संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र संत हैं जिन्होंने समाज में व्याप्त तमाम कुरीतियों और बुराइयों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया। और देखते ही देखते उन्होंने अपने तत्वज्ञान से करोड़ों लोगों को नशा मुक्त, दहेज मुक्त, चोरी, बेईमानी, रिश्वत मुक्त बनाकर एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
बुद्ध ने शास्त्र विरुद्ध तपस्या की। अपने अनुभव का प्रचार करना शुरू कर दिया। जबकि उनका ज्ञान किसी भी धर्म शास्त्र से नहीं मिलता, जिससे व्यर्थ है। केवल परमेश्वर कबीर साहिब का ज्ञान ही शास्त्र अनुकूल है।
Kabir Is Supreme God परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बार-बार । जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।। अर्थ:- कबीर परमात्मा जी ने समझाया है कि हे मानव शरीरधारी प्राणी ! यह मानव जन्म बार-बार नहीं मिलता। इस शरीर के रहते-रहते शुभ कर्म तथा परमात्मा की भक्ति कर, अन्यथा यह शरीर समाप्त हो गया तो आप पुनः मानव शरीर को प्राप्त नहीं कर पाओगे।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है।
काल लोक में गलत साधना से सभी जीव दुःखी हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी धर्मों के शास्त्रों से सही भक्ति विधि बताकर मानव समाज पर बहुत बड़ा उपकार का काम किया है।
पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं। 🙏🙏🙏🙏🙏 सौ बरस सतगुरू की पूजा, एक दिन आन उपासी। वो अपराधी आत्मा, फिर पड़े काळ की फांसी। ============
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है। सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
परमेश्वर कबीर जी ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
🌺भक्ति,मुक्ति ले ऊतरे, ये मेटन तीनों ताप। मोमन के डेरा लिया, वो कहे कबीरा बाप।।🌺 🌺भक्ति, मुक्ति ले उतरे, इस पृथ्वी के माहीं। जीव उधारण जगतगुरु ,बार बार बाली जाहीं 🌺
🎯संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि युवाओं का नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान हो। हर व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करे। कोई किसी को ठगे नहीं। कबीर परमेश्वर जी की वाणी है - कबीर, आप ठगाईये, और न ठगिये कोय। आप ठगाये सुख होत है, और ठगे दुःख होय।।
हम काल के लोग में रहकर शास्त्र के विरुद्ध साधना करके अत्यंत कष्ट भोग रहे हैं अभी वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी वेद शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बता कर ज्ञान समझकर दीक्षा लेकर भक्ति साधना करके अपने जीवन सफल बनाएं
कबीर, गुरु बड़े हैं गोविन्द से, मन में देख विचार। हरि सुमरे सो वारि है, गुरु सुमरे होय पार।। कोटि कोटि सिजदा करूं, कोटि कोटि प्रणाम। चरण कमल में राखियो, मैं बांदी जाम गुलाम।। कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए। एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गाए।।
भारत सरकार से निवेदन है सभी चैनलों पर पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग अनिवार्य कर देने चाहिए। क्योंकि उनके विचार आत्मा को निर्मल बनाते हैं, मन के विकार दूर करते हैं। तभी दुराचार/दुष्कर्म/बलात्कार जैसी गंदगी समाप्त होगी और स्वच्छ समाज का निर्माण होगा।
”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“ पूर्ण संत चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा। सभी सद्ग्रन्थों के पूर्ण जानकार पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज हैं जो सतभक्ति देकर मानव को सभी बुराइयों से दूर कर रहे हैं।
