मांसाहार से आपको परहेज नहीं, क्यों? | Why Shyam Manav is not against eating Non-veg food?

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  • Опубликовано: 20 сен 2024
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Комментарии • 732

  • @ramprajapati1436
    @ramprajapati1436 5 лет назад +221

    मत पूछो की मासाहार अच्छा ह या बुरा , बस इतना जान लो कि मरने का दर्द सबको बराबर होता ह

    • @vijaymandloi9377
      @vijaymandloi9377 5 лет назад +6

      Danto ki banavat se nahi pahchan sakte K manshahari manushy he apple ko khane K like Sher K dant chahiye ye batao in mahashay ko

    • @Akon1998hell
      @Akon1998hell 5 лет назад +6

      Bhai ped ko dard nahi hota? Khana chod do fir sab kuch

    • @nandlal5250
      @nandlal5250 4 года назад +1

      थैंक यू भाई।

    • @nandlal5250
      @nandlal5250 4 года назад +1

      राम प्रजापत जी धन्यवाद।

    • @jakharravindra2
      @jakharravindra2 4 года назад +1

      तो मरना तो सबको है हम नही मारेंगे तो जानवर खुद ही कितनी विकट परिस्थितियों में मरते है उसका भी थोड़ा ज्ञान रखो महोदय

  • @pradeepsahu1391
    @pradeepsahu1391 Год назад +10

    शाकाहार व्यक्ति केवल शाकाहार से जीवन भर रह सकता है
    लेकिन मांसाहारी को तो शाकाहार भी चाहिए रोटी चावल वगैरह

  • @nashp1694
    @nashp1694 Месяц назад +1

    मुझे खुशी है कि मैं मांसाहार कर सकता हूँ, मेरे जीवन संघर्ष में आगे रहने के लिए ये मैं कर पाया.

  • @MahendraKumar-cw1ho
    @MahendraKumar-cw1ho 5 лет назад +18

    विज्ञान का चाहे कोई भी मत हो, लेकिन फिर भी मनुष्य को एक बुद्धिमान प्राणी होने के नाते दूसरे जीवों को नहीं खाना चाहिए।अनाज,दूध,कन्द,मूल,फल,मेवा,मिष्ठान्न आदि बहुत कुछ है खाने के लिए।

  • @Amolsanghai108
    @Amolsanghai108 3 года назад +23

    श्याम मानवजी विज्ञान के पास दिल भी है या नही
    या सिर्फ बुद्धि पर ही जिओगे

    • @kishorthanki9661
      @kishorthanki9661 2 года назад

      निर्दोष पशु पंछी मछली को मारकर तडपाकर ,कुरता से मारकर उनके परीवार से अलग धलग करके सिरफ स्वाद के लीये मांसाहार करने को तुम पाप नही मानते तो इंनसान को मारकर भी सवाद चखो मांसाहार तो सबसे ज्यादा उसमे भी मीलजायेगा अपने मां बाप भाइ बेटी बेटा को भी मारकर खालो स्वाद के लीये वेसे भी दया धरम पाप पुन्य कीसीकी आहट चीखे दर्द पीडा परिवार से तो मांसाहारीओ को कोइ कतलो से मतलब होता ही नही है तो अपने अपने परिवारो को भी खानेलगो भुखडो अपनी भुख ओर स्वाद के लीये कीसीभी निर्दोष जीवो को खालो वैसे भी संपत विदेशी देश चाहते है की कीसीभी तरह इंनसानो को भी विदेशी जहरीले राशायणीक खाघो से ओर वेकसीनो से मार मारकर जन संखया 70 % नाबुद करके सिर्फ संपत ताकतवर मानवो को ही जी ने का हक है कमजोर छोटेलोगो को गरीब लोगो को निर्दोष पशुओ को जी ने का हक नही है इसीका नाम ही मांसाहार है ...
      जो दुध पीलानेवाली मां समान गौमाताओ का भी खुन चुसकर पीतेहो ओर गौमास खाते हो ऐसे निरदयो बेरहमीओ को कया समजाये मांसाहार के बारे मे ...
      सांयटेफीक ओर मानवो को भुख से मरने का तरक निकालकर स्वाद के लीये कोइभी तरक देशकते है ....
      पापीओ सुधरजाओ वरना कुदरत बार बार ,पायसचीत का मोका नही देता ...

    • @sandesh2906
      @sandesh2906 Год назад

      Ye mad hai full

    • @poonampandeywinwithme1132
      @poonampandeywinwithme1132 Год назад

      सही कहा यह मानसिक रोगी है

  • @swamimitradev736
    @swamimitradev736 Год назад +12

    मानव जी मानव का कार्य नहीं मांस खाना, आप बहुत सारे अच्छे कार्य कर रहे, किंतु कभी-कभी बहुत बुरा विचार आप देने लग जाते है

  • @APNECGSHOW
    @APNECGSHOW 10 месяцев назад +8

    जानवर की बली देना अंध श्रद्धा किन्तु जानवर को कांटकर खाना मानवता है। क्या महान विचार है? 🙏🙏🙏 धन्य है आप जैसे विचारक कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏

    • @cacavb
      @cacavb 7 месяцев назад

      . He didn't say anything about killing animal.. We should read vinoba bhave to know more it was written 50 years back.. Nobody asked back this.... He clarified it very well.. Whole hindu literature has these evidences

  • @newsindia8901
    @newsindia8901 5 лет назад +25

    Aap jaise log apne jeebh sawad ke liye kuch bhi kha sakte hai!!

    • @Monster-pq3bz
      @Monster-pq3bz 5 лет назад +4

      Tujhe kaise pata ki mansh swadist hota Hai.

    • @ramanprajapati675
      @ramanprajapati675 4 месяца назад

      To kya zaroorat hai non veg khane ki agar apke paas vikalp mozood h​@@Monster-pq3bz

  • @amitoshkarnsncertexplanati9819
    @amitoshkarnsncertexplanati9819 5 лет назад +49

    अगर दाँतों के आधार पर हिन् मांसाहारी घोसित करना है तो आदमी को कच्चा मांस खाना चाहिए वो भी आप स्टार्ट कर दो।

    • @rajveerrao546
      @rajveerrao546 5 лет назад +1

      Ap sahi keh rhe h ,
      Ek se ek chut iya h

    • @umakantghodraj9936
      @umakantghodraj9936 4 года назад

      Chutiya,aadmi ke cenine teeth mansahari janvar Jaise lambe aur sharp nahi hote aur samnevale incisor teeth, premolars/ bicuspids aur wisdom teeth/ third molars Jo Manav ko hote hai per mansahari janvar ko nahi hote hai Dusari baat donoki pachan Shakti alag hoti hai yaneki Manav Mishrahari hote hai. Sham Manavji scientific baat bata rahe hai murkh dharmandh!

