing Hindu religion is also mostly infuence by pahadi people in nepal towards tribal people...puja patha karna ,bhoj bhater ,shradda ,karma kand ,religious things ,teej ka brat ,janai purnima ,dashain & tihar ,dheusi bhailo jesi sari hindu culture ko bhi influnce kiya ..Asar 15 ko dahi chiura khana..sawan 15 ko kheer khana ..maghe sagratei ko laddu khana sab culture Uttarakhandi or pahadi khas logo ki influnce se aaya he...mene kabhi apne ghr me kabhi gorkha raja kaa koi curel kahani nahi suna ..ajkal toh log mostly jante tak nahi ki they are migrated from Uttarakhand, Himachal because you people never try to unite ..being from same race and family,u people always neglet us ...ham pahadi khas logo ko bahut taklif he Uttarakhand side k pahadi log ham ko nepali bolte he or khud se alag mante he being from same ancester ... or Nepal k mostly tribal log hamko bidesi indian ,banaras se bhag kar aaya brahman bolte he ..jab ki hamara maidano se kabhi koi nata nahi tha ..even majority of pahadi brahman in Nepal think that they come from banaras side but we are actually from kumaun ,gadwal side ...aap log hamare apne ho ..hamare aama ,buba ,kaka ,kaki ,badabaa ,badimaa ,sanima ,sano baa ,fufu fupaju ,mama maiju bhauju ,sasu ,sasura jese sare words common he still we are trying our best to preserve sanatan religion in Nepal...🙏♥️🥺🕉️🇳🇵
[15/03, 6:34 PM] Dream: ruclips.net/video/Qj0YCTwqskc/видео.html
[17/03, 2:46 PM] Dream: ruclips.net/video/7VcoFwZvNGY/видео.html
[17/03, 2:46 PM] Dream: ruclips.net/user/shortskO342hESJoM?feature=share
[20/03, 10:17 AM] Dream: ruclips.net/video/kxaFwoF9eF8/видео.html
[22/03, 10:49 AM] Dream: ruclips.net/video/9jbRrnCT4ks/видео.html
[24/03, 11:28 AM] Dream: शुभ प्रभात 💐💐
मैंने पर्वारोहण पर आधारित कक्षा 8 मै एक पाठ पढ़ा था जिसमें यह सिखाया गया था कि हमें पर्वतों को इसलिए चढ़ना चाहिए - कि हमारे अंदर बहुत से ऑफिसर्स क्वॉलिटी का निर्माण हो
जब हम कठिनाईयों से भरे अपने रास्ते पे चलते हैं और पर्वत के शिखर पे खड़े हो कर अपने हाथ खोलकर लंबी लंबी सांस लेते है और फिर आखे खोलकर पूरी दुनिया को देखते हैं तो हमें जीवन की सारी मुश्किल आसान लगती हैं और हमारे अंदर टीम भावना का विकास होता है ऐसा ही कुछ मैंने भी महसूस किया उम्मीद है आप को ये पसंद आएगा👍🏻👍🏻🏔️🗻🏕️⛺
[24/03, 11:28 AM] Dream: ruclips.net/video/iq2zFaFiNRE/видео.html
अगर ऐसा था तो Uttrakhand के समकालीन इतिहासकार मौलाराम ने गोरखा राजाओं के सम्मान में किताबें क्यूँ लिखी थी। रण बहादुर चंद्रिका और नाम याद नहीं आ रहा है। रण बहादुर को तो दानवीर कर्ण की उपाधि तक दे डाली। आप को मौलाराम की रचनाओं पर भी विडियो बनानी चाहिए।
Tumhe ESa Lagta hai ki moularam ki ittni himmat Rahi hogi ki unke bare Mai Kuch galat like US time .
@@bavav7653 apke kahne ka matlab mola ram ne jo bhi lekh likhe wo sahii nahi the.
@@alkachhetri2322 right , because Jo bhi USS time gorkho Ka virodh karta vo usse maar dete the ,to sayad ye BAAT sach ho Sakti hai .
