कबीर, मानुष जन्म बड़े पुण्य से होई। नाम बिना झूठा तन खोई।। बहुत करें जप तप रे भाई। आदि नाम बिन मुक्ति नाहीं।। आदिनाम यानि सार शब्द के बिना मोक्ष नहीं हो सकता। वह आडंबर करने वालों के पास नहीं है। सारशब्द प्राप्त करके भक्त निराभिमानी होना चाहिए। काम (विषय वासना) लोभ, क्रोध आदि से बचे तथा सुका-फीका जैसा भी परमात्मा भोजन दे, उसमें संतोष करे। माँस-मदिरा, नशीली वस्तुओं का सेवन न करे और दिन-रात हमारा नाम यानि आदिनाम का स्मरण करे।
कबीर परमात्मा हर युग में आते हैं ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 18 कविर्देव शिशु रुप धारण कर लेता है लीला करता हुआ बड़ा होता है कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे कवि कहने लग जाते हैं वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर (कबीर प्रभु ) ही है
Kabir is God
Sat saheb ji ❤
true satsang of supreme god
Complete salvation true worship
कबीर, मानुष जन्म बड़े पुण्य से होई। नाम बिना झूठा तन खोई।।
बहुत करें जप तप रे भाई। आदि नाम बिन मुक्ति नाहीं।।
आदिनाम यानि सार शब्द के बिना मोक्ष नहीं हो सकता। वह आडंबर करने वालों के पास नहीं है। सारशब्द प्राप्त करके भक्त निराभिमानी होना चाहिए। काम (विषय वासना) लोभ, क्रोध आदि से बचे तथा सुका-फीका जैसा भी परमात्मा भोजन दे, उसमें संतोष करे। माँस-मदिरा, नशीली वस्तुओं का सेवन न करे और दिन-रात हमारा नाम यानि आदिनाम का स्मरण करे।
God given knowledge
कबीर परमात्मा हर युग में आते हैं ऋग्वेद मण्डल नं 9 सूक्त 96 मंत्र 18 कविर्देव शिशु रुप धारण कर लेता है लीला करता हुआ बड़ा होता है कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे कवि कहने लग जाते हैं वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर (कबीर प्रभु ) ही है
Aisa satsang kahin aur nahi