गीता महासागर | TH 374

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  • Опубликовано: 16 ноя 2024

Комментарии • 19

  • @surindermohan309
    @surindermohan309 Год назад

    Jai Sri Maa Jai Sri Aurobindo

  • @sonalgadhavi8488
    @sonalgadhavi8488 Месяц назад

    Jai maa 🙏🏻

  • @kasturinaik7378
    @kasturinaik7378 Год назад

    Om Namah Bhagabate MAA Sri Aurobindo ya Namaha 🌹💐🙏❤️

  • @yoginipatel8967
    @yoginipatel8967 Год назад

    Jay shree maa aur Prabhu 🙏🙏
    Namaste Aloksir 🙏
    Thank you so much sir for nice explanation 🙏

  • @suchitrasahu1767
    @suchitrasahu1767 Год назад

    Maa

  • @vimlakumari7339
    @vimlakumari7339 Год назад

    नमस्ते श्रीमान जी ।🙏🏻

  • @mkh2799
    @mkh2799 Год назад

    🙏

  • @shivnathrathod6392
    @shivnathrathod6392 Год назад

    👉🙏♥️

  • @motherbikashkumarsahoo2000
    @motherbikashkumarsahoo2000 Год назад

    SRIMAA 🙏SRI AUROBINDA🙏

  • @kinnaripatel8515
    @kinnaripatel8515 Год назад

    Thank you so much, for this wonderful deep dive into The Bhagwad Gita ! 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @beingsipritual6092
    @beingsipritual6092 Год назад

    Thank you alok dada

  • @kasturinaik7378
    @kasturinaik7378 Год назад

    Aloka Bhai 🙏🌹❤️

  • @birupakshyasingh2016
    @birupakshyasingh2016 Год назад

    🙏🙏🙏

  • @nanditabiswas8544
    @nanditabiswas8544 Год назад

    Excellent

  • @vilasarsode2914
    @vilasarsode2914 Год назад +1

    Divya jeevan par hindi series banaye sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @indrarao2542
    @indrarao2542 Год назад

    Sir please start Savitri class 🙏

  • @dipalopa3241
    @dipalopa3241 Год назад

    Alok ji gita mein bhi savitri ka gyan chupa huaa hai?

    • @AuroMaa
      @AuroMaa  Год назад +1

      भगवदगीता मुख्य रूप से कर्म प्रधान पथ के द्वारा अज्ञान से मुक्ति का मार्ग दिखलाती है। साथ ही यह कर्म के साथ ज्ञान एवं भक्ति, सांख्य के साथ योग और ईश्वर के साथ नश्वर जगत का अद्भुत समन्वय करती है। श्रृष्टि एवं श्रृष्टिकर्ता के संबंध, अवतार का सत्य, मानव जीवन की सार्थकता एवं अन्य कई रहस्यों को प्रगट करती है।
      सावित्री इन सभी सत्यों के दर्शन के साथ साथ हमें मानव नियति, जगत में घटित हो रही ईश्वर की लीला तथा भविष्य की संभावनाओं का द्वार भी खोलती है। इसके अतिरिक्त सावित्री हमें दिव्य जननी परमा मां और परम प्रभु से अदभुत साक्षात्कार की एक झलक प्रस्तुत करती है। इसमें विश्व और जड़ जगत का अद्भुत समन्वय है। ओर भी बहुत कुछ जैसे श्रृष्टि की रचना, भाग्य, कर्म सिद्धांत, मृत्यु, जीवन का लक्ष्य, इत्यादि विषय जो किसी आध्यात्मिक ग्रंथ में समुचित रूप से नहीं मिलते।
      भगवदगीता में कुछ संकेत तो हैं जिनका सावित्री में विस्तार है परंतु वे संकेत तभी स्पष्ट होते हैं जब किसीने श्री अरविंद को पढ़ा हो। किंतु सावित्री में बहुत कुछ ऐसा है जो किसी भी आध्यात्मिक ग्रंथ में नहीं मिलता। शायद वह काल और मानव पात्र श्री कृष्ण के समय इस वृहत और विस्तृत ज्ञान के लिए प्रस्तुत नहीं थे।

  • @MinuSharma-uk1fy
    @MinuSharma-uk1fy Месяц назад

    Jai sri Maa Jai sri Aurobindo