नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु महाराज श्री🙏🙏🙏🙏 आपके इतने उपकार है महाराज जी जिसकी हम कभी गिनती नही कर सकते है. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 आज से मेरा स्वेटर और अन्य ऊनी वस्त्रों का त्याग है. नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु महाराज जी🙏🙏🙏🙏
गुरु जी के चरणो में कोटि कोटि नमन में नया ऊनी स्वेटर खरीदने का त्याग करती हु में पूरी कोशिश करुगी ऊनी कपड़ों के त्याग की गुरु जी का आशीर्वाद हमे सीघ्र प्राप्त हो
कोटी कोटी नमोस्तु महाराज जी, आपने प्रवचन के माध्यम से हमे ऊनी वस्त्र के हिंसात्मक पहलू से अवगत करवाया हम प्रयास करेंगे की जीवन में ऊनी वस्त्र पहनने से बचें
कोटि कोटि नमोस्तु महाराज जी आपने वूलन कपड़ों पर जो ध्यान आकर्षित कराया है उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद पहले कभी इस तरह की जानकारी प्राप्त नहीं हुई आप निश्चित रूप से अहिंसक वस्त्र पहनेंगे और दूसरों को प्रेरित करेंगे
महाराज जी दूध भी पिना छोडं देने की प्रेरणा दिजीए। आज दूध केलिए भी गोमाता के साथ अन्याय हो रहा है। जैन धर्म में ये भी चीज समा लिजीए। भगवान प्रसन्न हो जाएगें।
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है। सावधान रहें, सतर्क रहें।
@@officesss9569 आपको पता है क्या गाय को कृत्रिम तरिकेसे प्रगनेन्ट किया जाता है। काफी मात्रा में उनकी संख्या बढाई जाती है।और इसी कारण भारत गोमांस एक्सपोर्ट कर पा रहा है।दूध उत्पादन केलिए कई तरिके के उन पर जुल्म किए जाते है। उनके बछडोंको गोमाता सो दूर रखा जाता है। उनके हकं का दूध छिन लिया जाता है। बछडा अगर नरबछडा हो तो सिधा कत्तल खाने भेजा जाता है और अगर मादाबछडा हो तो दूध उत्पादन केलिए उसे जिंदा रखा जाता है। अगर दूध पिना भारत में बंद हो जाए तो गाोमाता के अन्याय काफी मात्रा में खत्म हो जाएगे। आप के हिसाब से अगर दूध पिना बंद करेंगे तो गाय की जरूरत नहीं पडेंगी । और सारी गायोंको जल्दी मारा जाएंगा। यानी सप्लाय बढ जाएगा । सप्लाय बढने से उन्हे सस्ते दाम में गोमांस मिलेगा । ये आपने बताया ये सही है। मगर ये कित ने दिन तकं चलेगा । गाय की संख्या घट जाने से एक्सपोर्ट भी बंद हो जाएगा । फिर उन लोगोंको गोमांस सस्ते दाम में मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता । भारतं में गाय को माता कहा जाता है और वही भारत गोमांस एक्स्पोर्ट में नंबर २ पर आता है कितनी लज्जास्पद बात है। गोमांस एक्स्पोर्ट पर भी भारत सरकारने पाबंदी लगाना जरूरी है। आखे खोलिये और सही तरिके से सोचं कर देखिये क्या गलतं है और क्या सही है।उन बेजुबान जानवरोंपर हो रहे अन्याय एक दिन हम सभी को भुगतनें पडेंगें । क्योंकी जो करेगा वह भरेगा ये नीती का नियम है । जय हिंद !
