Watch Samaysaar Live on Zoom with just one click-No Password required!: Daily on zoom at 7:42 AM IST ➡ link: bit.ly/482AZKE ➡ ID: 4399270150 Join on WhatsApp ➡ group link: bit.ly/3Uq2iLM ➡ whatsapp number: +919624446142 Steps: 1. Save our number to your mobile contacts 2. WhatsApp us your Name and City.
“ Jo Mera Manta Hai Veh Mera Hai, Jo Mera Nahi Manta, Veh Mera Nahi Hai, Yeh Moh Ka Bhaav Isse Hi Taiyar Hota Hai, Kratitva Ka Bhaav, Yeh Bhitar Chuppa Hua Hai”🙏🙏🙏
"🔥आचार्य कुन्दकुन्द बनना है तो सिमटना होगा, समाज, परिवार, ये सब देह के संबंधी हैं मेरा देह से संबंध नहीं तो देह के संबंधियों में कैसा मोह?🔥" मौन चरण वंदना नाथ🔥🙏
091 प्रणाम गुरुदेव! निर्विकल्पतामें अनुभूति है वो सहज है! अनुभूतिमात्र मैं हूँ ऐसी दृढ़ श्रद्धा हुए बिना ज्ञान और चारित्र मिथ्या है! ध्रुव चैतन्यमें राग का प्रवेश नहीं! निर्विकल्प अनुभूतिके कालमें रागके विकल्पोंको अनदेखा किया! ज्ञानधारा इतनी सहज निर्लेप! ज्ञेय लुब्धतासे मोह उत्पन्न होता है! देहका मोह छूटा तो सब छूटा लेकिन सद्गुरूका प्रत्यक्ष सान्निध्य अनिवार्य! अपूर्व अपूर्व!
"राग की उपस्थिति में भी निर्विकल्प ध्यान हो सकता है मगर राग की उपस्थिति में केवलज्ञान नहीं हो सकता,,,,,,, राग तो केवलज्ञान होने में बाधक है मगर देह तो केवलज्ञान होने में भी बाधक नहीं है" 🕉️🕉️🕉️
“ Magar Deh Ka Moh Chodne Se To Chutta Hi Nahi Hai, Jab Deh Mein Gyaan Gaya Nahi Aur Gyaan, Gyaan Mein Hi Anubhav Mein Aatta Hua, To Jaisse Hi Gyaan Anubhav Mein Aaya, To Essie Drashti Gayi Ki Yehi Main Aur Deh To Vahin Rehta Hai”🙏🙏🙏
"🔥जब देह में ज्ञान गया नहीं और ज्ञान ज्ञान में ही अनुभव में आरहा है ; जैसे ही ज्ञान अनुभव में आ रहा है उस पर दृष्टि गई "यही मैं" तब देह तो वहीं रहता है मगर त्रिकाल सत्ता में अपनापन स्थापित हो जाता है 🔥" 🙏
“ Iska Arth Jo Anubhuti, Bhitar Ki Itni Aalokik Ghatna Hai Ki Jahan Deh Ke Parmanu Mein Kahin Par Bhi Parivartan Dikhayi Nahi Diya, Essa Kaal Ka Essa Reh Kar Ke, Veh Uss Trikal Satta Mein Apnapan Sthapit Kar Detta Hai, Yehi Main, Ek Ek Vastu Mein Se Moh Chodne Jayoge To Chutega Kaisse”🙏🙏🙏
"🔥 मुँह मोड़ना समाधान नहीं है ये उपदेश की भाषा है, सत्य यह है कि ज्ञान को ग्रहण ऐसा कर कि अनंत काल का इतिहास ज्ञान में झलके तो भी कुछ न हो ; ये बीज यहांँ से डालना है - और यह बीज 👉 ज्ञान तो हो मगर मोह न हो🔥सब कुछ जान कर भी मोहित नहीं होता 🔥" मौन चरण वंदना नाथ🙏
स्वभाव से मै त्रिकाल ध्रुव हूं अनादि अनंत एक रूप हूँ, असंख्य प्रदेशों के भेद होने पर भी मै अखंड हूं अनंत गुणों के भेद होने पर भी मै अभेद हूं 🙏🙏 🙏 115 मंजू
