मेरा नाम रामपाल है 33 करोड़ देवी देवता कौन है वह अपने शरीर रक्षक है जैसे शरीर पांच तत्वों एक तत्व की पांच प्रकृति है जैसे पानी है पानी की पांच प्रकृति जैसे पेशाब मुंह से तुक आंखों से आंसू वीर्य नाक से पानी बहता हुआ तो पानी की पांच प्रकृति वैसे ही इन पांच तत्वों की 25 प्रकृति है 25 प्रकृति और पांच तत्व और तीन गुण जैसे रजोगुण तमोगुण, सतोगुण,ये,33.होती, है यह है वह 33 करोड़ देवी देवता
संत रामपाल सही धर्म विरोधी है बंदर को शेर का खाल पहनाने से बंदर क्या शेर कहलाऐगा लाखो वर्षो से भगवान का पुजा करते आ रहे है और कोई पाखंडी कह दे भगवान नही तो हम मान लेगें हमारे पास सबुत है भगवान के लाखो वर्ष पुराने मंदीर है मुर्ती है योहा पर भोले भले लोगों को धोखा दिया जा रहा है
भाई धनाना धाम आप भी जाकर देखो और आपके मन में जो भी सवाल है जवाब है सबका एकदम सबूत के साथ आपका सवाल का जवाब मिलेगा आपकी ये गलत फहमी दूर हो , दोनों तरफ गुरुजी के भगत है
एक कुत्ता कुछ दंकर भोक्ता हैं दुसराकुतता। भोकते हुए को देखकर भोक्ता है सही कोनसा कुत्ता हैं जो कुछ देखकर भोक्ता है वहीं सही हुवा स्वास्थ्य में देखकर भोकनासही के अपनी आंखों सेदेखकर 23:57
जिन जिन लोगों को संत रामपाल जी के अनुसार भक्ति करनी है बो लोग संत रामपाल जी के अनुसार भक्ति करें और जिन जिन लोगों को किस के अनुसार भक्ति करो किसी से कोई जबरदस्ती नहीं है जो जैसी खेती करेगा वैसी ही फसल या फल पायेगा
सनातन धर्म महान है सनातन धर्म वह धर्म है जिसमें प्रभु द्वारा प्रदत्त सद्ग्रंथ चारों वेद, श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार एक पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म की इष्ट रूप में पूजा की जाती थी।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
शंकराकार्य तो छोड़ो ये आदमी किसी गुरुकुल के बालक का भी सामना नही कर सकता , केवल वही लोगो इन जैसे पाखंडियों के पास जाता है जिन्होंने कभी संस्कृत व्याकरण को छुआ नहीं और शास्त्र पढ़े नहीं
@@manojkohli6960 to rampal chla jata debate karne rampal kiyo nhi gya chindi chor vishav ka sabse bda pakhandi hai geeta ved puran sabhi ka arth ka anarth kiya hua hai
@@MST9911भाई साहब ये शंकराचार्य हिन्दू धर्म के ठेकेदार है क्या जो ये बोलेंगे वही अर्थ होगा। आज समाज शिक्षित हो गया है जो खुद भी पवित्र गीता तथा पवित्र वेदों से मिलान कर सकता है। अब इन ठेकेदारों की दाल नहीं गल रही तो कबीर जी को अशिक्षित बोलने लगे।
1. भगवद गीता से: मंत्र: "वस्त्रं चैवाघ्र्यं चैव ह्यन्नपानं च पुनः | अन्नश्च कृष्णस्य प्रीतये ।" अध्याय: 9 श्लोक संख्या: 27 अर्थ: भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए भगवा रंग का वस्त्र, आभूषण, अन्न और पान अर्पित करें। 1. शिव पुराण से: मंत्र: "वस्त्रं भगवतः शंभोर्भुजंगविभूषणम् | शिरसि धारयाम्यहम् ।" अध्याय: 4, विद्येश्वर सम्हिता श्लोक संख्या: 45 अर्थ: मैं भगवान शिव के भगवा रंग के वस्त्र को अपने सिर पर धारण करता हूँ, जो उनकी शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है। 1. विष्णु पुराण से: मंत्र: "पीतवाससे विष्णुर्भूत्वा पृथ्वीं विश्वंभरो हरः | अव्याहतः स्थितो यस्मिन् ।" अध्याय: 1, पहला अम्श श्लोक संख्या: 54 अर्थ: भगवान विष्णु भगवा रंग के वस्त्र में पृथ्वी को धारण करते हैं, जो उनकी शक्ति और पवित्रता का प्रतीक है। 1. उपनिषद से: मंत्र: "तद्विज्ञानात् सर्वमिदं विज्ञायते | तद्विज्ञानेन भगवतः पीतवस्त्रः ।" उपनिषद: तैत्तिरीय उपनिषद अध्याय: 1, वल्ली श्लोक संख्या: 12 अर्थ: भगवा रंग के वस्त्र से भगवान का ज्ञान प्राप्त होता है, जो आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है। कृपया ध्यान दें कि विभिन्न संस्करणों और अनुवादों में श्लोक संख्या और अध्याय भिन्न हो सकते हैं। : यहाँ मंत्रों के साथ-साथ उनके संख्या, श्लोक संख्या, अध्याय, और अर्थ की जानकारी भी दी गई है: 1. भगवद गीता से: मंत्र: "वस्त्रं चैवाघ्र्यं चैव ह्यन्नपानं च पुनः | अन्नश्च कृष्णस्य प्रीतये ।" अध्याय: 9 श्लोक संख्या: 27 अर्थ: भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए भगवा रंग का वस्त्र, आभूषण, अन्न और पान अर्पित करें। 