गायत्री मंत्र के जप से हमें तेज की प्राप्ति होती है और यही तेज हमारे जीवन को ओजवान, ऊर्जावान, चरित्रवान और सकारात्मकता से लबालब कर देती हैं अतः हमें निष्ठा पूर्वक माँ गायत्री के शरण लेनी चाहिए
जय श्री गुरु देव भगवान जी आप के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम करते हैं हम गऊ माता राष्ट्रमाता हो भारत हिंदू राष्ट हो गऊ हत्या बाद हो हिंदू प्रचण्ड हो भारत अखंड हो जय श्री राधे कृष्णा जी नमः पार्वती पत्त्य हर हर महादेव जी 🙏🌺🌷🚩🌹
गायत्री मंत्र के भाव को समझ कर उसके अनुसार कार्य करने पर मोक्ष प्राप्त होते हैं, इसमें ध्यान ओर सत् बुद्धि प्राप्त होने के मार्ग हैं, ए ईश्वर को प्राप्त करने के सुन्दर मार्ग है, धर्मसंसथापनर्थाय समभवामि युग युग धन्यवाद्
परम आदरणीय, श्रेष्ठ गुरुवर, सादर चरण स्पर्श....मुझे आप जैसे ही श्रेष्ठ गुरू ऑर अध्यात्मिक मार्गदर्शक की नितांत आवश्यकता हैं....क्या आप मेरे अध्यात्मिक गुरू बन सकेंगे....आपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा मे... स्नेह एवं साष्टांग दंडवत.... संजीव डांगे.....🎉🎉🎉🎉
🐦🌹1/8🌹🐦 🐦🌹आदिदेव श्रीमन्नारायण नंद घर लिये अवतार🐦🌹 🐦🌹जय श्रीमन्नारायणचरणौ शरणं प्रपद्ये। श्रीमते नारायणाय नमः।।🌹🐦 🐦🌹 संग संग पुज्य श्री संत चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम🌹🐦 🐦🌹जय श्री कृष्ण जय श्री राम 🌹🐦 🐦🌹(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦 🐦🌹2022🌹 BHARAT - INDIA 🌹🐦
राजपूत,यादव, जाट, गुर्जर, मराठा ये सब लड़ाकू जातियां हैं जो भी लड़ाकू जातियां हैं वो क्षत्रिय वर्ण की हैं। सूर्यवंशी(मुख्य रघुवंशी शाखा), चंद्रवंशी( मुख्य शाखा यदुवंशी), अग्निवंशी, ऋषिवंशी ये वंश क्षत्रिय वंश हैं और इनमें आने वाली सभी जातियां क्षत्रिय हैं लेकिन विडम्बना तो देखिए अज्ञानी और कलयुगी लोग केवल राजपूत को ही क्षत्रिय समझने लगे हैं ,केवल राजपूत को ही क्षत्रिय जानते हैं,। जबकि ज्ञानी और वेद पुराणों के ज्ञाता को पता हैं क्षत्रिय एक वर्ण हैं और राजपूत एक जाति हैं ,क्षत्रिय वर्ण में राजपूत के आलावा अन्य कई जातियां आती हैं जो आज ज्यादातर ओबीसी, कुछ एससी में भी रखी गई है।
baaton ke teer chalakar murkhon ya tumhaare samaan hi murkhon ke saamne sammanit hokar apna seena chouda mat kijiye sirf rajpoot kchatriye hain baaki sab vaishye hain
केवल लड़ाकू होने से कोई क्षत्रिय नहीं हो जाता। वास्तव में लडाकूपन एक छिछोरा पन ही है जो किसी क्षत्रिय का संस्कार नहीं हो सकता। राम, कृष्ण, अर्जुन, भीष्म की पहचान लड़ाकू होने से है? वास्तव में क्षत्रियों के ऊपर भी ब्राह्मणों की तरह कई धार्मिक निषेध लागू होते हैं। दोनों के ऋषि गोत्र एक ही होते हैं।
Jai MAA tripurasundari MAA ke shree charno me mera sadev koti koti koti naman ji 🙏🏻 sadgurudev ji ke shree charno me mera koti koti pranam ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 AAP bataye ki mere shudra Mitra ko sabhi mantras and Pujan vidhi ka Gyan hai ji Shiv Hari Mata ji ki aaradhana karta hai shakahari hai ji 🙏🏻 Vani bhi pavitra hai ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 kya yagyo pavitra ka Adhikar hai ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 batave ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
bahut sundar bhagwan shankaracharya ji mai ghazipur uttarpradesh se hu aur bhumihar brahman hu humare kul guru mere dada ji tak yazyopavit sanskar karaya aur karna vedh sanskar bhi hua mere pita ji ka bhi yazyopavit sanskar hua lekin kul guru se nahi vindhyachal ke acharya dwara humare yaha ab karna vedh sanskar vilupt ho raha hai kripya ispar apne ashirvachan rakhe mai bhi 12 th me padhta hu aur jaldi yazyopavit sanskar kara kar nitya sandhya vandan karunga aur homa karne ka bhi prayas karunga kintu bihar aur up ke kuch jagah par vivah se pehle brahman durga janeu ka adambar kar rahe hai ispar kuch kariye nahi to humari kul ki parampara nast ho jayegi ...pranam🙏🙏
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराजकी जय हो । गुरु देव...मे नेपाल से हु... 1. मेरे इष्ट देव भगवान देवादिदेव महादेव हे । 2. मे दीक्षा लेना चाहाता हु मे क्या करू 3. . गुरु को केसे पहिचान करे । 4. गुरु से दीक्षा लेनाका क्या नियम हे कूपया मार्ग दर्शन करे जगतगुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ।
रूद्राक्ष वर्मा इन्दौर म. प्र. स्वामी जी 🙏दंडवत प्रणाम🙏 मेरे प्रश्नों का समाधान करने के लिए में आपका आभारी हूं 🙇🙇 क्य प्रायश्चित करना होगा और क्या 🌼🌼पूज्य श्री शंकराचार्य जी 🌼🌼 मुझे गायत्रीमंत्र की दीक्षा प्रदान करेंगे ?
