मांसाहार का धर्म से क्या लेना देना? Acharya Prashant Vs Swami Oma the AKK Aaj Tak News Live

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  • Опубликовано: 9 фев 2025
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Комментарии • 536

  • @meerasingh3496
    @meerasingh3496 10 месяцев назад +219

    जो मांस खाता है वो धार्मिक नही हो सकता। आपने कहा किसी का भोजन छीन कर नही खाना चाहिए परंतु किसी की ज़िंदगी छीन कर खा लो वो चलेगा,कभी नही।

    • @singhpankaj6964
      @singhpankaj6964 10 месяцев назад +20

      बिल्कुल सही प्रश्न।इंसान से भोजन छीन कर खाना पाप है पर किसी जीव को मार के कहने में कोई दोष नहीं ।गजब का तर्क है।

    • @arvindpal1988
      @arvindpal1988 6 месяцев назад

      लो भईया एक चुड़ैल और अ गई मार्केट में

    • @AdvanceLevelPhysics
      @AdvanceLevelPhysics 6 месяцев назад +5

      Right ✅ ❤❤❤❤❤❤❤❤

    • @nageshchaudhary4152
      @nageshchaudhary4152 6 месяцев назад +5

      Absolutely right

    • @AbhishekPandey-pt3so
      @AbhishekPandey-pt3so 6 месяцев назад +5

      कही न कही इनके भी मन में है की मांसाहार गलत है पर अपना अलग से विचार देने के लिए ऐसा बोल रही है😂

  • @PardeepKumar-zx4xt
    @PardeepKumar-zx4xt 8 месяцев назад +120

    किसी के प्राण छीनना किसी की हत्या करना नैतिक कहां से हो गया । और जो नैतिक नहीं है वह धार्मिक नहीं हो सकता । प्रशांत सर यहां सही कह रहे हैं

    • @HUNTERRZONE
      @HUNTERRZONE 7 месяцев назад

      Na bhootnike tere purvaj na 🤣 anetik hotey na to tu bhi na jamtta

    • @ManukumarPandey-ie2hq
      @ManukumarPandey-ie2hq 6 месяцев назад +4

      भूतनी के तेरे पूर्वज तो नंगे भी घूमा करते थे तो तू नंगे क्यों नहीं घूमता? फालतु बातें मत करो।​@@HUNTERRZONE

    • @gagansoni2874
      @gagansoni2874 6 месяцев назад

      ​@@HUNTERRZONEतेरे पूर्वजों के पेड़ में रहते थे...तो जा तू भी रह भाई...तू भी पत्ती खा, आपस में भाई बहन, माँ के साथ सेक्स कर लिया कर...क्यूकी बंदर तो आज भी यही करता है। ...भाई जंगल से बाहर आओ... इंसान बनो....दिख नहीं रहा...जलवायु परिवर्तन के पीछे बहुत बड़ा कारण मांसाहारी है...

    • @sanatansatkarmvigyan1634
      @sanatansatkarmvigyan1634 6 месяцев назад +1

      Swami uma ji aapane bhi murkhta dikha hi di mansahar paryavaran Prithvi Manav pashu pakshi janvaron sabke liye mahavinash ka Karan hai yah Gyan aapko nahin aap iske vishay mein adhura Gyan lekar baithe ho Dharm ka sabse pahle path hai ki vah kisi bhi pashu pakshi Janwar ko Hani na pahunchai Bina mansahar ke is Dharti per 2000 hai khane ko

    • @remedialclasses771
      @remedialclasses771 5 месяцев назад

      You yourself are un unaware of the truth.

  • @abhilashapandeyofficial
    @abhilashapandeyofficial 11 месяцев назад +95

    किसी निरपराध जीव की हत्या करके उसे कष्ट देकर अपने घर और पेट को श्मशान बनाना बहुत बड़ा पाप है.......भोजन अपने हिसाब से होना चाहिए ऐसा कहने या सोचने वाले पर प्रश्न यह है कि किसी निरपराध जीव के जीवन पर तुम्हारा क्या अधिकार?

    • @satyamkumar-vm
      @satyamkumar-vm 9 месяцев назад +2

      आपकी बात 100%सच है।क्योकि जैसा खाये अन्न वैसा होय मन ।।कोई अगर सात्विक भोजन करता है तो वह साधू संत अर्थात धार्मिक वैष्णव है। और जो मांसाहार भोजन करते उनके भक्ति से कोई देवी देवता प्रसन्न नही हो सकते।ऐसी मेरा दावा है ।क्योकि हर जीव मे परमात्मा है चाहे वह बकरी ,

    • @satyamkumar-vm
      @satyamkumar-vm 9 месяцев назад +1

      चाहे वह बकरी मुर्गा मछली हो या कुछ भी

    • @stoiesone9288
      @stoiesone9288 4 месяца назад

      ये तर्क केवल अपने देश मे ही है क्योकि यहाँ फालतू ज्ञान देने वाले बहुत हो गये है दूसरे देशों मे टाइम ही नहीं है वो बिजी है इतने जो मिल जाए खा लेते है और बस अपने आप को डेवलपमेंट मे लगाए रखते है तभी वहां कि दवाई और इलाज़ और टेक्नोलॉजी से ये सब बोल पा रहे है यूट्यूब भी तो उन्ही कि दें न है वरना कौन सुनता इन लोगों को चाहे ये कोई भी हो l

  • @Arunsainiejei374
    @Arunsainiejei374 7 месяцев назад +88

    मांसाहारी भोजन खाने वाला व्यक्ति साम्प्रदायिक हो सकता है ना कि धार्मिक

  • @abhayabhay3467
    @abhayabhay3467 6 месяцев назад +73

    आप विवेकानंद जी को और पढ़िये, ओ अपने अंतिम समय में मांशाहार त्याग चुके थे, चुकी उन सब का जन्म ही ऐसे जगहो पर हुआ था, जहाँ मांसहर ही चलता था उनकी परिवारिश उसी तरह हो गई थी, पर अंतिम चरण मे ओ त्याग चुके थे

    • @GaneshNikrad
      @GaneshNikrad 4 месяца назад +2

      तो हम भी अंतिम समय मे ही मांस खाना छोड देंगे.😂

    • @SohanChauhan
      @SohanChauhan 4 месяца назад +1

      ​@@GaneshNikrad
      सही कहा
      हम भी अंत में त्याग देंगे

    • @RMVlogsCreatives
      @RMVlogsCreatives 2 месяца назад

      ​@@GaneshNikradAbe wo jada din jiye kaha
      39 k age mai chle Gaye

    • @Vedant-x4x
      @Vedant-x4x Месяц назад +2

      ​@@GaneshNikrad हां तो पहले स्वामी विवेकानंद जैसे बन के भी दिखाओ फिर तुम भी छोड़ देना मरते वक्त।

    • @Vedant-x4x
      @Vedant-x4x Месяц назад

      ​@@SohanChauhanहां तो पहले स्वामी विवेकानंद जैसे बन के दिखाओ फिर तुम भी छोड़ देना अंतिम समय में। है औकात???