Iske lie pehle se kary ho rhe h.... Jain gaushalae bnai gyi h jha gau mata ko bohot hi dhyan se rakhte h... Aur dairy ki jagah local gau palak jo apni गाय ko bohot achhe se rakhte unse hi dudh lena chahiye
कोटि कोटि नमोस्तु महाराज जी। कृपया इसे पढ़िए। 🙏 भाग 1 दूध और दुग्ध पदार्थों के बारे में सब को यह जानकारी होनी जरूरी है कोई भी स्तनधारी प्राणी जैसे कि कुत्ता, बिल्ली, घोडा, गधा, इंसान, गाय, भैंस, ऊँट, जिराफ, हाथी इत्यादि के शरीर में दूध कब निर्माण होता है? केवल जब उसके बच्चा पैदा होता है। प्रकृति उनके शारीर में दूध क्यों बनाती है? ताकि उनका नया पैदा हुआ बच्चा अपनी माँ का दूध पी कर कम समय में तेजी से बढ़ सके। बच्चों के दांत नहीं होते इसलिए उन्हें तरल भोजन की आवश्यकता होती है। तो वास्तव में दूध क्या होता है? यह बच्चों का भोजन है। जब हम गाय या भैंस का दूध निकाल के लेते है तो वास्तव में क्या कर रहे हैं? एक बच्चे को उसके पोषण से वंचित कर रहे हैं। क्या आप व्यक्तिगत रूप से ऐसा करेंगे? आशा है आप का उत्तर अवश्य ही ना होगा क्यों की आप दयालु और अच्छे इंसान हो। तो आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? पहली बात यह है कि समाज ने इस मुद्दे पर हमे अभी तक अन्धकार में रखा हैं और दूसरी बात इस प्रताड़ना और अत्याचार को समाज में सहज रूप से स्वीकार किया गया है। और चूँकि यह सब हमे दिखाई नहीं देता और यह कार्य पूरे दुनिया में सामान्य और ज़रूरी स्वीकारा जाता हैं इसलिए इस पर कोई प्रश्न भी नहीं उठाता है। कोई भी प्रजाति के बच्चे को अपनी माँ का दूध दिन में कितनी बार पीना चाहिए? प्रत्येक 2-3 घंटे में। बच्चे को अपनी माँ का दूध कितना पीना चाहीये? जितना बच्चा चाहे, कोई माता-पिता कभी बच्चे को माँ का दूध पीने से नहीं रोकते। हम गाय/भैंस का दूध दिन में कितनी बार निकालते हैं? दिन में दो बार, सुबह और शाम। जब हम उसका दूध दिन में सिर्फ दो बार निकालते हैं तो उसके उपर क्या गुज़रती है? वास्तव में कोई भी माँ का स्तन हर 2-3 घंटे में खाली होने चाहिए, लेकिन हम 12 घंटे तक उसको दूध इकट्ठा करने को मजबूर करते हैं, जो कि किसी भी माँ के लिए बहुत कष्टदायक और दर्दनाक होता है। हम उसके बच्चे को कितना दूध पिलाते हैं? अगर वो बछिया है तो सिर्फ उसे उतना दूध पीने देते हैं जिससे वह बस ज़िंदा रहे और अगर वह बछड़ा है तो उसे बिलकुल भी दूध नहीं पीने दिया जाता है। उसे भूखा रख के मारा जाता हैं, क्योंकि बछड़ा बड़ा होकर हमें दूध देने वाला नहीं हैं। अगर हम बच्चे को उसकी मन मर्जी से उसकी माँ का दूध पीने के लिए २४ घंटे आज़ाद कर दें तो हमारे चाय, कॉफ़ी, दही, पनीर, घी, मक्खन, मावा आइसक्रीम आदि के लिए कितना दूध बचेगा? कुछ भी नहीं बचेगा, अगर वह कृत्रिम नस्ल की गाय नहीं है तो। (पशुओं को ज्यादा दूध उत्पन्न करने के लिए उनकी कृत्रिम नस्लें तैयार करना भी उन पर अत्याचार ही है) एक बताइए: कौन सा जानवर वयस्क होने के बाद भी दूध पीता है? हाहा, इन्सान के अलावा कोई भी नहीं! दूध एक प्राकृतिक शिशुआहार है और सिर्फ इन्सान के अलावा सारे जानवर प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं।
Ok pravachan pura sunne se pahle hi mene message send kar diya itna bura lag raha tha bhedo ke bare me soch ke ....number mujhe mil gaya ..abhi mere athai ke upawas chal rahe h baad m baat karungi ..... 🙏
Thank you, this is real awareness for jains, pls also talk about exploitation of cows for milk, artificial insemination, slaughter, beef export etc. Pls encourage jains to produce cruelty free milk.
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है। सावधान रहें, सतर्क रहें। वास्तविकता ये है कि
