आप महान है आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम परंतु मेरे अनुसार समाज में कम बुद्धिमान लोग रहते है इससे समज में गलत संदेश जाएगा। आप राम कथा को details में कहे बाकी pransag को सिर्फ शॉट cut में कहे। जैसे prembhushan महराज जी इस तरह के प्रसंग को प्रणाम कर लेते है।
स्वामी जी प्रणाम 1--हमारे पुराने ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम ने माता अहिल्या को पत्थर की शिला रूप से अपने चरण स्पर्श करके उनका उद्धार किया था। जबकि आपके द्वारा माता अहिल्या को अदृश्य रूप में बताया गया है। कहीं भी शिला रूप का उल्लेख नहीं किया गया। 2--- आपके कथनानुसार यदि माता अहिल्या भी इस साजिश का हिस्सा होती तो महर्षि गौतम जी को यह पता होने के बाद उन्हें किसी भी दशा में अनुग्रहित नहीं किया जाता। 3-- एक तरफ आप माता अहिल्या के बारे में दुष्प्रचार कर रहे है वही दूसरी ओर ऋषि विश्वामित्र के द्वारा देव तुल्य और बड़भागी बता रहे हैं। 4--- यदि माता अहिल्या आपके हिसाब से चरित्रहीन होती तो भगवान राम स्वयं उनके पास चलकर नहीं आते। जबकि पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि माता अहिल्या इंद्र के छद्म भेष को नहीं पहचान पायी। महर्षि गौतम जी ने बिना सच्चाई जाने क्रोधवश उन्हें पत्थर की शिला बनने का श्राप दे दिया। और जब सच्चाई का पता महर्षि गौतम को मालूम हुआ तब महर्षि गौतम ने आक्रोश में दिए गए श्राप पर पश्चाताप किया और माता अहिल्या को यह वरदान देकर उन्हें अनुग्रहित किया कि त्रेता युग में भगवान श्री राम के चरण स्पर्श से आपका उद्धार हो जाएगा। और साथ में यह भी वरदान दिया कि त्रेता युग, द्वापर युग से पहले आएगा जिससे तुम्हें ज्यादा लंबा इंतजार ना करना पड़े। और यही हुआ पहले त्रेतायुग आया और बाद में द्वापर। तो फिर आपके हिसाब से क्या सभी पौराणिक ग्रंथ झूठे हैं ? आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि माता अहिल्या जैसी पवित्र, सती और देव स्वरूप नारी को बेवजह बदनाम ना करें।🙏
अरे मूर्खो पहले पढाई लिया करो फिर बोला करो। कभी बाल्मिकी रामायण को अध्यन करो तब पता चलेगा हकीकत। तुलसीदास जी ने इसीलिए नही बताई ज्यादा बाते क्युकी रामचरितमानस मर्यादा में लिखी गई है। और रामायण बाल्मिकी जी ने सब साफ साफ लिखा है। जैसे सीता माता के बारे में लिखा है को जयंत ने वक्ष स्थल में चोंच मारा था लेकिन तुलसीदास जी ने मर्यादा दिखाई और ऐसा नही लिखा। इसीलिए पहले पढ़ो
@@gunjansharma4616 आपके नाम से आपके जेंडर का पता नहीं चलता इसलिए असमंजस में हूँ कि आपको प्रिय भाई कहकर संबोधित करूँ या प्रिय बहन कहकर. वैसे आपने मेरे प्रति जिस तूं-तड़ाक की भाषा का प्रयोग किया है उससे आपकी उत्तम पृष्ठभूमि का पता ज़रूर चलता है🙂😊
इसके चेहरे से पता चलता है कि यह ढोंगी संत है अज्ञानी है ऐसे ढोंगी संतों का बहिष्कार होना सनातन धर्म के लिए बहुत ही जरूरी है इसके प्रवचन में बहुत सी बातें स्वयं ही झूँठी साबित हो रही है
पंचकन्या: स्मरेतन्नित्यं महापातकनाशम्॥- अर्थात अहिल्या (ऋषि गौतम की पत्नी), द्रौपदी (पांडवों की पत्नी), तारा (वानरराज बाली की पत्नी), कुंती (पांडु की पत्नी) तथा मंदोदरी (रावण की पत्नी)। इन पांच कन्याओं का प्रतिदिन स्मरण करने से सारे पाप धुल जाते l
Aap kis ramayan ki baat kar rahe hain aap kah rahe hain ki Devi ahilya ki ichcha anusar yah ghatna ghatit Hui to indra ko Gautam rishi ka bhesh dharan karne ke liye aapane bola tha Maharaj
Atleast learn to respect your Devas. As per Veda Devta don't have kamavasana , there is mantra on it. This story should not be true. As per Veda Indra loves unploughed land and Ahalya is unploughed land , hence Indra rains it and makes the land fertile. Even what gurudev told in Valmiki Ramayana Ahalya knew it was Indra she willingly commited the act , it was consenual.
@@mallikarjunking2100 कैसे कह सकते हैं इसमें जो बता रहा है इंद्र और अहिल्या की कहानी वो गलत है❓ क्या इंद्र ने अहिल्या के साथ संबंध नहीं बनाया? क्या इंद्र देवताओं का राजा नहीं है❓ जो भी रेफरेंस दिये है पहले खुद उसपर गौर करें वो भी वेद और रामायण की.
@@yashvant323 aapko ke baaton se saaf pata chalta hai ki aapko Veda ka kuch Gyan nahi hai main jo ved mein hai vo bata raha hoon , devtao ko kamvasna hoti nahi hai ye saaf likha hai , Devraj Indra kabhi aise kam nahi karenge mujhe apne devtao pe bharosa hai aur ved pe vishwas hai.