@@bavav7653vo sant kavi tha sant jhut nahi bolte the.
@@alkachhetri2322 samne jab mout ho to sab Bolte hai .kinda rehnde k liye .jab har ek history kitab Mai or bade budhe USS atyachar k bare Mai batate hai ,fir Sant moularam kaise USS time k bare Mai Accha likh sakte hai bhot BADA contradiction hai ye .
अपमानजनक गलत इतिहास ।।। यैसा कभि हाे नहि सक्ता ,गाेर्खा लाेग मानविय रुपमें भि वहुत संवेदनशील थे ,गढवालके अन्तिम राजा प्रधुम्न शाहकाे मृत्यु के वाद भि गाेर्खाेने राजसम्मानके साथ अन्तेष्टि कि थि जाे अाज भि प्रधुम्न शाहकि समाधि स्थल सुरक्षित है।।। ऐसि गलत अपवाह मत फैलाअाे लखेडा जि ।।।।यदि ऐसि गलत भिडियो डालेगेताे में अापकाे लाइक ,सव्सक्राइव बन्द करेंगे।।।।
गोरख्यालि शासन क्रर असभ्य अमानविय था क्योंकि यें जंगली धे,
@@amarsinghbutola4987 Kaun Junglee tha aur kaun Insan tha
लेकिन गोरखाओं ने काफी अत्याचार किए थे
@@shantijoshi5648 अंग्रेजाेने ऐसि गलत अफवाह फैलाकर गढवाल,कुमाउकाे अधिनस्त किया था ,फुटाअाे राज कराे उनका सिद्धान्त था यिसका प्रभाव अाज भि अापलाेंगाेंमें है । यिस हकिकतकाे मान्ना हाेगा , ।
जो तुम झूठी बाते दिखाओ आे सत्य।
जो सटी है ओ झूठ हो जाता।।
हमारी दादी हमे ए बाते बताती थी।
1955 में 154 साल में उनका देहांत हुआ था।
उनकी आंखो देखी थी।
जो लडा वो गोर्खाली
जय गोर्खा जय नेपाल🇳🇵🇳🇵जय बलभद्र कुंवर
जय कुमाऊं और गढ़वाल
गोरखा गड़वालियो के साथ कभी नहीं जीत पाते लेकिन गढ़वाल में जब भूकंप आया तो गढ़वाल के 1 चौथाई लोग मारे gye jiska गोरखो ne फायदा उठाया
@@deepakgairola6115 pandit dono ke purvaj ek hai khas Arya mangol.
@@dilipchhetri3387Chup b Bihari+Chinese 5ft mixture.
Meri Dadi Aaj bi inpe bane gane sunke Roti hai Hamare purvaj bhi Pahadon Mein Aaye The use time Apne Shero ko chhodkar Aaj Bhi Uttrakhand Mein Bahar Ke Log bahut jyada bus Rahe Jo Uttrakhand ke liye bahut Khatarnak hai Uttarakhand mein Nepali bahut jyada Ranhne lage Hai ab jo logo ko bahut paresan karte hai pahado ME jake
Yes
जित्ने का नाम राम और हार्नेका नाम राबण रहेता हे।ईतिहास जित्नेका लिखेजाता हे।युद्ध के समय मे कोहि भि रामायण नहि पढता । काटमार होईजाता हे। कश्मिर मे देखिये।फिर वाे समय आजका जैसा सञ्चार और मानवअधिकार का नहि था । जब एक हि जात का मानिस दो देश मे बस्ते हे और नजिकका समजिकका सम्बन्ध होता हे तो उनका बिच बिग्रह ल्याउने का कोसिस जारी रहेता हे।यिसके लिये मिडया और कथित बिद्यवान लोक जो राज्य द्वारा पालित- पोषित होति हे निरन्तर बिष बमन करते रहेता हे। ता कि सर्बसाधारण लोक भ्रम मे रहे और भबिस्य मे समस्या न आये। जय खसिया !
