✴️Mahabharat Part-1🚩|| Krishna And Karna Conversation ⚡ ||

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 19 окт 2024
  • Mahabharat Part-1⚡|| Krishna And Karna Conversation ||
    Follow Me On Instagram 👇
    ...
    Your Queries :
    karna and krishna conversation
    karna and ar juna fight in mahabharat
    karna and duryodhana friendship
    karna and vrushali
    karna and draupadi
    karna and krishna
    karna and kunti
    karna and bhishma conversation
    karna and balram fight
    karna and abhimanyu fight in mahabharat
    mahabharat karna death full episode
    mahabharat karna
    mahabharat karna vadh
    mahabharat karna entry
    mahabharat karna death full episode 254
    mahabharat karna vs arjun
    mahabharat karna death
    mahabharat karna song
    mahabharat karna status
    mahabharat karna death full episode 252
    krishna in mahabharat
    krishna in mahabharat star plus
    krishna in mahabharata
    krishna in mahabharat telugu
    krishna in mahabharat status
    krishna in mahabharatham tamil
    krishna in mahabharat star plus real name
    krishna in mahabharat real name
    krishna in mahabharata tamil
    krishna in mahabharat old
    krishna attitude status
    karna aujla,new song
    karna pishachini
    karna death full episode in mahabharata
    karna status
    karna arjuna song
    karna tu bandeya
    karna song
    karna entry in mahabharat
    karna theme song
    karna sake hum pyar ka sauda kismat hi
    kuch aisi thi
    mahabharat
    mahabharat song
    mahabharat episode1
    mahabharat title song
    mahabharat full episode
    mahabharat star plus full episodes
    mahabharatham tamil
    mahabharat episode
    mahabharat ringtone
    mahabharat movie
    garv se kaho hum hindu hai swami vivekananda
    vishnu attitude status
    chandrayaan 3
    elvish yadav
    Song
    mahabharat
    hanuman chalisa
    bageshwar dham
    bho jpuri song
    elvish yadav bigg boss
    lord vishnu attitude status
    shree krishna status
    sri krishna govinda hare murare
    who is krishna
    who is krishna by amogh lila prabhu
    who is krishna mukher jee
    who is krishna status
    who is krishna wife
    who is krishna sadhguru
    who is krishna arora
    who is krishna by jaya kishori
    who is krishna son
    who is krishna das
    who is krishna sahay
    sri krishna status
    sri krishna status video
    sri krishna status telugu
    sri krishna statuS song
    sri krishna status for whatsapp
    sri kristhna status 4k full sCreen
    sri krishna status mahabharat
    sri krishna status kannada
    sri krishna status full screen
    sri krishna status new
    sri krishna status tamil
    shree Krishna attitude status
    #mahabharat #mahabharata #mahabharatstatus #karna #karan #suryaputrakarn #suryaputra_karna #krishnastatus #krishna #krishnamahabharat
    #viral #mahadev #new #tranding #hanuman #shortvideo #shortfeed #shorts #short #share #shortsfeed #newvideo #reels #reelsinstagram #hindu #hinduism
    #chandrayan3#edit
    #india
    ##hinduism #sanatandharma
    #bhagwa
    #hindu
    #hinduism
    #kattarhindu
    #kattar
    #kattarhindustatus
    #hindutva
    #sanatan
    #power
    #whatsapp_status
    #whatsappstatus
    #sanatandharma
    #status
    #epicedits
    #shorts #short #viral #viralshort #trending #trendingshort #shortvideo #youtubeshorts #edit
    #kattarhindustatus #kattarhindu

Комментарии • 1,1 тыс.

  • @the_mighty_hindu_
    @the_mighty_hindu_  Год назад +243

    Part 2
    ruclips.net/video/bBb8De1EITc/видео.htmlsi=vv1ZdfIxhfChrLY_

  • @Siddharth0997
    @Siddharth0997 7 месяцев назад +12

    क्षत्रिय होने पर गर्व है
    Proud To Be Kshtriya 🚩🚩🚩

  • @adityadevtarase7256
    @adityadevtarase7256 Год назад +72

    जय श्री कृष्ण ❤

  • @vickygarduachautala8356
    @vickygarduachautala8356 Год назад +171

    Best warrior of Mahabharat ⚔⚔Mahaveer Karn❤

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

    • @mrroyalgamingop5709
      @mrroyalgamingop5709 Месяц назад +1

      Best warrior of Mahabharat pitama bhishm

    • @flamingspecters6250
      @flamingspecters6250 8 дней назад +1

      In ur dreams and Sony tv 😂😂

  • @Communist_Party_of_India.
    @Communist_Party_of_India. 11 месяцев назад +196

    "आसान नही है खुद को एकलव्य और कर्ण बनाना,
    दुश्मन बन जाता है सारा जमाना....!"😔💪😎

