We need one common language so that any Bharteey can go anywhere in Bharat and can communicate with ease. Hindi is closest to this as majorly people understand it and largest share of population can speak it. That doesn't mean state language must go. Like Maharashtra has Marathi as state language, but anyone who knows Hindi can be at ease here. Now southern states here needlessly argue that why not northern states who have Hindi as state language adopt southern language. The thing is, they don't need it. Those who come to stay in South must learn the local language. Why will northern people need it. It's not like "we learn so you learn as well" keep bigger picture in mind that they already have state and national wide language common. They can instead learn sanskrit as third language if they desire to. Issue with southern states is that they don't want any one common southern language either. So why not let those states keep their state language and adapt one common language Hindi which will not only connect the southern states with each other but also connect them to whole country with ease. Hindi is and will remain a prominent language in India. Politics of hate by some people will not affect its status 🤔 Stop English imperialism Gulami of British 🔨
सर अनुच्छेद 350 में दे रखा है कि कोई भी वैक्ती उस राज्य या संघ के अधिकारी से अपनी सिकायत उस राज्य या संघ में प्रयोग होने वाली भाषा में शिकायत कर सकता है तो यह शिकायत उन 22भाषाओं में ही कर सकते है जिन्हें 8 अनुसूची में शामिल किया गया है या इसके अलावा जैसे भोजपूरी राजस्थान हिंदी मालवी ब्रज अवधी आदि में कर सकते हैं
Government should also modified hindi and add more regional languages word. Like assamis, tamil, marathi, Malayalam, telgu and many other languages word should be added for make smart hindi. They should also remove Persian and Arabic word completely.
भारत की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है।[1] सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिन्दी[2] और रोमन भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में असमी, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संतली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, बोड़ो, डोगरी, बंगाली और गुजराती है। लेकिन मेरा मत यह है भारतीय संविधान में आर्टिकल बनाकर हिंदी को राष्ट्र भाषा के रूप में लागू करना चाहिए क्योंकि हिंदुस्तान का अर्थ ही होता है हिंदू वह हिंद जहां लोग हिंदी बोलते हैं तथा अन्य भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए लेकिन राष्ट्र की लिए राष्ट्रीय हिंदी को दर्जा देना ही चाहिए 🙏🙏🙏 जिसमें तमाम देशों की अपनी अपनी भाषा है चीन जाइएगा तो चीनी पाकिस्तान जाइएगा उर्दू रूस जाइए रसिया लैंग्वेज सभी देशों की अपनी-अपनी भाषाएं हैं लेकिन हमारे देश का कोई भाषा ही नहीं है जो बहुत गलत है होना चाहिए। ताकि पश्चिमी सभ्यता भारतीय सभ्यता पर हावी न हो।हिंदी को इम्पोज़ नही कर रहे पर जो सीखना चाहता है तो उसे मौका मिलना चाहिये। भाषा एक एसेट्स है, दूसरे लोगों से interact करने का। विश्व भी हिंदी को ही भारत की भाषा मानता है। हिंदी विदेशों में पढ़ाई भी जाती है। विदेशी भाषा अग्रेजी पढ़ सकते है तो हिंदी पढ़ने में क्या समस्या है, विरोध क्यों? जो पढ़ना चाहता है उसे क्यो रोका जा रहा है?सभी प्रदेशों में हिंदी बोलने वाले व समझने वाले लोग हैं, सबसे ज्यादा इस देश मे हिंदी बोलने वाले हैं। जो सीखना चाहता है तो मौका दो, फ्रेंच जर्मन व अन्य विदेशी भाषा सिखाई जा सकती है तो इस देश की ऑफिसियल भाषा हिंदी क्यों नही। गन्दी भाषा की यह राजनीति ठीक नही। संवैधानिक रूप से हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का स्तर प्राप्त नहीं है... किन्तु 85% भारत में सर्वाधिक रूप से समझने एवम् बोलने में हिंदी सहज भाषा है, अधिकांश सभी क्षेत्रीय भाषाओं में हिंदी के बहुत से शब्द भी है! भाषा पर कोई विवाद या किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए! सभी क्षेत्रीय भाषाएं तमिल, तेलगु, उर्दू, भोजपुरी, अवधि,ब्रज भाषा, राजस्थानी, कन्नड, उड़िया, सिंधी,गुजराती, पंजाबी, मराठी,बंगाली, असमिया,पूर्वोत्तरी क्षेत्रीय भाषाएं...""भारत की भाषाओं की सुंदर भरी हुई टहनियां हैं जो भाषा की सुंदरता का फल प्रदान करती है""...हिंदी की जड़ इनके बिना फल फूल नहीं सकती!.... ruclips.net/video/zCl23_cPmdI/видео.html
bht bdhiya.... u covered all the aspects in one video... iss topic k liye best explanation hai👍
Thanks a lot 😊
Mene apse ziyada achchi video kahi nhi dekhi.mene history ki sari videos dekhi bhot bhot achchi hai
Nice lecture sir ,god bless you,god aapki har wish puri kre pls continue constitution 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Boot boot thanks sir
Bahi bahut helpful video h👌👌👌👌
Great sir bahut axa explain kiya
बहोत ही अच्छा पढाया है, धन्यवाद
Tremendous 👏👏👏 All important information in this single video that too not wasting time of students 🙌 Great Video 👍
Glad you liked it
बहुत ही बढ़िया सर
Thank u ☺️❣️ sir
Thankkkk uu soo much ❤
Very nice sir ji❤
Boht bdiya tha sir
Literally,very lucid explanation.. keep going sir 🙏
Thnqq sir 🙏
We need one common language so that any Bharteey can go anywhere in Bharat and can communicate with ease. Hindi is closest to this as majorly people understand it and largest share of population can speak it.