इस में उल्लेखित पुस्तकों का नाम, प्रकाशक तथा उपलब्धता के बारे या लींक जानकारी कराते तो अनुग्रहित होता । मै नेपाल से हुँ ।
पुस्तकों का उल्लेख है इसमें
Indian media le India Lai history Lai todmarod gareko xa bhane tesle Nepal ko history Lai k po gareko hola
Baki indain media ko kurai nagarau
I am from chand dynasty. Gorkhali Raj behad atyachar krne wala tha.
Yesle nepal birudha vadkau ra galat kura parchar garxa. Yo nepal birodhi video ka karan viral xa.
it is exactly like what mongols did in other regions...
Yes. U r absolutely right.
@@himalayilog bhag brainwashed
बहुत अच्छी जानकारी के लिए धन्यवाद!
लेकिन अफ़सोस है कि हम लोग आज भी संगठित नहीं हैं। एक दुसरे से ईर्ष्या करते हैं।
गोरखा शासनकाल सच में बहुत क्रुर व अत्याचारों से भरा था। आदमी की गले की हड्डी यानी कालर बौन में नखेल डालकर काम लिया जाता था।
achi khani hai
Bahut acchai jankari pahli bar sunnai ko mili
Agar uss samay Kumaun or Garhwali log ekjut hote to y gurkha kya inke baap bhi hume nhi hara pate.
this time powerfull of gurkha जिस टाईम ब्रिटिस नाईहाेथाताे 100% अभिका पुराभारतका अाधा भागताे गाेरखाका राज्य बनजाताथा जिसटाईम जिसका सक्ति उसका भक्तिथा
Schai thaha xai na bhai
Thanku very much sir
Rajawo k sasan kal meh ye sab aam baat thi apas meh ladte the. tabhi mughlo Or angrezo ne hindustan par kabza kiya tha. origin, ancesters hum sab ke ek he the or hai.
Any favourable comments towards Gorkhas History is deleted, what a shame.
बहुत सुंदर जानकारी
मेरे दादाजी ने भी बताई थी यही कहानी बहुत साल पहले
गोरखा छोटे बच्चे के दोनों हाथ बांध कर आर्म पिट में जलते ओपले रखते थे और बच्चा तड़प तड़प कर मर जाता था
ये मेरे दादा जी ने बताई थी ये कहानी।
दादा जि को फिरङ्गियो ने सुनाएहोगा ।
Lakhera ji etani gahan jankari dene ke lite bahut bahut dhanyvad
नेपाल एकिकरण के समय महाकली नदी पश्चिम कुमाउ गडवाल काँगडा का भी एकिकरण होगया था'आज के उत्तराखण्ड' उस को आप गोर्खा राज/शासन बोल रहे हैं। मैने उत्तराखण्ड राज्य के इतिहास और जब उत्तराखण्ड नेपाल में एकिकरण होगया था उस समय का भी मैने बहुत गहरी अध्ययन करते आया हुं, जिस तरह नेपाल एकिकरण को गोर्खा राज नाम दे कर जिस तहर की डरवानी कहानीयाँ फैलाई गइ है वो पुर्ण सत्य नही है।
उस समय नेपाल शासक कहते थे `युद्द में जो कुछ भी हो लेकिन युद्द में हराकर एकिकरण होने के वाद उस राज्य और उस क्षेत्र के लोगो को हिफाजत और सुरक्षा करना हमारी कर्तव्य है' यैसे कहते थे, गोरखा को जब चिढाया जाता था तब भयानक होते थे नही तो गोरखा दयालु थे । येह उस समय का इतिहास अध्ययन करने से पता चलता है। यिस तरह कि डरवानी भयानक नेपाल एकिकरण को गोर्खा राज नाम दे कर जिस तरिका से अफवाहए फैलाई गइ है वे सब