  • @सुनिलsunil
    @सुनिलsunil 6 месяцев назад +63

    मांस मांस सब एक है, मुरगी हिरनी गाय। जो कोई यह खात है, ते नर नरकहिं जाय।। कबीर साहेब

    • @jyotivyas9286
      @jyotivyas9286 6 месяцев назад +1

      यह बोलाकर कई गाय खाते हैं। तुम भी क्या पता।

    • @gagansoni2874
      @gagansoni2874 6 месяцев назад +1

      ​@@jyotivyas9286 तो वो भी गलत है.... हर रूप, तरीके से हिंसा की निंदा की जानी चाहिए।

  • @M.R-t4g
    @M.R-t4g 6 месяцев назад +36

    आजताक मैं आपको बहुत बडा ज्ञानी समझता था !
    लेकीन आप तो बहुत बडे महामूर्ख निकले !
    रामकृष्ण परमहंस और विवेकानंदजी‌ के‌ बारें में
    दुसरों ने जो बदनाम करने के‌‌ लियें लिखा हैं
    उसे अपने सच समझ लिया !
    😢😢😢😢😢
    जो मनुष्य‌ अपने शरीर स्वार्थ के लियें
    निष्पाप‌ जीवों का जीवन नष्ट करता हों
    दुसरें‌ जीवों के प्राण हरकर ‌
    अपने‌ प्राण‌ पोषीत करता हो
    वह मनुष्य धार्मिक कैसे हो सकता हैं ?

  • @DeepMala-f8i
    @DeepMala-f8i 6 месяцев назад +73

    Acharya prashant ji bilkul sahi h. Wo ek true spiritual person h

    • @ramankantgarg1970
      @ramankantgarg1970 5 месяцев назад +1

      Bhagwan Sirf Bhakt ka Atmtatw dekhte he 🥀 wo kiya khata he... Kis jati ka he... Swach he ya maleen Awastha me he... Stri he purush he napunsak he ye bhi nahi dekhte 🌷🌹 Sirf Atmtatw dekhte he... Acarye prsant Sirf name ke Acarye he... Spreetual ka unhe... K.. kh.. g.. tak nahi pata... 🎉🎉

    • @Meaninglesslife-u7x
      @Meaninglesslife-u7x 5 месяцев назад

      ​@@ramankantgarg1970aapke hisab se koi khun krde, to bhi bhgwaan unka atmatatw dekhega? Do kaudi ka bhagwaan he fir aapka

    • @ramankantgarg1970
      @ramankantgarg1970 5 месяцев назад

      @@Meaninglesslife-u7x Bhagwan to bahut door ki bat he bandhu... Surye dev ko hi le lo... 🌷 is duniya me kitne khuni papi... Oue Alag Alag tareh ke log rehte he... Surye dev to sabko saman Roshni dete he na 🌷 kuch log surye ki upasna karte he kuch log surye ko Ghatiya bol dete he jese Aap bol rahe ho... Bhagwan ke liye... Fir bhi surye dev koi bhedvhaw nahi karte 🌷isi tareh Arjun ne bhi to murder hi kiye the... tab bhi bhagwan ye dekhte he ki ye dharmi he ya Adhrmi... Our isko usi hasab se milte he.. Bangal me bahut sare sant mahatma he 🥀 unka bhojan he cawal machli... Dunya pet bharne our Swad ke liye khati he 🥀 Magar waha ke sant Sirf Apni pran rakcha ke liye thoda bahut hi khate he... Our prbhu ka bhajan karte he 🥀 Bangal ke bahut sare ese sant he Jinko Bhagwan ke darsan tak huwe he.. 🌷 Ab batao... Bhagwan Atmtatw dekhte he ya sudh Asudh... Masahar Bahut Galt he... Magar desh... Halat our paristhiti... Ke Anusar... Galt our sahi ki viyakhya badal Jati he 🌹

    • @ramankantgarg1970
      @ramankantgarg1970 Месяц назад

      @@Meaninglesslife-u7x Bade se bada Adham papi... Bhi... Agar mritu ke wakt 🌹 Bhagwan ke sarnagat ho jaye our Dil se... Bhagwan ka Simran kar le to Bhagwan us prani ke pap punye ko bhi nahi dekhte 🌷 Our Apni saran me le lete he... Gita me Bhagwan khud kehte he... Ki har dhrmo ke bhed bhula ke ik mera Sarnagat ho ja 🌹Me har pap se Mukti dunga Sook na Kar meri Bhagti me kho Ja... 🌷🌷 Bade se bada papi bhi... Galt kam tiyag kar Sarnagat ho jaye our Buraiyo ko tiyag de to bhagwan Chama karenge hi karenge 🌹 Our Agar wo esa na kare to fir esa use bhagwan hi kon kahega...