    • @cacavb
      @cacavb 7 месяцев назад +1

      Actually evaluation mein yahi tha.. Kaccha mans.. Agriculture has been invented not more than 1000years before.. Before that human being had not much idea about what to eat how to eat.. So they use to live near rivers.. To have enough water and easily available fish

    • @altamashpatel2279
      @altamashpatel2279 Месяц назад +1

      Tu agar wakai sakha Hari hai to kitna paka hua chawal khata hai bus utna hi chawal bagair paka hua kha

    • @khokhonbabu5780
      @khokhonbabu5780 24 дня назад

      ​@@altamashpatel2279 bhai woh phal ,mewe,chane par jee lega magar kya tuhh kachha mans par jee lega satvic ahar mein toh ann se bhi parhez hai

  • @tejasvikafle7183
    @tejasvikafle7183 2 года назад +29

    इसीलिए कहते हैं कि उम्र में चाहे जितने बड़े लोग हों मगर जरूरी नहीं कि वो समझदार हो । आप को सद्बुध्दि मिले ।

    • @kishorthanki9661
      @kishorthanki9661 2 года назад

      निर्दोष पशु पंछी मछली को मारकर तडपाकर ,कुरता से मारकर उनके परीवार से अलग धलग करके सिरफ स्वाद के लीये मांसाहार करने को तुम पाप नही मानते तो इंनसान को मारकर भी सवाद चखो मांसाहार तो सबसे ज्यादा उसमे भी मीलजायेगा अपने मां बाप भाइ बेटी बेटा को भी मारकर खालो स्वाद के लीये वेसे भी दया धरम पाप पुन्य कीसीकी आहट चीखे दर्द पीडा परिवार से तो मांसाहारीओ को कोइ कतलो से मतलब होता ही नही है तो अपने अपने परिवारो को भी खानेलगो भुखडो अपनी भुख ओर स्वाद के लीये कीसीभी निर्दोष जीवो को खालो वैसे भी संपत विदेशी देश चाहते है की कीसीभी तरह इंनसानो को भी विदेशी जहरीले राशायणीक खाघो से ओर वेकसीनो से मार मारकर जन संखया 70 % नाबुद करके सिर्फ संपत ताकतवर मानवो को ही जी ने का हक है कमजोर छोटेलोगो को गरीब लोगो को निर्दोष पशुओ को जी ने का हक नही है इसीका नाम ही मांसाहार है ...
      जो दुध पीलानेवाली मां समान गौमाताओ का भी खुन चुसकर पीतेहो ओर गौमास खाते हो ऐसे निरदयो बेरहमीओ को कया समजाये मांसाहार के बारे मे ...
      सांयटेफीक ओर मानवो को भुख से मरने का तरक निकालकर स्वाद के लीये कोइभी तरक देशकते है ....
      पापीओ सुधरजाओ वरना कुदरत बार बार ,पायसचीत का मोका नही देता ...

    • @shivmalhotra448
      @shivmalhotra448 Год назад +1

      Bilkul shi

    • @madhup3403
      @madhup3403 Год назад +2

      आपके अज्ञान हिमालय इतना बडा है. पहले ज्ञान बडा वो बाद में कॉमेंट करो. राम सीता दोनो मांसाहार खाते थें ऐसे वाल्मिकी रामायण मे संदर्भ मिळतात हैं. बहुत सारे ऋषी मांसाहारी थे.

    • @Abstract945
      @Abstract945 Год назад +2

      @@madhup3403 ऐसा कही नही मिलता है मैडम। कुछ भी मत बोल दिया करिये।

    • @kapilbhardwaj4680
      @kapilbhardwaj4680 Год назад

      @@madhup3403 Teri maa khati hai suar. 🐖

  • @ramakantagarwal5307
    @ramakantagarwal5307 5 лет назад +22

    Hello sir aapke is Mansahari Tarak se Hum सहमत nahi hai aap apna Taarak dusro par mat Lado hum log aapko Dil Se sunte Hain Aapke Mansa Hari Bayan na दिल को बहुत दुखाया

  • @ankitgupta5466
    @ankitgupta5466 Год назад +11

    हम जब तक जानवर को खाते रहेंगे जब तक हमारे अंदर का जानवर जीवित है .. क्योंकि इंसानियत की सबसे बड़ी सीख यही है कि अपने कृत्यों से दूसरी को कष्ट नहीं होना चाहिए ये बात इंसान और जानवर दोनों में लागू होती है

  • @GiggleGrove911
    @GiggleGrove911 Год назад +3

    Non veg is optional when you are dying with hunger and there is nothing to eat veg ♦️

    • @tpb1006
      @tpb1006 2 месяца назад

      who said?? God?

  • @anjuthakur7001
    @anjuthakur7001 3 года назад +13

    माना की पूरी मानव प्रजाति मांसाहार करती है लेकिन हम तो शाकाहारी बन सकते हैं हमें किसने रोका है, वास्तविकता यह है कि इंसान के लिए कुदरत ने अनाज और फल आदि शाकाहार ही हमें दिया हैं,, हां ये बात अलग है कि जिन देशों में अनाज, सब्जियां नहीं होती वहा की बात अलग हैं

    • @rajivkumar7675
      @rajivkumar7675 2 года назад

      केवल दांतों की बनावट क्यों देखी जा रही आंतों की बनावट भी तो देखो परिस्थिति वश आदमी ने मांस भले ही खा लिया हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह हमेशा मांस खाए

  • @bhimsengoyal1067
    @bhimsengoyal1067 6 лет назад +68

    आज और अभी तक जितना मैंने आपको सुना बहुत प्रभावित हुआ लेकिन मांसाहारी वाले विषय पर मैं सहमत नहीं हूं।

  • @VinodKumar-sc9yu
    @VinodKumar-sc9yu 7 месяцев назад +2

    Perfectly said sir ❤️🙏

  • @killercomedies5051
    @killercomedies5051 Год назад +7

    जानवरों में चेतना का स्तर कम होता है, अगर मनुष्य जानवरों के दातों को देखकर उसकी तरह मांस खाए तो जानवरों के हर चीज को फॉलो करनी चाहिए।

  • @Durgesh__Yadav
    @Durgesh__Yadav 2 года назад +24

    कभी कच्चा मांस खाके देख लो
    पता चल जाएगा इंसान कितना मांसाहारी है और कितना शाकाहारी

    • @yashkale4139
      @yashkale4139 2 года назад

      right hai comment

    • @AdvaitVedanta981
      @AdvaitVedanta981 Год назад

      Pakka mans to janvar bhi kha jayega shakhahari khila ke dekh lena anda ya mans

    • @cacavb
      @cacavb 7 месяцев назад

      . He didn't say anything about killing animal.. We should read vinoba bhave to know more it was written 50 years back.. Nobody asked back this.... He clarified it very well.. Whole hindu literature has these evidences

    • @l1741
      @l1741 3 месяца назад

      वर्तमान मनुष्य का शरीर कच्चा मांस खाकर ही पाया है पक्का तो बहुत बाद में आया......
      खाना नही खाना अलग बात है पर इन्सान की बॉडी साकाहार ओर मसाहार दोनों को पचाने वाली थी ओर है