प्रायश्चित्त और उपनयन के विषय में अपने परिवार के आचार्य या निकट के वेदशास्त्री से संपर्क करें। उन्हे स्वामीजी के बारे मे बतायें। गायत्रीमंत्र की दीक्षा तो उपनयन के विधि में ही मिल जाती है, अलग से नही लेनी पडती।
Jai jagannath rudraksh ji mein mihir soni poojya puri shankaracharya bhgwan ka shishy yhi indore se hu abbi humare gurubhai dwara khastriyo ka upnayan krvaya gya tha ! Aap mujhse sampark kr lijiye
@@Akash-tz7bt Gayatri parivar to ashastriy roop se upnayan krbate h jinka adhikar ni h unko bhi gayatri ki diksha dete h mahilao tak ko gayatri parivar to sanatan manbinduo ke ulte kam krta h
प्रश्न-) गुरुदेव मेरा नाम गौरव मिश्रा है में भोपाल से हूँ। पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने शनि पूजा व साई पूजा का निर्णय पहले ही कर दिया है । ठीक उसी तर्ज पर आज खाटू श्याम की भक्ति का प्रचार - प्रसार बहोत तेजी से हो रहा है, लोग खाटू श्याम संध्या करा रहे है दर्शन के लिए खाटू श्याम जा रहे है, पूज्य जगतगुरु के प्रतिनिधि व भावी शंकराचार्य होने के नाते आप इस पर प्रकाश डालिये कि क्या सनातनियो को खाटू श्याम की पूजा करनी चाहिए अथवा नही ? अपने दास पर कृपा कीजिए।
पूज्य श्री के चरणों मैं कोटि कोटि नमन मेरा नाम कन्हैया सैनी है, मेरा गोत्र भागीरथ है,जाति मेरी सैनी है। महाराज जी से मेरा प्रश्न यह है कि मेरी जाति और गोत्र के अनुसार मेरा वर्ण किया है। मुझे अपने वर्ण का पता नही है। कोई कहता है आप छत्रीय हो कोई कहता है आप शूद्र हो। और मुझे अपने वर्ण के अनुसार किस पद्धति से भजन करना चाहिए।कृपया इसका समाधान करे।
मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः। स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम्।। श्रीमद्भागवत गीता 9.32। महाराज जी के चरणो में सादर प्रणाम इस श्लोक में वैश्य को पापयोनि बताया गया है वैश्य का तो उपनयन संस्कार होता है तो वह पापयोनि कैसे कहलाता है? ? कृपया बताने की कृपा करें
गुरुदेव को सादर दण्डवत मैं पंकज दुबे बनारस से ये जानना चाहता हु की क्या संध्या वंदन में गायत्री जाप वास्तव रूप में नारायण की ही उपासना है क्योंकि जो 24 मुद्राये प्रदर्शित की जाती है और अंत मे नारायण प्रियता न मम बोला जाता है ।कृपया मार्गदर्शन करें🙏
गायत्री प्रकट होने से पहले या गायत्री ऊपासना बतानेवाले किसकी आराधना करते हे ओर स्वयं गायत्री किसका चिंतन करती हे ओर गुप्त गायत्री भी हे धन्यवाद जय शिवजी री
नमो नम: प्रणव शर्मा आचार्य प्रवर मेरा गोत्र सनक है मैं ब्राह्मण कुलोत्पन्न हूं मेरा निवास स्थान गाजियाबाद है नमो नम: आचार्य प्रवर इस मूर्ख दास पर कृपा कीजिए| हे आचार्य मेरा प्रश्न भी इसी प्रकार का है कि मेरा यज्ञोपवीत संस्कार हुआ हुआ है किंतु आचार्य यह आपका दास श्रावणी उपा कर्म की विधि नहीं जानता कृपया कर विस्तार से श्रावणी का विवेचन कीजिए आचार्य क्योंकि इस दास की तरह अन्य विद्वत गण भी अगर श्रावणी को करना चाहेंगे या करते होंगे ही परंतु कहीं क्रिया का विक्षेप हो गया तो आपके आशीर्वाद द्वारा इसके बारे में सब जानकारी प्राप्त होएगी धन्यवाद
आदरणीय स्वामी जी सादर चरणस्पर्श स्वामी जी मेरा नाम यशोधन त्रिपाठी है मेरा यज्ञोपवीत संस्कार २७ साल की उम्र में हुआ हालांकि मेरे परिवार में पिता पितामह बड़े भाई ताऊजी आदि सभी का यज्ञोपवीत हुआ है और सही समय पर हुआ है पर मेरा ही बहुत देर में हुआ है तो क्या इस दशा में मुझे कुछ दोष लगेगा और अगर ऐसा है तो इसका क्या उपाय है
गुरु देव कोटि कोटि नमन। गुरु जी स्त्री गायत्री जप कर सकती है या नही । मेरी भार्या गायत्री मंत्र जप माला करना चाहती है ..?? हां ब्राह्मण है । क्या मेरी भार्या गायत्री मंत्र जप कर सकती है क्या
• सादर प्रणाम आचार्य श्री 🙏, जगदगुरुकुलम् में विद्यार्थियों को किन किन विषयों एवं किस बोर्ड की शिक्षा प्रदान की जाती है? जानने की इच्छा है कि क्या विद्यार्थीगण भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, अंकगणित, बीजगणित इत्यादि विषयों का अध्ययन भी कर रहे हैं??