कबीर, जीवन तो थोड़ा ही भला, जै सत सुमरन होय। लाख बरस का जीवना, लेखे धरै ना कोय।। सत्य साधना बिना बहुत लंबी उम्र हमारे कोई काम नहीं आएगी क्योंकि इस लोक में दुख ही दुख है। पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर नाम की कमाई करके हम सतलोक के अधिकारी हो सकते हैं। वर्तमान में वह पूर्ण संत रामपाल जी महाराज हैं।
Kabir is a supreme riyal god 🌹 देवता भी मनुष्य जीवन को तरसते हैं क्योंकि मोक्ष मनुष्य जीवन में ही हो सकता है। और यह मनुष्य जीवन हमें विशेषकर मोक्ष प्राप्त करने के उद्देश्य से ही मिला है। और परमात्मा का विधान है जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही कर्म दंड/फल मिलेगा अतः सत भक्ति करके यह अनमोल मानव जीवन को सफल बनाने का प्रयास करो।
पूर्ण परमात्मा इतना समर्थ होता है कि वह अपने शरण में आए हुए प्राणी जन के समस्त प्रकार के दुखों का नाश कर देते हैं वेद और भागवत गीता इस बात का हमेशा प्रमाण देते हैं, और बाईबिल,गुरु ग्रंथ साहिब और कुरान शरीफ भी इसी तथ्य को प्रमाणित करती है वह समर्थ अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
गीता अध्याय 15 श्लोक 4परमात्मा के उस परम पद को भलीभांति खोजना चाहिए जहां जाने के बाद साधक लौट कर संसार में नहीं आते। जिस परमेश्वर ने सर्व ब्रह्मांड की रचना की है तथा जिससे सभी प्राणियों की उत्पत्ति हुई है उसी परमेश्वर की भक्ति करो। विश्व में वह भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है।
अति आधिन दीन हो प्राणी,ताते कहिए ये अकथ कहानी उच्चे पात्र जल ना जाई,ताते नीचा हुजै भाई।आधिनी के पास है पूर्ण ब्रह्म दयाल।मान बड़ाई मारिए बे अदबी सिर काल।।
आत्मा को पाँचों तत्त्वों से भिन्न जानै। शरीर आत्मा नहीं है। निरंतर सतनाम का जाप करे। कबीर, जब जप करि के थक गए, हरि यश गावे संत। कै जिन धर्म पुराण पढ़े, ऐसो धर्म सिद्धांत।।
बुद्ध के मार्ग पर चलते चलते चीन, रूस जैसे देश नास्तिक बन गए। उनके अनुयायियों ये नहीं जानते कि भगवान कौन है और पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा। जबकि वेद प्रमाणित करते हैं कबीर परमात्मा ही पूर्ण मोक्ष दायक हैं।
गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञान दाता ने बताया कि हे अर्जुन! मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब प्रवृत हुआ हूँ अथार्त् श्री कृष्ण के शरीर में अब प्रवेश हुआ हूँ। सर्व व्यक्तियों का नाश करूँगा। विपक्ष की सर्व सेना, तू युद्ध नहीं करेगा तो भी नष्ट हो जाएगी।
हम सभी का मानना है कि भगवान दयालु हैं। तो प्रश्न यह उठता है कि प्रतिदिन इतने जीवों की होने वाली मृत्यु के पीछे किसका हाथ है? क्या भगवान हमारी मृत्यु से खुश हैं? जानने के लिए रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" बिल्कुल निःशुल्क प्राप्त करके पढ़ सकते
संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि, यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा घोर से घोर पापों का भी नाश कर देता है। ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5, सूक्त 163 मंत्र 1, 3 में प्रमाण है कि, यदि रोगी की आयु शेष ना हो और रोगी मृत्यु के निकट पहुंच गया हो तो भी परमात्मा उसे ठीक करके 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि श्री ब्रह्मा जी की महिमा का गुणगान करते हुए संत गरीबदास जी ने बताया है किश्री ब्रह्मा जी की संतान कितनी महान हुई है। जैसे 33 करोड़ देवता भी श्री ब्रह्मा जी (रजगुण) के कुल में जन्मे हैं और 88 हजार ऋषि जी भी श्री ब्रह्मा जी का कुल है। यह सब विस्तार श्री ब्रह्मा जी के वंशजों का है।
तुलसी विलंब ना कीजिए, भजिए नाम सुजान। जगत मजूरी देत है, क्यू रखे भगवान।। परमात्मा का सुमरन करो, इसका प्रतिफल तुम्हें परमात्मा से अवश्य मिलेगा जैसे मजदूर को काम करने के बदले उसको मजदूरी मिलती है।सुमिरन करने वालों पर परमात्मा की कृपा वर्षा अवश्य होती है ।। सुमिरन के योगों से बढ़कर कोई योग नहीं है साधारण योग से शरीर स्वस्थ हो सकता है मन नहीं मन को मारने के लिए भक्ति योग जरुरी है देखिए संत रामपाल जी महाराज जी कि सत्संग और पढ़िए पवित्र पुस्तक जीने कि राह व ज्ञान गंगा।।
