राजा हमीर देव आज भी आते है शिव जी के दर्शन करने | RANTHAMBORE

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 22 ноя 2024
  • रणथम्भोर के शासक हम्मीर देव चौहान के कुछ ऐसे पहलू ,जिन्होंने उन्हें इतिहास में अजर अमर कर दिया।
    सिंह सुवन, सत्पुरुष वचन,
    कदली फलै इक बार
    तिरिया तेल हमीर हठ,
    चढ़ै न दूजी बार।।
    महज 29 वर्ष की आयु में हमीर देव चौहान की वीरता का परचम पुरे हिन्दुस्थान में फ़ैल गया था. राजा हम्मीर ने अपने करिश्माई नेतृत्व के कारण चित्तौड़, मालवा और अबू पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। हमीर देव के पराक्रम और बुद्धिमता को देखते हुए महाराजा जैत्रा सिंह ने अपने 3 पुत्रो में से सबसे छोटे पुत्र हम्मीर को अपने जीवनकाल में ही सिंहासन सोप दिया था...
    हमीर देव चौहान वंश में पृथ्वीराज चौहान के बाद सबसे शक्तिशाली और बुद्दिमान शासक हुए..हमीर का जिगर शेर के सामान था जैसे शेर अपने लक्ष्य से नहीं चुकता उसी प्रकार हमीर ने भी जो एक बार थान लिया उससे कभी पीछे नहीं हठे ...और इसी हठ ने चौहान वंश को बढ़ा झटका झेलने पर मजबूर कर दिया ...
    अपनी हठ के कारण दिल्ली के तत्कालीन शासक अलाउद्दीन खिलजी के एक भगोड़े सैनिक मुहम्मदशाह को शरण दे दी। अलाउद्दीन खिलजी ने हमीर को संदेशा भेजा की वो मुहम्मदशाह को शरण ना दे और इस भगौड़े का सरकलम कर दे लेकिन अलाउद्दीन खिलजी कके इस प्रसताव को हमीर ने ठुकारा दिया....हमीर के शुभचिंतकों ने बहुत समझाया की वो मुहम्मदशाह को अपने राज्य से बहार कर दे लेकिन हठीले हमीर ने किसी की नहीं । हमीर रणथम्भौर दुर्ग की अभेद्यता पर भी विश्वास था, जिससे टकराकर जलालुद्दीन खिलजी जैसे कई लुटेरे वापस लौट चुके थे।
    हमीर की हठ से अलाउद्दीन खिलजी क्रोधित हुआ और रणथम्भौर दुर्ग पर आक्रमण दिल्ली से विशाल सेना लेकर निकल पड़ा ...कही महीनो तक अलाउद्दीन खिलजी की सेना रणथम्भौर दुर्ग तक नहीं पहुच सकी... खिलजी की सेना ने दुर्ग के सभी रास्ते रोक दिए जिससे दुर्ग में राशन की वयवस्था करना भी मुश्किल हो रहा था ... रणथम्भौर दुर्ग जाने के रास्ते में मिश्र दर्रा गेट पर आज भी आम के पेड़ मौजूद है। जो कि स्थानीय लोगों की इस किदवंती पर मोहर लगाते है कि यहां खिलजियों की सेना इतने समय तक डेरा डाले रही थी कि यहां सेना द्वारा खाये आमों की गुठलियों से पेड़ ही बन गये थे।
    हिन्दुस्तान का पहला साका रणथम्भौर में ही हुआ था।
    राजा हमीर देव चौहान ऐसे पराक्रमी राजा थे जो युद्ध में साके बिना नहीं जाते थे ,हमीर की सेना किले में से निकलने के साथ ही इन सैनिको के हाथो में केसरिया झंड़ा थमा दिया जाता था ,युद्ध भूमि में दूर से देकने में ऐसा प्रतीत होता था मानो सूर्य का तेज सैनिको के साथ युद्ध भूमि में लड़ रहा हो ... केसरिया रंग के ध्वज को युध भूमि में ले जाने का अर्थ मन जाता था की
    युद्ध में विजय ही होगी या फिर वीर गति को प्राप्त होगे। युद्ध में राजपूत वीरों को वीरगति मिलने के बाद क्षत्रानिया जौहर कर लेती थी। दोनों घटनाओं को ही इतिहास में साका कहा गया है।
    .
    राजा हमीर साका धारण कर अलाउद्दीन खिलजी की सेना को कुचलने के लिए अपनी सेना के साथ दुर्ग से बहार निकले और दुश्मन सेना को खदेड़ने के लिए युद्ध लड़ा यह युद्ध कई दिनों तक चलता रहा अंत में विजय राजा हमीर की हुई ...लेकिन ये जीत एक भूल से देखते ही देखते हार में बदल गई .. अलाउद्दीन खिलजी की सेना के साथ 1301 ई. में हम्मीर का युद्ध हुआ। 11 जुलाई 1301 ई. को हम्मीर देव अपनी सेना के साथ केसरिया धारण कर युद्ध में फतह का परचम लहराया... लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था ....
    मुगलो पर विजय प्राप्त करने की ख़ुशी में चौहान सैनिक इतने मदहोश हो गए की उनको ध्यान ही नहीं रहा की दुश्मन सेना का झंडा उनके हाथो में है ...हमीर के सैनिक विजय मुगलों की फताका लेकर दुर्ग की और आगे बढ़ते नजर आये ....यह मदहोशी रंथाम्बोर के लिए श्राप बन गई ...मुग़ल फताका को देखा कर दुर्ग के पहरेदारो ने शत्रनियो तक सन्देश पंहुचा दिया की हमीर देव युद्ध भूमि में वीरगति को प्राप्त हो गए .... यह सुनते ही उनकी पत्नी रंग देवी के नेतृत्व में राजपूत वीरांगनाओं ने जौहर किया कर लिया।
    यह हिन्दुस्तान का पहला जौहर भी कहा जाता है। राव हमीर जब दुर्ग में पहुंचे, तो यह दृश्य देखकर उन्हें राज्य और जीवन से वितृष्णा हो गयी। जिससे हमीर विजय होकर भी सिंगासन पर नहीं बैठ पाए ...वो दुर्ग में स्तिथ अपने आराध्य शिव के मंदिर में पहुचे और अपनी ही तलवार से सिर काटकर अपने आराध्य भगवान शिव को अर्पित कर दिया। यह वही शिव मंदिर है...जहा राजा हमीर देव चौहान के बाद इस दुर्ग पर शासन करने वाले मुगलों को भी शीश नवाना पड़ता था ...
    राणा हमीर देव चौहान बहुत बड़े शिव भक्त थे
    रणथम्भौर की सीमा के चारों ओर शिव को समर्पित मंदिर आज भी देखने को मिलते हैं। रणथम्भोर की सीमा में अमरेश्वर महादेव, झोझेश्वर महादेव, सोलेश्वर महादेव और कवलेश्वर महादेव आज भी हमीर देव चौहान की यादों को ताजा करते हैं। सोलेश्वर महादेव मंदिर के बारे में तो आज भी यह किदवंती प्रचलित है कि यहां हमीर देव की पुत्री पद्मला शिव को जलाभिषेक करने रात को आती है। रणथम्भौर दुर्ग में आज भी हम्मीर देव की पुत्री के नाम से पद्मला तालाब देखा जा सकता है।
    राव हमीर पराक्रमी होने के साथ ही विद्वान, कलाप्रेमी, वास्तुविद एवं प्रजारक्षक राजा थे। प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य महर्षि शारंगधर की ‘शारंगधर संहिता’ में हमीर द्वारा रचित श्लोक मिलते हैं। रणथम्भौर के खंडहरों में विद्यमान बाजार, व्यवस्थित नगर, महल, छतरियां आदि इस बात के गवाह हैं कि उनके राज्य में प्रजा सुख से रहती थी। यदि एक मुसलमान विद्रोही को शरण देने की हठ वे न ठानते, तो शायद भारत का इतिहास कुछ और होता। वीर सावरकर ने हिन्दू राजाओं के इन गुणों को ही‘सद्गुण विकृति’ कहा है।
    Social media :-
    Facebook - / thevillage.ind
    Twitter - / thevillage_ind
    Website:- www.thevillagei...
    • 😱 || BEST MOMENT EVER ...
    • यहाँ परिवार सहित रहते ...
    • बीसलपुर और रावण का रहस...