  • @rajeshsavalia
    @rajeshsavalia Год назад +8

    आपने तर्क दिया कि स्त्रियों को शाकाहार बनाने में ज़्यादा दिक्कत आती है इसलिए आपने धीरे धीरे मांसाहार शुरू कर दिया।
    मतलब इंसान की सुख सुविधा के लिए जानवर की बली या जानवर को यातना ?
    वाह क्या तर्क है भाई ।
    ये क्यू नही कह पाते कि मुझे धीरे धीरे इच्छा हुई और मैने शुरू कर दिया खाना।

  • @adwaitastroguru4233
    @adwaitastroguru4233 5 лет назад +9

    पिताजी बहोत हुशार थे। क्योंकि वे मांसार नहीं करते थे। उनके संस्कार ही लेना चाहिए।

  • @anjuthakur7001
    @anjuthakur7001 3 года назад +15

    आपके विचार मैं बहुत अच्छे से सुनता था लेकिन आज आपके ये विचार सुनकर हृदय मलिन हो गया,, जय राम जी की

    • @AshiquiDeewana
      @AshiquiDeewana Год назад

      Acha thum takur ho tho non veg nahi khate ho ? Bali nahi chadate ho

    • @ramanprajapati675
      @ramanprajapati675 4 месяца назад

      ​@@AshiquiDeewananope

  • @vilaskhapre5919
    @vilaskhapre5919 5 лет назад +8

    आपने जो तर्क दिया है की इनसान की दातो की बनावट कुदरती शाकाहार/मसाहार के माफीक है। ये आपका तर्क बिलकुल सही है। धन्यवाद।

  • @shekharmvm
    @shekharmvm Год назад +4

    क्या मांसाहार ही अंतिम रास्ता है।। जियो और जीने दो।। अप्राकृतिक तरीके से फसल और जानवर पैदा हो रहे हैं

  • @priteshozarkar2910
    @priteshozarkar2910 2 года назад +4

    Very Practical reply by Sir.....................

  • @ShubhamKarma-mw9uo
    @ShubhamKarma-mw9uo 2 месяца назад +3

    मांसाहारी ऐसे ही कुतर्क करके मांस का भक्षण करते है । 😂

  • @soongetsuccessful9281
    @soongetsuccessful9281 2 года назад +3

    Aapke ke andr abhi bht brhantiyan h scientifically bhi,practically bhi ar biologically bhi h, I completely refused yr words in a very strict manner

  • @jyjt2903
    @jyjt2903 3 года назад +26

    ईश्वर आपको सद्बुद्धी दे और ईश्वर मुझे भी सद्बुद्धी दे।मूक्या प्राण्यावर दया करा।जैसा करोगे वैसा भरोगे यह कुदरत का नियम है।धन्यवाद।

    • @saurabhawasthi4318
      @saurabhawasthi4318 2 года назад

      Listen to vaishanav saints... Don't waste ur time with fools

    • @kishorthanki9661
      @kishorthanki9661 2 года назад

      निर्दोष पशु पंछी मछली को मारकर तडपाकर ,कुरता से मारकर उनके परीवार से अलग धलग करके सिरफ स्वाद के लीये मांसाहार करने को तुम पाप नही मानते तो इंनसान को मारकर भी सवाद चखो मांसाहार तो सबसे ज्यादा उसमे भी मीलजायेगा अपने मां बाप भाइ बेटी बेटा को भी मारकर खालो स्वाद के लीये वेसे भी दया धरम पाप पुन्य कीसीकी आहट चीखे दर्द पीडा परिवार से तो मांसाहारीओ को कोइ कतलो से मतलब होता ही नही है तो अपने अपने परिवारो को भी खानेलगो भुखडो अपनी भुख ओर स्वाद के लीये कीसीभी निर्दोष जीवो को खालो वैसे भी संपत विदेशी देश चाहते है की कीसीभी तरह इंनसानो को भी विदेशी जहरीले राशायणीक खाघो से ओर वेकसीनो से मार मारकर जन संखया 70 % नाबुद करके सिर्फ संपत ताकतवर मानवो को ही जी ने का हक है कमजोर छोटेलोगो को गरीब लोगो को निर्दोष पशुओ को जी ने का हक नही है इसीका नाम ही मांसाहार है ...
      जो दुध पीलानेवाली मां समान गौमाताओ का भी खुन चुसकर पीतेहो ओर गौमास खाते हो ऐसे निरदयो बेरहमीओ को कया समजाये मांसाहार के बारे मे ...
      सांयटेफीक ओर मानवो को भुख से मरने का तरक निकालकर स्वाद के लीये कोइभी तरक देशकते है ....
      पापीओ सुधरजाओ वरना कुदरत बार बार ,पायसचीत का मोका नही देता ...

  • @govindvyas5927
    @govindvyas5927 3 года назад +9

    इस वीडियो को सुनकर ख़ुद पढ लीजिए कितने कॉमेंट में लोगो ने आपको गलत बुरा इन्सान बताया है आपके हिसाब से पाप पुण्य, ईश्वर, आत्मा कुछ नहीं होता हैं इसलिए खावो मास, शव, लाश एक कुशल वक्ता होने से ही कुछ नहीं होता है ये भी समझ में आ गया अब।

  • @deepaksarwa03
    @deepaksarwa03 5 лет назад +9

    आपको आदरणीय तो नहीं कहूँगा, क्यूँकि आपका आदरणीय चरित्र नहीं।
    आपके तर्क पर यह कहूँगा, मानव का जन्म खाने के लिए नहीं हुआ। शाकाहार हो या माँसाहार, यह सिर्फ शरीर तक सीमित है, शरीर से परे आत्मा है जहां पहुंचने के लिए पवित्रता की आवश्यकता है। आप किस तरह के हिन्दू परिवार में जन्मे जो इतनी सी बात नहीं समझ सके? खाने को कुल तीन किस्म की ऊर्जा में विभाजित किया जा सकता है।
    1 तामसिक ऊर्जा, आवश्यक नहीं यह मांस से ही आती है, बहुत सर ऐसे शाकाहार भोजन होते हैं जिससे यह ऊर्जा प्राप्त होती है।
    2 राजसिक ऊर्जा, यह मानव को अधिक मीठा, स्वादिष्ट खानपान से मिलता है।
    3 सात्विक ऊर्जा, यह मानव को सादा, स्वादहीन खानपान से प्राप्त होता है।
    मनुष्य के लिए तीनो ही ऊर्जा आवश्यक है, परंतु तीनो का संतुलन आवश्यक है कोई भी ऊर्जा अधिक होने से मानव का जीवन उसी ओर झुक जाता है जैसे कि माँसाहार अधिक होने से मानव अधिक सांसारिक भोग विलासता में जाता है और उसका आंतरिक बौद्धिक विकास बाधित होता है। अतः खानपान एक व्यक्तिगत निर्णय है जिसका पूरा पुरा फल उस खाने वाले को मिलेगा ही। इसलिए यह कहावत प्रचलित है *जैसा खाय अन्न वैसा बने मन*।