भाग ३ दूध और दुग्ध पदार्थों के बारे में सब को यह जानकारी होनी जरूरी है क्या आप सोचते हैं कि गाय/भैंस लगातार आजीवन दूध देती रहती है? प्रकृति के नियम अनुसार जब एक बच्चे के दांत आने लगते हैं, उसके माँ का दूध कम होने लगता है, चाहे वह कोई भी प्रजाति की माँ हो। तो गाय/भैंस इतने सालों के लिए कैसे लगातार दूध देती हैं? वास्तव में बच्चा होने के ३ महीने बाद ही गाय/भैंस का योन शोषण होता है। यह कैसे किए जाता है? सब से पहले 3 या 4 मर्द उसे ऐसे पकड़ लेते हैं ताकि वह हिल न सके। एक इंसान कोहनी तक अपना हाथ उसकी गुदा में डाल कर एक नली की सहायता से उसकी योनी में नर का वीर्य डालता है। यह प्रक्रिया उस गाय/भैंस के लिए बहुत ही कष्टदायक और दर्दनाक होता है। इस तरह जो दूध आप पीते हैं वह उस गाय का होता है जो दूध देने के साथ-साथ गर्भवती भी होती है। गर्भवती होने के कारण उसके शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। और वह हॉर्मोन उससे निकाले जाने वाले दूध और उसके मूत्र में भी आ जाते हैं। जब आप इस तरह के दूध का सेवन करते हैं तो यह हॉर्मोन आपके शारीर में भी पहुँच जाते हैं। यही कारण है कि आजकल के बच्चों में ८-१० साल की मासूम उम्र में ही किशोरावस्था के लक्षण दिखाई देते हैं। क्या गाय/भैंस को बच्चा होने के बाद वह इंसान को उसका दूध निकलने की अनुमति देती है? नहीं वह दूर भागने की कोशिश करती है, लाथ भी मारती है और अपनी पूंछ से भी मारने की कोशिश करती है। तो हम उसका दूध कैसे निकालते हैं? दूध निकलने से पहले उसकी गर्दन, और पैरों को रस्सी से बाँधा जाता है। वास्तव में उसे उम्र भर एक ही जगह बाँध कर रखा जाता है जब तक वह दूध देने लायक रहती है। यहाँ यह कहना उचित होगा: गौ-इज्जत और गरिमा हुए खंडित। जब-जब थन पर हाथ हुए मंडित। एक गाय/भैंस अपनी उमर में कितने वर्षों तक व्यावसायिक रूप से फायदेमंद होती है? और उसकी प्राकृतिक उम्र कितनी होती है? वह सिर्फ ७-८ वर्षों तक ही डेयरी वाले के लिए फायदेमंद होती है उसके बाद लगातार गर्भवती होने के कारण उसका शरीर टूट जाता है और वह बेकार हो जाती है क्यों कि वह पैसे बनाने के लायक दूध का उत्पन्न नहीं कर पाती है। लेकिन, उसकी प्राकृतिक उम्र लगभग २०-२५ वर्ष की होती है। जब वह काम की नहीं रहती तो उसका क्या होता है? उसको या तो कभी सड़कों पर खुला छोड़ दिया जाता है जहाँ वह अपना बाकी जीवन कूड़ा-करकट खा कर बिताती है और तिल-तिल कर मरने को मजबूर होती है या बहुधा यह होता है की उसे कत्लखाने भेज दिया जाता है जहाँ मांस और चमड़े के लिए उसका बेहरहमी से कत्ल कर दिया जाता है। भारत में डेयरी उद्योग हर दिन 1 लाख से ज़्यादा गायों और भैंसों को मारता है। यानी हर साल 3.5 करोड़ से ज्यादा। कई बार तो अच्छी किस्म के चमड़े के लालच में जिन्दा ही उसकी खाल उधेड़ दी जाती है और वह तड़प-तड़प कर दम तोड़ देती है।
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है। सावधान रहें, सतर्क रहें।
Isliye दूध hmesha local gau palak se le kisi vyapari ya dairy ko prerit na kre... Dudh lena band bhi nhi karna chahiye kyoki jo gau palak gae pal rhe h dudh na bikne se गाय ko sadko par marne ke lie छोड़ dete h... Insan bohot lalchi h jabtak use गाय se kuch mileha tabhi tak palega nhi to sadak par bhookha marne chhod dega.... Jese pehle बेल kheto m kaam ata tha to log khub dekh rekh krte the... Use gharo m palte the but jabse tractor machine aaa gyi बेलो ko sadko par ya बूचड़खाने me katne marne छोड दिया jata h
भाग 2 दूध और दुग्ध पदार्थों के बारे में सब को यह जानकारी होनी जरूरी है मुझे एक जानवर का नाम बताएं जो कि किसी अन्य प्रजाति का दूध पीता है। एक भी नहीं! वास्तव में प्रकृति ने हर प्रजाति की माँ का दूध उसी प्रजाति के बच्चे की जरुरत के हिसाब से बनाया है। कुत्ते के दूध में सिर्फ कुत्ते के बच्चे के लिए पोषण होता है, बिल्ली के दूध में बिल्ली के बच्चे के लिए, चूहे के दूध में उसके बच्चे के लिए, हाथी के दूध में हाथी के बच्चे के लिए पोषण होता है, इत्यादि। इसी तरह A1 गाय का दूध A1 बछड़े के लिए, A2 दूध A2 बछड़े के लिए होता