00:00 - Kill The Buddha 03:19 - 100+ Meditation Techniques & Dangers 04:47 - illusionary *Dhyan Sutra 05:53 - Transformation on Deeper Level & Discipline 07:40 - Sadhna Me Piche Rah jaane ka Dar 08:58 - "Jabardasti Ka HOSH", Being Aware Forcefully 10:24 - Nature of Jagriti - Direct Perception 14:34 - How You See The reality ? 18:17 - Are You a ATMAN ?
Yeh video dekhne ke baad pta nhi kyu itni mukti si mehsus hui aur realization hui ki mai kbhi bandha tha hi nhi mei tha hi mukt wo meri khudki dharna mere vichar the jo mujhe baandhke rakh rhe the
इस बोध के होते ही मानो चारो ओर शांति महसूस हो रही है। जिन विचारो के पीछे मै भाग रहा था वो मेरे सामने प्रगट हुए। जो कुछ मैं पाना चाहता था वो विचार भी खतम से होते ,प्रतीत होते है। ऐसा है जैसे कुछ पाने को है, ही नहीं। किंतु प्रश्न ये है की अगर ये सभी इच्छाएं खत्म हो जाएंगी। तो इससे creativity का जन्म कैसे होगा? कुछ अलग कैसे कर पाएंगे ? जो goals बनाने और उन्हें पाने की race में हम भागते है उसी से तो हम इस दुनिया में कुछ करते है ? माफ करना मैं शब्दों में पूरी तरह वो बताने में असंभव महसूस कर रहा हूं। जो प्रश्न, भावनाओ को मैं अंदर महसूस कर रहा हूं। किंतु उम्मीद करता हुं आप महसूस कर पा रहे है जो मैं कहना चाहता हूं।
जीवन का कोई अर्थ नही है, कोई उद्देश्य नही है, कोई ईश्वर नही है, सबकुक शून्य है। आप सिर्फ संसार मे सर्वाइव करे और अनुभव ले, केवल कर्म करे। जो कुछ भी है वो सिर्फ इसलिए है क्योंकि आपमे होश है, और उसे भी एकदिन खत्म हो जाना है। फिर उसका कोई अंस नही बचेगा। कोई आत्मन नही है। आप पूर्ण स्वतंत्र हो। दुख इस जीवन का स्वभाव है, और आप उसके बीच मे रहते हुए सर्वाइव करते हुये यात्रा जारी रखे जबतक यात्रा चलनी होगी चलेगी, और आपको बिना पूछे एकदिन स्वत खत्म हो जाएगी। आप न तो नियंत्रक हो और न ही कुछ बदल सकते हो। अध्यात्म आपको समझ देगा कि सबकुक शून्य है, और आप स्वयं से या चीजों से लगाव छोड़ देंगे, जिससे आप बची हुई यात्रा आसानी से पूरी कर सकेंगे। इस भृम में भी मत रहना की अध्यात्म आपको कोई जादु की छड़ी दे देगा। यह गलत आशा भी एक धोखा है। होश नही है। किसी भी झूठी उम्मीद, विचार की सुरक्षा, या आशा, इच्छा के बिना जीवन जीना ही सही तरीका है। खुद मनुष्य अपूर्ण है, वो एव्युलेशन से अर्धविकसित एक जीव है, संसार मे कुछ भी परफेक्ट नही है। मानसिक प्रयास बेतुके है, स्वतंत्र इच्छा सीमित है, जीवन सिर्फ तुक्का है। दुसरो से अलग कोई अपना "मैं" नही है। कोई सोचने वाला नही है, सिर्फ सोच है। सोच सिर्फ ब्रेन की प्रक्रिया है, और यह भृम होता है कि मैं सोच रहा हूँ।
ye baat bol kar brother kyu dara rahe ho ki जो कुछ भी है वो सिर्फ इसलिए है क्योंकि आपमें होश है और उसे भी एक दिन खत्म हो जाना है फिर उसका कोई अंश नही बचेगा तो फिर क्या होगा हमारा मुझे तो आपकी इस बात से बहुत डर लग रहा है karan ji se confirm karao ye baat plz🙏
@@RelaxxxMind किसी से कन्फर्म करवाने की जरूरत नही। चेतना यानी होश है तभी आप संसार देख रहे हो, वो नही है तो कुछ भी महसूस नही होगा। नींद में होश होते हुए भी आप अचेत हो जाते हो, म्रत्यु तो होश का पूर्ण अंत है।
गुरुजी मैंने महसूस किया है सच में मैंने जब अपने चित में दौड़ते विचारो को देखना शुरू किया खुद को हर पल देखना शुरू किया तो मैं शुरू शुरू में थोड़ा बेचैन हो जाता लेकिन धीरे धीरे मैं वर्तमान में जीने लगा बिना विचारो के , तो मैंने देखा कि सब कुछ बहुत सुंदर है जब हम वर्तमान में जीते हैं तो पता नहीं लेकिन बेवजह अंदर से एक शांति और आंनद महसूस होता हैं लेकिन मैं स्थिति में केवल 3 दिन रह सका
मैं सबको एक सलाह देना चाहता हूँ, तुम बस ये जान लो तुम क्या हो बस, फिर तुम्हें जो बाहर ठीक लगे उसका इस्तेमाल करना, रोटी कपड़ा भोजन पैसा सब चाइये इस संसार में रहने के लिए, तुम भागो कहाँ गे, तुम पैसे को छोड़ भागो, कपड़े को छोड़ भागो जंगल में चले गए लेकिन भोजन नहीं छोड़ सकते जीते जी, बस तुम में इतना साहस आ जाए तुम खुद को जान सको, यही समझाने की कोशिस कर रहे गुरु 2,3 हजार सालों से!