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
Supreme God is Kabir, कबीर साहेब अविनाशी हैं। यहीं प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में है कि पूर्ण परमात्मा सशरीर शिशु रूप में प्रकट होता है और सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है।
गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म का केवल एक ओम् (ऊँ) अक्षर है। उच्चारण करके स्मरण करता हुआ जो शरीर त्याग कर जाता है, वह परम गति को प्राप्त होता है। देवी पुराण में प्रमाण है कि ऊँ का जाप करके ब्रह्म लोक प्राप्त होता है। गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में स्पष्ट है कि ब्रह्म लोक में गए साधक का भी पुनर्जन्म होता है।
♦️ श्राद्ध करने वाले पुरोहित कहते हैं कि श्राद्ध करने से वह जीव एक वर्ष तक तृप्त हो जाता है। फिर एक वर्ष में श्राद्ध फिर करना है। विचार करें:- जीवित व्यक्ति दिन में तीन बार भोजन करता था। अब एक दिन भोजन करने से एक वर्ष तक कैसे तृप्त हो सकता है? यदि प्रतिदिन छत पर भोजन रखा जाए तो वह कौवा प्रतिदिन ही भोजन खाएगा।
तत्वदर्शी संतों के सत्संग से श्रेष्ठ कोई भी तीर्थ नहीं है तथा तत्वदृष्टा सन्त के बताए मार्ग से साधना करने से कल्याण संभव है तीर्थ व्रत तप दान आदि व्यर्थ प्रयत्न है तत्वदर्शी संत के अभाव के कारण केवल चारों वेदों में वर्णित भक्ति विधि से पूर्ण मोक्ष लाभ नहीं है।।
जगतगुरु रामपाल जी से नामदीक्षा लेकर जीवन में आने वाले कष्ट रूपी ग्रहणों से मुक्ति पाएं वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं उनसे नाम दीक्षा लेकर अपने हर तरह के असाध्य कष्टों का निवारण करवाएं एवं भक्ति करके मोक्ष का रास्ता चुनें। यह समय विनाशकारी समय है और बिना तत्वदर्शी संत की शरण के जीवन, बिना पानी के कुएं की भाँति है। इस समय तत्वदर्शी संत की शरण में रहकर मर्यादा में भक्ति करने वाले ही मोक्ष प्राप्त कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।
Kaal k jaal m ese fas h ki hame bhakti shi s nhi krne deta h isleye gyan ko smjhe or aap na moksh krvave jaldi se jaldi sant Rampal Ji Maharaj ji ki Sharan m aake
आदरणीय दादू जी भी कबीर परमेश्वर के साक्षी रहे। कबीर साहेब उन्हें सतलोक लेकर गए और उन्हें वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान से परिचित करवाया। तीन दिन तक दादू साहेब जी अचेत रहे और जब कबीर साहेब ने दादू जी की आत्मा को पुनः पृथ्वी पर भेजा तो दादू जी ने अपने मुख कमल से कबीर परमेश्वर का गुणगान किया। जिन मोकू निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार | दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार || दादू नाम कबीर की, जै कोई लेवे ओट | उनको कबहू लागे नहीं, काल बज्र की चोट || केहरि नाम कबीर का, विषम काल गज राज | दादू भजन प्रतापते, भागे सुनत आवाज || अबही तेरी सब मिटै, जन्म मरण की पीर | स्वांस उस्वांस सुमिरले, दादू नाम कबीर ||
फजाइले जिक्र में अल्लाह कबीर साहेब का प्रमाण : थाजालीका सहारा लाकुम लीतू कबीरू बुल्लाह आला महादा कुम बसीरी रील मोहसीनीन (3) इसी तरह अल्लाह जल्ल शानुहू ने तुम्हारे लिए मुसख्खर कर दिया ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो।
गरीब , ज्यूं बच्छा गऊ की नजर मे यू साईं कू संत ।
भक्तो के पीछे फिरै भक्त वच्छल भगवंत ।।
हे मालिक इबके पार लगाइयो दाता
😭😭😭😭🙏
साधु साधु सब नेक हैं,आप आप आपनी ठौर।
जो सतलोक ले जावेंगे,वे सतगुरू कोई और।
Mya bohut vagyaban hun.
