पांडवों द्वारा स्थापित प्राचीन, श्री लोधेश्वर महादेव मंदिर बाराबंकी | 4K | दर्शन 🙏
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- Опубликовано: 4 фев 2025
- श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! प्रणाम और बहुत बहुत हार्दिक अभिनन्दन! भक्तों हम आपको अपने लोकप्रिय कार्यक्रम दर्शन के माध्यम से भारत के दिव्य तीर्थों, धामों और मंदिरों का अनवरत दर्शन करवाते हैं। आज हम जिस सुप्रसिद्ध प्राचीन मंदिर की यात्रा करवाने जा रहे हैं वो एक ऐसा शिव मंदिर है जो न केवल पांडवों द्वारा स्थापित महाभारत कालीन मंदिर है अपितु इस मंदिर के गर्भगृह में विराजमान शिवलिंग, धराधाम में प्रतिष्ठित 52 अनोखे एवं दुर्लभ शिवलिंगों में से एक है। भक्तो हम बात कर रहे हैं महादेवा के नाम से प्रसिद्ध बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर की!
मंदिर के बारे में:
भक्तो लोधेश्वर महादेव मंदिर भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बाराबंकी, रामनगर तहसील से उत्तर दिशा में बाराबंकी-गोंडा मार्ग से बायीं ओर लगभग 4 किलोमीटर दूर, महादेव गाँव में घाघरा नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 45 किमी है। इस मंदिर के बारे लोगों की मान्यता यह है कि यहाँ विराजमान लोधेश्वर महादेव में साक्षात् देवाधिदेव निवास करते हुए अपने भक्तों का कल्याण कर रहे हैं। इसीलिए शिव आराधना दिनों और पर्वों में शिवभक्तों का ताता लग जाता है।
बाराबंकी का प्राचीन नाम व् इतिहास:
भक्तों ‘पूर्वांचल के प्रवेश द्वार’ की संज्ञा प्राप्त बाराबंकी का नाम पुराणों में “वाराह वन” तह “बानह्न्या” बताया गया है जो कालांतर अपभ्रंश होकर बाराबंकी हो गया।प्राचीन समय में यह सूर्यवंशी राजाओं के राज्य का हिस्सा था, जिसकी राजधानी अयोध्या थी। भगवान श्रीराम और उनके पिता चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ इसी वंश के थे। इतना ही नहीं इस पावन भूमि को अनेकों ऋषियों, मुनियों और तपस्वियों की तपस्थली होने का गौरव प्राप्त है। उनके कुलगुरू महर्षि वशिष्ठ ने ‘सतरिख’ नामक स्थान में भगवान् राम सहित अनेकों सूर्यवंशी राजकुमारों को उपदेश एवं शिक्षा प्रदान की थी।
मंदिर का इतिहास:
भक्तो मान्यता है कि बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव जी का मंदिर महाभारत काल से पूर्व हजारों वर्ष पुराना है। क्योंकि इस मंदिर का इतिहास पांडवों सम्बद्ध बताया जा रहा है। यद्यपि इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
शिवलिंग की प्राकट्य कथा:
भक्तो बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव के प्राकट्य को लेकर एक प्रचलित लोक कथा के अनुसार- महाभारत के पश्चात भगवान शिव को एक बार फिर पृथ्वी पर प्रकट होने की इच्छा हुई। तब भगवान् शिव ने एक रात सरल, दयालु, विद्वान और परम शिवभक्त गरीब ब्राह्मण किसान पंडित लोधेराम अवस्थी को सपनों में उसे दर्शन दिये और अपना मंतव्य प्रकट कर दिया। पंडित लोधेराम अवस्थी लोधेराम संतानविहीन थे, अतः अपने सभी काम वो खुद ही करते थे। प्रातःकाल जब वो खेत में सिंचाई कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि सिंचाई का सारा पानी पृथ्वी में बने एक छोटे से गड्ढे में जाकर गायब हो रहा है। वो उस गड्ढे को पाटने लगे। लेकिन दिनभर कठोर परिश्रम के पश्चात् भी वो गड्ढा पाटने में सफल नहीं हो सके। थक हार कर घर रात को अपने घर लौट गए।