कोटि कोटि वंदन गुरुजी हम क्षत्रिय है हमारी उमर सांठ सालकी है हमने जनोई घारण नही की तो गायत्री मंत्र का जाप कर सकते है तो हमे बताने की कृपा करें जय माताजी जय श्री राधे जय श्री राम
कोटी कोटी प्रणाम गुरुदेव। मेरा नाम : गणेश स्वामी है और मैं महाराष्ट्र के पुणे जिले से हूं में पहले तो आपसे क्षमा मांगना चाहूंगा क्योंकि मेरा प्रश्न थोड़ा सा लंबा है लेकिन मेरे मन में यह आशा है की आप अपना मूल्यवान समय निकाल कर मुझ जैसे बुद्धू व्यक्ति का कल्याण करेंगे ।। मेरा प्रश्न यह है कि मैं वीरशैवा लिंगायत संप्रदाय से हूं जिस प्रकार ब्राह्मणों में उपनयन संस्कार होता है उसी प्रकार हमारे यहां जब बालक या बालिका 8 वर्ष आयु के हो जाते है तब उन पर दीक्षा का संस्कार होता है उस में गुरु मंत्र और एक छोटा सा शिवलिंग जिसे की गले में धारण कर सके वह दिया जाता है । मैंने अपनी आयु की 8 वर्ष में ही दीक्षा ले ली लेकिन अबोध होने के कारण नहीं मैंने गुरु मंत्र का जाप किया और नाही जो गुरु से प्राप्त हुआ शिवलिंग है उस की पूजा करी और अब मेरी उम्र 28 साल है और मैं अब उस गुरु मंत्र का जाप करना चाहता हूं तो मन में यह संशय है कि 20 साल का खंडन होने के कारण क्या अब वह गुरु मंत्र जाप करने योग्य है और क्या वह शिवलिंग जो गुरु से प्राप्त हुआ है वह भी पूजा करने योग्य क्योंकि जिन गुरु से हम ने दीक्षा ली थी उनका तो कैलाश वास हो चुका है । और जो नए पीठाआदिश्वर है उनकी उम्र मात्र 12 साल है। तो उनसे प्रश्न पूछने में कोई मतलब नहीं है । तो आपसे मैं विनती करता हूं कि कृपया मुझे मार्गदर्शन कर मेरे जीवन का उद्धार करे। आपके चरणो में कोटि-कोटि नमन । सनातन वैदिक धर्म की जय। हर हर महादेव शंभो।
Pranam sab! Shankracharya nishchala nand ji Jinka RUclips channel hai goverdhan math ke naam se ho to manaa karte hai ki gaytri mantra har kisi ko nahi karna chahiye
श्री गुरु जी प्रणाम, मेरा नाम मुकेश कुमार वर्मा हे मे कलकत्ता का रहने वाला हूँ मेरी उम्र ३४ वर्ष है, मेरा यहः प्रश्न हैं की यम नियम के बिना मेरा योग, प्रणायाम ओर वियाम करना उचीत हैं
स्वस्थ एवं स्फूर्ति युक्त जीवन के लिए योग , प्राणायाम और व्यायाम आवश्यक है । यम और नियम चरित्र एवं आचरण से सम्बंधित है । यह प्रत्येक विवेकी मनुष्य में कमोबेश रहता है किन्तु जागरूक रहकर इसका पालन करने से वाह्य एवं अन्तःकरण चित्त की शुद्धि होती है जिससे सूक्ष्म एवं स्थूल शरीर में दिव्यता का विकास होता है । 1- यम के 5 अंग --- अहिंसा , सत्य , अस्तेय , ब्रम्हचर्य एवं अपरिग्रह । 2- नियम के 5 अंग --- शौच , संतोष , तप , स्वाध्याय एवं ईश्वर प्रणिधान ।
गायत्री मंत्र के जप से हमें तेज की प्राप्ति होती है और यही तेज हमारे जीवन को ओजवान, ऊर्जावान, चरित्रवान और सकारात्मकता से लबालब कर देती हैं अतः हमें निष्ठा पूर्वक माँ गायत्री के शरण लेनी चाहिए
बिल्कुल सही बात है श्री मान जी
Kya baat
जय श्री गुरु देव भगवान जी आप के चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम करते हैं हम गऊ माता राष्ट्रमाता हो भारत हिंदू राष्ट हो गऊ हत्या बाद हो हिंदू प्रचण्ड हो भारत अखंड हो जय श्री राधे कृष्णा जी नमः पार्वती पत्त्य हर हर महादेव जी 🙏🌺🌷🚩🌹
गायत्री मंत्र के भाव को समझ कर उसके अनुसार कार्य करने पर मोक्ष प्राप्त होते हैं,
इसमें ध्यान ओर सत् बुद्धि प्राप्त होने के मार्ग हैं,