1. शिव पुराण से: मंत्र: "वस्त्रं भगवतः शंभोर्भुजंगविभूषणम् | शिरसि धारयाम्यहम् ।" अध्याय: 4, विद्येश्वर सम्हिता श्लोक संख्या: 45 अर्थ: मैं भगवान शिव के भगवा रंग के वस्त्र को अपने सिर पर धारण करता हूँ, जो उनकी शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है। 1. विष्णु पुराण से: मंत्र: "पीतवाससे विष्णुर्भूत्वा पृथ्वीं विश्वंभरो हरः | अव्याहतः स्थितो यस्मिन् ।" अध्याय: 1, पहला अम्श श्लोक संख्या: 54 अर्थ: भगवान विष्णु भगवा रंग के वस्त्र में पृथ्वी को धारण करते हैं, जो उनकी शक्ति और पवित्रता का प्रतीक है। 1. उपनिषद से: मंत्र: "तद्विज्ञानात् सर्वमिदं विज्ञायते | तद्विज्ञानेन भगवतः पीतवस्त्रः ।" उपनिषद: तैत्तिरीय उपनिषद अध्याय: 1, वल्ली श्लोक संख्या: 12 अर्थ: भगवा रंग के वस्त्र से भगवान का ज्ञान प्राप्त होता है, जो आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक
❤अमर सिंह नाम रख कर मृत्यु पर बिजय पाना चाहता है परमात्मा की व्याख्या करना चाहते हैं हिन्दूओं के देवताओं की गिनती नहीं है।यहां पर गुरुओं की गिनती नहीं है आगे पता नहीं कितने गुरु होंगे।जय हो इल्क्ट्रोमीडिया की तर्क वितर्क सुनने को मिल रहा है
संत रामपाल जी महाराज ने ही ऋग्वेद मंडल नंबर 10 सूक्त 161 मंत्र नंबर 2 में प्रमाण सहित बताया है कि पूर्ण परमात्मा अपने साधक के असाध्य रोग को नाश करके स्वस्थ कर देता है, उसकी 100 वर्ष की आयु बढ़ा देता है।
Kon nahin manta bramha Vishnu Mahesh ko lekin jo sadhana Pooja karne ki vidhi galat hai pandit logon ne bhatkaya hai hindu dharmio ko apne dhandhe ke liye logon ko bhatkaya unki dukan band ho jayegi isliye ye sabal utha rahe hai
भगवा रंग के कपड़े के महत्व के बारे में विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों और पुराणों में उल्लेख है। यहाँ कुछ प्रमुख स्रोत हैं: 1. भगवद गीता: इसमें भगवान कृष्ण ने भगवा रंग के कपड़े को पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक बताया है। 2. शिव पुराण: इसमें भगवान शिव के भगवा रंग के वस्त्र का उल्लेख है, जो उनकी शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान को दर्शाता है। 3. विष्णु पुराण: इसमें भगवान विष्णु के भगवा रंग के वस्त्र का उल्लेख है, जो उनकी शक्ति और पवित्रता को दर्शाता है। 4. महाभारत: इसमें भगवा रंग के कपड़े को तपस्या और आत्म-संयम का प्रतीक बताया गया है। 5. उपनिषद: इसमें भगवा रंग के कपड़े को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक बताया गया है। इन धर्मग्रंथों के अलावा, भगवा रंग के कपड़े के महत्व के बारे में विभिन्न हिंदू परंपराओं और संस्कृतियों में भी उल्लेख है।
काम वही करो पुजा वही करो भक्ति करो जिसमें जिससे आपको शान्ति प्रेम खुशी मिले । अगर राम की कोई भक्ति करके व्रत करके शान्ति मन में लाते होते हे तो आपको क्या परेशानी है।।
श्री गीता जी मे प्रमाण यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर् भवति भारत अभ्युत्थानं अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् अर्थ: हे अर्जुन! जब-जब धर्म की हानि होती है और पाप की वृद्धि होती है, तब-तब मैं पृथ्वी पर प्रकट होता हूँ। परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च दुष्कृताम धर्मसंस्था पणार्थाय संभवामि युगे युगे अर्थ: धर्मात्माओं की रक्षा करने, दुष्टों का विनाश करने और धर्म के सिद्धांतों को पुनः स्थापित करने के लिए मैं युग-युग में इस पृथ्वी पर प्रकट होता हूँ।
रामपाल महराज क़े शिष्यों का मानना हैं कि यें साक्षात् परम गुरु हैं वाकी तो अज्ञान हैं मतलब अभी तक इस धरती पर ज्ञानी पुरुष केवल रामपाल बाबा ही हुए हैं जरा उन रामपाल बाबा से पूछो कि जिन शास्त्रों क़ो तुम पढ़कर आज ज्ञान बाँट रहे हो बो शास्त्र तुम से पहले क़े संत ऋषि लिख कर गए हैं तुम अपने उन बोधाचंद्र शिष्यों क़ो बता दो समझा दो, और ज्यादा अपने अपने में ना भूलो बरना धर्म बिरोधियो क़े डंडे तुम्हारे भी पिछवाड़े पर पड़ेगे कोई तुम्हे बचाने नहीं आएगा, खुद पुजने क़े चक्कर में शिष्यों क़ो उल्टा जेल का ज्ञान बाँट रहे यें गुरु / बड़े बड़ाई ना करें बड़े ना बोले बोल, रहमान हीरा कब कहे लाख टका मेरो मोल,, हीरा की कीमत समझने बाला जौहर ही बता सकता हैं
