HARELA DANCE 2024 || SHIKSHA BHARATI SCHOOL || KHATIMA || UTTARAKHAND

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  • Опубликовано: 10 окт 2024
  • HARELA DANCE 2024 || SHIKSHA BHARATI SCHOOL || KHATIMA || UTTARAKHAND
    सभी को सादर सप्रेम सुप्रभात एवं प्रणाम, एवं हरेला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
    जी रया जागि रया आकाश जस उच्च,
    धरती जस चाकव है जया स्यावै क जस बुद्धि,
    सूरज जस तराण है जौ सिल पिसी भात खाया,
    जाँठि टेकि भैर जया दूब जस फैलि जया..
    कुमाऊँ की समृद्ध परम्परा के वाहक लोक पर्वों में एक महत्वपूर्ण पर्व है हरेला। यह पर्व सूर्य नारायण के मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश होने के कारण , कर्क संक्रांति के मौके पर मनाया जाता है।
    इस पर्व के लिये आठ-दस दिन पहले घरों में पूजा स्थान में किसी जगह या छोटी डलियों में मिट्टी बिछा कर सात प्रकार के बीज जैसे- गेंहूँ, जौ, मूँग, उड़द, भुट्टा, गहत, सरसों आदि बोते हैं और नौ दिनों तक उसमें जल आदि डालते हैं। बीज अंकुरित होकर बढ़ने लगते हैं। सांकेतिक तौर पर उनमें निराई गुड़ाई करके, हरेला के दिन जो हरे पीले अंकुरित तिनके होते हैं उन्हें पूजा के बाद कानों व सर में घर के सभी सदस्यों द्वारा धारण किया जाता है। और बड़ो से आशिर्वाद लिया जाता है। इस दिवस पर बेटियों के परिवार में भिटौली देने की भी परंपरा रही है।
    आइये इस पवित्र अवसर स्वयम को प्रकृति के साथ एकाकार करे, और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर, व अन्य लोगों को भी प्रेरणा देकर इस महान पर्व की सार्थकता स्थापित करें।
    नॉट - कृपया पेड़ लगाकर भूलें नहीं बल्कि कम से कम 1 वर्ष तक उसको लगातार संरक्षण प्रदान करें ।
    शिक्षा भारती स्कूल, खटीमा

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