aisa satguru mil gaya.
koti koti dandwat parnam
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The great knowledge📚📚📚📚
Amazing satsang 👆👆👆👆👆
संत रामपाल जी महाराज जी ही एकमात्र संत हैं जिन्होंने समाज में व्याप्त तमाम कुरीतियों और बुराइयों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया। और देखते ही देखते उन्होंने अपने तत्वज्ञान से करोड़ों लोगों को नशा मुक्त, दहेज मुक्त, चोरी, बेईमानी, रिश्वत मुक्त बनाकर एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
हम हैं सतलोक के वासी , दास कहाए प्रकट भये काशी ।
नहीं बाप ना माता जाये , अविगत से हम चल आये ।।
बुद्ध ने शास्त्र विरुद्ध तपस्या की। अपने अनुभव का प्रचार करना शुरू कर दिया। जबकि उनका ज्ञान किसी भी धर्म शास्त्र से नहीं मिलता, जिससे व्यर्थ है। केवल परमेश्वर कबीर साहिब का ज्ञान ही शास्त्र अनुकूल है।
पृथ्वी लोक पर जो भी सुविधाएं मिल रही हैं, वो देवताओं के माध्यम से मिल रही हैं। उन्हीं के सच्चे मंत्र संत रामपाल जी महाराज बताते हैं।
साचा शब्द कबीर का, सुन सुन लागे आग ।
अज्ञानी सौ जल जल मरै ,ज्ञानी जाय जाग ।।
गरीब अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बंदी छोड़ कहाय।
सो तो एक कबीर हैं, जननी जन्या ना माय।।
ऐसा निर्मल ज्ञान है जो निर्मल करे शरीर।
और ज्ञान मंडलीक है, चकवे ज्ञान कबीर।।
काल ब्रह्म के प्रति हमारी आस्था बन गई इसलिए परमात्मा के ह्रदय से उतर गये।🙏🙏
*मानुष जन्म दुर्लभ है,मिले न बारम्बार।*
*जैसे तरुवर से पत्ता टूट गिरे ,बहुर न लगता डार।।*
अदभुत ज्ञान
Kabir Is Supreme God
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बार-बार ।
जैसे तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।।
अर्थ:- कबीर परमात्मा जी ने समझाया है कि हे मानव शरीरधारी प्राणी ! यह मानव जन्म बार-बार नहीं मिलता। इस शरीर के रहते-रहते शुभ कर्म तथा परमात्मा की भक्ति कर, अन्यथा यह शरीर समाप्त हो गया तो आप पुनः मानव शरीर को प्राप्त नहीं कर पाओगे।
बन्दी छोड़ सद ग्रुरू रामपाल जी माहाराज जी की जय हो
BANDI CHHOD SAT GURU RAMPAL JI MAHARAJ KI JAY HO 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 SAT SAHIB GURU JI 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💖💞💖💞❤️💗💞💗💗💞🙏
Bandi choad sarguru Rampal Ji Maharaj ji ki jai ho
कबीर परमात्मा की सदा ही जय हो
सतगुरु रामपाल जी महाराज जी का बहुत ही अच्छा ज्ञान है
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है।
काल लोक में गलत साधना से सभी जीव दुःखी हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी धर्मों के शास्त्रों से सही भक्ति विधि बताकर मानव समाज पर बहुत बड़ा उपकार का काम किया है।
है दाता आप हमे गसीटे हुए भी लेके जाना ।
पर लेके जरूर जाना ।
Das gru ji ka gru ji ko koti koti pernam
❤❤❤❤😂😂😂😂🎉🎉🎉🎉sat saheb je Jay bandi chor ki 🎉🎉🎉🎉😂😂😂😂❤❤❤❤
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏
कबीर परमेश्वर की जय हो 🙏
बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏 सत साहेब 🙏🙏🙏🙏🙏
Adhyatmik Gyan
Supreme satguru in whole world 🌎
दास का कोटि-कोटि नमन और दण्डवत प्रणाम मालिक तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के चरणकमलों में ❤🌹🙏
पूर्ण परमात्मा परम अक्षर ब्रह्म सतगुरू श्री कबीर साहेब जी के चरणों में बारम्बार प्रणामं।
🙏🙏🙏🙏🙏