है। जर्सी गाय का दूध सिर्फ जर्सी गाय के बच्चे के लिए और होलस्टन गाय का दूध उसी की बच्चे के लिए। और प्रकृति ने इंसान का दूध भी सिर्फ इंसान के बच्चे के लिए बनाया है। एक नवजात इंसान के बच्चे का वज़न कितना होता है और एक वर्ष बाद उसका वज़न कितना हो जाता है? एक इंसान के नवजात बच्चे का औसत वज़न ३ किग्रा. होता है और एक वर्ष बाद लगभग ७-१० किग्रा. तक हो जाता है। एक नवजात गाय/भैंस के बच्चे का वज़न कितना होता है और एक वर्ष में कितना हो जाता है? गाय/भैंस के नवजात बच्चे का औसत वजन १५-२५ किग्रा. तक होता है और एक वर्ष में १३०-१४० किग्रा तक पहुँच जाता है। जब किसी जानवर के बच्चे के दांत आ जाते हैं तो प्रकृति क्या संकेत देती है? और उसके शरीर में किस तरह के बदलाव आने लगते है? किसी बच्चे के दांत आना एक स्पष्ट संकेत है कि अब वह अपना भोजन चबा सकता है और अर्ध-ठोस/ठोस आहार ले सकता है; उसे तरल आहार की जरुरत नहीं है। इसी कारण बच्चे के अंदर धीरे धीरे लेक्टेस एंजाइम बनना बंद हो जाता है। यह एंजाइम दूध को पचाने में सहायक ही नहीं लेकिन आवश्यक होता है। इसीलिए अगर आप बड़े होने के बाद लेक्टोस को नहीं पचा सकते तो यह एक सामान्य बात है। वास्तव में सभी इंसान प्राकृतिक रूप से लेक्टोस को पचाने में असमर्थ होते हैं, और दूध पीने के बाद पेट फूलना, उल्टी होना, दस्त लगना, इत्यादि स्पष्ट संकेत हैं कि शारीर अब दूध में उपस्थित शर्करा (लेक्टोस) को पचाने में असमर्थ है। उसके बाद भी नियमित रूप से दूध का सेवन करने से शरीर में कई रोग जैसे उच्च-रक्तचाप, मधुमेह, ह्रदय-रोग, हड्डियाँ कमज़ोर होना, मुहांसे इत्यादि होने लगते हैं, यह सब दूध में उपस्थित संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल, हॉर्मोन आदि के कारण उत्पन्न होते हैं। अगर इनसान का 3-4 साल का बच्चा इंसान का दूध नहीं पचा सकता तो क्या आप सोच सकते हैं वो गाय/भैंस का दूध कैसे पचा सकता है जो कि गाय के बछड़े को एक साल में २० किग्रा से १३० किग्रा. तक बना देता है? आशा है आप का जवाब “नहीं” होगा।
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है। सावधान रहें, सतर्क रहें।
नमोस्तु गुरुदेव
नमोस्तु गुरुदेव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Namostu guruvar
The most Aacharya Shri Ji namostu Muni Shankar Ki Jay
Namostu gurudev 🙏🙏🙏
Namostu namostu namostu Gurudev ji 🙏🙏🙏
Namostu gyrudev
Namost bhagwan
Ji mahraj ji
Gurudev आज aap ke pravchan sunke humne आज uni sweter का tyag कर rahe hai aatma kap gaie hai sunkar
🙏🙏
Guruji 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Gurudev aap ke pravchan Sunkar,हम bahot jyda agayanta से बाहर हो rahe hai koti koti naman gurudev
Ham Hindu hai lekin hame aap ke niyam pasand hai. kosis karenge niyam par chalne ka .
नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु महाराज श्री🙏🙏🙏🙏
आपके इतने उपकार है महाराज जी जिसकी हम कभी गिनती नही कर सकते है. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आज से मेरा स्वेटर और अन्य ऊनी वस्त्रों का त्याग है.
नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु महाराज जी🙏🙏🙏🙏
Mera bh un ke bane sweter ka tyag he nmostu gurudev ji🙏🏻🙏🏻🙏🏻
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु मुनिवर
Namostu Gurudevji🙏🙏🙏
Koti koti naman guruvar
नामोस्तुते गुरुदेव puri kosis karugi maharaj
Chalo bagvan ne explain Kiya sweater band.....bagvan ki baat mein sachhayi hai 👍👍🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Jai shree Radhe
Jai Jinendra
जय जिनेन्द्र 🙏🏻
Jai Jai Gurudev🙏🙏🙏
Bahut bahut aabhar ho mahraj ji jo itna bada paap karne se bachaya hm logo k liye...🙏🙏🙏🙏
Jai ho gurudev
🙏🙏 नमोस्तु गुरूदेव
Jai gurudev koti koti dhyanawad is jaagrukta ke liye 🙏🙏🙏🙏🙏
Namostu Gurudev namostu Gurudev 👋
