शरद जी नमस्कार।आपकी सत्यं पत्रकारिता को सलाम साहब । मोदी जी मुद्दों को छोड़ बस पिछली बातें करते हैं।जो सब व्यर्थ है । आज रोजगार महंगाई, किसान, छात्रों सडक पर है। हमें क्या चाहिए इमरजेंसी।
इमरजेंसी, में, देश, डाकुओ, जमाखोर, अतयचारीयो, के खिलाफ, थी, सिर्फ, परिवार नियोजन, के कारण, इनदिरागाघी, चुनाव, हारी, थी, आम, जनता, बहुत, खुश, थी, इमरजेंसी, का, फायदा, जनसध, ने उठाया, मेडिकल, मे, पवेश, उनके, बच्चों, को, मिला, मिसा, बनदी, नगदी, भी, मिला
😂 इमरजेंसी जैसी उस समय थी जनता को कोई परेशानी नहीं थी वास्तव में आम जनता जितनी दस साल में परेशान हैं उतनी तो कभी कांग्रेस को शासनकाल में परेशान नहीं रही वह आश्चर्य इस बात का है कि ये इस बात पर सर्च होना चाहिए कि जनता इन्हें किस कारण से बार बार सत्ता सौंप रही है
यह बात सहीहै कि नशबंदी वजह से इंन्द्राजी चुनाव हारी थी क्योंकि सरकारी कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ थे उनके भ्रष्टाचार पर भी पूर्ण विराम लग चुका था और कायदे-कानून के हिसाब से चलना पड़ रहा था बनियोंकोभी लूटने का मौका नहीं मिल रहा था
इमरजेंसी को कई लोग पसंद भी करते थे. ये आम लोग थे जो इमरजेंसी के समय में अधिकतर चीज़ों के भाव कम हो गए थे, हर आइटम के रेट दुकानों के बाहर बोर्ड पर लिखा मिलता था, रेल समय से चल रही थी, हर जगह से भ्रष्टाचार लगभग ख़त्म हो ही गए थे और सरकारी संस्थानों में तो सभी कर्मचारी और अफसर एकदम से सही काम करते हुए और समय पर काम पूरा करते हुए देखे गए - सभी से बहुत खुश थे.
दलित और आदिवासी लोगोंके लाखो बच्चोंको बँकिंग/इन्शुरन्स कंपनी में नोकरिया लगीन थी...इस इसासे हजारो कुटुंबे आर्थिक दृष्ट्या प्रगत होत पाये है! सावकारी करनेवाले घबरा गये थे!
सत्ता पक्ष के एस सी एस टी के सभी सांसद अंतःकरण की आवाज़ पर इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर दलित सांसद के. सुरेश के स्पीकर की उम्मीदवारी का समर्थन करें और उन्हें विजयी बनाएं
महामहिम को श्रेय लेने के लिए ही स्वंभू भगवान बने है। जैसे, पहले मुंह पर रहता था मेरी परम् पूज्य माता श्री ने बर्तन धोए है मैंने चाय बेची है। मैं अवतारी गंगा पुत्र हू। मैंने १९७१ के बंगाल देश को आजादी दिलाने में युद्ध में था। मेरा मुस्लिम मतों के घर पला हूं मेरे घर पर खाना खाया है। मैं पैगम्बर एवं गुरु नानक हूं।ईसा मसीह को मैंने फांसी लटकते समय खुद खड़ा था इत्यादि। महामहिम से प्रार्थना है कि उसका भी बिबरण दें और अमल करें कि खुद चुनाव में ११६नं पर कैसे आगये जब कि शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य ने रिकार्ड तोड जीत हासिल की
Simple logic hai ki emergency ki Zimmedar ko 1977 mn janta ne saza de dee. Lekin same janta ne 1980 mn dobara unhi Indira g ko satta de dee. Yaani chapter close. 1977 k baad 5 baar congress General election jeet chuki . Ab kya meaning hn emergency ki baat k ? Apni baat karo ab modi g .