"भगवान आत्मा के जितने भी गुणगान गाये जा सकते हैं उतने कम हैं,,,,, क्योंकि अन्ततः भगवान आत्मा वाणी के द्वारा व्यक्त नहीं हो सकता है,,, जो स्वयं ही वचन से न्यारा है,,,, जो स्वयं ही त्रिकाल मौन है, वह वाणी में व्यक्त कैसे हो सकता है❓ और जो वाणी स्वयं ही कुछ जानती नहीं है वह वाणी ध्रुव स्वरूप को व्यक्त भी कैसे करेगी❓ इसलिये वाणी का कोलाहल और कान के साथ में वाणी का टकराना यह सब बाहर के लोक का मेला है जहाँ कोलाहल होता रहता है,,,, जैसे मेले में भीड़ है और भीड़ में कोलाहल है,,,, मगर जो व्यक्ति अपने घर से मेले में गया ही ना हो, और अपने ही घर में वह एकांत-शांत स्वरूप का अनुभव करता हो,,,, जहाँ मात्र सन्नाटा हो और कुछ भी नहीं है ऐसे ही निर्विकल्प अनुभूति है" सविनय चरण स्पर्श गुरुजी 🙏🙏🙏 चैतन्य चैतन्य चैतन्य
"रामायण और महाभारत चेतन और अचेतन के कारण हुआ, रामायण खड़ी हुई थी चेतन के कारण, राम को भी सीता चाहिए थी और रावण को भी सीता चाहिए थी,,,,, महाभारत में पांडवों को भी जमीन चाहिए थी और कोरवों को भी जमीन चाहिए थी" 🙏🙏🙏
"ज्ञानी ने राग द्वेष का लक्ष्य छोड़ दिया है, इसलिए पूर्वकृत कर्मों के अनुसार ज्ञानी को राग द्वेष के भाव होने पर भी निर्विकल्प अनुभूति में कोई बाधा नहीं होती हैं" 🙏🕉️🙏🕉️🙏
Watch Samaysaar Live on Zoom with just one click-No Password required!:
Daily on zoom at 7:42 AM IST
➡ link: bit.ly/482AZKE
➡ ID: 4399270150
Join on WhatsApp
➡ group link: bit.ly/3Uq2iLM
➡ whatsapp number: +919624446142
Steps:
1. Save our number to your mobile contacts
2. WhatsApp us your Name and City.
Pranam Guru y Chaitanya Chaitanya Chaitanya Samaysaar 🙏🙏🙏
046 Pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏
112kiran Rajnandgoan pranam gurudev chaitanya chaitanya chaitanya 🙏🙏🙏
Sadar pranam Gurudev, Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏🙏🙏
hChatanya lok vasi 🙏🙏pranam gurudev 050
चैतन्य चैतन्य चैतन्य अनंत अनंत वंदन गुरुदेव 🙏🙏🙏
Pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya
054 Padam Ludhiana Pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏🙏
चैतन्य स्वभावी भगवान आत्मा,,,,,
स्वयं ही चैतन्य समयसार,,,,।
देह का मोह छुटे तो पुत्र म परिवार सब स्वयं छूट जायेगें, एक एक को कब तक छोड़ पाओगे चैतन्य चैतन्य चैतन्य❤ 👣🛐🛐🛐🛐🛐
134 Sugyan Noida
चैतन्य चैतन्य चैतन्य…
चैतन्य समयसार-2025
स्वाध्याय-सत्संग-दिव्य देशना 👏👏👏
027 Ravi Ludhiana, Pranam Sadgurudev, Chaitanya, Chaitanya, Chaitanya 🙏🙏🙏
Pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏
अनुभूति जानने में आ रही है मोह का अर्थ दर्शन मोह जो राग द्वेष से भी खतरनाक है, चैतन्य चैतन्य चैतन्य❤ 👣🛐🛐🛐🛐🛐
Chaitany chaitany chaitany pranam Gurudev 🙏🙏🙏
પ્રણામ 🙏🏻 ગુરૂદેવ વંદન! ચૈતન્ય ચૈતન્ય ચૈતન્ય 🙏🏻
"निर्विकल्प अनुभूति में कोलाहल नहीं है वहाॅं तो मात्र सन्नाटा है"
सविनय चरण स्पर्श गुरुजी 🙏🙏🙏 चैतन्य चैतन्य चैतन्य
110 Seema Rajnandgaon Pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏🙏🙏
Param Pujya Gurudev Sadar Charan Sparsh!!!
