😂चित्रा इद राजा रजक, इदान्यके यके सरस्वतीमनु; पर्जन्य एव तत्नाद धी, बस्तरया सहस्त्रमायुता ददत|" अर्थ- "चित्रा राजाओं के राजा हैं, और केवल राजा ही शेष हैं जो सरस्वती के पास रहते हैं, उन्होंने पर्जन्य की तरह अपनी बारिश से खुद को हजारों में फैलाया है, हां, असंख्य उपहारों के साथ।" स्कंद पुराण, वाचस्पत्य, पृष्ठ 2043 में उद्धृत एक अन्य स्थान पर, राजा चित्र का विवरण देता है, जिन्हें विवस्वान, आदित्य या मित्र भी कहा जाता है, जो धन्य और पवित्र थे, जिन्होंने लंबे समय तक तपस्या करके 'बनने का वरदान प्राप्त किया था। भगवान सूर्य से 'सर्वज्ञ' (सर्वज्ञ), इस प्रकार दिव्य बुद्धि और अलौकिक शक्तियों का स्वामी बन गया। धर्मराज को, मनुष्यों के कर्मों का हिसाब-किताब रखने और उनके गुणों और अवगुणों के अनुसार न्याय करने के अपने कर्तव्य बहुत कठिन लगे, इसलिए उन्होंने राजा चित्र को अपने कर्तव्यों में सहायता करने के लिए धर्मपुरी में बुलाया। इस प्रकार चित्र नश्वर संसार से गायब हो गए और उन्हें चित्रगुप्त कहा जाने लगा, वह चौदह यमराजों या यम-पुरी (दक्ष स्मृति) के शासकों में से एक बन गए। Wo kab se Maa Sarswati ke Bete ho gye 😂
*🙏धर्मराज श्रीचित्रगुप्त भगवान की जय🙏* *🌹जय चित्रांश🌹* *सीख लेनी है* *तो "लहरों" से लीजिये* *इसलिये नहीं कि वे उठती हैं* *और गिर जाती हैं..!** *बल्कि..जब भी गिरती हैं* *नए जोश से* *फिर उठ जाती हैं..!!* *भाई बहन के पवित्र पर्व भैया दूज और कायस्थ समाज के आराध्य देव श्रीचित्रगुप्त भगवान के पूजन दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें* 💐🚩💐 🌹🙏 *सुप्रभात* 🙏🌹
One & Only great song based on kayastha unity which I never hear before, great message with motivational words which inspired all of us . Thanks to the writer of this song, chitraguptaya namah
1- ऋगवेद के पहले अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त का परिचय देते हुये कहा गया है कि - हे अंतर्यामी चित्रगुप्त,आप समस्त सृष्टि के कण कण में व्याप्त परमेश्वर हो एवं इस सृष्टि में निहित समस्त पदार्थ एवं समस्त प्राणी आप ही की पूजा के लिये बने हैं। "इन्द्रा याहिचित्रभानौ सुता इमे त्वायव: आण्वीभिष्तना: पूतास:।" 2- ऋगवेद के प्रथम अध्याय में ही प्रभु चित्रगुप्त की महिमा का गुणगान वर्णित है कि जो भी प्राणी ओंकार चित्रगुप्त की पूजा आस्था से करते हैं, वो ऐश्वर्य, ज्ञान, धन, शुद्ध मन आदि से परिपूर्ण हो जाते हैं। "त्वां चित्रश्रवस्तम हवन्ते विक्षु जन्तव:। शोचिष्केशं पुरुप्रियाग्ने हव्याय वोहृवे।" 3- ऋगवेद के चतुर्थ अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त को समस्त सृष्टि में व्याप्त सभी प्राणियों को धन, ज्ञान, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा, इत्यादि देने वाला साक्षात परमेश्वर कहा है। "भूमिश्विद् द्यासि तूतुजुजिराचित्र, चित्रिणीष्वा ! चित्रम् कणोष्यूतये।" 4- यजुर्वेद के तीसरे अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त के सम्बंध में कहा गया है कि - समस्त प्राणियों के बीच एकता के स्रोत अक्षर ब्रह्म प्रभु चित्रगुप्त के शरण में जो भी प्राणी जाता है अविनाशी चित्रगुप्त युद्ध में उसके शत्रुओं को पराजित करके उसे दिव्य फल प्रदान करते हैं। "अयमिह प्रथमो धायि धातृभिहाता यजिष्टो अध्वरेष्वीड्य: यमप्नवानो भृगवो विरुरुचुर्वनेषु चित्रं विम्बं विशेविशे।" 5- सामवेद के प्रथम अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त की स्तुति करते हुए कहा गया है कि - हे अनन्त परमेश्वर चित्रगुप्त आपकी महिमा अपरम्पार है, आप समस्त सृष्टि के भाग्य विधाता हो। "त्वं नश्चित्र ऊत्या वसो राधांसि चोय। अस्य रायस्त्वमग्नेरथिरसि विदा गाधं तु चे तु न:।" 