  • @jayantramteke959
    @jayantramteke959 3 года назад +5

    Shyam manawji ek bat batana tha sabse achha mas admi ka hota hai wah bahot hi poushtik hota hai ,insan janwar se bhi accha bhojan khata hai , tol tol ke khata hai ,mera apase niwedan hai ki ap aise insan dhundho jo bahut hi takatwar aur shaktishali hai ,aise insan ka mas bahut hi achha lagega janwar se bhi achha lagega apke chahnewale ko bol dijiyega ki we insan ka bhi mas ek bar khakar jarur dekhe bahut takat milegi ,aur 800 karod kam hijayenge ,aur jo bhi admi wo chij khayenge uska sare vitamins milenge ,jo nahi mil rahe the wo bhi mil jayenge jo apse niwedan hai ki ap ek bar try karake jarur dekhe ,aisa muze lagta hai ye bas mera tark hai agar achha lage to sabo bol dijiyega ki we insan ka mas khakar jarur dekhe

  • @akkaushikanil2154
    @akkaushikanil2154 3 года назад +3

    आप तथ्यो पर चलते है तथ्या भी तो सही होने चाहिएं।और अध्यायतम तथ्यो से भी आगे की सोचता है किसी भी जीव पर दया, करुणा, हमे अध्यायतम सिखाता है।बुद्धि होना कोई बड़ी बात नहीं बुद्धि हो तो सुबुधि हो नहीं तो ना हो।बुद्धि हो तो सुकनि जैसी नहीं सुदामा जैसी होनी चाहिए गरीब रह जाए कोई बात नहीं विनास्कारी नहीं होनी चाहिए.

  • @killercomedies5051
    @killercomedies5051 Год назад +1

    वाह! क्या तर्क है सब लोग शाकाहारी हो जायेंगे तो पेड़ पौधे खत्म हो जाएंगे। लेकिन सबसे ज्यादा शाकाहार तो वही करते हैं जिनका मांस मनुष्य खाता है उनके कारण तो पेड़ पौधे नहीं खत्म हुए पर मनुष्य के लोभ के कारण जरूर खत्म होंगे।

  • @govindwik9029
    @govindwik9029 Год назад +12

    Try to be vegetarian or vegan for u r own sake love and respect for all animal's and humans. 🙏🙏🙏❤️❤️❤️

  • @amolshinde9311
    @amolshinde9311 Год назад +4

    Right sir 👍🙏 जानकारी देने के लिए 🙏

  • @indypatel3737
    @indypatel3737 2 года назад +2

    मांसाहार नही करके जीव खुद पर ही उपकार करता है क्योंकि इससे भविष्यमे होनेवाले दुःखद परिणामसे खुदको बचा लीया! मांसाहार नही करके भी जो उसकी अनुमोदना करता है वह भी इतना ही पाप का भागीदार है!
    इस नश्वर शरीरको टिकानेमे कमसे कम हिंसा हो ऐसा करना विवेक है और खुदका हित समाहित है!

  • @sureshdohare8427
    @sureshdohare8427 8 месяцев назад +2

    Thankyou sir for sharing help full knowledge

  • @nirajraj1570
    @nirajraj1570 2 года назад +5

    His voice is too sharp.

  • @siddharthkhaire4248
    @siddharthkhaire4248 Год назад +4

    सुंदर ज्ञानवर्धक माहिती, जबरदस्त

  • @nilam4690
    @nilam4690 11 месяцев назад +3

    Always Grand salute 🙏 shyam manav sir, You are special and great person

  • @ravinderbishnoi3498
    @ravinderbishnoi3498 5 лет назад +14

    आपकी संकल्प शक्ति कमजोर है लोगों की देखादेखी अपने आचार विचार बदल लिये। शाकाहार उत्तम है।

  • @approachshail
    @approachshail Год назад +11

    First time i m disagreeing with Maanav sir, rationally logically and morally i have turned Vegan and Atheist.

    • @anupsalunkhe757
      @anupsalunkhe757 7 месяцев назад

      मजबूती अगर कोमलता के साथ नही आती तो उसे मजबूती नही मृत कठोरता केहते है, श्याम मानव एक उसका एक उदाहरण है. ये जरूरी नही की नॉन वेज न खाने वाला आदमी धार्मिक हो, पर हर धार्मिक व्यक्ति वेजिटेरियन जरूर होते है, करुणा वश वो non veg न खानेका चुनाव करेगा.. और करुणा धार्मिक ता की निशानी है. मच्छर मारने को मै नैसर्गिक प्रतिक्रिया मानता हू, पर मच्छर मारने मै मजा आता है इसिलिए मच्छर पैदा करके मारने को आदमी की हैवानियत कहता हु. Animal फार्मिंग वही तो है. श्याम मानव के तर्क से ये नजर आता है की वो शायद मृत कठोरता को सक्षित्व कहते होंगे.

  • @surendrajain594
    @surendrajain594 9 месяцев назад +2

    मानव जी मैं आपका बहुत सम्मान करता हु लेकिन नान वेज के मामले मेंअसहमत हूं कृपया आप लोगो को नॉनवेज के लिए प्रेरित न करे

  • @gyanprakashmishra6586
    @gyanprakashmishra6586 Год назад +2

    इंसान कच्चा मांस खा सकता है जैसे जानवर कच्चा मांस को पचा लेते हैं

  • @shyamkishorchaudhary2592
    @shyamkishorchaudhary2592 5 лет назад +10

    Fully wrong statement ,,,, please leave your decision ok sir😏😏😏😏😏😣😣😣🙄🙄🙄🙄🙄🙄

  • @poonampandeywinwithme1132
    @poonampandeywinwithme1132 Год назад +1

    श्याम मानव जी आप अपना इलाज कराएँ आप पूरी तरीक़े से मानसिक रोगी हो चुके हैं....साइंस आपका अच्छा इलाज करेगी....औऱ आशा है आप जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे...

    • @ShyamManav
      @ShyamManav  Год назад

      टॉपिक पे बात कीजिए।

    • @poonampandeywinwithme1132
      @poonampandeywinwithme1132 Год назад

      @@ShyamManav जिस हिसाब से आप बात करते हैं इससे तो यह लगता है कि आप ही इस दुनियाँ में श्रेष्ठ हैं बाकी दुनियाँ के सभी महान लोग धूर्त झूठे और मक्कार हैं...आपकी नजर में कोई तो श्रेष्ठ होगा उस पर चर्चा कीजिये कभी या आप स्वयं ही एकमात्र श्रेष्ठ हैं....