Chaitanya Chaitanya Chaitanya…🙏🙏🙏
Pranam gurudev chaitanya chaitanya chaitanya 🙏
Gratitude gratitude gratitude
365 Manju Hubli Pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
058 इंदिरा रायपुर प्रणाम गुरुदेव चैतन्य चैतन्य चैतन्य
“ Veh Karuna Se Bhara Hriday Hoga Magar Nirnay itna Drad Hoga, Veh Pather Par Khinchi Lakeer Ki Tarah”🙏🙏🙏
👌👌👌👍👍👍🙏🙏🙏🕉🕉🕉
094 pranam Gurudev Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🙏🙏🙏
134 Sugyan Noida
चैतन्य समयसार-2025 * अद्भुत साधना 🔺स्वाध्याय-सत्संग-दिव्य देशना🔺
👏🧘🏻♂️👏🧘🏻♂️✅👏🧘🏻♂️👏🧘🏻♂️
140 Indu Delhi Pranam gurudev 🙏🙏🙏
Murtiman moksha swaroop Shree Gurudev ke pavitra charano mein trikaal aganit Vandan 🙏
O26 Varsha Mumbai 🙏 pranam 🙏 chetnay chetnay chetnay 🙏
“ Jo Mera Manta Hai Veh Mera Hai, Jo Mera Nahi Manta, Veh Mera Nahi Hai, Yeh Moh Ka Bhaav Isse Hi Taiyar Hota Hai, Kratitva Ka Bhaav, Yeh Bhitar Chuppa Hua Hai”🙏🙏🙏
राग और देष को होते हुए भी निर्विकल्प अनुभूति हो सकती है !!!👌👌👍👍🙏🙏🙏
"🔥हमारा मोह सचित्त से अचित्त और अचित्त से सचित्त में रूपांतरित होता रहता है 🔥" 🙏
"🔥एकांत शांत स्वरूप और सन्नाटा ऐसी निर्विकल्प अनुभूति है:🔥" 🙏
140 Pranam gurudev 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
"संसार में फैलते हुए मोह को रोकने के लिए सदगुरु चाहिए,,,,,,
समयसार और धर्मसभा उस संसार की परम्परा को रोकने में समर्थ है" 🙏🙏🙏🙏
"राग और मोह मेरा इसलिये नहीं है क्योंकि राग और मोह में चेतनता नहीं है" 🙏🙏🙏
121 SUNITA BANGALORE SADAR PRANAM GURUDEV CHAITANYA CHAITANYA CHAITANYA 🙏🙏🙏
🙏 pranam🙏 jj
134 Sugyan Noida
चैतन्य समयसार-2025
स्वाध्याय-सत्संग-दिव्य देशना 👏👏👏
પ્રત્યેક દ્રવ્ય પોતાની હોનહાર થી સ્વભાવ અનુરૂપ જ પરિણમન...અનુભવ મા જ્ઞાન, સહજ જ્ઞાન મા જ્ઞાનમાત્ર થી અપને મેં સ્થિત થતાં સન્નાટો💥
"जो लोक की परवाह नहीं करता वह लोक के अग्रभाग पर जाकर विराजित होता है" 🙏🙏🙏
"🔥अपनी स्वयं की परिपूर्णता के आनंद के बल पर ये कहता हूँ कि मेरा कोई नहीं है🔥" धन्य ये ज्ञानी मौनी गुरुदेव 🙏
“ Lokalok Ko Jaan Kar Bhi Mohit Na Ho, Veh Paramatma Hai”🙏🙏🙏
"अच्छा और बुरा का भाव तो ज्ञानी को भी होता है मगर उनको अनंत संसार नहीं है" 🙏🙏🙏
"🔥देह से मोह छोड़ तो सबसे छूट जाएगा 🔥" 🙏
"🔥अनुभूति के साथ तन्मयता हो तो बोलना सार्थक है बाकी सब वाचा ज्ञान है🔥" 🙏
"🔥करुणा से भरा हृदय होगा मगर निश्चय इतना दृढ़ होगा पत्थर पर खींची रेखा के समान 🔥" 🙏
Chaitanya Chaitanya Chaitanya 🪔🙏🙏🙏🙏🪔🙏🙏🙏🙏🪔
"🔥हम कहीं प्रत्यक्ष गुरुदेव को, कुंदकुंदाचार्य को पा कर भी हम मूढ कोरे न रह जायें🔥" भावों भीनीं चरण वंदना भगवन् 🙏
"🔥निर्विकल्प अनुभूति के संबंध में ही कहा जा सकता है ; अनुभूति को तो कहा ही नहीं जा सकता🔥"🙏
Chaitanya Chaitanya Chaitanya...