इमरजेंसी में जब तुर्कमान गेट कांड हुआ था तो तत्कालीन संघ और जनसंघ ने जोर शोर से भाग लिया था और इंदिरा जी को सपोर्ट किया था,उस समय साहब का कहीं अता-पता नहीं था।
जिस प्रकार से पुराने समय में औरतें अपने झगड़े में मुद्दे से हट कर झगड़ा करती थी इधर-उधर की बातों में उलझाकर उसी प्रकार असफल महामहिम राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं। परिवार बाद या युवराज एवं कई भावनात्मक विचार प्रकट कर रहे हैं
एमरजेंसी के दौरान बालाजी देवरस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 1976 में RSS की रैली की थी और उसमें स्पष्ट शब्दों में जनसंघ को भला बुरा कहते हुए कांग्रेस के समर्थन की बात की थी। वह बात अलग है कि उसी समय इंदिरा गांधी ने साम्प्रदायिक संगठन होने के कारण RSS का साथ लेने से इंकार कर दिया था। उन दिनों में RSS का ज़ोर यूपी और महाराष्ट्र में था, लेकिन गुजरात में निल था।
हम अपात्काल मे नागरिक आजादी का खात्मा किया गया था. आज मोदी सरकार अघोषित अपात्काल कर लोकतंत्र लहूलुहान होरहा हैं हम उस दौर में 19माह निरूद्ध थे आज लोकतंत्र को खत्म कर नौकरशाही के चंगुल में फंस गया है
Sharad ji, good that you pulled in Saeed Naqvi in the debate. People like him and Vinod Sharma have a lot in their stomach that enlightens younger generation in a positive direction.
@@chetantiwari5062 Modiji ne yeh baat Bangladesh liberation ke 50th Anniversary per shayad kaha tha. Iska confirmation kisi historian ko karna chahiye.
मैंने १९७६ में १२ वीं पास किया था एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएससी का छात्र था। वो ऐसा दौर था जब विश्वविद्यालय बिल्कुल सही समय पर चलता था एवं इतना अनुशासन था जो मैंने आज तक नहीं देखा है।
बिलकुल सही है, आपातकाल एक अनुशासन पर्व था। अनुशासन पर्व संवैधानिक था । वैसे हम विद्यार्थीगण ने जे पी मूवमेंट के दौरान इमरजेंसी का विरोध किया था। मूवमेंट के दौरान हमलोग काफी सक्रिय थे , किंतु मोदीजी और अमित शाह का नाम दूर दूर तक नहीं सुना था ।
Wah !! Modiji has many qualities-- M. A in all.politial sc. Historian , god, freedom fighter, God, Vishwaguru, saviour of democracy and constitution of India etc. He is not an ordinary man. 😮😮. May god.bless him.
He is my age. My dad was 55 yrs and was harassed for no reason. He was forced to opt for voluntary retirement. Even after lifting of emergency, government took 18 months , later in September 1976 agreed to offer him director, civil aviation whereas he was due for director industries , as he was in -charge of cements and possibly he had used his discretion to allot under discretion quota . That , did the damage because the affected areas one was close to Sanjay Gandhi. Our lives were destroyed We moved forward, never complained We remained trustworthy to the government. We never.celebrated ‘“black day”. One should be positive in life. Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏
श्री शरत जी आपका विश्लेषण और वार्तालाप, संवाद पसंद आया, भाजपा और आर एस एस नेताओं पोल खोल दी। भाजपा नेता नौटंकी कर रहे है। हमने गोदी मिडिया देखना बंद कर दिया।
The esteemed channel " Satya Hindi" is playing s great , brave, n very much coomrndable role to expose the ongoing hidden reality of political, rconomical n social facts of the country. The channel deserves high appreciation with deep thanks with love n respect.
बहुत उच्चकोटि का संवाद । लेकिन मुझे लगता है कि इस प्रकार के गंभीर विषय पर एक कार्यक्रम में दो या तीन से ज्यादा लोग नहीं बुलाने चाहिये ताकि सबको अपनी बात कहने का पूरा मौक़ा भी मिले और वार्ता में बिखराव कम से कम हो ! आप बधाई के पात्र हैं । 🌹
Was not preventing Farmers march to Delhi by fixing nails on the roads water bullet usage barricading the route democratic act but worse than that enacted in an 18:07 Emergency. What about dragging of Women wrestlers protesting against sexual harrassment or parading of women naked. Such things did not happen in Emergency.
The biggest achievement during emergency period was punctuality of govt employees in offices , & railways running at time accountability for late running of trains . Security of public on Delhi roads during night even and many more . No one will tell such things .
