मधुकलश, कविता-"पथभ्रष्ट" . विरोधो का सामंजस्य।।
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- Опубликовано: 15 окт 2024
- मधुकलश में संकलित कविता "पथभ्रष्ट"बहुत ही हृदय स्पर्शी है।जीवन की आलोचनाओं से न घबरातें हुए दृढ़ता के
साथ मंजिल पाना कवि हृदय की वाणी है।
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