बात साफ है, सब शून्य है, उसी में जवाब है तुम्हारे सारे, और इसे किसी लिया नहीं जाता, खुद जाना जाता है, मानना नहीं जानना है, बस यही जवाब है सब, और यही आखरी मंजिल शायद, मेरी तो अभी हिम्मत नहीं हुई है, इतना डीप जाने की, लेकिन हाँ ये सत्य हो सकता है, हम वहाँ तक इतने साहस से पुहंच सके, ज़ब तुम खुद को जानोगे तो सब कुछ जाण लोगे, फिर कोई परेशान नहीं करेगा ना अंदर से ना बाहर से, मृत्यु तो तुम्हारी होनी है, भौतिक रूप से तो होगी ही, बदल जाओगे तुम, खत्म यहाँ कुछ होता नहीं, बस रूप बदलता है, बड़े बूढ़ो को किस्से सुनने को मिल जायेंगे, मौत के बाद क्या है, क्या है, हवा में हवा पानी में पानी, मिट्टी में मिट्टी सब घुल मिल जायेगा, और बताओ क्या है सब शून्य है, अब मुझे नहीं पता आप शून्य को कैसे देख पा रहे है, और मैं जो बोल रहा हूँ वो सत्य है भी नहीं इसे मानना मत जानना है, हाँ मैं ईनामदारी से बता देता हूँ मैंने अभी तक खुद को नहीं जाना है ऐसे बस महसूस ही किया है लेटे लेटे, अभी इतना साहस हिम्मत नहीं आयी है वहाँ तक देख सकू, हाँ मैं जरूर देख लूंगा एक दिन, मुझे ऐसे धोखे में नहीं मरना है, अगर मरना ही तो जानकर मरूंगा बस मेरी बात खत्म!
12:45 To kya jis knowledge se mai us phool ko dekh raha hun vo knowledge/information/beleive. Jhuth hai hamara beleive hai hai vo ke uska info Aisa hai to vo phool hai
Pata nhi bhai . Aesi baate bolta hai jo is universe ke beyond hai .. yeh hadd se jyada sochta hai, isliye mujhe lgta hai iska galat chakra activate hua hai🤔🤔@@aadityabhardwaj3828
Truth to ye hai ki ham kuch jaante hi nhi ham kisi chiz ko dekhte hai jaise rose flower to ham Sirf apni memory ko dekhte hai sirf shabd ko dekhte hai asal flower ko nhi jab asal flower ko dekhlenge to pta chlega ki uss flower ke baare mai jaana ja hi nhi skta kyunki jo jana wo knowledge hai yaani ki shabd hai na ki asal sachai jab ye realize hojaye ki mujhe kuch nhi pta tab hosh khud ba khud aajata hai 🙏
क्या फायदा इतने विडियो देखने के बाद जब मै होश मे ही ना आ सका मैने ध्यान लगाना छोड दिया ताकि में होश हो सकू और आप सभी ने मुझे बीच रास्ते मे लाके छोड दिया और उपर से अब कोई मेरी सहायता भी नही करता मेरी कहते है स्वयं आयेगा कृपया करन जी आप ही सहायता करदो बाताओ होश मे कैसे जाना हो सकता है
आप बस ध्यान लगाइए किसी की मत सुनिए ना ही आपके मन मे किसी प्रकार का कट्टरवाद ना ही कोई रूढ़िवाद ना ही किसी की निंदा बस एक करुणा का भाव हो किसी को परखने की ज़रूरत नहीं कहीं जाने की ज़रूरत नहीं क्यूकी आप अपने दीपक स्वयं हो । सांसारिक दुनिया मैं रहकर भी मत रहिए यहाँ सब आप ही हो आपको आपके सामज ने बनाया है आप वो नहीं जो आप हो । आप बस संपूर्ण चेतना कि साथ अपना हर कार्य करें ध्यान लगाये । साख़्शी भाव से कर्म करें से सच्चाई जानने की अकांशा ना रखें बस एकता का भाव । आप अवश्य पहुँचेंगे एक दिन । आपका प्रिय मित्र ❤
