हनुमान् जी लंका कैसे गये? | जानिए क्या कहते है रामायण एवं विज्ञान | AcharyaAgnivrat

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  • Опубликовано: 26 окт 2024

Комментарии • 905

  • @anujrathi4260
    @anujrathi4260 5 лет назад +188

    आचार्य जी नमस्ते,,,अगर स्वामी दयानंद जी आज आपको देख सकते तो उन्हें आपके ऊपर गर्व होता।आर्य समाज और वैदिक संस्कृति सदैव आपके ऋणी रहेंगे।धन्यवाद

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 лет назад +47

      आपके उच्च विचारों के लिए धन्यवाद

  • @truefact4543
    @truefact4543 5 лет назад +207

    ओउम आचार्य जी,,,,
    वेधर्मियों को ये बात हजम नही होगा,,,
    आज मुझे एक सवाल का जवाब मिल गेया,,,की हनुमान जी उड़े कैसे!!!

  • @braincrackers0706
    @braincrackers0706 5 лет назад +95

    आचार्य जी आप तो लाखों में 1 हो, आप मे तिनके भर का भी अहंकार नही है, आप स्वअध्ययन करने के बाद ही किसी विषय को हाथ लगाते हो। आप को मन:पूर्वक और अहंकार रहित नमन करता हु। आप से सम्पूर्ण वैदिक ज्ञान सीखने की प्रगल्भ इच्छा है। आप 1 अच्छे और सच्चे आचार्य है।

  • @Sanatankaswarnimkal0777
    @Sanatankaswarnimkal0777 5 лет назад +74

    सत सत नमन बिल्कुल लॉजिकल और सांइसटिफिक बाते की है आपने
    जय श्री राम

  • @9926512345
    @9926512345 5 лет назад +73

    बस मुझे आज सही आर्य समाजी सुनने को मिले।मुझे ऐसी ही कई बातों पर आर्य समाजियो से विचार नही मिलते थे कि आप कई जगह आध्यात्मिक शक्ति को नकारते हो क्योकि आपने आंखों से नही देखा,लेकिन यह आवश्यक नही की आपने जो नही देखा वह असत्य ही हो ।आपका धन्यवाद।

  • @hitarthpatidarprabhudas3963
    @hitarthpatidarprabhudas3963 3 года назад +22

    आचार्यवर मैं १४ वर्ष का बालक हूँ। मेरा स्वप्न है कि मैं वेदों का प्रचार करूँगा और मैं गुरुकुल की स्थापना करके इस सृष्टि में सत्य सनातन वैदिक धर्म को पुनः जागृत करूँगा। यह संकल्प लेता हूँ। ओउम्।

