सबकुछ करने के बाद भी यह घटनाएँ भारत में होती रहेंगी क्योंकि यहां का आम आदमी ही भीड़ में चलने की तमीज नहीं है। कुछ लोग तो भीड़ में धक्का-मुक्की करने ही जाते हैं। जब विपक्ष पूरा जोर लगा रहा है गड़बड़ी करवाने की तो कोई व्यवस्था सफल नहीं हो सकती। विश्लेषण के एक-दो बिंदु सही हैं।
सरदाना साहब हमें लगता है कि यह घटना कुछ उद्दंड किस्म के लड़कों के द्वारा की गई है और ऐसे लड़के आपको हर जगह मिल जाएंगे। योगी सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करवानी चाहिए।
मेरा मानना है कि ऐसे आयोजनों में श्रद्धालु जनों को प्रस्थान करने से पहले आयोजकों द्वारा पंजीकरण होना चाहिए और उसे ज्ञात हो किस मार्ग और साधन से प्रवेश करना है कहां रुकना है और कहां और किस समय स्नान करना होगा, केवल उतने ही पंजीकृत श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाए जितनों की व्यवस्था है उसमें से भी 25 प्रतिशत रिजर्व होनी चाहिए।
कमी निकालना आसान होता है,यह सलाह दुर्घटना होने के बाद ही ज़्यादा ही आने लगती हैं, जो कुछ भी हुआ ,वह दुखद है,लेकिन जब नेचुरल घटनाएं होती तब भी किसी न किसी को दोष दिया जाता, लेकिन कोई घटना समय बता कर नहीं आती है।किस तरह से आएगी,यह जानकारी पूर्व में होना भी संभव नहीं है। इतना बड़ा आयोजन करने की कल्पना भी दैवीय शक्ति के समान है।
लोग अनुशासन तोड़ते हैं उसका क्या इलाज है ऐसी परिस्थितियों में प्रशासन कठोर कार्रवाई भी नहीं कर सकता हाथ जोड़कर खड़ा था लोग रास्ता रोक करके सो रहे थे उनका इलाज आपने नहीं बताया
जय श्री राम जी। कुंभ में व्यवस्था में कोई कमी नहीं थी। कुछ हरामियों के कारण जो व्यवस्था बिगाड़ने में लगे थे यह गड़बड़ी हुई। फिर भी प्रशासन बधाई का पात्र है जिन्होंने इसको बढ़ने से रोक दिया। महामानव योगी जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
Vo harmi Hindu te y Muslim y bta dete m yha rhta hu muje pta h kitna ky hua jkr pura mela goom kha kalpvasi rhte h such pta chl jyega tv news m mr dkeh ake jamin pr dkeh media vhi tuje dikyegi jo tu chta h sector goom lena pta chl jyega ar prayagraj k order dekh lena jha ruke h log
सरदाना साहब,कुंभ में व्यवस्था बहुत अच्छी थी,हम 15 लोग मकर संक्रांति के दिन स्नान किए थे,दूसरी बात मै वहीं का निवासी हूं,स्नान करने वाले इतनी जल्दी में रहते हैं कि पुलिस के रोकने पर भी,रोके गए रस्ते से जाने लगे,पुलिस सख्ती नहीं कर रही थी,जनता जब जरूरत से ज्यादा मनमानी करने लगे तो पुलिस को कुछ सख्ती करनी ही चाहिए,यदि जनता पुलिस के दिखाए मार्ग और सुझाव पर चलती तो दुर्घटना नहीं होती
आपके द्वारा बताई गई सुझाव/प्रश्न 90% उचित है। जिनका पालन किया गया है। भीड़/श्रद्धालु जो स्नान के लिए आए उनका भी कुछ कर्तव्य है, सामाजिक दायित्व है आयोजन के प्रति। भीड़ में जो भी उद्घोषणा होती है उनका पालन करना। नेहरू जी के समय जो कुम्भ स्नान के समय दुर्घटना हुई थी,तभी से VIP घाट, व्यवस्था अलग ही होती है, कल कोई भी VIP मूवमेंट नहीं था। अखिलेश और राहुल की खुशियाँ राजनीति गिद्धों की सी है। हताहतों और दिवंगत लोगों के लिए नहीं।
सरदाना साहब इतने बड़े आयोजन को स्टूडियो में बैठकर रणनीति बनाना अलग बात होती है प्रशासन की तरफ से व्यवस्था में कोई कमी नहीं थी कुछ हुरदंग हर जगह आ जाते हैं और अचानक एक्टिविटी ऐसी कर देते हैं जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसे आप कितना भी मैनेजमेंट कर ले नहीं रोक सकते, जब तक व्यक्ति के स्वयं के मन में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होना बंद नहीं होगी तब तक आप ऐसा नहीं कर सकते
WE SUPPORT ADARNIYA YOGI ADITYANATH JI. YOGI JI MADE BEST ARRANGEMENTS. THE MISTAKE WAS OF THE CROWD FOR NOT FOLLOWING THE INSTRUCTIONS OF ADMINISTRATION AND BREAKING BARRICADES.
