पाण्डवों के समय का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां स्थित पर्वत में है प्रचुर मात्रा में सोना

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  • Опубликовано: 10 фев 2025
  • लोदराव माता मंदिर एक बहुत ही प्राचीन समय का मंदिर है। जो कि अरावली की सुंदर पहाड़ियों से घिरा हुआ एवं शान्त वातावरण में स्थित मंदिर है। जिसकी मान्यता है कि यह मंदिर पाण्डवों के समय का बताया जाता हैं। लोदराव माता का मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है। जिसकी कुल लम्बाई की आठ किलोमीटर मानी जाती हैं। इस गुफा को अभी वर्तमान समय में बंद कर दिया गया है। इस गुफा का रास्ता लोदराव माता मंदिर के गर्भगृह की गुफा से होते हुए सरगा माता मंदिर की पहाड़ी में स्थित गुफा से होकर निकलता है। सरगा माता को लोदराव माता की बहन माना जाता हैं। अतः लोदराव माता मंदिर के गर्भगृह में लोदराव माता के साथ में सरगा माता की भी प्रतिमा विराजमान है। लोदराव माता मंदिर की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि इस स्थान पर एक ऐसा पर्वत स्थित हैं जिसके बारे में स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इसमे प्रचुर मात्रा में सोना और अन्य बहुमूल्य धातुएं पाई जाती हैं।
    ब्रिटिशकाल में इस पर्वत से बहुत ही अधिक मात्रा में खनन कार्य किया गया। जिसके फलस्वरूप यहां से बहुत अधिक मात्रा में सोना और अन्य कीमती धातुएं निकाली गई थी। परन्तु अभी वर्तमान समय में अगर यहां से ये बहुमूल्य धातुएं मशीनों द्वारा निकालने की कोशिश की जाती हैं तो स्वचालित रूप से उन मशीनों में कुछ न कुछ खराबी आ जाती हैं और वहां से यह धातु निकालने का काम विफल हो जाता हैं। इस प्रकार अभी वर्तमान समय में इस पर्वत से कोई भी ये कीमती धातुएं नहीं निकाल सकता। क्योंकि इस तथ्य में स्थानीय लोगों का यह मत है कि ऐसा करना लोदराव माता की इच्छा के विरुद्ध है और उनकी इच्छा के विरुद्ध यहां से कोई भी व्यक्ति सोना या अन्य बहुमूल्य धातुओं को नहीं निकाल सकता है।
    लोदराव माता मंदिर में पहले केवल गर्भगृह में लोदराव माताजी की ही प्रतिमा स्थापित थी। परन्तु अभी कुछ वर्षों पहले ही यहां सरगा माता की भी प्रतिमा स्थापित की गई है। क्योंकि सरगा माता को लोदराव माता की बहन माना जाता हैं।
    लोदराव माता के मुख्य मंदिर के बाहर की ओर दाएं भाग में एक बहुत ही प्राचीन समय की शीला स्थित हैं। जहां पर कई वर्षों से बहुत सारे चमकादड़ के समूह उल्टे लटके हुए देखने को मिलते है। जिनको समूह में इस मंदिर में देखा जाना एक बहुत ही अविस्मयी घटना है।जो कि मंदिर परिसर में इसी स्थान पर ही हमें देखने ये सभी चमकादड़ देखने को मिलते है।
    लोदराव माता मंदिर परिसर में और भी कई देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिलते है। जिसमें भैरव महाराज, हनुमान जी तथा लोदराव माता मंदिर के पूर्व पुजारी एवं सेवक मुड़ाराम जी महाराज का मंदिर सम्मिलित है। लोदराव माता मंदिर एक बहुत ही शांतिपूर्ण जगह पर स्थित मंदिर है। जहां पर जाने से मन को एक अथाह गहरी शांति का अनुभव होता हैं और यह एक सिद्ध एवं जागृत मंदिर है।
    लोदराव माता मंदिर राजस्थान राज्य के सिरोही जिले की पिंडवाड़ा तहसील की रोहिड़ा ग्रामपंचायत के एक छोटे से पिपला नामक गांव में स्थित है।
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