@@mallikarjunking2100 देवराज इंद्र ने अहिल्या के वेशभूषा बदलकर संबंध नहीं बनाया तो कौन था वो? क्या रामायण में जो लिखा है वो गलत है❓ क्या रामायण ही गलत है❓ क्या गौतम ऋषि ने जो शाप दिया था वो भी गलत है❓ क्या राम ने पत्थर रूप अहिल्या को अपने चरण से उद्धार किया वो भी गलत है❓ कितने को गलत साबित करेंगे
इदरदेव काम के वशीभूत था अहल्या का कोई दोष नहीं था किन्तु कुसंग के कारण उसे सजा मिली जैसे जहर जान कर पीवो या अनजान में वह मारता है संत को वही बताना चाहिए जिससे मनुष्य के मन में भरम पैदा न हो जय श्री राम
हम आपका बहुत सम्मान करते थे, आप उसी बाल्मिकी रामायण के बालकांड के 51 वा सर्ग: का श्लोक न. 6 वा पढ़ना समझ में आजाएगा देवी अहिल्या ने जानबूझकर नही किया था
अहिल्या की कथा बिल्कुल सही और प्रामाणिक कहीं है। पूज्य आचार्य की बात पर फ़ालतू बकवास टिप्पणी नहीं करना चाहिए। छिछली बिचार धारा के लोग अपने को जो बडा़ ज्ञानी समझते हैं वह संत और विद्वानों आचार्य पर शिष्टाचार को त्याग कर टिप्पणी करकने सामान्य शिष्टाचार को भी भूल जाते हैं।और अपने को बड़ा सनातनी और ज्ञानी समझते हैं। महाराज जी द्वारा प्रामाणिक कथा कही गई है। व
सबसे चरित्रहीन इन्द्र था । फिर भी पाखंडियों ने इसको देवराज इन्द्र कहा । और अंधभक्त भी वही गुणगान करने लगे । पुराण और शास्त्र ऐसी ही मनगढन्त कहानियों से भरे पडे है ।। नारी उत्पीडन हर युग मे हुआ ।
Areee matibhrast ... Tujhe patabhi hei maharajji koun hei 🙏🙏.... Ayodhya vaikunth ke ek anek pramukh mutt ke mahant maharaj hei aaur maharajji Sri Ramanujacharya ke srisampradya ke pramukh acharya hei .... Aap jese matibhrast log unhe kabhi samajh nahin payenge 🙏 Jay Sriman Narayana 🙏
@@swayam302 sri sampraday ke acharya hone se kya ho gaya? Aur kya yahi ekmatra sri sampraday ka pratinidhitv karte hai kya?inse bhi kai ucch koti ke acharya guru sadhu sant hoge sri sampraday ke
Guru Ragvachargya ji maharaj ki jay ho aap ne bilkul satya vachan bola hai yahi satya hai kyou ki satya ke saman koi dharma nahi hai kyou ki yahi satya hai Jay Shri Radhe Krishna
यदि अहिल्या सत्यवती नही होती तो न तो राम जी उनसे मिलने नहीं आते और नाही उनको प्रात समरन नारियों मैं भी नही गीना जाता इसलिए या तो वाल्मीकि जी ने गलत बोला या ये संत जी गलत बोल रहे है
माता अहिल्या ने कोई अनुमति नहीं दी थी, जब् नदी के किनारे इंद्र ने अपनी बात रखी थी, इंद्र ने तब गौतम का रूप बना कर अहिल्या कों छलने का योजना बना लिया था, ओर इंद्र ने ऐसा किया भी,इसके बाद गौतम ऋषि कों भी समझ आगया था की अहिल्या निर्दोष है ओर उनको ग्लानि हुआ तब् उन्होंने अहिल्या कों शापमुक्त किया।
हे संत संत बनिए, जैसे एक ग्रहणी अनाज से मिलावट कंकर पत्थर अपद्रवियोंिकाल देती है, तथा शुद्ध आटा तैयार करके खाना बनाकर परिवार को परोसती है, उसी प्रकार संत का कर्तव्य है कि अशुद्धता व मिलावट को निकाल कर समाज को शुद्ध ज्ञान दें, अब मुझे मालूम नहीं है कि आप यह किस तरह का ज्ञान दे रहे हैं, संत और ऋषि यों का कार्य अनुसंधान का भी होता है, अतः अच्छे प्रमाणित ग्रंथ ही पढ़ें, गलत ज्ञान न दें,
आजकल के स्वयम्भू तथाकथित वेद ज्ञान का रखने वाले मर्यादाहीन कथा सुना रहे हैं अहिल्या को पता नहीं थी कि गौतम के वेश इंद्र थे। यह आपकी कथा निराधार ॵर निर्थक है
सही कहा आपने गुरुजी अगर अहिल्या का कोई दोष नहीं रहता तो वह इतना दिन तक पत्थर बनकर नहीं रहती बिना गलती का कोई सजा मिल ही नहीं सकता आप एकदम सत्य बोल रहे हैं यह उलझन कमेंट करने वाले भाई थोड़ा संयम से कमेंट करें जय गुरुदेव जय सीताराम
आप कलयुगी संत है ऐसा कभी नहीं सुना गया है इस बात से सहमत नहीं आपकी भावना जैसी है और विचार वैसे ही है इस दुनिया में योगी के भेष में ढोंगी भी आ जाते हैं जय श्रीराम
भाई ये जगतगुरू स्वामी राघवाचार्य जी है , जगतगुरू रामभद्राचार्य के शिष्य ,ये गलत नही बता रहे है बाल्मिकी रामायण में यह कथा स्पष्ट है अब यह मत कहना की उसका अनुवाद गलत है । राघवाचार्य जी और इनके भाई विद्या भास्कराचार्य दोनो ही सर्व शास्त्र पारंगत है जिन्होंने शास्त्रार्थ में पूरे भारतीय विद्वानों को हराया है। जा करके सर्च कर लो you tube par विद्या भास्कराचार्य।
अप गलत हैं ये महाराज नहीं.... ये आपकी मानसिक कमजोरी का नतीजा है जो सीरियल से बना है ये महाराज पारंपरिक गुरु हैं ये असत्य प्रवचन न कर सकते समझे अपने आपको सीरियल और अंग्रेजो की कूटनीति से बाहर लाइए तब समझेंगे कि ये आचार्य भगवान सही कह रहे आप नही
@@SiddhantDixit-j1v देखिये मुझे किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना पसन्द नही लेकिन अपने इतिहास के सम्मानित लोगो के चरित्र पर सवाल उठाना बर्दाश्त नहीं आप भक्त हैं बने रहे और उस किताब का नाम भी बताइये जहा से आपके गुर ने Pick किया है मै किसी सीरीयल के आधार पर नही बोलती क्योंकि मै TV नही देखती अपनी सनातन संस्कृति से प्रेम कप्ती हूँ बहुत इसलिए मिथ्या बातों का विरोध किया
@@LovelySanghi-sc5ulसत्य को न स्वीकार करना भी अधर्म है अगर आप को संशय है तो पढ़ ले वाल्मीकि रामायण और इस से सामान्य लोगो को बोध मिलता है जो वो महत्वपूर्ण है सभी के लिए
मैडम कथा वाचक स्पष्ट बता रहे हैं कि बाल्मीकि जी ने लिखा है,फिर भी आपको शक हो रहा है। यह प्रसंग बाल्मीकि रामायण में है संस्कृत आती हो तो पुरानी बाल्मीकि रामायण पढ़ कर संतुष्ट हो सकती है। हिंदू धर्म घाल मेल वाला संप्रदाय है इसलिए यह कभी भी आगे नहीं बढ़ा और न बढ़ पाएगा।
भगवान को तो सुखचैनसे रहने दो। जैसे ही प्रसार माध्यम पेंडेमिक रोग की तरह फैल गया है , भगवान को तो अपमानजनक तोला जा रहा है। इसीलिए धर्म अपनी दहलिज के अंदर रखना चाहिए । भारत शासन को जरा सी अक्ल हो तो , इसी संदर्भ में कानूनी तौर पर कार्रवाई हो जानी चाहिये - वरना एक दिन सब मानव जाति ,भारतीय , जानवरों के रूप मे दिखाई देगी ।😢😢😢😢
My dear,saundary ki tareef kar do to koi bhi estri pagal hi jati hai! Ye estri ki kamjori hai.Esliye bholi estri ko prashansha ka jahar pilakar behosh karna yani sammoihit karna to Endra ka chal hi huaa! Kai Bar estri ki bhool bhi hi sakti hai magar Ye hamesha tabhi hoti hai jab swarth cash roop ki jati prashansha ki jaay! Lesson milta hai ki estri kisi ki prashasha me chhupa chal awasy saawdhani se dekhe! Fir ant me Ahilya ka param kalyankari bhi huaa hai!