6- यर्जुवेद के तीसरे अध्याय के अठ्ठरहवें मंत्र में उल्लेख है कि - "इन्धानास्तवा शतॅ् हिमा द्युमन्तॅ् समिधीमही। वयस्वन्तो वयस्कृतॅ् सहस्वन्त: सहस्कृतम्। अग्ने सपल्दम्भनमदब्धो सोअदाभ्यम्। चित्रवासो स्वास्तीय ते परमाशीय।" यजुर्वेद के इसी श्लोक को वशिष्ठ हवन पद्धति में ऐसे वर्णित किया गया है - "अत्रान्यदकस्पर्श: ॐ इन्धानास्तवा त्वाशतॅ् हिमाद्युमन्तॅ् समिधीमही। वयस्वन्तो वयस्कृतॅ् सहस्वन्त: सहस्कृतम्। अग्ने सपत्नदं भवनमदब्धासो अदाभ्यम्। चित्रवासो स्वास्तीय ते परमाशीय। स्वाहा। इदं चित्रगुप्ताय्।" विष्णु धर्म सूत्र (विष्णु स्मृति ग्रंथ के प्रथम परिहास में तो कायस्थ को *परमेश्वर* कहा गया हैं। येनेदेम स्वेच्छेया सर्वम मायामोहितम जगत । स जयत्याजितः *श्रीमान कायस्थ परमेश्वरः।* कमलाकरभट्ट कृत बृहत ब्रह्माखंड में श्री चित्रगुप्त के बारे में लिखा हैं:- *भगवान क्षत्रिय वर्णश्च समस्थान समुद्भवात्। कायस्थ्: क्षत्रिय: ख्यातो भवान भुवि विराजते॥* 🗿🍷🚩
महाभारत ___________ महाभारत (अनुशासन पर्व, अध्याय 130) में चित्रगुप्त की शिक्षा का वर्णन करते हुए पुरुषों को पुण्य और धर्मार्थ कार्य करने और यज्ञ करने की आवश्यकता बताई गई है , जिसमें कहा गया है कि पुरुषों को उनके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार पुरस्कृत या दंडित किया जाता है।
ऋग्वेद में बलिदान देने से पहले चित्रगुप्त का आह्वान करने का उल्लेख है। श्राद्ध या अन्य अनुष्ठानों के दौरान धर्मराज (न्याय के देवता) के रूप में चित्रगुप्त का विशेष आह्वान भी किया जाता है। "ओम तत् पुरुषाय विद्महे चित्रगुप्त धीमहि तेन लेखा प्रचोदयात्
ॐ श्री चित्रगुप्ताय नमः
Great.... Chitraguptay Namah, Proud to be KAYASTHA
ati sunder bhajan
जय हो चित्रगुप्त महाराज जी की आपकी सदा जय हो... 🌻🌹🙏
जय हो चित्रगुप्त जी की। 🙏🙏
Jai shri chitragupt जी महाराज
परब्रह्म परमात्मा परमेश्वर महाकाल कायस्थ धर्महरि धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त जी की जय हो।🙏🏻🙏🏻✨🙇🏻♀️🙇🏻♀️🙇🏻♂️🙇🏻♂️
Shri chitragupt puja ki hardik shubhkamanay 🙏
NYC song
Jai Kayasth
वंदनम वंदनम श्री चित्रगुप्त जी वंदनम
bahut sunder bhavmay bhajan
Lord chitragupt. ...son of maa saraswati
😂चित्रा इद राजा रजक, इदान्यके यके सरस्वतीमनु; पर्जन्य एव तत्नाद धी, बस्तरया सहस्त्रमायुता ददत|"
अर्थ- "चित्रा राजाओं के राजा हैं, और केवल राजा ही शेष हैं जो सरस्वती के पास रहते हैं, उन्होंने पर्जन्य की तरह अपनी बारिश से खुद को हजारों में फैलाया है, हां, असंख्य उपहारों के साथ।"
स्कंद पुराण, वाचस्पत्य, पृष्ठ 2043 में उद्धृत एक अन्य स्थान पर, राजा चित्र का विवरण देता है, जिन्हें विवस्वान, आदित्य या मित्र भी कहा जाता है, जो धन्य और पवित्र थे, जिन्होंने लंबे समय तक तपस्या करके 'बनने का वरदान प्राप्त किया था। भगवान सूर्य से 'सर्वज्ञ' (सर्वज्ञ), इस प्रकार दिव्य बुद्धि और अलौकिक शक्तियों का स्वामी बन गया। धर्मराज को, मनुष्यों के कर्मों का हिसाब-किताब रखने और उनके गुणों और अवगुणों के अनुसार न्याय करने के अपने कर्तव्य बहुत कठिन लगे, इसलिए उन्होंने राजा चित्र को अपने कर्तव्यों में सहायता करने के लिए धर्मपुरी में बुलाया। इस प्रकार चित्र नश्वर संसार से गायब हो गए और उन्हें चित्रगुप्त कहा जाने लगा, वह चौदह यमराजों या यम-पुरी (दक्ष स्मृति) के शासकों में से एक बन गए।
Wo kab se Maa Sarswati ke Bete ho gye 😂
जय चित्रगुप्त जी महाराज
जय चित्रगुप्त महराज जी की जय 🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🎉💐
Jai shri chitragupt maharaj ki....nice song guys
Jai चित्रगुप्त महाराज की जय
Bahut hi badhia bhajan
Jai hoo
Adbhut, avismarniya, classical, devotional, motivational chitragupt bhajan
shandar video
Jai ho
Is adabhut bhajan ke liye dil ki gahraiyon se naman..