ए ईश्वर को प्राप्त करने के सुन्दर मार्ग है,
धर्मसंसथापनर्थाय समभवामि युग युग
धन्यवाद्
जय माता की । जय गुरुदेव। जय शंकराचार्य महाराज की जय । आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हर-हर महादेव।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐🌻🏵️🌺🚩🌹🌼🕉️🪔🥀🌷🙏 સ્વરૂપ જ્ઞાન સ્વરૂપ ભક્તિ સ્વરૂપ આદિ જગતગુરુ શંકરાચાર્ય સદગુરુ ભગવાન દત્તાત્રેય સ્વરૂપ શ્રી શ્રી 1008 પદ્મવિભૂષિત પરમહંસ સ્વામી અવિ મુક્તેશ્વર આનંદ સરસ્વતીજી મહારાજના ચરણ કમળમાં કોટી કોટી દંડવત નમસ્કાર 🙏🏻🙏🏻 શ્રી રામ જય રામ જય જય રામ ચામુંડા માત કી જય બામ નાથ મહાદેવ કી જય હાટકેશ્વર મહાદેવ કી જય
ખૂબ સરસ વાત કરો છો ગુરુદેવ તમારા ચરણો મા વંદન
परम आदरणीय, श्रेष्ठ गुरुवर, सादर चरण स्पर्श....मुझे आप जैसे ही श्रेष्ठ गुरू ऑर अध्यात्मिक मार्गदर्शक की नितांत आवश्यकता हैं....क्या आप मेरे अध्यात्मिक गुरू बन सकेंगे....आपके आशीर्वाद की प्रतीक्षा मे... स्नेह एवं साष्टांग दंडवत.... संजीव डांगे.....🎉🎉🎉🎉
परम आराध्य गुरुदेव भगवान के श्री चरण कमलों में बारम्बार प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री १००८ स्वामी श्री के श्रीचरणों में दंडवत प्रणाम 🙏🏻💐💐💐💐💐💐💐💐🙏🏻
मैं नीमा अपने सदगुरु भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन कोटि कोटि वंदन कोटि कोटि प्रणाम करती हूं 🙏🙏
गुरुदेव के चरणों में मेरा सर समर्पित है
श्री सदगुरू देव भगवान के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🏻🙏🏻 ❤️ 🙏🏻!! जय श्रीमन्नारायण !!🙏🏻❤️
Radhe
बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर॥
🕉🙏🏻🕉
महाराज जी के श्री चरणों में कोटिस नमन
🔱 ॐ नमः शिवाय 🔱
☘🌺🙏🌺☘
जय गुरूदेव जी 🌹👏
Jaya ma Gayatri adishakti kali
श्री गुरुभ्यो नमः
Koti koti Pranam shankaracharya ji Maharaj
ॐ
धन्यवाद गुरु वर मै योग वित ससकार हो गया है। राधा कृष्ण
🐦🌹1/8🌹🐦
🐦🌹आदिदेव श्रीमन्नारायण नंद घर लिये अवतार🐦🌹
🐦🌹जय श्रीमन्नारायणचरणौ शरणं प्रपद्ये। श्रीमते नारायणाय नमः।।🌹🐦
🐦🌹 संग संग पुज्य श्री संत चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम🌹🐦
🐦🌹जय श्री कृष्ण जय श्री राम 🌹🐦
🐦🌹(इचलकरंजी महाराष्ट्र)🌹🐦
🐦🌹2022🌹 BHARAT - INDIA 🌹🐦
जय जय श्री जगत गुरु 1008श्री महाराज राधेजी।
जय श्रीमन्नारायण
जय गुरुदेव
कोटी कोटी प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बहुत आभार परमाराध्य गुरुदेव भगवान🙏🙏
Jay Shri Gopal Ji Jay Shri Radhe Gopal ❤️💕💖❤️💖😎💕💖❤️❤️💖💕💖❤️💖💕❤️💖💕💕💕💕
बढ़िया जानकारी 🙏
जय गूरूदेव भगवान
Om namo narayanay koti koti vanadan jay gurudev🙏🙏🙏
राजपूत,यादव, जाट, गुर्जर, मराठा ये सब लड़ाकू जातियां हैं जो भी लड़ाकू जातियां हैं वो क्षत्रिय वर्ण की हैं। सूर्यवंशी(मुख्य रघुवंशी शाखा), चंद्रवंशी( मुख्य शाखा यदुवंशी), अग्निवंशी, ऋषिवंशी ये वंश क्षत्रिय वंश हैं और इनमें आने वाली सभी जातियां क्षत्रिय हैं लेकिन विडम्बना तो देखिए अज्ञानी और कलयुगी लोग केवल राजपूत को ही क्षत्रिय समझने लगे हैं ,केवल राजपूत को ही क्षत्रिय जानते हैं,। जबकि ज्ञानी और वेद पुराणों के ज्ञाता को पता हैं क्षत्रिय एक वर्ण हैं और राजपूत एक जाति हैं ,क्षत्रिय वर्ण में राजपूत के आलावा अन्य कई जातियां आती हैं जो आज ज्यादातर ओबीसी, कुछ एससी में भी रखी गई है।
Bhai aap kis jati se hain ? Yadav, jat, gujjar ya rajput?
