Flying Arya.. आप से मिल कर हमें भी बहुत अच्छा लगा। आपमें सिर्फ घूमने और देखने की इच्छा ही नहीं दिखी बल्कि समाज को जोड़ने और संस्कृति से रूबरू कराने को कोशिश भी हमें नजर आई। नई पीढ़ी में ऐसा ही जज्बा होना चाहिए तभी हमारा देश एकता के सूत्र में हमेशा बंधा रहेगा। आपका चैनल और आपका काम बुलंदियां छुएं बहुत बहुत शुभकामनाएं।
Omg....thank god koi to meaning full vedio bana raha hamare Jharkhand ke uper...bhai I can understand..aap kitni research kerte hoge....very gud job...keep ur health on check..
@_-_kevin13905 -" Gel " नहीं , बल्कि G. E. L. Church. कोई भी चर्च किसी देश विशेष का नहीं होता है, बल्कि परमेश्वर की सामूहिक आराधना और प्रार्थना स्थल। इस चर्च की स्थापना जर्मनी के गोस्सनर नामक एक फादर/पुरोहित के द्वारा भेजे गए 4 प्रचारकों के मसीही शिक्षा के प्रचार, प्रसार और फादर के आर्थिक सहयोग के फलस्वरूप हुआ। इसलिये इस चर्च का नाम गोस्सनर के नाम से है। यद्यपि प्रारंभिक समय में इसे जर्मनी की कलिसिया से प्रसाशनिक और आर्थिक सहयोग प्राप्त रहा है, तथापि वर्ष 1919 से यह आत्म पालित और आत्म शासित कलिसिया है। यह स्पष्ट करना इस लिए उचित और आवश्यक है कि बहुतेरे लोग यह समझते हैं कि भारत की कलिसियाएँ विदेशों से सहायता प्राप्त करती हैं।
Flying Arya.. आप से मिल कर हमें भी बहुत अच्छा लगा। आपमें सिर्फ घूमने और देखने की इच्छा ही नहीं दिखी बल्कि समाज को जोड़ने और संस्कृति से रूबरू कराने को कोशिश भी हमें नजर आई। नई पीढ़ी में ऐसा ही जज्बा होना चाहिए तभी हमारा देश एकता के सूत्र में हमेशा बंधा रहेगा।
आपका चैनल और आपका काम बुलंदियां छुएं बहुत बहुत शुभकामनाएं।
कोटि कोटि धन्यवाद 🙏❤🌿sir
Thank you God
Omg....thank god koi to meaning full vedio bana raha hamare Jharkhand ke uper...bhai I can understand..aap kitni research kerte hoge....very gud job...keep ur health on check..
Yes research and communicate with people
Very nice
Beautiful ❤️
Oxford public school
Good work Arya sir🙏
God bless you 🙏🙏✝️🙏🙏
Kabhi Jharkhand jamshedpur bhi aaye 🥹
Jamshedpur m hi hu
कॉन्सी जगा में है ये चर्च प्लस रिप्लाए कीजिए
Bahu bazar Ranchi
@@flyingarya thank you so much ❤️❤️
Gel Germany ka hai
@_-_kevin13905 -" Gel " नहीं , बल्कि G. E. L. Church. कोई भी चर्च किसी देश विशेष का नहीं होता है, बल्कि परमेश्वर की सामूहिक आराधना और प्रार्थना स्थल। इस चर्च की स्थापना जर्मनी के गोस्सनर नामक एक फादर/पुरोहित के द्वारा भेजे गए 4 प्रचारकों के मसीही शिक्षा के प्रचार, प्रसार और फादर के आर्थिक सहयोग के फलस्वरूप हुआ। इसलिये इस चर्च का नाम गोस्सनर के नाम से है। यद्यपि प्रारंभिक समय में इसे जर्मनी की कलिसिया से प्रसाशनिक और आर्थिक सहयोग प्राप्त रहा है, तथापि वर्ष 1919 से यह आत्म पालित और आत्म शासित कलिसिया है। यह स्पष्ट करना इस लिए उचित और आवश्यक है कि बहुतेरे लोग यह समझते हैं कि भारत की कलिसियाएँ विदेशों से सहायता प्राप्त करती हैं।