Day - 3 | Shrimad Bhagwat Katha Live | Pujya Shri Indresh Ji Maharaj | Jalandhar | P.B 2024

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  • Опубликовано: 16 ноя 2024

Комментарии • 224

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण Месяц назад +46

    Hum to sirf aapki hi Katha sunenge guruji ❤❤❤❤❤❤❤❤ koi aap jaisi katha nahi sunata hum ne sab ke mukh se katha suni hai per aap jaisi baat kisi me nahi hai

  • @शास्त्रप्रमाण

    श्रीमद्भागवतम् (1.3.28)
    “एते चांशकलाः पुंसः कृष्णस्तु भगवान् स्वयम्।
    इन्द्रारिव्याकुलं लोकं मृडयन्ति युगे युगे।।”
    हिंदी अनुवाद:
    श्रीकृष्णद्वैपायन वेदव्यास जी मत्स्य, कूर्म, राम, नृसिंहादि अवतारों के विषय में बोलने के पश्चात् कह रहे हैं कि ये कोई पुरुषोत्तम भगवान् श्रीहरि में अंशावतार, कोई कलावतार और कोई शक्त्यावेश अवतार हैं। प्रत्येक युग में जब भी जगत् असुरों से पीड़ित होता है, तब असुरों के उपद्रव से जगत् की रक्षा करने के लिए ये अवतार हुआ करते हैं। किन्तु, व्रजेन्द्रनन्दन श्रीकृष्ण तो साक्षात् स्वयं-भगवान् (अवतारी) हैं।
    श्री कृष्ण समस्त अवतारों के कारण--अवतारीं हैं, स्वयं भगवान् हैं।

  • @शास्त्रप्रमाण

    पद्म पुराण खण्ड ३ (स्वर्गखण्ड) अध्याय ५०
    पद्म पुराण पाताल खंड अध्याय 81
    देवर्षि नारद जी से भगवान शिव कहते हैं-
    अन्तरंगैस्तथा नित्यविभूतैस्तैश्चिदादिभिः। गोपनादुच्यते गोपी राधिका कृष्णवल्लभा।।
    देवी कृष्णमयी प्रोक्ता राधिका परदेवता। सर्वलक्ष्मीस्वरूपा सा कृष्णाह्लादस्वरूपिणी।।
    ततः सा प्रोच्यते विप्र ह्लादिनीति मनीषिभिः। तत्कलाकोटिकोटयंशा दुर्गाद्यास्त्रिगुणात्मिकाः।।
    सा तु साक्षान्महालक्ष्मीः कृष्णो नारायणः प्रभुः। नैतयोर्विद्यते भेदः स्वल्पोऽपि मुनिसत्तम।।
    इयं दुर्गा हरी रुद्रः कृष्णः शक्र इयं शची। सावित्रीयं हरिब्रह्मा धूमोर्णासौ यमो हरिः।।
    बहुना किं मुनिश्रेष्ठ विना ताभ्यां न किंचन। चिदचिल्लक्षणं सर्वं राधाकृष्णमयं जगत्।।
    इत्थं सर्वं तयोरेव विभूतिं विद्धि नारद। न शक्यते मया वक्तुं वर्षकोटिशतैरपि।।
    “नारद जी! श्रीकृष्ण प्रिया राधा अपनी चैतन्य आदि नित्य रहने वाली अन्तरंग विभूतियों से इस प्रपंच का गोपन-संरक्षण करती हैं, इसलिये उन्हें ‘गोपी’ कहते हैं। वे श्रीकृष्ण की अराधना में तन्मय होने के कारण ‘राधिका’ कहलाती हैं। श्रीकृष्णमयी होने से ही वे ‘परा देवता’ हैं। सम्पूर्ण-लक्ष्मीस्वरूपा हैं। श्रीकृष्ण के आह्लाद का मूर्तिमान स्वरूप होने के कारण मनीषीजन उन्हें ‘ह्लादिनी’ शक्ति कहते हैं। दुर्गादि त्रिगुणात्मि का शक्तियाँ उनकी कला के करोड़वें का भी करोड़वाँ अंश हैं। श्रीराधा साक्षात महालक्ष्मी हैं और भगवान श्रीकृष्ण साक्षात नारायण हैं। मुनिश्रेष्ठ! इनमें थोड़ा-सा भी भेद नहीं है। श्री राधा दुर्गा हैं और श्रीकृष्ण रुद्र। श्रीकृष्ण इन्द्र हैं तो ये शची (इन्द्राणी) हैं। वे सावित्री हैं तो ये साक्षात ब्रह्मा हैं। श्रीकृष्ण यमराज हैं तो ये उनकी पत्नी धूमोर्णा हैं। अधिक क्या कहा जाय, उन दोनों के बिना किसी भी वस्तु की सत्ता नहीं है। जड-चेतनमय सारा संसार श्रीराधा कृष्ण का ही स्वरूप है।
    नारद जी !इस प्रकार सबको उन्हीं दोनों की विभूति समझो। मैं नाम ले-लेकर गिनाने लगूँ तो सौ करोड़ वर्षों में भी उस विभूति का वर्णन नहीं कर सकता।”