  • @Gkj6520
    @Gkj6520 6 месяцев назад +36

    जो किसी जीव का मांस खाता और खून पीता हुआ इंसान अच्छा इंसान नहीं हो सकता है बात खत्म

  • @bhaktishelke7262
    @bhaktishelke7262 8 месяцев назад +22

    मांसाहार वाला भक्ति नहीं कर सकता ऐसा नहीं है, कर सकता है लेकिन उसके जीवन में परेशानिया कम ना होंगी। विवेकानंद को बहुत सहना पड़ा था और कम उम्र में बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हुयी उनको आखरी समय में रोना पड़ा की भगवान कोई एक तो होता की जो जान पाता की मैं कौन हूँ।
    ये इसी मांसाहार में असंयम का देन है की प्रकृति ने सहयोग नहीं किया।

  • @AmitK
    @AmitK 7 месяцев назад +27

    आज के परिवेश में मांस खाना की , राम कृष्ण की मछली से कोई तुलना नहीं की जा सकती, आज फैक्ट्री फार्मिंग एक अति विभत्स रूप हैं मीट इंडस्ट्री का , जिसमे जानवर ने न कभी खुला आकाश देखा होता हैं, वो एक छत के नीचे ही पैदा होते हैं, artificial hormones उनको खिलाए जाते हैं , और फिर वही वो मार दिए जाते हैं , वही growth hormones जब आपके अंदर जाते हैं मीट से तो आप देख लो आज सेहत लोगो की, मैं तो दूध से भी कट गया हूं, vegan protein ले रहा हूं , खान पान देस काल पात्र पर निर्भर होता हैं

    • @Manish-j8l6c
      @Manish-j8l6c 5 месяцев назад +2

      Santo ki kataar hai bharat me... hajaron Sant hue hain Itihaas mein... aur jab mansahar ki Bari Aati Hai to log Keval Ramkrishna paramhans Ke Piche chhipana Chahte Hain... Mana ki Ramkrishna paramhans Ne mans khaya Apne Jivan mein... lekin UN hajaron logon ka kya jinhone mans ko varjit bataya... Hamari cunningness Jab is level Ki Ho ki Ham Braham gyaniyon mein bhi selective Ho jaen to ISI se Pata Chalta Hai in mahoday ka apni indriyon per Kitna niyantran hoga... Jo mans Tak Nahin Tyag Paya vah Prem kya hi kar payega aur yah dhurt yah Nahin batata Kisne torch Lekar dhundha tab jakar ke isko Ek aadami Mila Jo aadhyatmik Bhi Tha Aur mansahari Bhi lekin Iske Samne Aise Logon Ki bharmar Hai Jo aadhyatmik the lekin mansahar ko varjit bataya lekin is vyakti ne apni Suvidha ke anusar Keval Ek vyakti Ko Dekha aur jakar uske Piche Chhup Gaya Chhup Gaya

  • @AvadheshKumar-h5l
    @AvadheshKumar-h5l 6 месяцев назад +25

    वह निरा मूर्ख नहीं है मैडम , जो मांसाहार का विरोधी है ।..........करुणा शब्द धार्मिक मन में होता है ।

  • @AnuragShukla-j7x
    @AnuragShukla-j7x Год назад +61

    जैसा होगा अन्न, वैसा रहेगा मन
    वेदो,शास्त्रों मे मांसाहार को वर्जित बताया गया है

    • @shipra08
      @shipra08 11 месяцев назад +2

      Kahan. Dikhaiye

    • @KuchBhiAurSabKuch
      @KuchBhiAurSabKuch  10 месяцев назад +1

      Zara shlok bataiye

    • @AnuragShukla-j7x
      @AnuragShukla-j7x 10 месяцев назад +7

      @@KuchBhiAurSabKuch सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्रान्नि पश्यन्तु मां कश्चिद-दुःख-भाग-भवेत् अर्थात सभी के लिए प्रार्थना है कि वे खुश रहें, समृद्ध रहें, बीमारी से मुक्त रहें, शुभ देखने में सक्षम हों और किसी को भी दर्द और दुःख न हो

    • @AnuragShukla-j7x
      @AnuragShukla-j7x 10 месяцев назад

      @@KuchBhiAurSabKuch पुराने समय मे जो मांस खाते थे वो तामसिक होते थे जिन्हे राक्षस कहा जाता था

    • @AnuragShukla-j7x
      @AnuragShukla-j7x 9 месяцев назад

      @@Siddharthamaitreya 🙏🙏🙏

  • @kushaldeo1057
    @kushaldeo1057 6 месяцев назад +19

    Acharya Prasanth is the only man who has the knowledge of true spirituality.. He is a real sant of modern era ❤

  • @vitthalmunde3905
    @vitthalmunde3905 5 месяцев назад +10

    जो दुसरो को कष्ट देकर आपना पेट भरता है वह कभी भी धार्मिक नही हो सकता है

  • @arunsharma771
    @arunsharma771 10 месяцев назад +41

    Acharya Prashant ji ne bilkul sahi kaha hai bahut Gyan hai unhe

    • @HUNTERRZONE
      @HUNTERRZONE 7 месяцев назад

      Chup kar dhakkan,wo bola dharmik point p jo ki bakwas he ,ha practical ground or ajke global context pe wo baat logical ho skti he

  • @alamgiransari8486
    @alamgiransari8486 6 месяцев назад +9

    अपने स्वाद के लिए किसी भी प्राणी को मार कर खाना हिंसा है।अध्यात्म में हिंसा वर्जित है।इसलिए आचार्य जी सही है।महापुरुषों से हमें अच्छाई लेना चाहिए न कि बुराई।

  • @HariomMeenaji-sl8uh
    @HariomMeenaji-sl8uh 6 месяцев назад +11

    बिल्कुल सही कहा आचार्य प्रशांत ने जो मांसाहारी है वह कभी धार्मिक नहीं हो सकता ❤

  • @TheAvinashRajpoot
    @TheAvinashRajpoot 7 месяцев назад +9

    ये हैं हमारे धर्म के महाज्ञानी.. जो कहते हैं कि आचरण ठीक कीजिए और कुछ भी खाइए..
    कितना आडंबर और कितना अवैज्ञानिक बात है ये!
    न ये धर्म जानते ना ये विज्ञान.. ये जो भी होंगी/होंगे..परंतु ये घोर अधार्मिक हैं!
    जो किसी के कत्ल को जायज कर दे वो कैसे हो सकता है धार्मिक?
    आचार्य जी आडंबर नही करते जो देखा समझ लिया और परख लिया उसे ही बात और विचार मानते हैं!
    पाखंड ऐसे ही नौटंकी करता है, शाल लपेटो, बाल बढ़ाओ, और थोड़ा बहुत गीता की और उपनिषदों की सतही बात कर लो,!