Khud ko dekhna pehla step hai. Mujhe hosh ki anubhuti hai. Agar ye sab kitabi nahi bol rahe ho hai aur tum ise jante ho, Hume baat krni chahiye. Mere aas paas asa koi nhi h jo kabhi hosh mai jiya h. Can we connect
Aap ise mera prashn bol sakte ho ya meri nadaani ya mere andar utha ek kotuhal keh sakte ho. Aap apne jivan ko apne hi drastikon se dekhte ho ya jise padte ho ya jante hai usse hi apne anubhavon se mila lete ho, kya aap mere sath esa kuch sajha kar sakte ho jo aapne apne jivan ko bina kisi bhi anubhav ya merory se jud kar na jana ho
Ham sochte hai ki dhyan kar rhe hain but ham dhyan nhi balki ek natak kar rhe hain Hosh me agar jeena hai toh apne aap ko dekhna hoga ki ham kya kya abhi tak ekata kiye hai 'What is '
Bhai mai bhi hosh ki sadhana ka prayas karta hu, mere sath ek dikkat ho rahi hai . Jab se sadhna start ki hai, mera awareness badh Gaya hai, aur choti choti chizo per bhi meri najar ja rahi hai. To problem ye hai ki mai kuch kuch bato se irritate ho raha hu, jaise ki agar koi aadmi alag kr raha hai jo ki nahi karn chahiye to meri un Choti chizo per najat jati hai, aur mai irritate ho ra hu. Kripaya karke muze kuch iska solution bataye.😊 Aur ha aapki ye vali series ka mai wait kar raha tha, kyunki mane ye book purchase ki thi per samaj nahi aa rahi thi, bahut dhanyavad 🙏❤️
Guruji ye baat smjh nhi aa rahi abhi tak ki agar self nhi rahega yaani thinker aur observer nhi rhenge to ham apne jeevan mei baaki saare kaam kaise krenge ? Bina self ke sbh kuch kaise hoga? Agar mujhe bhookh lag rahi hai to uske liye bhi to self hi chahiye hoga ya fir koi action lena hai to bhi self chahiye hoga.?
जिन्होंने ये अनुभव किया है उन्ही ने जिंदगी भी जी है मजे से बस हमें लगता रहा पागल है, पागल इसलिए कहा क्योंकि हम किसी बोले ये रेल जा रही है और ये है नहीं यानि भ्र्म है 😂, तो लोग हमें पागल ही कहेँगे, अगर हमारे पास कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसको ये पता की भ्र्म है, उसने होंश पूर्वक जाना है की सब शून्य है, और असल बात ये है कोई पागल ही पहुंच पायेगा इस सत्य तक क्योंकि साहस चाहिए, इसलिए इस सत्य तक जाने के लिए हमें बाहरी ज्ञान आवश्यक है, बाहरी ज्ञान के बिना हम अंदर सत्य को भी नहीं जाण सकते ये भी सच ही है, हमारे मन में ये ख्याल ना आये ये होंश ना आये तो हम ऐसी बातें करेंगे ही क्यों, वहाँ तक जाने में फटती है, इसलिए लोग नहीं पहुंच पाते, उस शून्य में ही सब जवाब है, ऐसे समझो की जो बाहर वही सैम अंदर है और बिलकुल शून्य है, शांत है!