    • @rajeshamahapatra6507
      @rajeshamahapatra6507 9 месяцев назад

      ​@@kailashmahato4861kya kare Mahabharat reels se jo dekhte he

  • @abhijeetgamingzone7658
    @abhijeetgamingzone7658 Год назад +314

    Karna Life is so emotional 🥺, jai Shree Karna ji. Jai Shree Krishna🙏🕉

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

    • @joyvor-or6xe
      @joyvor-or6xe Год назад +6

      Yes 🥺

    • @justfordemo3044
      @justfordemo3044 11 месяцев назад +6

      Bhai pandavo ne to Puri zindagi raaj Mahal me maze liye hain na arre murkh kabhi asli Mahabharat padh sut putra hota kon hai yeh bhi samjh

    • @adityakumar6479
      @adityakumar6479 11 месяцев назад +1

      ​@@justfordemo3044but his life was inspiring and i really love that kind of friends

    • @justfordemo3044
      @justfordemo3044 11 месяцев назад +2

      @@adityakumar6479 haan jo friend gandharva yudh me chhor kar bhaag Jaye aur Virat yudh me bhi saath chhor de kabhi Mahabharat padhi bhi hai guru ji ya bas yuhi gyan de rhe ho 🙄

  • @AyushKumar-qc8ke
    @AyushKumar-qc8ke 6 месяцев назад +1

    Jai shree krishna radhe radhe radhekrishna ❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏...............infinite times

  • @Mannu___5012
    @Mannu___5012 Год назад +301

    Biggest fan of karna ❤

    • @Kiyaaa_xoxo.9
      @Kiyaaa_xoxo.9 8 месяцев назад +5

      Me too❤

    • @Dark-Gamer0000
      @Dark-Gamer0000 6 месяцев назад +2

      Mannu u forgot me .🗿

    • @Psychology-n4q
      @Psychology-n4q Месяц назад +1

      @@Mannu___5012 though being a muslim,I am in attraction to the name karna.

  • @Rohit_sah
    @Rohit_sah Год назад +26

    जय श्री कृष्णा 💙

  • @Nature_and_Agriculture
    @Nature_and_Agriculture Год назад +301

    My favourite character of Mahabharata Suryaputra Karan 🙏🙏❤️🙏🙏

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

    • @kartikguptaad5442
      @kartikguptaad5442 10 месяцев назад +1

      Bo adharmi tha

    • @souparnasaha1495
      @souparnasaha1495 10 месяцев назад +3

      Hoga hi kiyuki tumbhi gali dena , nari ko cherna , adharma karna sahi mate ho

  • @Omkar.mishra_123
    @Omkar.mishra_123 9 месяцев назад +43

    Karna is supreme for child but Krishna is supreme for legend 🙏🙏
    Radhe Radhe

  • @rsranjit9458
    @rsranjit9458 Год назад +24

    Bohat sundar video hai
    Dil ko chuliya ❤️❤️❤️

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @NiladriDas103
    @NiladriDas103 11 месяцев назад +24

    Shree Krishna ❤🚩🙏 1:46 Karan 🙏

  • @MY_-_MUNNA
    @MY_-_MUNNA Год назад +104

    ALL WORLD ALL UNIVERS
    = LORD KRISHAN

  • @MadhabSing-d8l
    @MadhabSing-d8l 10 месяцев назад +16

    Jai shree krishna 🙏🙏🙏❤️

  • @Unknown_Soul07
    @Unknown_Soul07 Год назад +1437

    5 pandav=1 karn❤

  • @moviehunt2266
    @moviehunt2266 9 месяцев назад +130

    Karna is always supreme ❤

  • @shailendhibar2618
    @shailendhibar2618 Год назад +105

    He is my real Hero of Mahabharat 🙏🙏🙏

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

    • @drujjawalrathore
      @drujjawalrathore Год назад +1

      AAP adharm ko support kar rhe ho fir

    • @SteveHarrington-ej9st
      @SteveHarrington-ej9st 8 месяцев назад +1

      He is real villain of Mahabharat kabhi padhi bhi mahabhart ya sirf serials hi dekhi he

  • @suryanshbundela9847
    @suryanshbundela9847 Год назад +17

    Jai Shree Ram🕉️🙏Om Namah Shivay🕉️🙏Jai Mata Dee🕉️🙏Jai Manshadevi Ji Ki🕉️🙏Jai Ashoksundhri Ji Ki🕉️🙏Jai Naagpanchami Ji Ki🕉️🙏RadheRadhe🕉️🙏Jai Mai Ki🕉️🙏Jai Shree Ganesh Ji Ki🕉️🙏

    • @niloysaha007
      @niloysaha007 2 дня назад +1

      Joy Shri Krishna ❤️🕉️🙏 Har Har Mahadev ❤️🕉️🙏 Joy Shri Ram ❤️🕉️🙏Joy Ma Durga ❤️🕉️🙏🇧🇩❤️🚩

  • @hellobroda6686
    @hellobroda6686 11 месяцев назад +5

    Radhe Radhe 🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️👑👑👑👑💪💪💪💪💪Karn king 👑😈💪❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @aadityakumar8810
    @aadityakumar8810 Год назад +13

