कवींद्र जी सत्या जी त्रिपाठीजी सोलंकी जी आपके मार्गदर्शन में बहुत ही सारगर्भित और बेहतरीन गुणवत्तापूर्ण चर्चा हुई । मैं सोलंकी जी से सहमत हूँ कि आखिर रिज़र्वेशन के बावजूद मात्र 7 मुख्यमंत्री और पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल सीट से मात्र 3 sc उम्मीदवार । आरक्षण की व्यवस्था भारत को एक समतामूलक समाज बनाने के लिए स्थापित की गई है । आरक्षण की राजनीति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम हैं लेकिन कुल मिलाकर आरक्षण भी अंततोगत्वा एक भेदभाव मूलक समाज के निर्माण में योगदान ही दे जाता है आज आप देखेंगे कि जनरल और आरक्षित की दो श्रेणियां हैं और दोनों एक दूसरे को मनमुटाव की दृष्टि से देखते हैं जनरल बोलते हैं कि इनको क्यों । शायद यही स्थिति रहेगी तो समाज इसी तरह सदैव विभाजित रहेगा । आरक्षण समतामूलक समाज की स्थापना में सहायक है लेकिन यह प्रगतिशील व्यवस्था होनी चाहिए ऐसा न हो कि आरक्षण देकर हम एक नए विभाजन को खड़ा कर रहे हैं । भारत मे आरक्षण कब तक ? सत्य जी व्हाइट पेपर की जगह मैं अपने दिल की बात बताता हूँ जिस दिन भारत में शत प्रतिशत साक्षरता हो जाएगी तो शायद इस आरक्षण रूपी व्यवस्था की जरूरत नहीं रह जाएगी । लोग आज भी पुरानी मनोवृत्ति के साथ जीते हैं मैं अपने गांव की बात बताता हूँ हमारे गांव से हालांकि पलायन हो चुका है लेकिन फिर भी लोग sc समुदाय के स्पर्श का पानी नहीं पीते ना उनके घर खाते पीते है । एक प्रकार का छुवाछुत अभी भी विद्यमान है। जहां तक आरक्षण के लाभ को बात बताऊँ तो मेरे गांव के समीप 20 परिवारों के sc समुदाय में कोई भी आरक्षण का लाभ उठाकर सरकारी नौकरी नहीं पा सका क्यों ? एक मात्र आर्मी में भर्ती हुआ है अभी ? इन तक कहां है आरक्षण का लाभ । इन लोंगो को शिक्षा का महत्व ही नहीं पता । इनके बच्चे आज भी गन्दे सीलन भरे अनुशासनहीन स्कूलों में पढ़ने को बैठे हैं । आरक्षण का लाभ शहरों के sc को हुआ है इसकी लौ गांव में नहीं जल पाई है । जो भी मेरे इस कमेंट को पढ़े मुझे बताइये आपके गांव में कितने sc सरकारी सेवा प्राप्त कर गए ? नेहरू जी ने आर्थिक विकास को सभी समस्याओं का समाधान माना था आर्थिक विकास जरूरी है लेकिन उसका संकेन्द्रण नहीं हो आरक्षण का संकेंद्रण न हो । हर एक तक संसाधनों का समान वितरण हो सके यही संविधान की आत्मा है और उन पूण्य पुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी । देश मे शिक्षा ही मूलरूपेण सभी समस्याओं की जड़ होगी शायद ।
@@raghbendrasingh5404 yes you are right dear अपनी इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कुछ भी कर सकते है बाबा साहब के समय कोनसा आरक्षण था अगर कोई अपने आप को कमजोर समजता है तो उसका कोई इलाज नही है इससे अच्छा तो सरकार ओर पिछड़े समाज के सामंजस्य से कोई योजना बनाकर एक सामाजिक चेतना पर कोई programme चलाये जिसमे एक संस्थान बनाये जिसमे हर क्षेत्र के लोग उनको guide करे नही तो आरक्षण से तो ओर अधिक कमजोर होंगे क्योकी सामाजिक चेतना की कमी के कारण भाई लोग इसका नकारात्मक आर्थ लेते है यही कारण है की आरक्षण के बाद भी एक तबका अभी भी पिछड़ा हुआ ही है
भाई जाति हटाने के लिए सरकार प्रयासरत हैं।इस दिशा में काम कर रही हैं जैसे अंतरजातीय विवाह के लिए प्रोत्सहित कर रही हैं । सुधार होगा लेकिन धिरे धीरे होगा अब जबरन थोड़ी न किसी को जाति न लिखने के लिए विवश किया जाएगा।
Jaat paat to kabka hat Gaya Hota par aap SC ST wale khud usika certificate lekar school college aur naukario me Khum rahe ho.ek Taraf tum sabko har chizo me faida bhi Chahiye upar se jaat paat bhi hat Jaye dono ek sath kaise possible hai.aap mujhe ye batao.har nayi pidhi aap log khud introduce karwate ho ki hum SC ST obc hai.unpar false allegations violence SC ST lagwate ho.tumhe 70 year spcl treat Kiya Ka Raha hai.aur kehte ho caste system band ho jaye.aap ko khud aage ana hoga iss purne pratha ko band karne ke liye
आप जाती गत आरक्षण लेना छोड़ दो। क्योंकि जब आप आरक्षण का लॉलीपॉप चूसने के लिए, जाती वाला सर्टिफिकेट लगाते हैं , उस समय आप माने या न माने आप हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं । "जाती छोड़ो सामान्य,स्वाभिमानी नागरिक बनो "।
सभी वक्ताओं ने विदाई के में आरक्षण के बारे में बहुत ही खूबसूरत कहा है खास तौर से सुशील चंद्र त्रिपाठी जी ने बहुत ही खूबसूरत कहा है हमें उसे पर विशेष ध्यान देना चाहिए
संसद में चाहे 100% सीटें sc/st के लिए आरक्षित कर दो लेकिन योग्यता आधारित परीक्षाओ में सिर्फ योग्यता ही एक मात्र पैमाना होना चाहिए , जिन लोगों पे सहूलियतें नहीं हैं उन्हें सहूलियतें दो लेकिन योग्यता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए ।
@@Koibatnahi-oo7wq मैं तो बोल ही रहा हूँ कि हर क्षेत्र में सिर्फ और सिर्फ योग्यता ही एक मात्र पैमाना होना चाहिए लेकिन तुम जैसे लोग ये बात कभी नहीं बोलेंगे चाहे मंदिरों में हमारी जगह तुम लोगों को बैठा दिया जाए ना और सब लोग आके तुम लोगों के पैर छूने लगें तुम लोग तब भी आरक्षण माँगना नहीं छोड़ोगे । ये सार्वभौमिक सत्य है ।
Yogyata ki baat karte h bhaisahab....... To Jo anyay huye backward castes me sath To unke pariJan aaJ bhi study ke liye suffer karte h....big Reason behind that they have not sound very strong with Financially.....and some Other Reason as well....so need To Reservation in every aspect.......why people don't raise ur voice against Anukampa neyukti....etc
@@NileshKumar-Dl1wli Not at all Provide every kind of facility and help to backward people for free Make it available to every single backward person But there should not be any compromise with the eligibility at any cost. Then only we will be emerged as a better society.
