साधना जैन,, स्वयं के निजी अनुभव से गुरुजी ने,, अत्यंत महत्वपूर्ण बातेंबताई,,👌,, अध्यात्म शास्त्रों का हमें रुचि पूर्वक स्वाध्याय करना चाहिए,, और कहां की आज तक इतिहास गवाह है,, अध्यात्म शास्त्रों को पढ़कर कोई स्वच्छंदनहीं होता,, जिसे शास्त्रों में स्वच्छंद कहा उसका हमें परिचय नहीं है,, गुरुजी ने और भी गजब की बात कही,, 👌, जैन धर्म में स्वाध्याय को परम तप कहा,, स्वाध्याय की इतनी महिमा इसलिए बताई,, स्वाध्याय मात्र ऐसी चीज है,,, जो हमारे जन्मो जन्मो के,, अज्ञान को दूर करने में समर्थ है,,👌,, और भी गजब कीबात,, जैन धर्म में वीतरागता की पोषण ही जिनवाणी है,, वीतरागता, के पोषक ही जैनी वक्ता कहलाते हैं ,,👌,,🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
बहुत बहुत आभार 🙏
स्वच्छंदता का सही अर्थ आज प्रवचन से समझ आया ।
आदरणीय पण्डित जी साहब सादर जय जिनैंद्र 🙏🙏🙏
Jai jinendra bhai 🙏🙏🙏
साधना जैन,, स्वयं के निजी अनुभव से गुरुजी ने,, अत्यंत महत्वपूर्ण बातेंबताई,,👌,, अध्यात्म शास्त्रों का हमें रुचि पूर्वक स्वाध्याय करना चाहिए,, और कहां की आज तक इतिहास गवाह है,, अध्यात्म शास्त्रों को पढ़कर कोई स्वच्छंदनहीं होता,, जिसे शास्त्रों में स्वच्छंद कहा उसका हमें परिचय नहीं है,, गुरुजी ने और भी गजब की बात कही,, 👌, जैन धर्म में स्वाध्याय को परम तप कहा,, स्वाध्याय की इतनी महिमा इसलिए बताई,, स्वाध्याय मात्र ऐसी चीज है,,, जो हमारे जन्मो जन्मो के,, अज्ञान को दूर करने में समर्थ है,,👌,, और भी गजब कीबात,, जैन धर्म में वीतरागता की पोषण ही जिनवाणी है,, वीतरागता, के पोषक ही जैनी वक्ता कहलाते हैं ,,👌,,🙏🙏🙏
30 to end.
Excellent 👌👍👌👍
Sardar Baljit Singh Punjab Jai Jinendra All of you
Jai jinendra
❤❤❤
आदरणीय पंडितजी को सादरजय जिनेंद्र जी
Jai jinendra dahod
सविनय सादर जयजिनेन्द्र, सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
Jai jinendra Aadarniye Pandit Ji 🙏🙏🙏🙏🙏
Jay jinendra ,sambhajinagar
20 to 30
उपवास का स्वरूप
Very important
Excellent 👌 👍 👌 👍
Don't miss it
Bhiwandi. Mumbai 🙏🙏🙏 Jai jinendra dev ki sabhi mumukshu ko Prabhu.
Sudhatam vandan Prabhu.
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Mumbai - JAI JINANDRA 🙏🙏🙏
Putthamill Bhopal, Saadar Jai Jinendra. Bahut sundar.
15 to 20.
Don't miss it.
Very important points.
स्वच्छंदी का स्वरूप
सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
व्यवहाराभासी
निश्चयभास
उभयभाषी
का स्वरूप 15 to end
Start to 15
दबाई हुई कषाय भोगी हुई कषाय से ज्यादा खतरनाक है । बंध ज्यादा होता है
कंसेप्ट क्लीयर नहीं है