बिल्कुल सटीक बात
baaton ke teer chalakar murkhon ya tumhaare samaan hi murkhon ke saamne sammanit hokar apna seena chouda mat kijiye sirf rajpoot kchatriye hain baaki sab vaishye hain
केवल लड़ाकू होने से कोई क्षत्रिय नहीं हो जाता। वास्तव में लडाकूपन एक छिछोरा पन ही है जो किसी क्षत्रिय का संस्कार नहीं हो सकता। राम, कृष्ण, अर्जुन, भीष्म की पहचान लड़ाकू होने से है? वास्तव में क्षत्रियों के ऊपर भी ब्राह्मणों की तरह कई धार्मिक निषेध लागू होते हैं। दोनों के ऋषि गोत्र एक ही होते हैं।
लडाकू नहीं वरन् योद्धा शब्द सटीक है
Har har mhadev 🙏🙏🌹
जय महामाया
Har har mahadev 😍
Har Har Mahadev
जय श्रीकृष्ण
Jai GURU dev. Mai bargi se girish Tiwari pranam suwikar Kare 🙏🙏🙏
Jay Shri Krishna
जय गुरुदेव 🙏
Jai MAA tripurasundari MAA ke shree charno me mera sadev koti koti koti naman ji 🙏🏻 sadgurudev ji ke shree charno me mera koti koti pranam ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 AAP bataye ki mere shudra Mitra ko sabhi mantras and Pujan vidhi ka Gyan hai ji Shiv Hari Mata ji ki aaradhana karta hai shakahari hai ji 🙏🏻 Vani bhi pavitra hai ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 kya yagyo pavitra ka Adhikar hai ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 batave ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🎉Jai shree ram
Aapke Shree Charno m Mera Pranaam
bahut sundar bhagwan shankaracharya ji mai ghazipur uttarpradesh se hu aur bhumihar brahman hu humare kul guru mere dada ji tak yazyopavit sanskar karaya aur karna vedh sanskar bhi hua mere pita ji ka bhi yazyopavit sanskar hua lekin kul guru se nahi vindhyachal ke acharya dwara humare yaha ab karna vedh sanskar vilupt ho raha hai kripya ispar apne ashirvachan rakhe mai bhi 12 th me padhta hu aur jaldi yazyopavit sanskar kara kar nitya sandhya vandan karunga aur homa karne ka bhi prayas karunga kintu bihar aur up ke kuch jagah par vivah se pehle brahman durga janeu ka adambar kar rahe hai ispar kuch kariye nahi to humari kul ki parampara nast ho jayegi ...pranam🙏🙏
Guru ji ke charno me pranam,
Gayatri ko samjhna ho to "Gayatri Mahavigyan" padhiye.
Sadar Naman
Jai ho 🙏🏻
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराजकी जय हो ।
गुरु देव...मे नेपाल से हु...
1. मेरे इष्ट देव भगवान देवादिदेव महादेव हे ।
2. मे दीक्षा लेना चाहाता हु मे क्या करू
3. . गुरु को केसे पहिचान करे ।
4. गुरु से दीक्षा लेनाका क्या नियम हे कूपया मार्ग दर्शन करे जगतगुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज ।
रूद्राक्ष वर्मा
इन्दौर म. प्र.
स्वामी जी 🙏दंडवत प्रणाम🙏
मेरे प्रश्नों का समाधान करने के लिए में आपका आभारी हूं 🙇🙇
क्य प्रायश्चित करना होगा और क्या
🌼🌼पूज्य श्री शंकराचार्य जी 🌼🌼
मुझे गायत्रीमंत्र की दीक्षा प्रदान करेंगे ?
आप शांतिकुंज हरिद्वार संपर्क करें वहां से आपको मार्ग मिलेगा।
प्रायश्चित्त और उपनयन के विषय में अपने परिवार के आचार्य या निकट के वेदशास्त्री से संपर्क करें। उन्हे स्वामीजी के बारे मे बतायें। गायत्रीमंत्र की दीक्षा तो उपनयन के विधि में ही मिल जाती है, अलग से नही लेनी पडती।
Jai jagannath rudraksh ji mein mihir soni poojya puri shankaracharya bhgwan ka shishy yhi indore se hu abbi humare gurubhai dwara khastriyo ka upnayan krvaya gya tha ! Aap mujhse sampark kr lijiye
@@Akash-tz7bt Gayatri parivar to ashastriy roop se upnayan krbate h jinka adhikar ni h unko bhi gayatri ki diksha dete h mahilao tak ko gayatri parivar to sanatan manbinduo ke ulte kam krta h
@@Soulful-Evolution. शांतिकुंज (हरिद्वार ) से ही गायत्री दीक्षा लेना श्रेष्ठ है क्योकि आचार्य श्री से बड़ा गायत्री साधक भला इस युग में कोन हुआ है
रुद्राक्ष वर्मा जी आप शांतिकुंज हरिद्वार जाइए आपके सारे प्रश्नों के उत्तर वहां मिलजाएंगे अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंजहरिद्वार
Pranaam gurudev🙏
Guru dev teeno duij ke upanayan sanskar me kya bhed hai kripiya bataye
प्रश्न-) गुरुदेव मेरा नाम गौरव मिश्रा है में भोपाल से हूँ। पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने शनि पूजा व साई पूजा का निर्णय पहले ही कर दिया है । ठीक उसी तर्ज पर आज खाटू श्याम की भक्ति का प्रचार - प्रसार बहोत तेजी से हो रहा है, लोग खाटू श्याम संध्या करा रहे है दर्शन के लिए खाटू श्याम जा रहे है, पूज्य जगतगुरु के प्रतिनिधि व भावी शंकराचार्य होने के नाते आप इस पर प्रकाश डालिये कि क्या सनातनियो को खाटू श्याम की पूजा करनी चाहिए अथवा नही ? अपने दास पर कृपा कीजिए।
नहि करनी चाहिए। असली ब्ब्रवाहन का मंदिर हरियाणा के हिसार जिले के वीर बरबरान गांव में टीले पर है
जिनके नाम के साथ वर्मा लगता है वह क्षत्रिय कैसे हो सकते हैं ? रुद्राक्ष वर्मा को महाराज जी आप भी क्षत्रिय बता रहे
Sandhya upasna k sankalp m kshtriya apne naam k peeche verma lgaate hai
Gaytri mantra jap kunshi mala se karna chahiye guruji
आवाज बहुत ही धीरे आ रही है परमाराध्य गुरुदेव भगवान🙏🙏
आवाज थोड़ी सी सुधारने की आवश्यकता है थोड़ी तेज
Gayatri mantra kis mala se japna chahiye. Kripya margdarshan kijiye
Chata sa sivaling gamle me bahar rakh sakte hai guruji bta dijiye
Mai uska ygyopaveet shashtra sammt tareeke se kha karau
Guru dev me Gayatri mantra ka jaap rudraksha mala se jap karta hu ye sahi hai ya galat
Guru dev kirpiya bataye.gayatri mantr ka adhisthan devta kon hai
Swami ji dandvat 🙏🙏🙏 Mera naam Tapan Das he. Odisha se hun. Live chat pe character limitation ke karan mein apna prashn nhi puch paa raha .