परमादरणीय राघवाचार्य जी वास्तव में योग्य हैं पूज्यनीय एवं वंदनीय हैं आप जैसे संतो के कारण सनातन संस्कृति व संस्कृति चिरकाल तक बनी रहेगी ।आप जैसे संतो को कोटि कोटि चरण वंदन ।
🚩👉 *हो सकता है तेरी मम्मी की स्वेच्छा से इन्द्र से समागम हुआ होगा बट पौराणिक अहिल्या इन्द्र का कथानक तो दो पखवाड़ों में गौ+तम और इन्द्र के द्वारा रात्रि रुपी अहिल्या के उपभोग का अलंकार कथानक हैं*
मान्यवर, यदि इन्द्र व अहिल्या ने जानबूझकर यह काम किया होता तो इन्द्र को गोतम रूप किसको बहकाने के लिये रखना पङा। झूठ को सत्य बनाना भी पाप है।पता नही आप कौनसी बाल्मीकि रामायण के प्रवचन सुना रहे है।इन्द्र का छलिया रूप धारण करना ही अहिल्या के साथ छल करने का स्पष्ट प्रमाण है।वरना बाल्मीकि इस छलिया रूप का ही वर्णन नही करते ।
Absolutely true, if it was a willing act what was the need to camouflage as Rishi Gautam ,,,,, abe sale dhongi know the difference between learning and wisdom
यह वेद मंत्र का रूपालनकार हे।अहिल्या रात्रि है,चंद्रमा गौतम है, ये रात में रहते हैं।जब सूर्योदय होता हे तो इनका लय हो जाता है। सूर्य इंद्र हुआ।इसी मंत्र का क्षेपक है महर्षि दयानंद वाल्मिकी रामायण और रामचरित मानस में है।
🙏🇮🇳🔱🚩🌿 जय जय भगवन आप के श्री चरणों में शत कोटि कोटिश प्रणाम भगवन जय जय श्री सीताराम जय-जय हनुमान जी महाराज जी जय जय श्री कामतानाथ प्रभु जी 🇮🇳🔱🚩🌿🇮🇳🚩🔱🇮🇳🙏🙏
महाराज जी! वाल्मीकि रामायण के इस कथा का ज्ञान क्या गोस्वामी तुलसीदास जी को नहीं था ? जो उन्होंने केवल एक ही लाइन में इस कथा को कह दिया। क्या शास्त्रों की प्रत्येक बातें उजागर करने के योग्य है या सिर्फ उन प्रसंगों को कहना चाहिए जिससे समाज में एक अच्छा मैसेज जाए? अहिल्या माता का यह प्रसंग इतना विस्तार सहित कहने की आवश्यकता नहीं है। शायद इसलिए गोस्वामी जी महाराज ने कहा है। जे गांवहि यह चरित सम्हारे। तेइ एहि ताल चतुर रखवारे।। पूज्य स्वामी जी आप महान ज्ञानी हैं हमारी यह धृष्टता है कि हम आपको यह संदेश दें। 🙏😔🙏
मुझे तो ऐसा लगता है कि आप ने वाल्मीकि रामायण की व्याख्या अपने मनोभावों के अनुसार की है विना पुष्ट प्रमाण के इस प्रकार सार्वजनिक रूप से गलत संदेश देना अपराध है
श्री तुलसी दास रचित श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी जी ने सभी मतों की रक्षा करते हुए अहिल्या प्रकरण लिखा है, कुछ भी साफ नहीं लिखा है। अत्यंत गूढ़ शब्द पर चिंतन करने से प्रतीत होता है, कि व्यक्तिगत रूप से अहिल्या को इस पाप से मुक्त माना है। जबकि वाल्मीकि रामायण में कहा है, कि पहचान तो नहीं पाई, पर गौतम ऋषि की दिनचर्या के पता होते, यह शक करना चाहिए था, की ऋषि ऐसा भोर समय कैसे कर सकते है, जो नहीं किया, इसलिए पाप माना गया।
ऐसे ही बाबाओं की वजह से सनातन धर्म, संस्कृति का लोप और हिन्दू का मनोबल गिरता जा रहा है। हिन्दू को ऐसे बाबाओं के प्रबचन का विरोध करना चाहिए। ये नीच , भ्रष्ट बाबाओं को ऐसे विषय उठाने जो विवादास्पद है की इजाजत नहीं देकर विरोध करना आवश्यक है।
स्वामी जी कुकर्म करें कोई और लादा जय किसी और के ऊपर स्वामी जी ये नयी कहानी कहा से लाये नकली गुरुवो का त्याग करें जरूर देखें शाम 7,30से8,30साधाना TV संत रामपाल जी का मंगल प्रवचन
रामपाल जी को यदि शास्त्र ना होता तो शब्द कहां से मिलता शास्त्र से शब्द लेके बोलते हैं और आपना करनी क्या है हंस जी महाराज के पूरे परिवार को ज्ञान के प्रति शिकायत का कैसेट तैयार करके काठमांडू में एक संत के प्रोग्राम समाप्त होने के बाद रामपाल अपने आदमी से बटवा रहे थे रामपाल शिकायत करने के लिए जन्म लिया है ना कल्याण करने के लिए दूसरे संत के ज्ञान से इनको क्या मतलब रामपाल के आश्रम में लाश कहां से आया बाथरूम में कंडोम आश्रम में सेक्सुअल दवा जिसका परिणाम जेल मिला है रामपाल जी खुद कलंक दूसरे संत के ज्ञान को शिकायत का कैसेट तैयार करके मुफ्त बांटते हैं परिणाम कौन भागेगा
काश आप जैसे लोग वेदों से कुछ अच्छा ज्ञान जनता को देते तो हिंदू धर्म की यह दुर्गति न होती और हमारे धर्म का सम्मान भी मुस्लिम धर्म की तरह होता तो आप जैसे लोग क्या इस तरह से कुछ भी कह पाते आप लोग जिस पद पर बैठ जाते हैं और उसी से अपनी जीविका चलाते हैं, तो क्या आप पाप का नहीं खा रहे अगर आप को ज्ञान नहीं है तो कृपया अपना ज्ञान बढ़ाऐं और अच्छा ज्ञान जनता तक पहुँचाएं आज छोटी छोटी लड़कियां मेरे योगेश्वर श्रीकृष्ण और पुरूषोत्तम राम के चरित्र को उछाल कर अपना घर भर रहें हैं काश सरकार इसे बंद कर पाती
इन सारे कथा वाचकों को बैन कर देना चाहिये सबकुछ तोड़-तोड़कर सत्यानाश कर दिया… इन-अल्प ज्ञानियों को शर्म ना लिहाज़, केवल औरतों को ये ब्लू फ़िल्म दिखा-दिखाकर पटा रहे है…?
राघवाचार्य का hairStyle कमाल है,अद्भुत भी है, चेहरा भी एकदम सफाचट है, लगता है कि,दिन-वार-तिथि-नक्षत्र के निर्विशेष में श्री अवधेशानन्द-गिरि जैसे अवश्य रोज़ SHAVING होते होंगे... हद्द तो है लेकिन ऐसा भेस संतोचित अथवा आचार्योचित नहीं है, कदापि नहीं है...
आप महान है आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
परंतु मेरे अनुसार समाज में कम बुद्धिमान लोग रहते है इससे समज में गलत संदेश जाएगा। आप राम कथा को details में कहे बाकी pransag को सिर्फ शॉट cut में कहे।
जैसे prembhushan महराज जी इस तरह के प्रसंग को प्रणाम कर लेते है।
Vyavhar balatkar pahle bhi hoti thi sambhog mein jo Anand hai vah Swarg ka Anand hai vishvamitra aur Indra bhi piche nahin rahe
Ahilya aur Indra Raji the sambhog kya Anand Paya sambhog mein bada Anand hai🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Ahilyabai sambhog ka Anand chahti thi aur Indra aur ahilya ne sambhog Kiya Parmanand a Gaya🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Indra ahilya donon Badmash thi sambhog ke liye Raji the aur chori chori sambhog Kiya Muni Ko jab pata chala to khatiya khadi ho gai
माता अहिल्या परम सती व पतिव्रता थीं महाराज श्री आप का कल्याण हो ❤❤
स्वामी जी प्रणाम
1--हमारे पुराने ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम ने माता अहिल्या को पत्थर की शिला रूप से अपने चरण स्पर्श करके उनका उद्धार किया था। जबकि आपके द्वारा माता अहिल्या को अदृश्य रूप में बताया गया है। कहीं भी शिला रूप का उल्लेख नहीं किया गया।
2--- आपके कथनानुसार यदि माता अहिल्या भी इस साजिश का हिस्सा होती तो महर्षि गौतम जी को यह पता होने के बाद उन्हें किसी भी दशा में अनुग्रहित नहीं किया जाता।
3-- एक तरफ आप माता अहिल्या के बारे में दुष्प्रचार कर रहे है वही दूसरी ओर ऋषि विश्वामित्र के द्वारा देव तुल्य और बड़भागी बता रहे हैं।
4--- यदि माता अहिल्या आपके हिसाब से चरित्रहीन होती तो भगवान राम स्वयं उनके पास चलकर नहीं आते।
जबकि पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि माता अहिल्या इंद्र के छद्म भेष को नहीं पहचान पायी। महर्षि गौतम जी ने बिना सच्चाई जाने क्रोधवश उन्हें पत्थर की शिला बनने का श्राप दे दिया। और जब सच्चाई का पता महर्षि गौतम को मालूम हुआ तब महर्षि गौतम ने आक्रोश में दिए गए श्राप पर पश्चाताप किया और माता अहिल्या को यह वरदान देकर उन्हें अनुग्रहित किया कि त्रेता युग में भगवान श्री राम के चरण स्पर्श से आपका उद्धार हो जाएगा। और साथ में यह भी वरदान दिया कि त्रेता युग, द्वापर युग से पहले आएगा जिससे तुम्हें ज्यादा लंबा इंतजार ना करना पड़े। और यही हुआ पहले त्रेतायुग आया और बाद में द्वापर।
तो फिर आपके हिसाब से क्या सभी पौराणिक ग्रंथ झूठे हैं ?
आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि माता अहिल्या जैसी पवित्र, सती और देव स्वरूप नारी को बेवजह बदनाम ना करें।🙏
इस तरह के सन्त सनातन धर्म को बदनाम करने है
ऐसे तथाकथित धर्मगुरुओं का बहिष्कार कर उनका पर्दाफाश भी किया जाना चाहिए.
अरे मूर्खो पहले पढाई लिया करो फिर बोला करो। कभी बाल्मिकी रामायण को अध्यन करो तब पता चलेगा हकीकत। तुलसीदास जी ने इसीलिए नही बताई ज्यादा बाते क्युकी रामचरितमानस मर्यादा में लिखी गई है। और रामायण बाल्मिकी जी ने सब साफ साफ लिखा है। जैसे सीता माता के बारे में लिखा है को जयंत ने वक्ष स्थल में चोंच मारा था लेकिन तुलसीदास जी ने मर्यादा दिखाई और ऐसा नही लिखा। इसीलिए पहले पढ़ो
भाई वो बदनाम नही कर रहे को बाल्मिकी रामायण में लिखा है वो बता रहे है। अगर यकीन न हो तो बाल्मिकी रामायण पढ़ो
बालकांड के 48 सर्ग में बाल्मिकी रामायण में
माता अहिल्या जी को बदनाम करने और हमारे महान श्री कृष्ण व पारारार ऋषि को इन्ही दुष्टो ने बदनाम किया है
Ye katha Satya hai
अहिल्या पर दोषारोपण आपके कथा को अविश्वसनीय बना रहा
मैं आपकी बात से बिल्कुल सहमत 🙏
उनके पास ऑथेंटिक रेफरेंस है या नही...इस पर ध्यान गया
Bhramno ko badnam kerne me ye log koi kashr nnhi chode rha h ey bhai sub jooth fala ker es desh ka bhot bura haal kerne wale hey kuch chuuu
Kya aapne adhyan kiya hai
Abe ye वल्मिक ramayan kah rahe hai
इन्द्र, वशिष्ठ ये सब उपाधिया है समाज को चरित्र व बलिदान की शिक्षा दो नाकि हमारे महान पुर्वज पर लान्छन
यदि अहिल्या जान रही है की इंद्र गौतम के वेश में हैं तो इंद्र को गौतम बनने की क्या जरूरत थी महाराज
वाह, बहुत खूब... अब क्या कहेंगे स्वामी जी 😊
@@bireshkumar806 tumhare kahne se kuchh nahi hota... yah Valmiki Ramayan me likha hai
@@gunjansharma4616
आपके नाम से आपके जेंडर का पता नहीं चलता इसलिए असमंजस में हूँ कि आपको प्रिय भाई कहकर संबोधित करूँ या प्रिय बहन कहकर. वैसे आपने मेरे प्रति जिस तूं-तड़ाक की भाषा का प्रयोग किया है उससे आपकी उत्तम पृष्ठभूमि का पता ज़रूर चलता है🙂😊
इसके चेहरे से पता चलता है कि यह ढोंगी संत है अज्ञानी है ऐसे ढोंगी संतों का बहिष्कार होना सनातन धर्म के लिए बहुत ही जरूरी है इसके प्रवचन में बहुत सी बातें स्वयं ही झूँठी साबित हो रही है
वेष अहिल्या ने बदला या इंद्र ने? इंद्र ने वेष बदला पर महासती देवी अहिल्या जान गई थीं फिर भी अहंकार वश इंद्र के प्रणय निवेदन को स्वीकार किया
यह तो अशोभनीय व निंदनीय है, महाराज जी इन्दर के साथ चंदा (चाँद )भी साथ गया था, जिसने मुर्गा बन कर बांग दी थी, सारे का सारा छल था
इसके प्रमाण हमारे ग्रंथो में उपलब्ध हैं
Maharaj sahi Katha Kah rahe h
तुम भी महाराज का चमचा है क्या याद लाल है
Man Ahilya Ji ko कोटि-कोटि pranam Jay Shri Ram
पंचकन्या: स्मरेतन्नित्यं महापातकनाशम्॥-
अर्थात अहिल्या (ऋषि गौतम की पत्नी), द्रौपदी (पांडवों की पत्नी), तारा (वानरराज बाली की पत्नी), कुंती (पांडु की पत्नी) तथा मंदोदरी (रावण की पत्नी)। इन पांच कन्याओं का प्रतिदिन स्मरण करने से सारे पाप धुल जाते l
आप सभी श्रोता गंज से निवेदन है कि आप समय बर्बाद ना करें ऐसे क्रूर भाषण सुनने से तो एक मुट्ठी अनाज पक्षियों को डालकर पुण्य कमावे घर बैठे
व्यासपीठ की मर्यादा सर्वोच्च होती है, प्रभु।
मैंने भी ये वाल्मिकी रामायण में पढ़ा और जिसे पढ़ लिया वो भी पढ़ ले
अपने ही मन से कुछ भी बोल कर वक्ता मत बनिए वह एक पतिव्रता नारी थी इसीलिए श्रीराम ने अपने चरणों द्वारा उसका उद्धार किया था
@Bhojraj Bhatt r
देवराज बनकर इन्द्रियां बस में न होना।
कितनी बड़ी भूल हुई होगी।
ऊं नम शिवाय जी🙏🏻🙏🏻
Bilkul sahi dhongi pundit Ahilya ko doshi bana raha hai ye kaisa immoral dev tha
Galat padha rahe hain
@@mohitvishwakarma1514 right 👍
ये सुनकर शायद झटका सा लगा ।
ऐसी कथा आज तक नही सुनी ये कथा कहां से आई अरे राम राम राम राम
अहिल्या को सुंदरता का अभिमान हो गया था
Valmiki ramayan se
@@AnnoyedFurryCat-go2wh Valmiki Ramayan uthakar ki padho
साला हरामी खामखा खड़ा करवाके ही मानेगा😂😂😂😂
वाल्मीकि रामायण का प्रसंग है
कथाओं को तोड़ मरोड़कर पेश करना और लोगो को भ्रमित करना यही इन कथाकारों का काम रह गया है। ऐसे लोग सनातन को प्रचारित नहीं भ्रष्ट कर रहे है।
Aap kis ramayan ki baat kar rahe hain aap kah rahe hain ki Devi ahilya ki ichcha anusar yah ghatna ghatit Hui to indra ko Gautam rishi ka bhesh dharan karne ke liye aapane bola tha Maharaj
Aapane bilkul sahi kaha Mahatma pura ka pura galat bol raha hai
एक सती औरत के लिए ऐसी भावना है इस दुराचार्या की । अपने केश रंगे हुए है ऐसा ही दूसरों के प्रति सोच है
इसकी सोच मे ही गंदगी है
What ever you saying is it scientific or not
वाल्मीकि रामायण में बिल्कुल यही प्रसंग है। ये अपनी ओर से नहीं कह रहे।
000
RR Dr@@praveenthakral9748
Wo koi sati nhi thin baad m tap kiya tab wo tapsvini bani 😂
नहीं नहीं
आप स्व आत्मीय चिंतन से समझिए
मुझे मेरी आत्मीय समझ है की ऐसा हमारी संस्कृति में ऐसा अर्थ नहीं सौ सकता है 🙏
I am agree with you jai shri Ram
आप ठिक समझते हैं अहिल्या
समबद एक झूठ हें में साबीत
कार दूग
बिल्कुल सहमत हूं मैं आपकी बात से 🙏
Aise ghatiya logo ko nikalo dharm se
Ap logo ki bate v gyan dekh kar rona ata h
वाह क्या चरित्र था देवताओं के देवता इंद्र की.