Naukari mili nahi aur jo kar rahe the wo bhi chala gaya Ya to swayam ko janane k chakkar me pagal ho gaye hain ya to pagal the ab Jaan gaye😅 Pehle kam se kam Pooja path karke shanti aur Shakti milti thi Phir adhyatmik Anand k chakkar me dhyan karne lage Aur phir ye video samajh gaye ki kaun hai jo ye sab karwa raha? Andar se gali aur ankh se ansu aa rahe jane kaun sa chakra jag gaya. Matrix k Neo k pas kam se kam oracle thi Mere purv sare Gyan sab mayajal ko todne k chakkar me abhimanyu ki tarah ghused baithe chakravyuh me Pehle kam se kam ye sab sunke gehri neend to aa jati thi ab to ek nayi samasya aa gayi ki itna so chuke ki ye bhi nahi pta kaun hai jo sota hai 😂😂
Ab mai bahut pareshan ho rha hun... Mai khud m bhatka huwa hu... Kya kru kya naa kru Kuch nhi krta tou lgta hai mai bhi unn saikdo insaan ki trah bn jaaunga jo iss dharti pe aaye aur chale gye. Kuch krta hun tou log khte h ye naa karo. Mai kuch aise hi beleive nhi kr leta. Pr mai ek sawal puchna chahta hun aapse uss 20 saal kaa kya jo mere mnn m baitha huwa hai aur mujhe control kr rha h uska kya kre...naa chahte huwe bhi wahi limit bn huwa h. Hamko pta hai isko htana hai. Pr hate kaise...aise hi ekaek chamatkar tou nhi ho jaayega. Mujhe ye maya dikh kyu nhi rhi. Kyu mai khud se santust nhi hu Lagta hai ab pura zindagi yahi baat ko le k jeena hoga ki maine apne limit ko nhi hara paya. Mai jo jaan skta tha wo nhi jaan paya😢 Kya kru bahut paressaan hu ..aacha hota ki mai ye spirituality k baare m nhi jaanta... Wahi andehre m rhta. Aadha gyaan paa k khud ulaj gya hu. Zindagi bita jaa rha... present ko thik se jii nhi paa rha. Aacha hota mai ghor vaibhivhaari aur agayaani hota itna kst tou nhi hota Dono naaw m pair phasa hai...lgta h mrne k baad bhi naa jaan pau ki meri zindagi kaa huwa kya 😭
Budha , osho, j Krishnamurthy, sant kabir , kriya diksha ya Vipassana... Agar inme se kisi ek ko follow Krna ho to aap kise suggest krenge... Blindly follow nhi Krna h... Bas understanding k liye..
Bhai aaj kl jisko m love krta tha us se related bhi sexual thoughts ate h Mtlb ki images chlti rehti h mind m jbki m kuch nhi chahta hu ye sab or jb uske sath hota hu ya dekhta hu tb ek dum silence hoti h andar kpriya margdarshan kro kya mera pyar impure h jhuta h??
आपकी Partner को भी आते होंगे आपको लेकर शायद आप ये भूल ही गए है वो भी इंसान है ? इसमें गलत क्या है ? अगर आप सवाल ये करते की प्यार तो आप अपने Partner से करते है लेकिन Sexual Thought किसी और को देख कर आते है। इसमें प्यार impure है या नहीं बात अभी इतनी गहरी नही हुई है आपके जीवन में, सेक्स ही प्रेम नही है, लेकिन सेक्स कोई प्रेम को impure नही करता, लेकिन सेक्स प्रेम नही है क्या शरीरक भूख प्रेम हो सकती है ? इसका मतलब ये भी नही सैक्स कोई दूषित करता है प्रेम को ,,, लेकिन! ... अगर सेक्स को ही केंद्र में रख लिया जाए तो आप बस भूख मिटा रहे हो वो प्रेम नही है ये सौदेबाजी है, सौआर्थ है। क्युकी प्रेम का आधार भूख मिटाना है तो एक दिन भूख भी समाप्त होगी , तो क्या प्रेम भी खतम ?, तो गहराई से जानने का प्रयास करे अपने आप को जीवन को।
00:00 - Kill The Buddha
03:19 - 100+ Meditation Techniques & Dangers
04:47 - illusionary *Dhyan Sutra
05:53 - Transformation on Deeper Level & Discipline
07:40 - Sadhna Me Piche Rah jaane ka Dar
08:58 - "Jabardasti Ka HOSH", Being Aware Forcefully
10:24 - Nature of Jagriti - Direct Perception
14:34 - How You See The reality ?
18:17 - Are You a ATMAN ?
Thanks for explaining j krishnamurti in simple way
J krishnamurti 's teachings has given me a conflict free life❤😊
🙏❤️
i found your channel really helpful for me Thanks!
Yeh video dekhne ke baad pta nhi kyu itni mukti si mehsus hui aur realization hui ki mai kbhi bandha tha hi nhi mei tha hi mukt wo meri khudki dharna mere vichar the jo mujhe baandhke rakh rhe the
mein apne vicharo ko pahle bhi dekh pata tha par aaj or jyada clarity mil gayi h thank you❤❤
होश आते ही पहेले सांसे दिखाई पडती 😊
इस बोध के होते ही मानो चारो ओर शांति महसूस हो रही है। जिन विचारो के पीछे मै भाग रहा था वो मेरे सामने प्रगट हुए। जो कुछ मैं पाना चाहता था वो विचार भी खतम से होते ,प्रतीत होते है।
ऐसा है जैसे कुछ पाने को है, ही नहीं।
किंतु प्रश्न ये है की अगर ये सभी इच्छाएं खत्म हो जाएंगी। तो इससे creativity का जन्म कैसे होगा? कुछ अलग कैसे कर पाएंगे ? जो goals बनाने और उन्हें पाने की race में हम भागते है उसी से तो हम इस दुनिया में कुछ करते है ?