Guru bhagvanth fantastic explanation as always
नमोस्तु गुरुदेव🙏🙏🙏
समस्त मुनिराजो के चरणों में कोटी कोटी नमन नमोस्तु गुरुदेव🙏🙏🙏🙏
Parampujya munishree 108 vinmrasagaraji maharaj ki jay ho
Jai ho gurudev 🙏🙏🙏
नमोस्तु महाराज जी
Namostu Namostu Namostu Gurudev
NAMOSTU GURUVAR
सादर प्रणाम
शत शत प्रणाम
Jai ho aapki samayak Disha bodh dene ki 🙏🙏🙏
Such an eye opener speech👏👏
गुरु जी के चरणो में कोटि कोटि नमन
में नया ऊनी स्वेटर खरीदने का त्याग करती हु में पूरी कोशिश करुगी ऊनी कपड़ों के त्याग की गुरु जी का आशीर्वाद हमे सीघ्र प्राप्त हो
Jai ho
Namostu gurudev meerut se
Namostu maharaj ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Foreign countries mein Jo bahut tand hai un logo ko kya solution hai Maharaj
Namostu gurudev me to Dua karati hu ki duniya me kisi ko thand hi na lage sabhi her pal swasth rahe
Aaj se aajivan tyaag
ji gurudev puri puri koshish krenge 🙏
We can always use polyester jackets and sweaters
Namostu gurudev 🙏🙏🙏 koshish Puri tarah rahegi
Ky blenkit v oon k bante hain pls bataiye koi mhraj ji say shanka samdhan kr k
कोटी कोटी नमोस्तु महाराज जी, आपने प्रवचन के माध्यम से हमे ऊनी वस्त्र के हिंसात्मक पहलू से अवगत करवाया
हम प्रयास करेंगे की जीवन में ऊनी वस्त्र पहनने से बचें
कोटि कोटि नमोस्तु महाराज जी आपने वूलन कपड़ों पर जो ध्यान आकर्षित कराया है उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद पहले कभी इस तरह की जानकारी प्राप्त नहीं हुई आप निश्चित रूप से अहिंसक वस्त्र पहनेंगे और दूसरों को प्रेरित करेंगे
⁷f Anant bar namostu, very well explained, akhe khul gayi ab sweater nahi pahenenge, thank you
@@mangalapatni2065 a1i9à9à88í999à99
करुणा से भरा हुआ मार्मिक प्रवचन से दिल। दहल गया और आँखें अश्रुपूर्ण हो गई
Namostu namostu namostu maharaj jike charno me
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏
महाराज जी दूध भी पिना छोडं देने की प्रेरणा दिजीए। आज दूध केलिए भी गोमाता के साथ अन्याय हो रहा है। जैन धर्म में ये भी चीज समा लिजीए। भगवान प्रसन्न हो जाएगें।
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन
यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है।
सावधान रहें, सतर्क रहें।
@@officesss9569 आपको पता है क्या गाय को कृत्रिम तरिकेसे प्रगनेन्ट किया जाता है। काफी मात्रा में उनकी संख्या बढाई जाती है।और इसी कारण भारत गोमांस एक्सपोर्ट कर पा रहा है।दूध उत्पादन केलिए कई तरिके के उन पर जुल्म किए जाते है। उनके बछडोंको गोमाता सो दूर रखा जाता है। उनके हकं का दूध छिन लिया जाता है। बछडा अगर नरबछडा हो तो सिधा कत्तल खाने भेजा जाता है और अगर मादाबछडा हो तो दूध उत्पादन केलिए उसे जिंदा रखा जाता है। अगर दूध पिना भारत में बंद हो जाए तो गाोमाता के अन्याय काफी मात्रा में खत्म हो जाएगे।
आप के हिसाब से अगर दूध पिना बंद करेंगे तो गाय की जरूरत नहीं पडेंगी । और सारी गायोंको जल्दी मारा जाएंगा। यानी सप्लाय बढ जाएगा । सप्लाय बढने से उन्हे सस्ते दाम में गोमांस मिलेगा । ये आपने बताया ये सही है।
मगर ये कित ने दिन तकं चलेगा । गाय की संख्या घट जाने से एक्सपोर्ट भी बंद हो जाएगा । फिर उन लोगोंको गोमांस सस्ते दाम में मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता ।
भारतं में गाय को माता कहा जाता है और वही भारत गोमांस एक्स्पोर्ट में नंबर २ पर आता है कितनी लज्जास्पद बात है।
गोमांस एक्स्पोर्ट पर भी भारत सरकारने पाबंदी लगाना जरूरी है।
आखे खोलिये और सही तरिके से सोचं कर देखिये क्या गलतं है और क्या सही है।उन बेजुबान जानवरोंपर हो रहे अन्याय एक दिन हम सभी को भुगतनें पडेंगें । क्योंकी जो करेगा वह भरेगा ये नीती का नियम है ।
जय हिंद !