सौ बरस सतगुरू की पूजा, एक दिन आन उपासी।
वो अपराधी आत्मा, फिर पड़े काळ की फांसी।
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बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अद्वितीय आध्यात्मिक सत्संग
मालिक जी के श्री चरणों में कोटि कोटि दंडवत प्रणाम 🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙇🙏🙏🙏🙏🙏
Great Guru G sat sat naman
God given spiritual knowledge
Real Spiritual Knowledge according to the Holy books 🙏🏽🙏🏽
गरीब, ऐसा सतगुरु हम मिलया, सुरती सिंधु के मांहि। शब्द स्वरूप अंग हैं, पिंड प्राण बिन छांही।
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से उपदेश लेकर कबीर साहेब जी की भक्ति करने से सतलोक की प्राप्ति होती है।
सतलोक अविनाशी लोक है। वहां जाने के बाद साधक जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है और पूर्ण मोक्ष प्राप्त करता है।
परमेश्वर कबीर जी ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
🌺भक्ति,मुक्ति ले ऊतरे, ये मेटन तीनों ताप।
मोमन के डेरा लिया, वो कहे कबीरा बाप।।🌺
🌺भक्ति, मुक्ति ले उतरे, इस पृथ्वी के माहीं।
जीव उधारण जगतगुरु ,बार बार बाली जाहीं 🌺
🎯संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि युवाओं का नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान हो।
हर व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करे। कोई किसी को ठगे नहीं।
कबीर परमेश्वर जी की वाणी है -
कबीर, आप ठगाईये, और न ठगिये कोय।
आप ठगाये सुख होत है, और ठगे दुःख होय।।
सात द्वीप नव खंड में, गुरु से बड़ा न कोय ।
करता करे न कर सके, गुरु करे सो होय ।।
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हम काल के लोग में रहकर शास्त्र के विरुद्ध साधना करके अत्यंत कष्ट भोग रहे हैं अभी वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी वेद शास्त्रों से प्रमाणित ज्ञान बता कर ज्ञान समझकर दीक्षा लेकर भक्ति साधना करके अपने जीवन सफल बनाएं
गुरुकी शरणा लीजै भाई। जाते जीव नरक नहीं जाई।।
गुरु कृपा कटे यम फांसी। विलम्ब ने होय मिले अविनाशी
कबीर, गुरु बड़े हैं गोविन्द से, मन में देख विचार।
हरि सुमरे सो वारि है, गुरु सुमरे होय पार।।
कोटि कोटि सिजदा करूं, कोटि कोटि प्रणाम।
चरण कमल में राखियो, मैं बांदी जाम गुलाम।।
कबीर, यह तन जावेगा, सके तो ठाहर लाए।
एक सेवा कर सतगुरु की, और गोविंद के गुण गाए।।
काया तेरी है नहीं तो माया कहा से तेरी होय सत भक्ति मार्ग मोक्ष मार्ग है संतो को वाणी से काया और माया दोनो को मोक्ष प्राप्त होता
Very nic pic kabeer is God nic video satsang gyan charcha sarguru Rampal Ji Maharaj ji ke Mangal Amrit Vachan 👌
भारत सरकार से निवेदन है सभी चैनलों पर पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग अनिवार्य कर देने चाहिए। क्योंकि उनके विचार आत्मा को निर्मल बनाते हैं, मन के विकार दूर करते हैं। तभी दुराचार/दुष्कर्म/बलात्कार जैसी गंदगी समाप्त होगी और स्वच्छ समाज का निर्माण होगा।
”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधुरे बैन विनोद।
चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“
पूर्ण संत चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा। सभी सद्ग्रन्थों के पूर्ण जानकार पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज हैं जो सतभक्ति देकर मानव को सभी बुराइयों से दूर कर रहे हैं।