I liked the point made by Mr. Satya Prakash about *changing the perspectives* of people as well as leaders and political parties. That is a very good observation made by him. Other panelists also reasoned the same! Thank you Kavindra sir! :)
आरक्षण से अधिक महत्वपूर्ण है,की हमे अपनी शिक्षा को और अधिक मजबूत करना चाहिए,जिससे समाज में एकता और अखंडता स्थापित हो सके। आरक्षण की आवश्यकता अगर हमें पड़ती है तो यह आरक्षण आर्थिक रूप से होना चाहिए जिससे इसमें भी और अधिक सदस्यों का इसका लाभ मिल सके।
बाबा साहब, देश के नेता हैं ,समाज की अनेकों विसंगतियों को दूर करने में उनका विशेष योगदान रहा हैं। लेकिन ईस सत्य को नहीं झुटलाया जा सकता कि, वह एक वर्ग विशेष के नेता के रूप में ही प्रतिस्थापित हो गए हैं । इसके कारणों का यदि अध्ययन करें तो एक बात स्पष्ट होती हैं कि है कि, स्वयंभु दलित नेता उन्हें अपना बता कर अन्य सामान्य वर्ग खासकर ब्राह्मणों व वैश्य के बारे में आक्रोशित विचारधारा व्यक्त करते हैं, जो कि देश के नेता को भी जाती विशेष का ही बना देती हैं । आज आरक्षण का फायदा भी कुछ सीमित परिवारों तक ही सीमित हो गया हैं तथा वह सीमित परिवार भी अपने ही दबे कुचले समाज के व्यक्तियों से रोटी बेटी का संबंध तो दूर सामान्य व्यवहार करने तक में अपनी तौहीन समझते हैं । अतः आवश्यक है कि, अब दलित समाज में क्रीमी लेयर का प्रावधान हो ताकि इस समाज के वास्तविक दबे कुचले लोग भी लाभान्वित हो सके ।
Behtreen tareeke se Apne vicharo ko pesh kiya Solanki and Satya Prakash sir I appreciate both of Ur suggestions there is need from both the sides reserved communities - to represent themselves as political leaders of everyone u all have that confidence and political parties should not allot tickets as mere vote banks
Key points- 1. Historical reasons of communal award and Poona pact 2. Social discrimination against disadvantaged group required affirmative actions 3. A white paper to discuss effectiveness of this policy and suggest reforms 4. Policy is needed coz only 7 CMs are dalits n only Mayavati has served a full term 5. Need to ensure benefit of the policy is not garnered by few political families.. if possible debate about creamy layer should happen. 6. In era of party dominance does individual dalit seats have power to become voice of community? 7. Dalit dealer should aspire to be leaders of all and not only a dalit leader eg George Fernandez who despite being a minority never addressed himself as leader of minorities only
Yesss... mujhe satya prakash sir ki ye baat bahut bahut achchi lagi ki logo ko schedule cast ke tareeke se nhi ek bharteey ke tareeke se khud ko present krna chahiye samaj me😊😊😊😊🙏🙏
Aaj Bhi Hindu log aise hi chat karte hain Inko Mandir Mein jaane se rote Hain Khaskar gramin anchal Mein Hindu sabse jyada dabanggai dikhta Hai Jin hinduon ko aarakshan badhane se aapatti hai Vah road per aakar Narendra Modi ke khilaf aandolan Karen Road jaam Karen Aatmdah Karen
One on hand we are trying to adreess caste based issue while on other we are giving them reservation on the basis of caste itself...won't it seems to cotradict
@@user-xz7gj9ie6k अबे चुप कर... अम्बेडकर ने दिया है... सब कुछ सभी लोगों ने जिरह करके बनाया है और आधे से ज्यादा तो 1935 भारत शासन अधिनियम है संविधान मे... समझा क्या...
कैसे चुने जाते हैं ये सांसद? अगर ये सांसद अपने समुदाय के सवालों को नहीं उठाते तो फिर वे चुने कैसे जाते हैं? क्या उन्हें हारने का भय नहीं होता? यह वह सवाल है, जिसमें इन सांसदों और विधायकों की निष्क्रियता का राज छिपा है. संविधान की व्यवस्था के मुताबिक, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटें आरक्षित हैं, लेकिन वोटर तमाम लोग होते हैं. किसी भी आरक्षित लोकसभा सीट पर अगर मान लें कि 20 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं, तो 80 फीसदी वोटर अन्य समूहों के हैं. अनुसूचित जाति के किसी नेता का सांसद चुना जाना इस बात से तय नहीं होगा कि अनुसूचित जाति के कितने लोगों ने उसे वोट दिया है. अनुसूचित जनजाति की कुछ सीटों को छोड़ दें, जहां एसटी वोटर 50 फीसदी से ज़्यादा हैं तो ज़्यादातर आरक्षित सीटों की यही कहानी है. चुना वह जाएगा जो आरक्षित समूह से बाहर के ज़्यादातर वोट हासिल करेगा. आरक्षित चुनाव क्षेत्रों के इस गणित का मतलब यह है कि अगर कोई नेता अनुसूचित जाति के आरक्षण को लेकर आंदोलन करेगा या निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग करेगा, तो दूसरे समुदायों की आंख में उसका खटकना तय है. यह उस नेता के लिए राजनीतिक आत्महत्या का रास्ता होगा. यह पूरी तरह विवशता की स्थिति है. आप अनुसूचित जाति के सांसद हैं, पर अनुसूचित जाति के सवालों पर आप मुखर नहीं हो सकते. आप अनुसूचित जनजाति की सांसद हैं लेकिन अनुसूचित जनजाति के सवालों को उठाना आपके लिए आत्मघाती हो सकता है. इसके अलावा एक और समस्या है. भारत में ज़्यादातर सांसद किसी न किसी दल से चुने जाते हैं. यह रिज़र्व सीटों से चुने जाने वाले सांसदों के लिए भी सच है. संविधान की दसवीं अनुसूची, यानी दलबदल कानून की वजह से ये सांसद दलीय अनुशासन से बंधे होते हैं, वरना उनकी सदस्यता छिन सकती है. ऐसे में जब तक राजनीतिक दलों की नीतियां अनुसूचित जाति और जनजाति के पक्ष में न हों, तब तक रिज़र्व कैटेगरी से चुनकर आने वाले सांसदों और विधायकों के लिए करने को ख़ास कुछ नहीं होता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण संसद की वह घटना है जब एससी और एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण का विधेयक फाड़ने का दायित्व समाजवादी पार्टी ने एक एससी सांसद यशवीर सिंह को सौंपा और उन्होंने यह कर दिखाया. यशवीर सिंह उस समय उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद थे.