    • @chingariapkaapnaraju
      @chingariapkaapnaraju Год назад

      ​@@poonampandeywinwithme1132आपके भगवान राम क्षत्रिय थे तो क्या वो मांस नहीं खाते होंगे क्या मृगा का शिकार करने क्यों गए थे

  • @narendrasingh-fn4cg
    @narendrasingh-fn4cg 2 года назад +17

    मांसाहारी प्राणी मांस को चबाते नहीं बल्कि सीधे निगल जाते हैं। श्याम मानव जी क्या आप मांसाहारी होने के नाते मांस को सीधे निगलते हैं 😂😂

    • @kishorthanki9661
      @kishorthanki9661 2 года назад +1

      निर्दोष पशु पंछी मछली को मारकर तडपाकर ,कुरता से मारकर उनके परीवार से अलग धलग करके सिरफ स्वाद के लीये मांसाहार करने को तुम पाप नही मानते तो इंनसान को मारकर भी सवाद चखो मांसाहार तो सबसे ज्यादा उसमे भी मीलजायेगा अपने मां बाप भाइ बेटी बेटा को भी मारकर खालो स्वाद के लीये वेसे भी दया धरम पाप पुन्य कीसीकी आहट चीखे दर्द पीडा परिवार से तो मांसाहारीओ को कोइ कतलो से मतलब होता ही नही है तो अपने अपने परिवारो को भी खानेलगो भुखडो अपनी भुख ओर स्वाद के लीये कीसीभी निर्दोष जीवो को खालो वैसे भी संपत विदेशी देश चाहते है की कीसीभी तरह इंनसानो को भी विदेशी जहरीले राशायणीक खाघो से ओर वेकसीनो से मार मारकर जन संखया 70 % नाबुद करके सिर्फ संपत ताकतवर मानवो को ही जी ने का हक है कमजोर छोटेलोगो को गरीब लोगो को निर्दोष पशुओ को जी ने का हक नही है इसीका नाम ही मांसाहार है ...
      जो दुध पीलानेवाली मां समान गौमाताओ का भी खुन चुसकर पीतेहो ओर गौमास खाते हो ऐसे निरदयो बेरहमीओ को कया समजाये मांसाहार के बारे मे ...
      सांयटेफीक ओर मानवो को भुख से मरने का तरक निकालकर स्वाद के लीये कोइभी तरक देशकते है ....
      पापीओ सुधरजाओ वरना कुदरत बार बार ,पायसचीत का मोका नही देता ...

    • @narendrasingh-fn4cg
      @narendrasingh-fn4cg 7 месяцев назад

      @hiphopvideos37 हम तो सब्जी को भी चबा कर ही खाते हैं-- इसीलिए तो शाकाहारी है।
      लगता है आप बात को ठीक से समझ ही नहीं पा रहे हैं--- कहीं आप मांसाहारी तो नहीं है 😃

  • @ManOfSteel1
    @ManOfSteel1 Год назад +2

    maansahaar agar zarurat ho toh usse nazar andaaz kia jaa sakta hai jaise ki aapati kaal me lekin agar mazey aur swaad ke liye Kiya jaye jaise ke aaj ka yug jaha Har cheez zarurat se zyada available Hai. fruits vegetables annaj etc. maansahaar se ek cheez ka toh anumaan lagaya jaa sakta hai vyakti ke baare me ke usse dusro ke prati koi prem ya lagav nahi hai.

  • @policiesofdelhidevelopment9880
    @policiesofdelhidevelopment9880 3 года назад +43

    मानव जी आपके मासाहार पर अवैज्ञानिक विचारो को सुनकर आपके प्रति पहले वाला सम्मान न रहा व अन्य विषय पर आपकी प्रमाणिकता भी संन्देहजनक प्रतीत हो रही है !

    • @Anderson-xs1jq
      @Anderson-xs1jq 3 года назад

      U are wrong

    • @astromukeshawasthi
      @astromukeshawasthi 2 года назад +4

      He has lost a little trust now..

    • @narendrasingh-fn4cg
      @narendrasingh-fn4cg 2 года назад +2

      आपने बिल्कुल सही कहा है 👍👍

    • @AIMkalkivani
      @AIMkalkivani 2 года назад +5

      सही कहा आपने, ये राजीव दीक्षित जैसे क्रांतिकारी को भी गलत बोलते हैं

    • @AIMkalkivani
      @AIMkalkivani 2 года назад

      @@shivamsonwani97 एक जानवर दूसरे जानवर को मार इसलिए खाता है , की उसके प्रकृति भोजन मांस ही है, फल नही, प्रकृति के अनुसार हर जीव का अपना आहार है लेकिन मनुष्य का आहार मांस नहीं है, फल, सब्जिया, हर मौसम मे कई तरह के फसल

  • @soulfulakash875
    @soulfulakash875 4 года назад +7

    Ye bilkul galat baat hai sir,
    Insaan ki aanto ,body ki development and daanto ko normal isiliye banaya taki wo sabhi sakahari hai....na ki mansahar...

  • @akashchoubey4557
    @akashchoubey4557 Год назад +9

    मांसाहार पर आपको आचार्य प्रशांत जी से समझना चाहिए।

    • @l1741
      @l1741 3 месяца назад

      वह वर्तमान की बताते है क्योंकि बहुत बरबाद कर दीया परकृति को....
      लेकिन जन्मजात मनुष्य का शरीर साकाहारी ओर मसाहरी दोनों प्रकार का है
      बिलकुल बंद नही हो सकता कुछ रोक लगाना बहुत जरूरी है

  • @gyanprakashmalviyaurfanwar799
    @gyanprakashmalviyaurfanwar799 3 года назад +10

    मांसाहार राक्षस करते हैं मनुष्य नहीं । आप ने मानव लिखा खुद को लेकिन आप हो नहीं।

    • @pintunisad6382
      @pintunisad6382 3 года назад +2

      bharat me 70 parsent log masahri hai kya ye log rakhsas hai

    • @abhijeetbadhe7164
      @abhijeetbadhe7164 4 месяца назад

      ​@@pintunisad6382Ha rakshah he

  • @avdhutshindeshinde424
    @avdhutshindeshinde424 Год назад +2

    मजबुरी मे खाना पडे तो उसमे कोई गलत बात नही है लेकिन जान भुज कर खाना गलत हे

  • @MrPrasadsoman
    @MrPrasadsoman Год назад +2

    Saheb, nonveg is not acceptable by because,
    1.we should jio aur jine do.
    2. Why to kill and shed blood
    3. "Science" decomposition of fresh meat and dead animals has different values.