  • @शास्त्रप्रमाण

    यन्नखंदुरुचिरब्रह्म धेयं ब्रह्मादीभिः सुरेः
    गुणत्रयत्तिम् तम वन्दे वृन्दावनेश्वरम्
    (पद्मपुराण, पाताल खण्ड-77.60)
    वृंदावन के भगवान श्रीकृष्ण के चरणों के पंजों के नखों से प्रकट ज्योति परब्रह्म है जिसका ध्यान ज्ञानी और स्वर्ग के देवता करते हैं।

  • @शास्त्रप्रमाण

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    अध्याय ,1श्लोक 4
    वन्दे कृष्णं गुणातीतं परं ब्रह्माच्युतं यतः ।
    आविर्बभूवुः प्रकृतिब्रह्मविष्णुशिवादयः
    हिंदी अनुवाद:
    जिनसे प्रकृति, ब्रह्मा, विष्णु तथा शिव आदि का आविर्भाव हुआ है, उन त्रिगुणातीत परब्रह्म परमात्मा अच्युत श्रीकृष्ण की मैं वन्दना करता हूँ।
    हे भोले-भाले मनुष्यों! व्यासदेव ने श्रुतिगणों को बछड़ा बनाकर भारती रूपिणी कामधेनु से जो अपूर्व, अमृत से भी उत्तम, अक्षय, प्रिय एवं मधुर दूध दुहा था, वही यह अत्यन्त सुन्दर ब्रह्म वैवर्त पुराण है। तुम अपने श्रवणपुटों द्वारा इसका पान करो, पान करो।

  • @शास्त्रप्रमाण
    @शास्त्रप्रमाण Месяц назад +13

    श्रीमद्भागवतम् (10.85.31)
    यस्यांशांशांशांशाभागेन
    विश्वोत्पत्तिलयोदयः भवन्ति
    किला विश्वात्मान्स तं
    त्वद्याहं गतिं गता
    हिंदी अनुवाद:
    हे सर्वात्मा! ब्रह्माण्ड की रचना, पालन और संहार सब आपके विस्तार के एक अंश मात्र से ही होते हैं। आज मैं आपकी शरण में आया हूँ, हे परमेश्वर!

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय , 14 श्लोक 27
    ब्रह्मणो हि प्रतिष्ठाहममृतस्याव्ययस्य च ।
    शाश्वतस्य च धर्मस्य सुखस्यैकान्तिकस्य च
    मैं ही उस निराकार ब्रह्म का आधार हूँ जो अमर, अविनाशी, शाश्वत धर्म और असीम दिव्य आनन्द है।

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय , 15 श्लोक 18
    यस्मात्क्षरतमतीतोऽहमक्षरादपि चोत्तमः ।
    अतोऽस्मि लोके वेदे च प्रथितः पुरुषोत्तमः
    मैं नश्वर सांसारिक पदार्थों और यहाँ तक कि अविनाशी आत्मा से भी परे हूँ इसलिए मैं वेदों और स्मृतियों दोनों में ही दिव्य परम पुरूष के रूप में विख्यात हूँ।

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय ,10 श्लोक 23
    रुद्राणां शङ्करश्चास्मि वित्तेशो यक्षरक्षसाम्।
    वसूनां पावकश्चास्मि मेरुः शिखरिणामहम् ॥
    हिंदी अनुवाद:
    रुद्रों में शंकर हूँ, यक्षों में मैं कुबेर हूँ, वसुओं में मैं अग्नि हूँ और पर्वतों में मेरु हूँ।

  • @शास्त्रप्रमाण

    ब्रह्मसंहिता-5.48
    यस्यैकनिश्वासितकालमथावलम्बय जीवन्ति लोमविलजा जगदण्डनाथाः।।
    विष्णुर्महान् सैहयस्य कलाविशेषो।
    गोविन्दमादि पुरुषं तमहं भजामि ।।
    हिंदी अनुवाद:
    "अनन्त ब्रह्माण्डों में से प्रत्येक ब्रह्माण्ड के शंकर, ब्रह्मा और विष्णु, महाविष्णु के श्वास भीतर लेने पर उनके शरीर के रोमों से प्रकट होते हैं और श्वास बाहर छोड़ने पर पुनः उनमें विलीन हो जाते हैं। मैं, उन श्रीकृष्ण की वन्दना करता हूँ जिनके महाविष्णु विस्तार हैं।"

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय , 11 श्लोक 32
    श्रीभगवानुवाच।
    कालोऽस्मि लोकक्षयकृत्प्रवृद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्तः ।
    ऋतेऽपि त्वां न भविष्यन्ति सर्वे येऽवस्थिताः प्रत्यनीकेषु योधाः
    परम प्रभु ने कहा-“मैं प्रलय का मूलकारण और महाकाल हूँ जो जगत का संहार करने के लिए आता है। तुम्हारे युद्ध में भाग लेने के बिना भी युद्ध की व्यूह रचना में खड़े विरोधी पक्ष के योद्धा मारे जाएंगे।"