    🙏🙏SRI RAM 🙏🙏 = unimaginable universe

  • @ashokacharya2962
    @ashokacharya2962 10 месяцев назад +8

    हरे कृष्ण🕉😍🙏🏻राधे राधे🙏🏻😍🕉

  • @anilsha6680
    @anilsha6680 6 месяцев назад +1

    Jai shree radhe krishna 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🙏🏻

  • @tuskar2234
    @tuskar2234 Год назад +23

    হরে কৃষ্ণ ❤️🙏❤️

  • @SwarupMonda
    @SwarupMonda Год назад +14

    Har har Mahadev

  • @BikashKumar-np9zd
    @BikashKumar-np9zd Год назад +42

    I ❤ karna

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @adityadas2758
    @adityadas2758 Год назад +20

    Jay Shree Krishna ❤❤

  • @AbhiPariyar-m1d
    @AbhiPariyar-m1d Год назад +18

    𝑹𝒆𝒂𝒍𝒍𝒚 𝒉𝒆𝒓𝒐 𝒌𝒂𝒓𝒏𝒂 ❤❤❤

  • @SushilYadav-qs3ct
    @SushilYadav-qs3ct Год назад +10

    JaiShriKrishnRadheRadhe

  • @darklordff7413
    @darklordff7413 9 месяцев назад +3

    Jay shree krishna radhe radhe radhe 💗💗💗🙏🙏🙏

  • @avinashkhandare2732
    @avinashkhandare2732 Год назад +5

    Radhekarn❤️

  • @kedarnath_vlog680
    @kedarnath_vlog680 11 месяцев назад +15

    Pandav ❎ Karn 🗿✅🚩 Jai Shree Krishn🚩🚩

    • @mr.aman5733
      @mr.aman5733 Месяц назад

      Mana karn ek mahan yoddha the par sath to galat ka de rhe the😢

  • @pritirajan
    @pritirajan 6 месяцев назад +2

    JAISHRIRAMSIYA❤

  • @yashdiwan
    @yashdiwan 7 месяцев назад +4

    ❤️❤️कर्ण❤❤

  • @ayushshah775
    @ayushshah775 Год назад +10

    Jay shree Krishna ❤

  • @RajaKumar.trader
    @RajaKumar.trader 11 месяцев назад +4

    Jai shree radhe Krishna ji ki Jai ho 💖😊🙏😘Jai Shree Karan dev ji ki Jai ho😘🙏😊💖💓👍❤️💛👌🧡💗🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @RajuBairwa-f6y
    @RajuBairwa-f6y Месяц назад +1

    Jai sri radhe krishna ji 🚩🙏🌏😊

  • @ayonroy7144
    @ayonroy7144 Год назад +116

    5 pandav + 100 korav = karn❤💙

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

    • @munnamishra6385
      @munnamishra6385 11 месяцев назад +3

      You are wrong

    • @Subhajit15-x3u
      @Subhajit15-x3u 10 месяцев назад +3

      Nice joke 😂

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek 10 месяцев назад +2

      @@Subhajit15-x3u bakwas joke tha ye, sathiya gaya Sonyputra fan 😅

    • @Subhajit15-x3u
      @Subhajit15-x3u 10 месяцев назад +1

      Not only suryaputra Karn, aj ke zadatar TV serials mein Karn ka alag image dikhaya jata hai jab ki asal mein wo aisa hai nahi. Karn ka jo character serials mein dekhte hai wo pura frictional hai. Aur yehi dekhke sab kehte hai Karna is great.

  • @sanjaypenthei
    @sanjaypenthei Год назад +45

    Karn is a good and emotional person ❤❤❤🥺🥺🥺🥺🥺🥺

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @prasenjitpal420
    @prasenjitpal420 Год назад +3

    জয় শ্রী কৃষ্ণা 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️

  • @djakyjigamer5717
    @djakyjigamer5717 4 месяца назад +1

    Jai Shree Krishna ki Jai ❤❤❤❤❤
    Jai Shree Karan ki Jai ❤❤❤❤❤

  • @makemalay9430
    @makemalay9430 Год назад +4

    Jay Shree Krishna 🙏🏾🙏🏾🙏🏾

  • @anubhavhaldia9667
    @anubhavhaldia9667 Год назад +6

    राधे कर्ण 🙏🙏❤️❤️👌👌

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @ProdipSarkar-jf5ig
    @ProdipSarkar-jf5ig 10 месяцев назад +2

    Radha Krishna Karna

  • @adityadevtarase7256
    @adityadevtarase7256 Год назад +37

    राधे राधे ❤

  • @lalusunani5834
    @lalusunani5834 11 месяцев назад +20

    Karn is the best hero of mahabharth ..and duryodhan is tho best friend for karn❤

  • @TusharSharma-g5x
    @TusharSharma-g5x Год назад +7

    Prem se bolo Radhe Radhe ji 🙏

  • @subhosarkar4251
    @subhosarkar4251 Год назад +15

    Dost ho to Karn jaisa Jo dost ke liya bhagwan se bhi Yudh karee❤

    • @swehlamarma4591
      @swehlamarma4591 Год назад +1

      Sahi baat bola

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @runff2844
    @runff2844 9 месяцев назад +1