Very nice vandna, my praud sri chitragupat ji maharaja. Sadanaman.
Proud to be kayastha 🚩🚩🚩
शानदार
Jai shri Chitraguptaay namah
chitraguptji ki jai
Nice song
*🙏धर्मराज श्रीचित्रगुप्त भगवान की जय🙏*
*🌹जय चित्रांश🌹*
*सीख लेनी है*
*तो "लहरों" से लीजिये*
*इसलिये नहीं कि वे उठती हैं*
*और गिर जाती हैं..!**
*बल्कि..जब भी गिरती हैं*
*नए जोश से*
*फिर उठ जाती हैं..!!*
*भाई बहन के पवित्र पर्व भैया दूज और कायस्थ समाज के आराध्य देव श्रीचित्रगुप्त भगवान के पूजन दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें* 💐🚩💐
🌹🙏 *सुप्रभात* 🙏🌹
Best devotional song
Sundaram bhajanam
One & Only great song based on kayastha unity which I never hear before, great message with motivational words which inspired all of us . Thanks to the writer of this song, chitraguptaya namah
1- ऋगवेद के पहले अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त का परिचय देते हुये कहा गया है कि - हे अंतर्यामी चित्रगुप्त,आप समस्त सृष्टि के कण कण में व्याप्त परमेश्वर हो एवं इस सृष्टि में निहित समस्त पदार्थ एवं समस्त प्राणी आप ही की पूजा के लिये बने हैं।
"इन्द्रा याहिचित्रभानौ सुता इमे त्वायव: आण्वीभिष्तना: पूतास:।"
2- ऋगवेद के प्रथम अध्याय में ही प्रभु चित्रगुप्त की महिमा का गुणगान वर्णित है कि जो भी प्राणी ओंकार चित्रगुप्त की पूजा आस्था से करते हैं, वो ऐश्वर्य, ज्ञान, धन, शुद्ध मन आदि से परिपूर्ण हो जाते हैं।
"त्वां चित्रश्रवस्तम हवन्ते विक्षु जन्तव:। शोचिष्केशं पुरुप्रियाग्ने हव्याय वोहृवे।"
3- ऋगवेद के चतुर्थ अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त को समस्त सृष्टि में व्याप्त सभी प्राणियों को धन, ज्ञान, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा, इत्यादि देने वाला साक्षात परमेश्वर कहा है।
"भूमिश्विद् द्यासि तूतुजुजिराचित्र, चित्रिणीष्वा ! चित्रम् कणोष्यूतये।"
4- यजुर्वेद के तीसरे अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त के सम्बंध में कहा गया है कि - समस्त प्राणियों के बीच एकता के स्रोत अक्षर ब्रह्म प्रभु चित्रगुप्त के शरण में जो भी प्राणी जाता है अविनाशी चित्रगुप्त युद्ध में उसके शत्रुओं को पराजित करके उसे दिव्य फल प्रदान करते हैं।
"अयमिह प्रथमो धायि धातृभिहाता यजिष्टो अध्वरेष्वीड्य:
यमप्नवानो भृगवो विरुरुचुर्वनेषु चित्रं विम्बं विशेविशे।"
5- सामवेद के प्रथम अध्याय में प्रभु चित्रगुप्त की स्तुति करते हुए कहा गया है कि - हे अनन्त परमेश्वर चित्रगुप्त आपकी महिमा अपरम्पार है, आप समस्त सृष्टि के भाग्य विधाता हो।
"त्वं नश्चित्र ऊत्या वसो राधांसि चोय। अस्य रायस्त्वमग्नेरथिरसि विदा गाधं तु चे तु न:।"
6- यर्जुवेद के तीसरे अध्याय के अठ्ठरहवें मंत्र में उल्लेख है कि -
"इन्धानास्तवा शतॅ् हिमा द्युमन्तॅ् समिधीमही।
वयस्वन्तो वयस्कृतॅ् सहस्वन्त: सहस्कृतम्।
अग्ने सपल्दम्भनमदब्धो सोअदाभ्यम्।
चित्रवासो स्वास्तीय ते परमाशीय।"
यजुर्वेद के इसी श्लोक को वशिष्ठ हवन पद्धति में ऐसे वर्णित किया गया है -
"अत्रान्यदकस्पर्श: ॐ इन्धानास्तवा त्वाशतॅ् हिमाद्युमन्तॅ् समिधीमही। वयस्वन्तो वयस्कृतॅ् सहस्वन्त: सहस्कृतम्।