Swami ji aap jab Devi bhagbat ki pravachan karte the.mein sunta tha. Usme ek din bhu Devi ki prasang mein ye aya ki. Narayan rushi bhu Devi ke liye ek stuti karte hein, usme yah ya ki unki Krupa se bhumi labh hota he.
Mera age 29 he, mera janm relative ke ghar pe hi hua. Aaj tak humara koi bhumi nhi he, na ki apna ghar he.
Kya us stotra ka paath karne se mujhe bhumi prapt hoga ? 🙏🙏🙏
Jin paristhiti mein mera janma hua, jis paribar mein hua. Us se mein jaan gaya hun ki me purb janma mein bahut papi tha.
Mujhe dhani nhi ban na, bas chahta hun ek bhumi mile jispe ghar bana saku. Kyunki manusya janma paa kar bhumi hin hona bahut kastdayak he
Stuti: Devi bhagbat, 9 skandh, 9 adhyaya
नारद उवाच
किं ध्यानं स्तवनं तस्या मूलमन्त्रं च किं वद ।
गूढं सर्वपुराणेषु श्रोतुं कौतूहलं मम ॥ ४६ ॥
श्रीनारायण उवाच:
आदौ च पृथिवी देवी वराहेण च पूजिता ।
ततो हि ब्रह्मणा पश्चामृजिता पृथिवी तदा ॥ ४७ ॥
ततः सर्वैर्मुनीन्द्रैश्च मनुभिर्मानवादिभिः ।
ध्यानं च स्तवनं मन्त्रं शृणु वक्ष्यामि नारद ॥ ४८ ॥
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वसुधायै स्वाहेत्यनेन
मन्त्रेण विष्णुना पूजिता पुरा ।
श्वेतपङ्कजवर्णाभां शरच्चन्द्रनिभाननाम् ॥ ४९ ॥
चन्दनोत्क्षिप्तसर्वाङ्गीं रत्नभूषणभूषिताम् ।
रत्नाधारां रत्नगर्भां रत्नाकरसमन्विताम् ॥ ५० ॥
वह्निशुद्धांशुकाधानां सस्मितां वन्दितां भजे ।
ध्यानेनानेन सा देवी सर्वैश्च पूजिताभवत् ॥ ५१ ॥
स्तवनं शृणु विप्रेन्द्र कण्वशाखोक्तमेव च ।
श्रीनारायण उवाच:
जये जये जलाधारे जलशीले जलप्रदे ॥ ५२ ॥
यज्ञसूकरजाये त्वं जयं देहि जयावहे ।
मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गलप्रदे ॥ ५३ ॥
मङ्गलार्थं मङ्गलेशे मङ्गलं देहि मे भवे ।
सर्वाधारे च सर्वज्ञे सर्वशक्तिसमन्विते ॥ ५४ ॥
सर्वकामप्रदे देवि सर्वेष्टं देहि मे भवे ।
पुण्यस्वरूपे पुण्यानां बीजरूपे सनातनि ॥ ५५ ॥
पुण्याश्रये पुण्यवतामालये पुण्यदे भवे ।
सर्वसस्यालये सर्वसस्याढ्ये सर्वसस्यदे ॥ ५६ ॥
सर्वसस्यहरे काले सर्वसस्यात्मिके भवे ।
भूमे भूमिपसर्वस्वे भूमिपालपरायणे ॥ ५७ ॥
भूमिपानां सुखकरे भूमिं देहि च भूमिदे ।
इदं स्तोत्रं महापुण्यं प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥ ५८ ॥
कोटिजन्मसु स भवेद् बलवान्भूमिपेश्वरः ।
भूमिदानकृतं पुण्यं लभ्यते पठनाज्जनैः ॥ ५९ ॥
भूमिदानहरात्पापान्मुच्यते नात्र संशयः ।
अम्बुवाचीभूकरणपापात्स मुच्यते ध्रुवम् ॥ ६० ॥
अन्यकूपे कूपखननपापात्स मुच्यते ध्रुवम् ।
परभूमिहरात्पापान्मुच्यते नात्र संशयः ॥ ६१ ॥
भूमौ वीर्यत्यागपापाद्भूमौ दीपादिस्थापनात् ।
पापेन मुच्यते सोऽपि स्तोत्रस्य पठनान्मुने ॥ ६२ ॥
अश्वमेधशतं पुण्यं लभते नात्र संशयः ।
भूमिदेव्या महास्तोत्रं सर्वकल्याणकारकम् ॥ ६३ ॥
इति श्रीमद्देवीभागवते महापुराणेऽष्टादशसाहस्र्यां
संहितायां नवमस्कन्धे
भूमिस्तोत्रवर्णनं नाम नवमोऽध्यायः ॥ ९ ॥
बिना जनेऊ गायत्री जाप नहीं करना चाहिए व स्त्री को बिलकुल अधिकार नहीं हैं ❤
Hanuman ji ki sadhna ke bare me bataye...🙏
Kya batana h hanuman ji kalyug ke kohinoor h orr log khelne vale kanche jama ker rahe h..