    🦚🌼🌺 Radhe Radhe 🌺🌼🦚

  • @nainarajawat9511
    @nainarajawat9511 9 месяцев назад +15

    Karna ❤

  • @GamingWithShivam-tr4sl
    @GamingWithShivam-tr4sl Месяц назад +1

    😊😊karn ❤1000nmn😊😊🦁🚩Jay Bhagwan parshuram 🙏

  • @hunterboy-u6p
    @hunterboy-u6p 9 месяцев назад +18

    I am biggest fan of karn

  • @lordshivang99
    @lordshivang99 3 месяца назад +1

    Jay Shri Kirshn

  • @indiandynamicshub1677
    @indiandynamicshub1677 Год назад +47

    Karna was greatest but he did some bad karma for duryodhan. 😢

    • @souparnasaha1495
      @souparnasaha1495 11 месяцев назад +2

      Sorry to say but Jo dosti apne dosto ko bwinash ki taraf le Jaye wo dosti kese achi dosti ho sakti hai mujhe Nehi pata ,dosti honi chaiye krisna and Arjun ki tarah jab jab Arjun galti karte the krisna use dat te the fir Arjun gussa na karke bat ko samjhkar uski agya ka palan korte the naki karne ki tarah Mitra ta ki nam de kar adharm karta first apnehi dosto ko adharma karne ke liye utsahit karta nahi karne deta , karn was literally a very very very bad person who is the sign of jealous,wrong friends,chatur dushman,who take desitions in anger ness or without thinking about another one

    • @armylover3489
      @armylover3489 10 месяцев назад +1

      Bhai swyam ram ne kha tha
      Agar mitra kisi vipatti me ho ya esa samay ho ki yudh hi ant he to bhi mitra ka sath dena dharm he

    • @souparnasaha1495
      @souparnasaha1495 10 месяцев назад +1

      @@armylover3489 pehli bat to karn ki wajah se yudh Tak bat gayi hai , eisa mitro to mujhe Nehi chaiye Jo har bar mereko lalchaye yudh ke liye aur last Tak yudh Tak le Jaye , gandharba ke sath yudh main to yo bhag Gaya tha jab ki Duryadhan bandi ho gaya tha churane ke liye pandaba ko bheja gaya tha
      Dusri bat ram ek aur yuge ka tha har yug main kahani alada hota hai jaise ki Satya yug main raksas aur Devo 2 alag lok main rahte the , wahi Treta yug main alag deso main and Dwapar Yug main ekhi Ghar main
      Isliye ye krisna aur ram ka character main bohot farak hai ram ko mar kar Krishna ho kar alag se janama Lena para nehi to wo khudi immortal reh sakte the

    • @indiandynamicshub1677
      @indiandynamicshub1677 10 месяцев назад +1

      ​@@souparnasaha1495 You are right 👍🏼

    • @entertainment66996
      @entertainment66996 9 месяцев назад +1

      ​@@armylover3489 pehli baat toh ye hai ki Shree Ram ji ne vo baat kahi jo khud hmesha dharm ke marg pe chale hai or dusro ko bhi dharm ke marg pe chalne ko kaha h or unke mitr bhi dharm ke hi raste chale or uss jgah par agr unko unke mitr ke liye koi adharm karna pda jisse kisi dharm ki hi sthapana ho rhi ho toh vo adharm dharm hi keh layega..
      Shree Ram ne ye nahi kaha ki tumhara mitra adharmi ho or tum usse apna mitra bana lo or fir uski madad karo toh vo dharm keh layega 🥲

  • @beby143
    @beby143 9 месяцев назад +2

    Jay Shree Krishna 🌺🌼🦚🙏

  • @akgamer6351
    @akgamer6351 Год назад +13

    Karan ❤

  • @pagaldeewana161
    @pagaldeewana161 Год назад +3

    Jay shree krishna 🙏🚩🚩🚩🕉️🕉️🕉️🔱🔱🔱

  • @lordshivang99
    @lordshivang99 2 месяца назад +1

    Jay Shri Kirshn 🙏🚩🕉

  • @prozonegaming2006
    @prozonegaming2006 8 месяцев назад +3

    Whole Mahabharat = one leader Karna 🙏🏻

  • @riteshkumarmaurya920
    @riteshkumarmaurya920 3 месяца назад

    Har Har Mahadev Jai Shree Krishna Ji Maharaj ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ramhnuman34
    @ramhnuman34 Год назад +82

    श्री राम =100 कोरव+5 पांडव+ 1कर्ण ❤

    • @aryanvyas8282
      @aryanvyas8282 Год назад +18

      Bhai comparsion mat karo shri Ram bhagwan ke aaspaas Bhi Nahin Hai yah sab. 🙏🙏

    • @aryanvyas8282
      @aryanvyas8282 Год назад +9

      Bacchon ke sath papa ko comparison Nhi karte h
      Jai shree Ram🙏🚩

    • @kajuu0805
      @kajuu0805 Год назад +3

      mahabharat me shree ram ji🙄... Ye kab hua🙂

    • @24mviews17
      @24mviews17 Год назад +1

      Ram ji ke ek tir k bara bar b ni
      Expect karan agr us k pas kundl kawach ho tbi tik sakta h
      Thodi der

    • @abhishektripathi1985
      @abhishektripathi1985 Год назад +1

      ​@@24mviews17bhai kuch bhi ho kawach kundal kuch bhi, Shree Ram ji samne koi ek chhad bhi nahi tik sakta