  • @ManukumarPandey-ie2hq
    @ManukumarPandey-ie2hq 6 месяцев назад +8

    वीडियो के अंत में कहा है महाशय ने कि दूसरों का भोजन छीन करके मत खाइए भले ही दूसरे की गर्दन मरोड़ कर के खाइए।
    ऐसे गुरु से लोग सवाल क्यों पूछ रहे हैं भाई? जैसे चोर को घुमा फिरा कर खजाना ही दिखता है, ऐसा तो तर्क है इनका।😊

  • @learnerspirit
    @learnerspirit 5 месяцев назад +6

    1:36 Aunty forgot Diet(आहार )is also part of behaviour (आचार) 💀

    • @Vagveena
      @Vagveena Месяц назад

      He identify himself as a man

  • @satyamkumar-vm
    @satyamkumar-vm 9 месяцев назад +11

    जो मन करे वो भोजन करे😡😡।।क्यो गलत संदेश दे रहे हो समाज को।कहने के तो महाराज जी हो लेकिन कर्म कसाई का ।।छीः

  • @Dinanath-iy6yc
    @Dinanath-iy6yc 6 месяцев назад +12

    acharya prashant is right 🙏🙏🙏🙏, jiske dil me dusro ke liye daya nahi hai wo dharmik kabhi nahi ho sakta, vivekanand ne bhi ye baat maani hai ki unka mansahar bhojan galat tha.

  • @bkrawal7598
    @bkrawal7598 6 месяцев назад +8

    प्रकृति ने मानव को खाने के लिए बहुत सारी चीज़ें बनायी है ज़रूरी नहीं कि जीव को खाया जाए

  • @rajenderprasadgupta8712
    @rajenderprasadgupta8712 5 месяцев назад +4

    आप रामकृष्ण परमहंस जी जैसे महान संत को बदनाम ना करें ! कुछ अपनी बुद्धि पर भी जोर देना चाहिए ! मुझे एक महान व्यक्ति बताइए ,जो आपके अनुसार मांस खाने वाला हो और उच्च कोटि का संत भी हो ,जिसे परमहंस कहा जा सके ? यदि कुछ लोगों ने संत को बदनाम करने के लिए कुछ अनाप शनाप बोला /लिखा है , तो ज्ञानियों को सोच समझकर व्याख्या करनी चाहिए ! दूसरी बात देश के अनुसार ही खान पान होता है ! यह तो सच है कि रामकृष्ण जी जिस स्थान से बिलॉन्ग करते थे वहां का खानपान में मछली चावल आम है लेकिन , वे आगे चलकर भी यही करते रहे ,यह बात कोई भी समझदार व्यक्ति नहीं मानेगा ! ! ! मीट खाने वाले में इतनी करुणा, इतनी दया , इतना प्रेम, इतना वात्सल्य ,और विश्व बंधुत्व की भावना कैसे हो सकते हैं ? जैसे बंजर भूमि में फूल नहीं लहलहा सकते !

  • @virendrakumarmcf9403
    @virendrakumarmcf9403 10 месяцев назад +7

    आप बहुत गलत प्रवचन दे रहे हैं। आपका कहना है कि किसी के छीन कर मत खाओ लेकिन किसी की जिंदगी खा सकते हो। ये सबसे निचले स्तर की मूर्खता है।एक कहावत सुने होंगे आप, जैसा आहार वैसा विचार।।

  • @manishakumari2714
    @manishakumari2714 6 месяцев назад +10

    मांसाहार सात्विक भोजन नहीं है...

  • @कृष्णार्थीराकेशविजयवर्गीय

    मांसाहार व्यक्ति धार्मिक हो सकता है , आध्यात्मिक नहीं..!!..धार्मिक होने में और आध्यात्मिक होने में.. बड़ा अंतर है..!!!.. राधेराधे 🙏

  • @chawlastampprintingshop5568
    @chawlastampprintingshop5568 5 месяцев назад +1

    मै गाये को मारकर खाऊंगा तो अगले जन्म में गाये बनूँगा बकरे को मारकर खाऊंगा तो अगले जन्म बकरा बनना पड़ेगाक्योंकि स्वर्ग और नरक तो दिमाग की कल्पना है कई लाख तरीके के पशु कई लाख तरीके के पक्षी कई लाख तरीके के जल में रहने वाले जीव कई लाख तरीके के कीट पतंगे सबमे रूह होती है कबीर साहिब

  • @inquilabpoetry
    @inquilabpoetry Месяц назад +1

    जो धर्म किसी का क़त्ल करे वो धर्म नहीं हो सकता है।
    दो अनपढ़ आपस में बैठे हैं।
    आप जिसे अध्यात्म कह रहे हो, वो बस एक लोकधर्म है।
    घुटने से दिमाग थोड़ा ऊपर की ओर ले जाओ।

  • @Ankitsharma-gk2nr
    @Ankitsharma-gk2nr 6 месяцев назад +5

    ये फिल्मी मांसाहार को सपोर्ट कर रहा है, धर्म और आचरण भिन्न नहीं है।।

  • @MahendraSingh-lr2ej
    @MahendraSingh-lr2ej 8 месяцев назад +4

    जिस कृत्य mai जीव हिँसा हो वहां आध्यात्मिकता नहीं हो सकती, जहां tounge teste के लिए जीवन को नष्ट किया जाय वहां कैसी आध्यात्मिकताl देश मै कितने मास खानेवाले परम हंस हुए हैं रामकृष्ण जी को छोड़ कर l

  • @harprasadptl
    @harprasadptl 5 месяцев назад +2

    अरे देवी जी जो धार्मिक होता जायेगा तो मांस भी छोड़ देता है । वो खाते थे पहले धार्मिक नही थे जैसे जैसे उनकी समझ बड़ी होगी धर्म के प्रती तो उन्हें मांश खाना भी छोड़ दिया होगा।

  • @raviprakashpandey2611
    @raviprakashpandey2611 6 месяцев назад +3

    अभी कुछ समय से ओमा को सुन रहा था, ये अंतिम था
    इस दुष्ट को इतनी समझ नही की किसी आत्मा को मार कर स्वयं आत्मज्ञान कैसे पा सकता है,
    बाकी रामकृष्ण परमहंस अकेले संसार के संत महात्मा तो हैं नही की जैसा उन्होंने किया वैसा सब कोई करे

  • @MahendraSingh-lr2ej
    @MahendraSingh-lr2ej 8 месяцев назад +5

    मांसाहार सात्विक भोजन नहीं है l यदि है तो हिन्दू धर्म ग्रंथों से हवाला / प्रमाण दिखाना पड़ेगा l