"अच्छे-बुरे भाव तो ज्ञानी को भी होते हैं मगर उन भावों में उन्हें अपनापन नहीं होता"🕉️🙏🕉️🙏🕉️🙏
"🔥आचार्य कुन्दकुन्द बनना है तो सिमटना होगा, समाज, परिवार, ये सब देह के संबंधी हैं मेरा देह से संबंध नहीं तो देह के संबंधियों में कैसा मोह?🔥" मौन चरण वंदना नाथ🔥🙏
“ Aur Beej Kya, Ki Gyaan To Ho Par Moh Na Ho”🙏🙏🙏
“ Magar Uss Gyaan Ki Dhara Mein Swabhav Ki Anubhuti, Anubhuti, Anubhuti Aur Yeh Gyaan Ki Dhara Kitni Sehaj, Nirlep Aur swatantra Hai”🙏🙏🙏
Cheitany pranam
Pranam! Chaitanya Chaitanya Chaitanya…🙏🙏🙏
"🔥काया की उपस्थिति में केवलज्ञान हो सकता है मगर अनंतानुबंधी माया की उपस्थिति में आत्मज्ञान भी नहीं हो सकता🔥" 🙏
भगवान आत्मा के जितने भी गुण गाये जाये उतने ही कम है
091
प्रणाम गुरुदेव!
निर्विकल्पतामें अनुभूति है वो सहज है!
अनुभूतिमात्र मैं हूँ ऐसी दृढ़ श्रद्धा हुए बिना ज्ञान और चारित्र मिथ्या है!
ध्रुव चैतन्यमें राग का प्रवेश नहीं! निर्विकल्प अनुभूतिके कालमें रागके विकल्पोंको अनदेखा किया! ज्ञानधारा इतनी सहज निर्लेप!
ज्ञेय लुब्धतासे मोह उत्पन्न होता है!
देहका मोह छूटा तो सब छूटा लेकिन सद्गुरूका प्रत्यक्ष सान्निध्य अनिवार्य!
अपूर्व अपूर्व!
"🔥ज्ञानी ज्ञान स्वरूप में इतने मसत हैं कि विकल्प का हिसाब नहीं रखते ;विकल्प की गाड़ियाँ आती हैं निकल जाती हैं🔥" 🙏