माफ करना मैं शब्दों में पूरी तरह वो बताने में असंभव महसूस कर रहा हूं। जो प्रश्न, भावनाओ को मैं अंदर महसूस कर रहा हूं। किंतु उम्मीद करता हुं आप महसूस कर पा रहे है जो मैं कहना चाहता हूं।
जीवन का कोई अर्थ नही है, कोई उद्देश्य नही है, कोई ईश्वर नही है, सबकुक शून्य है। आप सिर्फ संसार मे सर्वाइव करे और अनुभव ले, केवल कर्म करे। जो कुछ भी है वो सिर्फ इसलिए है क्योंकि आपमे होश है, और उसे भी एकदिन खत्म हो जाना है। फिर उसका कोई अंस नही बचेगा। कोई आत्मन नही है। आप पूर्ण स्वतंत्र हो। दुख इस जीवन का स्वभाव है, और आप उसके बीच मे रहते हुए सर्वाइव करते हुये यात्रा जारी रखे जबतक यात्रा चलनी होगी चलेगी, और आपको बिना पूछे एकदिन स्वत खत्म हो जाएगी। आप न तो नियंत्रक हो और न ही कुछ बदल सकते हो। अध्यात्म आपको समझ देगा कि सबकुक शून्य है, और आप स्वयं से या चीजों से लगाव छोड़ देंगे, जिससे आप बची हुई यात्रा आसानी से पूरी कर सकेंगे। इस भृम में भी मत रहना की अध्यात्म आपको कोई जादु की छड़ी दे देगा। यह गलत आशा भी एक धोखा है। होश नही है। किसी भी झूठी उम्मीद, विचार की सुरक्षा, या आशा, इच्छा के बिना जीवन जीना ही सही तरीका है। खुद मनुष्य अपूर्ण है, वो एव्युलेशन से अर्धविकसित एक जीव है, संसार मे कुछ भी परफेक्ट नही है। मानसिक प्रयास बेतुके है, स्वतंत्र इच्छा सीमित है, जीवन सिर्फ तुक्का है। दुसरो से अलग कोई अपना "मैं" नही है। कोई सोचने वाला नही है, सिर्फ सोच है। सोच सिर्फ ब्रेन की प्रक्रिया है, और यह भृम होता है कि मैं सोच रहा हूँ।
ye baat bol kar brother kyu dara rahe ho ki जो कुछ भी है वो सिर्फ इसलिए है क्योंकि आपमें होश है और उसे भी एक दिन खत्म हो जाना है फिर उसका कोई अंश नही बचेगा
तो फिर क्या होगा
हमारा मुझे तो आपकी इस बात से बहुत डर लग रहा है karan ji se confirm karao ye baat plz🙏
@@RelaxxxMind किसी से कन्फर्म करवाने की जरूरत नही। चेतना यानी होश है तभी आप संसार देख रहे हो, वो नही है तो कुछ भी महसूस नही होगा। नींद में होश होते हुए भी आप अचेत हो जाते हो, म्रत्यु तो होश का पूर्ण अंत है।
@@amritt_bhai ये बात किसी ने बताई ही होगी स्वयं का अनुभव तो होगा नहीं
@@RelaxxxMind ये आपका पूर्वाग्रह है। मैं नास्तिक ध्यानी हूं। बताये हुए बाते झूठ है, जो आप खुद अपनी अंतरदृष्टि से समझे वही सच है।
ह्रदय से प्रणाम 🙏, घन्यवाद।
One of the greatest channel on Spirituality thank u sir ❤❤❤❤❤ so helpful videos 🙏🙏🙏
Dhanyawad sir
गुरुजी मैंने महसूस किया है सच में
मैंने जब अपने चित में दौड़ते विचारो को देखना शुरू किया खुद को हर पल देखना शुरू किया तो मैं शुरू शुरू में थोड़ा बेचैन हो जाता लेकिन धीरे धीरे मैं वर्तमान में जीने लगा बिना विचारो के
, तो मैंने देखा कि सब कुछ बहुत सुंदर है जब हम वर्तमान में जीते हैं तो पता नहीं लेकिन बेवजह अंदर से एक शांति और आंनद महसूस होता हैं
लेकिन मैं स्थिति में केवल 3 दिन रह सका
Very very Thanks for video it's very important for current situation ❤❤👍🙏🙏🙏
I admire krishanmurtiji but watever he said its already said in Ashtavakra Geeta ❤🙏
Bahatbahat dhanyawad 🙏
❤
guruji video kab aayegi
Updated!
