मैं भी ब्राह्मण हूं ।विध्यांचल से 50 कि मी पश्चिम मेरा गांव है । देवी में अगाध श्रद्धा होने के कारण साल में कई बार जाता था लेकिन इन पंडो की लूट घसोट से तंग आकर मैंने जाना ही छोड़ दिया । पिछले साल कई लोगो से तारीफ सुनकर 20 साल बाद देवी के धाम पहुंचा । सरकार विकास तो दिखा लेकिन पंडो की लूट घसोट वैसी ही जारी है । क्या योगी सरकार इन अधर्मी, पाखंडी, पापाचारी पंडो से विंध्याचलधाम को मुक्त करा पाएगी ।
भाईसाहब इस योजना से इन पंडो को छोड़कर सभी खुश हैं क्योंकि ये पंडे जबरजस्ती पैसे लेते हैं और पैसे ना देने पर अच्छे से दर्शन नही करने देते। बाकी मेरी बात किसी जाति के खिलाफ नही बस विंध्याचल जी के पंडो के लिये है
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
इसी को कहते हैं जातिवाद, भाई साहब कितने अदब के साथ कह रहे हैं ये तो हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, कोई और जाति की महिला या पुरुष क्यों नहीं पंडा बन सकता है,
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।जहां तक महिला पुजारी की बात है शायद मन्दिर से ही सटी अन्नपूर्णा मन्दिर आप नही गए।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।आप कह रहे पूरा प्रशासनिक कर दिया जाए।आपको बता दूं प्रशासनिक संस्था है यहां।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
पूरा गिरोह है कि 3/4 महीने पहले ही गया था कार स्टैंड का पैसा दो फिर इनको रोड पर खड़े करने का अलग से दो दुर्व्यवहार के कारण जाने का मन नही करता दुबारा । गिद्ध की तरह टूट पड़ते है । यह लिखने से किया गया बर्ताव भूल नही जाएगा कोई उनसे मेरी व्यतिगत दुश्मनी थोड़ी है पर जो व्यवहार है तो वो तो बोलूंगा ही पूरी तरह प्रसासनिक कर देना चहिये केवल एक पुजारी को रख कर
@@abhi_2462 भाई अब भी आप समझ नहीं पाये आप हमेशा से अपने परिवार पण्डा समाज का समर्थन करते आये हैं पर ये नहीं देख रहे हैं की पण्डा लोग जबरन दक्षिणा लेते हैं श्रद्धालुओं से, जो की गलत है सरासर गलत है भाई माँ का मंदिर जस का तस वैसे ही है छोटा सा, और पण्डा लोग लुट लुट के 4 मंजिला तक अपना भवन बना लिये हैं, अगर यही सरकार के नाम पर मंदिर होता तो अब तक भारत का सबसे आमिर मंदिर होता विन्ध्याचल धाम 🙏
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?पिता जी से क्षमा मांगता हूँ उनकी तरफ से जिनकी वजह से उनको ऐसा महसूस हुआ।बाकी सभी खराब नही है बहुत helping लोग भी हैं शायद उनसे मुलाकात नही हुई होगी।
बिल्कुल स्त्रोत है इसमें गलत क्या है।मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखिए बोलिए कोई फर्म,कम्पनी,इंडस्ट्री,MNC या कोई रोजगार व्यवस्था देंदे पूरा मन्दिर ट्रस्ट करदे कोई समस्या नही है।जिन घरों में बचपन बीता हो वो टूटता है तब कष्ट बहुत होता है।अरे करोड़ नही तो कम से कम इतना दिलवा दो योगी जी से कि जमीन खरीद के घर बनवा ले प्रभावित लोग।क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
@@newtrend04 शायद नाही जानता ,, ई विंध्याचल क जमीन पंडा लोगन के बाबू के नाम बा जेके केहू के कहे से न दूसरे के हो जाएं ,, रही बात मुख्य मंत्री जी की क मन बा केहू के दर्शन में तकलीफ न मिले यही बदे रोड दुरुस्त हो ता ,,, लेकिन पंडा समाज क भी अपने आप में मर्यादा बा , हर व्यक्ति क इज्जत करा करa , इहै माई भी चाह थीं
@@ganpatiprasaddwivedi8447 bhai me Mirzapur se hu Vindhyachal dhaam ata jata hu ye panda log darshan karwane ke pese lete hai jo pesa deta h use jaldi darshan milta h . Baki sab pareshan ..
💐विंध्य कॉरिडोर से सभी खुश हैं बस कुछ पाखंडीयों को छोड़कर😑 जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर सरकार के अधीन है उसी तरह विन्ध्याचल मंदिर भी सरकार के अधीन होना चाहिए और पाखंडीयों का सफाया होना चाहिए यहाँ से जो माता के शृंगार के नाम पर लुटते हैं।। हे माँ विंध्यवासिनी इन पाखंडीयों का सत्यानाश करें माँ ताकी दुर से आये भक्तो को इन पाखंडीयों से कोई तकलिफ ना हो ❤👏दया करो माँ 🙏🙏
@@abhi_2462 pese lene ke chakkar me bhakton se maar-peet pr utaru ho jate hai. Ek baar hui ho to btau na sb ke sath yhi hota hai vindhyachal darsham krne ke liye 100 bar sochna padta h kyunki whaa pr pande ke roop me gunde rehte hain
@@Luvlit_pal मैं सबकी नही आपकी बात कर रहा।जितना पूछू सब उतना उत्तर दे सकिये तो दीजिए वरना फेसबुकिये ज्ञान देने से नाही कोई व्यवस्था बदल जाएगी आपके लिए और न विन्ध्याचल वालो के लिए।
आरक्षण की बात इसमें क्या लगी आपको ये तो हर मन्दिर,मस्जिद,गुरुद्वारे में है कि जो सेवक पुजारी है या मौलवी है उसका बच्चा यही करे तो गलत क्या है?आपको करना है पुरोहिती बताईये आपको भी लगवा दूं।क्या आप नौकरियों में अपना आरक्षण मुझे लेने का अधिकार देंगे?मैं तो तैयार हूं।
कुछ कमियां तो हैं पांडू में लेकिन उनकी यह जन्मभूमि है मातृ भूमि है सेवा ये करते हैं तो मेवा इन्हे ही न मिलना चाहिए , आरक्षण का नाम लेकर खून मत उबालो ,,,
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
@@abhi_2462 जितने कॉमेंट इस वीडियो मे आ रहे सब एक सुर में विंध्याचल मंदिर के पंडो पुरोहितों को ही गरिया रहे,दुनिया भर के तर्क करोगे लेकिन अपने में झांक कर नही देखोगे,मैं 12 साल पहले माता के दर्शन के लिए आया था,लेकिन पंडो और वहाँ के दुकानदारों की बदतमीजी की वजह से चाहते हुए भी दोबारा आने का मन नही करता,तुम लोगों की वजह से पूरा माहौल खराब है
@@nikslife8297 गलत सही हर जगह है और जब आप आए थे और अब के समय मे काफी फ़र्क़ है।कमेंट में ज्यादातर तो आरक्षण वाले भाई साब लोग है जिनका मैं विचार नही बदल सकता रही बात व्यक्तिगत मन्दिर व्यवस्था या पंडो की तो यह कहूंगा कि गलत और सही हर जगह है।यदि किसीने गलत किया तो आपको ठोसता से प्रतिकार करना था।बाकी रही बात कमेंट की तो बोलिए मैं तुरन्त अभी अपने पक्ष में पचासों कमेंट करवा दूं।पर मेरी यह आदत नही सच को सच ओर झूठ को झूठ ही बोलूंगा।अब आप बताइए क्या बदतमीज़ी हुई और क्यों?
उसको him नही them बोलते हैं।रही बात लूट की कौन नही लूट रहा?दस मंत्र बोलकर रक्षा बांधकर पीठ थपथपा देंगे तुरन्त एक हज़ार देंगे और यही विन्ध्याचल में बोलकर मांग लेंगे तो लूट लिया।दुनिया भर का चोचलम खर्चा करदोगे आप लोग लेकिन 100 रुपया भी वहां देदोगे तो कमेंट में आकर लूट लिया लूट लिया कहोगे।
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।बाकी यदि आप योग्य है मैं गारंटी लेता हूँ आपको पुरोहिती मैं करवाऊंगा, आपका स्वागत है।
@@subhashfatehpuri3794 kyu gaye the kya hum jo government ki taraf se free form schemes reservations and other benefits milta hai usse magane hum kabhi gaye
@@abhi_2462विंध्याचल के पंडे,ब्राह्मण के नाम पर कलंक है। पंडे मंदिर परिसर में आपस मे मारपीट करके गालियाँ देकर भक्तो से पैसो दुर्व्यवहार करके नजायज पैसे वसूल के कौन सा अपनी विद्यमता का परिचय दे रहे है।
Sad to see how some families have occupied a holy place for generations, behave like kings and assume it's their birth right on the devotees money. They must be thrown out. The donations belong to the temple and social welfare than feeding these corrupt people.
