आपका प्रयास प्रसंशनीय है पर एक निवेदन है कि ऐसी महत्वपूर्ण चर्चा में मान्य शंकर पीठो से अधिकृत व्यक्ति को निमंत्रित किया जाना चाहिए यँहा सभी आद्य शंकराचार्य जी का जन्म समय 12सौ वर्ष पूर्व बता रहे है जबकि इन्हें इतना भी ज्ञान नही की भगवत्पाद का जन्म ईसा से 507 वर्ष पूर्व हुआ था। और अभी ज्योतिषपीठ के फैसले में माननीय न्यायालय ने भी शासन को फर्जीयो पर उचित कार्यवाही के आदेश दिए है।
@Rahul वीतराग महात्माओं ने व्यक्तिगत इतिहास को महत्त्व नहीं दिया होगा सो लिखित रिकॉर्ड का कुछ कहा नहीं जा सकता, माना जाता है कि sringeri परंपरा तो सतत रही है, पर आश्चर्य है !!
जब धर्मगुरूआपस में ही युद्ध करने लग जायेंगे तब धर्म कैसे सुरक्षित रह पायेगा।धर्म का प्रसार प्रचार कैसे होगा जब कि इन मठों की स्थापना का उद्देश्य ही हिन्दू सनातन धर्म का प्रसार और प्रचार ही था।विवाद करने वाले सन्तों को यह भी नहीं मालूम कि आदिगुरू शंकराचार्य 1200 वर्ष पहले नहीं बल्कि 2500 वर्ष पहले हुआ था।
कौन है यह धूर्त जो अपने आप को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बता रहा है , गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का नाम ना लेकर किसी 420 अधोक्षजानंद को बता रहा है ।
एन के सिह यहां किस अधिकार से बैठे हुए हैं ? तीनों मिलकर एक सही कदम का विरोध कर रहे हैं ! यदि कहीं कुछ गलत है तो उसका सुधार हो ! गलत के आधार पर एक और गलती करने का अधिकार नहीं मिल जाता !
धर्म सम्राट अनन्त श्री ब्रह्मलीन स्वामी करपात्री जी महाराज ने स्वामी स्वरूपा नन्द को आदि भगवान शंकराचार्य द्वारा बनाये मठ अनुशासन के नियम विरुद्ध 2पीठ का स्वम्भू आचार्य कहने पर धर्म संघ की सभी ईकाईयों से आजीवन निष्कासित कर दिया था तत्पश्चात पुरी के वरिष्ठ शंकराचार्य अनंतश्री श्री स्वामी निरंजन देव तीर्थ जी महाराज की अनुमति से काशी विद्वत परिषद द्वारा परम विद्वान तपस्वी स्वामी माधवाश्रम जी महाराज को ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य बनाया गया था
पुरी के शंकराचार्य श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ही हमारे असली जगतगुरु शंकराचार्य है... उनके मानसन्मान की रक्षा हम सनातनी हिंदूओंका दायित्व है... हमारे धर्म रक्षा की आखरी उम्मीद है.....5000 वर्ष पूर्व लुप्त हुई वैदिक गणित को पुनर्जीवित करने वाले वैदिक गणित के सबसे बड़े विद्वान श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय हो ।बड़े शर्म की बात है हिन्दू धर्म के सर्वोच्च गुरु के सामने नेताओं ने नकली शंकराचार्य ही खड़ा कर दिया ये बहुत ही दुःख की बात है । यदि भाजपा ने नकली शंकराचार्य को संरक्षण दे रहे हैं यह बहुत ही ज्यादा खराब बात। RSS आर्य समाजी है वो शंकराचार्य के पद को मनायता नही देते है दयानंद सरस्वती और विवेकानंद की मार्केटिंग करते है। RSS v BJP BOYCOTTS ये नकली शंकराचार्य ज्यादा प्रोमोट करने मे विशेष रूचि रखते है ।
राजनीति धर्मकी चेरी थी पर आज धर्म राजनीति की चेरी है. इसके लिए कौन दोषी है. कहाँ गया तप, त्याग, वैराग्य. धर्म व आध्यात्म में फर्क है. धर्मगुरु व आध्यात्मिक गुरु अलग अलग है. सभी शंकराचार्य अपने अपने दायित्वों में असफल हैं. सारा समाज तनावग्रस्त है. समस्याग्रस्त है पर आप सभी शंकराचार्य चुप हैं. ....
