| Govind Dev Mandir | इस मंदिर के विशालकाय दीपक की चमक देखकर, औरंगजेब ने तुड़वा दी इसकी 4 मंजिलें
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- Опубликовано: 31 окт 2021
- इस मंदिर के विशालकाय दीपक की चमक देखकर, औरंगजेब ने तुड़वा दी इसकी 4 मंजिलें
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स्थानीय इतिहासकारों का मानना है कि भगवान गोविंद देव अर्थात श्रीकृष्ण का यह मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। वैष्णव संप्रदाय के इस मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने सन् 1590 में कराया था। गोविंद देव मंदिर का निर्माण सनातन गुरु और महान कृष्णभक्त श्री कल्याणदास जी की देखरेख में हुआ था। हालाँकि मंदिर निर्माण का पूरा खर्च राजा मानसिंह द्वारा ही उठाया गया था। निर्माण के समय मंदिर 7 मंजिला हुआ करता था और सबसे ऊपरी मंजिला पर एक विशालकाय दीपक का निर्माण कराया गया था और इस दीपक में प्रतिदिन बाती की लौ को जलाए रखने के लिए 50 किलोग्राम से अधिक देसी घी का उपयोग होता था।
यही कारण था मंदिर कई किलोमीटर (किमी) दूर से ही दिखाई देता था। मंदिर के इसी विशालकाय दीपक की चमक इसकी शत्रु साबित हुई। मंदिर के इस दीपक की लौ को देखकर तत्कालीन मुगल आक्रांता औरंगजेब के मन में ईर्ष्या का भाव उत्पन्न हो गया और इस भव्य मंदिर की सुंदरता उसे खटकने लगी। इसी ईर्ष्या और हिंदुओं के प्रति अपनी घृणा के चलते उसने अंततः एक दिन अपनी सेना को इस गोविंद देव मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया। किसी दैवीय कृपा के कारण मंदिर के पुजारी को औरंगजेब की इस योजना का भान हो गया और उन्होंने मंदिर में स्थापित भगवान गोविंद की पुरातन प्रतिमा को वृंदावन से बहुत दूर, जयपुर भेज दिया, जहाँ उनकी स्थापना कनक बाग में स्थित गोविद देव मंदिर में हुई।
खैर, औरंगजेब अपनी सेना के साथ मंदिर को तोड़ने पहुँचा। मंदिर की भव्यता इतनी थी कि औरंगजेब की सेना 4 मंजिल ही गिरा सकी। इसके बाद औरंगजेब ने मंदिर को खंडित और अपवित्र करने के प्रयास में यहाँ नमाज पढ़ी और शेष बचे मंदिर पर मस्जिद की संरचनाएँ और गुंबद आदि बनवा दिए। हालाँकि 1873 तक मंदिर उसी अवस्था में रहा, जिस अवस्था में औरंगजेब द्वारा इसे छोड़ा गया था लेकिन इसके बाद मंदिर का जीर्णोद्धार प्रारंभ हुआ और मंदिर के साथ छेड़छाड़ करते हुए औरंगजेब ने जो निर्माण किया था, उसे हटा दिया गया और मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर 200 फुट लंबा और 120 फुट चौड़ा था। साथ ही मंदिर की ऊँचाई 110 फुट थी।
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इतिहास के बने महल किला मंदिर इन सभी के बारे में सुनना ओर देखना बहुत ही इंट्रेस्टिंग लगता है
जय राधे राधे,,