👌
❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏
❤🎉❤
❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏
मैं सबको एक सलाह देना चाहता हूँ, तुम बस ये जान लो तुम क्या हो बस, फिर तुम्हें जो बाहर ठीक लगे उसका इस्तेमाल करना, रोटी कपड़ा भोजन पैसा सब चाइये इस संसार में रहने के लिए, तुम भागो कहाँ गे, तुम पैसे को छोड़ भागो, कपड़े को छोड़ भागो जंगल में चले गए लेकिन भोजन नहीं छोड़ सकते जीते जी, बस तुम में इतना साहस आ जाए तुम खुद को जान सको, यही समझाने की कोशिस कर रहे गुरु 2,3 हजार सालों से!
Background music bahut jyada hai
What is the difference between consciousness and alertness Or are they same?
Idealistic Alertness is the pathway to pure consciousness
🌹🌹🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🌹🌹
बात साफ है, सब शून्य है, उसी में जवाब है तुम्हारे सारे, और इसे किसी लिया नहीं जाता, खुद जाना जाता है, मानना नहीं जानना है, बस यही जवाब है सब, और यही आखरी मंजिल शायद, मेरी तो अभी हिम्मत नहीं हुई है, इतना डीप जाने की, लेकिन हाँ ये सत्य हो सकता है, हम वहाँ तक इतने साहस से पुहंच सके, ज़ब तुम खुद को जानोगे तो सब कुछ जाण लोगे, फिर कोई परेशान नहीं करेगा ना अंदर से ना बाहर से, मृत्यु तो तुम्हारी होनी है, भौतिक रूप से तो होगी ही, बदल जाओगे तुम, खत्म यहाँ कुछ होता नहीं, बस रूप बदलता है, बड़े बूढ़ो को किस्से सुनने को मिल जायेंगे, मौत के बाद क्या है, क्या है, हवा में हवा पानी में पानी, मिट्टी में मिट्टी सब घुल मिल जायेगा, और बताओ क्या है सब शून्य है, अब मुझे नहीं पता आप शून्य को कैसे देख पा रहे है, और मैं जो बोल रहा हूँ वो सत्य है भी नहीं इसे मानना मत जानना है, हाँ मैं ईनामदारी से बता देता हूँ मैंने अभी तक खुद को नहीं जाना है ऐसे बस महसूस ही किया है लेटे लेटे, अभी इतना साहस हिम्मत नहीं आयी है वहाँ तक देख सकू, हाँ मैं जरूर देख लूंगा एक दिन, मुझे ऐसे धोखे में नहीं मरना है, अगर मरना ही तो जानकर मरूंगा बस मेरी बात खत्म!
कौनसी चीज गुलाब का फूल को देख रही है इतना कहते ही होश समझने में चला जाएगा इसको समझाना शब्दों में असंभव है फिर भी कोशिश के लिए शुभकामनाएं
12:45
To kya jis knowledge se mai us phool ko dekh raha hun vo knowledge/information/beleive. Jhuth hai hamara beleive hai hai vo ke uska info Aisa hai to vo phool hai
music thoda km rakho baki video okk ha
Please Please mere mujh se aazad kr do...yaa koi tareeka bta do
Kuch aisa bata do jisse ye filter ht jaaye...jo jaisa hai waisa dikhe Please please 🙏
Bhai Tera koi galt 8va chakra activate hua hai...🤔🤔
@@jammukashmirwala3154 😅
@@jammukashmirwala3154 😂ku bhai
@@jammukashmirwala3154 hahaha sahi bola apne 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Pata nhi bhai . Aesi baate bolta hai jo is universe ke beyond hai .. yeh hadd se jyada sochta hai, isliye mujhe lgta hai iska galat chakra activate hua hai🤔🤔@@aadityabhardwaj3828
Are bhai bhai😂😂
Truth to ye hai ki ham kuch jaante hi nhi ham kisi chiz ko dekhte hai jaise rose flower to ham Sirf apni memory ko dekhte hai sirf shabd ko dekhte hai asal flower ko nhi jab asal flower ko dekhlenge to pta chlega ki uss flower ke baare mai jaana ja hi nhi skta kyunki jo jana wo knowledge hai yaani ki shabd hai na ki asal sachai jab ye realize hojaye ki mujhe kuch nhi pta tab hosh khud ba khud aajata hai 🙏
Nahi Parth Conclusion drow Mat kro, Negative ya positive.
