भाई गलत जानकारी.... शिव भगवान ने उन्होंने विष्णु जी के पास भेजा.. न की कृष्ण जी के पास.... क्युकी अभिमन्यु का मानना था की जब श्री कृष्णा सारा भविष जानते थे तो उन्होंने उसको मरने क्यों दिया... 🌺
पूर्वकल्प की बात है जब ghantakarn पिसाच योनि में थे और फिर उन्होंने शिव की तपस्या कर 16 कलाएं प्राप्त की थी और उसके पश्चात वो शिवगण बने थे उसके पश्चात वो पिसाच योनि से मुक्त होना चाहते थे तो शिवजी ने उन्हें भगवान विष्णु के पास भेजा जब भगवान विष्णु कृष्ण अवतार में जन्में थे तो वो भी (कृष्ण)उस समय बद्रिका क्षेत्र में शिव आराधना कर रहे थे (पुत्र प्राप्ति हेतु) फिर उसके पश्चात वो वहां पहुंचे एवं उन्होंने हरि नाम जाप कर भगवान श्रीकृष्ण को प्रश्न किया एवम भगवान कृष्ण ने उन्हें संख चक्र पद्म गदा धारी चतुर्भुज रूप में दर्शन दिए एवं इन्हे उस योनि से मुक्त किया उसके पश्चात उनका जन्म भीम एवं हिडिंबा पुत्र घटोत्कच रूप में हुआ एवं महाभारत में वीरगति प्राप्त होने के पश्चात् उन्होंने pitka piton नामक पर्वत जोकि सोने के समान चमकता है wnha से अवतरित हुए एवं घंडियाल नाम से प्रचलित हुए
जय श्री डांडियाल देवता जी।
M Chamoli se hu or humare devta Ghandiyal devta he h humare cast bhi Ghandiyali h ❤🙏
Jai ghandiyal devtaji...bhut achi jankari sir
jai est ghandiyal devtaji ki jai ho
जय घड़ियाल देवता
जय श्री घंटाकरण देवता 🙇♀️💙
Jai Ghandiyal devta
Jai Dev Bhumi🙏 Jai Ghandiyal Devta🙏 Jai Badri Kedar 🙏
Jai dev bhoomi ki
Jai ho
जय वीर घंडियाल देवता
Jai ghantakarn devta ki jai ho
Jai Shri Ghandiyal Devta🙏
JAI GHADIYAL DEVTA
Jai hoo
जय श्री बद्री विशाल जी🙏
Jai shree Ghantakaran mahaveer ji
Jai ghantakaran devta ji 🙏🙏🌹🌹
Jai ghandiyal davta ❤
जय श्री घण्टाकर्ण देव
jai ho
🙏🌷Jai Ghandyal Devta🌹🙏
Jai ho
Hit devta ki jankari bhi de
Jai ghandiyal devta ki Jai🙏 ho
Jai ghantakaran Devta 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai ghadiyal devta 🙏
jay ghantakaran devta
Jai gandiyal devta
Please correct ki wo àbhimanyu the ki eklavya
पूर्वकल्प में घंटाकर्ण फिर घटोत्कच और उसके पश्चात घण्डियाल देवता
🙏🙏🙏
भाई गलत जानकारी.... शिव भगवान ने उन्होंने विष्णु जी के पास भेजा.. न की कृष्ण जी के पास.... क्युकी अभिमन्यु का मानना था की जब श्री कृष्णा सारा भविष जानते थे तो उन्होंने उसको मरने क्यों दिया... 🌺
पूर्वकल्प की बात है जब ghantakarn पिसाच योनि में थे और फिर उन्होंने शिव की तपस्या कर 16 कलाएं प्राप्त की थी और उसके पश्चात वो शिवगण बने थे
उसके पश्चात वो पिसाच योनि से मुक्त होना चाहते थे तो शिवजी ने उन्हें भगवान विष्णु के पास भेजा जब भगवान विष्णु कृष्ण अवतार में जन्में थे तो वो भी (कृष्ण)उस समय बद्रिका क्षेत्र में शिव आराधना कर रहे थे (पुत्र प्राप्ति हेतु) फिर उसके पश्चात वो वहां पहुंचे एवं उन्होंने हरि नाम जाप कर भगवान श्रीकृष्ण को प्रश्न किया एवम भगवान कृष्ण ने उन्हें संख चक्र पद्म गदा धारी चतुर्भुज रूप में दर्शन दिए एवं इन्हे उस योनि से मुक्त किया उसके पश्चात उनका जन्म भीम एवं हिडिंबा पुत्र घटोत्कच रूप में हुआ एवं महाभारत में वीरगति प्राप्त होने के पश्चात् उन्होंने pitka piton नामक पर्वत जोकि सोने के समान चमकता है wnha से अवतरित हुए एवं घंडियाल नाम से प्रचलित हुए
jai mana ghanyal🙏
Ghandiyal devta is abhimanyu
Jai ghandiyal devta
Jai ghamdiyal devta