  • @neerajwasnik9450
    @neerajwasnik9450 5 месяцев назад +2

    "आदर्श स्थिति शाकाहार ही होना चाहिए।" ~ स्वामी विवेकानंद (व्यवहारिक वेदांत किताब से)।
    व्यवहारिक वेदांत में स्वामी जी कहते हैं कि भले ही उन्हें कुछ कारणों से मांसाहार करना पड़ता है किंतु हर बार वे इसके लिए दुखी महसूस करते हैं और ये भी कहते हैं कि हमें अपने कर्मों को सही ठहराने के लिए आदर्श को नीचे नहीं गिराना चाहिए, आदर्श हमेशा शाकाहार ही होना चाहिए।

  • @shashiprabhaverma6664
    @shashiprabhaverma6664 6 месяцев назад +3

    ये मार्डन जमाने के गुरु हैं अरे जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन धार्मिक होना और धार्मिक बनना दोनों अलग है

  • @uttarakhandgarhwalkumau8271
    @uttarakhandgarhwalkumau8271 7 месяцев назад +3

    जो धर्म को जानता है वो मांसाहारी हो ही नही सकता और जो मांस खाता है वो कभी धार्मिक नही हो सकता। कोई मांसाहार करता है और धार्मिक कोई भी कार्य करता है वो पाखंड के अतिरिक्त कुछ नही ।

  • @PreetmRajak-fy4gw
    @PreetmRajak-fy4gw 9 месяцев назад +4

    ईश्वर को पूजा करना प्रेम और प्रेम धर्म है तो किसी जीव को मारना या मारने को bhadhv देना प्रेम है 😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂

  • @ashutosh_arya_sangeet
    @ashutosh_arya_sangeet 5 месяцев назад +2

    दया धर्म का मूल है... अगर आप में दया है तो धार्मिक हो .. अन्यथा आप accidentel धार्मिक हो सकते हो हर संभव...

  • @adarshom4255
    @adarshom4255 6 месяцев назад +3

    धार्मिक व्यक्ति जीवनमुक्त होता है , अपनी आदतों से मुक्त होता है , आप यदि सच मे मुक्त हो तो अपनी पसंदीदा वस्तु छोड़ कर दिखाओ । जो व्यक्ति मांस खाने के लिए दौड़ लगा रहा है उसकी साधना अभी अधूरी है वह अभी अंतिम सीढ़ी पर नहीं पहुंचा है ।

  • @AbhishekPandey-pt3so
    @AbhishekPandey-pt3so 6 месяцев назад +3

    आपने जो उदाहरण दिया की स्वामी विवेकानंद मांस खाते थे तो एक बार विवेकानंद से पूछा गया आप मांस खाते है और साथ में अध्यात्म भी है तो उन्होंने जवाब दिया गलत है की किस भाव से खाया जा रहा है मैं जिस स्थान पर रहता हु वहा का भोजन ही है मांसाहार है स्वामी विवेकानंद स्वाद लेने के मांस नही खाते थे आज के समय में स्वाद लेने के लिए लोग जीव हत्या कर रहे है वो गलत है शेर का लोग उदाहरण देते है शेर स्वाद लेने के लिए नही खाता ,पेट को भरने के लिए खाता है कहने का तात्पर्य बस इतना है की लोग किस भाव से खा रहे है ।

  • @pankajkumar16114
    @pankajkumar16114 4 месяца назад +1

    ये मुर्खतापूर्ण तर्क ह इसको जल्दी फेमस होना है इसलिए ऐसी मुर्खतापूर्ण तर्क दे रहा हैं

  • @bkrawal7598
    @bkrawal7598 6 месяцев назад +3

    और भोजन का कौन कहता है कि प्रभाव नहीं पड़ता भोजन का बहुत प्रभाव पड़ता है जैसा खाओगे अन्न वैसा हो मन

  • @baatitnisi
    @baatitnisi 6 месяцев назад +3

    जब किसी जानवर को करा जाता है तो बो जानवर उस इंसान से आशा करता है को बो उसपर दया करेगा बो उसपर करुणा करेगा जब आप में दया और करुणा नही तो भक्ति कैसी भक्ति

  • @PreetmRajak-fy4gw
    @PreetmRajak-fy4gw 9 месяцев назад +4

    अगर एक नास्तिक किसी जीव को भोजन देता है तो वह उस समय धर्म कार्य कर्ता है अगर एक ईश्वर को मनने वाला मास खाता है वह कार्य अधर्म है भवान धर्म के साथ देंगे या आधर्म और धार्मिक कौन है

  • @SoumyadeepBhowmik-gg3qp
    @SoumyadeepBhowmik-gg3qp 5 месяцев назад +3

    Mass kahana matlab to dusro se jindagi chinke khana, 😢
    Or apne kaha ki dusro se chinke mat khaie ,😂
    Hum acharya ji ka follower hu , logic hamare khun mai hai ❤

  • @SonuKumar-h2g7c
    @SonuKumar-h2g7c 5 месяцев назад +2

    धार्मिक या आध्यात्मिक दृष्टि से माँस खाना गलत है।जब भगवान ने खाने के लिए पादप बनाया है,तो माँस खाने की क्या जरूरत है।

  • @D1gv1jay
    @D1gv1jay 11 месяцев назад +7

    Sabse achaiya leni he buraiya nahi.. Jo acha hota he unme buraiya hoti he uska matlab nahi ke buraiyo ka bhi anukaran karne lage

  • @Parasram-g2i
    @Parasram-g2i 5 месяцев назад +1

    रामकृष्ण परमहंस मछली खाते थे तो उनकी चेतना इतनी उपर नही उठ पाई की वो मछली के भीतर के प्राणों को जान पाए/हमे किसी भी संत को नही पकड़ना है हमे स्वयं के विवेक को जगाना /कोई भी संत हो परमात्मा की यात्रा में होता है कोई पूर्ण कभी नहीं हुवा/यहां तो बस चेतना की यात्रा ही है जागना ही कोन कितना जागता है

  • @educationworld8151
    @educationworld8151 5 месяцев назад +2

    किसी का जीवन नहीं छीनना चाहिये।

  • @harendersastri7116
    @harendersastri7116 6 месяцев назад +2

    यह व्यक्ति गलत व्याख्या कर रहा है ।ऐसे वाममार्गी मरीजो से हमें बचाना चाहिए।

  • @DigendraKumar661
    @DigendraKumar661 6 месяцев назад +2

    इतने बड़े पद में आसीन होकर आपके ये बातें शोभा नही देती l की आप गलत गलत ज्ञान दे धर्म सत्य और विवेक की स्थिति है l विवेक पूर्ण मनुष्य गलत कार्यो, से दूर रहता l और,,गुणों, में,आहार, विहार में शुद्धता रखता है l