आज तक बहुत से संत साधू या ज्ञानी हुए हैं फिर क्यों मनुष्य बिगड़ गया ये जितने यंहा खड़े हैं ये अज्ञानी हैं या ज्ञानी लेकिन बेरोजगारी क्यों नहीं जाती क्या सड़कों पर भूखे लोग भीख मांगने वाले नजर नही आते हैं क्या इतनी समझ नही आई ,क्या अपनी और सारी जरूरतें पूरी हो गई, जनसंख्या वृद्धि नही दिखाई देती हवा पानी मिल रही है इसके बारे कुछ जानों कितनी दुषित हो गए हैं यही समझने की जरूरत है
सच्चा संत वह होता है जो सभी में बुराइयों को न खोज कर गुणों की खोज करे सभी की निंदा न करके सभी की प्रशंसा करे ।हो सकता है तुम्हे कबीर दास का ग्रंथ अतिसय प्रिय है हमे तुलसी दास जी व्यास जी वाल्मीकि जी के ग्रंथ प्रिय लगते हैं तो हम कबीर दास की निंदा करें और संतो की प्रशंसा करें ।तुम सब मर कर दुबारा जन्म ले लेना तब भी सद ग्रंथों संतों ब्राह्मणों देवताओं के महत्व को नष्ट नहीं कर सकते हो ।सब की निंदा बौराने हुए कुत्ते ही कर सकते हैं ।जैसे बौरानें हुए कुत्ते जल्दी ही मर जाते हैं ऐसे सभी की निंदा करने वाले कुत्ते मरने वाले ही हैं।
कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि - एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय। माली सीचें मूल को, फलै फूलै अघाय।। संत रामपाल जी महाराज, सर्वसुख व पूर्णमोक्ष दायक शास्त्रानुकूल भक्ति साधना (धार्मिक अनुष्ठान) करवाते हैं, जिसके करने से साधक पितर, भूत नहीं बनता अपितु पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है तथा जो पूर्वज गलत साधना करके पित्तर भूत बने हैं, उनका भी छुटकारा हो जाता है।
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।। सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में पूर्ण संत की पहचान बता रहे हैं कि वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
Nahin janme Nahin Mare Nahi Bane Nahi bigde aapke Rampal Ji Maharaj ka sharir do man ke garbh mein banaa hua Hai iska ek na ek din Nash ho jaega aur iski aap Puja kar rahe ho ya na saman hai
सामवेद अध्याय नंबर 4 के खंड नंबर 25, श्लोक नंबर 8 में लिखा है कि वह परमात्मा कबीर विशाल शक्ति युक्त है और अपना तेज पुंज का शरीर बनाकर प्रकट होता है काल के पाप रूपी कर्म बंधनों को तोड़ने वाला है।
सही राह सही भक्ति समझ मे नही आ रहा है फिर एक ही रास्ता पर हो काल के लखचौरासी मे भटकते रहो मानव जनम आपका मे समय बर्बाद ,करके कीमती समय खो रहे है सन्त रामपाल जी ही पूर्ण परमात्मा का साक्षात रूप है, गुरू रूप मे, जो गुरु के रूप मे साक्षात आऐ हुए सतगुरु है हर कष्टै से छुटकारा दे रहे है अपने भक्तो को सफल लाभ मिल रहा है, सभी लाभ दे रहे है उस परमात्म को पहचान ने मे गलत बोल रहे है और बकव्स करके कीमती मानव जन्म और समय बर्वाद कर रहे है, बिना ज्ञान का भोकना सबसे बडा मूर्खता है, और भगत बाइयो से प्रार्थना करते है मुर्ख लोगो से बहस मत करे अपना षमय क्यो इन काल के दूतो से उलझ रहे है,ह्थ जोडर आगे बढो और अपनी भक्ति करो, जिसको जरूरत होगा पूर्ण गुरू परमात्मा की शरण आऐगे तो ही सफल और सत भक्ति मार्ग पूर्ण मोक्ष मिलेगा,,, ज्ञान गंगा बुक जीने की राह बुक अवश्य पढे, तभी पूर्ण परमात्मा को पपहचान पाओगे, बहस करने से मूर्खता और ज्ञान गंगा बुक पढने मे समझदारी होगा , सत् साहेब जी,
Kabir Is Supreme God तीन लोक के जितने भी प्राणी हैं उनमें सबसे शक्तिशाली तीनों देवता हैं। इसलिए तीन लोक के भगवान हैं। लेकिन पूर्ण परमात्मा कौन है जानने के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा" ।
Sant rampal ka mai adar karta hun lekin sant rampal ko ved puran padhne hi nahi atey kis word ka kya meaning hai unhe nahi pata jahan kavidev likha hai usko wo Kabir dev kehte hain Kabir ko parmatma batate hain ye kya parmatma tak pahunchyege logon ko