जो विंध्याचल गए होंगे वे वहां के पंडे के बारे में जानते होंगे यह लोग बहुत लंठ प्रवृत्ति के होते हैं, पैसा के लिए यह लोग मंदिर में गाली-गलौज तक करते हैं
Bahut bura haal hai vanha itna vo khud das tarah k jaal bunkar apne liye alg rakhva lete mata k sringar ya bhojan kisi bhi tarah ka bol bolkar aur vanha mandir me na to safayi vyavstha hai gandgi ka aalam andar bahut hai police bhi kuchh nhi kr pati hai ye 500rs lekar mata k darshan kra dete hain vanha k pando ki bahut kamayi hai jo ki unke makan aur dharmshala ko dekh kar pta chalta hai dharmshala me bhi room rent kafi hai
@@ritasingh7371 Hum uttar pradesh aur bihar k temples me nahi jaate ....yaha k pande hi sabse chor hai...hum Varanasi k hai aur kashi vishwanath jaate the aur itna ganda .... After corridor its very beautiful but hum gaye nahi hai... Dekho is harami pande ko , mandir k ander gutka kha raha hai aur wahi thukega... vishwanath me bhi yehi krte the... Hum south k temples ghume hue hai so neat and clean aur yaha k log bhi temples k rule ko follow krte hai
विंध्याचल मे पंडो का बहुत ही🥵 बड़ा गैंग है इनका काम है। जबरदस्ती मनमाना चढ़ावा चढ्वाते है इनके आगे भक्त मजबूर हो जाता है।। यथा शक्ति तथा भक्ति होनी चाहिये।।
एक पापी मैं भी हूँ उनमें से।अब आप बताइए कौन सा पाप किया मैंने?क्या आप मुझे या मैं आपको जानता हूँ महोदय?और यदि नही तो आपने यह कैसे निर्णय कर लिया कि मैं पापी हूँ या पुण्यात्मा?बताईये?
पंडा होना भी गवरव की बात है ,,,, यह उपलब्धि माई के कृपा से यह अधिकार कई वर्ष पहले विरासत में मिला है ,,, महत्तवपूर्ण बात बताना है कि मां के दर्शन के पहले पंडा के सम्पर्क उनके हाथों से चढ़ावा चढ़ाते हैं तभी मां खुस होती है ,,,, पंडा को थोड़ा दे दोगे तो क्या बिगड़ जायेगा ,, समाज का हर व्यक्ति एक दूसरे से जुड़ा है।
इससे ज्यादा कोई औकात नही है तुम्हारी ! तुम लोगो का काम है सिर्फ लोगो को मूर्ख बनाए रखना, जब ब्राह्मणों की फटती है तो, तुम लोग ढिंढोरा पीटते रहते हो, की हिंदुत्व खतरे में है, हिंदुत्व खतरे में है, अबे हिंदुत्व खतरे में है या पाखंडी ब्राह्मण खतरे में है 😂
कुल मिलाकर पांडा दुःखी:-सारी लूट बन्द, लूट =गुंडागर्दी अंदर जाते ही 1लंबी डिमांड, अब ट्रस्ट बनाने से दर्शन आसान होगा इन लूटेरों से मुक्ति मां को भी दार्शनिक को भी। पर हाँ ₹ कम मिल रहा है जिनका मकान दूटा है। विस्थापन में पारदर्शिता नहीं। कुलमिलाकर अब बिकास के नाम पर लूट है
जी खुशी तो दिख रही।न्यूज देखा करिए थोड़ा अयोध्या, काशी,विन्ध्याचल जहां जहां जमीने,मकान,दुकान लिए जा रहे सब कितने खुश है पता चल जाएगा।जो खूबसूरती देखता है वो अपने नजरिये से देखता है पर जिस खूबसूरती को बनाने के पीछे हज़ारों मकानों को तोड़ा गया हो वो नज़रिया वही देख सकता है जो प्रभावित है।इसलिए करोड़ो को खुशी देने के लिए सरकार लाखो की बलि चढ़ा रही और आप जैसे सब उन्ही करोड़ो में है और हम सभी उन्ही लाखो में इसलिए वोट पर इसका असर भी इसी अनुपात में पड़ेगा।
Nepotism in temples.... Varna vyavastha hinduism ki sabse badi kamjori h.... Dalit ko bhi pandit banne k mauka hona chahiye.... Just like savarkar did janau sanskar of dalits as well... Open up... Don't promote nepotism and jatiwad
कैसा कब्जा?सबके पास कागजाद है औऱ कब्जा होते तो योगी का जेसीबी बिना कहे ही चल गया होता इतनी दयालु सरकार भी नही है।कब्जा होता तो क्यों फाट बनता,बैनामा रजिस्ट्री होता, तब ऐसे ही न ले लेते उनसे बड़ा गुंडा इस समय कोई है क्या?
भैया जब टैक्स लगता ही नही तो बिल क्यो देंगे?किस प्रसाद की दुकान पर बिल मिलता है आपको बताईये?बिल इलेक्ट्रॉनिक,रेस्टोरेंट,या होटल या डिलीवरी जैसी सुविधाओं पर मिलता है।कुछ ज्ञान अर्जित करिए।
I have been to this temple in dec 22. My god the behaviour of these pandas is so bad ,as we did not give them the amount demanded by them all the pandas stood in the front of Devi murthy like a wall and refused us Darshana.
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।बाकी आपकी ईच्छा हो तो भेजिए जो योग्य हो पुरोहिती कराने की जिम्मेदारी मेरी।
@@nileshtripathi9802 apne dimag ki gandagi yha mat dikha, ye tune ter maa baap se seekha hai to unpar hi use kar, isliye khte hai ki ye jatiwadi keede jitne bhi padh likg jaye, kisi bhi position par pahuch jaye lekin dimag ki gandagi nhi jayegi, DNA hi ganda hai.
बनारस में तो काफी पंडित और पांडा से पंगा हुआ नही ,पर विंध्याचल के पांडा बहुत ही बेकार व्यवाहार करते है ,कभी कभी तो लगता है क्या फायदा ऐसे मंदिर का ,जहा ऐसे लोग है ।
मोदी जी और योगीजी ने काशी कॉरिडोर से लालची पंडो को हकेल दिया है, आप गंगा घाट से लालची पंडो को हकेलने की बारी है। ऐसा होने पे ही काशी का गौरव वापस आएगा। my vote for modi👍👍
@@abhi_2462 haan samasya hai, yeh. Mere oor mere bhagwaan ke beech me aate hain, mujhe jo dakshina deni hai wo apno swecha se doonga na ki inki dadagiri se
@@ankurkhare3239 तो भाई लाला काहे पंडित को न्योता देते हो कार्यक्रमो में?खुद ही करवाए लो सब पुण्य श्राद्ध का काम।क्या जरूरत है भगवान और खुद के बीच पाखंडी लावे का?
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।बाकी यहां कोई आरक्षण नही सभी समाज के लोग मन्दिर व्यवस्था से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष निर्भर हैं क्योकि कोई मिल,फैक्ट्री या रोजगार की व्यवस्था नही।बाकी योग्य है आइए पुरोहिती में आपका भी स्वागत है पर इसके लिए सरकारी नौकरियों में जातिगत आरक्षण खत्म कराइये एयर आर्थिक कीजिए हम बिल्कुल सहयोग को तैयार है।
@@sarcassticvines3085 प्रश्न ही वही है तो उत्तर क्या अलग अलग होगा?सच जो है उससे आप लोग बहुत दूर है क्योकि मानवता से ज्यादा पार्टी से प्रेम हो गया है आपको।
पहली बात मंदिर ,मस्जिद,में जाना बंद करिये। क्योंकि आपके दान दक्षिणा और चढ़ावे से इन पुजारियों और पंडो का घर चलता है। जिस दिन आप दान दंक्षिणा बन्द कर देंगे इनके घर चूल्हा नही जलेगा इन सब को खाने के लाले पड़ जायेंगे । इन सबका दिमाग ठंडा पड़ जायेगा।
दिमाग हमारा ठंडा ही है गरम थोड़े है।रही बात चढ़ावे की किसने कहा चढ़ाइए।बिल्कुल मत करिए अच्छी बात है इसमें क्या बुराई है।कोई जोर जबरदस्ती थोड़ी है।पैसा शिक्षा,रोज़गार, व्यवसाय, सड़क,परियोजनाओं में लगाइये काहे मन्दिर मस्जिद के नाम पर लड़े कटे मरे जाय रहे हैं।और हां जिस दिन आप दक्षिणा नही दीजिएगा तो इंसान मर नहीं जाएगा।एक जानवर भी अपने बच्चो का पेट पालने के लिए संघर्ष करता ही है और भगवती माता रानी ने यह अद्भुद मनुष्य जीवन दिया है वह मार्ग बना देती है जीविका के लिए।इसलिए उनपर और स्वयं पर यकीन है।
I think this priest should be paid monthly remaining donation amount needs to be used for temple and it's surrounding development... to maintain this donation amount some committee must be formed..
