कबीर एक खोज / कबीर साहेब के माता- पिता नीरू - नीमा ही थे प्रमाण सहित
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- Опубликовано: 16 июн 2023
- कबीर एक खोज / कबीर साहेब के माता- पिता नीरू - नीमा ही थे प्रमाण सहित #by संत श्री सनाथ साहेब जी
श्री कबीर पारख आश्रम सूरत गुजरात की भक्तिमय प्रस्तुति जीवन जीवन के अनेक विषयों पर संत गुरुजनों के विचार जो आपके जीवन को बदल देगी।
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संतप्रवर श्री अभिलाष साहेब
(17/08/1933-26/09/2012)
मानव मात्र ही नहीं प्राणी मात्र को अपने प्रेम के आयाम में समेट लेने वाले संत सम्राट सद्गुरु कबीर साहेब की परंपरा में परम पूज्य गुरुदेव संत श्री अभिलाष साहेब जी महान संतों में से एक हैं। सद्गुरु कबीर के पारख सिद्धांत को भारत में प्रचार-प्रसार करने में पूज्य गुरुदेव का अतुलनीय योगदान है। आपका जन्म उ० प्र० के जिला सिद्धार्थ नगर के खानतारा ग्राम में दिनांक 17 अगस्त 1933 तदनुसार भाद्र कृष्ण द्वादशी संवत 1990 दिन
गुरुवार को हुआ।आपकी माता का नाम श्रीमती जगरानी देवी एवं पिता का नाम पं० श्री दुर्गाप्रसाद शुक्ल जी जो एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। पिता के सामाजिक व्यस्ततता के कारण आपकी विधिवत स्कुली शिक्षा नहीं हो पाई थी। आपने कक्षा एक में छह महीने तथा कक्षा दो में छह महीने की पढ़ाई की, किन्तु आपको किसी भी कक्षा में परीक्षा देने का अवसर नहीं मिला। 17 वर्ष की अवस्था में आप कबीरपंथ से परिचित हुए।आपने 21 वर्ष की अवस्था में गृहत्याग कर कबीर आश्रम बड़हरा, जिला गोंडा (उ0प्र0) के प्रसिद्ध महंत पूज्यपाद सद्गुरु श्री रामसूरत साहेब जी द्वारा साधुवेष की दीक्षा ली | कबीर पारख संस्थान इलाहाबाद के संस्थापक तथा बीजक व्याख्या, पंचग्रंथी टीका, योगदर्शन भाष्य, रामायण रहस्य, गीतासार,उपनिषद सौरभ, कबीर दर्शन, वेद क्या कहते हैं? कहत कबीर, धर्म को डुबाने वाला कौन?, ढ़ाई आखर,मोक्षशास्त्र, बूंद बूंद अमृत, व्यवहार की कला आदि लगभग 100 प्रकार के सामाजिक, आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक ग्रंथों के यशस्वी लेखक हैं। आपकी ओजस्वी वाणी में भारतीय संस्कृति के ऋषि मनीषियों के उद्गार समाहित रहते हैं।
परम पूज्य गुरुदेव श्री अभिलाष साहेब जी की निर्मल वाणियों से सभी वर्ग के लाखों लोग मानवीय गरिमा को समझकर जहां व्यावहारिक जीवन को सुख.शांति पूर्वक जीने में सफल हुए हैं वहीं अनेक साधक साधनामय जीवन जीते हुए कल्याण की दिशा में अग्रसर हुए हैं।
कबीर
विक्रमी संवत 1455-1575 सन-1398-1518 कबीर साहेब सन 1399 ई0 में शिशु रूप में काशी के लहरताला तालाब में जनश्रुति के अनुसार नीरू नीमा जोलाहा दंपत्ति को मिले और उन्हीं द्वारा पाले-पोषे गये। आप अपने छुटपन से ही प्रखर बुद्धि के एवं चिंतनशील थे। शायद आपने स्वामी श्री रामानंद को अपना गुरु माना हो,परंतु आपका अपना वास्तविक गुरु स्वयं का विवेक था। आप आजीवन ब्रह्मचारी एवं विरक्त संत के रूप में रहे। आपने सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक तीनों क्षेत्रों में आंदोलन किया। आपने मानव मात्र की एक जाति बताया,मानवता एक धर्म बताया तथा आत्मा को ही परमात्मा कहा।अपने आप पर संयम की कड़ाई तथा दूसरे प्राणियों के प्रति दया तथा प्रेम का बरताव - इन दोनों आचरणों को आपने अपने जीवन में उतारा तथा समाज को इसी की सीख दी। आपके व्यक्तित्व में कवि, सुधारक,क्रांतिकारी आदि अनेक रूप उभरे किन्तु आपका सबसे बड़ा रूप परमार्थ.लीन संत का है ।इसीलिए आप भारतवर्ष में संत शिरोमणि के रूप में मान्य हैं और आपका यह रूप विश्व में विख्यात है। उनका मुख्य ग्रन्थ बीजक है, जिसकी अनेक टिकाएं उपलब्ध हैं, बीजक कबीर को एक बुद्धजीवी के रूप में प्रस्तुत करता है | उनके अंतिम दिन मगहर में आमी नदी के किनारे बीते | वे हिन्दू और मुस्लमान दोनों द्वारा पूज्य मने गए।
KABIR
kabir saheb 1398-1518 A D No authentic history of Kabir Saheb is available in historical texts. It is presumed he was born in 1398 AD in Lahartara of kashi, the present day Varanasi city of Uttar praesh in Northern India. As per prevalent among public it is said he was brought up by a muslim weaver couple named Niru and Nima in kashi.Kabir Saheb was fiercely intellectual and contemplative since his young age.Probably he opted Swami Ramanand, the orthodox Hindu monk of his time, as his guru but his own discretion was his true guru. He lived a life of a celibate and a devout saint all through out his life.