Absolutely right
कबीर, जीवन तो थोड़ा ही भला, जै सत सुमरन होय।
लाख बरस का जीवना, लेखे धरै ना कोय।।
सत्य साधना बिना बहुत लंबी उम्र हमारे कोई काम नहीं आएगी क्योंकि इस लोक में दुख ही दुख है।
पूर्ण संत से नाम उपदेश लेकर नाम की कमाई करके हम सतलोक के अधिकारी हो सकते हैं। वर्तमान में वह पूर्ण संत रामपाल जी महाराज हैं।
सनक सनन्दन नारद मुनिजन शेष पार नहि पावे।शङ्कर ध्यान धरेनिश बासर अजहु ताहि ुुल्झाबे ।
Kabir is a supreme riyal god 🌹
देवता भी मनुष्य जीवन को तरसते हैं क्योंकि मोक्ष मनुष्य जीवन में ही हो सकता है।
और यह मनुष्य जीवन हमें विशेषकर मोक्ष प्राप्त करने के उद्देश्य से ही मिला है।
और परमात्मा का विधान है जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही कर्म दंड/फल मिलेगा अतः सत भक्ति करके यह अनमोल मानव जीवन को सफल बनाने का प्रयास करो।
Amazing knowledge
पूर्ण परमात्मा इतना समर्थ होता है कि वह अपने शरण में आए हुए प्राणी जन के समस्त प्रकार के दुखों का नाश कर देते हैं वेद और भागवत गीता इस बात का हमेशा प्रमाण देते हैं, और बाईबिल,गुरु ग्रंथ साहिब और कुरान शरीफ भी इसी तथ्य को प्रमाणित करती है
वह समर्थ अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब जी हैं।
गीता अध्याय 15 श्लोक 4परमात्मा के उस परम पद को भलीभांति खोजना चाहिए जहां जाने के बाद साधक लौट कर संसार में नहीं आते। जिस परमेश्वर ने सर्व ब्रह्मांड की रचना की है तथा जिससे सभी प्राणियों की उत्पत्ति हुई है उसी परमेश्वर की भक्ति करो। विश्व में वह भक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी के पास है।
अति आधिन दीन हो प्राणी,ताते कहिए ये अकथ कहानी उच्चे पात्र जल ना जाई,ताते नीचा हुजै भाई।आधिनी के पास है पूर्ण ब्रह्म दयाल।मान बड़ाई मारिए बे अदबी सिर काल।।
गरीब, मनुष्य जन्म दुर्बल है, मिले ना बारंबार। तरुवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लगता डार।।
कबीर, जिन मुख आत्म राम है, दूजा दुःख अपार।
मनशा वाचा कर्मना, कबीर सुमिरन सार।।कबीर, जिन मुख आत्म राम है, दूजा दुःख अपार।
मनशा वाचा कर्मना, कबीर सुमिरन सार।।
Very nice gyan 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Rampal ji Maharaj is complete Saint and Avtar of lord Kabir
आत्मा को पाँचों तत्त्वों से भिन्न जानै। शरीर आत्मा नहीं है। निरंतर सतनाम का जाप करे।
कबीर, जब जप करि के थक गए, हरि यश गावे संत। कै जिन धर्म पुराण पढ़े, ऐसो धर्म सिद्धांत।।
Supreme god kabir
Amazing satsang
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बुद्ध के मार्ग पर चलते चलते चीन, रूस जैसे देश नास्तिक बन गए। उनके अनुयायियों ये नहीं जानते कि भगवान कौन है और पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा।
जबकि वेद प्रमाणित करते हैं कबीर परमात्मा ही पूर्ण मोक्ष दायक हैं।
Original gyan
गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता ज्ञान दाता ने बताया कि हे अर्जुन! मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब प्रवृत हुआ हूँ अथार्त् श्री कृष्ण के शरीर में अब प्रवेश हुआ हूँ।
सर्व व्यक्तियों का नाश करूँगा। विपक्ष की सर्व सेना, तू युद्ध नहीं करेगा तो भी नष्ट हो जाएगी।
हम सभी का मानना है कि भगवान दयालु हैं। तो प्रश्न यह उठता है कि प्रतिदिन इतने जीवों की होने वाली मृत्यु के पीछे किसका हाथ है? क्या भगवान हमारी मृत्यु से खुश हैं?