क्या आलोचकों ने श्रद्धालुओं की मदद के लिए/सेवा के लिए कोई कदम उठाए, उत्तर है नहीं। कोई भंडारा कर रहा है कोई निष्काम भाव से सेवा के लिए प्रस्तुत है, पर गिद्धों ने हमेशा गडबडी, अनहोनी की कमाना की है जो पूरी भी हुई।
व्यवस्था बहुत बहुत अच्छी है कुम्भ में। गद्दारों ने विघ्न डालने का प्रयास किया, सफल हो गए, कर्मों का प्रतिफल तो मिलता ही है अच्छे हो या बुरे। Victims के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि,
Poora safal to nahi but haan kuchh had tak safal hue ye kathmulle anti Hindu 30 logon ka murder jarur kiya hai in logone, unko iska poora hisab dena padega
आदरणीय विजय सरदाना साहब इस घटना के लिए केवल आप और आपकी मीडिया जिम्मेदार है। मान्यवर आपने और आपकी मीडिया ने आजादी के बाद से अब तक कभी भी अपनी बुनियादी ड्यूटी को नहीं निभाया है। मान्यवर आप भाषण दे रहे हैं ठीक उसे पत्रकार की तरह जिसे सच्चाई का अब तक भी नहीं मालूम है? मान्यवर आप जैसे कुछ उच्च कोटि के पत्रकार इसे महा पाप का नाम दे रहे हैं? कुछ कुछ कोटि के पत्रकार शासन प्रशासन की जिम्मेदारी बता रहे हैं? कुछ पत्रकार माननीय मोदी और माननीय योगी जी को जिम्मेदार बता रहे हैं? मान्यवर कैसे आप और आपकी मीडिया जिम्मेदार नहीं है इस घटना के लिए? धन्यवाद सुखबीर सिंह के ई एम डब्ल्यू ए एल
सरदाना जी योगी जी की व्यवस्था में कोई कमी नहीं थी। अब ये तो जांच का विषय है कि ये दुर्घटना कैसे हुई लेकिन crowd management इतने छोटे शहर में इससे बेहतर और क्या हो सकता था। अगर ये दुर्घटना नही घटती तो सब लोग योगी जी की बाहवाही करते नहीं थकते। अब इश्वर से यही प्रार्थना है कि आगे सब कुछ सुचारू रूप से हो।
Past में मैने आपके जो वीडियो देखे, उनसे मुझे लगा कि आप एक logical व्यक्ति हैं, लेकिन आज आपने निराश किया। आपने प्रबंधन को लेकर कुछ शब्दों का चयन किया, "निश्चित रूप से नहीं था"। तथ्यों के अभाव में गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी अत्यंत निराशा जनक है।
Dear mr.Sardana ,you speak about the government's duty throughly but cleverly stayed away about people's duty and sense of discipline,which is mostly responsible for this type of incidents.
नमस्कार सरधना शर्मा इलाहाबाद का ही रहने वाला हूं घाट की कुल लंबाई 10 कमी नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक लगभग 18 से 20 केएम एरिया में फैली है लेकिन समस्या यह है कि लोगों को संगम नोटिस पर ही स्नान करना है अन्य बनाए गए घाटों पर नहीं समस्या यही से पैदा होती है
सर..." स्नानघाट" के रास्ते पर "रुकने, सोने" की इजाजत किसने दिया ? और 99% लोग अनुशासन का पालन कर रहे थे, परन्तु 1% लोग ,जो उच्चश्रृंखल व अनुशासन हीन थे , उन पर लगाम नहीं लग पाई ।
जैसे जैस धर्म पर होने वाली राजनीति बढ़ेगी भक्ति की बजाय अंध भक्ति ज़्यादा बढ़ेगी! सभी पार्टियों को ऐसी राजनीति से ऊपर उठ कर काम के प्रति जवाबदेह होना चाहिए! बढ़ती बेरोज़गारी ऐसे आयोजनों में भीड़ बढ़ाएंगे!
आपको स्थिति का ज्ञान ही नहीं है VIP मुख्य स्नान के दिन नहीं आते । पब्लिक और पत्रकारों का भी सहयोग चाहिए होता है। 12 किमी लंबे घाट बने है लेकिन लोगो को त्रिवेणी संगम में स्नान करना था। रात के 12:30 बजे पुलिस कमिश्नर लोगों को बता रहे थे घाट के पास मत सोएं भगदड़ हो सकती है। पहले आए हैं तो स्नान करिए और आगे बढ़ें।अपने निराश किया आज बिना तथ्य जाने कोई वीडियो न बनाया करे।
There is always a scope of improvement. We need to learn from our mistakes especially when the question of people's life is at stake . The points raised by are very valid and some of them must have been taken care of by authorities. Loopholes need to be plugged .
आप मार्केट में जाकर देखना जहाँ जाम लगेगा वही chapri और ghoosenge, ये नही करते के दूर ही अपनी बिके या car रोक ले ताकि जब जाम खत्म हो जाये तब निकल जाये। लेकिन नही, उस जाम में घूसन्गे Or horan बजाते रहेंगे
योगी जी के अथक प्रयास को वीवीआईपी कल्चर और स्थानीय क्षत्रपों के कारण यह हादसा हुआ। गृहमंत्री आये और मठाधीशों के साथ स्नान किया पूजा अर्चना की उसके बाद मेला क्षेत्र में घूमने से उसी दिन भीड़ अनियंत्रित हो गई थी।
Vijai ji I respect you as professional and highly educated and experience person. You entire analysis is based on understanding that everything was not proper. And the planning has been done without taking any feed back and analysis. We should also understand that There has been flow of 5 cr persons on earlier days. These were managed well. Just blaming yogi does not help. You are not talking about the major stack holder the person who visits the kumbh. People of the country has also the responsibility to be disciplined, but you have failed to even pin point them. Why people visit only on one day and want to go to other places , the spread is approx 10 km long and 24 hours available. If some one sleeps there despite warning do not move what will you do. If people do not follow discipline at all then, any amount of planning does not help. There has been a tendency in the people just to make govt responsible, whom so ever is I power irrespective of party. The opinion makers and social leader like you should make people realise their duty. Of course planning and execution can alway be improved irrespective of level it has reached or even organised successfully.