  • @Saaki_Sakie
    @Saaki_Sakie 8 месяцев назад +1

    Only three kinds of people overlook genuine ones like I am
    1- Those who envy
    2- Those who have less intellectual capacity to understand and appreciate
    3- Those who test resilience

  • @chawlastampprintingshop5568
    @chawlastampprintingshop5568 5 месяцев назад +1

    आत्मा यानि रूह एक शरीर में हमेशा नहीं रह सकती हैअपने किए हुए कर्मो को भोगने के लिए इसको कभी पशुयोनि में, कभी पक्षीयोनि में कभी जल में रहने वाले जीव की योनि में कभी कीटकी योनि में जाना पड़ता है यह हर धरम पर लागु होता है जन्नत यानि स्वर्ग दोजख यानि नर्क यह मन की कल्पना है कबीर साहिब

  • @bkrawal7598
    @bkrawal7598 6 месяцев назад +1

    मांस खाने वाले धार्मिक नहीं हो सकता कभी भी

  • @surendrapratapsingh1606
    @surendrapratapsingh1606 6 месяцев назад +3

    स्वामी जी आपका यह विचार नंद नंदन बृजनंदन के लिएनहीं जय श्रीराम जी की

  • @killercomedies5051
    @killercomedies5051 5 месяцев назад +1

    जिसके अंदर अभी करुणा नहीं जगी उसकी धार्मिकता अभी अधूरी है।

  • @Nastik.Humans
    @Nastik.Humans 5 месяцев назад +1

    Acharya Prashant is the Real Spritual Guru and Leader. 🔥

  • @narendravyas6071
    @narendravyas6071 5 месяцев назад +1

    भगवदगीता मे भगवान कृष्ण ने स्पष्ट रूप से मांस खाने वाले लोगों को तामसिक प्रवृत्ति का बताया गया है ।ऐसे लोग भक्ति के क्षेत्रों में प्रगति नहीं कर सकते है

  • @raoji2584
    @raoji2584 6 месяцев назад +2

    Acharya Prashant is true spiritual guru

  • @DalpatsinghChundawat-jo2px
    @DalpatsinghChundawat-jo2px 4 месяца назад

    अब तक मैं आपको महान मानता था लेकिन यह वीडियो सुनने के बाद आपने मेरा दिल तोड़ दिया मुझे अंदर से झंकार दिया मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया मेरे आचार्य को गलत बता दिया आपने ऋषि मुनियों की बात को ठुकरा दी आपने मांस खाने वाला धार्मिक कैसे हुआ मुझे बताओ

  • @PoojaKumari-v9t2l
    @PoojaKumari-v9t2l 2 месяца назад +1

    Mansahar karke prem ka vichar kaise aayega ..kisika jiv hanan karke ham kaise prem kar sakte hai bas yahi bat acharya ji ne kahi thi

  • @कृष्णार्थीराकेशविजयवर्गीय

    प्रशांत जी का मत 100 फ़ीसदी सही है ।।💖

  • @shriMahadavsantaryhouse
    @shriMahadavsantaryhouse 5 месяцев назад +2

    यह अब सनातन धर्म की ऐसी तैसी करने के लिए नए बाबा आ गये है

  • @AmanRudransh
    @AmanRudransh 6 месяцев назад +1

    ये लोगो का अपना स्वार्थ है, यह तो खुद खाने के लिए महापुरषो का बयान दे रही है, वस्वीकता लोगो की सच्चाई से pare होती है इसलिये लोग समझ nahi pate.
    अहिंसा ही हमारा परम धर्म है, जो हिसंक है वह कभी धार्मिक नही हो सकता चाहे वो जो भी हो। खुद खाती है इसलिये बोल रही है। acharya prashant is the great real hero in present time.

  • @ChaudharyDivyanshu
    @ChaudharyDivyanshu 3 месяца назад +1

    Shakahar ho ya Mansahar, Violence to dono me h.... Aakhir epd paudhe bhi zinda h, unme bhi samvedanshilta h... Bas ye dekhkar hairani hoti h ki kaise itne log rati hui baat comments me likh rhe h jaise ki kisi ko Basic hi na pata ho... Ann man ki baat to school k bacho ko bhi pata hogi lekin ye mudda usse kai guna zyada gambhir h.... Aur kisi shastra me ye bhi to nahi likha k mansahar karne wala vyakti dharmik ho hi nahi sakta, fir na jane comments me isi baat ki duhai baar baar di ja rhi h.
    Doodh, Dahi, Ghee khane wale log non veg pe comment kr rhe h, thats hilarious!
    Although i disagree/partially agree with them both, lekin Omaji ki baat me thoda logic to h jo is topic ki gehrayi batata h🎉🎉

  • @jyotivyas9286
    @jyotivyas9286 6 месяцев назад +1

    दोनों ही अजीब हैं। दोनों ही सेलेक्टिव ओशो की कॉपी करते हैं।। बेहतर है हर हिन्दू खुद पुराण पढ़े वेदान्त । गीता पढ़े। यह कल्ट टीचर या orator कही नही ले जाने वाले। आपस में ही बस।

    • @Vijay_Advait
      @Vijay_Advait 5 месяцев назад

      आपने कितना सुना है आचार्य प्रशांत को ?
      20000 + से ज्यादा videos है यूट्यूब पर आचार्य प्रशांत के.
      आचार्य प्रशांत ने सभी विषयो पर बोला है अभी भी लगातार बोल रहे है और सबको सरलता और clarity के साथ समजा रहे है.
      आप खुद कुछ विडियोज देख लीजिए पेहेले आप को समझ आयेंगी बाते.