Sir general cast ko desh se baher kr dena chahiye...St /sc ur obc ko 100% de diya jana shi hai...Baki sub jitne niyam kanoon banaye jate hai to sub general cast ke virodh me hi banaye jate hai....
*सत्य प्रकाश, विधि संपादक* देश का नाम हिंदुस्तान प्रबोधन कर रहे है क्या यह संविधानिक शब्दावली है ?? राष्ट्रपति कोबिन्द के साथ मंदिर दर्शन के दौरान क्या व्यवहार हुआ ??
कृपया आप हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग ना करें तो ज्यादा बेहतर होगा, ,,क्योंकि हमारे देश का सविंधानिक नाम भारत है हिन्दुस्तान नहीं भारत है हिन्दुस्तान ।जयभारत जय सविंधान जय मूल-निवासी ।
"If Hindu Raj does become a fact, it will no doubt, be the greatest calamity...Hinduism is a menace to liberty, equality and fraternity....it is incompatible with democracy. Hindu Raj must be prevented..." Pakistan or Partition of India, p.358 . #AmbedkarAgainstHinduRashtra
Tripathi sir said the same thing which Supreme court has decided for SC/STs, that is excluding elite class from the reservation as a creamy layer section.
Schl fee, clg fee, form fee😢😢😢sir ameer sc/St category valo k pass bhut paisa h...job b km marks m LG jati h.. Unki..mere cls m mere se km marks but unko priority ... Ek family se 5 log govt job m hai sc. 25 acre property lekin unko reservation.... Humare pass 1acre nahi..
Sc st k paas 50 acre kyu murkh bana rahe ho murkh insaan. Government data khud kehta h kisi bhi dalit k paas 50 acre land nahi. Maximum individual alloted is 5 acre woh bhi gavo me
For eg 100 mei se agar 10 sc st ameer h to iska matlab ye nae ki reservation khatam hona chahiye. Ek zamindar ka beta beti zameen k liye paida hote he uska malikana haq le leta h. Ek baniye ka ladka dukaan p apni father ki property generation to generation transfer karta h. School aur Health ko free kar do kon mange ga phir reservation.
देखिये S. C और S. T की आरक्षण चुनावी क्षेत्रों से हटा देना चाहिए. क्योंकि अम्बेडकर जी ने ए गलती किया है. दोनों मे आरक्षण देके.गवर्नमेंट जॉब मे आरक्षण रहने दें . और और चुनावी क्षेत्रों से हटा देना चाहिए.
Nearly 70% of education loan goes to general category students...EWS bhi kyu diya h..central government ko reservation 70 years k liye extend krna Chahiye ...jis sabji Mandi me mein sabji 70 rs me kharid rha Hu wahan mere bhaiyo ko 35 rs me sabji milni chahiye...jis Peter England k showroom me mujhe 30% Ka discount mil rha hai waha mere bhaiyo ko 70 % Ka discount milna chahiye "Reservation globalization"...Vikas sambhav hai...👍👍🤣
70 percent loan Mishra g tabhi to general category k log faida utha rahe h kyu ki unki enrollment h education mei. Jis community ki enrollment he nae education mei proper woh loan circus k liye lega kya
देश की 30 प्रतिशत आबादी शहरी जिसमे भी प्राइवेट जॉब्स में कास्ट पूछते हैं और कहते है एससी एसटी तो सरकारी नोकरी करो और किराये पर रूम लेते है तो जाति पूछते हैं जब शहर में ये हालात है तो ग्रामीण इलाकों में तो शव यात्रा को सवर्ण निकलने नही देते ऐसी में बैठकर जुमलेबाजी बहुत करते हो हमे मीठी जमली बाटे नही अधिकार चाहिए
Firstly, yes there exists a reservation in Rajya Sabha and Vidhan parishad's as well. Secondly, yes there is rotational system for reservation of seats for elections of LS. If a seat is reserved for an election then it won't be reserved for the next two consecutive elections (for every 3 elections same seat will be eligible to be kept as reserved seat).
@@priyankatekwani4754 "every 3 years" means gap of 2 elections that is for next 2 elections same seat cannot be reserved. If a seat is reserved for 2019 lok sabha elections then that seat won't be reserved for 2024 & 2029 loksabha elections and shall again be reserved for 2034's loksabha elections. This is done for cluster of 4-6 constituencies on rotational basis as stated by Mr. Tripathi (former IAS) in the discussion. My mistake, I said years instead of *elections* .
@@someshpawar6238 ok, but total reserved seats is around 130 right....and loksabha has 543 seats....so it is not necessary right that seat will be again reseved at every 3rd election...bcz that way we can cover only 130*3=390 seats and other seats(constituencies) will never get reserved!!!??
@@priyankatekwani4754 This should not be our point of worry unless we wish to be appointed as CEC or in delimitation commission😅 also not relevant from UPSC perspective. But I will try to answer. *No, those seats will get reserved eventually, it will take time (alot) but will get reserved with time* As I said the seat will be *ELIGIBLE* to be kept as reserved seat after 2 elections. This line answers your question. But let me elaborate. :) See, I already told you that reservation of seats happens in *cluster of constituencies* . For example there will be a cluster of 4-5 constituencies and one seat will be reserved among them. So, it is not necessary and won't be possible(depends on EC) to reserve the same seat after 2 elections (as it will be done on rotation basis so same seat might get reserved after 5 elections; depends on election commission's decision *or* govt's decision; for the example we have taken) and It also depends on the cluster strength( which might vary in case of states) ; *cluster* can be of *3 constituencies or more* ( so, if cluster is of 3 constituencies then it would be an ideal condition because every other seat will get reserved after 2 elections, right? Yes).
आरक्षण का समय अब समाप्त होना ही चहिये करण साफ़ है कब तक यह आरक्षण को देश चलाते रहे १००० साल तक वह यातना पाई है यह समय सरकार साफ़ करे जो नेता आरक्षण से जीत कर लोगों मै अपना लोगों के साथ समजस बना नहीं पाया तो जरनल से वोट लेकर आप आरक्षण कि ताली बजायेंगे तो जाति भेद समाप्त नहीं हुआ यह आरक्षण के कारण भेद भाव पैदा कर दिया
@@ranjeetrajan502 jisko Apne pardada ka naam nhi pta vo log 5000 Saal ki BAAT karte h. Pardada chodo tum logo ko to Apne dada ke baare me kuch pta nhi Hoga..