ऐसे आयोजन से 10/20किलोमीटर पहले सभी दिशाओं में 20/25लाख लोगों को रोकने की सर्वसुविधा युक्त व्यवस्था होनी चाहिए जिन्हें क्रमबद्ध समय में यानि निश्चित अंतराल के बाद रोक कर रवाना किया जाय l साथ ही जो लोग निवृत हो चुके हैं उनके लिए अलग मार्ग की व्यवस्था के द्वारा कम से कम 80%खाली करवाया जाए तो शायद ऐसी नौबत नहीं आयेगी l
सरदाना सर कभी भीड़ में जाइए गा ओर वहां पर आंकलन करना। आप ने घटना के बाद ये वीडियो पोस्ट किया है।पहले करते तो अच्छा रहता। आपका आंकलन सही है।परन्तु घटना के पहले वाले पुलिस प्रशाशन के वीडियो भी देखने चाहिए। ओर ये कोई पहली ऐसी घटना नहीं है। ऐसी घटनाओं के बहुत से उदाहरण है आप के सुझावों के बाद भी अगर कोई ऐसी घटना फिर हो जाती है तो फिर से कमियां दिखाई देंगी। सिर्फ आपका लास्ट वाला सुझाव मुझे अच्छा लगा ।खो को सुरक्षित रहें और दूसरों का ध्यान रखें।
एक मृत्यु भी दर्दनाक होती है कल तक जो श्रद्धालु आ रहा था व्यवस्था को शानदार बता रहा था लेकिन एक रात की घटना ने सारी अच्छी व्यवस्था में कमियों को ठूंठ ठूंठ कर निकाला जा रहा है यदि किसी स्थान करोड़ लोग आ रहे हैं असामाजिक तत्व द्वारा एक शरारत या अफवाह कितनी भी बेहतर व्यवस्था पर पानी फेर देती है ऐसा ही हआ विपरित दिशा से लोग जबरदस्ती आने की वजह से हुआ
सरदाना जी ये तो मानना पडेगा की आपका ज्ञान घटना के घटित होने के बाद प्रदर्शित होता है क्राउड सब सही चल रहा था लोग जाकर घाट पर सौ जाये लेट जाये और समय आने पर नहाने जाये आपका ज्ञान सब स्पेकुलेशन होता है कम से कम जाकर तो देख लेते और सब एक ही घाट पर जायेंगे ये कोन सा लाजिक है
The arrangements you talked of...were catered for - as per people on ground ! What do you do of people who are ALWAYS have a sadist lookout for creating mishaps ! Redt, as you said, things will open up & truth established !
Making arrangement for 45 crore people is not an easy task .Ispite of this unfortunate stampede incident , manging the event till now is kind of a wonder of its own kind.. Even a slightest human / mechanical error can be disastrous . As you told this event will serve as guide for future and Yogiji has already ordered judicial probe which will take care of your obserbations and throw light to fix accountabilty .👌🏿
Salute to yogiji for very nicely arranged but some criminal minded people creating pressure, pushing etc very difficult to prevent those who are prentside of que . I have seen some other places.
Sir few suggestions you must raise through your channel... 1) There should be pre-registration system for pligrims...like we do in amarnath yatra. You cannot allow crores of people on pilgrimage in such a small place. 2) There should seperate lanes of movement for women, families and single young male pilgrims. You cannot allow everyone in same lane. 3) There should be reporting station at some distance from ghats and pilgrims in blocks of 1000-2000 or any such manageable numbers be allowed at one time...with separation from other block...by some minutes. 4) Every block should be led by security personnel who would lead the block, walk and halt as per situation. 5) Traffic signals style lights should be used to control crowd. 6) People through religious leaders should be trained to behave. If people can barricade and walk over sleeping peoples it clear that they are not their for spritual duty but transactional duty in name of religion. 7) Since sangam point is most important for people effort should be made to enlarge all the banks surrounding it..even if it needs to allow breaking river banks and allow water to spread to larger area. Many such imaginative ideas needed.
Pls understand that whatever great arrangements are made by the Govt it is for the people to be deciplined in such a great show pulling and pushing happens even in well regulated temples leading to stampedes
Mai aj tk ek baat nhi samjh pata , Dehradun se hu . Aur Dehradun hi nhi ye sabhi cities ka hal h shayed . Jub kisi bhi chaurahe pe red light se automatic traffic control hota h tub kbhi jam nhi lgta even agar koi red light na bhi ho , lekin jub police traffic ko control krne lgti h tub bhut bhut bdi line lug jati h aur log ghanto jam me fanse rehte h . Police ek hi side se 5 mnt tk traffic khol k rehti h tub 3 sides me jam lgne lgte h aur fir usko khulwana bhut tedi kheer , kya police k officers me itna dimag nhi sochne ka ????? Mai aj tk ye gutthi nhi suljha pata
People need to learn civic sense. Why were People hanging around after taking first dip? Why should every one depend upon government? Why aren't Indians taught that People are government. We Indians are adept at criticising criticising 😢
Yogi govt has done marvellously, but even with best crowd management practically difficult to control if crores of people believe & gather at one specific place(Triveni Sangam)& lapses will be there unless crowds are not distributed proportionately. People cooperation most important.
I visited Maha Kumbh on 26th Jan. Police professional were polite and I haven't seen danda culture. Issue I found was the commutation. There should be more shuttle services, so that the crowd on roads get reduced. During return, we walked a long distance to get any conveyance to reach parking. If we would have got it timely then we could reach parking ASAP.