Lutere h sab Ye kya engineer banenge Sab free me bina mehnat ki loot macha rakhi h. Vip darshan k naam se lutate h Aurto se bhi battaneezi krte h. Jo ho rha bahut sahi ho rha... Maza aaya mast😂
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है। औऱ हाँ यदि योग्य हों आइए पुरोहिती में स्वागत है आपका।
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।
@@abhi_2462 वीडियो में बोला तो है पांडा ने 6:08 में की ऐसे कैसे कोई पंडा बन जाएगा पंडा का लड़का ही पंडा बनेगा इसका मतलब दूसरा लोग को पंडा छोटा समझता है।
मैं यहाँ दो बार आया हूँ और दोनों ही बार यहाँ के पंडों की खुली गुंडागर्दी देखी.. मार्च 2021 में यहाँ के पंडों ने दक्षिणा के विवाद के चलते पटना के एक दंपत्ति को बुरी तरह पीटा.. पुरुष का सिर फोड़ दिया और माँ भगवती के मंदिर प्रांगण में महिला के कपड़े फाड़ कर सरेआम 4-5 पण्डे पीट रहे थे और पुलिस पब्लिक देख रही थी ! यहाँ के पंडों के नाम से ही घिन आती है।
Sidhant Bhai jabardasti ka bhojpura baat krne lgte hai 🤣. @sidhant-har bar bolte ho ki bnaras ke hai khud yaad nhi adda kha lag rha wo bhi Banaras me 🤣🤣🤣.Aur pakka ye aayush ko hi responsible bolenge ki kuch yaad nhi rakhta 😂🤣
माँ तो सबसे बड़ी हैं।ब्रह्माण्ड नायिका है।उनको क्या कोई दान देगा।रही बात पंडित जी की।वो भी इंसान है उनको भी परिवार चलाना है, घर टूटा है घर भी बनवाना है पैसा क्या आपके अब्बा देंगे?बुरा मत मानियेगा!शब्दो नही भावनाओ पर जाइये।योगी जी तो घर का लागत तक नही दिए हैं।पता करिए थोड़ा।बाकी सारी जातिगत आरोप और जलन केवल ब्राह्मणों से ठीक नही।जाति व्यवस्था तो समाज का कण कण हिस्सा निभा रहा बोलिये तो उदाहरण भी देदूँ।
@@NitishKumar-qb7ig business है तो इसमें समस्या कहाँ है?ब्राह्मण का कर्म कहिए या व्यवसाय कोई नाराज़गी नही इस बात से।कितना चढ़ा देते हो या कितना लुटा तुम्हारा😂😂
@@abhi_2462 यह कहते हुए शर्म आनी चाहिए आपको मां विंध्याचल पर सिर्फ आपका अधिकार नहीं है हम सभी का अधिकार है और धर्म के ठेकेदार मत बनो जो आप लोग कर रहे हो ना कमाई कमाई कमाई यही कारण है कि हिंदू धर्म की छवि समाज में धूमिल होती जा रही है वही गुरुद्वारा जाकर देखो उनकी सेवा देखो शायद आपको शर्म आ जाए
@@Luvlit_pal जी नही बिल्कुल भी शर्म नही आती।सेवा की बात न करिए क्योकि आप एक दिन दर्शन को आते है वही धक्कामुक्की खिंचा तानी देखकर चले जाते है और फिर खूब बुराई भरे पोस्ट मार देते है।जानते कितना है विन्ध्याचल के बारे में बताईये।इतने वर्षों से आ रहे दर्शन को सिर्फ इतना बता दीजिए माँ विन्ध्यवासिनी के बारे में जो गूगल पर भी न मिले?दर्शन ही करने आते है न कि enjoy करने?बताईये?सेवा आपको पता है?विन्ध्याचल में पुरोहित समाज के लोग हर वर्ष भंडारे करवाते हैं जिसमे हर वर्ग के लोग भोजन करते हैं, हर पूर्णिमा से लेकर मकर संक्रांति की बात करे तो यहां खिचड़ी खाने के लिए भी बंटता है और खीर भी, पुरोहित समाज हर अवसर पर कचौड़ी सब्जी और हलवे भी बंटवाता है।कजली जैसे महोत्सव का आयोजन हो या कृष्ण जन्मोत्सव हो या देवी जयंती हो सबकुछ पुरोहित समाज के सानिध्य में होता है।होटल रेस्टोरेंट जहां हज़ारों पैसे लेती हैं पुरोहित समाज स्वयं के आवासों और यात्री निवासो में उनको शरण देते हैं।जिसमे जी ईच्छा जिसकी होती है वह देता है।किसी यात्री दर्शनार्थी की मन्दिर पर तबियत खराब हो जाए उसे त्वरित चिकित्सकीय सहायता दिलवाता है।यात्रियों का सामान या पैसे खो जाएँ तो आर्थिक मदद,खाने पीने की मदद और टिकट तक के पैसे देकर मदद करता है।दिव्यांगों और असमर्थ लोगो के लिए वीलचेयर जैसी सुविधा देता है।होरी संगीत जैसे लोकप्रथा को आज भी जीवित रखे हुए है।बहुत सारे उदाहरण है पर आपको ये थोड़ी दिखेगा, तो भैया ठिक है लुटेरे है कोई बात नही।आप बताइए आपकी क्या लूट हुई?कैसे हुई और आपने क्या किया?
@@abhi_2462 are.... bohot dhyan se dekha h video.... tum ek bat nhi samjhe , yogyta ko adhar na rkhne ki vajah se hi desh gulam hua.. aur mata rani ke darshan ke liye panda dalali na kare... unki koi zarurat nhi h
Source of income - The temple is a source of income. My friends came during my marriage, and I avoided visiting the complete Vindhyachal, only visiting the main temple. Every small temple in a group of temples has a fixed rate for tikka at 10 rupees. If you don't give it, they will make a face. Hinduism has reached a level where people are justifying temples as a source of income. If you go as a common man, then you will know the truth more. Temples should be under state/central trust.
सिद्धान्त भैया इस बातचीत में एक तथ्य match कर गया वो भी आपके नाम से , कोई और पंडा नही बन सकता मैं पंडा हूँ मेरा ही बेटा पंडा बन सकता है। निज सत्तात्मक सत्ता का '' सिद्धान्त"
पूरा वीडियो फिरसे देखिए।उसमें एक वर्चस्व या जाति विशेषता नही बताई गई है जिसको गलत सभी ले रहे।जैसे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव है तो उनके परिवार का ही व्यक्ति अध्यक्ष बनेगा।बात ये है।उन्होंने कहा दूसरे जिले से भी कोई आए तो वो नही बन जाएगा चाहे वह ब्राह्मण ही क्यों न हो?अब जैसे जो यादव विन्ध्याचल मन्दिर में सफाई या अन्य व्यवस्था देखते है यदि हम जौनपुर के यादव जी को बुलाकर वो काम उनको दे दे तो हमारे यहां के यादव जी नाराज़ नही हो जाएंगे?भाई अगर वेकेंसी मिर्ज़ापुर की है और नियुक्ति कानपुर या बलिया वालो को दे तो क्षेत्र के बंधुओं के साथ नाइंसाफी नही है?और ऐसे ही बाहर के लोग आने लगे तो भरमार हो जाएगी संख्या की।कहने का पूरा अर्थ यही था और बस यही था इससे ज्यादा दिमाग लगाना ही हास्यास्पद है।
यहाँ के पंडों का धन्धा देख वेश्या भी लजा जाए.. हरामखोरों ने धर्म और आस्था को बदनाम कर के रख दिया है.. मेरे सामने सिर्फ़ 100 रुपए के विवाद को लेकर जब इन्होंने पटना के एक दंपत्ति को दौड़ा-दौड़ा कर मंदिर प्रांगण में बुरी तरह से पीटा तब से इनके नाम से भी घिन आने लगी है.. माँ विंध्यवासिनी के प्रति हमारी आस्था कभी कम नहीं होगी लेकिन मंदिर में बैठे इन राक्षसों के पापों का अन्त मैय्या एक ना एक दिन ज़रूर करेंगी।
अगर मै सही हूं तो रिपोर्टिंग कर रहे है उनका नाम सिद्धांत है आप से एक बात बोलनी थी आप भोजपूरी में आम लोगों से मत बोलिए हमारे मीरजापुर के लोग हिंदी की समझ रखते हैं और बोलने में भी समर्थ हैं !!
सब लोग मित्र बनाते हैं भाजपा सरकार भाजपा सरकार सब को अलग कर देती है इसका उदाहरण है कर्मचारी हड़ताल एजेंट हड़ताल मैं भी भाजपा का था लेकिन आज के दिन उससे जलन हो रही है सब के पेट में छुरा भोंक रही है
मैं हर वर्ष विंध्याचल जाता हु ये सारे पंडे लुटेरे है यात्रियों को लूटना इनका एक मात्र धर्म है।
Dhoti pahn kr andr jaiye kuch nhi hoga. Mein brambhan hun aksar jaata hun bs dhoti pahn kr ghusta hun
Mai kshatriya hu kisi din talwar leke na ghus jau...Ma ka ashirwad leke raste bhar inko gariyate ata hu aur mai akela nahi sabka yehi hal hai...
@@ashishpratapsingh7582 sabhi log bolte hai bhaiya. Isliye to mein sabko trick btata hun
क्या लूटा आपका?