चार पीठ में से केवल तीन पीठ में मान्य शंकराचार्य विराजमान हैं। ज्योतिर्मठ रिक्त हैं, द्वारिका मठ के शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद सरस्वती हैं, पूरी पीठ के शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती है और श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य श्री भारती तीर्थ स्वामी हैं और यदि कांचीपुरम पीठ को उपपीठ मान ले तो उनके मान्य शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती स्वामी जी हैं। अस्तु। इनके अतिरिक्त कोई और वर्तमान समय में शंकराचार्य नहीं हैं। यदि कोई दावा करते हैं तो सावधान! वो ठग है, धोखेबाज है।
एन के सिंह जी आपने कहा कि अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए गुरु की जरूरत नहीं है जैसा कि कृष्ण गीता में कहते हैं। फिर वही कृष्ण 18वें अध्याय में अर्जुन को यह क्यों कहते हैं कि हे अर्जुन अपने मन को मेरे मन से जोड़ दे, मेरी भक्ति का कर, मुझे प्रणाम कर। एन के सिंह जी जरा इस पर भी प्रकाश डाल देते तो अच्छा होता। मैं यह जानता हूं कि आप उत्तर यही देंगे कि कृष्ण गुरु नहीं है बल्कि भगवान हैं। तो फिर यह भी उत्तर दे दें कि भगवान मन वाला होता है या नहीं। मन वाला कौन है गुरु है या भगवान है। अगर गुरु की जरूरत नहीं है और तो फिर शंकराचार्यों की क्या जरूरत है?यह गुरु हैं या भगवान है
Shankaracharya 4 hi he 4 math he goverdhan math puri jyotirmath badrinathdham shardamath dwarka shringerimath in 4 peetho ke 4 shankaracharya he yahi original he baaki jo nakli he unka hisaab kitaab ho unhe jail me daala jaye unka poorn bahiskar ho
There are only 4 shankaracharya aamnaya peeta as per history 1. Sringeri 2. Dwaraka 3. Puri and 4. Jyothirmutt... But some other saints who follow adavita siddantha and becomes saint also mention them as shankaracharya (because they follow shankaracharya adavaitha siddantha). For example Hariharapura mutt, shakarapura mutt, yedathore mutt, k r nagar mutt and shivagange mutt (these located in karnataka) these swamiji also doing great work under the guidance of sringeri mutt... So one should not say other than four amnaya peeta all are fake (because the other mutt also propagating advaitha siddantha) And as of my knowledge kashi shankaracharya is nonsense and fake he always shout in media better he should concentrate on dharma nirman...then people will respect him like other shankaracharya... he always create nonsense in debate.. half knowledge is dangerous to health (kashi shankaracharya)
Dekhiye ab jo head hota hai vo head he rahega Baat rahi up pitho ki to ho sakta hai ki vaha bhi shankaracharya rakhe jaate ho Lekin agar hain to fir vah oop he rahenge naki purn post pe rahenge , ye baat bhi samajhna chahiye
गरीब तीर तुपक तलवार कटारी जम धड़ जोर बढ़ावे है।हर पेड़ी हर हेत न जाने जहाँ जा तेग चलावे है।काटे सीस नही दिल करुणा ,ये जग में साध कहावे है। जो नर इनके दर्शन को जावे ,उनको भी ये नरक पठावे।। ये दशा इस त्रिगुण उपासको की ये स्वयं भूत और अपने चेलों को बहुत बना रहे है।
शंकराचार्य चार ही है बाकी फर्जी है
चारों शंकराचार्य को मेरा चरन स्पर्स
पूरी पीठाधीश्वर अनंतश्रीविभूषित श्रीमज्जगुरु निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय हो गोवर्धन मठ
🙏🙏🙏
Puri ke shankaracharya, निश्चलानंद सरस्वती जी hain na ki Adhokshajanand Saraswati
Correct
Right brother
Why only ban from kumbh, they should be thrown in the jail with punishment.