भक्तों रात में सोते समय लोधेराम अवस्थी को पुनः भगवान् शिव का दर्शन हुआ। भगवान् शिव ने लोधेराम से कहा कि “जिस गड्ढे में जहाँ पानी गायब हो रहा है, वहां मेरा स्थान है, तुम मुझे वहीं स्थापित करो, इससे मुझे तुम्हारे नाम से प्रसिद्धि मिलेगी”। अगले दिन लोधेराम उस गड्ढे की खुदाई करने लगे। खुदाई करते समय उनका फावड़ा किसी कठोर वस्तु से टकराया। लोधराम ने मिटटी हटाकर देखा तो वहां एक दिव्य शिवलिंग दिखाई दिया। जिसपर एक घाव सा बन गया था और उस घाव से रक्त स्राव हो रहा था। शिवलिंग पर घाव का निशान आज भी है। ये सब देखते हुए लोधेराम शिवलिंग बाहर निकालने हेतु अनवरत खुदाई जारी रखी, पर शिवलिंग निकालने में असफल रहा। तब लोधराम ने शिवलिंग को उसी अवस्था में छोड़ उसी स्थान पर मंदिर निर्माण किया। इस मंदिर में विराजमान शिव जी लोधे के ईश्वर के नाम से जाना जाने लहै। जो आज लोधेश्वर नाम से प्रसिद्ध है। भक्तों कालांतर भगवान् शिव की कृपा से संतानविहीन ब्राह्मण लोधेराम अवस्थी को, चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। जिनके नाम पर आज भी यहाँ महादेवा, लोधौरा, गोबरहा और राजनापुर के नाम से चार गाँव विद्यमान हैं।
भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन ! 🙏
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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लोधी क्षत्रियों के कुलदेवता लोधेश्वर महादेव की जय हो ❤❤
अगला तो लोधेश्वर अवस्थी की बात कर रहा है।शिव तो सबके है चाहे हिंदू या मुसलमान क्योंकि मक्का मैं भी तो जिस कला पत्थर को वो चूमते हैं वे भी हमारे माकेश्वर महादेव ही हैं।
जय श्री कृष्णा गोविंद गोपाल हरि ॐ हरि ॐ नारायण नमः भगवते वासुदेवाय नमः 🙏🙏🙏🙏🙏
लोधेश्वर महाराजकी जय हो 🙏🙏🙏🙏
Jai lodhi samaj jai lodheshwar
Jai lodheshwar mahadev
लोधेराम अवस्थी प्रायोजित कहानी है जो कि सत्य से परे है
जय लोधेश्वर् धाम की ❤
जय भोलेनाथ हमें गर्व है कि हम लोधेश्वर महादेवा से हैं जय महाकाल जय भोले नाथ🚩🚩🚩🚩🔹
भैया जी मै हर वर्ष शिवरात्रि में कांवर लेकर आता हूं
Har har Mahadev
जय लोधेश्वर महादेव
हर हर महादेव
Har har Mahadev.,...... shree shivay namstubhyam 🌼🌿🌼🌿🌼🌼🌿🌼🌿🌼🌼🌿🌼🌿🌿🌼🌼🌿🌼🌿🌿🌼
jai Rajputana jai lodheswar mahadev mandir⚔️💪
जय श्री लोधेश्वर महादेव 🙏🙏
जय श्री कृष्ण जय राधे कृष्ण जय गोपाला🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💚💛💚💛💚💛💚💚💛💚💜💚💚💝💚💚💝💚💖💚💖💚💚💝💚💞💚💚💖💚💖💚💖💚💚💝💚💝💛💛💜💚💜💚
Har har Mahadev❤❤
Har har Mahadev ❤❤🙏🙏
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
Jay lodheshwar mhadev
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय लोधेश्वर महादेव सरकार🚩
Jai Lodheshwar Mahadev 😇🙏🔱🙇♂️
🌺 Jai 🌺 baba 🌺 bholenath 🌺
Jay Prabhu Baba Lodheshwar Mata parwati Baba Nandi Baba Ki Jay Ho ❤️❤️❤️👏👏👏🥰🥰🥰
जय लोघी समाज
राष्ट्र में सभी लोग एक समान हिंदू हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
Jai Shree mahakal 🔱
जय लोधेश्वर महादेव 🚩 लोधी समाज राजपूत समाज 🚩