ठसाठस भरे स्थान पर यदि एक महिला हार्ट अटैक अथवा किसी प्रकार बेहोश होकर गिर जाए तो क्या आप ऐसी दशा पर भगदड़ की कल्पना नहीं कर सकते? प्रयागराज में यही हुआ है
I feel that you were not aware of the arrangements. I don't say you are totally wrong but I think you are not totally right either. Arrangements for VIPs are separate. Also for going and coming are separate too. The chances of Human error is not ruled out. I think investigation has been ordered and it will give the right areas. At this moment, let us wait and meanwhile pray for the departed soul. All will be good. 👍🏼
त्रिवेणी संगम का पाणी पंपिंग करके temparary कुंड चार पाच किलोमीटर, दस से बीस किलोमीटर डिस्टन्स पे 500 कुंड बनाना चाहिये ऊस कुंड मै क्राऊंड डिस्ट्रिब्युट करणा चाहिये
Crowd / people in large numbers should be taught/made to follow the rules . That’s the first thing to do . See the crowd management in temples of north India and south India. Well managed movement with proper maintenance of queues is seen in south India. This is due to more disciplined devotees of south . No pushing or pulling is seen there .
महोदय आप एक अच्छे वित्तिय सलाहकार हो सकते हैं, एक अच्छे कम्पनी सेक्रेटरी हो सकते हैं, एक अच्छे वित्त नियंत्रक हो सकते हैं। पर आप हर विषय के विशेषज्ञ नही हो सकते। अतः आप अपने को अपने क्षेत्र तक ही सीमित रक्खें।
हम 99 प्रतिशत ही व्यवस्था कर सकते है 100 तो परम पिता परमेश्वर ही है
कुम्भ प्रयागराज में प्रबंधन में तो कोई कमी नहीं है भगदड़ की घटना में निश्चित अराजक तत्वों का हाथ है जो जांच से पकड़ में आ जायेंगे
सबकुछ करने के बाद भी यह घटनाएँ भारत में होती रहेंगी क्योंकि यहां का आम आदमी ही भीड़ में चलने की तमीज नहीं है। कुछ लोग तो भीड़ में धक्का-मुक्की करने ही जाते हैं। जब विपक्ष पूरा जोर लगा रहा है गड़बड़ी करवाने की तो कोई व्यवस्था सफल नहीं हो सकती। विश्लेषण के एक-दो बिंदु सही हैं।
Agreed
Right
सरदाना साहब हमें लगता है कि यह घटना कुछ उद्दंड किस्म के लड़कों के द्वारा की गई है और ऐसे लड़के आपको हर जगह मिल जाएंगे। योगी सरकार को इस मामले की गंभीरता से जांच करवानी चाहिए।
मेरा मानना है कि ऐसे आयोजनों में श्रद्धालु जनों को प्रस्थान करने से पहले आयोजकों द्वारा पंजीकरण होना चाहिए और उसे ज्ञात हो किस मार्ग और साधन से प्रवेश करना है कहां रुकना है और कहां और किस समय स्नान करना होगा, केवल उतने ही पंजीकृत श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाए जितनों की व्यवस्था है उसमें से भी 25 प्रतिशत रिजर्व होनी चाहिए।
कमी निकालना आसान होता है,यह सलाह दुर्घटना होने के बाद ही ज़्यादा ही आने लगती हैं, जो कुछ भी हुआ ,वह दुखद है,लेकिन जब नेचुरल घटनाएं होती तब भी किसी न किसी को दोष दिया जाता, लेकिन कोई घटना समय बता कर नहीं आती है।किस तरह से आएगी,यह जानकारी पूर्व में होना भी संभव नहीं है। इतना बड़ा आयोजन करने की कल्पना भी दैवीय शक्ति के समान है।
लोग अनुशासन तोड़ते हैं उसका क्या इलाज है ऐसी परिस्थितियों में प्रशासन कठोर कार्रवाई भी नहीं कर सकता हाथ जोड़कर खड़ा था लोग रास्ता रोक करके सो रहे थे उनका इलाज आपने नहीं बताया
जय श्री राम जी। कुंभ में व्यवस्था में कोई कमी नहीं थी। कुछ हरामियों के कारण जो व्यवस्था बिगाड़ने में लगे थे यह गड़बड़ी हुई। फिर भी प्रशासन बधाई का पात्र है जिन्होंने इसको बढ़ने से रोक दिया। महामानव योगी जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
Vo harmi Hindu te y Muslim y bta dete m yha rhta hu muje pta h kitna ky hua jkr pura mela goom kha kalpvasi rhte h such pta chl jyega tv news m mr dkeh ake jamin pr dkeh media vhi tuje dikyegi jo tu chta h sector goom lena pta chl jyega ar prayagraj k order dekh lena jha ruke h log
@@rahulshukla6477firsr learn to type
@@rahulshukla6477coxktail, rahul vinchi ki tarah
InvestigationsAlsoShouldBeDoneWhoCreatedStGraveSituationsInSuchAHugeCrowedWhoSupportedKumbhOrAgainstKumbh
पुलिस को कुछ सख्ती करनी चाहिए थी,जो कि बिल्कुल भी सख्ती नहीं किया
सरदाना साहब,कुंभ में व्यवस्था बहुत अच्छी थी,हम 15 लोग मकर संक्रांति के दिन स्नान किए थे,दूसरी बात मै वहीं का निवासी हूं,स्नान करने वाले इतनी जल्दी में रहते हैं कि पुलिस के रोकने पर भी,रोके गए रस्ते से जाने लगे,पुलिस सख्ती नहीं कर रही थी,जनता जब जरूरत से ज्यादा मनमानी करने लगे तो पुलिस को कुछ सख्ती करनी ही चाहिए,यदि जनता पुलिस के दिखाए मार्ग और सुझाव पर चलती तो दुर्घटना नहीं होती