Emergency के समय बंशी लाल, धवन, राजनारायण, जय प्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह, देवीलाल, संजय गांधी , इंदिरा गांधी, मुरली मनोहर जोशी, अटलजी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई, आदि काफी सक्रिय नेता थे।
देश की वास्तविक और अत्यधिक महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए न पक्ष न विपक्ष, दोनो ही एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रतियोगिता में व्यस्त हैं। बेहतर होता कि दोनों में से कोई भी एक पहल करता कि चलो अब हम मुख्य समस्याओं पर विचार विमर्श करें
शरद जी नमस्कार।आपकी सत्यं पत्रकारिता को सलाम साहब ।
मोदी जी मुद्दों को छोड़ बस पिछली बातें करते हैं।जो सब व्यर्थ है ।
आज रोजगार महंगाई, किसान, छात्रों सडक पर है।
हमें क्या चाहिए इमरजेंसी।
क्यों की भविष्य के बारे में अच्छा सोचने की शक्ति नहीं। भाजपा नेता में।
अयोग्य और धुर्त ब्यक्ति ही अपनी कमजोरी और अयोग्यता को छुपाने के लिए इतिहास का सहारा लेता है।
धुआं धुआं - मखमली मक्कारी - घर के सारे बल्ब बदल डालूंगा - पिछले दस सालों में देश में सर दर्द निवारक दवाओं की खपत दो सौ गुना बढ़ गयी है
आर एस एस प्रमुख बाला साहेब देवरस ने एमरजैंसी को अनुशासन पर्व बोल कर एमरजैंसी का सर्मथन किया था
ऊस वक्त सब नौकरशाहों ठीकाने आ गये थे ।
वह इमरजेंसी संविधान सम्मत थी और कानून का पालन होता था ।
इन्दिरा गांधी जी द्वारा लगाई जाने वाली इमरजेंसी उस समय के लिए बिल्कुल सही कदम था
Absolutely correct
हिंदू नेता राहुल
इमरजेंसी, में, देश, डाकुओ, जमाखोर, अतयचारीयो, के खिलाफ, थी, सिर्फ, परिवार नियोजन, के कारण, इनदिरागाघी, चुनाव, हारी, थी, आम, जनता, बहुत, खुश, थी, इमरजेंसी, का, फायदा, जनसध, ने उठाया, मेडिकल, मे, पवेश, उनके, बच्चों, को, मिला, मिसा, बनदी, नगदी, भी, मिला
😂 इमरजेंसी जैसी उस समय थी जनता को कोई परेशानी नहीं थी वास्तव में आम जनता जितनी दस साल में परेशान हैं उतनी तो कभी कांग्रेस को शासनकाल में परेशान नहीं रही वह आश्चर्य इस बात का है कि ये इस बात पर सर्च होना चाहिए कि जनता इन्हें किस कारण से बार बार सत्ता सौंप रही है
यह बात सहीहै कि नशबंदी वजह से इंन्द्राजी चुनाव हारी थी क्योंकि सरकारी कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ थे उनके भ्रष्टाचार पर भी पूर्ण विराम लग चुका था और कायदे-कानून के हिसाब से चलना पड़ रहा था बनियोंकोभी लूटने का मौका नहीं मिल रहा था
उस समय के आर एस एस प्रमुख ने आपातकाल में लिखित माफ़ी मांग कर जेल से बाहर आए थे
मैने भी 1975 में नरेंद्र मोदी बोल कर किसी का नाम नही सुना था न इस नाम का कोई "चिड़िया" भी नहीं था उस समय ।
हमने तो 2014 चुनाव के वक्त सुना था इनका नाम, तब वो बायोलॉजिकल थे तो नाम सुना था, नॉनबायोलॉजिकल तो अनाम होता है, इसलिए धीरे धीरे नाम धूमिल रहा है 😂
इस देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि इतने पढ़े लिखे लोगों को एक अनपढ़ व्यक्ति के विषय में बैठकर चर्चा करनी पड़ रही है
@@asadmohd752 😂😂😂
शानदार विश्लेषण। लोक सभा मे विपक्ष को अपमानित करने वाला व्यक्ति लोकतंत्र का समर्थक कभी नही हो सकता ढोग कर सकता है
इमरजेंसी को कई लोग पसंद भी करते थे. ये आम लोग थे जो इमरजेंसी के समय में अधिकतर चीज़ों के भाव कम हो गए थे, हर आइटम के रेट दुकानों के बाहर बोर्ड पर लिखा मिलता था, रेल समय से चल रही थी, हर जगह से भ्रष्टाचार लगभग ख़त्म हो ही गए थे और सरकारी संस्थानों में तो सभी कर्मचारी और अफसर एकदम से सही काम करते हुए और समय पर काम पूरा करते हुए देखे गए - सभी से बहुत खुश थे.