जानने के लिए
रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तक "ज्ञान गंगा" बिल्कुल निःशुल्क प्राप्त करके पढ़ सकते
Guru ji k charno me dasi ka koti koti dandvat pranam
Very nice satsng
गरीब,नमन करुं गुरु देव को , दिन मे सौ -सौ बार।
काग पलट हंसा किया , करत ना लागी बार ।।
Nice gyan h
संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि,
यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा घोर से घोर पापों का भी नाश कर देता है।
ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2, 5, सूक्त 162 मंत्र 5, सूक्त 163 मंत्र 1, 3 में प्रमाण है कि, यदि रोगी की आयु शेष ना हो और रोगी मृत्यु के निकट पहुंच गया हो तो भी परमात्मा उसे ठीक करके 100 वर्ष की आयु प्रदान करता है।
📕परमात्मा तो सुख का सागर है।
फिर हमको दुख देने वाला कौन है?
पढ़ें अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा और जानें कई गहरे राज़।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि श्री ब्रह्मा जी की महिमा का गुणगान करते हुए संत गरीबदास जी ने बताया है किश्री ब्रह्मा जी की संतान कितनी महान हुई है। जैसे 33 करोड़ देवता भी श्री ब्रह्मा जी (रजगुण) के कुल में जन्मे हैं और 88 हजार ऋषि जी भी श्री ब्रह्मा जी का कुल है। यह सब विस्तार श्री ब्रह्मा जी के वंशजों का है।
Turu spiritual knowledgo
तुलसी विलंब ना कीजिए, भजिए नाम सुजान।
जगत मजूरी देत है, क्यू रखे भगवान।।
परमात्मा का सुमरन करो, इसका प्रतिफल तुम्हें परमात्मा से अवश्य मिलेगा जैसे मजदूर को काम करने के बदले उसको मजदूरी मिलती है।सुमिरन करने वालों पर परमात्मा की कृपा वर्षा अवश्य होती है ।। सुमिरन के योगों से बढ़कर कोई योग नहीं है साधारण योग से शरीर स्वस्थ हो सकता है मन नहीं मन को मारने के लिए भक्ति योग जरुरी है देखिए संत रामपाल जी महाराज जी कि सत्संग और पढ़िए पवित्र पुस्तक जीने कि राह व ज्ञान गंगा।।
कबीर परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में परमेश्वर कबीर जी तेजोमय रूप में आकर काशी के लहरतारा तालाब में बालक रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए, इसके प्रत्यक्ष दृष्टा ऋषि अष्टानन्द जी थे। वहाँ से नीरू नीमा ने परमेश्वर कबीर जी को अपने घर ले आये।
Bandi chhod ki Jay ho 🙏🙇🙌
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Nice satsang 🙏🙏🏻
Exalted precious evergreen blockbuster magnificent original spritual satsang dandwat pernam ho aapke charno me malik sat saheb ji ✋✋🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
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Supreme God is Kabir, कबीर साहेब अविनाशी हैं। यहीं प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 में है कि पूर्ण परमात्मा सशरीर शिशु रूप में प्रकट होता है और सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है।