  • @ArjunChaudhary-rd6ue
    @ArjunChaudhary-rd6ue Месяц назад

    Eklavay radheykarn ❤ RADHE Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe

  • @Love.m-in1qz
    @Love.m-in1qz Год назад +4

    Jay shree Ganesh ji jay shree krishna Jay shree ram Jay shree Hanuman ji jay shree shyam Jay shree mahakal Jay maa Durga ❤❤

  • @SanjJ-v9u
    @SanjJ-v9u Год назад +1

    Jai shree ram ji jai hanuman ji jai shree ram ji jai hanuman ji jai shree krishna ji

  • @M_K_R_18
    @M_K_R_18 10 месяцев назад +26

    Respect To Karn 🚩🙌

  • @SUMIT_YT888
    @SUMIT_YT888 Год назад +2

    Jay Shree ram 🙏🙏

  • @KoyalSharma-k2y
    @KoyalSharma-k2y 11 месяцев назад +1

    जय shree krishna

  • @user-gi6nm8tw5k
    @user-gi6nm8tw5k Год назад +30

    Unlimited karn =1 krishna ❤

    • @shivpratap2606
      @shivpratap2606 Год назад +4

      Unlimited krishna= 1 mahadev❤

    • @wowvideobangla
      @wowvideobangla Год назад +1

      ​@@shivpratap2606galat bola

    • @wowvideobangla
      @wowvideobangla Год назад +2

      ​@@shivpratap2606tere ko koi gyaan nehi

    • @godofdanger687
      @godofdanger687 Год назад +3

      @@shivpratap2606 krishna = mahadev 😂😂😂 yehi andhbhkti thik nhi ek hi bhagwan hai ...

    • @gopal4325
      @gopal4325 11 месяцев назад

      Abe gadhe tujhe pata to hai na srikrishna swaya bhagan hai .unke samne mahadev ke alava koi bhi tik nahi sakta . Karn ko nicha dikhane kiliye bhagwan se compare kar raha hai . Bhai vo bhagwan hai unke samane karn ho ya arjun koi tik nahi sakta . Itna to pata hena arjunbhakta 😂😂😂

  • @vishal-ri1zo
    @vishal-ri1zo Год назад +2

    Radhe radhe 💝

  • @Ytshivam628
    @Ytshivam628 9 месяцев назад +15

    Karn is not a warear he is a lagend❤❤

  • @radheshampuri4754
    @radheshampuri4754 9 месяцев назад

    ओम नमः शिवाय ❤❤ ओम माता पर्वतीय नमः ❤❤
    जय श्री राम ❤❤
    जय श्री कृष्ण ❤❤
    जय परशुराम ❤❤
    जय हनुमान ❤❤
    ओम नंदी नमः ❤❤

  • @Pramodprajapati-mj9mh
    @Pramodprajapati-mj9mh Год назад +5

    Karna ki jay ho❤❤❤❤❤jay shree Krishna ❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @CARTOON_VERSY_VS
    @CARTOON_VERSY_VS 10 месяцев назад +1

    Jai shree krishna 🥰

  • @Rangidevi7139
    @Rangidevi7139 11 месяцев назад +6

    2:40 is best line 😊😊

  • @ProdipSarkar-u2m
    @ProdipSarkar-u2m 11 месяцев назад +1

    Radha Krishna karan

  • @dharmacharanchakma1780
    @dharmacharanchakma1780 Год назад +37

    No one is Brahman , katriya ,bais, sutrya by birth but Work
    - Gautam Buddha

    • @S.v.y3301
      @S.v.y3301 Год назад +1

      Par me to janame she shakuch sant bhata gun the

    • @sahilkshirsagar...
      @sahilkshirsagar... 11 месяцев назад +1

      Ye kya shree Krishna nhi kahte

    • @ShraddhaVishwakarma-x8e
      @ShraddhaVishwakarma-x8e 11 месяцев назад

      Gautam Buddha brahman the na hi bhagwan.bhagwam vo hot hai Jo pure earth 🌎 ki raksha kare jise Krishna

    • @S.v.y3301
      @S.v.y3301 11 месяцев назад

      @@ShraddhaVishwakarma-x8e bhagevan kon hai t nahee jante ho tumare shabado me hee bataka duga kiyuki pun shateye nahee jante ho rama parushuram yek shamaye janamit yug me hai atema alag hai alag beramad she bo yek keval gun me ho par batane she kematelav pahuch hee nahee icha thee to bata diya

    • @anuragsharma2707
      @anuragsharma2707 10 месяцев назад

      Abe sale bhagwat Geeta ka slok chori kar liya ..tere budda ne sab chori kar lode

  • @KaranSinghsaab-lo8bl
    @KaranSinghsaab-lo8bl Год назад +8

    Most powerful angraj Karan ❤❤❤💪💪💪💪💪

  • @tusarghosh2113
    @tusarghosh2113 Год назад +4

    জয় মহাভারত

  • @RDgangster-id8gk
    @RDgangster-id8gk 6 месяцев назад +1

    Kabhi kabhi krishan bhi halat ke hatho majbur ho jate hai aur jo sarvgyata hai parambhamah hai vo bhi kuch prshno ko sun chup rah jate hai.
    Jay shree krishan
    ❤❤❤