You have stated the Facts. Thank You.
दलित और आदिवासी लोगोंके लाखो बच्चोंको बँकिंग/इन्शुरन्स कंपनी में नोकरिया लगीन थी...इस इसासे हजारो कुटुंबे आर्थिक दृष्ट्या प्रगत होत पाये है! सावकारी करनेवाले घबरा गये थे!
Common people were happy during emergency..
Bilkul sahi
Yeh bilkul sach hai emergency mein sab kuch bahut accha tha, Iam 76 yrs now I have seen that time
राहुल जी सर की बात एकदम सही है हमारे अनेक लोगों ने अब गोदी मीडिया का बहिष्कार कर यू ट्यूब चैनलो को ज्यादा सुनना पसंद करना शुरू कर दिया है
असफल व्यक्ति हमेशा इतिहास का रोना रोता है
तो फिर पाकिस्तान क्यों बनाया ? गधे इतिहास से नहीं सिखते
यह तो इतिहास भी नहीं बल्कि झूठा इतिहास बना कर उसका रोना रोते हैं, यानि इतिहास का भी उपहास। 😂
सत्ता पक्ष के एस सी एस टी के सभी सांसद अंतःकरण की आवाज़ पर इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर दलित सांसद के. सुरेश के स्पीकर की उम्मीदवारी का समर्थन करें और उन्हें विजयी बनाएं
महामहिम को श्रेय लेने के लिए ही स्वंभू भगवान बने है। जैसे, पहले मुंह पर रहता था मेरी परम् पूज्य माता श्री ने बर्तन धोए है
मैंने चाय बेची है। मैं अवतारी गंगा पुत्र हू। मैंने १९७१ के बंगाल देश को आजादी दिलाने में युद्ध में था।
मेरा मुस्लिम मतों के घर पला हूं मेरे घर पर खाना खाया है।
मैं पैगम्बर एवं गुरु नानक हूं।ईसा मसीह को मैंने फांसी लटकते समय खुद खड़ा था इत्यादि।
महामहिम से प्रार्थना है कि उसका भी बिबरण दें और अमल करें कि खुद चुनाव में ११६नं पर कैसे आगये जब कि शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य ने रिकार्ड तोड जीत हासिल की
आपातकाल में नुकसान हुआ परन्तु फायदा भी मिला हर विभाग में चुस्ती और फुर्ती दिखाई देता था, सबसे बड़ी बात बाजार पुरी तरह नियंत्रण में था।
Modi ne 1857 ke swatantrata sangraam mein bhi bhag liya tha.😢😢
Jaise gandhi bhag gya tha
Quite possible. He must have been sent by God to help the needy.
1857 ke sangraam se bhee iska naata hai.
Emergency मे एक साथ 100 सासंद निलम्बित नही हुए ,
जैसा कि स्पीकर (बीजेपी ) ने पिछली लोकसभा मे किया
अघोषित आपातकाल।
मीडिया और मोदी दोनों की विश्वसनीयत बहुत पहले समाप्त हो चुकी थी।
आपातकाल को इसलिए उछाला जा रहा कि मैं भी अगर आपातकाल लगाऊं तो किसी को क्या ऐतराज होगा।
Simple logic hai ki emergency ki Zimmedar ko 1977 mn janta ne saza de dee. Lekin same janta ne 1980 mn dobara unhi Indira g ko satta de dee. Yaani chapter close.
1977 k baad 5 baar congress General election jeet chuki . Ab kya meaning hn emergency ki baat k ?
Apni baat karo ab modi g .
जावेद अंसारी साहब झूठी गवाही देने के मोदी जी को कई पुराने आर एस एस प्रचारक मिल जाएंगे
अब सड़क पर आकर अगर पत्रकार उतर जाएं किसी भी विरोध में तो उनका क्या हाल होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।क्योंकि अभी अघोषित आपातकाल है।
1857 ka vidroh mei Narendra Modi asli leader tha.