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पांच तत्व का धड़ नहीं मेरा जानू ज्ञान अपरा शब्द स्वरूपी नाम साहेब का शो है नाम हमारा
❤❤👏👏👍
Aap jaise sant hone chahiye Bharat me
Param pujya sadgurudev ji apke pawan charno mein mere koti koti saheb bandagi Saheb ji with respectfully and with honour ❤
बहुत अहंकार भरा हुआ है इसे मिटाइए आपके पारख सिद्धांत के संस्थापक श्री पूरण साहेब पाक नाम साहेब के पंजाधारी महंत थे। अरे आप कबीर पंथी हो तो कबीर साहेब के उपदेश दीजिए यह जहर क्यों उगल रहे हैं? इससे अपने स्वरूप का बोध तीन काल में भी नहीं होगा। साहेब निर्विचार केसे हुआ जाये। अपने स्वरूप में कैसे स्थित हुआ जाये? हमारे अंदर अहंकार और विकारों को कैसे ध्वस्त किया जाये? इतना द्वेष वंश गद्दी के प्रति आपका ही नुकसान कर रहा है।आपके ग्रंथों और आपके प्रवचन में विरोधाभास है। अभिलाष साहेब जी और सत्य कर साहेब जी के ग्रंथों में विरोधाभास है। हम भोले भाले लोगों को क्यों बरगला रहे हैं? इस कर्म का फल भी आपको भोगना पड़ेगा।
तर्क पूर्ण प्रवचन सुनने को मिला । saheb bandagi saheb
साहेब जी के चरणोंमें साहेब बंदगी.
साहेब जी के चरणों में सादर बंदगी बहुत सुन्दर विचार सही जानकारी सुनने को मिली ईन्दोर से
कबीर साहेब कोरी जुलाहा थे उनको जबरन ब्राह्मण और मुसलमान बताने की साजिश हो रही है ।
Ati sundar baat h baba
साहेब बंदगी साहेब जी
Saheb bandagi saheb ji 🙏🙏🙏
कबीर साहेब को पारख पंथ वाले के बस की बात नही है
पंथ मत मजहब में ही उलझे है वो क्या समझेंगे
😄😄🙏🙏
Saheb bandagi
बहुत अच्छी बात कही गुरुजी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Saheb Bandagi bahut khoob
Saheb bandagi! Kabir Saheb ko kamal phool par nahin, kamal patra par paye janen ki baaten ki jati hain! Saheb bandagi!
Mera bhi Mera bhi abhipray hai Sahib bandgi Sahib 🙏🙏🙏
Abgat se ham chal aye koi bhed marm nhi paye ,
Na Mera janm na garb bsera balk ho kr dikhlaya
Sant ji grib das ji ki bani parho aap ko Kabir ji ke janm sahi PTA LG jayega 🙏🙏🙏🙏
Rampal ji ka bhi avtar hua hai kyoki vo bhi kabir ke avtar hai
Jai ho saheb Bandgi Saheb
सद गुरु कबिर पंथ को समझना पारख बसके बात नही है भरम फैलाते हो ,साहब सब का बाप है बेटा काहुका नाही जो बेटा बनके आया वो तो साहब नाही, रज बिज, पानी से पैदा नही स्वांसा नही सरिर अंन आहार करता नही वा को नाम कबिर, सच्चा ज्ञान के लिए समपरक दरभंगा जयंतीपुर राम साहब, नेपाल से संत रामबाबूसाह 🙏🙏🙏 साहब बंदगी
😄😄🙏🙏
आप पहले बेटा बने कि बाप 😄😄🙏🙏
Bhot sundar..