@@abhi_2462 3500 INR
मैं भी ब्राह्मण हूं ।विध्यांचल से 50 कि मी पश्चिम मेरा गांव है । देवी में अगाध श्रद्धा होने के कारण साल में कई बार जाता था लेकिन इन पंडो की लूट घसोट से तंग आकर मैंने जाना ही छोड़ दिया । पिछले साल कई लोगो से तारीफ सुनकर 20 साल बाद देवी के धाम पहुंचा । सरकार विकास तो दिखा लेकिन पंडो की लूट घसोट वैसी ही जारी है ।
क्या योगी सरकार इन अधर्मी, पाखंडी, पापाचारी पंडो से विंध्याचलधाम को मुक्त करा पाएगी ।
विन्ध्याचल मे दलाल कोई और नहीं बल्कि पण्डा लोग हैं, हिसाब होगा आप सभी पण्डाओ का, भगवान के घर देर है पर अन्धेर नहीं 🙏
💐💐जय माँ विंध्यवासिनी❤👏
Sahi kaha aapne
सही कहा आपने
चोर की दाढ़ी मे तिनका
भाई आपने बिल्कुल सही कहा हमारे कई बिहारी भाई और हरियाणा के पंजाब के कई लोगों के साथ लूटपाट हुआ है
M pandit hun aur is baat se agree karta in logo ki wajah se hi hamara dharm barbaad ho ra
पंडे इतने लुटेरे है
अगर आप स्नान करने गए
तो जबरजस्ती पैसे ले लेते हैं
तो आपने कुछ किया?पंडो से मदद माँगी?रिपोर्ट लिखाई?
Kitna le lete hai?? Natao se zyada???
@@abhi_2462 जब सारे पंडे चोर होतो मदद् किससे मांगा जाए दोस्त
सारे पंडे चोर नही हैं इसमें तो कोई भी व्यक्ति हो सकता है आपके बीच का भी कोई हो सकता है।
जय माई पहाड़ो वाली अपने भक्तों की रक्षा करो
@@abhi_2462येतना मारा जैयेहे ये सभे भाजपा वाले हेरे जगह ना मिले😂😂😂
भाईसाहब इस योजना से इन पंडो को छोड़कर सभी खुश हैं क्योंकि ये पंडे जबरजस्ती पैसे लेते हैं और पैसे ना देने पर अच्छे से दर्शन नही करने देते। बाकी मेरी बात किसी जाति के खिलाफ नही बस विंध्याचल जी के पंडो के लिये है
Sahi kaha
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
@@abhi_2462 burnol chahiye tumko lga kr so jao
@@NitishKumar-qb7ig burnol की आवश्यकता तो उनको है जिनकी पुजारियों से गाँड़ में मिर्ची लगती हो।
Sahi bol rhe hy aap
What Yogi ji is doing is perfectly fine
He knows the wrong practices regarding money misused in our religious places by this so called pandas.
इसी को कहते हैं जातिवाद, भाई साहब कितने अदब के साथ कह रहे हैं ये तो हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, कोई और जाति की महिला या पुरुष क्यों नहीं पंडा बन सकता है,
Abhi pandiji aake gyan pelenge reservation pe😅
यह है असली वंशवाद....
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।जहां तक महिला पुजारी की बात है शायद मन्दिर से ही सटी अन्नपूर्णा मन्दिर आप नही गए।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।
@@abhi_2462 pr bindhyachal me kyu nhi malai tum khao aur jla hua bhag nai ko dedo good job kitne thetherlogi krte ho
@@NitishKumar-qb7ig कहना क्या चाहते हैं स्पष्ट कहिए तब जवाब दूं।शुद्ध लिखिए।
मै दो बार गया हूं मिर्जापुर के धार्मिक स्थलों पर काफी खराब अनुभव रहा पंडो के कारण ये लड़ाई पे उतारू हो जाते है पुरी तरह से प्रसासनिक कर देना चाहिए
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।आप कह रहे पूरा प्रशासनिक कर दिया जाए।आपको बता दूं प्रशासनिक संस्था है यहां।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
पूरा गिरोह है कि 3/4 महीने पहले ही गया था कार स्टैंड का पैसा दो फिर इनको रोड पर खड़े करने का अलग से दो दुर्व्यवहार के कारण जाने का मन नही करता दुबारा ।
गिद्ध की तरह टूट पड़ते है ।
यह लिखने से किया गया बर्ताव भूल नही जाएगा
कोई उनसे मेरी व्यतिगत दुश्मनी थोड़ी है पर जो व्यवहार है तो वो तो बोलूंगा ही पूरी तरह प्रसासनिक कर देना चहिये केवल एक पुजारी को रख कर
@@raghvendrarai3333 mein bhi bhuktbhogi hu
@@abhi_2462 भाई अब भी आप समझ नहीं पाये आप हमेशा से अपने परिवार पण्डा समाज का समर्थन करते आये हैं पर ये नहीं देख रहे हैं की पण्डा लोग जबरन दक्षिणा लेते हैं श्रद्धालुओं से, जो की गलत है सरासर गलत है भाई माँ का मंदिर जस का तस वैसे ही है छोटा सा, और पण्डा लोग लुट लुट के 4 मंजिला तक अपना भवन बना लिये हैं, अगर यही सरकार के नाम पर मंदिर होता तो अब तक भारत का सबसे आमिर मंदिर होता विन्ध्याचल धाम 🙏
Bilkul shi hai fir
एक बार मेरे पिताजी ने यहां के पंडो के लूट से नाराज़ होकर अपना पूरा पैसा मंदिर में फेक दिया था। बहुत लुटेरे है यहां।
ये सब गुंडा है,पंडा नहीं
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?पिता जी से क्षमा मांगता हूँ उनकी तरफ से जिनकी वजह से उनको ऐसा महसूस हुआ।बाकी सभी खराब नही है बहुत helping लोग भी हैं शायद उनसे मुलाकात नही हुई होगी।
@@kuldeepsingh-ij7jv भैया गुंडई तो पूरे प्रदेश में है, और पंडा ही पंडा है गुंडा एक गुंडा ही है।
सरकार इन पंडो को मेहमान बना ले,रोज करोड़ दे तबभी इनकी भूख नही मिटेगी।
इनके लिये मन्दिर आस्था का नही income का स्रोत है।
बिल्कुल स्त्रोत है इसमें गलत क्या है।मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखिए बोलिए कोई फर्म,कम्पनी,इंडस्ट्री,MNC या कोई रोजगार व्यवस्था देंदे पूरा मन्दिर ट्रस्ट करदे कोई समस्या नही है।जिन घरों में बचपन बीता हो वो टूटता है तब कष्ट बहुत होता है।अरे करोड़ नही तो कम से कम इतना दिलवा दो योगी जी से कि जमीन खरीद के घर बनवा ले प्रभावित लोग।क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
@@abhi_2462 mandir kisi ke pita ji likhwa ke nhi gye h..
ap log me yogyta h to koi naukari ya vyapar kariye.. dharm ko vyapar na bnaeye
इनके लिए तो धर्म ही धंधा है
@@newtrend04 शायद नाही जानता ,, ई विंध्याचल क जमीन पंडा लोगन के बाबू के नाम बा जेके केहू के कहे से न दूसरे के हो जाएं ,, रही बात मुख्य मंत्री जी की क मन बा केहू के दर्शन में तकलीफ न मिले यही बदे रोड दुरुस्त हो ता ,,, लेकिन पंडा समाज क भी अपने आप में मर्यादा बा , हर व्यक्ति क इज्जत करा करa , इहै माई भी चाह थीं
@@ganpatiprasaddwivedi8447 bhai me Mirzapur se hu Vindhyachal dhaam ata jata hu ye panda log darshan karwane ke pese lete hai jo pesa deta h use jaldi darshan milta h . Baki sab pareshan ..
दिल में देवी के लिये जगह है पर इन लुटेरो के वजह से जाने का दिल नहीं करता
इन्ही लोगों के कारण हमारे धार्मिक स्थल बदनाम हो गए है । मंदिर हमारे लिए पूजा स्थल है लेकिन इनके लिए यह केवल दुकान है l
ये पंडे बहुत बदतमीजी करते है लोगों से , मेरा व्यक्तिगत अनुभव है! इनके अलावा बाकी सभी लोग काॅरीडोर बनने से खुश है!
Bhakkk
बिल्कुल सही कहा आपने भाई
💐💐जय माता दी ❤👏
@@myvotemypower9788 क्या भक्क
@@ranjeetsinghbisen7809 bhakk
@@ranjeetsinghbisen7809 ji. Vindhyachal ke pando ke aage Randi bhi fail hai.paisa vasoolne mein.
💐विंध्य कॉरिडोर से सभी खुश हैं बस कुछ पाखंडीयों को छोड़कर😑 जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर सरकार के अधीन है उसी तरह विन्ध्याचल मंदिर भी सरकार के अधीन होना चाहिए और पाखंडीयों का सफाया होना चाहिए यहाँ से जो माता के शृंगार के नाम पर लुटते हैं।।
हे माँ विंध्यवासिनी इन पाखंडीयों का सत्यानाश करें माँ ताकी दुर से आये भक्तो को इन पाखंडीयों से कोई तकलिफ ना हो ❤👏दया करो माँ 🙏🙏
पंडो की गुंडागर्दी है यहाँ
जय माँ विंध्यवासिनी🇦🇶
क्या गुंडई हुई आपके साथ?