आपके द्वारा बताई गई सुझाव/प्रश्न 90% उचित है। जिनका पालन किया गया है।
भीड़/श्रद्धालु जो स्नान के लिए आए उनका भी कुछ कर्तव्य है, सामाजिक दायित्व है आयोजन के प्रति। भीड़ में जो भी उद्घोषणा होती है उनका पालन करना।
नेहरू जी के समय जो कुम्भ स्नान के समय दुर्घटना हुई थी,तभी से VIP घाट, व्यवस्था अलग ही होती है,
कल कोई भी VIP मूवमेंट नहीं था।
अखिलेश और राहुल की खुशियाँ राजनीति गिद्धों की सी है। हताहतों और दिवंगत लोगों के लिए नहीं।
सरदाना साहब इतने बड़े आयोजन को स्टूडियो में बैठकर रणनीति बनाना अलग बात होती है प्रशासन की तरफ से व्यवस्था में कोई कमी नहीं थी कुछ हुरदंग हर जगह आ जाते हैं और अचानक एक्टिविटी ऐसी कर देते हैं जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसे आप कितना भी मैनेजमेंट कर ले नहीं रोक सकते, जब तक व्यक्ति के स्वयं के मन में अराजकता की स्थिति उत्पन्न होना बंद नहीं होगी तब तक आप ऐसा नहीं कर सकते
WE SUPPORT ADARNIYA YOGI ADITYANATH JI. YOGI JI MADE BEST ARRANGEMENTS. THE MISTAKE WAS OF THE CROWD FOR NOT FOLLOWING THE INSTRUCTIONS OF ADMINISTRATION AND BREAKING BARRICADES.
Sunil g aap sahi Kah rahe hain.
भारत के लोगों को भी अनुशासन में रहना सीखना पड़ेगा।
नहीं उसकी जरूरत नहीं है ऑर्गनाइजर को सब आना चाहिए क्योंकि उन्हें जनता के बारे में पूरी जानकारी के बाद ही कुछ ऑर्गेनाइज करना चाहिए
You are absolutely right Sir
@@ushasingh390Murkhtapuran Comment kiya h Aapne.
सरदाना साहब! आपने सही बिन्दुओं को उठाया तो है; किन्तु शासन,अपने प्रियवरों को ही योग्य मान कर केवल उन्हीं की सुनता है।
क्या आलोचकों ने श्रद्धालुओं की मदद के लिए/सेवा के लिए कोई कदम उठाए, उत्तर है नहीं। कोई भंडारा कर रहा है कोई निष्काम भाव से सेवा के लिए प्रस्तुत है, पर गिद्धों ने हमेशा गडबडी, अनहोनी की कमाना की है जो पूरी भी हुई।
Anhoni ki kamana kuchh had tak poori hui jarur, magar jinhone ye kiya ie anti Hinduone, unko udka bhayanak hisab chukana padega
व्यवस्था बहुत बहुत अच्छी है कुम्भ में। गद्दारों ने विघ्न डालने का प्रयास किया, सफल हो गए, कर्मों का प्रतिफल तो मिलता ही है अच्छे हो या बुरे।
Victims के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि,
Poora safal to nahi but haan kuchh had tak safal hue ye kathmulle anti Hindu
30 logon ka murder jarur kiya hai in logone, unko iska poora hisab dena padega
आपने बहुत अच्छा विश्लेषण किया है; परन्तु वहाँ एडमिनिस्ट्रेशन के failure को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता! Common sense की भयंकर कमी! या ढुलमुल रवैया!
आदरणीय विजय सरदाना साहब इस घटना के लिए केवल आप और आपकी मीडिया जिम्मेदार है। मान्यवर आपने और आपकी मीडिया ने आजादी के बाद से अब तक कभी भी अपनी बुनियादी ड्यूटी को नहीं निभाया है। मान्यवर आप भाषण दे रहे हैं ठीक उसे पत्रकार की तरह जिसे सच्चाई का अब तक भी नहीं मालूम है? मान्यवर आप जैसे कुछ उच्च कोटि के पत्रकार इसे महा पाप का नाम दे रहे हैं? कुछ कुछ कोटि के पत्रकार शासन प्रशासन की जिम्मेदारी बता रहे हैं? कुछ पत्रकार माननीय मोदी और माननीय योगी जी को जिम्मेदार बता रहे हैं? मान्यवर कैसे आप और आपकी मीडिया जिम्मेदार नहीं है इस घटना के लिए? धन्यवाद सुखबीर सिंह के ई एम डब्ल्यू ए एल
सरदाना जी योगी जी की व्यवस्था में कोई कमी नहीं थी। अब ये तो जांच का विषय है कि ये दुर्घटना कैसे हुई लेकिन crowd management इतने छोटे शहर में इससे बेहतर और क्या हो सकता था। अगर ये दुर्घटना नही घटती तो सब लोग योगी जी की बाहवाही करते नहीं थकते। अब इश्वर से यही प्रार्थना है कि आगे सब कुछ सुचारू रूप से हो।
Past में मैने आपके जो वीडियो देखे, उनसे मुझे लगा कि आप एक logical व्यक्ति हैं, लेकिन आज आपने निराश किया। आपने प्रबंधन को लेकर कुछ शब्दों का चयन किया, "निश्चित रूप से नहीं था"। तथ्यों के अभाव में गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी अत्यंत निराशा जनक है।
Agree 💯
Bilkul prshasn kitna bhi intjam kr le itni bheerh ko niyatrit krna khala ji ka ghar nhin
❤brother meri bate bol di
आप जैसे बड़े लोग बड़ी बड़ी बातें कर सकते हैं आपने कहा फिजिकल तौर से लोग हर तरह के होते हैं सब मानसिक तौर से हर तरह के लोग नहीं होते
Dear mr.Sardana ,you speak about the government's duty throughly but cleverly stayed away about people's duty and sense of discipline,which is mostly responsible for this type of incidents.