038 Anita Delhi Guruji Pranam 🙏🙏🙏. Aho upkar Guruji.
"राग की उपस्थिति में भी निर्विकल्प ध्यान हो सकता है मगर राग की उपस्थिति में केवलज्ञान नहीं हो सकता,,,,,,,
राग तो केवलज्ञान होने में बाधक है मगर देह तो केवलज्ञान होने में भी बाधक नहीं है" 🕉️🕉️🕉️
રાગાદિ ભાવોની ઉત્પત્તિ મા સ્વસંવેદન પ્રત્યક્ષ નિવિકલ્પ જ હું, વાસ્તવમાં હું હી હું જ છું બાકી કલ્પના છે. ચૈતન્ય💥
"हम दुकान पर मोह को एक्सचेंज करने जाते हैं" 🙏🙏🙏
"हम दुकान में वस्तु को खरीदने नहीं जाते, परंतु मोह को एक्सचेंज करने जाते हैं" 🕉️🕉️🙏🕉️🕉️🙏🕉️🕉️
राग की उपस्थिति में निर्विकल्प ध्यान हो सकता है मगर राग की उपस्थिति में केवलज्ञान नहीं हो सकता 🙏🙏🙏 115 मंजू
“ Magar Deh Ka Moh Chodne Se To Chutta Hi Nahi Hai, Jab Deh Mein Gyaan Gaya Nahi Aur Gyaan, Gyaan Mein Hi Anubhav Mein Aatta Hua, To Jaisse Hi Gyaan Anubhav Mein Aaya, To Essie Drashti Gayi Ki Yehi Main Aur Deh To Vahin Rehta Hai”🙏🙏🙏
जिस तत्व के आश्रय से आत्मा पूर्ण निर्विकल्प अवस्था को प्राप्त होता है उस अवस्था का आधार जो त्रिकाल ध्रुव चैतन्य तत्व है यही मै हूं 🙏🙏🙏 115 मंजू
"🔥जब देह में ज्ञान गया नहीं और ज्ञान ज्ञान में ही अनुभव में आरहा है ; जैसे ही ज्ञान अनुभव में आ रहा है उस पर दृष्टि गई "यही मैं" तब देह तो वहीं रहता है मगर त्रिकाल सत्ता में अपनापन स्थापित हो जाता है 🔥" 🙏
न देह मेरा,,,न पुण्य मेरा ,,,
न भाव मेरा,,,
ज्ञानी इन में कही नहीं,,,
ज्ञानी अपने ज्ञान में,,,
अनुभव अनुभव अनुभव
"जो सब कुछ जानते होने पर भी मोह न करें वे तो ज्ञानी हैं,,,,,,,
मगर जो लोकालोक में सब कुछ जाने मगर मोह न करें वह केवलज्ञानी हैं" 🙏🙏🙏
“ Iska Arth Jo Anubhuti, Bhitar Ki Itni Aalokik Ghatna Hai Ki Jahan Deh Ke Parmanu Mein Kahin Par Bhi Parivartan Dikhayi Nahi Diya, Essa Kaal Ka Essa Reh Kar Ke, Veh Uss Trikal Satta Mein Apnapan Sthapit Kar Detta Hai, Yehi Main, Ek Ek Vastu Mein Se Moh Chodne Jayoge To Chutega Kaisse”🙏🙏🙏
"🔥 मुँह मोड़ना समाधान नहीं है ये उपदेश की भाषा है, सत्य यह है कि ज्ञान को ग्रहण ऐसा कर कि अनंत काल का इतिहास ज्ञान में झलके तो भी कुछ न हो ; ये बीज यहांँ से डालना है - और यह बीज 👉 ज्ञान तो हो मगर मोह न हो🔥सब कुछ जान कर भी मोहित नहीं होता 🔥" मौन चरण वंदना नाथ🙏
भगवान आत्मा वाणी के द्वारा व्यक्त नहीं हो सकता
समाज में रहते है तो समाज के
संबंध संभालना होगा,,यह सबसे
बड़ा भ्रम है,,,
जो इससे छूटा वह लोकग्र पे
बिराजमान होता है,,,,
मोह कहते दर्शन मोहनिय,,,
माने मिथ्यात्व,,,,,,
Asankhyat pradesh hone par bhi mein akhand hoon🙏🙏🙏
🙏🙏🙏029
स्वभाव से मै त्रिकाल ध्रुव हूं अनादि अनंत एक रूप हूँ, असंख्य प्रदेशों के भेद होने पर भी मै अखंड हूं अनंत गुणों के भेद होने पर भी मै अभेद हूं 🙏🙏 🙏 115 मंजू
“ Hum Ek Vastu Ka Moh Chodne Aur Dusri Vastu Ka Moh Pakadne Dukaan Jatte hai, Vastav Mein Hum Moh Ko Exchange Karne Jatte hai” 🙏🙏🙏