  • @BiswajitDas-mk2zb
    @BiswajitDas-mk2zb 11 месяцев назад +9

    Radhe Karan ❤ always my favourite 😊 ❤️

  • @VanrajPrince
    @VanrajPrince 4 месяца назад

    Jay shree Radhe krishna 💕😇😍❤🙏☺

  • @rahul_saini_put
    @rahul_saini_put Год назад +8

    King of kings suryaputra karn❤❤

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @rohitmandal941
    @rohitmandal941 11 месяцев назад +2

    JAI SHREE VISNHU JAI SHREE VISHNU JAI SHREE VISNHU JAI SHREE VISHNU ..........................♾️

  • @Black_gamer082
    @Black_gamer082 Год назад +12

    Radhe karn❤

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @tlbgaming4609
    @tlbgaming4609 Год назад +2

    Jay Shree Radhe Krishna ❤️🌹🌷🙏

  • @Entertainment_family2024
    @Entertainment_family2024 11 месяцев назад +4

    I love Karn ❤❤❤❤❤❤❤

  • @PawanMittal-b5e
    @PawanMittal-b5e 4 месяца назад +1

    1 krishna=everything ❤

  • @shankhadeepmanna7585
    @shankhadeepmanna7585 11 месяцев назад +11

    Karna is really a great warrior

    • @kishanchauhan678
      @kishanchauhan678 10 месяцев назад +1

      To dropati ki saree kyu kichi

    • @shankhadeepmanna7585
      @shankhadeepmanna7585 8 месяцев назад

      ​@@kishanchauhan678tum kya Mahabharat nhi pade kya
      Pahle pado then comment karo

    • @KaranSingh-h2h
      @KaranSingh-h2h 5 месяцев назад

      Woh toh mjk kr rha tha😂​@@kishanchauhan678

  • @MarcoTeam143-se6rl
    @MarcoTeam143-se6rl Год назад +1

    Jai Shri Radhe Krishna Bhagwan Jiiiiii

  • @rajkamalsingh9145
    @rajkamalsingh9145 Год назад +7

    Mahabharat ka sabse bada yodhha Karna❤

    • @knowledgeconsumer1289
      @knowledgeconsumer1289 Год назад +1

      Nice joke

    • @shivamdas552
      @shivamdas552 Год назад

      @@knowledgeconsumer1289 αrjun nє kαrn kσ mαrα nícє jσkє

    • @knowledgeconsumer1289
      @knowledgeconsumer1289 Год назад +1

      @@shivamdas552 haa 13 baar haraya hai last fight me mara bhi hai serial dekhoge kaise pata chalega

    • @shivamdas552
      @shivamdas552 Год назад

      @@knowledgeconsumer1289 tum ѕєríαl dєkhtє hσ íѕílíчє αrjun kσ ѕrєѕt mαntє hσ lєkín ѕαchα чσdhα tσ kαrn hí hє kαrnα ❤️ ѕurчα putrα 🌞, ααngrαj 👑 ,dígвíjαчí 🚩, mαhαrαthí ⚔️,αdírαth putrα 💙, rαdhєч putrα ❤️ , pαndєv jєѕth 🙏🏻 , kumtí putrα 💙,ααdítчα nαndαn 🌞, αrkαputrα 🔥, rαвíѕunu 🌞 , ѕαвítrα 💙 , ѕαmpαdhítα 🌸, ѕαmpαnα ❤️, rєѕhα 💙, вєktínα ❤️, вαѕuѕєnα 💪🏻, ααdí rαthí 🔥 , ѕutαѕutα 💙, ѕαudí ❤️, rαхmírαthí 🔥, ѕutѕun 💙, ѕutαѕutα ❤️, ѕutαtαnαчα ,💙, rαdhα ѕut ❤️, kuruvєєr 💪🏻, kuruчσdh 🔥, kσlαчα 💙, gσputrα 🚩🚩, ѕαвítrα ❤️, ѕαmpαdhítα 🌸 , ѕαmpαnα 💙 , rєѕhα ❤️ , víjαчdhαrí 🔥, dαnvєєr 🔥, kαвαj dhαrí 🌞 ѕutputrα ⚡ pαrѕhurαm 🚩ѕíѕhчα 🚩, míttunjαч 🙏🏻 , 👉 ( rαdhє ❤️ kαrn 😌❤️)🔥
      rαdhє kαrn ❤️❤️💙❤️💙❤️💙❤️💙❤️💙❤️💙❤️💙❤️💙💙❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️⚔️rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️🔥❤️ 👇
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrnα❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
      rαdhє kαrn ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️

