Shekhar Pathak, Pratiman Vyakhyan Mala Lecture on 'Pahadi Sanskriti, Paryavran aur Aapda'
HTML-код
- Опубликовано: 29 ноя 2024
- भारतीय भाषा कार्यक्रम, सीएसडीएस द्वारा आयोजित
प्रतिमान-व्याख्यान शृंखला में आपका स्वागत है
पहाड़ी संस्कृति, पर्यावरण और आपदा
वक्ता: शेखर पाठक
अध्यक्षता: अभय कुमार दुबे
18 अगस्त 2021, चार बजे
गोष्ठी Zoom पर होगी।
Link: bit.ly/3yHQEhF
Meeting ID: 88969297484
Passcode: csdsdelhi
विषय-सार: संस्कृति, पर्यावरण और आपदा तीनों का मूल रिश्ता भूगोल और उससे जुड़े भूगर्भ से है। हिमालय का पर्यावरण और आपदाएँ एक-सी उम्र वाली हैं, इसमें सिर्फ़ संस्कृति बाद में आई है, मनुष्य के साथ। जब-जब मनुष्य ने पर्यावरण से समझौता किया, प्रकारान्तर में उसे उसका लाभ मिला। आपदाएँ फिर भी थीं और मनुष्य उनसे समायोजन कर लेता था। अब आपदाओं में मनुष्य द्वारा की गई अति का दुष्परिणाम जुड़ गया है, जिससे ये बहुगुणित हो गई हैं, अब अनेक सालों में नहीं, सालाना होने लगी हैं। सामाजिक और आर्थिक जीवन प्राकृतिक सम्पदाओं की क़ीमत पर सम्पन्न होना चाहता है। जलवायु परिवर्तन अनेक आपदाओं का समुच्चय है और आगामी अनेक संकटों को जन्म देगा। कॉरपोरेटों को बिक रही राज्य व्यवस्था के निकम्मेपन के दौर में समाज इससे लड़ने की ऊर्जा से अभी तक तो लैस नहीं है। इस व्याख्यान में इन तीनों विषयों को छूने का प्रयास होगा।
शेखर पाठक प्रख्यात पर्यावरणविद, कार्यकर्ता और इतिहासकार। कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैतीताल, के पूर्व-प्रोफ़ेसर, नेहरू स्मारक संग्रहालय व पुस्तकालय के पूर्व-फ़ेलो, और पहाड़ संस्था व पत्रिका के संस्थापक-संपादक। हालिया कृतियाँ: दास्तान-ए-हिमालय और हरी-भरी उम्मीद।
अभय कुमार दुबे विकासशील समाज अध्ययन पीठ में प्रोफ़ेसर और भारतीय भाषा कार्यक्रम के निदेशक हैं।