विष्णु पुराण, तृतीय अंश के अध्याय 15 में श्लोक 55-56, पृष्ठ 213 पर लिखा है कि एक योगी (शास्त्रानुकूल सत्य साधक) अकेला ही पित्तरों तथा एक हजार ब्राह्मणों तथा यजमान सहित सर्व का उद्धार कर देगा। शास्त्रानुकूल सत्य साधना केवल संत रामपाल जी महाराज करवाते हैं
संत रामपाल महराज का बहिष्कार करना चाहिए,।।
जलते रहो सच्चाई का पता होते हुए भी।
Bahishkar karne ki koi khaas bajah hai ...agar hai to siddh karo
जो व्यक्ति जेल में गया वो सत्भक्ति क्या बतायेंगे जो कर्म किया उसका फल तो मिला ही है😂😂😂
रामपाल तो जेल में है परमात्मा उनको और उनके चेलो को सदबुद्धि दे
सनातन धर्म की जय हो हमारे ऋषि मुनि 3300 करोड़ देवताओं की जय हो
33 करोड़ नहीं 33 प्रकार के देव शास्त्रों में वर्णित है,अफसोस तुम्हारे जान पर
मेरा नाम रामपाल है 33 करोड़ देवी देवता कौन है वह अपने शरीर रक्षक है जैसे शरीर पांच तत्वों एक तत्व की पांच प्रकृति है जैसे पानी है पानी की पांच प्रकृति जैसे पेशाब मुंह से तुक आंखों से आंसू वीर्य नाक से पानी बहता हुआ तो पानी की पांच प्रकृति वैसे ही इन पांच तत्वों की 25 प्रकृति है 25 प्रकृति और पांच तत्व और तीन गुण जैसे रजोगुण तमोगुण, सतोगुण,ये,33.होती, है यह है वह 33 करोड़ देवी देवता
जगतगुरु जी रामपालजी भगवान् जी ज्ञान बताते है वो सत्य है, वो सतभक्ति बताते है और सतभक्ति कराते है
संत रामपाल सही धर्म विरोधी है बंदर को शेर का खाल पहनाने से बंदर क्या शेर कहलाऐगा लाखो वर्षो से भगवान का पुजा करते आ रहे है और कोई पाखंडी कह दे भगवान नही तो हम मान लेगें हमारे पास सबुत है भगवान के लाखो वर्ष पुराने मंदीर है मुर्ती है योहा पर भोले भले लोगों को धोखा दिया जा रहा है
इसीलिए आप श्रीरामपालजीशके स्वामी साकारहरिबाबा के पास चलो
@@parbhakarprasad153 bhai jail kaise Jaye hamne to koi galat nahi kiya
ऐसे भी नाटक करने लग गए हैं। रामपाल के भक्त लोग वाह , दोनों साइड इनके ही भक्त हैं।। और मिडिया भी इनके है।। चलो आप सभी खुश रहो।।।
भाई धनाना धाम आप भी जाकर देखो और आपके मन में जो भी सवाल है जवाब है सबका एकदम सबूत के साथ आपका सवाल का जवाब मिलेगा आपकी ये गलत फहमी दूर हो , दोनों तरफ गुरुजी के भगत है
किशी भी भगत भाई को जाकर पूछ लेना आपको सबूत के साथ जवाब मिलेगा
सत साहेब 🙏🏻
एक कुत्ता कुछ दंकर भोक्ता हैं दुसराकुतता। भोकते हुए को देखकर भोक्ता है सही कोनसा कुत्ता हैं जो कुछ देखकर भोक्ता है वहीं सही हुवा स्वास्थ्य में देखकर भोकनासही के अपनी आंखों सेदेखकर
23:57
जिन जिन लोगों को संत रामपाल जी के अनुसार भक्ति करनी है बो लोग संत रामपाल जी के अनुसार भक्ति करें और जिन जिन लोगों को किस के अनुसार भक्ति करो किसी से कोई जबरदस्ती नहीं है जो जैसी खेती करेगा वैसी ही फसल या फल पायेगा
Sat saheb ji jai ho bandi chhod ki
सनातन धर्म महान है
सनातन धर्म वह धर्म है जिसमें प्रभु द्वारा प्रदत्त सद्ग्रंथ चारों वेद, श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार एक पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म की इष्ट रूप में पूजा की जाती थी।
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।
સંતરામપાતમેહોસો પણતમેભરમંમા ભટકોસો જો રાપાલપુરાસંતહોયતો જેલનાષરયાતોડીનેબારાઆવેતોજ ચાચા સંતકેવાય નકરતમારેઘરે બેઠાબેઠા ભગતીકરાય બીજાને કુવામાઉતારવાના ધંધાનોકરાય જયસીતારામ
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान एकदम सही है। ऐसे सच्चे ज्ञान विरोध करने वाले कोई मूर्ख ही है।
ईश्वरः परम: कृष्ण: सच्चिदाननद विग्रह:अनादिरादि गोविंदा: सर्वेकरण कारणं
एतत् समीचीनम् ।अत: भवान् श्रीरामपालस्य स्वामी यो हरियाणे साकारहरिबाबारूपेण विराजते तस्यैव शरणे गच्छतु।श्रीरामपालस्तु आत्मानं दास : दास इति सम्बोधयति । दासापेक्षया स्वाम्येव श्रेष्ठ इति हि वेदादिशास्त्रविदामनुक्रमणम् ।अतो भवान् साक्षात् साकारहरिबाबाशरणार्थं हरियाणगमनाय त्वराङ्करोतु
@@parbhakarprasad153why is your saint in jail?