@@abhi_2462 pese lene ke chakkar me bhakton se maar-peet pr utaru ho jate hai. Ek baar hui ho to btau na sb ke sath yhi hota hai vindhyachal darsham krne ke liye 100 bar sochna padta h kyunki whaa pr pande ke roop me gunde rehte hain
@@Luvlit_pal मैं सबकी नही आपकी बात कर रहा।जितना पूछू सब उतना उत्तर दे सकिये तो दीजिए वरना फेसबुकिये ज्ञान देने से नाही कोई व्यवस्था बदल जाएगी आपके लिए और न विन्ध्याचल वालो के लिए।
@@abhi_2462 yes
यहाँ 100% आरक्षण है अब कोई विरोध नही करने आएगा क्योंकि ये उनका जन्मशिद्ध अधिकार है
आरक्षण की बात इसमें क्या लगी आपको ये तो हर मन्दिर,मस्जिद,गुरुद्वारे में है कि जो सेवक पुजारी है या मौलवी है उसका बच्चा यही करे तो गलत क्या है?आपको करना है पुरोहिती बताईये आपको भी लगवा दूं।क्या आप नौकरियों में अपना आरक्षण मुझे लेने का अधिकार देंगे?मैं तो तैयार हूं।
कुछ कमियां तो हैं पांडू में लेकिन उनकी यह जन्मभूमि है मातृ भूमि है सेवा ये करते हैं तो मेवा इन्हे ही न मिलना चाहिए , आरक्षण का नाम लेकर खून मत उबालो ,,,
जैसी करनी वैसी भरनी।
जय मां विंध्यवासिनी।
ये तो पूरे उत्तर प्रदेश का हाल है।वोट दिया है भोगना तो पड़ेगा ही।
Right sir
@@abhi_2462 🤣🤣 कोई नहीं भुगत रहा जो पाप किया है उसे भूगतना ही पड़ेगा , जय माता दी 🙏🙏
अभिशेख भाई जनता सब जानती है इसलिए कोई विरोध नहीं कर रहा अगर पण्डा लोग सही होते तो जनता जरूर आप सब के साथ होते लेकिन नहीं 😖
पैसा न देने पर पंडा गाली भी देता है इनको भगाओ
विंध्याचल मंदिर में इसी लिए मैं दर्शन नहीं जाता ये पण्डे लोग बहुत बत्तमीजी से भी बोलते।इनको पैसा प्यारा
Shi kha bhai
क्या आप इसका उत्तर देंगे कि आज के समय मे धन की आवश्यकता किस परिवार या व्यक्ति को नही है।हर व्यक्ति चाहता है उनकी आय हो और परिवार का जीविकोपार्जन चले।क्या आप नही चाहते?पंडा पुरोहित भी तो इंसान है जिनके अंदर मनुष्य स्वभाव ही होता है वह कोई देवता नही हैं।दक्षिणा माँगना यदि गलत है तो ठीक है यह आपकी मर्जी आप क्या दान देंगे क्या नही,कोई जबरदस्ती जेब से पैसे निकाल नही लेता।और यदि इतने ही बड़े लुटेरे या डकैत है तो आप त्वरित कोई प्रतिक्रिया या स्वर क्यों नही उठाते?क्यो तुरन्त प्रतिकार नही करते?यदि नही करते तो बस फेसबुक,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला बंद हो जाना चाहिए।मन्दिर व्यवस्था केवल पंडो पर निर्भर नही है ,जिलाधिकारी यानी डीएम सारे दानपात्र के पैसे जो करीबन 50-60 लाख से ज्यादा होती है उसको पूरा ले लेता है जो मन्दिर व्यवस्था में खर्च के लिए है जिसका वह कोई हिसाब नही देता।व्यवस्था में दोष उनको भी दीजिए।प्रशासन की भी घोर लापरवाही है।दुनिया ही लूट रही तो पंडा तो बताकर मांगता है ईच्छा हो दो नही तो दर्शन करके आप जाओ।मन्दिर में दर्शन करने आए है भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की होगी ही। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन जिम्मेदार होती है।क्या आपको उनकी कोई भूमिका दिखती है?
@@abhi_2462 har jagah tum jo copy paste kr rhe is se Pande ka image sudhrne Bala nhi h
@@abhi_2462 जितने कॉमेंट इस वीडियो मे आ रहे सब एक सुर में विंध्याचल मंदिर के पंडो पुरोहितों को ही गरिया रहे,दुनिया भर के तर्क करोगे लेकिन अपने में झांक कर नही देखोगे,मैं 12 साल पहले माता के दर्शन के लिए आया था,लेकिन पंडो और वहाँ के दुकानदारों की बदतमीजी की वजह से चाहते हुए भी दोबारा आने का मन नही करता,तुम लोगों की वजह से पूरा माहौल खराब है
@@nikslife8297 गलत सही हर जगह है और जब आप आए थे और अब के समय मे काफी फ़र्क़ है।कमेंट में ज्यादातर तो आरक्षण वाले भाई साब लोग है जिनका मैं विचार नही बदल सकता रही बात व्यक्तिगत मन्दिर व्यवस्था या पंडो की तो यह कहूंगा कि गलत और सही हर जगह है।यदि किसीने गलत किया तो आपको ठोसता से प्रतिकार करना था।बाकी रही बात कमेंट की तो बोलिए मैं तुरन्त अभी अपने पक्ष में पचासों कमेंट करवा दूं।पर मेरी यह आदत नही सच को सच ओर झूठ को झूठ ही बोलूंगा।अब आप बताइए क्या बदतमीज़ी हुई और क्यों?
मैं अभी देवी जी का दर्शन करके आ रहा हूं पर इन पण्डो की वजह से अब कभी जाने का मन नहीं करेगा😢😢😢
सबसे ज्यादा लुटेरे पंडा विंध्याचल के हैं
They looted many more people in Vindhyachal.... people scared from him.....most currupt people ..
उसको him नही them बोलते हैं।रही बात लूट की कौन नही लूट रहा?दस मंत्र बोलकर रक्षा बांधकर पीठ थपथपा देंगे तुरन्त एक हज़ार देंगे और यही विन्ध्याचल में बोलकर मांग लेंगे तो लूट लिया।दुनिया भर का चोचलम खर्चा करदोगे आप लोग लेकिन 100 रुपया भी वहां देदोगे तो कमेंट में आकर लूट लिया लूट लिया कहोगे।
कुल पाठक ही भक्त है माता है, कोई पासी हरिजन , चमार नहीं है क्यों?
Q ki wo baudh hai.
Tum jao
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।बाकी यदि आप योग्य है मैं गारंटी लेता हूँ आपको पुरोहिती मैं करवाऊंगा, आपका स्वागत है।
@@abhi_2462 आप पुरोहित बनवाने की बात करते हैं मैं 2014 में इलाहाबाद बगमबरी मठ में गया था वापिस बेज दिया ये कह के की यहां सिर्फ ब्राह्मण पड़ते हैं
@@subhashfatehpuri3794 kyu gaye the kya hum jo government ki taraf se free form schemes reservations and other benefits milta hai usse magane hum kabhi gaye
पंडे कॉरिडोर का विरोध कर रहे है तो जरूर ये कॉरीडोर बहुत अच्छा है।
अरे मूर्ख मानुष कॉरिडोर का विरोध नही कर रहे मुआवजे पर प्रश्न उठा रहे।फिरसे देखो वीडियो अल्पज्ञानी।पंडो से ईर्ष्या कभी काम नही आएगा।
@@abhi_2462विंध्याचल के पंडे,ब्राह्मण के नाम पर कलंक है। पंडे मंदिर परिसर में आपस मे मारपीट करके गालियाँ देकर भक्तो से पैसो दुर्व्यवहार करके नजायज पैसे वसूल के कौन सा अपनी विद्यमता का परिचय दे रहे है।
Bilkul sahi kaha aapne ❤
Abhi corridor ban kar taiyar hai❤
Sad to see how some families have occupied a holy place for generations, behave like kings and assume it's their birth right on the devotees money. They must be thrown out. The donations belong to the temple and social welfare than feeding these corrupt people.
जो विंध्याचल गए होंगे वे वहां के पंडे के बारे में जानते होंगे यह लोग बहुत लंठ प्रवृत्ति के होते हैं, पैसा के लिए यह लोग मंदिर में गाली-गलौज तक करते हैं
@@hackerideas293 ek dum right bhai ..bahot he madarchod hai waha ke pande
Bahut bura haal hai vanha itna vo khud das tarah k jaal bunkar apne liye alg rakhva lete mata k sringar ya bhojan kisi bhi tarah ka bol bolkar aur vanha mandir me na to safayi vyavstha hai gandgi ka aalam andar bahut hai police bhi kuchh nhi kr pati hai ye 500rs lekar mata k darshan kra dete hain vanha k pando ki bahut kamayi hai jo ki unke makan aur dharmshala ko dekh kar pta chalta hai dharmshala me bhi room rent kafi hai
@@ritasingh7371
Hum uttar pradesh aur bihar k temples me nahi jaate ....yaha k pande hi sabse chor hai...hum Varanasi k hai aur kashi vishwanath jaate the aur itna ganda ....