स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज ही पुरी पीठ के शंकराचार्य हैं, अन्य किसी का दावा धोखाधड़ी है।
आपका प्रयास प्रसंशनीय है पर एक निवेदन है कि ऐसी महत्वपूर्ण चर्चा में मान्य शंकर पीठो से अधिकृत व्यक्ति को निमंत्रित किया जाना चाहिए यँहा सभी आद्य शंकराचार्य जी का जन्म समय 12सौ वर्ष पूर्व बता रहे है जबकि इन्हें इतना भी ज्ञान नही की भगवत्पाद का जन्म ईसा से 507 वर्ष पूर्व हुआ था।
और अभी ज्योतिषपीठ के फैसले में माननीय न्यायालय ने भी शासन को फर्जीयो पर उचित कार्यवाही के आदेश दिए है।
आदि शंकराचार्य का जन्म ई.सन् से 507 वर्ष पूर्व हुआ था
यह एक अनिवार्य चर्चा है,चेनल को और अखाड़ा परिषद को साधुवाद!👍
1200 साल पहले शंकराचार्य नहीं थे 2500 साल पहले थे, आपकी जानकारी सही नहीं है.
2500 सही है, पुरी व श्रृंगेरी की परम्परा अक्षुण्ण रही है, पूरा अभिलेख मिलता है।
@Rahul वीतराग महात्माओं ने व्यक्तिगत इतिहास को महत्त्व नहीं दिया होगा सो लिखित रिकॉर्ड का कुछ कहा नहीं जा सकता, माना जाता है कि sringeri परंपरा तो सतत रही है, पर आश्चर्य है !!
@@ashvinimishra6064 hello its not like that it's 1200 year old only .. sringeri is having guru for peet continously
राजनेताओं के बनाए हुए हैं फर्जी शंकराचार्य ,, चार शंकराचार्य जी है श्रेष्ठ हैं जो कि शासन तन्त्र पर शासन करने का अधिकार प्राप्त होता है 🙏🚩
अखाड़ा परिषद भी.अपने.नियमो पर सोचे महामंडलेश्वर ज्योगिता से बनाऐ रुपया लेकर नहीं
सही है पर आप फर्जी के समर्थक है जैसे वासुदेवानंद जी
@@Yog_Yatra_With_Rahul पहले पीठो के बारे मे जानकारी करो फर्जी के समर्थन मे तुम हो हम नही
पीठो का शोधन होना चाहिए।
HINDU EK HO .BHARAT MATA SANKAT MEIN HAI.
BHARATVAASI JAAGO.
JAI BHARAT.
चार मठ के चार शंकराचार्य होते हैं तो स्वरुपानँद सरस्वती क्यों दो मठों को घेर कर बैठे हैं ये क्या धर्म के विरुद्ध नहीं है क्या
जगद्गुरु शंकराचार्य निश्लानंद जी
Esvi sun se 507 varsh purv janm huwa tha shankrachry bhagwan ka. Kripya shai jankari de. 🚩🚩🚩🚩🚩
1200 साल पहले नहीं ईस्वी सन से भी पहले।
आदी शंकराचार्य फिर आ जाएंगे तो चार पाठका फिर मालिक बन जाएंगे ।
जब धर्मगुरूआपस में ही युद्ध करने लग जायेंगे तब धर्म कैसे सुरक्षित रह पायेगा।धर्म का प्रसार प्रचार कैसे होगा जब कि इन मठों की स्थापना का उद्देश्य ही हिन्दू सनातन धर्म का प्रसार और प्रचार ही था।विवाद करने वाले सन्तों को यह भी नहीं मालूम कि आदिगुरू शंकराचार्य 1200 वर्ष पहले नहीं बल्कि 2500 वर्ष पहले हुआ था।
🌅 ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 💩 ଜୟ ସନାତନ ମହାଶୁନ୍ୟ ଗୁରୁ ଶରଣ 🗽
चार ही हैं शङ्कराचार्य
खुद नरेंद्रगीरि ने फर्जी शंकराचार्य बनाया था भगवान नरेंद्र गिरी के पाप को माफ करे उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे
Char pitho ke alawa jitne bhi Shankaracharya hai sabko Aantankwadi ghosit karna chahiye
कौन है यह धूर्त जो अपने आप को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बता रहा है , गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का नाम ना लेकर किसी 420 अधोक्षजानंद को बता रहा है ।
एन के सिह यहां किस अधिकार से बैठे हुए हैं ? तीनों मिलकर एक सही कदम का विरोध कर रहे हैं ! यदि कहीं कुछ गलत है तो उसका सुधार हो ! गलत के आधार पर एक और गलती करने का अधिकार नहीं मिल जाता !