Atleast learn to respect your Devas. As per Veda Devta don't have kamavasana , there is mantra on it. This story should not be true. As per Veda Indra loves unploughed land and Ahalya is unploughed land , hence Indra rains it and makes the land fertile. Even what gurudev told in Valmiki Ramayana Ahalya knew it was Indra she willingly commited the act , it was consenual.
@@mallikarjunking2100 कैसे कह सकते हैं इसमें जो बता रहा है इंद्र और अहिल्या की कहानी वो गलत है❓
क्या इंद्र ने अहिल्या के साथ संबंध नहीं बनाया?
क्या इंद्र देवताओं का राजा नहीं है❓
जो भी रेफरेंस दिये है पहले खुद उसपर गौर करें वो भी वेद और रामायण की.
@@yashvant323 aapko ke baaton se saaf pata chalta hai ki aapko Veda ka kuch Gyan nahi hai main jo ved mein hai vo bata raha hoon , devtao ko kamvasna hoti nahi hai ye saaf likha hai , Devraj Indra kabhi aise kam nahi karenge mujhe apne devtao pe bharosa hai aur ved pe vishwas hai.
@@mallikarjunking2100 देवराज इंद्र ने अहिल्या के वेशभूषा बदलकर संबंध नहीं बनाया तो कौन था वो?
क्या रामायण में जो लिखा है वो गलत है❓
क्या रामायण ही गलत है❓
क्या गौतम ऋषि ने जो शाप दिया था वो भी गलत है❓
क्या राम ने पत्थर रूप अहिल्या को अपने चरण से उद्धार किया वो भी गलत है❓
कितने को गलत साबित करेंगे
ruclips.net/video/IhwkktpW3SQ/видео.htmlsi=MAJnpLe6ApHj_jxD
इदरदेव काम के वशीभूत था अहल्या का कोई दोष नहीं था किन्तु कुसंग के कारण उसे सजा मिली जैसे जहर जान कर पीवो या अनजान में वह मारता है संत को वही बताना चाहिए जिससे मनुष्य के मन में भरम पैदा न हो जय श्री राम
हम आपका बहुत सम्मान करते थे,
आप उसी बाल्मिकी रामायण के बालकांड के 51 वा सर्ग: का श्लोक न. 6 वा पढ़ना समझ में आजाएगा देवी अहिल्या ने जानबूझकर नही किया था
ये सब बकवास कहानी है असली कहानी को बदल दिया गया है कलियुग अर्थात दुष्टों द्वारा 😡
असली ग्रंथ कलियुग के हाथ में है। बाकी जो सत्य है वो भगवान के पूजा पाठ से लोगो को पता है
सतगुरु मिला नहीं मिली अधूरी सीख भगवा वस्त्र पहन लिया घर घर मांगी भीख
Uy
तुझे पूरा ज्ञान बाकी सब अधूरे हैं साले अच्छे से वाल्मीकि रामायण पढ़।
शास्त्रों में लिखा है कि सती स्त्री स्पर्श मातर से अपने पति को पहचान लेती है चाहे वह किसी भीरूप में आए
श्रीगुरूचरणो मे दास का दणडवत प्रणाम गुरूजी
श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम
@
@@श्रीनरेन्द्रसिंहराजपूत ⁸
L
Katha ko sunkar samajhna bahut uchi baat hoti hai......
Hame sabhi hari katha me tatva ko jaana chahiye......
Naye gautam g aa gaye
महराज श्री का वक़्तव्य शास्त्र सम्मत है ।इसमें महाराज जी पर दोसरोपण कोई महामूर्ख ही कर सकता है ।
जय जय श्री राधे ,
जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरति देखी तिन तैसी ........।
जय सनातन धर्म की ।
सत्य वचन
जय श्री राम जय सियाराम जय सनातन धर्म
अहिल्या की कथा बिल्कुल सही और प्रामाणिक कहीं है। पूज्य आचार्य की बात पर फ़ालतू बकवास टिप्पणी नहीं करना चाहिए। छिछली बिचार धारा के लोग अपने को जो बडा़ ज्ञानी समझते हैं वह संत और विद्वानों आचार्य पर शिष्टाचार को त्याग कर टिप्पणी करकने सामान्य शिष्टाचार को भी भूल जाते हैं।और अपने को बड़ा सनातनी और ज्ञानी समझते हैं। महाराज जी द्वारा प्रामाणिक कथा कही गई है।
व
सबसे चरित्रहीन इन्द्र था । फिर भी पाखंडियों ने इसको देवराज इन्द्र कहा । और अंधभक्त भी वही गुणगान करने लगे । पुराण और शास्त्र ऐसी ही मनगढन्त कहानियों से भरे पडे है ।। नारी उत्पीडन हर युग मे हुआ ।
आप ढंग से नहीं सुना है🙏
Jo apne shastr purano par shak ki drishti se dekhte hain vo apne khud ke hone par bhi shak kar sakte hain
वाह यादव जी बहुत अच्छा कमेंट किया।अंध भक्तों को सच्चाई बर्दाश्त नहीं होती, इसलिए इनकी पत्नी बहन बेटियों के साथ हो तो भी यह अहिल्या द्रोपदी समझेंगे।
श्रीमन्नारायण 🌷🌹🙏🙏
प्रणाम महराज जी को जो गावहिं यह चरित्र संवारे। ये यहि ताल चतुर रखवाले। ।। महराज जी शब्दों से सन्तुष्ट नहीं हूं।
अहिल्या को अपने रूप का घमंड हो गया और उन्होने मूर्खता कर बैठीं
जय सियाराम
Balmiki ramayan hamara mool ramayan bai, isko sabko padhna chahiye ,, app ne bahut achhi jaankari di
हिन्दू धर्म को गर्त में ले जाने के लिए दूसरे दुश्मनों को आवश्यकता नहीं है ऐसे धर्म ढोंगी बाबा ही काफी हैं।
Areee matibhrast ... Tujhe patabhi hei maharajji koun hei 🙏🙏.... Ayodhya vaikunth ke ek anek pramukh mutt ke mahant maharaj hei aaur maharajji Sri Ramanujacharya ke srisampradya ke pramukh acharya hei .... Aap jese matibhrast log unhe kabhi samajh nahin payenge 🙏
Jay Sriman Narayana 🙏
Ap ko parnam
@@swayam302ek dam sahi bola apne Prabhu jii Maharaj ji jo bolte hai vo ved shastro sai bolte hai
