काल पुरुष के चार दूतों का वर्णन। अनुराग सागर सब्दावली।Kall Purush Ke Char Duton Ka Varnan।

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  • Опубликовано: 28 май 2024
  • काल पुरुष के चार दूतों का वर्णन। अनुराग सागर सब्दावली।Kall Purush Ke Char Duton Ka Varnan।
    ब्यौरा:-
    ।। काल पुरुष के 4 दूतों का वर्णन।।
    दर्शकों नमस्कार । आज के इस वीडियो में जानेंगे की।धर्मदास जी को कबीर साहेब जी ने चार दूतों के वर्णन करते हुए कहते है की , हे धर्मदास। उन चार दूतों के बारे में तुमसे समझाकर कहता हूँ। कृपया ध्यान से उन चार दूतों के बारे में।
    रंभदूत । कुरंभदत । जयदूत और विजयदूत हैं। अब रंभदूत की बात सुनो। यह भारत के गढ़ कांलिंजर में अपनी ग‌द्दी स्थापित करेगा । और अपना नाम भगत रखेगा। और बहुत जीवों को अपना शिष्य बनायेगा । जो कोई जीव अंकुरी होगा। अर्थात जिसमें सत्यज्ञान के प्रति चेतना होगी। तथा जिसके पूर्व के शुभ कर्म होंगे । वह काल निरंजन के इस फ़ैदे को तोडकर बच जायेगा ।
    वह काल रूप रंभदूत बहुत बलवानतथा षडयंत्र करने वाला होगा। वह तुम्हारी और मेरी वार्ता का खंडन करेगा । वह दीक्षा विधान को रोकेगा। और सत्यपुरुष के सत्यलोक और दीपों को झूठा बतायेगा। वह अपनी अलग ही रमैनी कहेगा ।
    वह मेरी सत्य वाणी के प्रति विवाद करेगा। जिसके कारण उसके जाल में बहुत लोग फसेंगे। चारों धाराओं का अपने मतानुसार ज्ञान करेगा। मेरा नाम कबीर जोडकर अपना झूठा प्रचार प्रसार करेगा। वह अपने आपको कबीर ही बतायेगा। और मुझे पाँच तत्व की देह में बसा हुआ बतायेगा ।
    हे भाई वह जीव को सत्यपुरुष के समान सिद्ध करेगा। तथा सत्यपुरुष का खंडन कर जीव को श्रेष्ठ बतायेगा । हस जीव को इष्ट कबीर ठहरायेगा। तथा कर्ता को कबीर कहकर पुकारेगा। सबका कर्ता काल निरंजन जीवों को घोर दुख देने वाला है। और उसके ही समान यह यमदूत मुझे भी समझता है।यह संपूर्ण कहानी जानने के लिए कृपया इस वीडियो को पुरा जरूर देखे। धन्यवाद।।
    काल के चार दूत कौन है
    काल के चारों दूतों के क्या नाम है
    काल के चार दूतों की कहानी
    कबीर साहेब और धर्मदास जी की वार्ता
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