  • @NipunTripathi
    @NipunTripathi Месяц назад +9

    महराज जी आप ने कहा गुरु उनको मानें जो आपको वृंदावन धाम से जोड़ दे जो आपको भजन से जोड़ दे जब से आपकी भागवत सुन रहे हैं तब से मेरे भजन हर दिन बढ़ रहे हैं गीत गोविंद भी मैं आपकी ही प्रेरणा से गाती हूं गीत गोविंद से ही में आरती करती हूं अपने राधा लाल जी को प्रभात में उठाना रात का शयन सब में गीत गोविंद से ही करती हूं प्रभु जी क्या मैं आपसे गुरु दीक्षा संस्कार ले सकती हूं....प्रभु जी मैं ठाकुर जी की सेवा करती हूं पर प्रभु जी एक मन में बात रहती है की यदि गुरु दीक्षा संस्कार लेने के बाद गुरु की कृपा भी होगी तो भगवत मार्ग और सरल हो जायेगा क्या आप मेरा मार्ग दर्शन करेंगे प्रभु जी आपके गिरधर लाल जी के उत्तर का इंतजार रहेगा 🙇🙇🙏🙏🙏🙏
    गुरु जी मेरा मार्ग दर्शन कीजिए 🙏🙇

    • @priyankagoyal6563
      @priyankagoyal6563 Месяц назад

      Mera bhi yhi prashan hai mene jab se aapki katha suni h tab se kuch or sunne ya dekhne ki ichha nhi hoti... sirf aapki katha hi sunti h par late sunti hu matlab jab bhi aapko katha shuru hoti h tab pata nhi ku me sun ho nhi pati kuch na kuch aesa ho jata ki aapki katha late ho sun pati hu ab bhi aapki 5din pure ho par me aapke 3sre din ki katha sun rahi hu

    • @LovejeetArora
      @LovejeetArora Месяц назад

      Shri Krishn Radha Radha ji

  • @Raj495
    @Raj495 Месяц назад +2

    हमारे आराध्य प्रभु श्री कनक भवन बिहारिणी बिहारी जू, श्री कनक भवन अयोध्या धाम से आज 22-09-24 के अद्भुत एवं अलौकिक दर्शन… श्री कनक भवन बिहारी जी भगवान की कृपा आप सभी पर बनी रहे.. ऐसी मंगल कामना…!!!🙏🙏
    🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

  • @raghvendrasinghchandel5369
    @raghvendrasinghchandel5369 Месяц назад +1

    ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
    गुरु जी सादर अभिवादन 🙏

  • @प्यारी_राधे4438
    @प्यारी_राधे4438 Месяц назад +8

    Sab sukh sagar rup ujagar rahe vrindavan dham.. ❤.
    Sab sukh sagar rup ujagar rahe lalji ki kthao mai ❤

  • @manjuyadav7499
    @manjuyadav7499 Месяц назад +3

    Jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai jai ❤❤❤❤

  • @प्यारी_राधे4438
    @प्यारी_राधे4438 Месяц назад +9

    Jay Shri krishn🙏... Prannam Maharaj jii 🙏... Girdhar lalji ki kirpa ap per sda bani rhewe🧿🙏.....

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय ,10 श्लोक25
    महर्षीणां भृगुरहं गिरामरम्येकमक्षरम् ।
    यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि स्थावराणां हिमालयः
    हिंदी अनुवाद:
    मैं महर्षियों में भृगु हूँ, ध्वनियों में दिव्य ओम हूँ। मुझे यज्ञों में जपने वाला पवित्र नाम समझो। अचल पदार्थों में मैं हिमालय हूँ।

    • @AdityaUpadhyay-og2tn
      @AdityaUpadhyay-og2tn Месяц назад +1

      एतद्योनीनि भूतानि सर्वाणीत्युपधारय ।
      अहं कृत्स्नस्य जगत: प्रभव: प्रलयस्तथा ।।6।।
      हे अर्जुन[1] ! तू ऐसा समझ कि सम्पूर्ण भूत इन दोनों प्रकृतियों से ही उत्पन्न होने वाले हैं और मैं सम्पूर्ण जगत् का प्रभव तथा प्रलय हूँ अर्थात् सम्पूर्ण जगत् का मूल कारण हूँ ।।6।।

    • @AdityaUpadhyay-og2tn
      @AdityaUpadhyay-og2tn Месяц назад +1

      Bhrigu rishi ko shree vatsya kyu kaha jaata h

  • @shriram-fx3et
    @shriram-fx3et Месяц назад +6

    Indresh ji maharaj ju itney badey kathawachak hain hum unko hamsesha suntey hain kripa kr jo vrindawan mai vikas ke name pr ped kaatey ja rehe hain kripya unke liye bhi awaaj uthayain hum un vrikchon mai bhagwan krishan ka waas maantey hain🙏

