इस भजन में प्रभु राव जी ने बोला कि इंसान की आत्मा में भगवान है इंसान को भोग लगाओ आत्मा में परमात्मा है आत्मा को भोग लगाना है इंसान को नहीं अगर आत्मा खा सकती है तो आप भोग लगा सकते हो लेकिन आप नहीं खा सकते हो मेरा मन का सवाल अगर जवाब हो तो जरूर देना
Hiralal Ji ne Satya kaha pathar mein to Bhagwan nahin hai Hiralal ji Ko kisi ne atmaram dikha diya isliye yah Satya se parichit hai Guru gosai Ji Maharaj ki
पत्थर में देवत नहीं है यह विचारधारा का तर्क वितर्क है दोनों के तर्क अपनी अपनी जगह सही है ईश्वर कण कण में है तो फिर इंसान मूर्ति में भगवान को क्यों ढूंढते हैं हर एक मानव मानव में आपसी प्रेम भाईचारा होना चाहिए और कोई भी किसी के साथ शोषण अत्याचार छुआछूत भेदभाव नहीं होना चाहिए पर हमारे लोगों में पाखंडवाद बहुत है मानव मानव में परमात्मा को पहचानने की आवश्यकता है
हिरालाल जी भगवान श्री सांवलिया सेठ जी के ही करोड़ों रुपए क्यों आते है भगवान श्री चारभुजा नाथ हर गांव मैं है वहां क्यु नहीं निकलते है और आप को बिना जाने ताला खोलने की बात नहीं करनी चाहिए
भजन गाने वाले से अनुरोध है कि आप मस्जिद के पास अपना प्रोग्राम रखो और वहाँ पर कहना कि मस्जिद में अल्लाह नहीं। हीरा लाल जी को पता लग जायेगा। हिन्दुओं के भगवान के लिए कैसा भी भजन बना लो। मुसलमानों के लिए कुछ बोलो तो पता चलेगा।
बहुत ही शानदार भजन
जो लोग नहीं मानते हैं उनके लिए
इस भजन में प्रभु राव जी ने बोला कि इंसान की आत्मा में भगवान है इंसान को भोग लगाओ आत्मा में परमात्मा है आत्मा को भोग लगाना है इंसान को नहीं अगर आत्मा खा सकती है तो आप भोग लगा सकते हो लेकिन आप नहीं खा सकते हो मेरा मन का सवाल अगर जवाब हो तो जरूर देना
भजन गाने वाला मूर्ख हैं।
हिरा लाल जी आप सही कहें रहे ईश्वर पत्र में देवत नहीं में आपके साथ है
Arjun Singh मुकेश जी राव पतर में देवता नहीं मैं कन्हैया दास जी वैष्णव जी का चला हु
हीरा जी की हवा निकल गई 😂😂😂
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मुकेश कुमार जी पतर देश नहीं मैं अजुरन सिंह कहें
नरेश कोहली आपको आते हैं तो आप भी एक बार करके तो दिखाओ
Hiralal Ji ne Satya kaha pathar mein to Bhagwan nahin hai Hiralal ji Ko kisi ne atmaram dikha diya isliye yah Satya se parichit hai Guru gosai Ji Maharaj ki
भाई साहब यह तोभजनहै
पत्थर में देवत नहीं है
यह विचारधारा का तर्क वितर्क है
दोनों के तर्क अपनी अपनी जगह सही है
ईश्वर कण कण में है तो फिर इंसान मूर्ति में भगवान को क्यों ढूंढते हैं
हर एक मानव मानव में आपसी प्रेम भाईचारा होना चाहिए और कोई भी किसी के साथ शोषण अत्याचार छुआछूत भेदभाव नहीं होना चाहिए
पर हमारे लोगों में पाखंडवाद बहुत है
मानव मानव में परमात्मा को पहचानने की आवश्यकता है
अगर पत्थर में देवत नहीं होता तो अजमल जी ने मूर्ति को लड्डू मारा ओर भगवान विष्णु को सिर में कैसे लगा
की भजन क्या चीज है
इनको बोलो पत्थर में देवत है तभी यहां पर भजन गा रहे हो बाकी नहीं होते तो कहींघूमते होते हैं
क्या हीरालाल जी को और दूसरे भजन नहीं आते हैं क्या
हिरालाल जी भगवान श्री सांवलिया सेठ जी के ही करोड़ों रुपए क्यों आते है भगवान श्री चारभुजा नाथ हर गांव मैं है वहां क्यु नहीं निकलते है और आप को बिना जाने ताला खोलने की बात नहीं करनी चाहिए
हीरालाल जी वैसे आता भी क्या है दूसरा भजन आता भी नहीं हैना आए तो कहते हैं नहीं आए तो क्या करें
निर्गुण भजन में समझते हो क्या क्या होता है निर्गुण हीरालाल जी सिर्फ आत्म ज्ञान की बात
भजन तो हैंग आवे भजन की खबर कोनी
नरेश जी पहले पूरा भजन सुन
आप भीजावोगभीतोपताचलेगा
भजन गाने वाले से अनुरोध है कि आप मस्जिद के पास अपना प्रोग्राम रखो और वहाँ पर कहना कि मस्जिद में अल्लाह नहीं।
हीरा लाल जी को पता लग जायेगा।
हिन्दुओं के भगवान के लिए कैसा भी भजन बना लो।
मुसलमानों के लिए कुछ बोलो तो पता चलेगा।
देवी देवताओं का अपमान होता है और मेलें में बैठे लोग तालियां बजा रहे है जो बिल्कुल ही गलत
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पत्थर मे भगवान नही हे तो भजन क्यो गा रहे हो दुकान बंद करो अपनी