  • @kanvarmojiram
    @kanvarmojiram 5 лет назад +32

    नमस्ते गुरुजी। आपका यह वीडियो अत्यंत ज्ञानवर्धक तथा भ्रांतियों का समूल निवारण करने वाला है। आज इस तथाकथित हिंदू समाज में ऐसी न जाने कितनी सैकड़ों , हजारों भ्रांतियां भरी पड़ी है, जिनका निवारण अति आवश्यक है। तभी वे (हिंदू जाति) ब्राह्मण- पोपों द्वारा स्वार्थ वश रचित आर्य महापुरुषों के झूठे इतिहास को भलीभांति समझ कर अपने आर्य महापुरुषों को समझ पाएंगे तथा फिर से वैदिक संस्कृति कायम होगी। गुरु जी मैंने अपने जीवन में आज तक जितना देखा सुना और पढ़ा है उनमें से कुछ बुराइयां, भ्रांतियां, झूठा इतिहास, वेद विरुद्ध बातें निम्नानुसार है, आज ये सभी भ्रांतियां हिंदू समाज के हर परिवार में पूरी तरह से जकड़ कर भरी पड़ी हुई है और दिनों दिन बढ़ती जा रही है। और अगर इनका कोई उन्हें निवारण भी बताएं या सत्य से अवगत भी कराएं तो भी मानने को तैयार नहीं है अर्थात उनके दिमाग में ये सारी की सारी मनगढ़ंत कहानियां कूट-कूट कर भर दी गई है।-। पहाड़ों के पंख लगकर उड़ना, ऋषि द्वारा समुद्र का जल सोख लेना ,पहाड़ों का बढ़ना, पृथ्वी का शेष -वासुकी आदि तथाकथित नागों पर टिका होना ,हनुमान जी द्वारा सूर्य को निगलना , श्री विष्णु जी द्वारा वामन अवतार धारण करके तथाकथित तीन लोकों ( पृथ्वी स्वर्ग और पाताल) को तीन कदमों में नाप देना, हिरण्याक्ष द्वारा पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छुपा देना , राक्षसों द्वारा वेदों को चुरा लेना, हर जगह हर कथा हर लोक हर स्थान में अचानक नारद का आ जाना , इंद्र का महाकामी होना ,तथाकथित नरसिंह अवतार का होना, बच्चे प्रहलाद का पहाड़ से गिरने पर भी न मरना , हनुमान जी का बंदर होना, लक्ष्मणरेखा का अस्तित्व होना ,जटायु का पक्षी होना, रावण के 10 सिर होना, महर्षि ब्रह्मा के 4 सिर होना, विष्णु के चार हाथ होना, योगीराज शिव के गले में तथाकथित वासुकी नाग का होना, शिव द्वारा नशा करना, शिवजी के केसों से गंगा का प्रकट होना, गणेश जी के हाथी का सिर होना ,शिव जी के तीन नेत्र होना, तथा शिवजी का संहारक होना, त्रि देवों की कल्पना ,36 करोड़ देवी देवताओं की कल्पना, शिव जी द्वारा कामदेव भस्म होकर उसका प्रद्युम्न जी के रूप में जन्म लेना, पार्वती जी के मेल से गणेश जी की उत्पत्ति होना ,रक्तबीज आदि की कथा, हनुमान जी द्वारा पूरा पहाड़ उठाकर ले आना ,सुषेण वैद्य का रावण का वैद्य
    होना ,माता सीता का पृथ्वी पुत्री होना, श्री राम द्वारा सीता जी का त्याग करना, श्री कृष्ण जी का रास रचाना, गोपियों संग क्रीड़ा करना, श्री कृष्ण जी का राधा प्रेम ,माखन चुराना, द्रोपदी चीर हरण में श्रीकृष्ण द्वारा चीर बढ़ाना, द्रोपदी के पांच पति होना, आदि सब कथाएं मिथ्या ,गपोडे तथा वेद विरुद्ध हैं। यद्यपि इनमें से अनेकों का निवारण सत्यार्थ प्रकाश में महर्षि दयानंद जी ने कर दिया किंतु आज भी समाज में ज्यों की त्यों यह सारी बुराइयां पड़ी हुई है। क्योंकि 90% या यूं कहे 99% ग्रामीण समाज तथा लोग अभी तक भी न तो महर्षि दयानंद को जानते हैं न सत्यार्थ प्रकाश को जानते हैं न हीं आर्य संस्कृति को जानते हैं। और उन्हें जानने में मतलब भी नहीं है। वे अभी भी अवतारवाद , भूत-प्रेतों तथा अंधविश्वासों में ही पडे हुए हैं। गुरु जी ये भ्रांतियां और झूठी कहानियां इतनी खतरनाक है कि अगर ये बंद नहीं हुई ,इनका निवारण नहीं हुआ तो एक दिन ये पूरे समाज को बर्बाद कर देगी ,अतः इनका शीघ्र अति शीघ्र निवारण अति आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित किया जा सके जिसे वह अपने पूर्वजों पर गर्व कर सकें तथा अपने जीवन को भी उनके ही समान निर्मल पवित्र और उज्जवल बना । मुझे आशा है कि भविष्य में आप इन सब झूठी कहानियों के उत्तर देंगे। तब तक के लिए नमस्कार आचार्य जी। वैदिक संस्कृति अमर रहे। ओम शं।

  • @worldpolitics414
    @worldpolitics414 3 года назад +18

    गुरु जी आप एकदम सही कह रहे हो हमारे गांव के पास एक गांव में स्वामी नित्यानंद जी नाम के सन्यासी रहते थे वह एक बार समाधि अवस्था में जमीन पर से ऊपर उठ गए थे जिन्हें देखकर कुछ गांव के लोग चकरा कर गिर गए थे ये बिल्कुल सत्य घटना है हमारे बड़े बुजुर्ग इस बारे में हमें बताते रहते हैं