  • @raginijaiswal5378
    @raginijaiswal5378 Месяц назад +1

    Hare Krishna Prabhu ji dandwat pranam 🙏 🙏🙏🙏Prabhu ji kabhi luchnow bhi katha ke liye aaiye🙏🙏🙏

  • @Taramewaraa
    @Taramewaraa Месяц назад +3

    Radhe krishna 👏👏👏radhe krishna🙏🙏👏👏👏 radhe krishna👏👏👏👏👏👏 radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna radhe krishna🙏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏

  • @AdityaUpadhyay-og2tn
    @AdityaUpadhyay-og2tn Месяц назад +1

    सच्चिदानंदमय कृष्णेर स्वरूप | अतएव स्वरुपाशक्ति हय तिन रूप || आनन्दांशे ह्यदिनी संदेशे सन्धिनी | विदंशे सम्वित जारे ज्ञान करि मान ||
    अनुवाद : भगवान श्री कृष्ण की स्वरूपा शक्ति तीन प्रकार की है | क्योंकि भगवान सच्चिदानंदमय है अतएव सत् अंश से सान्धिनी चित अंश से सम्वित आनन्द अंश से ह्यदिनी | और यही ह्यदिनी शक्ति राधारानी है | ह्यदिनी अर्थात आनन्द देने वाली | जगत में किसी को कहीं से भी कैसे भी कण मात्र भी आनन्द है तो वो राधारानी से ही प्राप्त है | बिना राधारानी के कोई भी कहीं से भी कण मात्र भी आनन्द नही पा सकता | यहाँ तक की भगवान के लिए भी आनन्द का स्तोत्र राधारानी हीं है |
    || श्यामा जू ||
    || श्री राधारानी ||

  • @nootansingh4694
    @nootansingh4694 Месяц назад +4

    जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे जय श्री राधे जय जय श्री राधे 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @प्यारी_राधे4438
    @प्यारी_राधे4438 Месяц назад +13

    2:33:44 ..... Maharaj jii... Ktha vishram ke samey vrindavan rasamrat sunkar.... Ktha mai aane ko man or viyakul ho jata hai🥺🥹🙏......

  • @vasundhara1480
    @vasundhara1480 Месяц назад +1

    श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री ❤❤❤राधा राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा ❤❤❤❤❤श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा कृष्ण

  • @Taramewaraa
    @Taramewaraa Месяц назад +4

    Jay shree radhe radhe radhe krishna radheshyaam radhe krishna radheshyaam radhe krishna radheshyaam radhe krishna radheshyaam radhe krishna radheshyaam radhe krishna radheshyaam radhe krishna🙏🙏🙏 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏❤❤🌹🌹