  • @ALOKRANJANHELPOTHERS
    @ALOKRANJANHELPOTHERS 4 года назад +5

    Hamko kabhi kabhi apka bakwas sunne me maja ata hai😁

  • @wallputty23
    @wallputty23 2 года назад +3

    मासाँहारी जीव का लक्षण है कि वे पानी जीभ से लपलप कर के पीते हैं
    जबकि शाकाहारी होंठों से पीते है (गाय आदि भी)

  • @gopalshukla8979
    @gopalshukla8979 5 лет назад +6

    Sabse jyada vitamins aur protin to admi ke veerya me hota usko bhi leliya kro sahab

  • @aryankarki7900
    @aryankarki7900 6 лет назад +8

    Interesting

  • @kamaljitsingh5209
    @kamaljitsingh5209 6 лет назад +16

    आपने बिल्कुल ठीक कहा। सबसे बड़ी बात कि हिन्दू होकर ये बात कहने की हिम्मत की। श्री राम चन्द्र जी भी जब वनवास गए तो उन्होंने भी मासाहार किया, हिरण हत्या इसका एक उदहारण है। हम इंसान गलत बातों में फसे हुए हैं, अगर मासांहार गलत होता तो भगवान मांसाहारी जानवर बनाता ही क्यूँ।

    • @Manviyaharshakahar
      @Manviyaharshakahar 5 лет назад +5

      रामायण में माँसाहार के विरुद्ध स्वयं की साक्षी
      श्री राम और श्री लक्ष्मण द्वारा यज्ञ की रक्षा
      रामायण के बाल कांड में ऋषि विश्वामित्र राजा दशरथ के समक्ष जाकर उन्हें अपनी समस्या बताते हैं की जब वे यज्ञ करने लगते हैं तब मारीच और सुबाहु नाम के दो राक्षस यज्ञ में विघ्न डालते हैं एवं माँस, रुधिर आदि अपवित्र वस्तुओं से यज्ञ को अपवित्र कर देते हैं। रजा दशरथ श्री रामचंद्र एवं लक्ष्मण जी को उनके साथ राक्षसों का विध्वंस करने के लिए भेज देते हैं जिसका परिणाम यज्ञ का निर्विघ्न सम्पन्न होना एवं राक्षसों का संहार होता हैं।
      जो लोग यज्ञ आदि में पशु बलि आदि का विधान होना मानते हैं, वाल्मीकि रामायण में राजा दशरथ द्वारा किये गये अश्वमेध यज्ञ में पशु बलि आदि का होना मानते हैं उनसे हमारा यह स्पष्ट प्रश्न हैं अगर यज्ञ में पशु बलि का विधान होता तो फिर ऋषि विश्वामित्र की तो राक्षस उनके यज्ञ में माँस आदि डालकर उनकी सहायता कर रहे थे नाकि उनके यज्ञ में विघ्न डाल रहे थे।
      इससे तो यही सिद्ध होता हैं की रामायण में अश्वमेध आदि में पशु बलि का वर्णन प्रक्षिप्त हैं और उसका खंडन स्वयं रामायण से ही हो जाता हैं।

    • @Manviyaharshakahar
      @Manviyaharshakahar 5 лет назад +6

      *श्री राम ने किसी हिरण की हत्या नही की थी।*
      रामायण के अनुसार वो कोई हिरण नही था असल मे वो एक मायावी बहरूपिया मारिच था जिसने सीता जी ओर रामजी को भ्रमित करने के लिए हिरण का छद्म भेष बनाया था।(ये ठीक इसी प्रकार था जैसे कि रात मे रस्सी को साप समझ कर भ्रम मे पड जाना,रेगिस्तान मे प्यासे को पानी नजर आना)
      असल मे मारीच भेष बदलने के अलावा तरह तरह की आवाजे (मिमिकरी) निकालने मे भी माहिर था।
      उसके इस छल के बारे मे लक्ष्मण जी ओर श्री राम जी को भी पता चल गया था,,
      जैसा कि बाल्मिक रामायण मे है-
      *शड्कमानस्तु तं दृष्टा लक्ष्मणो राममब्रवीत्।*
      *तमेवैनमहं मन्ये मारीचं राक्षसं* *मृगम् ॥अरण्यकांड त्रिचत्वारिश: सर्ग: 4॥वा॰रा॰*
      उस मृग को देख लक्ष्मण के मन मे सन्देह उत्पन्न हुआ ओर उनहोने श्री राम जी से कहा-मुझे तो मृगरूपधारी यह निशाचर मारीच जान पडता है।
      वास्तव मे वो सब बनावटी था इसके बारे मे लक्ष्मण जी ने श्री राम से कहा-
      *मृगो ह्मेवंविधो रत्नविचित्रो नास्ति राघव।*
      *जगत्यां जगतीनाथ मायैषा हि संशयः॥अरण्यकांड* *त्रिचत्वारिशत: सर्ग 7॥वा॰रा.*
      लक्ष्मण जी कहते है,है पृथ्वीनाथ!है राघव!इस धरतीतल पर तो इस प्रकार का रत्नो से भूषित विचित्र मृग कोई है नही।अत: निस्संदेह यह सब बनावट है ।
      अत: इन बातो से यह निश्चत है कि श्रीराम जानते थे कि वो बहरूपिया असुर मारीच था कोई हिरण नही,,
      लेकिन बेवकुफ लोग यहा भी प्रश्न करेंगे कि वो एक बहरूपिया था फिर भी श्री राम ने उसे क्यु मारा ओर उसका कसूर किया था,,
      उ०-अरे अंध भक्तो राम जी जानते थे कि वो पापी था क्युकि एक बार पहले भी श्री राम ने उसे क्षमा कर दिया था उसका ओर श्री राम जी का पहले भी सामना हुआ था,,
      खुद मारीच ने इस बात को रावण से कहा था कि वो कितना पापी था।

    • @Manviyaharshakahar
      @Manviyaharshakahar 5 лет назад +7

      भगवान श्री राम के बारे मे तुमको कूछ पता नही है तो कूछ भी मत बोलो। पहले पुरा रामायण पढो। तुम तो अपने स्वार्थ के लिए श्री राम को मांसाहारी कह रहे हो। कितनी शर्मनाक बात है।