Iske lie pehle se kary ho rhe h.... Jain gaushalae bnai gyi h jha gau mata ko bohot hi dhyan se rakhte h... Aur dairy ki jagah local gau palak jo apni गाय ko bohot achhe se rakhte unse hi dudh lena chahiye
🙏🏾🙏🏾🙏🏾
आज से ऊनी कपड़ों का त्याग
Me v tyag karti hu
indu.kala
bohot aacha laga Koshish karugi
👍
Me bhi uniyi swetar ka tyag. Karti hu
🙏🏼🙏🏼🙏🏼 Nmo loesavsahunam 🙏🏼🙏🏼🙏🏼 muzaffarnagar up
Hey ishwer
Manav aaj kal rakchhas ban chuka hai
हे महामुनि आपके अहिंसा महा व्रत को नमस्कार है ऊन कैसे निकाला जाता है जी घबडा गया हम कोशिश करेंगे सबेटर न पहनने का
कोटि कोटि नमोस्तु महाराज जी।
कृपया इसे पढ़िए। 🙏
भाग 1
दूध और दुग्ध पदार्थों के बारे में सब को यह जानकारी होनी जरूरी है
कोई भी स्तनधारी प्राणी जैसे कि कुत्ता, बिल्ली, घोडा, गधा, इंसान, गाय, भैंस, ऊँट, जिराफ, हाथी इत्यादि के शरीर में दूध कब निर्माण होता है? केवल जब उसके बच्चा पैदा होता है।
प्रकृति उनके शारीर में दूध क्यों बनाती है? ताकि उनका नया पैदा हुआ बच्चा अपनी माँ का दूध पी कर कम समय में तेजी से बढ़ सके। बच्चों के दांत नहीं होते इसलिए उन्हें तरल भोजन की आवश्यकता होती है।
तो वास्तव में दूध क्या होता है? यह बच्चों का भोजन है।
जब हम गाय या भैंस का दूध निकाल के लेते है तो वास्तव में क्या कर रहे हैं? एक बच्चे को उसके पोषण से वंचित कर रहे हैं।
क्या आप व्यक्तिगत रूप से ऐसा करेंगे? आशा है आप का उत्तर अवश्य ही ना होगा क्यों की आप दयालु और अच्छे इंसान हो।
तो आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? पहली बात यह है कि समाज ने इस मुद्दे पर हमे अभी तक अन्धकार में रखा हैं और दूसरी बात इस प्रताड़ना और अत्याचार को समाज में सहज रूप से स्वीकार किया गया है। और चूँकि यह सब हमे दिखाई नहीं देता और यह कार्य पूरे दुनिया में सामान्य और ज़रूरी स्वीकारा जाता हैं इसलिए इस पर कोई प्रश्न भी नहीं उठाता है।
कोई भी प्रजाति के बच्चे को अपनी माँ का दूध दिन में कितनी बार पीना चाहिए? प्रत्येक 2-3 घंटे में।
बच्चे को अपनी माँ का दूध कितना पीना चाहीये? जितना बच्चा चाहे, कोई माता-पिता कभी बच्चे को माँ का दूध पीने से नहीं रोकते।
हम गाय/भैंस का दूध दिन में कितनी बार निकालते हैं? दिन में दो बार, सुबह और शाम।
जब हम उसका दूध दिन में सिर्फ दो बार निकालते हैं तो उसके उपर क्या गुज़रती है? वास्तव में कोई भी माँ का स्तन हर 2-3 घंटे में खाली होने चाहिए, लेकिन हम 12 घंटे तक उसको दूध इकट्ठा करने को मजबूर करते हैं, जो कि किसी भी माँ के लिए बहुत कष्टदायक और दर्दनाक होता है।
हम उसके बच्चे को कितना दूध पिलाते हैं? अगर वो बछिया है तो सिर्फ उसे उतना दूध पीने देते हैं जिससे वह बस ज़िंदा रहे और अगर वह बछड़ा है तो उसे बिलकुल भी दूध नहीं पीने दिया जाता है। उसे भूखा रख के मारा जाता हैं, क्योंकि बछड़ा बड़ा होकर हमें दूध देने वाला नहीं हैं।
अगर हम बच्चे को उसकी मन मर्जी से उसकी माँ का दूध पीने के लिए २४ घंटे आज़ाद कर दें तो हमारे चाय, कॉफ़ी, दही, पनीर, घी, मक्खन, मावा आइसक्रीम आदि के लिए कितना दूध बचेगा? कुछ भी नहीं बचेगा, अगर वह कृत्रिम नस्ल की गाय नहीं है तो। (पशुओं को ज्यादा दूध उत्पन्न करने के लिए उनकी कृत्रिम नस्लें तैयार करना भी उन पर अत्याचार ही है)
एक बताइए: कौन सा जानवर वयस्क होने के बाद भी दूध पीता है? हाहा, इन्सान के अलावा कोई भी नहीं! दूध एक प्राकृतिक शिशुआहार है और सिर्फ इन्सान के अलावा सारे जानवर प्रकृति के नियमों का पालन करते हैं।
Ok pravachan pura sunne se pahle hi mene message send kar diya itna bura lag raha tha bhedo ke bare me soch ke ....number mujhe mil gaya ..abhi mere athai ke upawas chal rahe h baad m baat karungi ..... 🙏
Thank you, this is real awareness for jains, pls also talk about exploitation of cows for milk, artificial insemination, slaughter, beef export etc.
Pls encourage jains to produce cruelty free milk.