Reservation 😂😂😂 India ke log kabhi reservation nahi chodenge . IAS , IPS ka beta / beti bhi quota use karte hain . Shame on Indian constitution . Dalit neta vote bank ki politics karte hain . SC/ST ko seat reserved Hain lekin creamy layer ke SC / ST seat le lete Hain aaur garib SC/ST ko bolte Hain Sarkar toh hame kuch bhi nahi deti jaao rail roko , protest karo Taki creamy layer wale labh lete rahe
@@factdoze2023tere jeso ki soch pe Taras aata hai sale muje apna gyan apne pas rakh tu.rhi baat reservation ki toh yeh isiliye hai kyuki vote bank politics hai is desh mein
@@mechanicalengineeringlearn7608 Bhai q SC ke muh lag raha Hain , 3 rd class Hain ye . Reservation se free ke khane ki aadat ho gyi Hain . Tax payers inhi ke liye toh pay karte hain
@@saurabhkulkarni818 bhai me ek general class se aata hu me bhi support krta hu gareeb sc st ki reservation ki but jo log ameer hai sc st se unke reservation k khilaf hmesha bolts rhuga
Iss aarakshan ko permanent Kar diya jaye Mai isski maang karta hun Par isske sath hi general category ke liye alag rajya Ka nirmaan bhi kar diya jaye Jai hind
Ha Bhai Jo bechare gareeb hai unki koi halat ni sudhri jo job mai aa gye bas aage unhi ke bache job mai hain asali jarurat vastav mai un logo ko he hai aur jab tak us last tak reservation ka fayada na pahuche to kya fayda reservation ka vo log aur gareeb hote ja re unki help ni ho pa ri
सोलंकी जी ने बिल्कुल सटीक विस्लेशन किया है ,इनकी बातों पर गौर करना चाहिए
कवींद्र जी सत्या जी त्रिपाठीजी सोलंकी जी आपके मार्गदर्शन में बहुत ही सारगर्भित और बेहतरीन गुणवत्तापूर्ण चर्चा हुई ।
मैं सोलंकी जी से सहमत हूँ कि आखिर रिज़र्वेशन के बावजूद मात्र 7 मुख्यमंत्री और पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल सीट से मात्र 3 sc उम्मीदवार ।
आरक्षण की व्यवस्था भारत को एक समतामूलक समाज बनाने के लिए स्थापित की गई है । आरक्षण की राजनीति के अपने सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम हैं लेकिन कुल मिलाकर आरक्षण भी अंततोगत्वा एक भेदभाव मूलक समाज के निर्माण में योगदान ही दे जाता है आज आप देखेंगे कि जनरल और आरक्षित की दो श्रेणियां हैं और दोनों एक दूसरे को मनमुटाव की दृष्टि से देखते हैं जनरल बोलते हैं कि इनको क्यों । शायद यही स्थिति रहेगी तो समाज इसी तरह सदैव विभाजित रहेगा ।
आरक्षण समतामूलक समाज की स्थापना में सहायक है लेकिन यह प्रगतिशील व्यवस्था होनी चाहिए ऐसा न हो कि आरक्षण देकर हम एक नए विभाजन को खड़ा कर रहे हैं ।
भारत मे आरक्षण कब तक ?
सत्य जी व्हाइट पेपर की जगह मैं अपने दिल की बात बताता हूँ जिस दिन भारत में शत प्रतिशत साक्षरता हो जाएगी तो शायद इस आरक्षण रूपी व्यवस्था की जरूरत नहीं रह जाएगी । लोग आज भी पुरानी मनोवृत्ति के साथ जीते हैं मैं अपने गांव की बात बताता हूँ हमारे गांव से हालांकि पलायन हो चुका है लेकिन फिर भी लोग sc समुदाय के स्पर्श का पानी नहीं पीते ना उनके घर खाते पीते है ।
एक प्रकार का छुवाछुत अभी भी विद्यमान है। जहां तक आरक्षण के लाभ को बात बताऊँ तो मेरे गांव के समीप 20 परिवारों के sc समुदाय में कोई भी आरक्षण का लाभ उठाकर सरकारी नौकरी नहीं पा सका क्यों ? एक मात्र आर्मी में भर्ती हुआ है अभी ? इन तक कहां है आरक्षण का लाभ ।
इन लोंगो को शिक्षा का महत्व ही नहीं पता । इनके बच्चे आज भी गन्दे सीलन भरे अनुशासनहीन स्कूलों में पढ़ने को बैठे हैं ।
आरक्षण का लाभ शहरों के sc को हुआ है इसकी लौ गांव में नहीं जल पाई है । जो भी मेरे इस कमेंट को पढ़े मुझे बताइये आपके गांव में कितने sc सरकारी सेवा प्राप्त कर गए ?
नेहरू जी ने आर्थिक विकास को सभी समस्याओं का समाधान माना था आर्थिक विकास जरूरी है लेकिन उसका संकेन्द्रण नहीं हो आरक्षण का संकेंद्रण न हो । हर एक तक संसाधनों का समान वितरण हो सके यही संविधान की आत्मा है और उन पूण्य पुरुषों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
देश मे शिक्षा ही मूलरूपेण सभी समस्याओं की जड़ होगी शायद ।
@@raghbendrasingh5404 आप की सोच बहुत आगे है माफ करना भाई मेरे पास जवाब नहीं है।
बहुत अच्छा सर जी
@@gauravchauhan9963 bahoot achhe vichar hai...aapke mai aapse sehmat hu
@@raghbendrasingh5404 yes you are right dear अपनी इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कुछ भी कर सकते है बाबा साहब के समय कोनसा आरक्षण था अगर कोई अपने आप को कमजोर समजता है तो उसका कोई इलाज नही है इससे अच्छा तो सरकार ओर पिछड़े समाज के सामंजस्य से कोई योजना बनाकर एक सामाजिक चेतना पर कोई programme चलाये जिसमे एक संस्थान बनाये जिसमे हर क्षेत्र के लोग उनको guide करे नही तो आरक्षण से तो ओर अधिक कमजोर होंगे क्योकी सामाजिक चेतना की कमी के कारण भाई लोग इसका नकारात्मक आर्थ लेते है यही कारण है की आरक्षण के बाद भी एक तबका अभी भी पिछड़ा हुआ ही है
I am totally agree with you bhaiyaa
त्रिपाठी जी का विचार कि आरक्षण पचास तक बढ़ना चाहिए बिल्कुल तर्क हीन और बेतुका है😊
Jagdeesh Solanki's analysis of reservation is rational .