@@swayam302 sri sampraday ke acharya hone se kya ho gaya? Aur kya yahi ekmatra sri sampraday ka pratinidhitv karte hai kya?inse bhi kai ucch koti ke acharya guru sadhu sant hoge sri sampraday ke
Bander kya jane adrak ka swad. Tum logon ka level hi itna niche ka hai , ki maharaj ji ki baten pakad me nahi ayengi
Guru Ragvachargya ji maharaj ki jay ho aap ne bilkul satya vachan bola hai yahi satya hai kyou ki satya ke saman koi dharma nahi hai kyou ki yahi satya hai Jay Shri Radhe Krishna
माता अहिल्या को इस प्रकार वर्णित करना अशोभनीय है
Maharaj you are giving authentic iinformation based on walmiki ramayan
ऐसे ही महन्त और कथावाचक पुराणो की मनगढन्त कहानी समाज को सुनाकर गुमराह करते रहते है । समाज इसको सत्य मान लेता है ।
Bilkul sahi kaha
यदि अहिल्या सत्यवती नही होती तो न तो राम जी उनसे मिलने नहीं आते और नाही उनको प्रात समरन नारियों मैं भी नही गीना जाता इसलिए या तो वाल्मीकि जी ने गलत बोला या ये संत जी गलत बोल रहे है
माता अहिल्या ने कोई अनुमति नहीं दी थी, जब् नदी के किनारे इंद्र ने अपनी बात रखी थी, इंद्र ने तब गौतम का रूप बना कर अहिल्या कों छलने का योजना बना लिया था, ओर इंद्र ने ऐसा किया भी,इसके बाद गौतम ऋषि कों भी समझ आगया था की अहिल्या निर्दोष है ओर उनको ग्लानि हुआ तब् उन्होंने अहिल्या कों शापमुक्त किया।
En जैसे व्यास पीठ पर बैठे तो समाज का उत्थान होगा या पतन ।ईश्वर भरोसे है ।भगवान रक्षा करे
हे संत संत बनिए, जैसे एक ग्रहणी अनाज से मिलावट कंकर पत्थर अपद्रवियोंिकाल देती है, तथा शुद्ध आटा तैयार करके खाना बनाकर परिवार को परोसती है, उसी प्रकार संत का कर्तव्य है कि अशुद्धता व मिलावट को निकाल कर समाज को शुद्ध ज्ञान दें, अब मुझे मालूम नहीं है कि आप यह किस तरह का ज्ञान दे रहे हैं, संत और ऋषि यों का कार्य अनुसंधान का भी होता है, अतः अच्छे प्रमाणित ग्रंथ ही पढ़ें, गलत ज्ञान न दें,
आपकी बात बिल्कुल सत्य है अच्छे संतों का यही लक्षण है, संत ऐसे ही होते हैं... श्री सीताराम
🙏
ये वाल्मीकि रामायण की कथा है बंधु, किस प्रमाणित ग्रंथ की बात आप krte hai
और यह सच्ची कथा है कोई लगा लपेट नहीं है इस कथा में, गुरु जी को कोटि कोटि प्रणाम.
ऐसे लोगों के प्रवचन भोले भाले लोगों को भ्रमित करते हे। इनको सुनने वालों को पाप लगता हे।
जय सदगुरुदेव कोटी कोटी प्रणाम जय सीताराम ❤❤
महराज जी को प्रणाम 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩
Hari anant hari katha ananta.
आप ईमानदारी के अनुसार ग्रंथ का विश्लेषण कर रहे हैं इसके लिए आपको धन्यवादगुरुजी
बकवास कर रहा है मुल्लाओं का एजेंट.
जोब्यभीचारी हो उसे दैवता मानना कहां तक तर्क संगत है
सीता राम
अती ऊत्तम सबसे ऊत्तम सुपर
प्रभू अहिल्या माता पर यह चिन्ह मेरी समझ में नहीं आया...
जबकी दसरथ जी के शासन काल में तो दासियां भी सती थी फिर मां अहिल्या
वाल्मीकि रामायण में स्पष्ट है कि अहिल्या को सब पता था।
आजकल के स्वयम्भू तथाकथित वेद ज्ञान का रखने वाले मर्यादाहीन कथा सुना रहे हैं अहिल्या को पता नहीं थी कि गौतम के वेश इंद्र थे। यह आपकी कथा निराधार ॵर निर्थक है
इंद्र और अहिल्या के प्रसंग से मानव समाज को क्या संदेश देना चाहते है महाराज
रूप का अभियान,धन का अभियान ,बल का अभियान ,विद्या का अभियान ये शीघ्र व्यक्ति को नष्ट कर देता है।
Niyog Partha KO jaiz thahraane ke liye .ahliya aor indr ka kahani zaruri hai.
Sandesh ya Dena Chahta Hai ki mahilaon ka Bhog karo
सही कहा आपने गुरुजी अगर अहिल्या का कोई दोष नहीं रहता तो वह इतना दिन तक पत्थर बनकर नहीं रहती बिना गलती का कोई सजा मिल ही नहीं सकता आप एकदम सत्य बोल रहे हैं यह उलझन कमेंट करने वाले भाई थोड़ा संयम से कमेंट करें जय गुरुदेव जय सीताराम
आप कलयुगी संत है ऐसा कभी नहीं सुना गया है इस बात से सहमत नहीं आपकी भावना जैसी है और विचार वैसे ही है इस दुनिया में योगी के भेष में ढोंगी भी आ जाते हैं जय श्रीराम
तुम्हारे समझने न समझने से क्या होगा? तुम कोई ऋषि हो क्या? वाल्मीकीय रामायण पढ़ उसके बाद कुछ भी बकना जाहिल अन्धी
भाई ये जगतगुरू स्वामी राघवाचार्य जी है , जगतगुरू रामभद्राचार्य के शिष्य ,ये गलत नही बता रहे है बाल्मिकी रामायण में यह कथा स्पष्ट है अब यह मत कहना की उसका अनुवाद गलत है । राघवाचार्य जी और इनके भाई विद्या भास्कराचार्य दोनो ही सर्व शास्त्र पारंगत है जिन्होंने शास्त्रार्थ में पूरे भारतीय विद्वानों को हराया है। जा करके सर्च कर लो you tube par विद्या भास्कराचार्य।
ये सभी नेगेटिव कमेंट वालो ने कभी वाल्मिकी रामायण नही पढ़ी और दोष आचार्य जी को दे रहे देव लीला का ज्ञान कैसे होगा इन सबको
जय सदगुरू
Ati sunder pravachan Guru ji.
सती माता अहितया के चरित्र का गतत चित्रण किया है रामजी ही कृपा करे
अप गलत हैं
ये महाराज नहीं....