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन
यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है।
सावधान रहें, सतर्क रहें।
वास्तविकता ये है कि
जिन्हें भी गुरुदेव की बात पर कणमात्र भी संशय हो, लिंक में दिए वीडियो के पहले 1.30 मिनट देख लेवें।
monte carlo are also jains
So what... It doesn't make differce
महाराज जी उन के स्वेटर की कीमत भी कम हो जायेगी
भाग ३
दूध और दुग्ध पदार्थों के बारे में सब को यह जानकारी होनी जरूरी है
क्या आप सोचते हैं कि गाय/भैंस लगातार आजीवन दूध देती रहती है? प्रकृति के नियम अनुसार जब एक बच्चे के दांत आने लगते हैं, उसके माँ का दूध कम होने लगता है, चाहे वह कोई भी प्रजाति की माँ हो।
तो गाय/भैंस इतने सालों के लिए कैसे लगातार दूध देती हैं? वास्तव में बच्चा होने के ३ महीने बाद ही गाय/भैंस का योन शोषण होता है।
यह कैसे किए जाता है? सब से पहले 3 या 4 मर्द उसे ऐसे पकड़ लेते हैं ताकि वह हिल न सके। एक इंसान कोहनी तक अपना हाथ उसकी गुदा में डाल कर एक नली की सहायता से उसकी योनी में नर का वीर्य डालता है। यह प्रक्रिया उस गाय/भैंस के लिए बहुत ही कष्टदायक और दर्दनाक होता है। इस तरह जो दूध आप पीते हैं वह उस गाय का होता है जो दूध देने के साथ-साथ गर्भवती भी होती है। गर्भवती होने के कारण उसके शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। और वह हॉर्मोन उससे निकाले जाने वाले दूध और उसके मूत्र में भी आ जाते हैं। जब आप इस तरह के दूध का सेवन करते हैं तो यह हॉर्मोन आपके शारीर में भी पहुँच जाते हैं। यही कारण है कि आजकल के बच्चों में ८-१० साल की मासूम उम्र में ही किशोरावस्था के लक्षण दिखाई देते हैं।
क्या गाय/भैंस को बच्चा होने के बाद वह इंसान को उसका दूध निकलने की अनुमति देती है? नहीं वह दूर भागने की कोशिश करती है, लाथ भी मारती है और अपनी पूंछ से भी मारने की कोशिश करती है।
तो हम उसका दूध कैसे निकालते हैं? दूध निकलने से पहले उसकी गर्दन, और पैरों को रस्सी से बाँधा जाता है। वास्तव में उसे उम्र भर एक ही जगह बाँध कर रखा जाता है जब तक वह दूध देने लायक रहती है।
यहाँ यह कहना उचित होगा: गौ-इज्जत और गरिमा हुए खंडित। जब-जब थन पर हाथ हुए मंडित।
एक गाय/भैंस अपनी उमर में कितने वर्षों तक व्यावसायिक रूप से फायदेमंद होती है? और उसकी प्राकृतिक उम्र कितनी होती है? वह सिर्फ ७-८ वर्षों तक ही डेयरी वाले के लिए फायदेमंद होती है उसके बाद लगातार गर्भवती होने के कारण उसका शरीर टूट जाता है और वह बेकार हो जाती है क्यों कि वह पैसे बनाने के लायक दूध का उत्पन्न नहीं कर पाती है। लेकिन, उसकी प्राकृतिक उम्र लगभग २०-२५ वर्ष की होती है।
जब वह काम की नहीं रहती तो उसका क्या होता है? उसको या तो कभी सड़कों पर खुला छोड़ दिया जाता है जहाँ वह अपना बाकी जीवन कूड़ा-करकट खा कर बिताती है और तिल-तिल कर मरने को मजबूर होती है या बहुधा यह होता है की उसे कत्लखाने भेज दिया जाता है जहाँ मांस और चमड़े के लिए उसका बेहरहमी से कत्ल कर दिया जाता है। भारत में डेयरी उद्योग हर दिन 1 लाख से ज़्यादा गायों और भैंसों को मारता है। यानी हर साल 3.5 करोड़ से ज्यादा। कई बार तो अच्छी किस्म के चमड़े के लालच में जिन्दा ही उसकी खाल उधेड़ दी जाती है और वह तड़प-तड़प कर दम तोड़ देती है।
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन
यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है।
सावधान रहें, सतर्क रहें।
ऐसा प्रतीत होता है कि आप उसी प्रोपगंडा से विशेष रूप से जुड़े हैं।
Isliye दूध hmesha local gau palak se le kisi vyapari ya dairy ko prerit na kre... Dudh lena band bhi nhi karna chahiye kyoki jo gau palak gae pal rhe h dudh na bikne se गाय ko sadko par marne ke lie छोड़ dete h... Insan bohot lalchi h jabtak use गाय se kuch mileha tabhi tak palega nhi to sadak par bhookha marne chhod dega.... Jese pehle बेल kheto m kaam ata tha to log khub dekh rekh krte the... Use gharo m palte the but jabse tractor machine aaa gyi बेलो ko sadko par ya बूचड़खाने me katne marne छोड दिया jata h
भाग 2
दूध और दुग्ध पदार्थों के बारे में सब को यह जानकारी होनी जरूरी है