  • @VijayKumar-zg9pf
    @VijayKumar-zg9pf Месяц назад +4

    Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe ❤

  • @jotidevi4402
    @jotidevi4402 Месяц назад

    Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav Radha Madhav

  • @renusingh5414
    @renusingh5414 Месяц назад +4

    जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे ❤❤❤❤❤❤❤

  • @शास्त्रप्रमाण

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    ब्रह्मखण्ड : अध्याय 3
    श्रीकृष्ण से सृष्टि का आरम्भ, नारायण, महादेव, ब्रह्मा, धर्म, सरस्वती, महालक्ष्मी और प्रकृति[1]-का प्रादुर्भाव तथा इन सबके द्वारा पृथक-पृथक श्रीकृष्ण का स्तवन
    सौति कहते हैं - भगवान ने देखा कि सम्पूर्ण विश्व शून्यमय है। कहीं कोई जीव-जन्तु नहीं है। जल का भी कहीं पता नहीं है। सारा आकाश वायु से रहित और अन्धकार से आवृत हो घोर प्रतीत होता है। वृक्ष, पर्वत और समुद्र आदि से शून्य होने के कारण विकृताकार जान पड़ता है। मूर्ति, धातु, शस्य और तृण का सर्वथा अभाव हो गया है।
    ब्रह्मन! जगत को इस शून्यावस्था में देख मन-ही-मन सब बातों की आलोचना करके दूसरे किसी सहायक से रहित एकमात्र स्वेच्छामय प्रभु ने स्वेच्छा से ही सृष्टि-रचना आरम्भ की। सबसे पहले उन परम पुरुष श्रीकृष्ण के दक्षिणापार्श्व से जगत के कारण रूप तीन मूर्तिमान गुण प्रकट हुए। उन गुणों से महत्तत्त्व, अहंकार, पाँच तन्मात्राएँ तथा रूप, रस, गन्ध, स्पर्श और शब्द-ये पाँच विषय क्रमशः प्रकट हुए।
    तदनन्तर श्रीकृष्ण से साक्षात भगवान नारायण का प्रादुर्भाव हुआ, जिनकी अंगकान्ति श्याम थी, वे नित्य-तरुण, पीताम्बरधारी तथा वनमाला से विभूषित थे। उनके चार भुजाएँ थीं। उन्होंने अपने चार हाथों में क्रमशः - शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण कर रखे थे। उनके मुखारविन्द पर मन्द मुस्कान की छटा छा रही थी। वे रत्नमय आभूषणों से विभूषित थे, शांर्गधनुष धारण किये हुए थे। कौस्तुभमणि उनके वक्षःस्थल की शोभा बढ़ाती थी। श्रीवत्सभूषित वक्ष में साक्षात लक्ष्मी का निवास था। वे श्रीनिधि अपूर्व शोभा को प्रकट कर रहे थे; शरत्काल की पूर्णिमा के चन्द्रमा की प्रभा से सेवित मुख-चन्द्र के कारण वे बड़े मनोहर जान पड़ते थे। कामदेव की कान्ति से युक्त रूप-लावण्य उनका सौन्दर्य बढ़ा रहा था। वे श्रीकृष्ण के सामने खड़े हो दोनों हाथ जोड़कर उनकी स्तुति करने लगे।
    नारायण बोले- जो वर (श्रेष्ठ), वरेण्य (सत्पुरुषों द्वारा पूज्य), वरदायक (वर देने वाले) और वर की प्राप्ति के कारण हैं; जो कारणों के भी कारण, कर्मस्वरूप और उस कर्म के भी कारण हैं; तप जिनका स्वरूप है, जो नित्य-निरन्तर तपस्या का फल प्रदान करते हैं, तपस्वीजनों में सर्वोत्तम तपस्वी हैं, नूतन जलधर के समान श्याम, स्वात्माराम और मनोहर हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण मैं वन्दना करता हूँ। जो निष्काम और कामरूप हैं, कामना के नाशक तथा कामदेव की उत्पत्ति के कारण हैं, जो सर्वरूप, सर्वबीज स्वरूप, सर्वोत्तम एवं सर्वेश्वर हैं, वेद जिनका स्वरूप है, जो वेदों के बीज, वेदोक्त फल के दाता और फलरूप हैं, वेदों के ज्ञाता, उसे विधान को जानने वाले तथा सम्पूर्ण वेदवेत्ताओं के शिरोमणि हैं, उन भगवान श्रीकृष्ण को मैं प्रणाम करता हूँ।[2]
    ऐसा कहकर वे नारायणदेव भक्तिभाव से युक्त हो उनकी आज्ञा से उन परमात्मा के सामने रमणीय रत्नमय सिंहासन पर विराज गये। जो पुरुष प्रतिदिन एकाग्रचित्त हो तीनों संध्याओं के समय नारायण द्वारा किये गये इस स्तोत्र को सुनता और पढ़ता है, वह निष्पाप हो जाता है। उसे यदि पुत्र की इच्छा हो तो पुत्र मिलता है और भार्या की इच्छा हो तो प्यारी भार्या प्राप्त होती है। जो अपने राज्य से भ्रष्ट हो गया है, वह इस स्तोत्र के पाठ से पुनः राज्य प्राप्त कर लेता है तथा धन से वंचित हुए पुरुष को धन की प्राप्ति हो जाती है। कारागार के भीतर विपत्ति में पड़ा हुआ मनुष्य यदि इस स्तोत्र का पाठ करे तो निश्चय ही संकट से मुक्त हो जाता है। एक वर्ष तक इसका संयमपूर्वक श्रवण करने से रोगी अपने रोग से छुटकारा पा जाता है।

  • @शास्त्रप्रमाण

    स्कंद पुराण वैष्णव खंड वासुदेव-महात्म्य अध्याय 16.46
    वह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए आये हुए अनेक ब्रह्माण्ड के देवताओं से भरा हुआ था, तथा ब्रह्मा और शंकर जैसे महान देवता भी अपने हाथों में पूजा की सामग्री लिये हुए थे।

  • @sujatasharma1861
    @sujatasharma1861 Месяц назад +2

    जय श्री राधे गोविन्द सरकार महाराज जी, लालजी सहित आपको कोटि कोटि प्रणाम

  • @anitatripathi5652
    @anitatripathi5652 Месяц назад +1

    Jai shree Krishna,.....pranam Maharaj jii🙏ap ki Katha m bahut rash h Maharaj ji bahut bahut kripa h merepar koti koti pranam 😊🙏🙏

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय ,7 श्लोक 7
    मत्तः परतरं नान्यत् किंचिद् अस्ति धनंजय
    मयि सर्वं इदं प्रोतं सूत्रे मणिगण इव
    हिंदी अनुवाद:
    हे अर्जुन!
    मुझसे बढ़कर कुछ भी नहीं है। सब कुछ मुझमें ही स्थित है, जैसे धागे में पिरोये हुए मोती।
    यहाँ भगवान श्री कृष्ण इस ब्रह्मांड में अपने प्रभुत्व और अपनी सर्वोच्च स्थिति के बारे में बताते हैं। वे ही वह आधार हैं जिस पर यह पूरी सृष्टि विद्यमान है; वे ही रचयिता, पालनहार और संहारक हैं। धागे में पिरोए गए मोतियों की तरह, जो अपनी जगह पर हिल सकते हैं, भगवान ने प्रत्येक आत्मा को अपनी इच्छानुसार कार्य करने की स्वतंत्र इच्छा दी है, फिर भी उनका अस्तित्व उनसे बंधा हुआ है। श्वेताश्वतर उपनिषद में कहा गया है:

  • @madhubalasharma5935
    @madhubalasharma5935 Месяц назад +2

    जय श्री राधे राधे प्रणाम ❤❤❤❤❤❤❤😂

  • @AdityaUpadhyay-og2tn
    @AdityaUpadhyay-og2tn Месяц назад +2

    कृषणेति यस्य गिरि तम मनसाद्रियेत चेत प्रणतिभिष च भजनं ईसम् शुश्रुषास भजन नाम
    अनन्यम अन्य निन्दादि शून्य हृदयम इप्सिता संग लब्ध्या।।
    व्यक्ति को उस भक्त का मानसिक रूप से सम्मान करना चाहिए जो कृष्ण के पवित्र नामो का जाप करता है उस भक्त को विनम्र प्रणाम करना चाहिए जिसने आध्यात्मिक दीक्षा ली है और भगवान की पूजा मे लगा हुआ है और उसके साथ जुडना चाहिए और उसकी ईमानदारी से सेवा करनी चाहिए जो अविचल भक्ति सेवा मे उन्नत है और जिसका ह्रदय दूसरे की आलोचना करने की प्रवृत्ति से पूरी तरह रहित है।

  • @शास्त्रप्रमाण

    ब्रह्म वैवर्त पुराण
    ब्रह्मखण्ड (अध्याय १७)
    ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवेश्वर, देवसमूह और चराचर प्राणी- ये सब आप भिन्न-भिन्न ब्रह्माण्डोंमें अनेक हैं। उन ब्रह्माण्डों हैं और देवताओंकी गणना करनेमें कौन समर्थ है? उन सबके एकमात्र स्वामी भगवान् श्रीकृष्ण हैं,

  • @LaluDawar-p4c
    @LaluDawar-p4c Месяц назад +1

    जय जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे जी

  • @archit.vlogs-35
    @archit.vlogs-35 Месяц назад +1

    Sahi bat hai bahut hi sunder katha sunate hai maharaji bas ye lagata hai sunate hi rahe Jai Shri Krishna ❤👏👏👏

  • @shriverma6457
    @shriverma6457 Месяц назад +1

    आप सभी वैष्णवो की चरणो में दण्डवत🙇🏻‍♀️🙏🏻 मुझे छमा कर दिजिए 😢😭😭

  • @शास्त्रप्रमाण

    भागवत गीता
    अध्याय , 11श्लोक 15
    अर्जुन उवाच
    पश्यामि देवों तव देवा
    देहे सर्वांस तथा भूतविशेषसंघान
    ब्राह्मणम ईशं कमलासनस्थं
    ऋषिंश च सर्वान् उरगंश च दिव्यन्
    हिंदी अनुवाद:
    अर्जुन ने कहा: हे श्री कृष्ण! मैं आपके शरीर के भीतर सभी देवताओं और विभिन्न प्राणियों के समूहों को देखता हूँ। मैं कमल के फूल पर बैठे ब्रह्मा को देखता हूँ; मैं शिव, सभी ऋषियों और दिव्य नागों को देखता हूँ।
    अर्जुन ने कहा कि वह तीनों लोकों से आए असंख्य प्राणियों को देख रहा था, जिनमें स्वर्ग के देवता भी शामिल थे। कमलासनास्थम शब्द भगवान ब्रह्मा को संदर्भित करता है, जो ब्रह्मांड के कमल चक्र पर विराजमान हैं। भगवान शिव, विश्वामित्र जैसे ऋषि और वासुकी जैसे नाग सभी ब्रह्मांडीय रूप में दिखाई दे रहे थे।

  • @KavitaSharma-lr5xw
    @KavitaSharma-lr5xw Месяц назад +4

    Jai shree radharaman ji ❤Jai shree radhabhallabh ji ❤

  • @KanhaChaturvedi-n5n
    @KanhaChaturvedi-n5n Месяц назад +4

    Shree shyama ju sarkar ki jai 🏵️

  • @RenuSharma-b4t
    @RenuSharma-b4t Месяц назад +1

    Radharaman Lal Ju ki Jai hoo Radhey Radhey Maharaj Ji🙇‍♀️🌹🌹🌹🌹🙏

  • @poonamsaxena5014
    @poonamsaxena5014 Месяц назад +1

    Bhai ko mera jai shree krishna hum apki hi katha sunte hai bade hi bhav vibhor ho jate hai bada hi aanad aata hai Radhe Radhe