क्या फायदा इतने विडियो देखने के बाद जब मै होश मे ही ना आ सका मैने ध्यान लगाना छोड दिया ताकि में होश हो सकू और आप सभी ने मुझे बीच रास्ते मे लाके छोड दिया और उपर से अब कोई मेरी सहायता भी नही करता मेरी कहते है स्वयं आयेगा कृपया करन जी आप ही सहायता करदो बाताओ होश मे कैसे जाना हो सकता है
Go to vippasna center in your city
आप बस ध्यान लगाइए किसी की मत सुनिए ना ही आपके मन मे किसी प्रकार का कट्टरवाद ना ही कोई रूढ़िवाद ना ही किसी की निंदा बस एक करुणा का भाव हो किसी को परखने की ज़रूरत नहीं कहीं जाने की ज़रूरत नहीं क्यूकी आप अपने दीपक स्वयं हो । सांसारिक दुनिया मैं रहकर भी मत रहिए यहाँ सब आप ही हो आपको आपके सामज ने बनाया है आप वो नहीं जो आप हो । आप बस संपूर्ण चेतना कि साथ अपना हर कार्य करें ध्यान लगाये । साख़्शी भाव से कर्म करें से सच्चाई जानने की अकांशा ना रखें बस एकता का भाव ।
आप अवश्य पहुँचेंगे एक दिन ।
आपका प्रिय मित्र ❤
Bro check osho for awareness, he has explained beautifully
@@Shubham777-w9e Yes right
Lao Tzu 🫡
What meaning??
he is a chanies philoshper.
@@MukeshVerma-tf5lc okay
@@Rahulkumar-e8s9nThe Greatest Person in China Not in the only China But Very Rare Mystic With Tremendous Wisdom ☯️
@@MukeshVerma-tf5lc*Chinese
Khud ko dekhna pehla step hai. Mujhe hosh ki anubhuti hai. Agar ye sab kitabi nahi bol rahe ho hai aur tum ise jante ho, Hume baat krni chahiye. Mere aas paas asa koi nhi h jo kabhi hosh mai jiya h. Can we connect
Aap ise mera prashn bol sakte ho ya meri nadaani ya mere andar utha ek kotuhal keh sakte ho.
Aap apne jivan ko apne hi drastikon se dekhte ho ya jise padte ho ya jante hai usse hi apne anubhavon se mila lete ho, kya aap mere sath esa kuch sajha kar sakte ho jo aapne apne jivan ko bina kisi bhi anubhav ya merory se jud kar na jana ho
Bhai lekin karna kya hoga hosh ke liye kuch toh ho jo ham kar sake agar kuch karna hi nhi hai toh yeh spirituality ka topic hai hi kyu
Thinker is thought when you understand practically then your in होश
Ham sochte hai ki dhyan kar rhe hain but ham dhyan nhi balki ek natak kar rhe hain
Hosh me agar jeena hai toh apne aap ko dekhna hoga ki ham kya kya abhi tak ekata kiye hai 'What is '
Bhai mai bhi hosh ki sadhana ka prayas karta hu, mere sath ek dikkat ho rahi hai .
Jab se sadhna start ki hai, mera awareness badh Gaya hai, aur choti choti chizo per bhi meri najar ja rahi hai.
To problem ye hai ki mai kuch kuch bato se irritate ho raha hu, jaise ki agar koi aadmi alag kr raha hai jo ki nahi karn chahiye to meri un Choti chizo per najat jati hai, aur mai irritate ho ra hu.
Kripaya karke muze kuch iska solution bataye.😊
Aur ha aapki ye vali series ka mai wait kar raha tha, kyunki mane ye book purchase ki thi per samaj nahi aa rahi thi, bahut dhanyavad 🙏❤️
Guruji ye baat smjh nhi aa rahi abhi tak ki agar self nhi rahega yaani thinker aur observer nhi rhenge to ham apne jeevan mei baaki saare kaam kaise krenge ? Bina self ke sbh kuch kaise hoga? Agar mujhe bhookh lag rahi hai to uske liye bhi to self hi chahiye hoga ya fir koi action lena hai to bhi self chahiye hoga.?
Same question
जिन्होंने ये अनुभव किया है उन्ही ने जिंदगी भी जी है मजे से बस हमें लगता रहा पागल है, पागल इसलिए कहा क्योंकि हम किसी बोले ये रेल जा रही है और ये है नहीं यानि भ्र्म है 😂, तो लोग हमें पागल ही कहेँगे, अगर हमारे पास कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसको ये पता की भ्र्म है, उसने होंश पूर्वक जाना है की सब शून्य है, और असल बात ये है कोई पागल ही पहुंच पायेगा इस सत्य तक क्योंकि साहस चाहिए, इसलिए इस सत्य तक जाने के लिए हमें बाहरी ज्ञान आवश्यक है, बाहरी ज्ञान के बिना हम अंदर सत्य को भी नहीं जाण सकते ये भी सच ही है, हमारे मन में ये ख्याल ना आये ये होंश ना आये तो हम ऐसी बातें करेंगे ही क्यों, वहाँ तक जाने में फटती है, इसलिए लोग नहीं पहुंच पाते, उस शून्य में ही सब जवाब है, ऐसे समझो की जो बाहर वही सैम अंदर है और बिलकुल शून्य है, शांत है!
