क्या प्राचीन भारत में भ्रष्टाचार था? | Corruption in Ancient India

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  • Опубликовано: 25 окт 2024

Комментарии • 14

  • @truedivyansh
    @truedivyansh 9 месяцев назад +3

    आपके पास बेहतरीन हिंदी शब्दावली के साथ-साथ बातचीत करने का बहुत अच्छा कौशल है...

  • @ShivPratapSinghOfficial
    @ShivPratapSinghOfficial 9 месяцев назад +2

    आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं भाई साहब❤

  • @samarth-robo
    @samarth-robo 9 месяцев назад

    उत्तम हिन्दी में बढ़िया जानकारी 👏

  • @swarkrutimusic
    @swarkrutimusic 9 месяцев назад +1

    Very good

  • @AbhashRthr1
    @AbhashRthr1 9 месяцев назад +1

    बिम्बिसार के पहले के राजाओ पर प्रकाश डालिए 🙏

  • @AbhashRthr1
    @AbhashRthr1 9 месяцев назад +6

    मुझे बुद्ध और महावीर एक ही लगते हैं दोनों ही बिम्बिसार से मिलते हैं, परिवार जानो के नाम भी मिलते जुलते हैं, देखने में भी एक जैसा है| इस विषय मे आपकी क्या राय है ?

    • @hardikgupta9105
      @hardikgupta9105 9 месяцев назад +5

      मुझे भी इस topic पर वीडियो चाहिए 👍

    • @Sagarsinghnegi834
      @Sagarsinghnegi834 9 месяцев назад +2

      😂😂😂😂😂😂😂😂😂
      Ak he viyakti tha to 2 Religion kaise bana 😂😂😂

  • @msghildiyal8798
    @msghildiyal8798 2 месяца назад

    चाणक्य पर एक विवरण बनाओ, इस प्रकार का कोई ब्यक्ति था या नही.

  • @nareshsingh4037
    @nareshsingh4037 4 месяца назад

    🙏🙏

  • @BinayJha-nq5zo
    @BinayJha-nq5zo 9 месяцев назад +2

    Sir Vātsyāyana aur acharya chanakya kya ek hi hai???
    jaisa ki kuch itihaaskaar kehte hai!!!

    • @hardikgupta9105
      @hardikgupta9105 9 месяцев назад +1

      Dono ka time period alag alag hai

  • @reebij
    @reebij 9 месяцев назад +2

    चाणक्य का प्राचीन इतिहास में कही जिक्र नहीं आता। फिर भी धनानंद के सम्राज्य के खत्म करने की बात में चन्द्रगुप्त के महत्व को कम कर, जैन आचार्य चाणक्य को क्यो दे दिया जाता है। इस पर भी कभी विचार रखे। ताकि इतिहास को बेहतर तरीके से समझा जा सके। क्योंकि इतिहास में कई कैरेक्टर काल्पनिक लगते है जो बाद में इस इतिहास में फिट किए गए

    • @dipaksubodh6219
      @dipaksubodh6219 9 месяцев назад

      @reebij साहबजी.लेटर छोटे थे . शायद नाम लिखनेमें गलती हो .मांफी मांगता हूँ. नमो बुधाय.आप साहबजीकी सोच 100% सही है.नमो बुधाय.दिपक
      सुबोध.अहमदाबाद.