भारत आजाद होने के वाद से सुरू हुई भारत स्वतन्त्र होगया लेकिन भारत के पास बहुत सरी समस्या थे अंग्रेज ने कब्जा करने सामेल हुवे राज्यो स्वतन्त्रता कि तरफ जा सकते थे, भारत के दो तरफ पाकिस्तान था दो पाकिस्तान एक होने केलिय भारतिय जमिन कब्जा कर सकता था पाकिस्तान और नेपाल की समस्या संयुक्त राष्ट्र संघ मे दर्ज होचुका भारत से भी पुराना और योद्दाओं का देश नेपाल अपनी अंग्रेजले द्वारा भारत मे सामेल कुमाउ गडवाल काँगडा सिक्किम व दार्जिलिङ वापस लेने के लिए कदम बढा सकता था और बढी बात उस जगह का जनता को भी भारत के प्रति वितृष्णा थी दार्जिलिङ मे गोर्खा ल्यान्ड राज्य की मांग थी उत्तराखण्ड मे सौतेले व्यवहार करने कि क्रोध थी यैसे में यिन भुमीयां नेपाल कि तरफ चलने का डर भारतिय संस्थापन पक्ष का था तो उन लोगो यैसी भ्रामक इतिहास लेख अफवाहए फैलाउने सुरू करदी।
ये कोई अफवाह नहीं है। पुराने लोगों की समृतियों में आज भी हैं वे यादें।
सब सत्य है।
@@himalayilog वो पुर्ण सत्य नही युध्द के समय कठोर जरुर होती लेकिन उतना भी नही कठोर थि की जिस तरह की कथाओं सुन्ने को मिलते है।
Bahut hee sahi itihash hea hamane bhi apane bujurgo se suna hea aaj bhi log kahate hen gorakha raj hea kya
Please mention books you referred for producing this video
ऐसा अत्याचार के किस्से मैंने अपनी दादी से सुने हैं ।सच में ऐसा हुआ होगा।
Gorkha RULE was only ore CRUEL for first two years. Then for some time there was peace as the gorge governor of India was very peace living and he stopped the massacre
No,
Ukhand m pahadi dists se palayan ka main karan State govt ki nakami h jo aaj 22 yrs m bhi public ko basic facilities Roads hospitals drs experts lectures pani rojgars nahi de pai h log bimar ko palki m 4-8 kms road tak late h ilaj ke liye Ramnagar kotdwar haldwani kashipur jate h aur hamare bachche naukri ke liye Delhi ncr nikal jate h.
Past is past and today is everything is alright and should be remain alright
Gorkha and Kumaon Garhwal people and race are same. My ancestors also fought to capture Kumaon and Garhwal also fought with British.
Jai ho ma Rajastan sa hu🐅🐅🐅🐅🐅
Thnx जी
फिर इतिहास दौहरा रहे है गढवाली लोग बिना नेपालियों के इनका काम नही होता , और अबकी बार नेपाली पिछावाडे मे गर्म सरियां डालेंगे अगर ऐसी दरिया दिली दिखाऐंगे गढवाली तो
Informative... Thanks
Well said by Dr sb, that's what we are proud to our purkha but sad to say that we are divided into two part from one single heart. I was studying history and said that "paschima killa kangada purbama tistha pugethyoun, kunsaktiko samunne kahile hami jhukethyaun" during British impaired tistha to kangada was a single Nepal called Gurkha rajya and the capital was gorkha but its a one district of Nepal. Due to saugouli understanding we lost so many lands and now it's called utterkhand. No matter we are proud to say that we are one families the great himali, bhasa color bhinna bhayapani we are nepali and we are kamaun and garwali. Om namah shivayah.