  • @user-chikitsaseva
    @user-chikitsaseva 5 месяцев назад

    आपके ज्ञान का शिकार देखकर मैं बहुत व्यथित हूं

  • @dhruvsharma4568
    @dhruvsharma4568 5 месяцев назад +1

    Acharya Prashant jitna SAMAJDAR KOI NHI HAI ABHI tak IS sansar mein

  • @sushmitamishra219
    @sushmitamishra219 5 месяцев назад +1

    सिर्फ आचार्य प्रशांत ही सही तरीके से किसी मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं और समझ सकते हैं

  • @DebajitRabha-bm1wc
    @DebajitRabha-bm1wc 6 месяцев назад +1

    बिल्कुल सही बात आचार्य जी ✅✅✅

  • @sureshmariyasureshmariya4675
    @sureshmariyasureshmariya4675 5 месяцев назад

    एक बात तो सच्ची है आप मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च जब सुध होकर जाते है दिल में तभी एक गहरे सुख का आनंद महसूस होता है जो मासाहार में नही है इस बात को बिना बैहस किए बिना तरक वितर्क किए बिना केवल महसूस कीजिए **** सुरेश वाल्मीकि ( हरियाणा)

  • @kajolkv
    @kajolkv 6 месяцев назад +2

    Ahinsa parmo dharma ❤

  • @enchantfeather
    @enchantfeather 10 месяцев назад +1

    Me pehle sochta tha ki aap sirf durviveki hai....aaj pata laga ki AAP asamvedansheel bhi hai....Han aap sirf ek vakta hai.....vaklol

  • @pankajkumar16114
    @pankajkumar16114 4 месяца назад +1

    ये स्वाद के गुलाम है🎉🎉🎉🎉🎉🎉

  • @jivankrishna1008
    @jivankrishna1008 6 месяцев назад +1

    धर्म का सीधा सा संबंध दया अथवा करूणा से है। दया ही धर्म का मूल है और दया होने का अर्थ ही यह है कि हमें जो पीड़ा स्वयं के कष्ट में होती है वही पीड़ा सभी प्राणियों को कष्ट देने से भी होती है। दूसरों का दर्द भी अपना जैसा लगे यही दया का स्वरुप है। बिल्कुल तथ्य विहीन एवं शास्त्र विरुद्ध बात कही है ओमा स्वामी ने
    आप धर्म पर चलते हैं तो सबसे पहले आपके आहार की ही शुद्धि होती है अथवा आहार शुद्धि होने पर ही आप धर्म की ओर जा सकते हैं।
    आपकी इस मनगढ़ंत बातों से शास्त्रों का कोई लेना देना नहीं। आप भी खा सकते हैं कोई रोक-टोक करने वाला नहीं है बस धर्म की आड़ में और मनगढ़ंत तथ्यों को परोसकर मत खाओ।
    हँसी, क्रोध, आश्चर्य और दुख
    सारे भाव एक साथ उमड़ रहे हैं ऐसे भी कोई धर्म की व्याख्या कर सकता है कल्पनातीत है।
    प्रभु सद्बुद्धि प्रदान करें 🙏🙏💐😊

  • @arunkokani7138
    @arunkokani7138 5 месяцев назад

    तो क्या आचार विचार में मांसाहार सही है। क्या मुरखोवाली बात करती है। ये सब ढोंगी जनता को खूब गुमराह करते है।

  • @adityakumarpravin4918
    @adityakumarpravin4918 4 месяца назад

    ब्यक्ति को मानवता करुणा दया युक्त बनाना दर्शन का मूल उद्देश्य है क्योंकि मानवता करुणा दया से प्रेरित होकर जब ब्यक्ति जीता है तभी उसे तृप्ति पूर्ण संतुष्टि तथा आंतरिक शांति प्राप्त होती है। यह तृप्ति पूर्ण संतुष्टि तथा आंतरिक शांति प्राप्त करना ही ब्यक्ति के जीवन का मूल उद्देश्य है।
    धर्म ( दर्शन ) इसे प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है ब्यक्ति के अंदर मानवता करुणा दया का भाव पैदा करके।
    यह मानवता करुणा दया केवल मनुष्यों के प्रति नहीं बल्कि जीवों के प्रति भी होनी जरूरी है। 2:17 2:17 2:17

  • @upscuniverse6373
    @upscuniverse6373 5 месяцев назад

    भोजन किसी का छीनकर मत खाओ पाप लगेगा लेकिन किसी का जीवन छीनकर उसका मांस चबा जाओ तो चलेगा, किस लेवल का दोगलापन है यार ये....😂

  • @Dhruv-h9
    @Dhruv-h9 6 месяцев назад +2

    Matlab kya logic hai yar . Fir dharm hai kis liye😂 . Jab daya , karuna raksha kuch nahi hai to dharm kis liye hai 😂😂

  • @VishalPathak-nj1td
    @VishalPathak-nj1td 5 месяцев назад

    Jab buddhi भ्रष्ट हो जाती है और अज्ञान सीमा पार कर जाता है तब ऐसी बेवकूफिया भरी बातें ही निकलेंगी.

  • @Englishglobaltalk
    @Englishglobaltalk 4 месяца назад

    हमारे सभी ब्राह्मण मित्र अण्डा, मुर्गा, मछली और बकरी खाने वाले शुद्ध शाकाहारी है । 😅 क्षत्रिय केवल एक ही है।कोई उन्हें कुछ नहीं कहेगा 😂♥️😄 । कुछ भी नहीं। मैं तो विगन हूं। पर ये इसके शौक़ीन हैं तो उन्हें ईद पर या किसी भी फंक्शन पर बुलाना मजबूरी है ज्ञानी मित्रों।

  • @RahulSingh.UP55
    @RahulSingh.UP55 5 месяцев назад

    सवाल मांस,भोजन,पेट धर्म का नही सवाल करुणा और प्रेम का है। यदि प्रेम और करुणा प्राणी मात्र के प्रति जागृत हो जाए तो जीव को भोज्य के रूप में ग्रहण असंभव हो जाएगा वो भी सिर्फ पोषण और स्वाद के लिए..व्यक्ति को अन्य विकल्प की तरफ जाना पड़ेगा ।

  • @JAGJITSINGH-t9t
    @JAGJITSINGH-t9t 5 месяцев назад

    जो इंसान छोटे छोटे बेजुबानों से प्रेम नहीं कर सकता वो इंसानों से प्रेम कर ही नहीं पायेगा और रही बात आचार्य प्रशांत जी की तो तू उनके पैर के नाखून बराबर भी नहीं रही अब.... उन्होंने रामकृष्ण परमहंस जी या और अन्य मांसाहारियों के संदर्भ में बहुत कुछ कहा पर वो तेरे सड़े भेजे में नहीं घुसा होगा😂