Excellent suggestions Vijay ji
विपक्ष जो कर रहा है वो चरम है। हर बात किए राजनीति दिमागी दिवालिया पन
नमस्कार सरधना शर्मा इलाहाबाद का ही रहने वाला हूं घाट की कुल लंबाई 10 कमी नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक लगभग 18 से 20 केएम एरिया में फैली है लेकिन समस्या यह है कि लोगों को संगम नोटिस पर ही स्नान करना है अन्य बनाए गए घाटों पर नहीं समस्या यही से पैदा होती है
बहुत सुंदर प्रेजेंटेशन होती है आपकी।बधाई
Thanks
सभी को गंगा मां का आशीर्वाद बराबर मिलना चाहिए l
सर..." स्नानघाट" के रास्ते पर "रुकने, सोने" की इजाजत किसने दिया ? और 99% लोग अनुशासन का पालन कर रहे थे, परन्तु 1% लोग ,जो उच्चश्रृंखल व अनुशासन हीन थे , उन पर लगाम नहीं लग पाई ।
इजाजत का इनको नहीं बता होगा।
Ys sr great video🎥
Excellent sugessions,, must observed in future, 👍👍
राम राम जी 🙏🙏
जैसे जैस धर्म पर होने वाली राजनीति बढ़ेगी भक्ति की बजाय अंध भक्ति ज़्यादा बढ़ेगी! सभी पार्टियों को ऐसी राजनीति से ऊपर उठ कर काम के प्रति जवाबदेह होना चाहिए! बढ़ती बेरोज़गारी ऐसे आयोजनों में भीड़ बढ़ाएंगे!
आपको स्थिति का ज्ञान ही नहीं है VIP मुख्य स्नान के दिन नहीं आते ।
पब्लिक और पत्रकारों का भी सहयोग चाहिए होता है।
12 किमी लंबे घाट बने है लेकिन लोगो को त्रिवेणी संगम में स्नान करना था।
रात के 12:30 बजे पुलिस कमिश्नर लोगों को बता रहे थे घाट के पास मत सोएं भगदड़ हो सकती है।
पहले आए हैं तो स्नान करिए और आगे बढ़ें।अपने निराश किया आज बिना तथ्य जाने कोई वीडियो न बनाया करे।
Jai jai shree Ram
Jai jai Sri Ram
समस्या ये है की अगर यहाँ हम कुछ कमी निकलेंगे तो लोग हिंदू विरोधी बता देंगे।
There is always a scope of improvement. We need to learn from our mistakes especially when the question of people's life is at stake . The points raised by are very valid and some of them must have been taken care of by authorities. Loopholes need to be plugged .
बहुत आच्छा विश्लेषण. लेकीन आपने देश के गद्दार का क्या कर सकते है.
वंदेमातरम ❤❤💐💐🙏🙏🚩🚩🇮🇳🇮🇳🙏🙏
आप मार्केट में जाकर देखना जहाँ जाम लगेगा वही chapri और ghoosenge, ये नही करते के दूर ही अपनी बिके या car रोक ले ताकि जब जाम खत्म हो जाये तब निकल जाये। लेकिन नही, उस जाम में घूसन्गे Or horan बजाते रहेंगे
Jai Hind Sir
Vijayji sayad aap ne puri study hi ki nahi aisa apki bato se lagta hai, sujesion dena aur practical me hona bahot alag hota hai,
योगी जी के अथक प्रयास को वीवीआईपी कल्चर और स्थानीय क्षत्रपों के कारण यह हादसा हुआ। गृहमंत्री आये और मठाधीशों के साथ स्नान किया पूजा अर्चना की उसके बाद मेला क्षेत्र में घूमने से उसी दिन भीड़ अनियंत्रित हो गई थी।
Kya bakwas hai. Km se km esa gatiyapan
आधार कार्ड से पंजीकरण करवा कर, श्रद्धालुओ को समय से आगमन कर निर्देशित किया जा सकता है। इस प्रकार, एक बड़ा वर्ग समंवयित किया जा सकता हैं। 🙏🏻
पुलिस को लोगों को गंगा किनारे पर सोने नहीं देना चाहिए l
बिजय जी त्रिरुपती बालाजी मंदिर की तरह ब्जेवस्था थी फिर भी जानबूझकर भाग दोड़ किसने मचाई?
Vijai ji I respect you as professional and highly educated and experience person. You entire analysis is based on understanding that everything was not proper. And the planning has been done without taking any feed back and analysis. We should also understand that There has been flow of 5 cr persons on earlier days. These were managed well. Just blaming yogi does not help. You are not talking about the major stack holder the person who visits the kumbh. People of the country has also the responsibility to be disciplined, but you have failed to even pin point them. Why people visit only on one day and want to go to other places , the spread is approx 10 km long and 24 hours available. If some one sleeps there despite warning do not move what will you do. If people do not follow discipline at all then, any amount of planning does not help. There has been a tendency in the people just to make govt responsible, whom so ever is I power irrespective of party. The opinion makers and social leader like you should make people realise their duty. Of course planning and execution can alway be improved irrespective of level it has reached or even organised successfully.