    • @karangurjar181
      @karangurjar181 Год назад

      करण कभी अर्जुन से हरा ही नहीं था उसे सिर्फ धोखे से हराया गया था

  • @bikeshyadav5846
    @bikeshyadav5846 10 месяцев назад

    Jai Shree Krishna Ji ki 🌀🪘🌅🌈🌄💧☄️🪘🌅🌈🌄 Jai Shree Karn🌀💧☄️🪘🌅Arjun Ji ki 🌀🪘🥰🌅🌄💧☄️🪘🌅

  • @user-sagar785
    @user-sagar785 Год назад +8

    Karna sabse bada yodha tha mahabharat ka
    Karna is great❤❤❤

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

  • @hiphop1396
    @hiphop1396 3 месяца назад +2

    Arjun+Dharm > Unlimited Karn ❤
    Jay Shree Krishna ❤️

  • @Waifu_Department
    @Waifu_Department Год назад +6

    In the past we have thousands of legends which have superpower,my question is where is that all powers go now ? Did something happened in that past is that why no one remembers how to use those super powers😮❤

    • @ultravegito9497
      @ultravegito9497 Год назад +1

      Bro are you talking about the knowledge of Astra then the last guy who have the knowledge of Astra were lord Krishna and Arjun after lord Krishna death the knowledge remained with Arjun but Arjun didn't share the knowledge because he knew that the coming people didn't know what to use in battlefield by this I mean if two people clashed and use their Astra for a non sense fight then the Astra will end the world because when two powerful Astra clashed then their energy will destroy the whole world that is why he didn't share it and if you are talking about strength then it depends on which yuga the people exist Mahabharat took place in dwaparyug and people of dwaparyug strength was counted by 1 elephant strength and the yug we exist is kal yug and in these yug people are the weakest in strength their strength is counted by a horse power

    • @vaidik_vivek
      @vaidik_vivek Год назад

      Krishn ji yahan Karn ko neech kehte hai ↓ tareef kahin nahi kiye Karn ki kabhi.. Mahabharat ke Karn Parv ke shlok hai ye, jaake check krle ↓
      • तमब्रवीद् वासुदेवो रथस्थो राधेय दिष्ट्या स्मरसीह धर्मम् ⁠। प्रायेण नीचा व्यसनेषु मग्ना निन्दन्ति दैवं कुकृतं न तु स्वम् ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      उस समय रथ पर बैठे हुए भगवान् श्री कृष्ण ने कर्ण से कहा-‘राधानन्दन! सौभाग्य की बात है कि अब यहाँ तुम्हें धर्मकी याद आ रही है! प्रायः यह देखने में आता है कि नीच मनुष्य विपत्ति में पड़ने पर दैव की ही निन्दा करते हैं। अपने किये हुए कुकर्मों की नहीं ⁠।⁠।⁠ १ ⁠।⁠।
      • यद् द्रौपदीमेकवस्त्रां सभाया- मानाययेस्त्वं च सुयोधनश्च ⁠। दुःशासनः शकुनिः सौबलश्च न ते कर्ण प्रत्यभात्तत्र धर्मः ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! जब तुमने तथा दुर्योधन, दुःशासन और सुबलपुत्र शकुनि ने एक वस्त्र धारण करनेवाली रजस्वला द्रौपदी को सभा में बुलवाया था, उस समय तुम्हारे मन में धर्म का विचार नहीं उठा था? ⁠।⁠।⁠ २ ⁠।⁠।
      • यदा सभायां राजानमनक्षज्ञं युधिष्ठिरम् ⁠। अजैषीच्छकुनिर्ज्ञानात् क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      ‘जब कौरव सभा में जूए के खेल का ज्ञान न रखने वाले नमन योग्य सर्वश्रेष्ठ राजा युधिष्ठिर को शकुनि ने जान-बूझकर छलपूर्वक हराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ३ ⁠।⁠।
      • यद् भीमसेनं सर्पैश्च विषयुक्तैश्च भोजनैः ⁠। आचरत् त्वन्मते राजा क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ५ ⁠।⁠।
      ‘जब दुर्योधन ने तुम्हारी ही सलाह लेकर भीमसेन को जहर मिलाया हुआ अन्न खिलाया और उन्हें सर्पों से डँसवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ।⁠।
      • यद् वारणावते पार्थान् सुप्ताञ्जतुगृहे तदा ⁠। आदीपयस्त्वं राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! उन दिनों वारणावत नगर में लाक्षाभवन के भीतर सोये हुए कुन्तीकुमारों को जब तुमने जलाने का प्रयत्न कराया था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ६ ⁠।⁠।
      • यदा रजस्वलां कृष्णां दुःशासनवशे स्थिताम् ⁠। सभायां प्राहसः कर्ण क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! भरी सभा में दुःशासन के वश में पड़ी हुई रजस्वला द्रौपदी को लक्ष्य करके जब तुमने उपहास किया था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ७ ⁠।⁠।
      • यदनार्यैः पुरा कृष्णां क्लिश्यमानामनागसम् ⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      ‘राधानन्दन! पहले नीच कौरवों द्वारा क्लेश पाती हुई निरपराध द्रौपदी को जब तुम निकट से देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ गया था? ⁠।⁠।⁠ ८ ⁠।⁠।
      • विनष्टाः पाण्डवाः कृष्णे शाश्वतं नरकं गताः ⁠। पतिमन्यं वृणीष्वेति वदंस्त्वं गजगामिनीम् ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠। उपप्रेक्षसि राधेय क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।
      ‘(याद है न, तुमने द्रौपदीसे कहा था) ‘कृष्णे! पाण्डव नष्ट हो गये, सदा के लिये नरक में पड़ गये। अब तू किसी और पति का वरण कर ले। जब तुम ऐसी बात कहते हुए गजगामिनी द्रौपदीको निकट से आँखें फाड़-फाड़कर देख रहे थे, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ९ ⁠।⁠।
      • राज्यलुब्धः पुनः कर्ण समाव्यथसि पाण्डवान् ⁠। यदा शकुनिमाश्रित्य क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ १० ⁠।⁠।
      ‘कर्ण! फिर राज्य के लोभ में पड़कर तुमने शकुनि की सलाह के अनुसार जब पाण्डवों को दुबारा जूए के लिये बुलवाया, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।
      • यदाभिमन्युं बहवो युद्धे जघ्नुर्महारथाः ⁠। परिवार्य रणे बालं क्व ते धर्मस्तदा गतः ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      ‘जब युद्ध में तुम बहुत-से महारथियों ने मिलकर बालक अभिमन्यु को चारों ओर से घेरकर मार डाला था, उस समय तुम्हारा धर्म कहाँ चला गया था? ⁠।⁠।⁠ ११ ⁠।⁠।
      • यद्येष धर्मस्तत्र न विद्यते हि किं सर्वथा तालुविशोषणेन ⁠। अद्येह धर्म्याणि विधत्स्व सूत तथापि जीवन्न विमोक्ष्यसे हि ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।
      ‘यदि उन अवसरों पर यह धर्म नहीं था तो आज भी यहाँ सर्वथा धर्म की दुहाई देकर तालु सुखाने से क्या लाभ? सूत! अब यहाँ धर्म के कितने ही कार्य क्यों न कर डालो, तथापि जीते-जी तुम्हारा छुटकारा नहीं हो सकता ⁠।⁠।⁠ १२ ⁠।⁠।