"Darpan mein mor to nahin hai,mor ki parchaa bhi nahin hai . Gian ki prayay mein deh bhi nahin hai ,aur raag bhi nahin hai "
"भगवान आत्मा के जितने भी गुणगान गाये जा सकते हैं उतने कम हैं,,,,,
क्योंकि अन्ततः भगवान आत्मा वाणी के द्वारा व्यक्त नहीं हो सकता है,,,
जो स्वयं ही वचन से न्यारा है,,,,
जो स्वयं ही त्रिकाल मौन है, वह वाणी में व्यक्त कैसे हो सकता है❓ और जो वाणी स्वयं ही कुछ जानती नहीं है वह वाणी ध्रुव स्वरूप को व्यक्त भी कैसे करेगी❓
इसलिये वाणी का कोलाहल और कान के साथ में वाणी का टकराना यह सब बाहर के लोक का मेला है जहाँ कोलाहल होता रहता है,,,,
जैसे मेले में भीड़ है और भीड़ में कोलाहल है,,,,
मगर जो व्यक्ति अपने घर से मेले में गया ही ना हो, और अपने ही घर में वह एकांत-शांत स्वरूप का अनुभव करता हो,,,,
जहाँ मात्र सन्नाटा हो और कुछ भी नहीं है ऐसे ही निर्विकल्प अनुभूति है"
सविनय चरण स्पर्श गुरुजी 🙏🙏🙏 चैतन्य चैतन्य चैतन्य
"रामायण और महाभारत चेतन और अचेतन के कारण हुआ, रामायण खड़ी हुई थी चेतन के कारण, राम को भी सीता चाहिए थी और रावण को भी सीता चाहिए थी,,,,,
महाभारत में पांडवों को भी जमीन चाहिए थी और कोरवों को भी जमीन चाहिए थी" 🙏🙏🙏
देह होने पर भी मैं एक ध्रुव चैतन्यतत्व हूं
सत्ता शांत स्वरूपों,,,
जहां न बोलना,न सोचना ,न करना,,
024 Haresh Ahmedabad chaitanya chaitanya chaitanya pranam gurudev
"ज्ञानी ने राग द्वेष का लक्ष्य छोड़ दिया है, इसलिए पूर्वकृत कर्मों के अनुसार ज्ञानी को राग द्वेष के भाव होने पर भी निर्विकल्प अनुभूति में कोई बाधा नहीं होती हैं" 🙏🕉️🙏🕉️🙏
Chaitanya chaitanya chaitanya 🙏 128
मोह खतरनाक है,,,
निरंतर मोह की अदलाबदली,,,
मोह का रूपांतरण चलता है
जीवनभर,,,,
यही से चक्कर चलता है जन्म
मरण का,,,।
"आचार्य कुंदकुंद देव का समयसार जिनके हाथ में गया और वे जातिवाद, कुलवाद, सम्प्रदाय से उठ न पाये, उन्होंने तो समयसार को भी गंदा किया" 🙏🕉️🙏🕉️🙏🕉️🙏
115 Manju keolari 🙏🕉️🙏🕉️🙏
Nirvikalp anubhuti ke sambandh mein hi kahan jaa sakta hain,anubhuti ko kahan hi nahi jaa sakta🙏🙏🙏
Moh ka arth,sirf darshan moh,mithyatva hain,mohniya karm nahi🙏🙏🙏
034 Sadhana Babina chaitayna chaitayna chaitayna 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Kaaya ki upsthiti mein keval gyaan ho sakta hain, magar anantanu bandhi mayaa ki upsthiti mein Atmagyaan bhi nahi ho sakta hain🙏🙏🙏
तन से तलाक होने पर सब संयोगी संबंध छूट जाते है 🙏🙏🙏 115 मंजू
चरित्र मोहानीय के कारण रागद्वेष
तो पड़े है और ज्ञानी को ज्ञान की
धारा में सहजता से,,,,,,,,,,,,
अनुभूति,,, अनुभूति ,,,,,अनुभूति,,,।
स्वभाव से ,,मैं त्रिकाल शुद्ध,अनादि
अनंत एकरूप हु,असंख्य भेद होने
पर भी मैं अखंड हु,, अभेद हु,,
गुणभेद रहित,, राग रहित,,,।
098 Ramesh Rajkot 🔐🗝️🗝️🗝️