That doesn't mean state language must go. Like Maharashtra has Marathi as state language, but anyone who knows Hindi can be at ease here.
Now southern states here needlessly argue that why not northern states who have Hindi as state language adopt southern language. The thing is, they don't need it. Those who come to stay in South must learn the local language. Why will northern people need it. It's not like "we learn so you learn as well" keep bigger picture in mind that they already have state and national wide language common. They can instead learn sanskrit as third language if they desire to.
Issue with southern states is that they don't want any one common southern language either. So why not let those states keep their state language and adapt one common language Hindi which will not only connect the southern states with each other but also connect them to whole country with ease.
Hindi is and will remain a prominent language in India. Politics of hate by some people will not affect its status 🤔
Stop English imperialism
Gulami of British 🔨
THANKS FOR THIS PART
Very helpful
Nice lecture
fabulous and superb lecture
thanks 4 supporting us
Thanks You
1sttimes es tarah se
Very Nice keep it up
Good Explanation 🙏
Excellent lecture
Sir g pelase reply ravi yadav pcs ke nam se jo chenal h vo bhi app ka hi h kya
You are perfect 👍💯💯👏
Shukriya sir
Nice Explanation
Maharashtra has only one official language and that is "MARATHI"
No according to start
No only English
सर अनुच्छेद 350 में दे रखा है कि कोई भी वैक्ती उस राज्य या संघ के अधिकारी से अपनी सिकायत उस राज्य या संघ में प्रयोग होने वाली भाषा में शिकायत कर सकता है तो यह शिकायत उन 22भाषाओं में ही कर सकते है जिन्हें 8 अनुसूची में शामिल किया गया है या इसके अलावा जैसे भोजपूरी राजस्थान हिंदी मालवी ब्रज अवधी आदि में कर सकते हैं
Thanks a lot sr
Very nice 👍
Awesome
achha btaye sir sb smjh me aaya
Thnx sir u explained very well
Mind blowing sir
Thanks a lot
Thankyou 😇
Welcome 😊
Thnku sir
nice class sir
Kothari commission or NPE (1986) bhi Padha do sir ap plz🙏
Sir thanks classes bhi chalti hai to plase batay
Sir, I want take online classes related to Maths and Reasoning .Please let me know in details
Sir pls explain me ...... Englis language ko kaise hata sakte hai vidhan mandal
....kaha pe likha hai iske bare me
Government should also modified hindi and add more regional languages word. Like assamis, tamil, marathi, Malayalam, telgu and many other languages word should be added for make smart hindi.
They should also remove Persian and Arabic word completely.
