"संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/en/enquiry?cmId=m00037 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: acharyaprashant.org/en/courses?cmId=m00037 "
चर्चा ज्यों ज्यों गहरी होती गई, त्यों त्यों मेरी आँखें नम होती गई। अपने हर वक्तव्य में आचार्य जी बोध के नए द्वार खोलते हैं। जो संत वानियां समाज से विलुप्त ही हो गई थी, आचार्य जी ने उन्हें न केवल पुनर्जीवित किया, बल्कि उन संत वानियों की ऐसी व्याख्या मानव इतिहास में शायद ही पहले कभी हुई हों। मैं इस बात से गौरवान्वित हूं के आपके काल में पैदा हुआ। प्रणाम गुरुदेव 🙏🙏
१. आनंद, प्रकृति को भोगने में नहीं, मात्र देखने(द्रष्टा) में है। २. जो जिंदा(चेतन) है, वो भी मिट्टी(प्रकृति) है। ३. में जो कुछ भी कर रहा हूं, सब प्रकृति ही है। ४. अहम्, प्रकृति को तब तक नहीं समझ सकता, जब तक वो अपने आप से, शुद्ध नहीं हो गया। ५. जिस विषय को समझना हो, उससे मुक्त होना जरूरी है, उस विषय को समझने के लिए। ६. आनंद ही ऊंचाई(पुण्य) है, दुख ही निचाई(पाप) है। ७. सिर्फ शब्द ही, तथ्य परख हो जाए, चुनाव बदल जाएगा। ८. झूठ मेरी, आदत बन चुका है। 🙏🏻🪔
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इस काफ़ि को बार- बार अभ्यास करना होगा फिर अच्छे से समझकर गाऊँगी ।
चर्चा ज्यों ज्यों गहरी होती गई, त्यों त्यों मेरी आँखें नम होती गई।
अपने हर वक्तव्य में आचार्य जी बोध के नए द्वार खोलते हैं।
जो संत वानियां समाज से विलुप्त ही हो गई थी, आचार्य जी ने उन्हें न केवल पुनर्जीवित किया, बल्कि उन संत वानियों की ऐसी व्याख्या मानव इतिहास में शायद ही पहले कभी हुई हों।
मैं इस बात से गौरवान्वित हूं के आपके काल में पैदा हुआ।
प्रणाम गुरुदेव 🙏🙏
Namaskar
This was my first sant Sarita, and it was eye-opening for me👀👀👀🙇🙇🙇
१. आनंद, प्रकृति को भोगने में नहीं, मात्र देखने(द्रष्टा) में है।
२. जो जिंदा(चेतन) है, वो भी मिट्टी(प्रकृति) है।
३. में जो कुछ भी कर रहा हूं, सब प्रकृति ही है।
४. अहम्, प्रकृति को तब तक नहीं समझ सकता, जब तक वो अपने आप से, शुद्ध नहीं हो गया।
५. जिस विषय को समझना हो, उससे मुक्त होना जरूरी है, उस विषय को समझने के लिए।
६. आनंद ही ऊंचाई(पुण्य) है, दुख ही निचाई(पाप) है।
७. सिर्फ शब्द ही, तथ्य परख हो जाए, चुनाव बदल जाएगा।
८. झूठ मेरी, आदत बन चुका है। 🙏🏻🪔
Love You Acharya Shri JI
सब संतों का संगम हैं आचार्य जी ❤
❤❤❤❤❤
Thanks sir
न हन्यते हन्यमाने शरीरे
prnaam guru ji
Naman acharya ji 🙏🏾🙏🏾💐💐💐💐💐
प्रणाम आचार्य
मैं धन्य हुआ
🌿🪔आनंद प्रकृति को भोगने में नहीं है उसे देखने में है। जो भोगेगा पछताएगा, जो देखेगा वो आनंद पाएगा। ~ बाबा बुल्लेशाह 🙏
धन्यवाद! 🙏🏻🪔
Jai ho Aacharya ji Satyam Sivam Sundaram Yhi Param Satya h Aap Sache Sant Ho jai shree Radhe Krishna
🙏🏻🙏🏻🙏🏻👌
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आचार्य जी नमस्कार। अज्ञान अंधकार को दूर करने में आपके हर एक शब्द सारगर्भित है । इस महान कार्य के लिए हार्दिक धन्यवाद ।
Darsham tabhi hai जब dirshy से kamana ना ho
⚡💫🌟
नमन आचार्य श्री 🙏🌺
Pranam acharya ji
Aacharya ji parnam
🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤ Naman acharya ji
Beautiful
💐💐💐💐💐
🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤❤आचार्य जी चेतना,जीवात्मा,और जागुरूकता ने क्या अंतर है,हम इन तीनो को किस तरह समझे,बताने की कृपा करे।❤❤
Aap online session me enroll ho jaiye ya acharya ji ke भगवदगीता के विडियोज देखिए
😊
🙏🙏
🎉🎉🎉❤❤❤
Naman sir ❤❤
Pranam Acharya ji
Parnam acharya ji
Naman Naman mere priye acharya ji ❤❤
ऐसा एक्सप्लेनेशन मैने कभी नाही सुना था। धन्यवाद आचार्य जी।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नमन आचार्य जी😊
🌼🙏
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