    • @ritwikdas626
      @ritwikdas626 5 лет назад +2

      KS PABLA Bilkul sahi kaha aapney

    • @loverebel6632
      @loverebel6632 5 лет назад +1

      अब हम आपको मांसाहार के नुकसान का वैज्ञानिक दृष्टिकोण बताते हैं जिसके अनुसार मांस हमारे शरीर के लिए नुकसानदेय होता है।
      1. मांस खाने वाले ज्यादातर लोगों के अंदर चिड़चिड़ापन और ज्यादा गुस्सा होने के लक्षण पाए जाते हैं। ऐसे लोग स्वभाव से बहुत ज्यादा उग्र होते हैं। मांस खाने से आपके शरीर और मन दोनों अस्वस्थ बन जाते हैं।
      2. मांसाहारी खाने वाले लोग शाकाहारी की तुलना में गंभीर बिमारियों की चपेट में ज्यादा आते हैं। इन बीमारियों में हाई ब्लड प्रशेर, डायबिटिज, दिल की बीमारी, कैंसर, गुर्दे का रोग, गठिया और अल्सर शामिल हैं।
      3. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार मांसाहार का सेवन करना हमारे शरीर के लिए उतना ही नुकसानदायक होता है जितना कि धूम्रपान असर करता है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पका हुआ मांस खाने से कैंसर का खतरा बना रहता है।
      4. मांसाहार की तुलना में शाकाहारी भोजन सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। शाकाहारी भोजन करने से इंसान स्वस्थ, दीर्घायु, निरोग और तंदरुस्त बनाता है।
      5. आप सभी ने बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू का नाम सुना होगा। यह बीमारी मुर्गे और सुअरों के जरिए इंसानों तक पहुंचती है। यह बीमारी हमारे शरीर तक तभी पहुंचती है जब हम इस बीमारी से ग्रस्त जीव को खाते हैं। हर साल इसकी वजह से लाखों लोग मौत की चपेट में आ जाते हैं।
      6. दुनिया के एक चौथाई प्रदूषण का कारण मांस है। अगर दुनिया के लोग मांस खाना छोड़ दें तो 70 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाएगा।
      7. मांस खाने से इंसान की उम्र भी कम होती है।
      8. मांस खाना छोड़ने से काफी पैसों की बचत हो जाएगी जिसका इस्तेमाल आप किसी और काम में कर सकते हैं।
      9. विज्ञान के अनुसार शाकाहारी लोग मासांहार करने वालों की तुलना में डिप्रेशन का शिकार कम बनते हैं।
      10. मांसाहारी भोजन में गरम मसालों को स्वाद बढ़ाने के लिए डाला जाता है। इसे पचाने के लिए शरीर के अंगों पर ज्यादा दबाव पड़ता है।

  • @anishringarpure4741
    @anishringarpure4741 11 месяцев назад +1

    पूरी तरह से सहमत हु. और खास करके लैक्टोज इनटौलरंट लोगो के लिये याफिर दाल से गैसट्रीकनेचरवालेलोगोके लिये मछली से बढकै पोषण और कुछ भी नही

  • @दिनकरदासकडाळे

    जिनित हनी मतलब हिंसा हो रही है तो इसके बारे मे आपकी क्या सोच है जरा बताईये. सत साहेब जी....

  • @rameshwaramtiwari6295
    @rameshwaramtiwari6295 Год назад +6

    सकाहारी होना यानी हजारो पथ्थरो मे चमक ने वाला हिरा

  • @kumarraholrdx3315
    @kumarraholrdx3315 Год назад +1

    मैंने मांसाहार के पक्ष में इससे बड़ी बकवास इतने साजिंदा तरीके कभी नहीं सुनी , एक वो जाकिर नाइक के बाद श्याम जी आपका ही नाम हैं l

  • @Patel.nitin2369
    @Patel.nitin2369 5 лет назад +9

    Insan ki danto ki rachana mansahar ke liye nahi hai. Insan sakahari prani hai.

  • @vivekkumarchanda13
    @vivekkumarchanda13 5 лет назад +20

    जैसा खाय अन्न वैसा होय मन। पशु बुद्धि।

  • @dadwaal8599
    @dadwaal8599 Год назад +1

    जनसंख्या जायद ही बढ़ रही है इंसान इंसानों को खाने लगे तो कितनी ही समस्याएं खत्म हो जाएगी ना ?

  • @Anghora
    @Anghora 5 лет назад +12

    मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए अनेक मछलिओंकी प्रजाती नामशेष कर दी है
    बुद्धिजीवी और ध्यान साधना में रत लोगोंने शाकाहारी रहना चाहिए
    इसीमें सृष्टी का कल्याण है

  • @trueliner2
    @trueliner2 7 дней назад

    जो इंसान जानवर को कटवाने कि बात पर सहमत होता है तर्कहीन बात करता है उसके सारे विचार किसी काम का नही।

  • @ssdeep9441
    @ssdeep9441 5 лет назад +9

    Very very bad sir muje ape se asi asha belkul nahi thi ape ne apne purwajo ka naam mitti mein Mila Diya char kitaben kya padh li Apne Sare sanskar hi bhool gaye

  • @jugalkishorsharma5721
    @jugalkishorsharma5721 Год назад +3

    वाह रे मानव जी, मांसाहारी होने के पीछे दिये गये कुतर्क बड़े ही लचर है!

  • @shitendrasingh1271
    @shitendrasingh1271 4 года назад +4

    Sir apke tark bada bhramit karne wale hote h kabhi to pramanik tark diya karo

  • @shubhangidale9972
    @shubhangidale9972 2 года назад +5

    शाम मानव साहेब तुम्ही जे विचार सांगितले ते वास्तव सांगितले आहे आणि याच्याशी सहमत असतीलच असे नाही काहींना पटले काही लोकांना नाही पटले नाही पटूदे जे प्रत्यक्ष कृती आहे तेच सांगितले आहे असे स्पष्ट बोलणारे खूप कमी आहेत धन्यवाद

  • @515rama
    @515rama 3 месяца назад

    श्याम मानव श्याम को 8 बजे के बाद टुन्न राहता है

  • @meerasaijyoti259
    @meerasaijyoti259 5 лет назад +3

    What is anand in eating dead animal flesh. Healthy food healthy minds.

  • @Nareshb_97
    @Nareshb_97 Год назад +2

    Aap khudko sanatani hindu kehte hai Gandhiji ki tarah khudko Sanatani Hindu kehte hai😂😂😂
    Gandhiji Ahinsavadi the😂 appki tarah nahi

  • @Chandan_Advait
    @Chandan_Advait 6 месяцев назад

    इतिहास में जो किए मनुष्य अपने survival के लिए, पर अब पर्याप्त अनाज और सब्जी उपलब्ध है, और शाकाहार के फ़ायदे अब विज्ञान भी मानता है...भविष्य तो veganism का है...दया-करुणा-प्रेम...सीखो

  • @tarachandgupta9244
    @tarachandgupta9244 Год назад +1

    मानव का मांस खाने में भी परहेज क्यों?

  • @rameshwaramtiwari6295
    @rameshwaramtiwari6295 Год назад +2

    बकरी पाती खात हे ताकि खीची खाल ओर जो नर बकरी खात हे ताको का होये हाल , संत कबिर

  • @bhavesh3729
    @bhavesh3729 Год назад +1

    Duniya me vegetarian kitane hey or
    India me kitane hey pls sir research kre
    ।नमस्कार।

  • @anandraut6770
    @anandraut6770 6 лет назад +4

    Yes most of the time my mom makes nonveg when guest come

  • @charuchandraupasani5284
    @charuchandraupasani5284 6 месяцев назад

    पूर्ण असत्य है मानवजी का वक्तव्य, अकेले अमरिका में जितना अनाज निर्माण होता है, वह पूरे मानव जाती को पर्याप्त है | किसीं भी वस्तु का मूल्य यह दर्शाता है कि उसके उत्पादन के लिये कितने संसाधन व्यतीत हूए, यादि मछलिया इतनी विपुल और सहजप्राप्य है तो वे इतनी महंगी क्यो है? वह तो सब्जी से भी सस्ती होनी चाहिये! मांसाहार पर्यावरण का बडा शत्रु है, शाकाहार मनुष्य कि आयु बढाने में साहायक है और ये विज्ञानसिद्ध सत्य है, आज ज्ञात हुवा कि मानवजी छद्मवैज्ञानिक है