धर्म सम्राट अनन्त श्री ब्रह्मलीन स्वामी करपात्री जी महाराज ने स्वामी स्वरूपा नन्द को आदि भगवान शंकराचार्य द्वारा बनाये मठ अनुशासन के नियम विरुद्ध 2पीठ का स्वम्भू आचार्य कहने पर धर्म संघ की सभी ईकाईयों से आजीवन निष्कासित कर दिया था तत्पश्चात पुरी के वरिष्ठ शंकराचार्य अनंतश्री श्री स्वामी निरंजन देव तीर्थ जी महाराज की अनुमति से काशी विद्वत परिषद द्वारा परम विद्वान तपस्वी स्वामी माधवाश्रम जी महाराज को ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य बनाया गया था
पुरी के शंकराचार्य श्री स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ही हमारे असली जगतगुरु शंकराचार्य है... उनके मानसन्मान की रक्षा हम सनातनी हिंदूओंका दायित्व है... हमारे धर्म रक्षा की आखरी उम्मीद है.....5000 वर्ष पूर्व लुप्त हुई वैदिक गणित को पुनर्जीवित करने
वाले वैदिक गणित के सबसे बड़े विद्वान श्री पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज की जय हो ।बड़े शर्म की बात है हिन्दू धर्म के सर्वोच्च गुरु के सामने नेताओं ने नकली शंकराचार्य ही खड़ा कर दिया ये बहुत ही दुःख की बात है । यदि भाजपा ने नकली शंकराचार्य को संरक्षण दे रहे हैं यह बहुत ही ज्यादा खराब बात।
RSS आर्य समाजी है वो शंकराचार्य के पद को मनायता नही देते है दयानंद सरस्वती और विवेकानंद की मार्केटिंग करते है।
RSS v BJP BOYCOTTS ये नकली शंकराचार्य ज्यादा प्रोमोट करने मे विशेष रूचि रखते है ।
राजनीति धर्मकी चेरी थी पर आज धर्म राजनीति की चेरी है. इसके लिए कौन दोषी है. कहाँ गया तप, त्याग, वैराग्य.
धर्म व आध्यात्म में फर्क है. धर्मगुरु व आध्यात्मिक गुरु अलग अलग है. सभी शंकराचार्य अपने अपने दायित्वों में असफल हैं. सारा समाज तनावग्रस्त है. समस्याग्रस्त है पर आप सभी शंकराचार्य चुप हैं. ....
सिर्फ कांचीकामपीठ तमिलनाडुको पंचम में लिया गया है।
भगबान आपका मनोरथ पूर्ण करे
एक और बात नकली मण्डलेश्वर भी हटे
आर हिंदू धर्म में किया बाकी रोहे गए ।हिंदू राजनेताओं ने किया बाकी रख दिया ।ही माता भगवती तुम कब विचार करोगे ।
चार पीठ में से केवल तीन पीठ में मान्य शंकराचार्य विराजमान हैं। ज्योतिर्मठ रिक्त हैं, द्वारिका मठ के शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद सरस्वती हैं, पूरी पीठ के शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती है और श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य श्री भारती तीर्थ स्वामी हैं और यदि कांचीपुरम पीठ को उपपीठ मान ले तो उनके मान्य शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती स्वामी जी हैं। अस्तु। इनके अतिरिक्त कोई और वर्तमान समय में शंकराचार्य नहीं हैं। यदि कोई दावा करते हैं तो सावधान! वो ठग है, धोखेबाज है।
काशी विद्युतपीठ नहीं काशी विद्वतपरिषद है दिग्विजय नहीं शङ्कर दिग्विजय
Sirf 4 sanchracharya h
Baki sab farji h
Only 4 pith h snatan dharm me
Sirf aur sirf 4 Shankaracharya aur ye politicians ka Jo agent hai usko bolo apna politics hamare Dharm Se dur rakhe danth dikhane Se nahi hota
1200 saal nahi गधे media,2500 saal pehele
एन के सिंह जी आपने कहा कि अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए गुरु की जरूरत नहीं है जैसा कि कृष्ण गीता में कहते हैं। फिर वही कृष्ण 18वें अध्याय में अर्जुन को यह क्यों कहते हैं कि हे अर्जुन अपने मन को मेरे मन से जोड़ दे, मेरी भक्ति का कर, मुझे प्रणाम कर। एन के सिंह जी जरा इस पर भी प्रकाश डाल देते तो अच्छा होता। मैं यह जानता हूं कि आप उत्तर यही देंगे कि कृष्ण गुरु नहीं है बल्कि भगवान हैं। तो फिर यह भी उत्तर दे दें कि भगवान मन वाला होता है या नहीं। मन वाला कौन है गुरु है या भगवान है।
अगर गुरु की जरूरत नहीं है और तो फिर शंकराचार्यों की क्या जरूरत है?यह गुरु हैं या भगवान है
Shankaracharya 4 hi he 4 math he goverdhan math puri jyotirmath badrinathdham shardamath dwarka shringerimath in 4 peetho ke 4 shankaracharya he yahi original he baaki jo nakli he unka hisaab kitaab ho unhe jail me daala jaye unka poorn bahiskar ho
Narendranand fake Shankaracharya
There are only 4 shankaracharya aamnaya peeta as per history 1. Sringeri 2. Dwaraka 3. Puri and 4. Jyothirmutt...