रामपाल किसी भी सनातनी शंकराचार्य के जवाब नहीं दे सकता😊
शंकराकार्य तो छोड़ो ये आदमी किसी गुरुकुल के बालक का भी सामना नही कर सकता , केवल वही लोगो इन जैसे पाखंडियों के पास जाता है जिन्होंने कभी संस्कृत व्याकरण को छुआ नहीं और शास्त्र पढ़े नहीं
Jab debate ke liye bulaya tha tab konse bill me chhipe the ye sankracharya
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊++
@@manojkohli6960 to rampal chla jata debate karne rampal kiyo nhi gya chindi chor vishav ka sabse bda pakhandi hai geeta ved puran sabhi ka arth ka anarth kiya hua hai
@@MST9911भाई साहब ये शंकराचार्य हिन्दू धर्म के ठेकेदार है क्या जो ये बोलेंगे वही अर्थ होगा। आज समाज शिक्षित हो गया है जो खुद भी पवित्र गीता तथा पवित्र वेदों से मिलान कर सकता है। अब इन ठेकेदारों की दाल नहीं गल रही तो कबीर जी को अशिक्षित बोलने लगे।
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य सही बोल रहे हैं
Mohan
गुरु जी देवी देवताओं की भक्ति नही छुड़ाते बल्कि सही तरीके से साधना कराते हैं
Jail me kaise karwate he
1. भगवद गीता से:
मंत्र: "वस्त्रं चैवाघ्र्यं चैव ह्यन्नपानं च पुनः |
अन्नश्च कृष्णस्य प्रीतये ।"
अध्याय: 9
श्लोक संख्या: 27
अर्थ: भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए भगवा रंग का वस्त्र, आभूषण, अन्न और पान अर्पित करें।
1. शिव पुराण से:
मंत्र: "वस्त्रं भगवतः शंभोर्भुजंगविभूषणम् |
शिरसि धारयाम्यहम् ।"
अध्याय: 4, विद्येश्वर सम्हिता
श्लोक संख्या: 45
अर्थ: मैं भगवान शिव के भगवा रंग के वस्त्र को अपने सिर पर धारण करता हूँ, जो उनकी शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
1. विष्णु पुराण से:
मंत्र: "पीतवाससे विष्णुर्भूत्वा पृथ्वीं विश्वंभरो हरः |
अव्याहतः स्थितो यस्मिन् ।"
अध्याय: 1, पहला अम्श
श्लोक संख्या: 54
अर्थ: भगवान विष्णु भगवा रंग के वस्त्र में पृथ्वी को धारण करते हैं, जो उनकी शक्ति और पवित्रता का प्रतीक है।
1. उपनिषद से:
मंत्र: "तद्विज्ञानात् सर्वमिदं विज्ञायते |
तद्विज्ञानेन भगवतः पीतवस्त्रः ।"
उपनिषद: तैत्तिरीय उपनिषद
अध्याय: 1, वल्ली
श्लोक संख्या: 12
अर्थ: भगवा रंग के वस्त्र से भगवान का ज्ञान प्राप्त होता है, जो आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
कृपया ध्यान दें कि विभिन्न संस्करणों और अनुवादों में श्लोक संख्या और अध्याय भिन्न हो सकते हैं।
: यहाँ मंत्रों के साथ-साथ उनके संख्या, श्लोक संख्या, अध्याय, और अर्थ की जानकारी भी दी गई है:
1. भगवद गीता से:
मंत्र: "वस्त्रं चैवाघ्र्यं चैव ह्यन्नपानं च पुनः |
अन्नश्च कृष्णस्य प्रीतये ।"
अध्याय: 9
श्लोक संख्या: 27
अर्थ: भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए भगवा रंग का वस्त्र, आभूषण, अन्न और पान अर्पित करें।
1. शिव पुराण से:
मंत्र: "वस्त्रं भगवतः शंभोर्भुजंगविभूषणम् |
शिरसि धारयाम्यहम् ।"
अध्याय: 4, विद्येश्वर सम्हिता
श्लोक संख्या: 45
अर्थ: मैं भगवान शिव के भगवा रंग के वस्त्र को अपने सिर पर धारण करता हूँ, जो उनकी शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
1. विष्णु पुराण से:
मंत्र: "पीतवाससे विष्णुर्भूत्वा पृथ्वीं विश्वंभरो हरः |
अव्याहतः स्थितो यस्मिन् ।"
अध्याय: 1, पहला अम्श
श्लोक संख्या: 54
अर्थ: भगवान विष्णु भगवा रंग के वस्त्र में पृथ्वी को धारण करते हैं, जो उनकी शक्ति और पवित्रता का प्रतीक है।
1. उपनिषद से:
मंत्र: "तद्विज्ञानात् सर्वमिदं विज्ञायते |
तद्विज्ञानेन भगवतः पीतवस्त्रः ।"
उपनिषद: तैत्तिरीय उपनिषद
अध्याय: 1, वल्ली
श्लोक संख्या: 12
अर्थ: भगवा रंग के वस्त्र से भगवान का ज्ञान प्राप्त होता है, जो आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक
Sat saheb ji ❤❤😊😊😊🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
पाखंड तो तुम्हारा संतराम कर रहा है ना अखंड का अंत कर दिया है उसने
naya farmula lage raho munna bhai
❤अमर सिंह नाम रख कर मृत्यु पर बिजय पाना चाहता है परमात्मा की व्याख्या करना चाहते हैं हिन्दूओं के देवताओं की गिनती नहीं है।यहां पर गुरुओं की गिनती नहीं है आगे पता नहीं कितने गुरु होंगे।जय हो इल्क्ट्रोमीडिया की तर्क वितर्क सुनने को मिल रहा है
