UGC NET YOGA, Sankhya , Indriya, Panch Tanmatra इन्द्रियां एवं तन्मात्रा ,dsvv, shantikunj,

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  • Опубликовано: 16 окт 2024
  • Yoga and Alternative Therapy
    UGC NET , Sankhya philosophy, Panch Tanmatra ,पंचमहाभूत एवं इन्द्रियां,dsvv,shantikunj, Haridwar
    इन्द्र ‘आत्मा ’को कहते हैं, और उसका लिंग (ज्ञापक) या बोधक होने के कारण इन्हें ‘इन्द्रिय’ कहा गया।
    ज्ञानेन्द्रियाँ - वे शक्तियां अथवा इन्द्रियां जिनसे विषय-ज्ञान हम तक पहुंचता है, ज्ञानेन्द्रियां कहलाती हैं, क्योंकि वे हमारे आस-पास के विषय-जगत को देखती हैं। कान, त्वचा, आंखें, जिह्वा और नाक - ये पांच ज्ञानेन्द्रियां हैं।; जो क्रमषः शब्द, स्पर्ष, रूप, रस और गन्ध विषयों का ज्ञान हम तक पहुंचाती है।
    कर्मेन्द्रियाँ - कर्मेन्द्रियाँ वे हैं जब ज्ञानेन्द्रियों द्वारा विषय-ज्ञान प्राप्त होने पर हमारे अन्तःकरण में उस पर
    प्रतिक्रिया होती है और वह प्रतिक्रिया कर्म द्वारा बाहर जिसके माध्यम से प्रकट होती है उसे ‘कर्मेन्द्रियां’कहते हैं।

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