  • @CHHABILIGUPTA
    @CHHABILIGUPTA Месяц назад +3

    Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe

  • @nishap9741
    @nishap9741 Месяц назад +1

    राधे राधे जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🎂🌻🌻🌻🎂🌻🌻🌻🎂🌻🌻

  • @AartiKartikey-hd6ul
    @AartiKartikey-hd6ul Месяц назад +3

    Mere prabhu ❤🥺🥺 kab loge khabar more Ram 🙏🙏

  • @bhupendrapatel182
    @bhupendrapatel182 26 дней назад +1

    Jai Sri Krishna Radhe Radhe namaste namaste 🙏 ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @sushmachand690
    @sushmachand690 Месяц назад +2

    Koti Koti Pranam to ur mother who gave birth to u because of her we r able to do bakti

  • @SaralaNeupane-g8e
    @SaralaNeupane-g8e Месяц назад

    Jayshreeman narayana 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽(Nepal)

  • @kiransharda5983
    @kiransharda5983 Месяц назад +2

    Jai Sri Radhey Radhey Krishna Krishna

  • @parveensharma9077
    @parveensharma9077 Месяц назад +3

    Bhut naraz hun maharaj g bcs jb Canada se live huye the, jalandhar ki katha ke bare bataya tha, mein continuously pushti rhi ki katha ki dates bta do lekin koi jawab nhi aya ! Mein panic hone lg gyi ki katha miss ho jayegi , bhi hua! City mein Board dhunti rhi lekin nhi mile !
    Yesterday my niece from Hoshiarpur told that Massi g indresh maharaj g aye hai Jalandhar mein !
    I thanked her from heart and tomorrow I will reach there for sure! Thank you maharaj g for coming in our city !

  • @GurupasadMondal
    @GurupasadMondal Месяц назад +2

    জয় শ্রী রাধে কৃষ্ণ 🙏♥️🌷

  • @Krishna.1987.
    @Krishna.1987. Месяц назад +1

    जय जय श्री राधे कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव 🙏🙏🙏

  • @RituSharma-ud1bm
    @RituSharma-ud1bm Месяц назад +4

    Radhe radhe🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹jai shree krishna🌺🌺🌺🌺❤❤❤🎉

  • @ajaysonu9275
    @ajaysonu9275 Месяц назад

    Radhe radhe guruji aapke Shri charno me koti koti naman 🙏🙏❤️

  • @KavitaSharma-lr5xw
    @KavitaSharma-lr5xw Месяц назад +1

    Pujya shree indresh Prabhu ko hmara pranam

  • @AdityaUpadhyay-og2tn
    @AdityaUpadhyay-og2tn Месяц назад +1

    दृष्टैः स्वभाव-जनितैर वपुषाश्च च दोसैर न प्रकृतत्वम् इहा भक्त-जनस्य पश्येत गंगाभासं न खलु बुदबुदा-फेन-पंकै ब्रह्म-द्रवत्वं अपगच्छति नीरा-धर्मैः
    अपनी मूल कृष्णभावनाभावित स्थिति में स्थित होने के कारण, एक शुद्ध भक्त शरीर के साथ तादात्म्य नहीं रखता है। ऐसे भक्त को भौतिकवादी दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। वास्तव में, किसी भक्त को निम्न कुल में जन्मा शरीर, खराब रंग वाला शरीर, विकृत शरीर, या रोगग्रस्त या अशक्त शरीर होने पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सामान्य दृष्टि से शुद्ध भक्त के शरीर में ऐसी खामियाँ प्रमुख प्रतीत हो सकती हैं, परन्तु ऐसे प्रतीत होने वाले दोषों के बावजूद भी शुद्ध भक्त का शरीर प्रदूषित नहीं हो सकता। यह बिल्कुल गंगा के पानी की तरह है, जो कभी-कभी बरसात के मौसम में बुलबुले, झाग और कीचड़ से भरा होता है। गंगा का पानी प्रदूषित नहीं है. जो लोग आध्यात्मिक समझ में उन्नत हैं वे पानी की स्थिति की परवाह किए बिना गंगा में स्नान करेंगे।

  • @kumarchintamani3899
    @kumarchintamani3899 Месяц назад +2

    Radhe Radhe Radhe radhe ❤❤❤❤❤

  • @sangeetamohapatra5906
    @sangeetamohapatra5906 Месяц назад

    Koti koti naman maharaj ji🙏🙏. Jai jai shree radhe Krishna🙏🙏

  • @Vinii5390
    @Vinii5390 Месяц назад +1

    Jay Ho Pyare Shri GirdhaLalji🙏🏻♥️✨

  • @vpg99999
    @vpg99999 22 дня назад

    Mere sakha ke sakha ko,Jai shree Krishn ❤️❤️

  • @aditikumar8689
    @aditikumar8689 Месяц назад +6

    Jai shree krishna

  • @neelamjaiswal2906
    @neelamjaiswal2906 Месяц назад +1

    Shyama pyari kunj vihari jai jai shri hari das dulari 🙏

  • @Saroj-mf1hz
    @Saroj-mf1hz Месяц назад +1

    Jay shree giridharlal ji ki jay 🙏 ❤❤

  • @sushmachand690
    @sushmachand690 Месяц назад +2

    App ki mataji ko mera pranamhai🙏🏼🙏🏼🙏🏼

  • @rajdeepgarg3924
    @rajdeepgarg3924 Месяц назад +1

    Radhe Radhe Maharaj ji.. rhi brij raj ko upasi.. bhut pyara hai

  • @Lakshmimaurya760
    @Lakshmimaurya760 Месяц назад +8

    ParamAnand 🪷🌹aaya 🪷🌹 Katha 🪷🌹 Shravan 🪷 karke 🌹🪷 Jay 🪷🌹 Shri 🪷🌹Krishn 🪷🌹 Radhe 🪷🌹 Radhe 🪷🌹🚩🚩🚩🚩🚩🚩

