#विषहरी
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- Опубликовано: 7 фев 2025
- चंपानगर एक बड़े व्यापारी व्यापारी चांदो सौदागर शिव भक्त थे. ऐसा माना जाता है कि विषहरी शिव की पुत्री कहीं जाती है. लेकिन चांदो सौदागर शिवभक्त होते ही विषहरी की पूजा नहीं करना चाहते थे. विषहरी पर दबाव डाला गया कि चांदो सौदागर से मेरी पूजा कराई जाए लेकिन चांदो सौदागर नहीं माने और मां विषहरी अपनी पूजा करवाने के लिए चांदो सौदागर के पूरे परिवार को मारते चला गया चांदो सौदागर का छोटा बेटा बाला लखेन्दर की शादी के दिन ही मां विषहरी ने डस लिया सती बिहुला अपने पति के प्राण के लिए स्वर्ग लोक पहुंचे और स्वर्ग लोक से अपने पति के प्राण वापस लाएं चंपानगर स्थित मां विषहरी के मंदिर में अंत में चांदो सौदागर में बाया हाथ से बिसहरी की पूजा किया गया इसी परंपरा को अंग जनपद के लोगों ने 17 अगस्त और 18 अगस्त को धूमधाम से की पूजा की जाती है