ये सिर्फ नाम के लिए विधायिका मे SC/ST आरक्षण है | क्यूकी राजनीती मे आने के लिए बहुत सारा पैसे आवश्यकता होती है |
जाति खत्म आरक्षण खत्म सीधा सा रास्ता
और बिना जाति के हट गया तो
@@studyadda470 तब अन्याय
@@vinodbhabhre9114 achha tum kho vhi shi h kya
@@studyadda470 नही ऐसा जरूरी नही
@Ajay Verma ha to hm to nhi bnwate
रिजर्वेशन हटाने की बात करने वाले कभी जाती हटाने की बात क्यों नहीं करते।
Sahi kaha bhai
भाई जाति हटाने के लिए सरकार प्रयासरत हैं।इस दिशा में काम कर रही हैं जैसे अंतरजातीय विवाह के लिए प्रोत्सहित कर रही हैं । सुधार होगा लेकिन धिरे धीरे होगा अब जबरन थोड़ी न किसी को जाति न लिखने के लिए विवश किया जाएगा।
Yas aarxsan ke sath jativadi hatni chiye Hindu ho sab bas
Jaat paat to kabka hat Gaya Hota par aap SC ST wale khud usika certificate lekar school college aur naukario me Khum rahe ho.ek Taraf tum sabko har chizo me faida bhi Chahiye upar se jaat paat bhi hat Jaye dono ek sath kaise possible hai.aap mujhe ye batao.har nayi pidhi aap log khud introduce karwate ho ki hum SC ST obc hai.unpar false allegations violence SC ST lagwate ho.tumhe 70 year spcl treat Kiya Ka Raha hai.aur kehte ho caste system band ho jaye.aap ko khud aage ana hoga iss purne pratha ko band karne ke liye
आप जाती गत आरक्षण लेना छोड़ दो।
क्योंकि जब आप आरक्षण का लॉलीपॉप चूसने के लिए, जाती वाला सर्टिफिकेट लगाते हैं , उस समय आप माने या न माने आप हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं ।
"जाती छोड़ो सामान्य,स्वाभिमानी नागरिक बनो "।
Thank u Solanki sir you have given genuin idea
सोलंकी सर ने जो विचार रखा o bahut hi तर्कसंगत और संतुलित h । मै समझता हूं कि सोलंकी सर के द्वारा कही गई बात पर विशेष जोर देना चाहिए ।
Kya bat bola Solanki
क्या बेहतरीन परिचर्चा है,
ज्ञानवर्धन हेतु धन्यवाद।
सभी वक्ताओं ने विदाई के में आरक्षण के बारे में बहुत ही खूबसूरत कहा है खास तौर से सुशील चंद्र त्रिपाठी जी ने बहुत ही खूबसूरत कहा है हमें उसे पर विशेष ध्यान देना चाहिए
आरक्षण ख़त्म होना चाहिए । और शिक्षा सभी के लिए मुफ्त होना चाहिए। आरक्षण की जरुरत ही नही पड़ेगी ।
मै सहमत हूं । जाति व्यवस्था भी खत्म होना चाहिए ।
Only hindu, no cast, problem solve
Only SC, No Hindu
10%का शासन 85%पर कब तक??ओर क्यों?।जयभारत जय सविंधान जय मूल-निवासी ।
राज्यसभा मैं 30% आरछण scst के लिए लागू किया जाए। कयोंकि इसमें इन वर्ग का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है ।
Thnx for watching Desh deshantar nd ur valuable suggestions and comments
संसद में चाहे 100% सीटें sc/st के लिए आरक्षित कर दो
लेकिन योग्यता आधारित परीक्षाओ में सिर्फ योग्यता ही एक मात्र पैमाना होना चाहिए , जिन लोगों पे सहूलियतें नहीं हैं उन्हें सहूलियतें दो लेकिन योग्यता से कोई समझौता नहीं करना चाहिए ।
Sharma ji tum log mandiron me jo arakshan lekar baithe ho usko bhi to Yogyata or knowledge ke adhar par karo
@@Koibatnahi-oo7wq
मैं तो बोल ही रहा हूँ कि हर क्षेत्र में सिर्फ और सिर्फ योग्यता ही एक मात्र पैमाना होना चाहिए
लेकिन तुम जैसे लोग ये बात कभी नहीं बोलेंगे
चाहे मंदिरों में हमारी जगह तुम लोगों को बैठा दिया जाए ना
और सब लोग आके तुम लोगों के पैर छूने लगें
तुम लोग तब भी आरक्षण माँगना नहीं छोड़ोगे ।
ये सार्वभौमिक सत्य है ।
@@rishabhsharma1394 bikul sahi
Yogyata ki baat karte h bhaisahab....... To Jo anyay huye backward castes me sath To unke pariJan aaJ bhi study ke liye suffer karte h....big Reason behind that they have not sound very strong with Financially.....and some Other Reason as well....so need To Reservation in every aspect.......why people don't raise ur voice against Anukampa neyukti....etc
@@NileshKumar-Dl1wli
Not at all
Provide every kind of facility and help to backward people for free
Make it available to every single backward person
But there should not be any compromise with the eligibility at any cost.
Then only we will be emerged as a better society.
I liked the point made by Mr. Satya Prakash about *changing the perspectives* of people as well as leaders and political parties. That is a very good observation made by him. Other panelists also reasoned the same! Thank you Kavindra sir! :)
Waah rationality ise kehte h. Aise hi leaders, spokesperson, media, even everybody must be.