After corridor its very beautiful but hum gaye nahi hai...
Dekho is harami pande ko , mandir k ander gutka kha raha hai aur wahi thukega... vishwanath me bhi yehi krte the...
Hum south k temples ghume hue hai so neat and clean aur yaha k log bhi temples k rule ko follow krte hai
विंध्याचल मे पंडो का बहुत ही🥵 बड़ा गैंग है इनका काम है। जबरदस्ती मनमाना चढ़ावा चढ्वाते है इनके आगे भक्त मजबूर हो जाता है।। यथा शक्ति तथा भक्ति होनी चाहिये।।
ये जितने पंडे है सब दलाल है। मंदिर को सरकारी ट्रस्ट बनाकर संचालन करना चाहिए।
वीडियो में दिख रहे सभी पुराने पापी हैं।🤣🤣🤣
एक पापी मैं भी हूँ उनमें से।अब आप बताइए कौन सा पाप किया मैंने?क्या आप मुझे या मैं आपको जानता हूँ महोदय?और यदि नही तो आपने यह कैसे निर्णय कर लिया कि मैं पापी हूँ या पुण्यात्मा?बताईये?
पंडा होना भी गवरव की बात है ,,,, यह उपलब्धि माई के कृपा से यह अधिकार कई वर्ष पहले विरासत में मिला है ,,, महत्तवपूर्ण बात बताना है कि मां के दर्शन के पहले पंडा के सम्पर्क उनके हाथों से चढ़ावा चढ़ाते हैं तभी मां खुस होती है ,,,, पंडा को थोड़ा दे दोगे तो क्या बिगड़ जायेगा ,, समाज का हर व्यक्ति एक दूसरे से जुड़ा है।
@@ganpatiprasaddwivedi8447 ruclips.net/user/shortskmii94kAhT4?feature=share
इससे ज्यादा कोई औकात नही है तुम्हारी !
तुम लोगो का काम है सिर्फ लोगो को मूर्ख बनाए रखना,
जब ब्राह्मणों की फटती है तो, तुम लोग ढिंढोरा पीटते रहते हो, की हिंदुत्व खतरे में है, हिंदुत्व खतरे में है,
अबे हिंदुत्व खतरे में है या पाखंडी ब्राह्मण खतरे में है 😂
@@abhi_2462 पांडेय जी ए kgf बकलोल है नही समझेगा ,
सच ये है की लूट लेते हो तुम लोग आम जनता को। दर्शन के नाम पर
कैसी लूट?
कुल मिलाकर पांडा दुःखी:-सारी लूट बन्द, लूट =गुंडागर्दी अंदर जाते ही 1लंबी डिमांड,
अब ट्रस्ट बनाने से दर्शन आसान होगा इन लूटेरों से मुक्ति मां को भी दार्शनिक को भी।
पर हाँ ₹ कम मिल रहा है जिनका मकान दूटा है।
विस्थापन में पारदर्शिता नहीं। कुलमिलाकर अब बिकास के नाम पर लूट है
बिल्कुल सही कहा आपने भाई
जय माता दी ❤🙏
I listened whole debate with patience and the conclusion was, Siddhant has good knowledge..
हाम बंगाल का हुॅ।इधार तारापिठ मन्दिर मै ए शाला पंडालोक के कारन बहुत अत्याचार करता है।
भारत में हर मंदिर के पण्डितो के लिए भी परीक्षा होनी चाहिए 🙏🙏
panda logo ne ise vindhyadham nahi panda dham bana diya tha ,yogi ji ekdum theek kaam kar rahe hai
Itne saal ke paapon ki saza mil rahi hai yeh lodu pando ko .. abb mandir corridor bane ke baad hi jayengay 🤪🤣
नही मन्दिर जब सरकारी अधिग्रहण हो जाए तब आइयेगा अभी क्यों?क्योंकि कॉरिडोर बनने के बाद भी मंदिरों और उसके इर्द गिर्द पंडे ही दिखेंगे आपको🤣🤣
Baaki sab to theek hai Guru, tumahra naam jabardast hai ' Pablo Escobar' . Kahi Yogi Ji tumhara naam badal kar पुलकित सरकार na Kar de.
@@abhi_2462 Pande dhikenge par bhiksha insaan apne man se dega
Na Shri Kashi Vishwanath ji ke corridor ko rok paye na mata ji ka corridor rok paoge Dallantop 😂
बहुत सही कहा । ये लल्लनटॉप वाले हिन्दू विरोधी है ।
Inhi Pando ki wajah se hum log bhi jaane se drte hai, mai varanasi ka hu ye sabhi bahot badtameej hai..
और आप जितने लोग दर्शनार्थी आते हैं वो तो बहुत शरीफ, ईमानदार और साफ छवि के लोग आते हैँ?क्यो?सही कहा न?वैसे क्याहि बदतमीज़ी हुई आपके साथ?
आप लोगों को छोर सारे लोग ख़ुश है जय मां विन्ध्यवासिनी.
जी खुशी तो दिख रही।न्यूज देखा करिए थोड़ा अयोध्या, काशी,विन्ध्याचल जहां जहां जमीने,मकान,दुकान लिए जा रहे सब कितने खुश है पता चल जाएगा।जो खूबसूरती देखता है वो अपने नजरिये से देखता है पर जिस खूबसूरती को बनाने के पीछे हज़ारों मकानों को तोड़ा गया हो वो नज़रिया वही देख सकता है जो प्रभावित है।इसलिए करोड़ो को खुशी देने के लिए सरकार लाखो की बलि चढ़ा रही और आप जैसे सब उन्ही करोड़ो में है और हम सभी उन्ही लाखो में इसलिए वोट पर इसका असर भी इसी अनुपात में पड़ेगा।
जय जय माँ विंध्यवासिनी ❤🙏🙏
पापियों का नाश होना तय है जय हो योगी जी👏
@@abhi_2462 mandiro pe kabja kiye hue tha,,,,wo sab wapas lene k time aa gaya hai
Mai bht mandir gya hu...
Lekin sbse jada yhi lutete hai...
Prasad chadane ka v paisa lete hai...
Sirf Humre dharam ko badnam kr rhe hai ye log ...
Nepotism in temples.... Varna vyavastha hinduism ki sabse badi kamjori h.... Dalit ko bhi pandit banne k mauka hona chahiye.... Just like savarkar did janau sanskar of dalits as well... Open up... Don't promote nepotism and jatiwad
मिर्जापुर का भाषा, बहुत बढ़िया बोलते है
awesome reporting
ये सब कब्जा किए है मां विंध्यवासिनी का जगह तो क्यों पूछे इनसे सरकार सारे कब्जा किए है किसी का जमीन नही है
कैसा कब्जा?सबके पास कागजाद है औऱ कब्जा होते तो योगी का जेसीबी बिना कहे ही चल गया होता इतनी दयालु सरकार भी नही है।कब्जा होता तो क्यों फाट बनता,बैनामा रजिस्ट्री होता, तब ऐसे ही न ले लेते उनसे बड़ा गुंडा इस समय कोई है क्या?
भैया प्रशाद और पूजा सामग्री के व्यापार पर टैक्स नहीं लगता फिर भी ये लोग पक्का बिल नही देते।
भैया जब टैक्स लगता ही नही तो बिल क्यो देंगे?किस प्रसाद की दुकान पर बिल मिलता है आपको बताईये?बिल इलेक्ट्रॉनिक,रेस्टोरेंट,या होटल या डिलीवरी जैसी सुविधाओं पर मिलता है।कुछ ज्ञान अर्जित करिए।
Sidhant proud for this courage reporting 🙏🙏🙏
Abhi yahi log dakait ban gaye hai vha par jaane par aisa lutate hai ye pandaa log na ki baataye bhai
Yogi g great man bahot sahi kam keye hai.. 🙏🙏
Ekdum shi hua
Mai swayam Brahmin kintu in pando ki badtameezi se bahut dukhi hu
पंडा नहीं गुंडा कहिए
तब गुंडा को क्या कहते है?धनंजय सिंह,सुशील सिंह,विनीत सिंह ये सब तो फिर पंडे हुए?क्यों सही कहा न?
@@abhi_2462 हाँ बिलकुल सही है
Pando ka pet kabhi nahi barta. Kewal ye yatriyo ko bhagwan ke nam pe loot te hai. Ye Pande jhoot bol rahe hai. Sabko muvaja sahi mila hai.
बिल्कुल सही कहा आपने भाई
जय माता दी ❤👏
मैं 2014 में पूरे परिवार के साथ गया था काली खो और ast भुजी माता दी मन्दिर के पंडो की बत्त्मीजी के वजहों दुबारा जाने का मन नहीं करता है
I have been to this temple in dec 22. My god the behaviour of these pandas is so bad ,as we did not give them the amount demanded by them all the pandas stood in the front of Devi murthy like a wall and refused us Darshana.
