कुंडलिनी जागरण क्यों है खतरनाक
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- Опубликовано: 12 сен 2024
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कैसे होगी कुण्डलिनी जाग्रत How will the Kundalini awaken?
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कुंडलिनी जागरण क्यों है खतरनाक Why is Kundalini awakening dangerous?
कुण्डलिनी एक आध्यात्मिक शक्ति है जो हिन्दू दर्शनिक परंपरा में प्राचीन समय से प्रसिद्ध है। इसका मुख्य उद्देश्य आंतरात्मा की जागरूकता और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ाना होता है। यह एक प्रकार की शक्ति है जो चक्रों के माध्यम से प्रकट होती है, खास तौर पर मूलाधार चक्र से शुरू होकर सहस्रार चक्र तक पहुंचती है।
कुण्डलिनी शब्द का अर्थ होता है "घूंट" या "कोइल"। कुण्डलिनी शक्ति को एक सर्प की तरह समझा जाता है जो व्यक्ति के प्राणी शरीर में सुषुप्त अवस्था में सोती है। जब कुण्डलिनी शक्ति जागृत होती है, तब वह सर्प उठ कर ऊपर की ओर बढ़ती है। इसमें अत्यधिक शक्ति का अनुभव होता है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक अनुभूति और आंतरात्मा की साक्षात्कार तक पहुंचाता है।
कुण्डलिनी शक्ति की जागरूति साधना द्वारा होती है। इस साधना में ध्यान, प्राणायाम, और मंत्रसाधना का महत्व होता है। कुण्डलिनी जागरूति के दौरान व्यक्ति अनेक प्रकार के अनुभव कर सकता है जैसे प्रकाश, गर्मी, शांति, और आंतरात्मा की गहन अनुभूति। इसमें स्थितियों का अनुभव होता है और कई व्यक्तियों को क्रिया (स्वाभाविक गतियाँ) भी होती हैं।
कुण्डलिनी जागरूति की प्रक्रिया को समझना और अनुभव करना एक गंभीर साधना है जो सही मार्गदर्शन और गुरु की सहायता से ही संभव है। इस साधना को नियमित रूप से और ध्यानपूर्वक करने से व्यक्ति को आंतरात्मा की शुद्धि, प्रागतिशीलता, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
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