नमस्ते भाई ऐसी जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ।
बहुत गलत बात बोल्दिया ये लोग ! गोरखा कभी अत्याचारी नहि हो सकते । ये सब गलत ईतिहास फिरङ्गियो अङ्ग्रेजो ने लिखा लिया ताकी पहाडी हिमबत खन्ड कि लोगो मे एकता नहो सके । आज भि ईन्डिया अङ्ग्रेजो को यह पथ मे चलकर ये सुन्दर पहाड को उपनिबेस बनाकर रखा है । और समस्त उत्तराखन्ड के जनताको भि उपनिबेस के तहत रखा है । येसि गलत ईतिहास आज भि पढाइजारहे है । हकिकत कुछ अलग है ।
Jai Maa Kaali, Jai Bhole, Jai Shree Ram, Jai Hanuman, Jai Hind! Jai Gorkhali. Jisko jo kehna hai kahe bhaiyo. Hum Veer Gorkhali, desh ke rakshak hai humare garhwali aur kumauni bhaiyo ki tarah. Hum par koi aankh utha kar nahi dekh sakta. Lakhera maan jaa. Teri saari koshish vyartha hai.
Hum aaj bhaichara mai hai but ek time nepaliyo ne bada udham utara kumao mai
@@lalitthakur4145 jhoot kahaniya. Uttarakhand se jyada nepal me dakchin me bihar ke bubhag kabja kiya tha to bihariyo me gorkha ki kroorta ki kahanaiya kyu parachalit nahi. Agar gorkha sachmuch kroor hota to sabhi jagaj kroor hona chaiye na, kyi sirf uttarakhand me hj kyu?
These topics must be.indùcted in the history of Uttrakhañd.
This history are wrong... Gorkha are never too bad... The king of gorkha prithvinarayan shah family are from rajasthan... They are rajput... Than how they will do such to their own peoples... And if they are bad for uttarakhandi than how they became good among western Nepal peoples who are similar with uttarakhand peoples... This all history are created by britisher to break hill peoples like bengal & punjab... They partiate or separate hindu & muslim bengali... They separate hindu & muslim punjabi to make fight among us... But they false upon to separate hill people bcoz our religion and culture are same...and the main thing is we are all hindu... Jay pashupati nath 🙏♥️🇳🇵
We have to drop Hindu brotherhood for that . Then we must also talk about all inter kingdom atrocities…right from marathas invasion of bengal and Sikh and rajput friendship with the British crushing the Indian freedom struggle
गोर्खा समुदायका बेइज्जत करावानेका मनगढन्त बाते।
Mere dadaji hamesha koi dadagiri krta tha to yhi kehte the ki " gorkha raaj hai kya" . I didn't understood than but now I understand..
@Radha Radha tumhe Kuch pata v hai kya , Mai jhoot q bolunga
@Radha Radha hum khud Uttarakhand se hai bachpan poora gaw Mai Raha Mai tab ye kahawat suni thi , aur ye BAAT sach v hai aur normal hai koi v dusre desh Ka raja jab Koi dusra rajya jeet leta tha to Jo Jung Mai usko nukshan hua vo sab vo tax leke uski kami poori krta tha . Gorkhao ne v kumau aur garhwal Mai aisa hi kia aur baad Mai Britishers ne v..
@@chandansinghbhakuni8821 bhai agar gorkha itne bure hote to kya garhwal k raja ka parivaar unse rista jodta. Sochne wali bat h.
Ye video satya nahi h.Itihaaskaar hamesha nispaksh hokar itihaas likhe ye jaruri to nahi. Unke kanoon sakht jarur rahe honge. Lekin ye video jo bhi baate h vo jhut hai
@Radha Radha Maine bass apni BAAT batayi hai yar , ab tum maano ya na maano tumhare upar hai.
Very informative,, pls make video on kumani original people and casts
Original kumaoni mostly from katyuri period. Found in kumaon n doti of Nepal. Who form doti after katyuri kingdom disintegrated. N all kumai Brahmins of nepal. Many might be khasa n early rajpoot, Brahmin. Caste is continous thing. Many later migrant also got same title from king. It needs deep study. But it's sure original kumaoni mostly live in kumaon n west nepal n some may be migrated to garwal.