It is easy to blam govt
Absolutely right
ऐसे आयोजन से 10/20किलोमीटर पहले सभी दिशाओं में 20/25लाख लोगों को रोकने की सर्वसुविधा युक्त व्यवस्था होनी चाहिए जिन्हें क्रमबद्ध समय में यानि निश्चित अंतराल के बाद रोक कर रवाना किया जाय l साथ ही जो लोग निवृत हो चुके हैं उनके लिए अलग मार्ग की व्यवस्था के द्वारा कम से कम 80%खाली करवाया जाए तो शायद ऐसी नौबत नहीं आयेगी l
सरदाना सर कभी भीड़ में जाइए गा ओर वहां पर आंकलन करना। आप ने घटना के बाद ये वीडियो पोस्ट किया है।पहले करते तो अच्छा रहता। आपका आंकलन सही है।परन्तु घटना के पहले वाले पुलिस प्रशाशन के वीडियो भी देखने चाहिए।
ओर ये कोई पहली ऐसी घटना नहीं है। ऐसी घटनाओं के बहुत से उदाहरण है
आप के सुझावों के बाद भी अगर कोई ऐसी घटना फिर हो जाती है तो फिर से कमियां दिखाई देंगी।
सिर्फ आपका लास्ट वाला सुझाव मुझे अच्छा लगा ।खो को सुरक्षित रहें और दूसरों का ध्यान रखें।
सरदाना सच कहता है,हम मान गये।
एक मृत्यु भी दर्दनाक होती है कल तक जो श्रद्धालु आ रहा था व्यवस्था को शानदार बता रहा था लेकिन एक रात की घटना ने सारी अच्छी व्यवस्था में कमियों को ठूंठ ठूंठ कर निकाला जा रहा है यदि किसी स्थान करोड़ लोग आ रहे हैं असामाजिक तत्व द्वारा एक शरारत या अफवाह कितनी भी बेहतर व्यवस्था पर पानी फेर देती है ऐसा ही हआ विपरित दिशा से लोग जबरदस्ती आने की वजह से हुआ
सरदाना जी ये तो मानना पडेगा की आपका ज्ञान घटना के घटित होने के बाद प्रदर्शित होता है
क्राउड सब सही चल रहा था लोग जाकर घाट पर सौ जाये लेट जाये और समय आने पर नहाने जाये
आपका ज्ञान सब स्पेकुलेशन होता है कम से कम जाकर तो देख लेते
और सब एक ही घाट पर जायेंगे ये कोन सा लाजिक है
कुछ अराजक तत्वों की दानव prabriti हर अच्छे कार्यो को बिगड़ना svabhav है इस कुम्भ में भी कुछ लड़को के द्वारा किया गया है सरकर को शख्त दिया जाय
The arrangements you talked of...were catered for - as per people on ground !
What do you do of people who are ALWAYS have a sadist lookout for creating mishaps !
Redt, as you said, things will open up & truth established !
हरिद्वार में जैसा कैनाल सिस्टम बना है उसी तरह कैनाल भी उपयोगी होगी 🙏
आपके अच्छे विचारो का स्वागत।
Pranam sir
Crowd management should be done in PPP mode.
Discrimination नहीं होना चाहिए l
कल्याण सिंह ने अपने काल में VIP प्रोटोकॉल को कुम्भ क्षेत्र में निष्प्रभावी कर दिया था।
Jai shree Ram
Ram Ram🙏
Making arrangement for 45 crore people is not an easy task .Ispite of this unfortunate stampede incident , manging the event till now is kind of a wonder of its own kind.. Even a slightest human / mechanical error can be disastrous . As you told this event will serve as guide for future and Yogiji has already ordered judicial probe which will take care of your obserbations and throw light to fix accountabilty .👌🏿
Salute to yogiji for very nicely arranged but some criminal minded people creating pressure, pushing etc very difficult to prevent those who are prentside of que . I have seen some other places.
Sir few suggestions you must raise through your channel...
1) There should be pre-registration system for pligrims...like we do in amarnath yatra. You cannot allow crores of people on pilgrimage in such a small place.
2) There should seperate lanes of movement for women, families and single young male pilgrims.
You cannot allow everyone in same lane.
3) There should be reporting station at some distance from ghats and pilgrims in blocks of 1000-2000 or any such manageable numbers be allowed at one time...with separation from other block...by some minutes.
4) Every block should be led by security personnel who would lead the block, walk and halt as per situation.
5) Traffic signals style lights should be used to control crowd.
6) People through religious leaders should be trained to behave. If people can barricade and walk over sleeping peoples it clear that they are not their for spritual duty but transactional duty in name of religion.
7) Since sangam point is most important for people effort should be made to enlarge all the banks surrounding it..even if it needs to allow breaking river banks and allow water to spread to larger area.
Many such imaginative ideas needed.