काश ऐसा सोच सभी की हो तो देश के विकास में कोई रुकावट नहीं होगी 🙏🙏
आरक्षण से अधिक महत्वपूर्ण है,की हमे अपनी शिक्षा को और अधिक मजबूत करना चाहिए,जिससे समाज में एकता और अखंडता स्थापित हो सके। आरक्षण की आवश्यकता अगर हमें पड़ती है तो यह आरक्षण आर्थिक रूप से होना चाहिए जिससे इसमें भी और अधिक सदस्यों का इसका लाभ मिल सके।
Diye to hai arthik roop se arkshan aur kitna loge
@@dineshmandavi9284 आर्थिक रूप से आरक्षण तुम लोगों को मिला है EWS ke रूप में समझे
@@rrajit12 pta nhi rahta to mt bola kr arkshan to diya hai kaha ka arthik roop arkshan aur diya general Obc ko diyA hai st SC ko nhi
Samajik Sosan aarthik sthiti dekh k nhi hota jati dekh kr hota h
बाबा साहब, देश के नेता हैं ,समाज की अनेकों विसंगतियों को दूर करने में उनका विशेष योगदान रहा हैं।
लेकिन ईस सत्य को नहीं झुटलाया जा सकता कि, वह एक वर्ग विशेष के नेता के रूप में ही प्रतिस्थापित हो गए हैं ।
इसके कारणों का यदि अध्ययन करें तो एक बात स्पष्ट होती हैं कि है कि, स्वयंभु दलित नेता उन्हें अपना बता कर अन्य सामान्य वर्ग खासकर ब्राह्मणों व वैश्य के बारे में आक्रोशित विचारधारा व्यक्त करते हैं, जो कि देश के नेता को भी जाती विशेष का ही बना देती हैं ।
आज आरक्षण का फायदा भी कुछ सीमित परिवारों तक ही सीमित हो गया हैं तथा वह सीमित परिवार भी अपने ही दबे कुचले समाज के व्यक्तियों से रोटी बेटी का संबंध तो दूर सामान्य व्यवहार करने तक में अपनी तौहीन समझते हैं ।
अतः आवश्यक है कि, अब दलित समाज में क्रीमी लेयर का प्रावधान हो ताकि इस समाज के वास्तविक दबे कुचले लोग भी लाभान्वित हो सके ।
Correct
Thanks sir jee
Jai Bhim
Baba sahb jindabad
Baba Periyar jindabad
Jay neech jat
I agree to Jagdish sir and tripathi sir
सुशील त्रिपाठी व जगदीश सोलंकी साहब ने सही कहा...धन्यवाद जय भिम
Behtreen tareeke se Apne vicharo ko pesh kiya Solanki and Satya Prakash sir I appreciate both of Ur suggestions there is need from both the sides reserved communities - to represent themselves as political leaders of everyone u all have that confidence and political parties should not allot tickets as mere vote banks
Jankari ke liye dhanyawad rajya sabha tv
Healthy and rational debate
In particular 2ND round by
Satya and solanki sir
Parties should consider these discussions
Key points-
1. Historical reasons of communal award and Poona pact
2. Social discrimination against disadvantaged group required affirmative actions
3. A white paper to discuss effectiveness of this policy and suggest reforms
4. Policy is needed coz only 7 CMs are dalits n only Mayavati has served a full term
5. Need to ensure benefit of the policy is not garnered by few political families.. if possible debate about creamy layer should happen.
6. In era of party dominance does individual dalit seats have power to become voice of community?
7. Dalit dealer should aspire to be leaders of all and not only a dalit leader eg George Fernandez who despite being a minority never addressed himself as leader of minorities only
Awesome bro ...keep it up
Wonderful explanation
क्या रिजर्वेशन हटाने से जातिगत भेदभाव ख़तम हो जाएगा
Jativadi hta do n yar
Reservation hatane se kisi ka fayda to kisi ka nuksaan h, magar jaati hatane se India 🇮🇳 maha shakti ban jayega
@@शौर्यसिंह-ड3ख ha bhai jai chamar jai samvidhan
मैं तीनों विद्वानों से सहमत हूं
Perfect analysis thankyou so much rstv & all ...
Solanki sir was with true and acceptable facts
Yesss... mujhe satya prakash sir ki ye baat bahut bahut achchi lagi ki logo ko schedule cast ke tareeke se nhi ek bharteey ke tareeke se khud ko present krna chahiye samaj me😊😊😊😊🙏🙏
Nice debate. Dusre Chanel's me bhi rajyasabha tv jaisi polite debate honi chahiye
Satya Prakash Sir Thanks Aa.....👌👌
♨️😅.....Thanks RS TV.....Jay Maharashtra....
😅♨️
Also Sushil Chandra Tripathi Sir, Kavindra Thanks Aa.....👍👍
सत्या सर के तर्क बहुत अच्छे हैं
सत्य प्रकाश सर ने बहुत उम्दा बात की
Amir SC category now happy.. garib SC category can't capable to read my comment..
Aaj Bhi Hindu log aise hi chat karte hain
Inko Mandir Mein jaane se rote Hain
Khaskar gramin anchal Mein Hindu sabse jyada dabanggai dikhta Hai
Jin hinduon ko aarakshan badhane se aapatti hai
Vah road per aakar Narendra Modi ke khilaf aandolan Karen
Road jaam Karen
Aatmdah Karen
Thank u Satya prakash sir....u r great explainer....
One on hand we are trying to adreess caste based issue while on other we are giving them reservation on the basis of caste itself...won't it seems to cotradict
Absolutely
Absolutely correct..
Right
@@user-xz7gj9ie6k अबे चुप कर... अम्बेडकर ने दिया है... सब कुछ सभी लोगों ने जिरह करके बनाया है और आधे से ज्यादा तो 1935 भारत शासन अधिनियम है संविधान मे... समझा क्या...
कैसे चुने जाते हैं ये सांसद?
अगर ये सांसद अपने समुदाय के सवालों को नहीं उठाते तो फिर वे चुने कैसे जाते हैं? क्या उन्हें हारने का भय नहीं होता?
यह वह सवाल है, जिसमें इन सांसदों और विधायकों की निष्क्रियता का राज छिपा है.
संविधान की व्यवस्था के मुताबिक, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटें आरक्षित हैं, लेकिन वोटर तमाम लोग होते हैं. किसी भी आरक्षित लोकसभा सीट पर अगर मान लें कि 20 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं, तो 80 फीसदी वोटर अन्य समूहों के हैं. अनुसूचित जाति के किसी नेता का सांसद चुना जाना इस बात से तय नहीं होगा कि अनुसूचित जाति के कितने लोगों ने उसे वोट दिया है.
अनुसूचित जनजाति की कुछ सीटों को छोड़ दें, जहां एसटी वोटर 50 फीसदी से ज़्यादा हैं तो ज़्यादातर आरक्षित सीटों की यही कहानी है. चुना वह जाएगा जो आरक्षित समूह से बाहर के ज़्यादातर वोट हासिल करेगा.
आरक्षित चुनाव क्षेत्रों के इस गणित का मतलब यह है कि अगर कोई नेता अनुसूचित जाति के आरक्षण को लेकर आंदोलन करेगा या निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग करेगा, तो दूसरे समुदायों की आंख में उसका खटकना तय है. यह उस नेता के लिए राजनीतिक आत्महत्या का रास्ता होगा.
यह पूरी तरह विवशता की स्थिति है. आप अनुसूचित जाति के सांसद हैं, पर अनुसूचित जाति के सवालों पर आप मुखर नहीं हो सकते. आप अनुसूचित जनजाति की सांसद हैं लेकिन अनुसूचित जनजाति के सवालों को उठाना आपके लिए आत्मघाती हो सकता है.