Good work Yogi ji nice thanks
Pujari pathak aur mishra hi kyu? Dalit, backward kyu nhi? Agr nhi ho sakta to ese har mandir ka bahishkaar.
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।बाकी आपकी ईच्छा हो तो भेजिए जो योग्य हो पुरोहिती कराने की जिम्मेदारी मेरी।
Pujari hamesa brahman hi hoga tumko kisi ne jabrdasti kiya mandir aane se tum logo toh ghusne nhi dete tum kya bahiskar karoge
@@nileshtripathi9802 apne dimag ki gandagi yha mat dikha, ye tune ter maa baap se seekha hai to unpar hi use kar, isliye khte hai ki ye jatiwadi keede jitne bhi padh likg jaye, kisi bhi position par pahuch jaye lekin dimag ki gandagi nhi jayegi, DNA hi ganda hai.
@@nileshtripathi9802 daan peti chor spotted
Pando ki kamai band ho jaye to accha hi rahega
आप उससे प्रसन्न हो जाएंगे?जमीनों के मुआवजे के बारे में क्या राय देंगे अपना?
आप जो भी खबर देते हैं बहुत ही सच होती है 🙏
बनारस में तो काफी पंडित और पांडा से पंगा हुआ नही ,पर विंध्याचल के पांडा बहुत ही बेकार व्यवाहार करते है ,कभी कभी तो लगता है क्या फायदा ऐसे मंदिर का ,जहा ऐसे लोग है ।
लूटेरे पण्डा सब❤
पूरा काशी कॉरिडोर 828 करोड़ का है।
Land acquisition-489 crore
Temple construction-339 करोड़ है।
मोदी जी और योगीजी ने काशी कॉरिडोर से लालची पंडो को हकेल दिया है, आप गंगा घाट से लालची पंडो को हकेलने की बारी है। ऐसा होने पे ही काशी का गौरव वापस आएगा। my vote for modi👍👍
@@ankurkhare3239 खरे जी एक बात बताईये पंडो से क्याहि समस्या है आपको?
@@abhi_2462 haan samasya hai, yeh. Mere oor mere bhagwaan ke beech me aate hain, mujhe jo dakshina deni hai wo apno swecha se doonga na ki inki dadagiri se
@@ankurkhare3239 तो भाई लाला काहे पंडित को न्योता देते हो कार्यक्रमो में?खुद ही करवाए लो सब पुण्य श्राद्ध का काम।क्या जरूरत है भगवान और खुद के बीच पाखंडी लावे का?
Aarakshan se achaa labh to ye pande hi utha rahe hai..
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।बाकी यहां कोई आरक्षण नही सभी समाज के लोग मन्दिर व्यवस्था से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष निर्भर हैं क्योकि कोई मिल,फैक्ट्री या रोजगार की व्यवस्था नही।बाकी योग्य है आइए पुरोहिती में आपका भी स्वागत है पर इसके लिए सरकारी नौकरियों में जातिगत आरक्षण खत्म कराइये एयर आर्थिक कीजिए हम बिल्कुल सहयोग को तैयार है।
@@abhi_2462 ek hi message kitno ko chipkao bhai jo hai wo hai sach se kitna bhagoge
@@sarcassticvines3085 प्रश्न ही वही है तो उत्तर क्या अलग अलग होगा?सच जो है उससे आप लोग बहुत दूर है क्योकि मानवता से ज्यादा पार्टी से प्रेम हो गया है आपको।
@@abhi_2462 bhai main bhi general se aata hoon par kya kare jo sach hai wo sach hai
That was best, asking for receipt :) well done Siddhant bhai !!
पहली बात मंदिर ,मस्जिद,में जाना बंद करिये। क्योंकि आपके दान दक्षिणा और चढ़ावे से इन पुजारियों और पंडो का घर चलता है। जिस दिन आप दान दंक्षिणा बन्द कर देंगे इनके घर चूल्हा नही जलेगा इन सब को खाने के लाले पड़ जायेंगे । इन सबका दिमाग ठंडा पड़ जायेगा।
दिमाग हमारा ठंडा ही है गरम थोड़े है।रही बात चढ़ावे की किसने कहा चढ़ाइए।बिल्कुल मत करिए अच्छी बात है इसमें क्या बुराई है।कोई जोर जबरदस्ती थोड़ी है।पैसा शिक्षा,रोज़गार, व्यवसाय, सड़क,परियोजनाओं में लगाइये काहे मन्दिर मस्जिद के नाम पर लड़े कटे मरे जाय रहे हैं।और हां जिस दिन आप दक्षिणा नही दीजिएगा तो इंसान मर नहीं जाएगा।एक जानवर भी अपने बच्चो का पेट पालने के लिए संघर्ष करता ही है और भगवती माता रानी ने यह अद्भुद मनुष्य जीवन दिया है वह मार्ग बना देती है जीविका के लिए।इसलिए उनपर और स्वयं पर यकीन है।
I think this priest should be paid monthly remaining donation amount needs to be used for temple and it's surrounding development... to maintain this donation amount some committee must be formed..
पंडा लोग श्रद्धालुओं के साथ माँ बिन्धवासनी मन्दिर में सहयोग करने का तरीका की चर्चा पुरे देश में है
Lutere h sab
Ye kya engineer banenge
Sab free me bina mehnat ki loot macha rakhi h.
Vip darshan k naam se lutate h
Aurto se bhi battaneezi krte h.
Jo ho rha bahut sahi ho rha...
Maza aaya mast😂
Gazab ka reservation hai 🤣🤣🤣 inhe sharam bhi nahi aa rahi media me bol rhe openly
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है। औऱ हाँ यदि योग्य हों आइए पुरोहिती में स्वागत है आपका।
Brahmano ko reservation s sbse jyada dikkat hai ,pr apna reservation jo hazaro saal s chal rha uss pe nhi bolenge.
Tum bhosdike jaati paat par hi lage rho or verma tum to bahut sharma lagane lag gye ho uska kya.. Mat lagao
ये भाई जो बता रहे है उसको क्यों न माने के ये यह के आरक्षित लोग है।
शायद आपको पुरोहिती के विषय मे कम जानकारी है।विन्ध्याचल में ब्राह्मण भले ही पुरोहित हो लेकिन भारत की हर मंदिरों में ब्राह्मण ही पुजारी या पंडा नही होता।जहां तक विन्ध्याचल मन्दिर का सवाल है अभी आप व्यस्तता के कारण बहुत कम जनता को देख रहे वीडियो में वरना ब्राह्मणों के अलावा भी कई जाति समुदाय के लोग और उनका परिवार है जो बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है हो होता जा रहा।विन्ध्याचल मन्दिर में पुरोहिती जरूर ब्राह्मण करता है परंतु मुख्य विन्ध्याचल मन्दिर के इर्द गिर्द कई सारी मंदिरे है जहां पर बाकी समुदाय के लोग भी पुरोहिती करते है।माँ विन्ध्यवासिनी मन्दिर पर हरिजन समाज,नाई समाज,पुरोहित समाज ये संस्थाएँ हैं जो मिलकर सामंजस्य बनाकर मन्दिर व्यवस्था में सहयोग करते है यही खूबसूरती और भाईचारा है मन्दिर व्यवस्था की।बाकी जातिवाद के लिए अकेले ब्राह्मण को देश देना ही हास्यास्पद है।
@@abhi_2462 बिधन्यचल छोड़ो पूरे up में कौन से मंदिर में ब्राम्हण छोड़कर कोई और पुरोहित है यह बता दो यानी आरक्षण तो तुम्हे हजारों सालो से मिला है ।
@@abhi_2462 वीडियो में बोला तो है पांडा ने 6:08 में की ऐसे कैसे कोई पंडा बन जाएगा पंडा का लड़का ही पंडा बनेगा इसका मतलब दूसरा लोग को पंडा छोटा समझता है।
विंध्याचल के पंडा से मदद की उम्मीद 😃🤫
हाँ मैने बिल्कुल देखा है मदद माँगते।
मैं यहाँ दो बार आया हूँ और दोनों ही बार यहाँ के पंडों की खुली गुंडागर्दी देखी.. मार्च 2021 में यहाँ के पंडों ने दक्षिणा के विवाद के चलते पटना के एक दंपत्ति को बुरी तरह पीटा.. पुरुष का सिर फोड़ दिया और माँ भगवती के मंदिर प्रांगण में महिला के कपड़े फाड़ कर सरेआम 4-5 पण्डे पीट रहे थे और पुलिस पब्लिक देख रही थी ! यहाँ के पंडों के नाम से ही घिन आती है।
मां विंध्यवासिनी के धाम से सारे पण्डो को वहां से हटा देना भक्तों को लूटते हैं परेशान करते हैं बदतमीजी करते
#यहां पर तो केवल पैसा चड़ाते है पांडा लोग प्रसाद नहीं प्रसाद देने पर नहीं चड़ाते है पैसा दे दो तुरंत काम कर देते है लोग
Super work
Jai Maa Vindhyawasini
Vindhyachal ke pande lutere hai isliye bilkul savdhan rahe
Sidhant Bhai jabardasti ka bhojpura baat krne lgte hai 🤣.