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गीता अध्याय 8 श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म का केवल एक ओम् (ऊँ) अक्षर है। उच्चारण करके स्मरण करता हुआ जो शरीर त्याग कर जाता है, वह परम गति को प्राप्त होता है। देवी पुराण में प्रमाण है कि ऊँ का जाप करके ब्रह्म लोक प्राप्त होता है। गीता अध्याय 8 श्लोक 16 में स्पष्ट है कि ब्रह्म लोक में गए साधक का भी पुनर्जन्म होता है।
♦️ श्राद्ध करने वाले पुरोहित कहते हैं कि श्राद्ध करने से वह जीव एक वर्ष तक तृप्त हो जाता है। फिर एक वर्ष में श्राद्ध फिर करना है। विचार करें:- जीवित व्यक्ति दिन में तीन बार भोजन करता था। अब एक दिन भोजन करने से एक वर्ष तक कैसे तृप्त हो सकता है? यदि प्रतिदिन छत पर भोजन रखा जाए तो वह कौवा प्रतिदिन ही भोजन खाएगा।
हम पुर्ण परमात्मा की पुजा छोरके अन्य देवी देवता की पुजा करते है
Kabir is Good 👍
तत्वदर्शी संतों के सत्संग से श्रेष्ठ कोई भी तीर्थ नहीं है तथा तत्वदृष्टा सन्त के बताए मार्ग से साधना करने से कल्याण संभव है तीर्थ व्रत तप दान आदि व्यर्थ प्रयत्न है तत्वदर्शी संत के अभाव के कारण केवल चारों वेदों में वर्णित भक्ति विधि से पूर्ण मोक्ष लाभ नहीं है।।
Nicegyan
जगतगुरु रामपाल जी से नामदीक्षा लेकर जीवन में आने वाले कष्ट रूपी ग्रहणों से मुक्ति पाएं
वर्तमान में एकमात्र तत्वदर्शी संत जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं उनसे नाम दीक्षा लेकर अपने हर तरह के असाध्य कष्टों का निवारण करवाएं एवं भक्ति करके मोक्ष का रास्ता चुनें। यह समय विनाशकारी समय है और बिना तत्वदर्शी संत की शरण के जीवन, बिना पानी के कुएं की भाँति है। इस समय तत्वदर्शी संत की शरण में रहकर मर्यादा में भक्ति करने वाले ही मोक्ष प्राप्त कर सकेंगे। अधिक जानकारी के लिए देखें सतलोक आश्रम यूट्यूब चैनल।
Kaal k jaal m ese fas h ki hame bhakti shi s nhi krne deta h isleye gyan ko smjhe or aap na moksh krvave jaldi se jaldi sant Rampal Ji Maharaj ji ki Sharan m aake
आदरणीय दादू जी भी कबीर परमेश्वर के साक्षी रहे। कबीर साहेब उन्हें सतलोक लेकर गए और उन्हें वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान से परिचित करवाया। तीन दिन तक दादू साहेब जी अचेत रहे और जब कबीर साहेब ने दादू जी की आत्मा को पुनः पृथ्वी पर भेजा तो दादू जी ने अपने मुख कमल से कबीर परमेश्वर का गुणगान किया।
जिन मोकू निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार |
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार ||
दादू नाम कबीर की, जै कोई लेवे ओट |
उनको कबहू लागे नहीं, काल बज्र की चोट ||
केहरि नाम कबीर का, विषम काल गज राज |
दादू भजन प्रतापते, भागे सुनत आवाज ||
अबही तेरी सब मिटै, जन्म मरण की पीर |
स्वांस उस्वांस सुमिरले, दादू नाम कबीर ||
फजाइले जिक्र में अल्लाह कबीर साहेब का प्रमाण :
थाजालीका सहारा लाकुम लीतू कबीरू बुल्लाह आला महादा कुम बसीरी रील मोहसीनीन (3)
इसी तरह अल्लाह जल्ल शानुहू ने तुम्हारे लिए मुसख्खर कर दिया ताकि तुम कबीर अल्लाह की बड़ाई बयान करो।
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