बहुत सुंदर ढोलक वादन,कोरस गायन और आपकी हारमोनियम भी काबिल ए तारीफ है परन्तु आपकी गायकी में कही कहीं चूक गए।के जगह स्वर में रस की कमी रही।रियाज और तैयारी ज़रूरत है।
@@GYANBABUDUBEYOfficial ये भी भईया अपलोड कर दो 🙏 बड़ी मुश्किल से लिखा है अवधी टाइप नहीं होती है आसानी से 🙏🙏 चौताल बिचरत फूल बगिया हमारे, सिर कनक मुकुट है धारे नयन रतनारे। सोभा अपार सुघर दूई ललनवा, एक सवार एक गोर बदनावा, मानो उदय रवि तारे। ऐसी मुरातिया कतहुं जग नाहीं, कोटि काम छवी निरख लजाहीं धनि मात-पिता जाके बारे , जाकर कोखिया लिहिन आउ तारे। नयन रतनारे.... बोली सखी एक चतुर सयानी, जैसे रूप सीता महारानी, तैसे ये राज दुलारे, विधि रचि दीन्ह सिया कर जोरी, यह अरमान सुनो सखी मोरी, शंकर क धनुष बहू भारे, अति कोमल ये सुकुमारे । नयन रतनारे.... इधर सखी एक बैन ऊंचारा, देखन में छोट लागें महिमा अपारा, संतान के रखवारे,, राम नाम लक्ष्मण दोनों प्यारा, चरण छुएयके अहिल्या को तारा, मुनिराज के काज सवारे, निशचर दल मारी संघारे। नयन रतनारे.... जो विधि यह संजोग लगईहैं, तव शंकर धनु तोरि बहाईहैं, यह प्रतीत हमारे, दुज जगदम्बा जनक की नगरिया, कबाहु तो अहिंईहैं रघुबर ससुरारिया, होईहैं सुफल नयनवा निहारे, रघुकुल के उजियारे । नयन रतनारे....
पुराना दिन याद आ गया हमारे पिता जी भी गांव के चौपाल में यह गीत गाया करते थे हमें अभी भी याद है लेकिन अब यह सब बंद हो गया है गांव में अब पुराने लोग नहीं हैं और नए लोगों के पास अब टाइम नहीं है मुझे यह गीत याद नहीं था लेकिन इसका टोन याद था मड़ैया हरवाने
सादर धन्यवाद भाई, 🙏🙏 कृपया बताएं कि चौताल में ही कुछ नया या और कोई अलग प्रकार का गीत अपलोड करें, साथ ही विनम्रतापूर्वक आपको बताना चाहते हैं कि हम अपनी टूटी फूटी आवाज में कुछ ना कुछ नया करने का प्रयास अवश्य करेंगे। आपके सुझाव के लिए आपको सहृदय धन्यवाद.. 🙏🙏
Thanks
सादर आभार सहित धन्यवाद 🙏🙏❤️❤️
😅😅😅😅😅😅😅😊@@GYANBABUDUBEYOfficial
🙏🙏
😊@@satyamtiwaritiwari2500
@@GYANBABUDUBEYOfficial😊
❤❤बहुत शानदार प्रस्तुति भजन हैं
🙏🙏
Bahut sunder gana lage.purani yaad taxa ho Kati hai
सादर धन्यवाद 🙏 🙏
Bahut sundar bhaiya ❤❤❤❤
सादर धन्यवाद, 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
🙏🙏
कृष्ण सुदामा का सुंदर प्रसंग सुना रहे हो, फागुन का मस्त महीना, बिना फाग सब सुना.
सादर आभार सहित धन्यवाद 🙏🙏
Jay Ho kaka
सादर धन्यवाद 🙏🙏
Proud of you...avadhi Holi geet ko aap log ne sahej ke prStuti Diya ..aap mandali ko hardik shubh kamna
सादर धन्यवाद 🙏🙏
Mza a gya super ❤❤❤❤❤❤❤
सादर धन्यवाद 🙏 🙏
शानदार❤
सादर धन्यवाद 🙏🙏
बहुत ही अच्छा भईया
सादर धन्यवाद 🙏 🙏
बहुत सुंदर भाई साहब और बहुत बहुत धन्यवाद पारंपरिक लोकगीत को बनाए रखने के लिए
सादर आभार सहित धन्यवाद 🙏 ♥️
Bahut sunder
सादर धन्यवाद 🙏 🙏
Rs
🙏🙏
इतने अच्छे गाने का स::::;;;;;;;; जय हो कलाकार 😢😢😢😅😅😂😂
सादर आभार सहित धन्यवाद 🙏🙏
Bhaut sunder chacha
🙏🙏
बहुत सुंदर चाैताल आप का बहुत बहुत धन्यवाद ❤️🌹🙏
सादर आभार सहित धन्यवाद, 🙏🙏
❤❤❤
❤️❤️ सादर धन्यवाद, 🙏🙏
निकारेव भैया पिटारा से❤
हाँ भाई, 🙏🙏❤️❤️
बहुत सुंदर प्रस्तुति भाई जी दिल खुश हुआ और अच्छे अच्छे गीत
🙏🙏♥️♥️
Jai shri krishna
Jay jay 🙏🙏
Jai Shree Krishna 🙏 🙏
Jay jay 🙏🙏
अद्भुत गायन, डेढ़ ताल,
सादर धन्यवाद 🙏 🙏
Chautala singer baba ji
🙏🙏 सादर धन्यवाद ...