संत रामपाल जी महाराज ने ही ऋग्वेद मंडल नंबर 10 सूक्त 161 मंत्र नंबर 2 में प्रमाण सहित बताया है कि पूर्ण परमात्मा अपने साधक के असाध्य रोग को नाश करके स्वस्थ कर देता है, उसकी 100 वर्ष की आयु बढ़ा देता है।
फिर कबीर के नाम से हॉस्पिटल क्यों बनाया जा रहा है
पूरा मन्त्र लिखकर दो अर्थ सहित
सन्त रामिालजी श्राद्ध करने, तेह्र दिन कर्म करने नही देते।
Kon nahin manta bramha Vishnu Mahesh ko lekin jo sadhana Pooja karne ki vidhi galat hai pandit logon ne bhatkaya hai hindu dharmio ko apne dhandhe ke liye logon ko bhatkaya unki dukan band ho jayegi isliye ye sabal utha rahe hai
Limit me raho
बंदी छोड़ संत रामपाल जी महाराज की जय हो
Satguru Rampal Ji Maharaj ke Guru hain aur Samaj ke Sevak Hain
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Maharaj ke Charanon Mein Koti Koti dandvat Pranam
Jay Kabir Dev parmeshwar ki Jay
भगवा रंग के कपड़े के महत्व के बारे में विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों और पुराणों में उल्लेख है। यहाँ कुछ प्रमुख स्रोत हैं:
1. भगवद गीता: इसमें भगवान कृष्ण ने भगवा रंग के कपड़े को पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक बताया है।
2. शिव पुराण: इसमें भगवान शिव के भगवा रंग के वस्त्र का उल्लेख है, जो उनकी शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान को दर्शाता है।
3. विष्णु पुराण: इसमें भगवान विष्णु के भगवा रंग के वस्त्र का उल्लेख है, जो उनकी शक्ति और पवित्रता को दर्शाता है।
4. महाभारत: इसमें भगवा रंग के कपड़े को तपस्या और आत्म-संयम का प्रतीक बताया गया है।
5. उपनिषद: इसमें भगवा रंग के कपड़े को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक बताया गया है।
इन धर्मग्रंथों के अलावा, भगवा रंग के कपड़े के महत्व के बारे में विभिन्न हिंदू परंपराओं और संस्कृतियों में भी उल्लेख है।
काम वही करो पुजा वही करो भक्ति करो जिसमें जिससे आपको शान्ति प्रेम खुशी मिले ।
अगर राम की कोई भक्ति करके व्रत करके शान्ति मन में लाते होते हे तो आपको क्या परेशानी है।।
❤❤❤❤😮😮😮 सत साहेब जी
Nice
संत रामपाल जी महाराज की अमृतवाणी से बोला गया सत्संग सभी शास्त्रों सेप्रमाणित है
श्री गीता जी मे प्रमाण
यदा यदा हि धर्मस्य
ग्लानिर् भवति भारत
अभ्युत्थानं अधर्मस्य
तदात्मानं सृजाम्यहम्
अर्थ: हे अर्जुन! जब-जब धर्म की हानि होती है और पाप की वृद्धि होती है, तब-तब मैं पृथ्वी पर प्रकट होता हूँ।
परित्राणाय साधुनाम
विनाशाय च दुष्कृताम
धर्मसंस्था पणार्थाय
संभवामि युगे युगे
अर्थ: धर्मात्माओं की रक्षा करने, दुष्टों का विनाश करने और धर्म के सिद्धांतों को पुनः स्थापित करने के लिए मैं युग-युग में इस पृथ्वी पर प्रकट होता हूँ।
आरसी आरसी बाबा ऐयासीबाबा
Sant rampal ji bhagwan hai 🙏🙏
Rajpal ji ak dhogi hai jo apne aap ko bhagvan kahta hai
Sat saheb 🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सत रामपाल जी महराज जी ने वेद पुरान शास्त्र से साबुत देकर नाम दान देते हैं वो पुर्ण सच्चे संत गुरु है नाम दान देने का अधिकारी हैं अपना कल्याण करावे
Jiski jisme aastha vhi h parmatma 🙏
Jai ho bandichhod bhagawan ki
आज के युग सहज योग संस्था निर्मला देवी माता सही गुरु है
Kabir Parmatma hi sabka saccha rakshak hai
श्री कृष्ण ही परमात्मा हैं
Sant Rampal Ji Maharaj ji hai
हिन्दू सगुण का उपासक हैं और कबीर जी के उपासक निर्गुण के उपासक यही भेद है❤
Jay sant ram pal mahaj ki jay
Sanatandharam kedushman rampal
तत्व तिलक तीनों लोक में , सतनाम नीज सार ।
जब कबीर मस्तिष्क देवे , शोभा अगम अपार ।
पार कोई विरला पावै , पार पावै सो संत कहलावें।।
चार राम की भक्ति में लग रहा संसार । पाँचवे राम का ज्ञान नहीं, जो पार उतारनहार ।
साचा शब्द कबीर का, सुन सुन लागे आग ।
अज्ञानी सौ जल जल मरै ,ज्ञानी जाय जाग ।।,