Very nice and interesting debate all the panel views and thoughts are outstanding and mind blowing
Yeah, all the speakers looked quite blown out. What will they do when Modi is sworn in for the 4th time
कौन-कौन चाहता हैं कि अंहकारी मोदी जी को जेल में चला जाना चाहिए ।
पुरा भारत चहाता है
Aur Vo Jail Himalaya Parvat Par a Kutiya Honi Chajiye.
महामहिम के प्रति अशोभनीय टिप्पणी नहीं करना चाहिए वह अपने झोला लेकर चौराहे पर अपने आप ही घोषणा कर देंगे
Corporate field ko chhodkar sab garib, middle class, berojgar uva, mahila, dalit pichhda , students sab chahte hai modi ji se chhutkara.
Koi nahi
1975 में इमर्जैंन्सी लगी इतनी पुरानी बात पर चर्चा करके समय की बर्बादी है।
Abhi kya chal raha hai kisko nahi pdi
अगर ताजमहल को तेजोमहालय सिद्ध कर सकते हैं तो इन rss प्रचारकों को संविधान भक्त भी साबित कर देंगे ।
😂😂
फिक्र दिल के साथ चाहे सौ लगी रहे !
आशिक की शर्त है कि हरदम लौ लगी रहे !!🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤
I was 29 yrs when Emergency was declared and I remember not having seen Modis name appearing even once in newspapers.
इमरजेंसी में जब तुर्कमान गेट कांड हुआ था तो तत्कालीन संघ और जनसंघ ने जोर शोर से भाग लिया था और इंदिरा जी को सपोर्ट किया था,उस समय साहब का कहीं अता-पता नहीं था।
राहुल देव जी बहुत सही कहते हैं लगातार काम करना पड़ेगा चाहें जो हो. सहना ही पड़ेगा मजबूती भी मिलेगी. 💞🙏🏾
Modi was 25 years old when emergency was declared and as per his own admission he was begging for 35 to 40 yrs!
राजेश जी ने भी दो टूक बात कही. नेहरू के समय कितनी बैठके हुईं और आज कितनी हुईं?
💞🙏🏾
केवल एक काम १० साल में ३७०हटा तो कुछ ठीक हुआ। मंदिर में भी पानी टपकने लगा। यदि बराबर इन्क्वायरी होगी तो यूपीए दो से ज्यादा घपले निकल सकते हैं
Gupgar gang ko 370 hatake jimma kar Diya
Domicyl 15 baras ka lagake shesh bharat ko
Waha rahne se maharoom kar diya.
आतंकी हमले तो फिर भी हैं ।कश्मीरी जनता नाराज और हो गयी है ।
Atankwadi hamle aur bad gaye
जिस प्रकार से पुराने समय में औरतें अपने झगड़े में मुद्दे से हट कर झगड़ा करती थी इधर-उधर की बातों में उलझाकर उसी प्रकार असफल महामहिम राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं। परिवार बाद या युवराज एवं कई भावनात्मक विचार प्रकट कर रहे हैं
एमरजेंसी के दौरान बालाजी देवरस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 1976 में RSS की रैली की थी और उसमें स्पष्ट शब्दों में जनसंघ को भला बुरा कहते हुए कांग्रेस के समर्थन की बात की थी। वह बात अलग है कि उसी समय इंदिरा गांधी ने साम्प्रदायिक संगठन होने के कारण RSS का साथ लेने से इंकार कर दिया था। उन दिनों में RSS का ज़ोर यूपी और महाराष्ट्र में था, लेकिन गुजरात में निल था।
Modi ji ne BJP ko ab Bhartiya Jhansa Party bana diya hai.
मोदी जी उस समय तपस्या कर रहे होंगे,क्योंकि उन्होंने 35-40 साल तपस्या की 🤣🤣🤣
Country is bad luck to choose 3rd time uneducated pm
हम आपके बहुत ही धन्यवादी सदा रहेंगे, हमे वास्तविकता से जागृत करते रहें
हम अपात्काल मे नागरिक आजादी का खात्मा किया गया था. आज मोदी सरकार अघोषित अपात्काल कर लोकतंत्र लहूलुहान होरहा हैं हम उस दौर में 19माह निरूद्ध थे
आज लोकतंत्र को खत्म कर नौकरशाही के चंगुल में फंस गया है
Bahut accha debate lag raha hai , Congratulations
What a wonderful discussion, this is called the state reformed journalism.
लोग कहते हैं कि मोदी नहीं तो कौन ?