Pujya Sri sancho main roj narayan poja striyana ghat pe kaise kar sakti hai bodhi batlaiye bhul chhna kijiye nitya asirwad dijiye
पूज्य श्री के चरणों मैं कोटि कोटि नमन
मेरा नाम कन्हैया सैनी है, मेरा गोत्र भागीरथ है,जाति मेरी सैनी है।
महाराज जी से मेरा प्रश्न यह है कि
मेरी जाति और गोत्र के अनुसार मेरा वर्ण किया है। मुझे अपने वर्ण का पता नही है। कोई कहता है आप छत्रीय हो कोई कहता है आप शूद्र हो।
और मुझे अपने वर्ण के अनुसार किस पद्धति से भजन करना चाहिए।कृपया इसका समाधान करे।
आप निश्चिंत होकर मानस गायत्री का जप कीजिए, वैदिक गायत्री नही।
Aapne shree mad devi bhagwat me uske bahut labh bataye h
Guruji se parsn kese kare
मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः।
स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम्।।
श्रीमद्भागवत गीता 9.32। महाराज जी के चरणो में सादर प्रणाम इस श्लोक में वैश्य को
पापयोनि बताया गया है
वैश्य का तो उपनयन संस्कार होता है तो वह
पापयोनि कैसे कहलाता है? ? कृपया बताने की कृपा करें
प्रणाम गुरुजी मुझे शंकरचार्य पीठ से दीक्षा लेनी है कृपया मार्गदर्शन करे।
Kabaj rog hone ka karan sharir shudh nahi rahta aise ma nah kr aachman kar jap kr sakte h?
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Goswami konse verne ME aate he
Jagadguru Shankaracharya Bhagwan ki Jai
Upnam sanskar kaise hota hai yagya taph kya hota hai koi to samjho?
Guru ji k charno me dandwat pranam .guru ji mai aapse sanyas ki dikchha Lena chahta hu.yogesh tiwari agra
Gurudev dandote mere 43 age hai mera upnayan nahe hua kise karan sai kaya ab mera is umar mai ho sakta hai
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Kya Ladies bhi gaytri mantr ka jap krsakti h
गुरुदेव को सादर दण्डवत
मैं पंकज दुबे बनारस से ये जानना चाहता हु की क्या संध्या वंदन में गायत्री जाप वास्तव रूप में नारायण की ही उपासना है क्योंकि जो 24 मुद्राये प्रदर्शित की जाती है और अंत मे नारायण प्रियता न मम बोला जाता है ।कृपया मार्गदर्शन करें🙏
गायत्री प्रकट होने से पहले या गायत्री ऊपासना बतानेवाले किसकी आराधना करते हे ओर स्वयं गायत्री किसका चिंतन करती हे ओर गुप्त गायत्री भी हे धन्यवाद जय शिवजी री
गायत्री ब्रह्मशक्ति है वो किसी का चिंतन नहीं करती। सारे द्विज गायत्री का चिंतन और साधना आराधना करते हैं।
Yadi ye kshatritya hote to inka Jane jaroor Hota ye bhramit Kar Rahe Hai guru ji ko
Har Har Mahadev
Swami Ji Namaskar
Aap se contact kaise kore .
Har Har Mahadev
नमो नम: प्रणव शर्मा आचार्य प्रवर मेरा गोत्र सनक है मैं ब्राह्मण कुलोत्पन्न हूं मेरा निवास स्थान गाजियाबाद है नमो नम: आचार्य प्रवर इस मूर्ख दास पर कृपा कीजिए| हे आचार्य मेरा प्रश्न भी इसी प्रकार का है कि मेरा यज्ञोपवीत संस्कार हुआ हुआ है किंतु आचार्य यह आपका दास श्रावणी उपा कर्म की विधि नहीं जानता कृपया कर विस्तार से श्रावणी का विवेचन कीजिए आचार्य क्योंकि इस दास की तरह अन्य विद्वत गण भी अगर श्रावणी को करना चाहेंगे या करते होंगे ही परंतु कहीं क्रिया का विक्षेप हो गया तो आपके आशीर्वाद द्वारा इसके बारे में सब जानकारी प्राप्त होएगी धन्यवाद
Kya fir gaye, ya to kathin prayaschit karo ya bahar raho, guru ji kaliyug hai, kya hoga
Mere Putra ki aayi 9 February se 16 varsh ho rahi hai kyuki brahman balko ka ygyopaveet ho Jana chahiye Mai uska ygyopaveet karana chahta hu
आदरणीय स्वामी जी सादर चरणस्पर्श स्वामी जी मेरा नाम यशोधन त्रिपाठी है मेरा यज्ञोपवीत संस्कार २७ साल की उम्र में हुआ हालांकि मेरे परिवार में पिता पितामह बड़े भाई ताऊजी आदि सभी का यज्ञोपवीत हुआ है और सही समय पर हुआ है पर मेरा ही बहुत देर में हुआ है तो क्या इस दशा में मुझे कुछ दोष लगेगा और अगर ऐसा है तो इसका क्या उपाय है
Maharaj mai bhi abramhan hu,mujhe keya upabit lene ka adhikar hai ?