  • @Anuradha-mj3iz
    @Anuradha-mj3iz Месяц назад

    Radhey Radhey

  • @lalitamanhas5898
    @lalitamanhas5898 Месяц назад +1

    Ladli Lal ju Maharaj ki jai

  • @ravinasuthar7375
    @ravinasuthar7375 Месяц назад +1

    Jai shree krishna Jay shree Radhe Jay shree Radhe Jay shree Krishna Jay shree Radhe Jay shree Krishna 🎉

  • @sumangrover4764
    @sumangrover4764 Месяц назад +1

    Radha Radha

  • @selumali1008
    @selumali1008 Месяц назад

    Jay ho premanand ji maharaj ki jay ho❤❤

  • @kavitasharma9486
    @kavitasharma9486 Месяц назад +1

    Sabhi bhakto Ko Radha Krishna

  • @AnushkaKumari-vg9iv
    @AnushkaKumari-vg9iv Месяц назад +1

    Kunj Bihari shree haridas ❤❤❤❤

  • @arunakumawat8683
    @arunakumawat8683 Месяц назад +1

    Jai ho mere guru aur govind ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @vyasgiriraj2216
    @vyasgiriraj2216 Месяц назад +2

  • @bharatipadhy6277
    @bharatipadhy6277 Месяц назад +3

    🪔🪔🪔🚩🌹🌹🌹🙏🙏🙏👂👂❤❤❤🤗🇮🇳😭😭😭 Jai shree krishna

  • @lalitarathi6725
    @lalitarathi6725 Месяц назад

    Giriraj dharan ki jai ho pranam Guruwar

  • @KavitaSharma-lr5xw
    @KavitaSharma-lr5xw Месяц назад +1

    Sabhi bhagat shrotaon ko meri Jai shree radhe

  • @RenuSharma-b4t
    @RenuSharma-b4t Месяц назад +1

    Hari Bolllll 🙌🙌🙌🙌🙌🙌

  • @PrasaadAgarkar
    @PrasaadAgarkar Месяц назад +2

    इंद्रेशभैयाकिजय

  • @rishisrivastava5331
    @rishisrivastava5331 Месяц назад

    Vrindavan pyaro vrindavan ❤❤

  • @shobhanabhavsar6355
    @shobhanabhavsar6355 Месяц назад +1

    J
    Jay Jay Shree Radhe 🌹🙏

  • @parmeetarani8967
    @parmeetarani8967 Месяц назад +2

    Jai shree Ram ji guruji 🙂☺️🎉🎉🎉🎉❤❤❤

  • @deeppatialvi2526
    @deeppatialvi2526 Месяц назад

    Jai ho

  • @Prabhasingh-k3l
    @Prabhasingh-k3l Месяц назад

    Shri 💙💙 Radha 💙💙🙏🙏 Shri harivansh 🙏🙏

  • @G_deshmukh
    @G_deshmukh Месяц назад +1

    Bahot sunder bhav

  • @nishiverma2757
    @nishiverma2757 Месяц назад +1

    Radhe radhe parbhu ji aapko dasi ka

  • @Mharo_girdhar
    @Mharo_girdhar Месяц назад

    Jay shri krishn 🙏...pranaam Maharaj ji,🙏

  • @krupadhabalia1471
    @krupadhabalia1471 Месяц назад +1

    Dandvat Pranam JJ

  • @vyasgiriraj2216
    @vyasgiriraj2216 Месяц назад

    ❤❤❤❤❤

  • @SarikaChauhan-s6w
    @SarikaChauhan-s6w Месяц назад +2

    Jay jay ❤❤❤❤

  • @sakshamgosain9663
    @sakshamgosain9663 Месяц назад +1

    Jai Shreeman Narayan🙏🙏

  • @himanshumalik3032
    @himanshumalik3032 Месяц назад +1

    Shri sita ram

  • @poojagoyal7677
    @poojagoyal7677 Месяц назад

    Radhe Radhe guru ji Bhut Sundar katha

  • @tutulmukherjee4695
    @tutulmukherjee4695 Месяц назад +1

    Jay shree radhe

  • @meenutiwari3804
    @meenutiwari3804 Месяц назад

    Apko najar lag gai hai mere kanha ji

  • @simpleverma8896
    @simpleverma8896 Месяц назад

    🙏🙏🌹🌹🌹🙏🙏♥️♥️💐💐