@sidhant-har bar bolte ho ki bnaras ke hai khud yaad nhi adda kha lag rha wo bhi Banaras me 🤣🤣🤣.Aur pakka ye aayush ko hi responsible bolenge ki kuch yaad nhi rakhta 😂🤣
Very very happy
क्या हुआ पंडित जी हैं मां विंध्यवासिनी को यह भी दान कर दें इन्हें तो मुआवजा भी नहीं चाहिए था
माँ तो सबसे बड़ी हैं।ब्रह्माण्ड नायिका है।उनको क्या कोई दान देगा।रही बात पंडित जी की।वो भी इंसान है उनको भी परिवार चलाना है, घर टूटा है घर भी बनवाना है पैसा क्या आपके अब्बा देंगे?बुरा मत मानियेगा!शब्दो नही भावनाओ पर जाइये।योगी जी तो घर का लागत तक नही दिए हैं।पता करिए थोड़ा।बाकी सारी जातिगत आरोप और जलन केवल ब्राह्मणों से ठीक नही।जाति व्यवस्था तो समाज का कण कण हिस्सा निभा रहा बोलिये तो उदाहरण भी देदूँ।
Puja krwana inka business n ki koi dharm
@@NitishKumar-qb7ig business है तो इसमें समस्या कहाँ है?ब्राह्मण का कर्म कहिए या व्यवसाय कोई नाराज़गी नही इस बात से।कितना चढ़ा देते हो या कितना लुटा तुम्हारा😂😂
@@abhi_2462 यह कहते हुए शर्म आनी चाहिए आपको मां विंध्याचल पर सिर्फ आपका अधिकार नहीं है हम सभी का अधिकार है और धर्म के ठेकेदार मत बनो जो आप लोग कर रहे हो ना कमाई कमाई कमाई यही कारण है कि हिंदू धर्म की छवि समाज में धूमिल होती जा रही है वही गुरुद्वारा जाकर देखो उनकी सेवा देखो शायद आपको शर्म आ जाए
@@Luvlit_pal जी नही बिल्कुल भी शर्म नही आती।सेवा की बात न करिए क्योकि आप एक दिन दर्शन को आते है वही धक्कामुक्की खिंचा तानी देखकर चले जाते है और फिर खूब बुराई भरे पोस्ट मार देते है।जानते कितना है विन्ध्याचल के बारे में बताईये।इतने वर्षों से आ रहे दर्शन को सिर्फ इतना बता दीजिए माँ विन्ध्यवासिनी के बारे में जो गूगल पर भी न मिले?दर्शन ही करने आते है न कि enjoy करने?बताईये?सेवा आपको पता है?विन्ध्याचल में पुरोहित समाज के लोग हर वर्ष भंडारे करवाते हैं जिसमे हर वर्ग के लोग भोजन करते हैं, हर पूर्णिमा से लेकर मकर संक्रांति की बात करे तो यहां खिचड़ी खाने के लिए भी बंटता है और खीर भी, पुरोहित समाज हर अवसर पर कचौड़ी सब्जी और हलवे भी बंटवाता है।कजली जैसे महोत्सव का आयोजन हो या कृष्ण जन्मोत्सव हो या देवी जयंती हो सबकुछ पुरोहित समाज के सानिध्य में होता है।होटल रेस्टोरेंट जहां हज़ारों पैसे लेती हैं पुरोहित समाज स्वयं के आवासों और यात्री निवासो में उनको शरण देते हैं।जिसमे जी ईच्छा जिसकी होती है वह देता है।किसी यात्री दर्शनार्थी की मन्दिर पर तबियत खराब हो जाए उसे त्वरित चिकित्सकीय सहायता दिलवाता है।यात्रियों का सामान या पैसे खो जाएँ तो आर्थिक मदद,खाने पीने की मदद और टिकट तक के पैसे देकर मदद करता है।दिव्यांगों और असमर्थ लोगो के लिए वीलचेयर जैसी सुविधा देता है।होरी संगीत जैसे लोकप्रथा को आज भी जीवित रखे हुए है।बहुत सारे उदाहरण है पर आपको ये थोड़ी दिखेगा, तो भैया ठिक है लुटेरे है कोई बात नही।आप बताइए आपकी क्या लूट हुई?कैसे हुई और आपने क्या किया?
Yes
Jai maa vindhwasini
सही बोल कर इन लोगों को वहां से
हटाना चाहिए
Birohi vindhyachaL Mirzapur
धर्म की जय हो अधर्मीयो का नाश हो.. जय माँ विंध्यवाशिनी 🙏🙏🙏🙏
Aree vidhyachal ke pandee hai...
Hmm bhut achche se jante hai.
at 29:00 wo direct bol rha h .. mandir dukaan h usake liye
उन्होंने कहा दर्शन करवाने की बात दुकान की बात नही।ध्यान से सुनो।
@@abhi_2462 are.... bohot dhyan se dekha h video....
tum ek bat nhi samjhe , yogyta ko adhar na rkhne ki vajah se hi desh gulam hua..
aur mata rani ke darshan ke liye panda dalali na kare... unki koi zarurat nhi h
Source of income - The temple is a source of income.
My friends came during my marriage, and I avoided visiting the complete Vindhyachal, only visiting the main temple.
Every small temple in a group of temples has a fixed rate for tikka at 10 rupees. If you don't give it, they will make a face.
Hinduism has reached a level where people are justifying temples as a source of income.
If you go as a common man, then you will know the truth more.
Temples should be under state/central trust.
Ayodhya me lallantop add kab lage ga
Jarry ji sound delay ki problem hain ap check kar le ...31:40
जबरदस्त
सिद्धान्त भैया इस बातचीत में एक तथ्य match कर गया वो भी आपके नाम से , कोई और पंडा नही बन सकता मैं पंडा हूँ मेरा ही बेटा पंडा बन सकता है। निज सत्तात्मक सत्ता का '' सिद्धान्त"
पूरा वीडियो फिरसे देखिए।उसमें एक वर्चस्व या जाति विशेषता नही बताई गई है जिसको गलत सभी ले रहे।जैसे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव है तो उनके परिवार का ही व्यक्ति अध्यक्ष बनेगा।बात ये है।उन्होंने कहा दूसरे जिले से भी कोई आए तो वो नही बन जाएगा चाहे वह ब्राह्मण ही क्यों न हो?अब जैसे जो यादव विन्ध्याचल मन्दिर में सफाई या अन्य व्यवस्था देखते है यदि हम जौनपुर के यादव जी को बुलाकर वो काम उनको दे दे तो हमारे यहां के यादव जी नाराज़ नही हो जाएंगे?भाई अगर वेकेंसी मिर्ज़ापुर की है और नियुक्ति कानपुर या बलिया वालो को दे तो क्षेत्र के बंधुओं के साथ नाइंसाफी नही है?और ऐसे ही बाहर के लोग आने लगे तो भरमार हो जाएगी संख्या की।कहने का पूरा अर्थ यही था और बस यही था इससे ज्यादा दिमाग लगाना ही हास्यास्पद है।
यहाँ के पंडों का धन्धा देख वेश्या भी लजा जाए.. हरामखोरों ने धर्म और आस्था को बदनाम कर के रख दिया है.. मेरे सामने सिर्फ़ 100 रुपए के विवाद को लेकर जब इन्होंने पटना के एक दंपत्ति को दौड़ा-दौड़ा कर मंदिर प्रांगण में बुरी तरह से पीटा तब से इनके नाम से भी घिन आने लगी है.. माँ विंध्यवासिनी के प्रति हमारी आस्था कभी कम नहीं होगी लेकिन मंदिर में बैठे इन राक्षसों के पापों का अन्त मैय्या एक ना एक दिन ज़रूर करेंगी।
ये पंडा है ये मारने पे भी नही छोड़ते
मतलब?
Yogi ji ne jo kiya sahi kiya
अगर मै सही हूं तो रिपोर्टिंग कर रहे है उनका नाम सिद्धांत है आप से एक बात बोलनी थी आप भोजपूरी में आम लोगों से मत बोलिए हमारे मीरजापुर के लोग हिंदी की समझ रखते हैं और बोलने में भी समर्थ हैं !!
Vindhyachal ke pande logo ko krval lutte hai ye darshan krne valo ko preshan krte hai air ye mandir ko apni jageer samjhe the
ये पंडा partha galt hai ट्रस्ट बना लेना चाहिए ओर पुजारी को फ़िक्स पगार बांध लेनी चाहिए वरना तो ये पंडे लूट लेते हैं
सब लोग मित्र बनाते हैं भाजपा सरकार भाजपा सरकार सब को अलग कर देती है इसका उदाहरण है कर्मचारी हड़ताल एजेंट हड़ताल मैं भी भाजपा का था लेकिन आज के दिन उससे जलन हो रही है सब के पेट में छुरा भोंक रही है
पंडो की लूट देख कर फिर कभी मेरी इच्छा नही हुई vindhyachal जाने का
Shi bat h