Aap sabhi वरिष्ठ पत्रकार कृपया इसका उतर जरूर दे क्योंकि andhbhgaton के लिए ये सबसे बड़ा सवाल है 😅
Then declared emergency was as per constitutional provision,now undeclared emergency is outside constitution.
मेरे भाई ने भी तारीफ की थी। सब जगह काम अच्छा हो रहा है।
The more they assert to glorify his being, the more of him gets exposed about the being = law of karma and dharma for this existence
Saeed Naqvi sahab ko bahut din baad sun ne ka mauka mila. Respect 🎉 and love from a fan, 80.
लाजवाब और सौहार्दपूर्ण सारगर्भित बात चीत के लिए देशहित में हृदय से आप सब को साधुवाद है !🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Voting for speaker's post should be done by paper ballot not electronically. You know what I am trying to say 🙏
Sharad ji, good that you pulled in Saeed Naqvi in the debate. People like him and Vinod Sharma have a lot in their stomach that enlightens younger generation in a positive direction.
जब बंगलादेश आंदोलन मे मोदी जी की महती भूमिका थी, उसी प्रकार इमरजेंसी विरोधी आंदोलन मे भी मोदी जी की महती भूमिका थी, देश की जनता को भी यह समझना चाहिए!
@@chetantiwari5062 Modiji ne yeh baat Bangladesh liberation ke 50th Anniversary per shayad kaha tha. Iska confirmation kisi historian ko karna chahiye.
These are Living Legends, we are watching and listening them. Respect you all. ❤❤❤❤
मैंने १९७६ में १२ वीं पास किया था एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएससी का छात्र था। वो ऐसा दौर था जब विश्वविद्यालय बिल्कुल सही समय पर चलता था एवं इतना अनुशासन था जो मैंने आज तक नहीं देखा है।
भोजपुरी में एक कहावत है कि "पिसान पोत के भण्डारी बनना" हमारे महामानव को इसमें महारत हासिल है।
विनोबा से तो मिले ही होगे।
मोदी।
पता करके हमें भी बताना।
Salute Sirji aap sabhon ko. Ishwar aaplogon ki raksha karein. 👍👍👍👍
बिलकुल सही है, आपातकाल एक अनुशासन पर्व था। अनुशासन पर्व संवैधानिक था । वैसे हम विद्यार्थीगण ने जे पी मूवमेंट के दौरान इमरजेंसी का विरोध किया था। मूवमेंट के दौरान हमलोग काफी सक्रिय थे , किंतु मोदीजी और अमित शाह का नाम दूर दूर तक नहीं सुना था ।
Wah !! Modiji has many qualities-- M. A in all.politial sc. Historian , god, freedom fighter, God, Vishwaguru, saviour of democracy and constitution of India etc. He is not an ordinary man. 😮😮. May god.bless him.
Good panel love u all
I 1000% AGREE WITH RESPECTED SHR RAHUL DEV FACTS MENTIONED.ALL TEAM OF SATY HINDI CHANNEL THANKS FOR SUCH PRESENTATION.
He is my age. My dad was 55 yrs and was harassed for no reason. He was forced to opt for voluntary retirement. Even after lifting of emergency, government took 18 months ,
later in September 1976 agreed to offer him director, civil aviation whereas he was due for director industries , as he was in -charge of cements and possibly he had used his discretion to allot under discretion quota .
That , did the damage because the affected areas one was close to Sanjay Gandhi.
Our lives were destroyed
We moved forward, never complained
We remained trustworthy to the government.
We never.celebrated ‘“black day”.
One should be positive in life.
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏
Sirs The respectful language you are using for Modiji under today's scinerio is really great, weather he deserves it or not is a big question mark.
श्री शरत जी आपका विश्लेषण और वार्तालाप, संवाद पसंद आया, भाजपा और आर एस एस नेताओं पोल खोल दी। भाजपा नेता नौटंकी कर रहे है। हमने गोदी मिडिया देखना बंद कर दिया।
इमर्जेंसी के बाद जनता कई बार कांग्रेस को सत्ता में लाई है
The esteemed channel " Satya Hindi" is playing s great , brave, n very much coomrndable role to expose the ongoing hidden reality of political, rconomical n social facts of the country. The channel deserves high appreciation with deep thanks with love n respect.