Комментарии • 38

  • @n.s.chauhan4983
    @n.s.chauhan4983 Год назад +4

    A Great King of Bharat unparalleled in history of World. He is living in the hearts of everyone.

  • @VijayDas-iw1kf
    @VijayDas-iw1kf 4 месяца назад +3

    Hamir dev ke samne swayam Mahadev prakat ho gye Dhanya hai aise hamir ji

  • @jaymangradarbarkhimaguda9945
    @jaymangradarbarkhimaguda9945 Год назад +5

    जय भवानी जय राजपुताना जय प्रथ्विराज सिंह चौहान

  • @neelamsaxena9355
    @neelamsaxena9355 2 года назад +10

    वाव गजब ,,,,,विजय होने के बाद ,,,एक छोटीसी‌भूल ने सबकुछ खत्म कर दिया ,,,,विजय की खुशी मे हमीर देव के सेनिक शत्रुओं की पताका झंडा लेकर महल को आए ओर पहरेदारों ने वीरगति की सूचना रानी रंगदेवी को दी ,,,,तभी 1300 हो रानियों ने जोहर किया ,,,हमीर यह द्रशयदेखकर अपने अराध्य शिव को अपनी गर्दन कांपकर चढ़ा दी ,,,

  • @jaibhagwansharmaj.b.sharma5534
    @jaibhagwansharmaj.b.sharma5534 Год назад +2