ये आपकी मानसिक कमजोरी का नतीजा है जो सीरियल से बना है
ये महाराज पारंपरिक गुरु हैं ये असत्य प्रवचन न कर सकते समझे
अपने आपको सीरियल और अंग्रेजो की कूटनीति से बाहर लाइए तब समझेंगे कि ये आचार्य भगवान सही कह रहे आप नही
@@SiddhantDixit-j1v देखिये मुझे किसी के सम्मान को ठेस पहुंचाना पसन्द नही लेकिन अपने इतिहास के सम्मानित लोगो के चरित्र पर सवाल उठाना बर्दाश्त नहीं आप भक्त हैं बने रहे और उस किताब का नाम भी बताइये जहा से आपके गुर ने Pick किया है मै किसी सीरीयल के आधार पर नही बोलती क्योंकि मै TV नही देखती अपनी सनातन संस्कृति से प्रेम कप्ती हूँ बहुत इसलिए मिथ्या बातों का विरोध किया
आप एक बार श्री वाल्मीकि रामायण पढ़िए ।
@@LovelySanghi-sc5ulसत्य को न स्वीकार करना भी अधर्म है अगर आप को संशय है तो पढ़ ले वाल्मीकि रामायण और इस से सामान्य लोगो को बोध मिलता है जो वो महत्वपूर्ण है सभी के लिए
मैडम कथा वाचक स्पष्ट बता रहे हैं कि बाल्मीकि जी ने लिखा है,फिर भी आपको शक हो रहा है। यह प्रसंग बाल्मीकि रामायण में है संस्कृत आती हो तो पुरानी बाल्मीकि रामायण पढ़ कर संतुष्ट हो सकती है। हिंदू धर्म घाल मेल वाला संप्रदाय है इसलिए यह कभी भी आगे नहीं बढ़ा और न बढ़ पाएगा।
जय श्री राम
जय श्री कृष्ण
महादेव हर
,सत्य आज ही सामने आया। अति सुन्दर।।
मुझे बहुत ज्यादा चिंता हो रही है, कैसे यह हिन्दू जाति बचेगा, जब हमारे धर्म गुरूवों का यह हाल है तो।
आपको ऐसा दुष्प्रचार नहीं करना चाहिए जी।
जो आपकी जय जयकार कर रहे हैं,उन्हें अपने धर्मग्रंथों का अध्यन करना चाहिए।
Aapse Sahmati hai bahan
Sahi kaha hai
अति सुन्दर महत्वपूर्ण कथन
स्वामी जी का आभार 🙏
आपको भी होना चाहिए मर्यादा का ख़्याल मर्यादा पुरुषोत्तम की कथा अमर्यादित आदमी सुना रहा है
कहीं न कहीं सनातन धर्म के लिए एक कठोर नियम बनाना पड़ेगा ,की वह सत्य कोई भी नहीं कहेगा जिससे धर्म का स्वरूप बिगड़े
यह सर्वथा गलत बतय ज रहा है
1.इन्द्र तभी सहत्राछ हुये जब गोतम ने श्रप दिया l पहले ही बता रहे हो
2. जब सहमती होति तो इन्द्र अपना रुप नही बदलता l
भगवान को तो सुखचैनसे रहने दो। जैसे ही प्रसार माध्यम पेंडेमिक रोग की तरह फैल गया है , भगवान को तो अपमानजनक तोला जा रहा है। इसीलिए धर्म अपनी दहलिज के अंदर रखना चाहिए । भारत शासन को जरा सी अक्ल हो तो , इसी संदर्भ में कानूनी तौर पर कार्रवाई हो जानी चाहिये - वरना एक दिन सब मानव जाति ,भारतीय , जानवरों के रूप मे दिखाई देगी ।😢😢😢😢
गुरुजी में आपकी वाल्मीकि रामायण निरंतर सुनता यह बात गलत है की अहिल्या देवी ने यह बात स्वीकार बल्कि इंद्र ने अहिल्यादेवी के साथ छल किया था
My dear,saundary ki tareef kar do to koi bhi estri pagal hi jati hai! Ye estri ki kamjori hai.Esliye bholi estri ko prashansha ka jahar pilakar behosh karna yani sammoihit karna to Endra ka chal hi huaa! Kai Bar estri ki bhool bhi hi sakti hai magar Ye hamesha tabhi hoti hai jab swarth cash roop ki jati prashansha ki jaay!
Lesson milta hai ki estri kisi ki prashasha me chhupa chal awasy saawdhani se dekhe!
Fir ant me Ahilya ka param kalyankari bhi huaa hai!
Balmiki hi ne sahil likha hai gautam ne shrap diya kyuki indra ke rup ok Jan gayi thi indra ne balatkar nahi kya tha.
Waheguru 🎉
परमादरणीय राघवाचार्य जी वास्तव में योग्य हैं पूज्यनीय एवं वंदनीय हैं आप जैसे संतो के कारण सनातन संस्कृति व संस्कृति चिरकाल तक बनी रहेगी ।आप जैसे संतो को कोटि कोटि चरण वंदन ।
🚩👉 *हो सकता है तेरी मम्मी की स्वेच्छा से इन्द्र से समागम हुआ होगा बट पौराणिक अहिल्या इन्द्र का कथानक तो दो पखवाड़ों में गौ+तम और इन्द्र के द्वारा रात्रि रुपी अहिल्या के उपभोग का अलंकार कथानक हैं*
Jay Shri Ram aadarniy Aacharya Ji ko sadar pranam
मान्यवर, यदि इन्द्र व अहिल्या ने जानबूझकर यह काम किया होता तो इन्द्र को गोतम रूप किसको बहकाने के लिये रखना पङा। झूठ को सत्य बनाना भी पाप है।पता नही आप कौनसी बाल्मीकि रामायण के प्रवचन सुना रहे है।इन्द्र का छलिया रूप धारण करना ही अहिल्या के साथ छल करने का स्पष्ट प्रमाण है।वरना बाल्मीकि इस छलिया रूप का ही वर्णन नही करते ।
Right
Absolutely true, if it was a willing act what was the need to camouflage as Rishi Gautam ,,,,, abe sale dhongi know the difference between learning and wisdom
Man Ahilya ka bhi tha
Kyon ki yah sab ek tarfa nhi ho sakta hai
@@gautamarvind8359 आपको संतो के प्रति शिष्टता बरतनी चाहिए । यह परम्परा से दीक्षित संत हैं , श्रीमहाराज के वचन प्रमाण होते हैं ।।
ये सब बकवास कहानी है असली कहानी को बदल दिया गया है कलियुग अर्थात दुष्टों द्वारा 😡
आप जैसे धर्म गुरु आज के इस घोर कलियुग में दुर्लभ है।
धन दौलत ऐसो आराम करने का तरीका
यह वेद मंत्र का रूपालनकार हे।अहिल्या रात्रि है,चंद्रमा गौतम है, ये रात में रहते हैं।जब सूर्योदय होता हे तो इनका लय हो जाता है।
सूर्य इंद्र हुआ।इसी मंत्र का क्षेपक है
महर्षि दयानंद
वाल्मिकी रामायण और रामचरित मानस में है।
किसी की काल्पनिक व्याख्या वाल्मीकि रामायण में वर्णित इस वास्तविक घटना को झुठला नही सकती।
हिंदू धर्म कि यह विडंबना है, कि हमारे धर्म ग्रंथों में जो नहीं लिखा, उसका गलत विश्लेषण हमारे ज्ञानी धर्म गुरु RUclips पर देते हैं,
शर्म आनी चाहिए। ??
🙏🇮🇳🔱🚩🌿 जय जय भगवन आप के श्री चरणों में शत कोटि कोटिश प्रणाम भगवन जय जय श्री सीताराम जय-जय हनुमान जी महाराज जी जय जय श्री कामतानाथ प्रभु जी 🇮🇳🔱🚩🌿🇮🇳🚩🔱🇮🇳🙏🙏
गुरुवार आप को पृणाम
He mere govind aur radhe rani ko danwat pranaam karta hu ❣🌺🌺🙏💟💟🧑🧑🧑🙏🌺🌺🧑
जो जिसमें का नीच रहता वैसा ही दूसरों को समझता है।
Yahi satya h
ऐसे शीर्षक अनुचित है....
महाराज जी! वाल्मीकि रामायण के इस कथा का ज्ञान क्या गोस्वामी तुलसीदास जी को नहीं था ? जो उन्होंने केवल एक ही लाइन में इस कथा को कह दिया।
क्या शास्त्रों की प्रत्येक बातें उजागर करने के योग्य है या सिर्फ उन प्रसंगों को कहना चाहिए जिससे समाज में एक अच्छा मैसेज जाए?