I am Bodo language speaker❤️❤️❤️🌵🌵🌵🌵🌵❤️❤️❤️❤️🎉🎉🎉🎊🎊🎊🎊
thnk u so much🎊
🎉🎉🎉
Sir PDF kaise milega
Sir kee side pr
Nice
350 a me ye likha h sabhi ko prathmik Star par matra bhasha me education provide krana. Not only minorities
Sir pdf mil skti h kya
eBook kase purchase kare
❤❤🎉🎉
Eske pdf ka link description me hi de dijiye n sr
Sir ap dhany ho pdf do ya na do per puri polity pdana
भारत की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है।[1] सरकार ने 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। जिसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार अपने जगह के अनुसार किसी भी भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में चुन सकती है। केन्द्र सरकार ने अपने कार्यों के लिए हिन्दी[2] और रोमन भाषा को आधिकारिक भाषा के रूप में जगह दी है। इसके अलावा अलग अलग राज्यों में स्थानीय भाषा के अनुसार भी अलग अलग आधिकारिक भाषाओं को चुना गया है। फिलहाल 22 आधिकारिक भाषाओं में असमी, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संस्कृत, संतली, सिंधी, तमिल, तेलुगू, बोड़ो, डोगरी, बंगाली और गुजराती है।
लेकिन मेरा मत यह है भारतीय संविधान में आर्टिकल बनाकर हिंदी को राष्ट्र भाषा के रूप में लागू करना चाहिए क्योंकि हिंदुस्तान का अर्थ ही होता है हिंदू वह हिंद जहां लोग हिंदी बोलते हैं तथा अन्य भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए लेकिन राष्ट्र की लिए राष्ट्रीय हिंदी को दर्जा देना ही चाहिए 🙏🙏🙏
जिसमें तमाम देशों की अपनी अपनी भाषा है चीन जाइएगा तो चीनी पाकिस्तान जाइएगा उर्दू रूस जाइए रसिया लैंग्वेज सभी देशों की अपनी-अपनी भाषाएं हैं लेकिन हमारे देश का कोई भाषा ही नहीं है जो बहुत गलत है होना चाहिए। ताकि पश्चिमी सभ्यता भारतीय सभ्यता पर हावी न हो।हिंदी को इम्पोज़ नही कर रहे पर जो सीखना चाहता है तो उसे मौका मिलना चाहिये। भाषा एक एसेट्स है, दूसरे लोगों से interact करने का। विश्व भी हिंदी को ही भारत की भाषा मानता है। हिंदी विदेशों में पढ़ाई भी जाती है। विदेशी भाषा अग्रेजी पढ़ सकते है तो हिंदी पढ़ने में क्या समस्या है, विरोध क्यों? जो पढ़ना चाहता है उसे क्यो रोका जा रहा है?सभी प्रदेशों में हिंदी बोलने वाले व समझने वाले लोग हैं, सबसे ज्यादा इस देश मे हिंदी बोलने वाले हैं। जो सीखना चाहता है तो मौका दो, फ्रेंच जर्मन व अन्य विदेशी भाषा सिखाई जा सकती है तो इस देश की ऑफिसियल भाषा हिंदी क्यों नही। गन्दी भाषा की यह राजनीति ठीक नही।
संवैधानिक रूप से हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का स्तर प्राप्त नहीं है... किन्तु 85% भारत में सर्वाधिक रूप से समझने एवम् बोलने में हिंदी सहज भाषा है, अधिकांश सभी क्षेत्रीय भाषाओं में हिंदी के बहुत से शब्द भी है!
भाषा पर कोई विवाद या किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए!
सभी क्षेत्रीय भाषाएं तमिल, तेलगु, उर्दू, भोजपुरी, अवधि,ब्रज भाषा, राजस्थानी, कन्नड, उड़िया, सिंधी,गुजराती, पंजाबी, मराठी,बंगाली, असमिया,पूर्वोत्तरी क्षेत्रीय भाषाएं...""भारत की भाषाओं की सुंदर भरी हुई टहनियां हैं जो भाषा की सुंदरता का फल प्रदान करती है""...हिंदी की जड़ इनके बिना फल फूल नहीं सकती!....
ruclips.net/video/zCl23_cPmdI/видео.html
Aage wala v sir jldi upload kr dijiyega
महोदय संख्या अंतरराष्ट्रीय नहीं है असलियत में ये भारतीय अंकों का अंतरराष्ट्रीय रूप है । अगले वीडियो में सुधार करें
Bangali language ke bare Mai kuch boliye please
Watching video..😂😂 before 49min of b.ed exam
Same here
Hello sir
Article 350....🤣🤭 Duniya ki koi bhi bhasha
Hello sir mujhe apki online class ka pakage lena tha
Koi aur duniya ki bhasha leke aa jaye😂😂😂😂😂😂😂😂😂
South Indians are always opposing Hindi 😤
I'm from Kerala listening these classes in Hindi without any qualms and I can understand Hindi well. Don't generalise.
Yes i proudly say we oppose hindi imposition always.
Yes,we opposed hindi.
Re
Thank you so much sir....
Very helpful
Glad you think so!
Tq sir
Welcome
good
Thank you soo much
Thank you sir🙏🙏
Most welcome
Very helpful
Thanku sir