  • @vijayshankarpandey4827
    @vijayshankarpandey4827 4 месяца назад

    राम कृष्ण खा लिये तो यह पैमाना थोडी हो गया ।आहार-विहार समय और स्थान पर निर्भर करता है।धर्म शाश्वत है ।वैसे शाकाहार ही सर्वोत्तम है ।

  • @yogeshgadhavi1894
    @yogeshgadhavi1894 5 месяцев назад

    सायद आपको पता नही है की ग्लोबलवॉर्मिंग का एक कारण मांसाहार भी है और सच्चा धार्मिक आदमी होगा आजके समयका तो वो सबको तबाही से बचानेका काम करेगा और और रही बात स्वामी विवेकानंद जी की तो वोभी जाके समय मैं होते तो वोभि मांसाहार का विरोध करते आचार्य प्रशांत जी को मेरा सादर प्रणाम की हम उनकी शिक्षा ओ से जुड़ पाए

  • @ashutoshnjani8108
    @ashutoshnjani8108 5 месяцев назад

    रामकृष्ण को कोई सन्तान नहीं हुई क्योंकि वो छोटी मछली खाते थे और आजीवन यह कर्म का दुख उन्हें भोगना पड़ा कर्म संत के बाप को भी नहीं छोड़ता हरी ओम

  • @AbhishekTiwari1986
    @AbhishekTiwari1986 5 месяцев назад

    जो मांसाहारी है वो धार्मिक हो ही नहीं सकता।

  • @satishswami3780
    @satishswami3780 5 месяцев назад

    प्राणी मात्र पर दया करना ये हमारी धार्मिक आस्था,मान्यता है!
    जो पशुओं से हिंसा करे और मांस खाए,धार्मिक कैसे हो सकता है?
    फिर तो यह जीव मात्र के जीने के अधिकार का हनन है!?
    परमहंस मांसाहारी थे,हम किस आधार पर उन्हें संत या धार्मिक कह सकते?!
    फिर हमारी आस्था,मान्यता का कोई मोल नहीं?!!!😮

  • @Goood_B0YY
    @Goood_B0YY Месяц назад

    मांसाहार वाला व्यक्ति कहीं से भी धार्मिक नही हो सकता

  • @PPS...2131
    @PPS...2131 Месяц назад

    मेरे विचार में भोजन एक आत्म विज्ञान है.
    जो सत रज तमस तत्व को आधार मानकर ऊर्जा निर्माण करता है।

  • @SantSameer
    @SantSameer 5 месяцев назад

    ये मैडम समझदार क़िस्म की मूर्ख लगती हैं। ये कह रही हैं कि आहार नहीं आचार मुख्य बात है। ठीक बात है, पर इन्हें यह नहीं मालूम कि मांसाहार बिना हत्या के सम्भव नहीं है। इनसे पूछना चाहिए कि हत्या वाला यह आचार धार्मिक है या अधार्मिक?

  • @gyanendrakumar2169
    @gyanendrakumar2169 5 месяцев назад

    मांसाहारी और धार्मिक हो ही नहीं सकता।
    मांसाहारी व्यक्ति के मानसिक एवं शारीरिक पटल पर तामसी प्रवत्ति हावी रहती है मतलब दयाहीन होता है करुणा तो हो ही नहीं सकती

  • @sureshmariyasureshmariya4675
    @sureshmariyasureshmariya4675 5 месяцев назад

    सब अपना ज्ञान सुनाते है मगर कोई किसी भी धर्म का है किसी भी धर्म का अपने दिल पर हाथ रखकर नही कह सकता की मास खाना सही है मास केवल जीभ का सवाद है एक आदत है बस **** सुरेश वाल्मीकि ( हरियाणा)

  • @priyankaverma7068
    @priyankaverma7068 5 месяцев назад

    आज के युग में इंसानों के लिए मांसाहार धर्म नहीं अधर्म है।

  • @gopalbansal1722
    @gopalbansal1722 5 месяцев назад

    धर्म में त्याग होता है समर्पण होता है किसी को कष्ट देंना तो बहुत दूर है फिर जब जानवर को काटते हैं तो उसे कितना कष्ट होता है आप एक झटके से भी काट दो, फिर भी आपके कारण उसकी जान चली गईं, धर्म जीयो और जीने दो के सिंद्धात पर चलता है,

  • @shivhari-zr7xg
    @shivhari-zr7xg 25 дней назад

    Mujhe mila shiv kripa... Mei thi maansahari lekin kripa mila uske baad mei parivartan hoi gai ,bhagwan ne ki meri safai aur ho gai shakahari.. Iska matalab koi bhi ishwar ko paaa sakta hai agar mann mei prem ho... Khana hamara karam part hai usse koi nahi bach sakta lekin karam bhagwaan ko de do jo bhi khao bhagwan ko do , karam mukti ka prarthana karo aur unse kripa milega phir tumko bhagwan khud safai karega , Tu khud apna safai nahi kar sakta beta log,dharam har koi karega ... Har har mahadev

  • @YogeshRaval-gd2kg
    @YogeshRaval-gd2kg 5 месяцев назад

    वेद में लिखा है एक जीव दूसरे जीव को खाता है यह प्रकृति का नियम है लेकिन मनुष्य के लिए वही आहार उचित है जो दूसरे जीव को ना खाता हो तुम मनुष्य के लिए वनस्पति हीउचित है स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस यह पैदा ही मांसाहारी परिवारों में हुए थे रामकृष्ण की अपनी खुद की भक्ति थी स्वामी विवेकानंद पहले नास्तिक थे लेकिन उनको श्री रामकृष्ण परमहंस ने ईश्वर का मार्गबताया जो जहां पैदा हुआ है जिन्होंने वेद नहीं पड़े हैं देश भक्ति करके ही और ज्ञान से ही चलते थे

  • @amsasindal1156
    @amsasindal1156 5 месяцев назад

    ऐसे खुब लोग है जो शुद्ध शाकाहारी है कर्म बहुत नीच करते है ,लोगो को खुब कष्ट देते है, ऐसे भी खुब लोग है जो मासांहार कभी कभी करते है पर आधी रात को लोगो के काम आते है तन मन धन से ,तो क्या कहे , क्या खाने से कैसी बुद्धि आती है ?