Yr bhai kya music ghused dete ho imp bat pe concentrate nhi hota
Naukari mili nahi aur jo kar rahe the wo bhi chala gaya
Ya to swayam ko janane k chakkar me pagal ho gaye hain ya to pagal the ab Jaan gaye😅
Pehle kam se kam Pooja path karke shanti aur Shakti milti thi
Phir adhyatmik Anand k chakkar me dhyan karne lage
Aur phir ye video samajh gaye ki kaun hai jo ye sab karwa raha?
Andar se gali aur ankh se ansu aa rahe jane kaun sa chakra jag gaya.
Matrix k Neo k pas kam se kam oracle thi
Mere purv sare Gyan sab mayajal ko todne k chakkar me abhimanyu ki tarah ghused baithe chakravyuh me
Pehle kam se kam ye sab sunke gehri neend to aa jati thi ab to ek nayi samasya aa gayi ki itna so chuke ki ye bhi nahi pta kaun hai jo sota hai 😂😂
Ab mai bahut pareshan ho rha hun...
Mai khud m bhatka huwa hu...
Kya kru kya naa kru
Kuch nhi krta tou lgta hai mai bhi unn saikdo insaan ki trah bn jaaunga jo iss dharti pe aaye aur chale gye.
Kuch krta hun tou log khte h ye naa karo.
Mai kuch aise hi beleive nhi kr leta.
Pr mai ek sawal puchna chahta hun aapse uss 20 saal kaa kya jo mere mnn m baitha huwa hai aur mujhe control kr rha h uska kya kre...naa chahte huwe bhi wahi limit bn huwa h.
Hamko pta hai isko htana hai. Pr hate kaise...aise hi ekaek chamatkar tou nhi ho jaayega.
Mujhe ye maya dikh kyu nhi rhi.
Kyu mai khud se santust nhi hu
Lagta hai ab pura zindagi yahi baat ko le k jeena hoga ki maine apne limit ko nhi hara paya.
Mai jo jaan skta tha wo nhi jaan paya😢
Kya kru bahut paressaan hu ..aacha hota ki mai ye spirituality k baare m nhi jaanta...
Wahi andehre m rhta.
Aadha gyaan paa k khud ulaj gya hu.
Zindagi bita jaa rha... present ko thik se jii nhi paa rha.
Aacha hota mai ghor vaibhivhaari aur agayaani hota itna kst tou nhi hota
Dono naaw m pair phasa hai...lgta h mrne k baad bhi naa jaan pau ki meri zindagi kaa huwa kya
😭
Bhai hum dono same situation mai hai
@@BhuvanAchari same
ek baat h jo mai yaha nhi puchna chahta mai aapse instagram par baat kaise karu kya ap message read nhi karte kyuki maine apko bahut message kiye hai
Have you attained enlightenment?
Or are you just talking in air?
No muesic.
Budha , osho, j Krishnamurthy, sant kabir , kriya diksha ya Vipassana... Agar inme se kisi ek ko follow Krna ho to aap kise suggest krenge...
Blindly follow nhi Krna h... Bas understanding k liye..
Bhai aaj kl jisko m love krta tha us se related bhi sexual thoughts ate h Mtlb ki images chlti rehti h mind m jbki m kuch nhi chahta hu ye sab or jb uske sath hota hu ya dekhta hu tb ek dum silence hoti h andar kpriya margdarshan kro kya mera pyar impure h jhuta h??
आपकी Partner को भी आते होंगे आपको लेकर शायद आप ये भूल ही गए है वो भी इंसान है ? इसमें गलत क्या है ? अगर आप सवाल ये करते की प्यार तो आप अपने Partner से करते है लेकिन Sexual Thought किसी और को देख कर आते है। इसमें प्यार impure है या नहीं बात अभी इतनी गहरी नही हुई है आपके जीवन में, सेक्स ही प्रेम नही है, लेकिन सेक्स कोई प्रेम को impure नही करता, लेकिन सेक्स प्रेम नही है क्या शरीरक भूख प्रेम हो सकती है ? इसका मतलब ये भी नही सैक्स कोई दूषित करता है प्रेम को ,,, लेकिन! ... अगर सेक्स को ही केंद्र में रख लिया जाए तो आप बस भूख मिटा रहे हो वो प्रेम नही है ये सौदेबाजी है, सौआर्थ है। क्युकी प्रेम का आधार भूख मिटाना है तो एक दिन भूख भी समाप्त होगी , तो क्या प्रेम भी खतम ?, तो गहराई से जानने का प्रयास करे अपने आप को जीवन को।
Sir can I contact you