लोध राजपूत के कुलदेवता लोधेश्वर महादेव जी की जय हो !! इसका जिक्र शिव पुराण और परशुराम संवाद में भी मिलता है की जब लोध क्षत्रियों ने परशुराम से बचने के लिए शिव जी आराधना की तो शिव जी लोधेश्वर महादेव के रूप में लोध राजपूतों की परशुराम जी से रक्षा की
Har har mahadev
Jai lodheshwar mahadev ki 🙏🚩🚩🙏
Jay lodheshver
Jai lodheswar dham
Har Har Mahadev.Jay Lodheswar Mahadev Baba ki
Jay lodheswar mahadev
Har har Mahadev Om namah shivay 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🍀🌿🍀🌿🌿🪔🪔🪔🪔🪔
जय श्री lodheswar महादेव ❤
jai bhole parvati kartikey ganesh riddhi siddhi shubh shubh labh mansa jyoti ashok sundari devi maiya ji nandi ji maharaj ji ki jai ho kirpa karo 💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
HAR HAR MHADEV
जय महादेव
Har har mahadev 🚩🚩🚩🙏
🌹🌹🙏🌹🌹
जय श्री लोधेश्वर महादेव
Jai Shree Bholenath Bhagwan Ji
Jai shiv shankar 🙏🙏🙏
जय भोले नाथ
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🙏🏿❤️
🙏🙏🙏🌎🌎👌👌👌❤❤❤ Jai Bhole Baba
My city bbk mahadewa ❤
Om namah shivaay
मैने भी 5 वार दर्शन किये हैं
Bam bam bhole
❤❤🙏🥀
HR HR mhadev
Om namah Shivay
300km dur se gaya tha Baba ke darshan krne lekin itni bheed sur system ki laparwahi ko dekh kr ander jane ki himmat nhi hui bina darshan kiye bapas jana pda 😢 सावन के पहले सोमवार को गया था
लोग लाइन में फसे रो रहे थे की किसी भी तरह वो बाहर निकल आए dam घुट रहा था लोगो का 😢
Ram
🙏
गलत और मन गणित कहानी सुना रहे हो लोधेश्वर् महादेव का इतिहास लोधी जाति से है बो लोधी जाति के कुल देवता है
Lodhi nahi lodha
Pandit lodhram wali kahani galat hai parshuram संहिता पढ़ो पता लग जायेगा
रिना है और आसिस है
मुझे नहीं लगता है कि वो पारिजात वृक्ष है
Bheed hoti h kya?
सबकुछ गलत है जानकारी लोदेश्वर महादेव लोधी राजपूत समाज ke कुल देवता हैं ye (लोधरामअवस्ति nahi) 😂😂😂😂😂😅😅kuch bhi pahle वेद पुराण पड़ो jay rajputana
Tum barabanki ke nahi ho to tumhe kya pata.. Mahadeva mandir ka naam pandit lodheram awasthi k naam se hi pada hai
सब कुछ सत्य है सत्यं शिवम् सुंदरम।
@@shweta740Aap apne Usme Rho Toh behtar hai dusre. Ke itihas se Chidvaad mat karo
Right
गलत कहानी क्यों बताते हो मनुवादीयों ।।।
लोधेश्वर महादेव मंदिर का नाम लोध जाती से है ना कि लोधेराम अवस्थी।।।।
ये सब गलत है अश्ली घटना ये है
चंद्रवशी महाराज लोहित जो लोधी राजपूत के पूर्वज थे जब परशुराम जी ने सभी क्षत्रिय को धरती से विहीन करने का प्रण था तो जब उन का युद्ध चंद्रवंशी महाराज लोहित से हुआ तो पर महाराज लोहित ने युद्ध नहीं किया कि हम क्षत्रिय ब्राम्हण पर वार नहीं करते तब महाराज लोहित अपने महादेव के मंदिर मै जा कर महादेव की तपस्चर्या की तब महादेव आए और महादेव को तो सारी घटना का पता था तब महादेव ने परशुराम को वापस लौटा दिया और तब महादेव ने महाराज लोहित से लोधी पहचान दे दी ताकि परशुराम फिर से युद्ध ना करे और इस मन्दिर का नाम लोधेश्वर महादेव नाम रख दिया जब से लोधी राजपूत के इष्ट देव महादेव है
बोलो हर हर हर महादेव
नमः गौरी माते
Lodha + ishwar = lodheshwar
यह पंडित सब कुछ गलत कह रहे हैं
Lodhe rajput
अवस्थी नहीं लोधी ही था
हर हर महादेव
Jay lodhaswer Mahadev
Har har mahadev
हर हर महादेव