Jay Sri Ram
Jay Jay 🙏🙏
बहुत सुंदर ढोलक वादन,कोरस गायन और आपकी हारमोनियम भी काबिल ए तारीफ है परन्तु आपकी गायकी में कही कहीं चूक गए।के जगह स्वर में रस की कमी रही।रियाज और तैयारी ज़रूरत है।
सादर आभार सहित धन्यवाद, भाई साहब। 🙏🙏
Bahut Sundar Gaya bhaiya lekin Jaal nahin Sahi baj raha hai
सादर धन्यवाद 🙏🙏
मोहन चले छलन बृज नारी। ये वाला चौताल, डेढ़ ताल अपलोड कर दो भईया 🙏
इस सुझाव के लिए सादर आभार सहित धन्यवाद, बहुत जल्दी ही इसे रिकार्ड करके अपलोड करने का प्रयास करेंगे भाई।
🙏🙏
@@GYANBABUDUBEYOfficial
ये भी भईया अपलोड कर दो 🙏
बड़ी मुश्किल से लिखा है अवधी टाइप नहीं होती है आसानी से 🙏🙏
चौताल
बिचरत फूल बगिया हमारे, सिर कनक मुकुट है धारे नयन रतनारे।
सोभा अपार सुघर दूई ललनवा, एक सवार एक गोर बदनावा, मानो उदय रवि तारे।
ऐसी मुरातिया कतहुं जग नाहीं, कोटि काम छवी निरख लजाहीं
धनि मात-पिता जाके बारे , जाकर कोखिया लिहिन आउ तारे। नयन रतनारे....
बोली सखी एक चतुर सयानी, जैसे रूप सीता महारानी, तैसे ये राज दुलारे,
विधि रचि दीन्ह सिया कर जोरी, यह अरमान सुनो सखी मोरी,
शंकर क धनुष बहू भारे, अति कोमल ये सुकुमारे ।
नयन रतनारे....
इधर सखी एक बैन ऊंचारा, देखन में छोट लागें महिमा अपारा, संतान के रखवारे,,
राम नाम लक्ष्मण दोनों प्यारा, चरण छुएयके अहिल्या को तारा,
मुनिराज के काज सवारे, निशचर दल मारी संघारे।
नयन रतनारे....
जो विधि यह संजोग लगईहैं, तव शंकर धनु तोरि बहाईहैं,
यह प्रतीत हमारे,
दुज जगदम्बा जनक की नगरिया, कबाहु तो अहिंईहैं रघुबर ससुरारिया,
होईहैं सुफल नयनवा निहारे, रघुकुल के उजियारे ।
नयन रतनारे....
भाई आपको सहृदय कोटि कोटि धन्यवाद,
इसके लिए आजीवन आभारी रहूँगा। ❤️❤️🙏🙏
Nice
पुराना दिन याद आ गया हमारे पिता जी भी गांव के चौपाल में यह गीत गाया करते थे हमें अभी भी याद है लेकिन अब यह सब बंद हो गया है गांव में अब पुराने लोग नहीं हैं और नए लोगों के पास अब टाइम नहीं है
मुझे यह गीत याद नहीं था लेकिन इसका टोन याद था मड़ैया हरवाने
🙏🙏
भईया मेरे पास दस, बारा चोताल डेढ़ ताल है। शिव प्रसाद आव दूज भगवत कई अगर चाही तऊ बतायेव
यदि जगदम्बा शरण जी के है तो कृप्या कीजिए हम पर
@@THE_MALTI_MAN_2858 हैं तऊ लेकीन भेजी कैसे
@@THE_MALTI_MAN_2858
राम तिलक और संत राम का भी है
भेजिए भैया दो चार
सादर आभार सहित धन्यवाद 🙏🙏
सखी सेजिया सून बिन साजनवा नही आए पिया रसिक सयाने फगुनवा नेराने सर सुना दीजिए ❤️🌹🙏
भाई सादर धन्यवाद 🙏🙏, यह चौताल मेरे पास नही है, अगर लिरिक्स उपलब्ध करा दें तो जल्दी ही रिकार्ड करके अपलोड करने की कोशिश करूंगा।
🙏🙏
गज झूम रहे फील खाने, फील खाना का मतलब वह जगह जहाँ हाथी को बांधा जाता है
सादर आभार सहित धन्यवाद, 🙏🙏
भाई मुझे सच में इसका अर्थ नहीं पता था,
पुनः आपको धन्यवाद... 🙏🙏
Bhaiya kuchh Naya laiye pramprik geet ye sab pahle se hai RUclips PE
सादर धन्यवाद भाई, 🙏🙏
कृपया बताएं कि चौताल में ही कुछ नया या और कोई अलग प्रकार का गीत अपलोड करें,
साथ ही विनम्रतापूर्वक आपको बताना चाहते हैं कि हम अपनी टूटी फूटी आवाज में कुछ ना कुछ नया करने का प्रयास अवश्य करेंगे।
आपके सुझाव के लिए आपको सहृदय धन्यवाद.. 🙏🙏
ये भाईसाहब ये डेड ताल है
🙏🙏
❤❤❤❤❤❤
सादर धन्यवाद 🙏🙏
Bahut accha
सादर धन्यवाद 🙏🙏