Khasas are mlencha
@Radha Radha म्लेंछा नसल है... जैसे ब्राह्मण, शूद्र और क्षत्रिय... धर्म बदलने से जातं नही बदलती
@@ihrathor9855 but Hindu and very old from vedic Arya . And also lion of Himalayan mounten.
कितने लोगों को स्मरण होगा कि फतेहपुर (छुटमलपुर के पास) गढ़वाल नरेश फतेहपतिशाह द्वारा सीमा चौकी बनाकर बसाया गया था।
ऐसा गलत कहानी सुनाकर उत्तराखण्डवासी अाैर नेपाली का बिच वैमनस्य पैदा करने का उदेश्य से प्रेरित है
@@unknownsoldieryudhvir5998 केदारनाथ फ़िल्म में मुस्लिम युवक और ब्राह्मण लड़की की कहानी थी,निर्माता कोई पंजाबी था।सोच लो गढ़वालियों! बस चंद वर्षों के बाद उत्तराखंड में पंजाबियों और मुल्लों का ही राज रहेगा।जम्मू से कुछ सौ रोहिंग्या परिवार भागे हैं।उत्तराखंड के नेता उन्हें गढ़वालियों के नाम पर किसी तराई में बसा देंगे वोट बैंक के लिए। कोटद्वार में सुलभ शौचालय वाला आदमी मूतने का भी 5 रु लेता है और हगने का 10 रु। सामान चढ़ाने के लिए अब ईमानदार नेपाली नहीं मिलते।उनकी जगह बिहार,उ0प्र0 के मजदूरों ने ले ली है।वे पहाड़ियों को कुछ भी नहीं समझते।
@@unknownsoldieryudhvir5998 Bhai Mai BHI Nepali Bhai purane samaya Mai sabhi desh ik dusare desh par kabza Karke ik dusare par shaasan karte the isse ye nahi ki saare loog galat hote Nepali or Uttarakhandi ham Bhai hai
Kahani sachhi hai ,Hamare purvaj kee mandir ke andar gorkhon ne hatya kar dee thee 🙏 Lekin aaj ke samay me koi aapas me bair bhav nahin hona chahiye purana yaad karke bas sachhai malum rahni chahiye.🙏
उत्तराखंड का इतिहास पढ लो फिर भाई..सच का सामना करना सीखो
आज भी उत्तराखंड में नेपालियों की संख्या काफी हो रही है और केदारनाथ आपदा में भी नेपालियों ने क्रूर लूट की थी
Ye bilkul sach h koi kahani nahi or kahaniyan tabhi banti jo phle sach ho
Jay nepali vasi yakata jay bir gorkha jay greater nepal
Bhag yahan se.
Mai Uttrakhand se hu
Hme khasii hi bolte hai bro
Im also a khasi
Proud ❤
And plz sir reference do apni video mai 🙏🏿
Nice👍👍
Gorkha kewal unification kiya. Local log ko haath me liya. Jo atyachar huwa tha kumau aur gadwal ke local sasak ne kiya hoga. Lekin aaj gorkha ko dosh dete hai ye log. Local janata ko lutne wale kumau ke hi log the gorkha nahi. jo kitab likhte hai un ke hi purkha ne local janata prati atyachar kiya hai.
Kumaon ne garhwal or kabhi raaj nhi kiya .. balki garhwal ne kumaon par raaj kiya tha ..
बेहतरीन वीडियो 🌹💐
जानकारी देने का आभार आपका। आगे आने वाली वीडियो के इंतजार में 🙏🏼🙏🏼🌹💐
thnxxxxxx ji
Gorkha hisha tha garwal or kumaou .ghaldi gorkha hisha bondinaw chaiyaw .jay gorkha jay nepal
बहुत बेहतरीन जानकारी
हिन्दु राजाओं की आपसी फूट के कारण साधारण गोरखा भी शासन करने में सफल हो गये।
Bhut achhi jankari hai our bhut purani
🙏🏻🙏🏻
Bohat Achi jankari Di Apne
Dhnayawad apka
thnxxxxxx
5:36 yh gorkha's fight like evil, eat's animal and birds, and crushes children's head, drink blood and while fighting they kill people and laugh like " he ha ha ha hoo hoo ha ha ha 👹" 😂 And i think i have heard that dialogue " soja bete nai to gorkha aajaigey" i can't recall that movie name 😂😂😂😂
U r bewakoop
@@sukumayachhetri6599 and you are intelligent 👍
Bladyfool u thinking gorkhas are vempire?