इसके अलावा एक और समस्या है. भारत में ज़्यादातर सांसद किसी न किसी दल से चुने जाते हैं. यह रिज़र्व सीटों से चुने जाने वाले सांसदों के लिए भी सच है. संविधान की दसवीं अनुसूची, यानी दलबदल कानून की वजह से ये सांसद दलीय अनुशासन से बंधे होते हैं, वरना उनकी सदस्यता छिन सकती है.
ऐसे में जब तक राजनीतिक दलों की नीतियां अनुसूचित जाति और जनजाति के पक्ष में न हों, तब तक रिज़र्व कैटेगरी से चुनकर आने वाले सांसदों और विधायकों के लिए करने को ख़ास कुछ नहीं होता है.
इसका सबसे अच्छा उदाहरण संसद की वह घटना है जब एससी और एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण का विधेयक फाड़ने का दायित्व समाजवादी पार्टी ने एक एससी सांसद यशवीर सिंह को सौंपा और उन्होंने यह कर दिखाया. यशवीर सिंह उस समय उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद थे.
JAGDISH SOLANKI JI SPEEK VEERY GOOD I LIKE......SOLANKI SUPREME COURT ADVOKET....
Nice explain jagdish Sir
Bat chi achhi lagi solki ji ki
Satya Prakash 👍
Satya sir best hai.kavindra sirap bhi best hai.thanks rajyasabha TV.
good morning sir mai satya sir ki bat se 100% sahmat hu jo bhi unhone kha wo samajhne ki jarurat hai
यूपी में सवर्णों की आबादी सिर्फ = 19%🙏🙏
योगी सरकार में सवर्ण विधायक = 45%🙏🙏
सवर्ण सांसद = 60%🙏🙏
सवर्ण कुलपति = 73%🙏🙏
सवर्ण इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज = 92%🙏🙏
(अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा, हिण्डौन सिटी, करौली, असिस्टेंट प्रोफेसर , राजनीति विज्ञान ,राजस्थान)
Gret solanki sir
Satya ji aap jaldi jaldi aaya kariye
Time ko badhaya jaye
Sir general cast ko desh se baher kr dena chahiye...St /sc ur obc ko 100% de diya jana shi hai...Baki sub jitne niyam kanoon banaye jate hai to sub general cast ke virodh me hi banaye jate hai....
*सत्य प्रकाश, विधि संपादक* देश का नाम हिंदुस्तान प्रबोधन कर रहे है क्या यह संविधानिक शब्दावली है ?? राष्ट्रपति कोबिन्द के साथ मंदिर दर्शन के दौरान क्या व्यवहार हुआ ??
Jitne bhi dalit bhai, behen, h sabhi log kasam khao ki agar jaati nahi hataoge, to jab tak dharti hai reservation nahi hatega
Sir me st me at I hu me cast ka koi labh nhi mila ha kya kre bsc.nursing ki hu 10yer ho gye gov. No job contrinew exam. Me baithti hu
कृपया आप हिन्दुस्तान शब्द का प्रयोग ना करें तो ज्यादा बेहतर होगा, ,,क्योंकि हमारे देश का सविंधानिक नाम भारत है हिन्दुस्तान नहीं भारत है हिन्दुस्तान ।जयभारत जय सविंधान जय मूल-निवासी ।
Satyaprakash most rational journalist
"If Hindu Raj does become a fact, it will no doubt, be the greatest calamity...Hinduism is a menace to liberty, equality and fraternity....it is incompatible with democracy. Hindu Raj must be prevented..."
Pakistan or Partition of India, p.358 .
#AmbedkarAgainstHinduRashtra
Jay bhim
Thanku rstv and thanku satya sir
I love you sir u give important news
Rajya Sabha tv dekh Kar bada achchha laga sabhay tareeke se debate hoti hai
सचान जी मेरा आप से निवेदन है कि अगली बहस में एक पैनलिस्ट रविश कुमार जी को भी रखिये।🙏आप की अति कृपा होगी।
Sukriya RStv
Sare tark shi Hain . Sbhi se sahmat bhi Hain lekin Kya education me reservation shi hai ? Aur samanya varg ke sare log paise wale hi hote Hain?
Thnxu so much sir for enough knowledge 🙏🙏🙏🙏
Kavindra Sachan ji aapke questions me broadness honi chahiye
Tripathi sir said the same thing which Supreme court has decided for SC/STs, that is excluding elite class from the reservation as a creamy layer section.
Very quality debate...on this topic...
Satyaprakash ji hamare jila muzaffarpur bihar se belong karte hi
Super supch
Good discussion sir ji ...
Schl fee, clg fee, form fee😢😢😢sir ameer sc/St category valo k pass bhut paisa h...job b km marks m LG jati h.. Unki..mere cls m mere se km marks but unko priority ... Ek family se 5 log govt job m hai sc. 25 acre property lekin unko reservation.... Humare pass 1acre nahi..
Mein bhi sc hu pr kisi sc pass 50 acres land i can't believe 🤔
@@SandeepKumar-xl5jw shiii battt bhaiii
Sc st k paas 50 acre kyu murkh bana rahe ho murkh insaan. Government data khud kehta h kisi bhi dalit k paas 50 acre land nahi. Maximum individual alloted is 5 acre woh bhi gavo me
@@kamartaj3010 right broo
For eg 100 mei se agar 10 sc st ameer h to iska matlab ye nae ki reservation khatam hona chahiye. Ek zamindar ka beta beti zameen k liye paida hote he uska malikana haq le leta h. Ek baniye ka ladka dukaan p apni father ki property generation to generation transfer karta h. School aur Health ko free kar do kon mange ga phir reservation.
देखिये S. C और S. T की आरक्षण चुनावी क्षेत्रों से हटा देना चाहिए. क्योंकि अम्बेडकर जी ने ए गलती किया है. दोनों मे आरक्षण देके.गवर्नमेंट जॉब मे आरक्षण रहने दें . और और चुनावी क्षेत्रों से हटा देना चाहिए.
Nearly 70% of education loan goes to general category students...EWS bhi kyu diya h..central government ko reservation 70 years k liye extend krna Chahiye ...jis sabji Mandi me mein sabji 70 rs me kharid rha Hu wahan mere bhaiyo ko 35 rs me sabji milni chahiye...jis Peter England k showroom me mujhe 30% Ka discount mil rha hai waha mere bhaiyo ko 70 % Ka discount milna chahiye "Reservation globalization"...Vikas sambhav hai...👍👍🤣
😂 crorepati nhi bn na h Bhai bus mul awashyktao ki purti b ho Jaye wahi bht h...