मेरे आराध्य प्राण प्यारे ठाकुर श्री गोविंद देव जी का ये मंदिर बहुत भव्य था, जिसको क्रूर औरंगजेब ने तुड़वा दिया, लेकर मंदिर की के सतह की तीन मंजिला को हिला भी न सका, क्योंकि मन्दिर के तहखाने में भगवान श्री कृष्ण की योगमाया आज भी विराजमान है। जिन्होंने ठाकुर जी के साथ जाने से मना कर दिया था, योगमाया की माया ऐसी रही कि ओरंगजेब की सेना तोप हथोड़े और हथियार चला चला के थक गई लेकिन ये जो 3 मंजिल थे कि टूटने का नाम नही ले रहे थे, ओरंगजेब इस बात से अंजान की मंदिर के नीचे तलघर में भगवती योगमाया जी विराजमान है मंदिर पर बार पर बार करवाता रहा और उसका हर बार बेकार जाता रहा, थक हार कर औरंगजेब ने योजना बनाकर समूचे मंदिर में बिस्फोट भरवा दिया, जो कि इतनी बड़ी मात्रा में था कि उससे एक मंदिर तो क्या पचासों मन्दिर एक साथ उड़ाये जा सकते थे, औरंगजेब की इजाजत से मंदिर में भीषण बिस्फोट किया गया, आग और धुंए से मंदिर दिखाई न पड़ रहा था, लेकिन जब आग और धुंआ कम हुआ तो औरंगजेब और उसकी सेना दंग रह गयी, 😰😰 मंदिर जैसा का तैसा खड़ा था, इसका कारण मंदिर में नीचे विराजमान भगवती योगमाया थी, जिन योगमाया से संकल्प मात्र से श्रष्टि की रचना एक पल में हो जाती है उन भगवती देवी के लिये एक मंदिर का न टूटने देना क्या बड़ी बात है, लेकिन औरंगजेब ने फिर भी वृंदावन में बहुत लूटपाट की, उस समय ओरंगजेब 12 ऊँटो पर बेसकीमती रत्न हिरे मोती मणि माणिक्य सोना ओर चांदी लूट कर ले गया था, ओर पूरे ब्रजमंडल में बहुत तवाही मचायी, लेकिन ईस्वर की कृपा और ब्रज के सन्तो के तपो बल से ब्रज का अस्तित्व बचा रहा, कभी मोका मिले तो वृंदावन जरूर आएं, लेकिन घूमने के उद्देश्य से नही दर्शन के उद्देश्य से आना
लकड़ी,प्लास्टर आफ पेरिस पर भी
जय गोविंद देव जी पुजारी जी सही कहा जयपुर के हवामहल के पास में गोविंद देव जी का मंदिर हैं यही विगर्ह वर्दावन से लेकर यहाँ आये
श्री राधेय कुंजबिहारी 🌷🌷🌷दिव्य श्री वृन्दावन धाम की जय
Bahut hi sundar or vishal mandir.hamari vastukala ki adbhut mishaj.vidharmiyo ne hamari dharoharo ko bahut nukasan pahunchaya. Aaj is prachin mandir ke thakur ji jaipur jaane se surxit rah gaye. Mene bhi is sundar mandir ke darshan kiye hai. Jay govind dev ji maharaj.
उस समय में कैसे बनाया गया होगा
ये हमारी संस्कृति के मानबिंदु हैं। आक्रांताओं ने बहुत कोशिश की पर नष्ट नहीं कर सके।
India is very RICH with it’s Heritage Culture Knowledge Wisdom Literacy Art Music Structural And Architectural Engineering Astronomy Medical Surgery and countless other areas ….
बहुत बहुत धन्यवाद।🎉आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी।
खूप छान अप्रतिम मंदिर है राम राम
ज्यादा से ज्यादा इस महान राजा का इतिहास बताए जिनके साथ इतिहासकारों ने अन्याय किया h
मैं मन्दिर बनवाने वाले को नमन करता हूँ राधे राधे जय श्री कृष्णा
ऐतिहासिक धरोहर को आप द्वारा सभी तक पहुचाँना अत्यंत सुखकारी है।आप राजस्थान की झीलों की नगरी उदयपुर के राजमहलों की सुंदरता,एकलिंग जी,श्री नाथ जी ,जगदीश मंदिर की शोभा देखने जरूर पधारे।
अबकी बार जब भी वृंदावन जाएंगे तो अधिक गौर से इस मंदिर को देखेंगे।
बहुत ही भव्य मंदिर है इसलिए इसको पास जाकर देखने का मन कर रहा है ।
जय श्री राधे राधे
नमन है ऐसे कलाकारों एवं सनातन धर्म के महाराज को धन्यवाद
Bhaiya aap bahoot achha kam kar rahe hai aapki kripa se hamlog ghar bhithe apne desh k itihas k bare me jan lete hai thnk u so much