रुद्रप्रयाग मंदिर एपिसोड-03 : नारी देवी मंदिर

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 13 сен 2024
  • आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप तुङ्गेश्वर महादेव और माता चंडिका का मंदिर
    #Radiokedar #91.2FM, #Pandvas, #Chardhamyatra, #Tungeshwarmahadev #TemplesinUttarakhand, #Communityradio, #Durgadhartemple, #Durgadhar Rudraprayag, Hariyali Temple,
    Radio kedar, 91.2 FM, Char dham yatra, Tungeshwar Mahadev, Temples in Uttarakhand
    Community Radio

Комментарии • 9

  • @Santoshsemwalofficial
    @Santoshsemwalofficial Год назад +1

    जय मां चंडिका जय तुंगेश्वर महादेव🙏🙏🙏

  • @onthaoff5866
    @onthaoff5866 3 месяца назад

    Jay nari Devi 🙏🏻❤️❤️

  • @devendraprasad3265
    @devendraprasad3265 8 месяцев назад

    Jai Mata di

  • @user-bf8ec7fy2r
    @user-bf8ec7fy2r 8 месяцев назад

    ❤❤❤

  • @DugDugiRajesh
    @DugDugiRajesh Год назад +1

    जय माता की

  • @Vinitahanukhatri
    @Vinitahanukhatri 9 месяцев назад

    jay ma chandika

  • @satendrapalsinghbartwal
    @satendrapalsinghbartwal Год назад +1

    जय बाबा तुँगेश्वर जय माँ चण्डिका। 💐

  • @Alagkavi77
    @Alagkavi77 Год назад +1

    Jay ho, dhanyawaad radio kedar ka jo aapne humari devi mandir par charcha ki, mata aapko humesa khush, samridh rakhein🙏

  • @BBSingh-xu4xe
    @BBSingh-xu4xe 9 месяцев назад +1

    यह मंदिर भगवान शिव शंकर के साथ पार्वती जी विराजमान हैं लेकिन यहां पर जगत जननी नोजुला की अधिष्ठात्री देवी है तथा गांव का नारी नाम पर रखा गया है मंदिर में शंकर जी अर्द्धनारीश्वर रूप में विराजमान हैं तथा शिव जी तुंगेशवर तथा चंडिका नारी देवी नाम से मशहूर है यहां पर पूजा व अनुष्ठान की प्राचीन परंपरा आज भी है शिवलिंग पर जलाभिषेक/दुग्धाभिषेक बेल पत्र आद😢 बिना धोती पहने नहीं कर सकते हैं तथा महिलाओं का प्रवेश वर्जित है क्योंकि यहां पर शिवलिंग बिना हस्तकमल के विराजित तथा पार्वती जी चंण्डिका स्वरूप को उग्र रूप होता है अतः। ऐसे मंदिर में शिवलिंग पर माता के सम्मुख छुआ या पूजा अर्चना महिला नहीं कर सकती हैं अतः अपशकुन माना गया है।
    चंण्डिका को पशु बलि दी जाती थी लेकिन वर्तमान में पूर्ण निषेध हैं ।