But some other saints who follow adavita siddantha and becomes saint also mention them as shankaracharya (because they follow shankaracharya adavaitha siddantha).
For example
Hariharapura mutt, shakarapura mutt, yedathore mutt, k r nagar mutt and shivagange mutt (these located in karnataka) these swamiji also doing great work under the guidance of sringeri mutt...
So one should not say other than four amnaya peeta all are fake (because the other mutt also propagating advaitha siddantha)
And as of my knowledge kashi shankaracharya is nonsense and fake he always shout in media better he should concentrate on dharma nirman...then people will respect him like other shankaracharya... he always create nonsense in debate.. half knowledge is dangerous to health (kashi shankaracharya)
Tumhe pata bhi hai, ki Aadi Shankaraachaary Ji 2505 Varsh pahle Aavatarit huye the, naku 1200 Varh pahle. Aap aapna Gyan badhayein.
शांकर उपपीठ के पीठाधीश को "शंकराचार्य उपपीठाधीश" की ही प्रमाणिकता से संज्ञापित होना चाहिये!
Hemant Bharadwaj upapeeth bolke kahi Mathamnaya mai kahi varnan hai kya?
Dekhiye ab jo head hota hai vo head he rahega
Baat rahi up pitho ki to ho sakta hai ki vaha bhi shankaracharya rakhe jaate ho
Lekin agar hain to fir vah oop he rahenge naki purn post pe rahenge , ye baat bhi samajhna chahiye
Sasantantra k sanrakshan me he
Asi isthithi paida hota hai hai
Adi guru shankaracharya ke banye niam aur vidhi se hi sab hona chahiye
केवल 4 मठो से सनातन धर्म का विस्तार ज्यादा नही हो सकता है इसलिए उपमठो की भी आवस्यकता है
कोई आवश्यकता नही है
@@agristudent2247 yahi soch Sanatan ko le dubega
कांग्रेसी चाटुकार शंकराचार्य
जानदार न्यूज
जय श्री राम
Radha krishna
नरेंद्रानंद फर्जी है
Narendranand giri ji ko koi Nahi mana jata shankrachary
Khud He Shankracharya Bn gye waah rae murkho
बहुत अच्छा है
Hari om
,,,😭😭😭😭😭😭😭😭
कबीर प्रभि लेत जात है दुनिया। हमरा ज्ञान किन्हें ना सुनिया।।
केवल 4
Narendranand asli shankaracharyon ke pair ki dhul bhi nahi hain...
गरीब तीर तुपक तलवार कटारी जम धड़ जोर बढ़ावे है।हर पेड़ी हर हेत न जाने जहाँ जा तेग चलावे है।काटे सीस नही दिल करुणा ,ये जग में साध कहावे है। जो नर इनके दर्शन को जावे ,उनको भी ये नरक पठावे।। ये दशा इस त्रिगुण उपासको की ये स्वयं भूत और अपने चेलों को बहुत बना रहे है।
Swami deepankar pagal Hi. Kuch nhi janta
Yeh charo peeth ke shankracharya farzi hain. Inhein congress ne gaddi par baithaya tha
Tere baap ko banaya tha bkl
तुम भी फर्जी हो।
आदिशंकराचार्य का प्रकोटोत्सव 2507 वर्ष पूर्व हुआ था