    जय महान शासक हमीर देव जी 🙏🙏
    नमन हो 🙏🙏
    जय 🇮🇳🇮🇳🇮🇳 हिन्द

  • @abhishekhindu7112
    @abhishekhindu7112 Год назад +2

    जय हो दादा हम्मीर देव चौहान

  • @yashrajchauhan934
    @yashrajchauhan934 7 месяцев назад +1

    🙏 Jai Rajputana 🙏 🔥 🔥🔥

  • @shivrajsharma220
    @shivrajsharma220 Год назад +1

    जय माँ भवानी जय महाराजा हमीर

  • @mgfilms7532
    @mgfilms7532 3 года назад +2

    सटीक जानकारी,very good

  • @oshorajput4415
    @oshorajput4415 Год назад

    Jai jai jai Chauhan Vansh Jai HAMMIR DEV CHAUHAN 🕉️⚔️🚩😎

  • @bhanpratapsingh368
    @bhanpratapsingh368 2 года назад +1

    Vah re veeron mein paramveer hamir Dev Chauhan Sahab Teri bhi Bahadur aur 13 sahas aur tera hath bhi Nirala tha sacche Insan Naam Lene per hi Anand a jata hai vah vah

  • @chauhanpruthvitaj8666
    @chauhanpruthvitaj8666 2 года назад +2

    Jay hamirdev chauhan...bahot satik jankari di aapne guruji..

  • @balendusoni8493
    @balendusoni8493 4 месяца назад

    Jai ho

  • @vijendravijay3050
    @vijendravijay3050 7 дней назад

    Jay shree Ganesh ❤❤❤

  • @guide_Vipuljain_ranthambhore
    @guide_Vipuljain_ranthambhore Год назад

    Nice 👍 video
    Welcome to Ranthambore 🐅🐆

  • @prashantjoshi9657
    @prashantjoshi9657 3 года назад

    सच में आपके चेनल का हर विडियो बहुत अच्छा है🙏

  • @lokchhetri9117
    @lokchhetri9117 7 месяцев назад

    Great 👍 ❤❤❤❤❤

  • @prashantjoshi9657
    @prashantjoshi9657 3 года назад +1

    Very good

  • @BhartiKumari-qs7lh
    @BhartiKumari-qs7lh Год назад +1

    सही है

  • @singhsahab3115
    @singhsahab3115 Год назад +2

    Chauhan samrajya zindabad

  • @manusethi5859
    @manusethi5859 10 месяцев назад

    Maharana Pratap bhi jinhe apna aadarsh mante ho vo veer tha hammir dev Chauchan

  • @vinodmeena8291
    @vinodmeena8291 2 года назад

    Grate

  • @snagrawal4898
    @snagrawal4898 2 года назад +1

    My village Raithal Tehsil Aamer Jaipur ka bhi Coverage kre

  • @m.k.musicjagmunda9136
    @m.k.musicjagmunda9136 3 года назад +2

    okj

  • @SaveUttarakhan11
    @SaveUttarakhan11 Год назад +1

    गलती से नही खिलजी से मिलकर उसने फोर्ट पे खिलजी का झंडा फहराया गया और रानियों और प्रजा ने अपने राजा की हार हुई समझ के जोहर किया था। सही जानकारी दिया करे धन्यवाद 🙏

    • @yuvrajbarod4172
      @yuvrajbarod4172 Год назад +2

      Fort par fleg nahi lagaya tha raja ke senik hi khilji ke seniko se dhanda chin kar durg ki or masti se lot rahe the par ghanda fekna bhul gaye or raniyo ne dusman ka ghanda drkh kar johar chalu kiya tha

  • @yuvrajbarod4172
    @yuvrajbarod4172 Год назад

    Sab chal kiya gaya tha ranmal duvara bundi ke rajya ke lalach me or baad me khud bhi mara or un rajvansiyo ke vansaj ghosi kahlate he or MP ke rajgad sajapur Sehor bhopal distik me nivas karte he abhi kuch saal pahle raniyo ke johar isthal se mitti lakar unka antim sanskar bhi karvaya jay ma chamunda

  • @chandanrajput1984
    @chandanrajput1984 Год назад +1

    Galat jankari

  • @redjohn138
    @redjohn138 2 года назад

    Stop spreading false information... U didn't tell about traitors ranmal n ratipal

  • @bhanpratapsingh368
    @bhanpratapsingh368 2 года назад

    Thodi si sipahiyon ki galti ne Paisa palat Diya nahin to bharatvarsh ka itihaas hi kuchh aur hota

  • @sumitachoudhary1908
    @sumitachoudhary1908 Год назад

    Khuch nhi mat bolo

  • @nandakishorrajput767
    @nandakishorrajput767 2 года назад +1

    फेक है राजपूत राजा बहुत ही चतुर महाराजा 5000 साल राज किया राजपूत राजा

  • @balveergurjar6337
    @balveergurjar6337 2 года назад +1

    Very good