Guruji namaskar, Aisa suna tha jagadguru sankracharya ji ki video me ki jo sanyasi ho wo Gayatri mantra nahi jap sakta. Kripya kar margadarshan kare.
જય હો ગુરુદેવ
गुरु देव कोटि कोटि नमन। गुरु जी स्त्री गायत्री जप कर सकती है या नही । मेरी भार्या गायत्री मंत्र जप माला करना चाहती है ..?? हां ब्राह्मण है । क्या मेरी भार्या गायत्री मंत्र जप कर सकती है क्या
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• सादर प्रणाम आचार्य श्री 🙏, जगदगुरुकुलम् में विद्यार्थियों को किन किन विषयों एवं किस बोर्ड की शिक्षा प्रदान की जाती है? जानने की इच्छा है कि क्या विद्यार्थीगण भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, अंकगणित, बीजगणित इत्यादि विषयों का अध्ययन भी कर रहे हैं??
कोटि कोटि वंदन गुरुजी हम क्षत्रिय है हमारी उमर सांठ सालकी है हमने जनोई घारण नही की तो गायत्री मंत्र का जाप कर सकते है तो हमे बताने की कृपा करें जय माताजी जय श्री राधे जय श्री राम
जायसवाल क्षत्रिय नहीं होते, जायसवाल शूद्र होते हैं । हिन्दू धर्म में जायसवाल को शूद्र कहा गया है और पुराणों में भी तेली करवाल को शूद्र और अधम कहा हैं।
गायत्री मंत्र की सिद्धि कैसे करें और संख्या क्या है
24 lakh h siddi ki sankhya par jeneu ho tabhi kar sakte h ya aap grahan kaal me jaap kar ke siddh kar sakte h
कोटी कोटी प्रणाम गुरुदेव।
मेरा नाम : गणेश स्वामी है
और मैं महाराष्ट्र के पुणे जिले से हूं
में पहले तो आपसे क्षमा मांगना चाहूंगा क्योंकि मेरा प्रश्न थोड़ा सा लंबा है लेकिन मेरे मन में यह आशा है की आप अपना मूल्यवान समय निकाल कर मुझ जैसे बुद्धू व्यक्ति का कल्याण करेंगे ।।
मेरा प्रश्न यह है कि मैं वीरशैवा लिंगायत संप्रदाय से हूं जिस प्रकार ब्राह्मणों में उपनयन संस्कार होता है उसी प्रकार हमारे यहां जब बालक या बालिका 8 वर्ष आयु के हो जाते है तब उन पर दीक्षा का संस्कार होता है उस में गुरु मंत्र और एक छोटा सा शिवलिंग जिसे की गले में धारण कर सके वह दिया जाता है ।
मैंने अपनी आयु की 8 वर्ष में ही दीक्षा ले ली लेकिन अबोध होने के कारण नहीं मैंने गुरु मंत्र का जाप किया और नाही जो गुरु से प्राप्त हुआ शिवलिंग है उस की पूजा करी और अब मेरी उम्र 28 साल है और मैं अब उस गुरु मंत्र का जाप करना चाहता हूं तो मन में यह संशय है कि 20 साल का खंडन होने के कारण क्या अब वह गुरु मंत्र जाप करने योग्य है और क्या वह शिवलिंग जो गुरु से प्राप्त हुआ है वह भी पूजा करने योग्य क्योंकि जिन गुरु से हम ने दीक्षा ली थी उनका तो कैलाश वास हो चुका है ।
और जो नए पीठाआदिश्वर है उनकी उम्र मात्र 12 साल है।
तो उनसे प्रश्न पूछने में कोई मतलब नहीं है ।
तो आपसे मैं विनती करता हूं कि कृपया मुझे मार्गदर्शन कर मेरे जीवन का उद्धार करे।
आपके चरणो में कोटि-कोटि नमन ।
सनातन वैदिक धर्म की जय।
हर हर महादेव शंभो।
Pranam sab! Shankracharya nishchala nand ji Jinka RUclips channel hai goverdhan math ke naam se ho to manaa karte hai ki gaytri mantra har kisi ko nahi karna chahiye
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श्री गुरु जी प्रणाम, मेरा नाम मुकेश कुमार वर्मा हे मे कलकत्ता का रहने वाला हूँ मेरी उम्र ३४ वर्ष है, मेरा यहः प्रश्न हैं की यम नियम के बिना मेरा योग, प्रणायाम ओर वियाम करना उचीत हैं
स्वस्थ एवं स्फूर्ति युक्त जीवन के लिए योग , प्राणायाम और व्यायाम आवश्यक है ।
यम और नियम चरित्र एवं आचरण से सम्बंधित है । यह प्रत्येक विवेकी मनुष्य में कमोबेश रहता है किन्तु जागरूक रहकर इसका पालन करने से वाह्य एवं अन्तःकरण चित्त की शुद्धि होती है जिससे सूक्ष्म एवं स्थूल शरीर में दिव्यता का विकास होता है ।
1- यम के 5 अंग --- अहिंसा , सत्य , अस्तेय , ब्रम्हचर्य एवं अपरिग्रह ।
2- नियम के 5 अंग --- शौच , संतोष , तप , स्वाध्याय एवं ईश्वर प्रणिधान ।