बहुत सुंदर साहेब जी यही सत्य हे
चार दाग से सद्गुरू न्यारे अजरो अमर शरीर,
दास मलुक सलूक कहत है खोजो खसम कबीर
सविनय सप्रेम साहेब बन्दगी साहेब
साहेब जी बिल्कुल सही कहे है निर्भय और क्रांति करी धार दार तलवार से सब द्वनध दूर करके कहने का सबसे बडा साहस पारख मे है।लस्स लपेट नही कछू नही जय सद गुरू कबीर साहेब 🙏🙏🙏
साहेब आपका मोबाईल नंबर चाहिये।मै बिहार नेपाल के बोडर अररिया जिला से हूँ
प्रथम पुरुष पारस हते सोही नाम कबीर वोही पारस जग लाया धर्मदास के पीर
महाराज इतना बड़ा भ्रम मत फैलाओ उस अगम अगोचर satypurus को एक देह धारी बता दिया
प्लीज ढोंग मत फैलाओ
Kabir साहेब कोई परमात्मा के अवतार नही है वह भी एक मानव है और किसी माता के गर्भ से ही जन्म लिए है
सत्वच्न
કબીર સાહેબ એક માનવ થે...
Saheb bandagi pujya gurudev ji ke charno me koti koti pranam 🙏🙏🙏
साहिब बंदगी साहिब जी 🙏🙏🙏मैं आपके सामने कुछ कहूँ ज़ा कुछ लिखू ऐसे होगा जैसे सूर्य के सामने दीपक जलाने के बराबर होगा जी लेकिन मैं माफी चाहुता हुँ जी सद्गुरु कबीर साहिब जी का 625वां प्रकाश उत्सव मनाया ज़ा चूका है, इतने बर्स तक कितने साधु, संत, महात्मा, बिगेयानक इस धरती पर किसी ने इस की जरूत नहीं समझी क्या? जब कि हम ने कई संतो की बानी में लिखा देखा जैसे संत ग़रीब दास जी द्वारा लिखा गया है :-आनंत कोटि बर्मण्ड में बंदी छोड़ कहाए, बो तो एक कबीर जो जननी जने ना माए l मेरी आपके श्री चरणों में बेनती है कि सद्गुरु कबीर साहिब जी की एक साखी है उस ऊपर सब को अमल करने की जरुतत है :-जाति ना पुछू साधि की, पूछ लीजिये ज्ञान,मोल करो तलबार का पड़ा रहने दो मीयान l बस इतना कह सकते हैँ जी 🙏🙏🙏
Kabir saheb ke satsang dekhkar niranjan ghabra gaya phir nakli parkhi sant ke roop me apne adami bheje ab ye Kabir panthi bankar jivo ko ulta. Gyan bata rahe he gagan mandal se utre sadguru Satya kabir jalaj mahi podhan kio sab piran ke peer. Parkhisanto se bacho dharamdas saheb garibdas saheb ghisadas saheb ke raste par chalo kaise Satya puruse kabir ka satyalok milta he aap jape oro ko japave pahunche satlok dear no aap jape no oro ko Japan de pahunche narak dear yamdut jase dare dharamraj dhare dheer Aisa sadguru ek he adli adal kabir jai kabir Satya kabir
Very good and right now
Kabir Murder
Saheb bandagi 🙏🙏 🙏 saheb ji ko sadar pranam
Saheb Bandagiji, kabir ek khoj book ko kaise mangaye
Kabir Saheb ke bare me jankari nhi hai....nima &niru ke bare me glt jankari dete hai......
Bhuralalmurenamp
साहेब बन्दगी साहेब। कबीर साहेब के जन्म पर सत्य विचार रखने के लिए साहेब बन्दगी।
Boycott man ki bat
कबीर साहेब के अंतर्ध्यान होने के का क्या रहस्य है।क्या यह भी गलत है।
कबीर के माता पिता नीरू नीमा थे या नहीं परन्तु आपको बैचैनी बहुत है ये साबित करने की, क्यों है ये समझ में आ रहा है तुम अपने अज्ञान को जबरन मनवाने की कोशिश कर रहे हो, यदि किसी के पैदा हो तो वह परमात्मा कैसे हो सकता है यही सुबूत है कबीर के परमात्मा होने का
Wrong
शर्म आनी चाहिए तुम लोगो को अपने को कबीरपंथी कहते हुए
सत्य नही सुन सकते तो कमेंट मत करो
Nira niru kabir ka mata pita nai he
आपको कबीर साहेब के बारे मे कोई ज्ञान नहीं है तुम संत नही हो सकते हो 13:13
महामूर्खता की बात कर रहे हैं। कि नीमा नीरू के औरस पुत्र थे। आपको झूंठी बातें नहीं बोलना चाहिए।