मुझे एक जानवर का नाम बताएं जो कि किसी अन्य प्रजाति का दूध पीता है। एक भी नहीं! वास्तव में प्रकृति ने हर प्रजाति की माँ का दूध उसी प्रजाति के बच्चे की जरुरत के हिसाब से बनाया है। कुत्ते के दूध में सिर्फ कुत्ते के बच्चे के लिए पोषण होता है, बिल्ली के दूध में बिल्ली के बच्चे के लिए, चूहे के दूध में उसके बच्चे के लिए, हाथी के दूध में हाथी के बच्चे के लिए पोषण होता है, इत्यादि। इसी तरह A1 गाय का दूध A1 बछड़े के लिए, A2 दूध A2 बछड़े के लिए होता है। जर्सी गाय का दूध सिर्फ जर्सी गाय के बच्चे के लिए और होलस्टन गाय का दूध उसी की बच्चे के लिए। और प्रकृति ने इंसान का दूध भी सिर्फ इंसान के बच्चे के लिए बनाया है।
एक नवजात इंसान के बच्चे का वज़न कितना होता है और एक वर्ष बाद उसका वज़न कितना हो जाता है? एक इंसान के नवजात बच्चे का औसत वज़न ३ किग्रा. होता है और एक वर्ष बाद लगभग ७-१० किग्रा. तक हो जाता है।
एक नवजात गाय/भैंस के बच्चे का वज़न कितना होता है और एक वर्ष में कितना हो जाता है? गाय/भैंस के नवजात बच्चे का औसत वजन १५-२५ किग्रा. तक होता है और एक वर्ष में १३०-१४० किग्रा तक पहुँच जाता है।
जब किसी जानवर के बच्चे के दांत आ जाते हैं तो प्रकृति क्या संकेत देती है? और उसके शरीर में किस तरह के बदलाव आने लगते है? किसी बच्चे के दांत आना एक स्पष्ट संकेत है कि अब वह अपना भोजन चबा सकता है और अर्ध-ठोस/ठोस आहार ले सकता है; उसे तरल आहार की जरुरत नहीं है। इसी कारण बच्चे के अंदर धीरे धीरे लेक्टेस एंजाइम बनना बंद हो जाता है। यह एंजाइम दूध को पचाने में सहायक ही नहीं लेकिन आवश्यक होता है। इसीलिए अगर आप बड़े होने के बाद लेक्टोस को नहीं पचा सकते तो यह एक सामान्य बात है। वास्तव में सभी इंसान प्राकृतिक रूप से लेक्टोस को पचाने में असमर्थ होते हैं, और दूध पीने के बाद पेट फूलना, उल्टी होना, दस्त लगना, इत्यादि स्पष्ट संकेत हैं कि शारीर अब दूध में उपस्थित शर्करा (लेक्टोस) को पचाने में असमर्थ है। उसके बाद भी नियमित रूप से दूध का सेवन करने से शरीर में कई रोग जैसे उच्च-रक्तचाप, मधुमेह, ह्रदय-रोग, हड्डियाँ कमज़ोर होना, मुहांसे इत्यादि होने लगते हैं, यह सब दूध में उपस्थित संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल, हॉर्मोन आदि के कारण उत्पन्न होते हैं।
अगर इनसान का 3-4 साल का बच्चा इंसान का दूध नहीं पचा सकता तो क्या आप सोच सकते हैं वो गाय/भैंस का दूध कैसे पचा सकता है जो कि गाय के बछड़े को एक साल में २० किग्रा से १३० किग्रा. तक बना देता है? आशा है आप का जवाब “नहीं” होगा।
क्या आपको मालूम है कि विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक / प्रयोगकर्ता देश कौन सा है, जी हां भारत 83000 हजार मीट्रिक टन (विश्व का लगभग 45 प्रतिशत) और अमेरिका केवल 21000 हजार मीट्रिक टन (11 प्रतिशत) क्योंकि भारतवासी गायों पर बहुत जुल्म करते हैं, बीफ एक्सपोर्ट करते हैं, दूध पीने के नाम पर, जबकि दूसरी और गौमांस उत्पादक में सबसे बड़ा नाम है, अमेरिका का 12.6 मिलियन मिट्रिक टन और भारत केवल 4.0 मिलियन मिट्रिक टन
यदि गाय पर जुल्म को दूध के उपयोग से सीधा जोड़ा जाए तो भारत द्वारा गौमांस का उत्पादन अमेरिका द्वारा गौमांस के उत्पादन से चार गुना तो होना ही चाहिए मतलब लगभग 50 मिलियन मिट्रिक टन, जबकि भारत सबसे ज्यादा दूध का उपयोग करने के बावजूद केवल 4 मिलियन ही उत्पादन कर पा रहा है और हां अमेरिका द्वारा सबसे अधिक गौमांस का उत्पादन करने के बावजूद उसके द्वारा गौमांस का इंपोर्ट भी किया जाता है, कुछ इसी प्रकार चीन का डाटा भी है, जबकि भारत द्वारा कोई गौमांस इंपोर्ट न किए जाकर, केवल एक्सपोर्ट किया जाता है, मतलब असली गौमांस की खपत दूसरे देशों में हैं, उनको ये नजर आता है कि यदि भारत में गाय के दूध का उपयोग कम या बंद हो जाए तो उनको भारत से बहुत अधिक गौमांस काफी कम मूल्य पर मिल सकता है, इसीलिए इन लोगों के द्वारा ही इस प्रकार का पूरा प्रोपगंडा मुख्य रूप से भारत की भोली भाली जनता में चलाया जाता है।
सावधान रहें, सतर्क रहें।
Use of Natural Clothes rather than Synthetic clothes Nylon Polyster No No baba No
Namostu namostu namostu मैं आज् से इस्तेमाल नाही करूंगा
नमोस्तु गुरुदेव
नमोऽस्तु गुरूदेव
Namostu gurudev
Namostu gurudev 🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Namostu guruwar
Namostu Namostu Namostu Gurudev 🙏🙏🙏
Jai Jo guru dev
Namostu gurudev
Namostu gurudev
Namostu gurudev bahut acchi jankari mili
🙏🙏🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🙏🙏