रामपाल महराज क़े शिष्यों का मानना हैं कि यें साक्षात् परम गुरु हैं वाकी तो अज्ञान हैं मतलब अभी तक इस धरती पर ज्ञानी पुरुष केवल रामपाल बाबा ही हुए हैं जरा उन रामपाल बाबा से पूछो कि जिन शास्त्रों क़ो तुम पढ़कर आज ज्ञान बाँट रहे हो बो शास्त्र तुम से पहले क़े संत ऋषि लिख कर गए हैं तुम अपने उन बोधाचंद्र शिष्यों क़ो बता दो समझा दो, और ज्यादा अपने अपने में ना भूलो बरना धर्म बिरोधियो क़े डंडे तुम्हारे भी पिछवाड़े पर पड़ेगे कोई तुम्हे बचाने नहीं आएगा, खुद पुजने क़े चक्कर में शिष्यों क़ो उल्टा जेल का ज्ञान बाँट रहे यें गुरु / बड़े बड़ाई ना करें बड़े ना बोले बोल, रहमान हीरा कब कहे लाख टका मेरो मोल,, हीरा की कीमत समझने बाला जौहर ही बता सकता हैं
Sat sahib ji🎉❤😇🙏🙏
Sat Saheb
Sant rampal ji khod ko bhagban samajhte hai
दुनिया बाबाओं के पिछे पागल हो गई है।
Sat sahib ji
Sat saheb ji
आज तक बहुत से संत साधू या ज्ञानी हुए हैं फिर क्यों मनुष्य बिगड़ गया ये जितने यंहा खड़े हैं ये अज्ञानी हैं या ज्ञानी लेकिन बेरोजगारी क्यों नहीं जाती क्या सड़कों पर भूखे लोग भीख मांगने वाले नजर नही आते हैं क्या इतनी समझ नही आई ,क्या अपनी और सारी जरूरतें पूरी हो गई, जनसंख्या वृद्धि नही दिखाई देती हवा पानी मिल रही है इसके बारे कुछ जानों कितनी दुषित हो गए हैं यही समझने की जरूरत है
नो मन सुत उलझिया ऋषि रहे झकमार!
सतगुरु ऐसा सुलझा दे उलझे न दूजी बार!!
सच्चा संत वह होता है जो सभी में बुराइयों को न खोज कर गुणों की खोज करे सभी की निंदा न करके सभी की प्रशंसा करे ।हो सकता है तुम्हे कबीर दास का ग्रंथ अतिसय प्रिय है हमे तुलसी दास जी व्यास जी वाल्मीकि जी के ग्रंथ प्रिय लगते हैं तो हम कबीर दास की निंदा करें और संतो की प्रशंसा करें ।तुम सब मर कर दुबारा जन्म ले लेना तब भी सद ग्रंथों संतों ब्राह्मणों देवताओं के महत्व को नष्ट नहीं कर सकते हो ।सब की निंदा बौराने हुए कुत्ते ही कर सकते हैं ।जैसे बौरानें हुए कुत्ते जल्दी ही मर जाते हैं ऐसे सभी की निंदा करने वाले कुत्ते मरने वाले ही हैं।
सतसाहेभ
कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि -
एकै साधे सब सधै, सब साधै सब जाय।
माली सीचें मूल को, फलै फूलै अघाय।।
संत रामपाल जी महाराज, सर्वसुख व पूर्णमोक्ष दायक शास्त्रानुकूल भक्ति साधना (धार्मिक अनुष्ठान) करवाते हैं, जिसके करने से साधक पितर, भूत नहीं बनता अपितु पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है तथा जो पूर्वज गलत साधना करके पित्तर भूत बने हैं, उनका भी छुटकारा हो जाता है।
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।
सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में पूर्ण संत की पहचान बता रहे हैं कि वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
गुरुइजगोड❤️🙏🙏🙏🙏🙏
जय हो बंदी छोड़ सत गुरु रामपाल जी भगवान की जय हो
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवानकी जय 🙏🙏🌹
Jai sat saheb ji
संतराम पल जी के जो शिष्य है वो अमर है क्या वो नहीं मरते।
ये ज्ञान शास्त्रों के आधार से हैं
मेरा एक मित्र है जो पिताजीका स्वर्गवासका दिन कुततेका सेवा कररहा था। पित्रीका कर्म नहि कर हा था जव लोग पहुँचे।
Sat =Vishnu, Saheb=Parmatma
Nahin janme Nahin Mare Nahi Bane Nahi bigde aapke Rampal Ji Maharaj ka sharir do man ke garbh mein banaa hua Hai iska ek na ek din Nash ho jaega aur iski aap Puja kar rahe ho ya na saman hai
सामवेद अध्याय नंबर 4 के खंड नंबर 25, श्लोक नंबर 8 में लिखा है कि वह परमात्मा कबीर विशाल शक्ति युक्त है और अपना तेज पुंज का शरीर बनाकर प्रकट होता है काल के पाप रूपी कर्म बंधनों को तोड़ने वाला है।
सत रज तम।।।योग। भोग।। भोग।। मन तन धन।। माया प्रकृति काल।।
साहेब बंदगी 🙏
शिव ही महाकाल है। बाकी कुछ नहीं है
शिव महाकाल का बेटा है।
पूरे विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज पूर्ण संत हैं जो सनातन धर्म की सच्ची भक्ति बताते हैं।
😊😊
7:03
पूरा महामूर्ख है l कोनसा तत्व जानता है रामपाल
आपकी कुलदेवता क्या है
क्या आप उसकी पूजा करते हैं
Kuch baate shastra nusar kahi hai kuch baate virodh me hai .