  • @vitthalshevade5826
    @vitthalshevade5826 5 лет назад +2

    Mai Shyam manav.ki har chij..se sahamat hun.lekin ye i.mansahar..hona chahiye. Use sahamat nahi Hun....ekdam galat hai..duniya me..shakahari pashu.onki.quantity..800 crore se jyada hai..vo ji.sakte hai.to aadmi.shakahari.banake Kyun nahi ji sakta

  • @helloshankarsoni3510
    @helloshankarsoni3510 4 месяца назад

    निरर्थक वक्तव्य, यदि मनुष्य के दांत की रचना पर यह निर्णय लिया जाता है, कि मनुष्य दोनो प्रकार का आदमी है, तो मनुष्य केपा पास एक और चीज भी होती है, जिसे विवेक कहा जाता है, इनकी बुद्धि और किसी जानकार की बुद्धि मे कोई अंतर नही है, यदि ये जानवरो को देखकर यह निष्कर्ष निकालते हैं कि मनुष्य जानवरो की तरह ही है, तो फिर ये मानवीय रिश्तो को क्यो मानते है, तब तो इन्हे भी जानवरो की तरह ही व्यवहार करना चाहिए, कोई मां नही, कोई बेटी नही, कोई बहन नही, सब केवल नर और मादा ही मानना चाहिए. इनके पास मानवीय संवेदना का बिल्कुल अभाव है,

  • @harishsinghmahara76
    @harishsinghmahara76 Год назад +2

    हत्या करके उसका आहार करना घोर अपराध है

  • @rksingh.rajput
    @rksingh.rajput 6 месяцев назад

    स्वतंत्रता, स्वच्छंदताऔर मजबूरी मेंअंतर होता है।

  • @aftabahmad9646
    @aftabahmad9646 11 месяцев назад +1

    Ek Dam sahi baat boli hai Sir ji Aap ne

    • @kailashgaur7779
      @kailashgaur7779 6 месяцев назад

      सुवर भी खाया कर ... हलाला की पैदावार

  • @pratikgaikwad6305
    @pratikgaikwad6305 13 дней назад

    इंसान और बंदर के दातोकी रचना एक जैसी है, लेकिन बंदर मांस नहीं खाता, जो मांसाहारी जानवर है ओ कच्चा मांस खा सकते है और पचा भी सकते है, क्या इंसान ऐसा कर पाएगा? , मांसाहारी लोग अपने हिसाब से मांस खाने के बहाने बनाते है, बस सीधी बात है..

  • @buriburizaemon3237
    @buriburizaemon3237 2 года назад +3

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
    श्याम मानव जी आप बहुत अच्छा काम कर रहे है आप के काम से बहुत सच्ची जानकारी लोगो तक पहुचा रहे है आप को शत शत नमन!!
    श्याम मानव जी जिंदाबाद!!!
    आप ऐसेही अच्छा काम करते रहे ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब आंबेडकर जी के विचार भी लोगो तक पहुचाईए।
    आप को जरूर पद्मश्री पुरस्कार मिलेगा!!!
    आप हमेशा तंदुरुस्त रहे !!!
    गांधीजी के विचार कभी न भुले!!!!
    धन्यवाद!!!🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @pravasjena3077
    @pravasjena3077 5 лет назад +16

    Then the old man .. if meat is your food. Than try to eat raw meat. You can realise what is right and wrong. Lion don't eat boil meat. Any bird don't eat boil meat. Don't misguide people. If it is your view . Keep in yourself. Don't misguide other.

  • @dipensarkar8891
    @dipensarkar8891 Год назад +1

    There are two types of people based on eating habits. People who eat nonveg, and philosophers.

  • @Nareshb_97
    @Nareshb_97 Год назад +2

    Sir islam ko bhi expose kariye dum hai toh😂😂😂

  • @chiruboy23
    @chiruboy23 26 дней назад

    Great explanation 👌

  • @dharmpalchopra8016
    @dharmpalchopra8016 3 года назад +1

    सभी लोगों पर आप अपनी बात नहीं थोंप सकते हैं,
    आपको जिंदा रहने के लिए क्या
    जरूरत थी मांसाहार करने की।
    अगर 90% लोग गलत काम करते
    हैं तो आप उनका अनुसरण करने
    के लिए तर्क देने लग जाएं तो अच्छा
    नहीं।

    • @rajivkumar7675
      @rajivkumar7675 2 года назад

      पहली गलती जनसंख्या बढ़ाने की फिर उसके लिए मांसाहार का तर्क देने की

  • @deshpremi6295
    @deshpremi6295 5 лет назад +8

    आधुनिक विज्ञान के अनुसार मनुष्य शाकाहारी है और धर्म तो शुरु से ही कहते हैं कि मनुष्य शाकाहारी है।

  • @GD-cr7dh
    @GD-cr7dh 5 лет назад +9

    एकही आदमीके पास सभी प्रश्नोके उत्तर नही हो सकते.

    • @rajivkumar7675
      @rajivkumar7675 2 года назад

      एकदम सही कोई व्यक्ति सर्वज्ञ नहीं होता

  • @dharmendrabirja5114
    @dharmendrabirja5114 4 года назад +7

    ठंड प्रदेशों में इंसान को जिंदा एवं स्वस्थ रहने के लिए यदि मांसाहार जरूरी है तो उसे मांसाहार करना अन्यथा शाकाहार

  • @ashwinindia484
    @ashwinindia484 9 месяцев назад +1

    Satya ek hi hota hai
    Do nahi

  • @neerajkamboj7468
    @neerajkamboj7468 Год назад +3

    Majboori samaj me aati hai magar aapka is baare me postive rai rakhna ek negative massege hi deta hai.

  • @sudhakarkothale5621
    @sudhakarkothale5621 6 месяцев назад

    माणसाची पचनक्रिया शाकाहारी आहे माणसांनी शाकाहार सहज उपलब्ध असल्याने शाकाहारी राहणेच चांगले आहे 😢😢

  • @rajendraborale447
    @rajendraborale447 4 года назад +3

    Very nice

  • @govindvyas5927
    @govindvyas5927 3 года назад +1

    आप मांसआहार करते हो यह जानने के बाद आज मेरी नजर में आप गिर चुके हो और केवल एक नास्तिक भटके हुए मानव हो मे तो समझता था कि आप बुद्धिमान सभ्य व्यक्ति हो लेकिन अब आपके सारे ज्ञान, वीडियो आपके तर्क सब कुछ विफल हो चुके है मेरे दिमाग से आप ईश्वर को ना मानने वाले लाश खाने वाले राक्षस हो आपके तर्क संगत answer का अब कोई प्रभाव मुझ पर नही होगा।