कोई नहीं बता सकता कि स्नान कौन सा बीबीआईपी था सब छुपाया जा रहा है यस पी डी यम कहाँ थे जय हिंद बन्देमातरम्
Pls understand that whatever great arrangements are made by the Govt it is for the people to be deciplined in such a great show pulling and pushing happens even in well regulated temples leading to stampedes
Mai aj tk ek baat nhi samjh pata , Dehradun se hu . Aur Dehradun hi nhi ye sabhi cities ka hal h shayed . Jub kisi bhi chaurahe pe red light se automatic traffic control hota h tub kbhi jam nhi lgta even agar koi red light na bhi ho , lekin jub police traffic ko control krne lgti h tub bhut bhut bdi line lug jati h aur log ghanto jam me fanse rehte h . Police ek hi side se 5 mnt tk traffic khol k rehti h tub 3 sides me jam lgne lgte h aur fir usko khulwana bhut tedi kheer , kya police k officers me itna dimag nhi sochne ka ????? Mai aj tk ye gutthi nhi suljha pata
😂😂 हर एक का यही एक्सपीरियंस है।
Jitne लोग आसनी से समा शकते है utne ही लोगो की एंट्री हो बाहेर nilklnlne की स्वतंत्र chwde रास्ते चाहिये
व्हीआयपी की अलग व्यवस्था honi चाहिये
Fixed date as well as state wise. It may be practically possible for crowd management
People need to learn civic sense. Why were People hanging around after taking first dip?
Why should every one depend upon government?
Why aren't Indians taught that People are government.
We Indians are adept at criticising criticising 😢
Very nicr sir v i p culture shold must be stoped
एक और व्यवस्था हो सकती है कि निकास हेतु कुछ जेट्टी बनाए और लॉन्च से यात्रियों को नैनी और झूंसी की तरफ निकालने की व्यवस्था हो।
Exit should be faster than entry.
Yogi govt has done marvellously, but even with best crowd management practically difficult to control if crores of people believe & gather at one specific place(Triveni Sangam)& lapses will be there unless crowds are not distributed proportionately. People cooperation most important.
I visited Maha Kumbh on 26th Jan. Police professional were polite and I haven't seen danda culture. Issue I found was the commutation. There should be more shuttle services, so that the crowd on roads get reduced. During return, we walked a long distance to get any conveyance to reach parking. If we would have got it timely then we could reach parking ASAP.
Yeh ghatna Akhileshmula ke jane ke Bad ghati
Vijayji🎉aap nain aakhir main kaha yadi aesi ghatnaaon ko rokna hae,,,,,,to Seekhana aur Sudharna hoga,,,,,, yah baat har tareh k VVIP, ahdikarion aur samajik sangathano aur aam vyakti par saman laagu hoti hae,,koee bhi achuta nahin.
वी आई पी नहीं थे। वी आई पी घाट भी श्री गगां जी के दूसरी ओर हैं। दस बारह कि मी नहीं चलना पड रहा है।
I had also fell during the stampede, the human psychology nobody bothers to lift you and people started walking over me, seems similar happened there.
यह व्यवस्था की त्रुटि है।वेरीकेटिंग को टूटने से न बचा पाना।
अंधभक्त एक बार फिर सरकार के बचाव में उतरे
💯👍
ठसाठस भरे स्थान पर यदि एक महिला हार्ट अटैक अथवा किसी प्रकार बेहोश होकर गिर जाए तो क्या आप ऐसी दशा पर भगदड़ की कल्पना नहीं कर सकते?
प्रयागराज में यही हुआ है
🎉
I feel that you were not aware of the arrangements. I don't say you are totally wrong but I think you are not totally right either. Arrangements for VIPs are separate. Also for going and coming are separate too. The chances of Human error is not ruled out. I think investigation has been ordered and it will give the right areas.
At this moment, let us wait and meanwhile pray for the departed soul.
All will be good. 👍🏼
कुंभ बारह वर्षों में एक बार होता है, स्थान बढ़ता है
Sir its totally conspiracy, maybe confirm with in 2/3 day. I don't think it's mismanagement.
त्रिवेणी संगम का पाणी पंपिंग करके temparary कुंड चार पाच किलोमीटर, दस से बीस किलोमीटर डिस्टन्स पे 500 कुंड बनाना चाहिये
ऊस कुंड मै क्राऊंड डिस्ट्रिब्युट करणा चाहिये
Janta bhi jimmedar hai
Vvip entourage is v v frustrating. I faced it at the kumbh
विधर्मी गिद्धों की इच्छा पूरी हो गई।
Sir, ek kadam ka fasla jaha par bhi krowed ho ek dusre se hadsa ho hi nahi sakta.
हमारा सुझाव तो ये है कि पहले आप खुद जाइए.. देखिए कि वहां पर क्या व्यवस्था की गई है.. वहां पर क्या क्या कमियां है.. और फिर बनाइए अपना ये वीडियो। 🙏
Crowd / people in large numbers should be taught/made to follow the rules . That’s the first thing to do . See the crowd management in temples of north India and south India. Well managed movement with proper maintenance of queues is seen in south India. This is due to more disciplined devotees of south . No pushing or pulling is seen there .
Kabhi kabhi Pilgrims apne responsibility lena chahiye, kitne baar police ki warning mile sab log had not paid heed
Sarkare parshasn jitna bhi intjam kr lo jb tk log khud nahi smjhege tb tk aise ghatnaye hoti rhengi
We support Yogi ji
महोदय आप एक अच्छे वित्तिय सलाहकार हो सकते हैं, एक अच्छे कम्पनी सेक्रेटरी हो सकते हैं, एक अच्छे वित्त नियंत्रक हो सकते हैं। पर आप हर विषय के विशेषज्ञ नही हो सकते।
अतः आप अपने को अपने क्षेत्र तक ही सीमित रक्खें।
Police वाले तो ये देखते रह किसी का पर्स मिल जाये गिरा हुआ, कोई चेन मिल जाये
Is desh mein kuch nahi ho sakta. So much of hype created just for political gains..We talk about 40 Cr Shardalu