अग्ने सपत्नदं भवनमदब्धासो अदाभ्यम्। चित्रवासो स्वास्तीय ते परमाशीय। स्वाहा। इदं चित्रगुप्ताय्।"
विष्णु धर्म सूत्र (विष्णु स्मृति ग्रंथ के प्रथम परिहास में तो कायस्थ को *परमेश्वर* कहा गया हैं।
येनेदेम स्वेच्छेया सर्वम मायामोहितम जगत ।
स जयत्याजितः *श्रीमान कायस्थ परमेश्वरः।*
कमलाकरभट्ट कृत बृहत ब्रह्माखंड में श्री चित्रगुप्त के बारे में लिखा हैं:-
*भगवान क्षत्रिय वर्णश्च समस्थान समुद्भवात्। कायस्थ्: क्षत्रिय: ख्यातो भवान भुवि विराजते॥*
🗿🍷🚩
Oum shree chitraguptaye namah
Shri chitragupt Maharaj ki Jai🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice song
Jai shri chitragupt bhagban 🙏
Shandar
shandar shivam
nice song
Happy chitragupt puja 🙏🙏
Jai Chitragupt ji Mahraj ki.
Jai Dada shri chitragupta bhagwan 🙏
Kayastha gaan... 👏👏 shri chitraguptay namh.🙇♂️ shri chitragupt ji maharaj sabhi pr aise hi kripa banaye rkhe
Sahi kaha bhai aapne
nice devotional song
great devotional song
nice lyrics with nice message for unity of kayastha
Jai shri chitragupt maharaaj
Adbhut lyrics writer ko pranam
Kayasth ka maan bahut hi Sundar geet ke madhyam se badhaya atah sabhi kayasth parivaron ki aur se aapka
nice bhajan
नीस lyrics
shandaar song
Well done
Great song
Innovative ideas
Great devotional chitragupt song
Very nice
Jay cottagupat mahraj
Awesome song
Super song
Nice vandana
very nice
really nice song
Ateeee uttam chitran
ओम चित्रगुप्त आए नमः
Adbhut shabd
very nice classical, devotional, inspirational song, chitraguptji is not only kayastha dev, he is god of all human beings in this world, naman
Right brother
right dost
Every kayastha must watch & share with all the kayastha of the world
महाभारत
___________
महाभारत (अनुशासन पर्व, अध्याय 130) में चित्रगुप्त की शिक्षा का वर्णन करते हुए पुरुषों को पुण्य और धर्मार्थ कार्य करने और यज्ञ करने की आवश्यकता बताई गई है , जिसमें कहा गया है कि पुरुषों को उनके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार पुरस्कृत या दंडित किया जाता है।
Shandaar
Nice
Amazing
Bahut bahut abhaar
what a devotional song, with heart touching appropriate lyrics
Jai chitragupt bhagwan
Nice............
Great words
great video
Geetkaar ki Jay ho
Great work
Creative
chitraguptaya namah
kayastha ekta gaan
Amazing!!
chitragupt maharaj ki jai🚩🚩🙏🙏🚩🚩
Nice video
ऋग्वेद में बलिदान देने से पहले चित्रगुप्त का आह्वान करने का उल्लेख है। श्राद्ध या अन्य अनुष्ठानों के दौरान धर्मराज (न्याय के देवता) के रूप में चित्रगुप्त का विशेष आह्वान भी किया जाता है।
"ओम तत् पुरुषाय विद्महे चित्रगुप्त धीमहि तेन लेखा प्रचोदयात्
adhbhut lyrics
Good one
Jai hind
Adbhut
nice
Great video
Innovative
No words
Best song
nice classical bhajan
Vidhya putra Pankaj ki Vijay ho.
very sweet song 🙏🙏🙏
So so so so good !!!!
Excellent
Good song
Nice lyrics
Jai ho
Nice vandana
Jai shree Chitrgupt Ji Maharaj
Jai shri chitragupt maharaaj