    • @ultravegito9497
      @ultravegito9497 Год назад +1

      @@ramcharan615 bro are you not a Hindu

    • @S.v.y3301
      @S.v.y3301 Год назад

      Nahee bo shaketiye vigeyan geyan me shakuch hai par bo shaletiye khandit hogai the or jaha bhagesur balebaba ke pash pun shidhi hai jishe alag nahee bahut lagate

  • @ChandrabatiMohapatra-tu4oi
    @ChandrabatiMohapatra-tu4oi Год назад +31

    After all lord Krishna is Almighty

    • @S.v.y3301
      @S.v.y3301 Год назад

      Jo ush yug ke shagun uneheme the

    • @AbhishekKumar-qw1jl
      @AbhishekKumar-qw1jl 7 месяцев назад

      Shree Jagannath...Lord of the Universe...Jai shree krishna 🙏♥️

  • @SanjeebSingha-b8c
    @SanjeebSingha-b8c 7 месяцев назад

    Jai Sri krishna radhe radhe

  • @riteshburnwal5991
    @riteshburnwal5991 Год назад +5

    ❤😍🤩😎💖👍next topic shivpuran and vedon anushar ke according parambrahma panchamukhi sadashiv the creator of universe and lord Brahma Vishnu Mahesh's father lord panchamukhi sadashiv per 10 minutes ka documentary video explanation kariye 🔱🕉🚩🙏 Har Har Mahadev Shiv Shiv 🙏🚩🕉🔱

  • @Total_gaming_0.0280
    @Total_gaming_0.0280 3 месяца назад +16

    5 pandav+1000 korav =karn 👑👑👑👑👑

    • @SATYA-GAMER445
      @SATYA-GAMER445 2 месяца назад +1

      🎉

    • @samratff16
      @samratff16 Месяц назад +2

      Sony putra karn 😂😂

    • @Prabhat-x7c
      @Prabhat-x7c Месяц назад +1

      1000 pandav equal to 1 karn 😎 karn bhakt 🙏

  • @statesbyRaushan
    @statesbyRaushan Год назад +18

    Arjun is dengerous ❤

    • @nayanmahata1039
      @nayanmahata1039 11 месяцев назад +5

      Karna is very dangerous

    • @SteveHarrington-ej9st
      @SteveHarrington-ej9st 8 месяцев назад

      @@nayanmahata1039 wohi karn na jo gandharv yuddh me pehli fursat me bhaga tha wohi na jo Virat yuddh me arjun ke haatho se haar gya tha , wohi karn na jo swayam bheem se haar gya tha , wohi karn na jo narayani sena ke senapati satyaki se haar Gaya tha kuchh aur bhi Janna ho karn ke baare me to maharishi ved vyas rachit mahabhart padho Lena naki tv serials se Gyan prapt karna murkh

    • @teamtitanofficial6157
      @teamtitanofficial6157 8 месяцев назад

      ​@@SteveHarrington-ej9stvagban sri krishna jiske sath hoga uska jit hoga par karna jante the ki oo vagban ke virudh ladai kar Raha he kon jiyada saktisali he?

  • @ExperiencesOfMohidul
    @ExperiencesOfMohidul Год назад +12

    Karna is also my favourite character, i think he is realistic fictional character