रामपाल आया धर्मपाल आया शिशुपाल आया कुछ दिनों तक मखोल करते रहेंगे समय अनुसार सब बनते बिगड़ते रहेंगे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा
Bahut achcha interview
सही राह सही भक्ति समझ मे नही आ रहा है फिर एक ही रास्ता पर हो काल के लखचौरासी मे भटकते रहो मानव जनम आपका मे समय बर्बाद ,करके कीमती समय खो रहे है सन्त रामपाल जी ही पूर्ण परमात्मा का साक्षात रूप है, गुरू रूप मे, जो गुरु के रूप मे साक्षात आऐ हुए सतगुरु है हर कष्टै से छुटकारा दे रहे है अपने भक्तो को सफल लाभ मिल रहा है, सभी लाभ दे रहे है उस परमात्म को पहचान ने मे गलत बोल रहे है और बकव्स करके कीमती मानव जन्म और समय बर्वाद कर रहे है, बिना ज्ञान का भोकना सबसे बडा मूर्खता है, और भगत बाइयो से प्रार्थना करते है मुर्ख लोगो से बहस मत करे अपना षमय क्यो इन काल के दूतो से उलझ रहे है,ह्थ जोडर आगे बढो और अपनी भक्ति करो, जिसको जरूरत होगा पूर्ण गुरू परमात्मा की शरण आऐगे तो ही सफल और सत भक्ति मार्ग पूर्ण मोक्ष मिलेगा,,, ज्ञान गंगा बुक जीने की राह बुक अवश्य पढे, तभी पूर्ण परमात्मा को पपहचान पाओगे, बहस करने से मूर्खता और ज्ञान गंगा बुक पढने मे समझदारी होगा , सत् साहेब जी,
Kabir Supreme God 🙏
Bandi chhod satguru Rampal Ji Bhagwan ki Jay
Satbhakti Only Jagatguru Tatavdarshi Sant Rampal Maharaj Ji Hi Batate Hai
Satguru dev ke Jai
🎉😢 sat Sahib Ji 🎉😢
Kabir Is Supreme God
तीन लोक के जितने भी प्राणी हैं उनमें सबसे शक्तिशाली तीनों देवता हैं। इसलिए तीन लोक के भगवान हैं। लेकिन पूर्ण परमात्मा कौन है जानने के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा" ।
सत् साहेब जी🙏🙏🙏
Sat sahib ji Jai ho bandi chhod satguru rampal ji Bhagwan ki🙏🙏
Sant rampal ka mai adar karta hun lekin sant rampal ko ved puran padhne hi nahi atey kis word ka kya meaning hai unhe nahi pata jahan kavidev likha hai usko wo Kabir dev kehte hain Kabir ko parmatma batate hain ye kya parmatma tak pahunchyege logon ko
विष्णु पुराण, तृतीय अंश के अध्याय 15 में श्लोक 55-56, पृष्ठ 213 पर लिखा है कि एक योगी (शास्त्रानुकूल सत्य साधक) अकेला ही पित्तरों तथा एक हजार ब्राह्मणों तथा यजमान सहित सर्व का उद्धार कर देगा। शास्त्रानुकूल सत्य साधना केवल संत रामपाल जी महाराज करवाते हैं
सत् साहेब जी
वीडियो को पूरा लास्ट तक सुनने से यह सिद्ध होता है कि यह सभी रामपाल जी के भगत ही हैं
Sabka malik ek hi hai aur wo hai Kabir Sahebji...Jay ho bandichhod ki...Sat Saheb 🙏
सत साहेब जी
Very nice gyan sant Rampal Ji Maharaj Ji ka
विश्व में बर्तमान तत्तदर्शी संत रामपाल जी हि एकमात्र पुर्ण गुरु है जो सभी धर्मों शास्त्र अनूकूल सतभक्ति बताते हैं ओर साधक को मोक्ष प्राप्त होता है।
बिल्कुल साही
🙏🏻🙏🏻 अनमोल ज्ञान
भगवा का मतलब=भ=भक्ति ग= ग्यान व = वैराग्य अ अनंत होता है