70 percent loan Mishra g tabhi to general category k log faida utha rahe h kyu ki unki enrollment h education mei. Jis community ki enrollment he nae education mei proper woh loan circus k liye lega kya
Ye hi to 70 years Ka system failure h mere Bhai k enrollment awareness b nhi h
Solnki ji.. Nic
Nice Sir 👍👌
Satya sir salute 🙏🙏🙏🙏
Great discussion...
Jagdish solanki sir nice analysis
Correct jagdish sir
देश की 30 प्रतिशत आबादी शहरी जिसमे भी प्राइवेट जॉब्स में कास्ट पूछते हैं और कहते है एससी एसटी तो सरकारी नोकरी करो और किराये पर रूम लेते है तो जाति पूछते हैं जब शहर में ये हालात है तो ग्रामीण इलाकों में तो शव यात्रा को सवर्ण निकलने नही देते
ऐसी में बैठकर जुमलेबाजी बहुत करते हो
हमे मीठी जमली बाटे नही अधिकार चाहिए
I didnt understood....
1. is there reservation on rajya sabha?,
2. is there any rotational basis reservation followed currently?
Firstly, yes there exists a reservation in Rajya Sabha and Vidhan parishad's as well.
Secondly, yes there is rotational system for reservation of seats for elections of LS. If a seat is reserved for an election then it won't be reserved for the next two consecutive elections (for every 3 elections same seat will be eligible to be kept as reserved seat).
@@someshpawar6238 every 3 years?
@@priyankatekwani4754 "every 3 years" means gap of 2 elections that is for next 2 elections same seat cannot be reserved. If a seat is reserved for 2019 lok sabha elections then that seat won't be reserved for 2024 & 2029 loksabha elections and shall again be reserved for 2034's loksabha elections. This is done for cluster of 4-6 constituencies on rotational basis as stated by Mr. Tripathi (former IAS) in the discussion.
My mistake, I said years instead of *elections* .
@@someshpawar6238 ok, but total reserved seats is around 130 right....and loksabha has 543 seats....so it is not necessary right that seat will be again reseved at every 3rd election...bcz that way we can cover only 130*3=390 seats and other seats(constituencies) will never get reserved!!!??
@@priyankatekwani4754 This should not be our point of worry unless we wish to be appointed as CEC or in delimitation commission😅 also not relevant from UPSC perspective. But I will try to answer.
*No, those seats will get reserved eventually, it will take time (alot) but will get reserved with time*
As I said the seat will be *ELIGIBLE* to be kept as reserved seat after 2 elections. This line answers your question. But let me elaborate. :)
See, I already told you that reservation of seats happens in *cluster of constituencies* . For example there will be a cluster of 4-5 constituencies and one seat will be reserved among them. So, it is not necessary and won't be possible(depends on EC) to reserve the same seat after 2 elections (as it will be done on rotation basis so same seat might get reserved after 5 elections; depends on election commission's decision *or* govt's decision; for the example we have taken) and It also depends on the cluster strength( which might vary in case of states) ; *cluster* can be of *3 constituencies or more* ( so, if cluster is of 3 constituencies then it would be an ideal condition because every other seat will get reserved after 2 elections, right? Yes).
आरक्षण का समय अब समाप्त होना ही चहिये करण साफ़ है कब तक यह आरक्षण को देश चलाते रहे १००० साल तक वह यातना पाई है यह समय सरकार साफ़ करे जो नेता आरक्षण से जीत कर लोगों मै अपना लोगों के साथ समजस बना नहीं पाया तो जरनल से वोट लेकर आप आरक्षण कि ताली बजायेंगे तो जाति भेद समाप्त नहीं हुआ यह आरक्षण के कारण भेद भाव पैदा कर दिया
Solnki sir good speech
90% lane vale ko 60 % lane vale se jyada priority kyu???? Clg cutoff, admission m reservation kyu???
Mai v general se ata hu pr Apne dada se pucho ki unhone 5000sal Raj kiya or aj sc/St ka 50sal ka reservation brdast nhi hota
@@ranjeetrajan502 jisko Apne pardada ka naam nhi pta vo log 5000 Saal ki BAAT karte h. Pardada chodo tum logo ko to Apne dada ke baare me kuch pta nhi Hoga..
बहुत बहुत धन्यवाद सर्
Naye Bharat Nirman ke liye aise logo ki jarurat hai
Reservation 😂😂😂 India ke log kabhi reservation nahi chodenge . IAS , IPS ka beta / beti bhi quota use karte hain . Shame on Indian constitution . Dalit neta vote bank ki politics karte hain . SC/ST ko seat reserved Hain lekin creamy layer ke SC / ST seat le lete Hain aaur garib SC/ST ko bolte Hain Sarkar toh hame kuch bhi nahi deti jaao rail roko , protest karo Taki creamy layer wale labh lete rahe
Saurabh u r right
@@factdoze2023 tumhari boli se pta lagta hai tumhari parvarish.aarkashan par plane wale
@@factdoze2023tere jeso ki soch pe Taras aata hai sale muje apna gyan apne pas rakh tu.rhi baat reservation ki toh yeh isiliye hai kyuki vote bank politics hai is desh mein
@@mechanicalengineeringlearn7608 Bhai q SC ke muh lag raha Hain , 3 rd class Hain ye . Reservation se free ke khane ki aadat ho gyi Hain . Tax payers inhi ke liye toh pay karte hain
@@saurabhkulkarni818 bhai me ek general class se aata hu me bhi support krta hu gareeb sc st ki reservation ki but jo log ameer hai sc st se unke reservation k khilaf hmesha bolts rhuga
I think over hall debate is good, suggestion of Tripathi is quite justified and it should be adopted .
Jab reservation mein vacancies na k brabr de jati hai toh reservation ka kya
matlab rhae jata hai.
Thanks satya sir
I agree with Jagdish sir and tripathi sir
Iss aarakshan ko permanent Kar diya jaye Mai isski maang karta hun
Par isske sath hi general category ke liye alag rajya Ka nirmaan bhi kar diya jaye
Jai hind
Basically this LAND IS BUDDHA'S KING..........
I agree from stya sir
अच्छी परिचर्चा
I agreed jagdeesh solanki and susheel chandra tripaathi...
Reservation is very important for sc/st candidate
Try to looks on ground level situation of SC-ST... This is very bad.. It's should require for sc-st for stanup...
Ha Bhai Jo bechare gareeb hai unki koi halat ni sudhri jo job mai aa gye bas aage unhi ke bache job mai hain asali jarurat vastav mai un logo ko he hai aur jab tak us last tak reservation ka fayada na pahuche to kya fayda reservation ka vo log aur gareeb hote ja re unki help ni ho pa ri
Hajaro saal se hamare saath bhed bhav kiya to arkshan to chahiye. Jay bhim