If you think so that we are like these statement then you are my next target☺.
We don't do these shitty things and if you will pass such comment soon you are my next target and i will do the same that you mentioned above🤣🤣🤣
@@rajankunwar24 bilkool thats why we are fighting against you muji people 🤣🤣🤣
नेपाली गौरखो पर हम भी कभी भरोसा नहीं करते हमने अपने पुरखों से सुना है इनके बारे में ये बहुत अत्याचारी लोग थे और आज भी नेपाल की पोलीसी चीन की तरफदारी करती है
Purkho se nahi angrazo ne banaya gaya kahanoya he
in this video he is just explaining history.
It is not history, it is just mythology
Gorkha were khas pahadi people. They were simiar to kumaoni as much as kumaoni n garwali. But kumaoni n doteli ( todays far west Nepali ) r almost same. many of them migrated from Katyuri kingdom. Who tried to to annex u for being similar just like they annexed all today's west Nepali pahadi with diff dialect from many kingdoms just before entering kumaon. They had nothing to do with Nepali n kirati who were completely diff. Nepali were only for newar of Kathmandu valley annexed by eastern pahadi gorkha in 1700 n kirati for today's east Nepali Rai, Limboo, lepcha, tamang etc annexed by pahadi gorkha in late 1700 after many wars Who r actually more like assamese tribes till gorkha invasion .About 30 wars between gorkha n kirati in late 1700. So other Nepali like kirati, newari, n hostoric non gorkha pahadi like doteli, jumli, palpeli who also annexed by gorkhali pahadi forcefully in 18 th century shd be kept out of this disvission since it happens in 1800 where gorkha got Nepali identity only in 1923 after gorkha kingdom made by pahadi gorkha change it's name to Nepal. Though in British India context any ethnicity of extended gorkha kingdom or who joined gorkha regiment is called gorkhali. Be it from 90 PC hills ethnicity of Nepal kingdom annexed by gorkha just before entering kumaon.
Hii sir you are 100% right thanks sir
Main langurgadhi area main rhta hun maine bhi ye baat suni hai ye jo mandir ki photo dikhai gyi hai ye bhairavgadhi ki hai iske samne dusri pahadi par hanuman ji (langur) ka mandir tha tab gorkhon ki wajah se isko is pahadi par laya gya tha isi liye isko langoor gadhi kahte hai...
मैं वहां गया हूँ। बहुत अच्छी जगह है।
Bhairav garhi to gairsain me h or use k north me badhangarhi , par langoor garhi kaha hai ?
@@yogeshpandey3443 langoorgadi ko hi bhairavgadh kahte hai ye puri garhwal main hain. Vaise isko bhairav langoorgadh kahte hai.. Negi ji ke song veero bhado ka desh main bhi suna hoga..
@@sandeeprawat1131 🤔 pauri me nahi h bhairav gadi , vo to gairsain or Almora k border pe h ?
@@yogeshpandey3443 भैरवगढी हमारे क्षेत्रीय देवता है..लंगूरभैरव भी कहते है ये 52 गढो मैं से एक है...
Nice job 👍🙏🙏 जय देवभूमि उत्तराखंड 🙏🙏
100%galat bhai gorkha aaj v shanti k dut hai?
thanks all of you
Shaantidoot, 😂😂
नमस्कार जी 🙏 फैबु से कहा गायब हो गए हो आज नजर पड़ी आप पर यूटूब पर लखेडा जी