अहिल्या माता का यह प्रसंग इतना विस्तार सहित कहने की आवश्यकता नहीं है। शायद इसलिए गोस्वामी जी महाराज ने कहा है।
जे गांवहि यह चरित सम्हारे। तेइ एहि ताल चतुर रखवारे।।
पूज्य स्वामी जी आप महान ज्ञानी हैं हमारी यह धृष्टता है कि हम आपको यह संदेश दें। 🙏😔🙏
Valmiki Ramayan mein toh Shri Ram ne shiv Kiya tha iska bhi ullekh nehi hai....kabhi padho asli Ramayan
बाबा जी आप उस समय क्या अहिल्या के पास हीं बैठे थे जब अहिलय से इंद्र ने सुम्बन्द बनाये
इस तरह के ढोंगी बाबाओं ने सत्यानाश कर दिया
Isiliye hinduon ka nash hota hai kyonki apne hi dharm ke khilaf log Bolte hai
Jai shree Ram guruji
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हरि अनंत हरि कथा अनंता
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माता अहिल्या के बारे में एसा अनुचित वर्णन अशोभनीय है
अति सुंदर कथा महराज जी
Kathawachkji ahilya patiwrata thi yah hajaro warshose sabhi janate hai . Kuprachar thik nahi. Aapko pranam.
❤❤❤❤❤
आप समाज को दूषित करेगे. महिलाओं को भी आप यही कथा सुनाते होगें समाज को आप कहाँ ले जा रहे हैं
और पुरुषों को
आप समाज को दुसित कर दिया
बाल्मीकि रामायण में ऐसा कहा गया है।
पुरा सुनो burbak
Jagat guru shree swami ragvandr acchriy aap ka kata sunanna sudtha ky sath hy aap ko sat sat nmn .
मुझे तो ऐसा लगता है कि आप ने वाल्मीकि रामायण की व्याख्या अपने मनोभावों के अनुसार की है विना पुष्ट प्रमाण के इस प्रकार सार्वजनिक रूप से गलत संदेश देना अपराध है
. more
मिश्रा ज़ी बिलकुल ठीक कहा
Ese he log hmare darm ko barbad kar rahe hai😡😡
@@girdharilalsharma9253
\11q
You are right
बहुत सुंदर महाराज जी सादर प्रणाम
Apse anurodh hai ki apna gyan kisi achchi pathshala se le hmare dharm ki aisee galat baate na failaye🙏🙏🙏
श्री तुलसी दास रचित श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी जी ने सभी मतों की रक्षा करते हुए अहिल्या प्रकरण लिखा है, कुछ भी साफ नहीं लिखा है। अत्यंत गूढ़ शब्द पर चिंतन करने से प्रतीत होता है, कि व्यक्तिगत रूप से अहिल्या को इस पाप से मुक्त माना है। जबकि वाल्मीकि रामायण में कहा है, कि पहचान तो नहीं पाई, पर गौतम ऋषि की दिनचर्या के पता होते, यह शक करना चाहिए था, की ऋषि ऐसा भोर समय कैसे कर सकते है, जो नहीं किया, इसलिए पाप माना गया।
झूंठाओं के झूंठे लेख ने जग अंधा कर डाला।
झूंठो के झूंठे बोल ने अंधभक्त बना डाले।।
सही कहा आपने 👍
Tum jaakar Masjid me sach dhoodh lo.
सनातन धर्म को क्यों लान्छित कर रहे हो.हे महा पुरूष इससे गलत संदेश जायेगा
@@sudhakardongre3443यदि सनातन धर्म को जानते हो,तो सनातन का अर्थ बताओ ?
असत्य को जबरदस्ती से सत्य बताए,वो प्राणी जगत के लिए घातक।
ऐसे ही बाबाओं की वजह से सनातन धर्म, संस्कृति का लोप और हिन्दू का मनोबल गिरता जा रहा है। हिन्दू को ऐसे बाबाओं के प्रबचन का विरोध करना चाहिए। ये नीच , भ्रष्ट बाबाओं को ऐसे विषय उठाने जो विवादास्पद है की इजाजत नहीं देकर विरोध करना आवश्यक है।
स्वामी जी कुकर्म करें कोई और लादा जय किसी और के ऊपर स्वामी जी ये नयी कहानी कहा से लाये नकली गुरुवो का त्याग करें जरूर देखें शाम 7,30से8,30साधाना TV संत रामपाल जी का मंगल प्रवचन
सभी तथाकथित संत महात्मा. लोगों को जीवन के असली मुद्दों से भटका रहे हैं . इससे बचने का एक ही रास्ता वैज्ञानिक शिक्षा ही है।
धर्म के
धर्म के ठेकेदार गुमराह करने काम करते हैं।
अरे मूर्ख जिन से तू बात कर रहा है इन परम आदरणीय राघवाचार्य जी महाराज के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं अपराधी रामपाल
रामपाल जी को यदि शास्त्र ना होता तो शब्द कहां से मिलता शास्त्र से शब्द लेके बोलते हैं और आपना करनी क्या है हंस जी महाराज के पूरे परिवार को ज्ञान के प्रति शिकायत का कैसेट तैयार करके काठमांडू में एक संत के प्रोग्राम समाप्त होने के बाद रामपाल अपने आदमी से बटवा रहे थे रामपाल शिकायत करने के लिए जन्म लिया है ना कल्याण करने के लिए दूसरे संत के ज्ञान से इनको क्या मतलब रामपाल के आश्रम में लाश कहां से आया बाथरूम में कंडोम आश्रम में सेक्सुअल दवा जिसका परिणाम जेल मिला है रामपाल जी खुद कलंक दूसरे संत के ज्ञान को शिकायत का कैसेट तैयार करके मुफ्त बांटते हैं परिणाम कौन भागेगा
@@dr.lbhomeopath4450 डॉक्टर हो फिर भी अंधविश्वास में पड़े हो।
Sanatan Dharm ki Jay Ho bharatvarsh devbhumi ki Jay Ho Yatra Tatra sarvatra mangalmay Ho Radhe Radhe
काश आप जैसे लोग वेदों से कुछ अच्छा ज्ञान जनता को देते तो हिंदू धर्म की यह दुर्गति न होती
और हमारे धर्म का सम्मान भी मुस्लिम धर्म की तरह होता तो आप जैसे लोग क्या इस तरह से कुछ भी कह पाते
आप लोग जिस पद पर बैठ जाते हैं और उसी से अपनी जीविका चलाते हैं, तो क्या आप पाप का नहीं खा रहे
अगर आप को ज्ञान नहीं है तो कृपया अपना ज्ञान बढ़ाऐं और अच्छा ज्ञान जनता तक पहुँचाएं
आज छोटी छोटी लड़कियां मेरे योगेश्वर श्रीकृष्ण और पुरूषोत्तम राम के चरित्र को उछाल कर अपना घर भर रहें हैं काश सरकार इसे बंद कर पाती
Gurujii ko tu samajh ye ga re chutiya
ruclips.net/video/IhwkktpW3SQ/видео.htmlsi=MAJnpLe6ApHj_jxD
बहुत अच्छी kathha mahraj
नमस्कार
उमापति dellhi
इन सारे कथा वाचकों को बैन कर देना चाहिये सबकुछ तोड़-तोड़कर सत्यानाश कर दिया… इन-अल्प ज्ञानियों को शर्म ना लिहाज़, केवल औरतों को ये ब्लू फ़िल्म दिखा-दिखाकर पटा रहे है…?
Katha bacha ko se tera kyu gand fat raha he re sala chutiya tera ghar me blue film chalta he kya 😜
Bhagg yaha se
@@SanghPath हिस्सा मिलता है क्या …🤣🤣🤣
@@azadsingh298
विरोध करना हैं तो युक्ति दो, गालि गलोच तो मुर्ख देते हैं
@@SanghPath
बिलकुल सही आदमी लगते हो किन्तु वीडियो सुनो तो ख़ुद ही उत्तर मिल जायेगा
राघवाचार्य का hairStyle कमाल है,अद्भुत भी है,
चेहरा भी एकदम सफाचट है,
लगता है कि,दिन-वार-तिथि-नक्षत्र के निर्विशेष में श्री अवधेशानन्द-गिरि जैसे अवश्य रोज़ SHAVING होते होंगे...
हद्द तो है
लेकिन
ऐसा भेस संतोचित अथवा आचार्योचित नहीं है, कदापि नहीं है...