Best conversation in today's time thanks to all participants
वर्तमान अघोषित अपत्काल जो 10 साल से है वो उससे कहीं ज्यादा गलत है
बहुत उच्चकोटि का संवाद । लेकिन मुझे लगता है कि इस प्रकार के गंभीर विषय पर एक कार्यक्रम में दो या तीन से ज्यादा लोग नहीं बुलाने चाहिये ताकि सबको अपनी बात कहने का पूरा मौक़ा भी मिले और वार्ता में बिखराव कम से कम हो !
आप बधाई के पात्र हैं । 🌹
युवावस्था में भीक्षा मांग कर कौन खा रहा था ?
Excellent discussions conducted by all members of the Panel to the point to point
गुरूद्वारे में रहते थे और सिखी की जडें काटते हैं ।
Bilkul hamare dil ki bat Ki chahe emergency ho ya aajadi ki ladai Modi ji jaise kahin nahi rahe.
Par Excellence Discussion and Dialogue Thank you, sir...
MODIJI WAS PRACHARAK ALL OVER HINDU BHARAT NOT ONLY IN GUJARAT.
युवावस्था में भीक्षा भी तो मांगते थे।
वास्तविक एवं सही तथ्यों पर आधारित चर्चा का साधुवाद
संघ को अब सरकारी करण में शामिल करने की जरुरत है। अन्यथा कुछ समय बाद फिर से अघोषित आपात काल लगाने आ जायेगी।
Was not preventing Farmers march to Delhi by fixing nails on the roads water bullet usage barricading the route democratic act but worse than that enacted in an 18:07 Emergency. What about dragging of Women wrestlers protesting against sexual harrassment or parading of women naked. Such things did not happen in Emergency.
Mujhe wo Rahul Deo ji ka smile bada acha laga 14.05 minute par 😂
आज की स्तिथि इमरजेंसी से बहुत ज्यादा खराब है। उस समय आम आदमी के लिए कानून व्यवस्था बहुत अच्छी थी।
बच्चो के लिए पहले टी वी पर छोटा भीम और मोटू पतलू जैसे सीरियल आते थे अब गोदी मीडिया को मोदी शाह सीरियल चलाना चाहिए
Kanpur me Saraswati Vidya Mandir ke ek sanchalak hamre sath RBI me hamare sahkarmi the unhone mafia mang kar apani naukari bacha thi.
The biggest achievement during emergency period was punctuality of govt employees in offices , & railways running at time accountability for late running of trains . Security of public on Delhi roads during night even and many more . No one will tell such things .
Emergency के समय बंशी लाल, धवन, राजनारायण, जय प्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह, देवीलाल, संजय गांधी , इंदिरा गांधी, मुरली मनोहर जोशी, अटलजी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई, आदि काफी सक्रिय नेता थे।
Rajesh Badal is right
Very fine and knowledgeable debate
Modi g ko duniya ka ekmaatr KOTLER AWARD bhi mila tha PM hone k baad. Yh award aaj taq kisi ko nahi mila, na Modi g se pahle, na baad mn .
Forget it now, what happened before .
देश की वास्तविक और अत्यधिक महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए न पक्ष न विपक्ष, दोनो ही एक दूसरे को नीचा दिखाने की प्रतियोगिता में व्यस्त हैं। बेहतर होता कि दोनों में से कोई भी एक पहल करता कि चलो अब हम मुख्य समस्याओं पर विचार विमर्श करें
"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को तो एक ही मोदी काफ़ी था I
हर कुर्सी पर जब मोदी बैठा हो अंजाम गुलिस्ताँ क्या होगा II
Excellent journalists truth
मोदी आपातकाल में सो रहे हैं जलदी उठाओ, आपातकाल पर राजनीती कर रहे हैं तो इनके पाप धूल जाएंगे😂😂
He must have played a big role during 1857 Freedom Struggle also, quite possible.
Too much appreciative analysis in this debate by all penalists of this munch,, Thanks to all penalists
Learn these learned people How they have been lived together and respect each other. ❤
Indira had the guts to openly declare it and withdraw it. The BJP Govt does it surreptitiously lest they may be tarred with same brush!!!!!
शरत भाई मोदी जी कभी मोर भी बन जाते थे👻👻👻
भाई आपने एक चैनल पर हर्षवर्धन त्रिपाठी को जो धोया है कि मजा आगया।
बहुत खूब पर्दाफ़ाश 👍🏻