  • @ambaramarya1343
    @ambaramarya1343 5 лет назад +74

    आचार्य श्री अग्निव्रत नैष्ठिक जी भी ऋषि परम्परा के ही ऋषि ही कहलाये जाने चाहिए। लगता है महर्षि देव दयानन्द के बचे हुए कार्य आप ही पूर्ण कर सकेंगे। ऐसी अभिलाषा है।
    जहाँतक हनुमान जी के उडकर लंका जाने का प्रसंग है। यह इतिहास का प्रसंग है इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता परन्तु महात्मा आनन्द स्वामी जी ने अपने एक ग्रन्थ में शायद मानव और मानवता में हिमालय यात्रा का एक प्रसंग आया है। वे लिखते हैं जब वे हिमालय की पहाडियों में योगियों की खोज में गये थे तो उन्हें एक कीचखम्बा नाम का गाइड मिला उससे स्वामी जी ने पूछा यहाँ हिमालय में कोई योगी रहता है गाइड ने कहा वहाँ से काफी दूर एक साधु रहते हैं वे बहुत पहुँचे हुए हैं। वह स्वामी जी को उस दूर पहाड़ी तक ले गया परन्तु वह उस गुफा तक नहीं गया उसने बताया वे साधु बहुत क्रोधी हैं इसलिए वह नहीं जायेगा। स्वामी जी ने अकेले ही उस गुफा में प्रवेश किया स्वामी जी लिखते हैं उन्होंने जब उस गुफा में एक ध्यानावस्थित साधु को देखा । मैंने उनका अभिवादन किया और कहा आप इस गुफ़ा बैठे हुये हैं। जनता दुखी है गलत रास्ते पर चल रही है आपको उनके बीच जाकर उपदेश देना चाहिए इत्यादि। बार बार कहने पर भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो स्वामी जी ने कहा क्या मै पत्थरों से बात कर रहा हूँ इत्यादि। साधु महाराज ने कहा हाँ आनन्द स्वामी बोलो क्या चाहते हो। स्वामी जी कहा मैंने तो अपना नाम बताया नहीं आपने कैसे जाना फिर साधु महाराज ने बोला तुम्हारा पूर्व नाम खुशालचन्द था। तुम जलालजट्टा के रहने वाले हो तुम अनारकली में खूब उपदेश देते हो हजारों की भीड़ होती है सब वाह वाह भी करते हैं परन्तु तुम्हारी बातों का प्रभाव कितना पड़ता है वह तुम्हें ज्ञात है। अगर हम भी उपदेश करने लगें कोई हमारी बात मानने वाला नहीं। स्वामी जी ने पूछा यहाँ कोई और भी साधु रहते हैं उन्होंने कहा हाँ दूर उस पहाड़ी पर रहते हैं मेरे गुरु हैं। स्वामी जी ने कहा रास्ता किधर से है साधु महाराज ने कहा वहाँ जाने का रास्ता नहीं है। स्वामी जी ने कहा आप फिर कैसे जाते हैं उन्होंने कहा उड़कर। स्वामी जी ने कहा वह कैसे। स्वामी जी कहते हैं उन्होंने श्वास लेकर अपने अन्दर हवा भरी वे फूलकर कुप्पा हो गये धीरे-धीरे ऊपर की ओर उड़ने लगे उनका शिर गुफा के ऊपरी हिस्से में लग गया फिर ऊपर व नीचे से हवा छोड़ते हुए जमीन पर बैठ गये। यह स्वामी जी का आँखों देखा हाल था। हमारे लिए तो शब्द प्रमाण है। हनुमान जी योगी थे उड़कर श्री लंका गये थे तो कोई शंका नहीं। ओम्।

  • @आर्यआर्यावर्त्त

    अच्छा हुआ आचार्य जी आपने ये विडियो बना ही दी ,नही तो समस्या हल नही होती ,पर पौराणिक मानेंगे नही।
    सर्वोत्तम विडियो है ।
    ओ३म् नमस्ते

  • @vishalyadav6674
    @vishalyadav6674 4 года назад +21

    गुरु जी वैज्ञानिक दृष्टि से आप ही या आप जैसा ही कोई व्यक्ति वेद को समझ सकता है। आप हमारी नाक है गौरव है हमारा हम आपका पूर्ण रूप से समर्थन करते है।
    ऋषियों की परंपरा की सदा जय हो।

  • @sakshamanand137
    @sakshamanand137 5 лет назад +335

    मैं भी राहुल आर्य को देखकर ही आर्य समाज से जुड़ा।

  • @sumitrarya471
    @sumitrarya471 4 года назад +27

    ऋषि दयानन्द जी ने भी पूना प्रवचन मे कहा था कि उपरिचर नामक राजा जिसको गुब्बारह विद्या ज्ञात थी जो छः महीने हवा मे विचरता था | आचार्य जी मन प्रसन्न हो गया आपको सुनकर आपको कोटी कोटी नमन

  • @GudduKumar-ze3sf
    @GudduKumar-ze3sf 5 лет назад +112

    Vaidik physics तथा thanks bharat सही सही जानकारी देते है

    • @anilkumarsharma1205
      @anilkumarsharma1205 5 лет назад +4

      mera comment padho fir pata chal jayega ki ramayana main physically science hain

  • @GaffurGhisela
    @GaffurGhisela 5 лет назад +74

    आपको नमन है महाशय.
    मेरे भीतर सच जानने की भूख रहती है.
    आर्य भाइयों और आप जैसे आर्य विद्वानों ने मेरे कई जिज्ञासाएँ दूर की हैं.
    आप सच्चाई बताते रहें, हम स्वीकार करते रहेंगें. 🙏🙏🙏🙏

  • @Dharamveersingharya3887
    @Dharamveersingharya3887 Год назад +2

    सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो भारत माता की जय हो आचार्य जी को नमस्ते बहुत प्रसन्नता हुई है आपक प्रवचन सुनके

  • @avine8326
    @avine8326 5 лет назад +18

    आचार्य जी आपने एक और नया आयाम दे दिया है एक नये वैदिक सोच के लीये जहा हम कुछ बातो को लेके असमंज मे थे.

  • @मुकेशपरमार-च9ण
    @मुकेशपरमार-च9ण 5 лет назад +103

    आज से एक अरब सियान्वे करोड़ आठ लाख तरेपन हजार वर्षो मे न जाने कितने ही ऋषि महर्षि हुए होंगे जो वेदिक विज्ञान ओर कहि प्रकार की विद्याओ को जानते होंगे वो सब ऋषि महर्षि देवर्षि सब कुछ थे परंतु केवल ईश्वर नहीं थे उस समय के मनुष्य आज के मनुष्य से सर्वथा भिन्न है वो सारे मनुष्य आज के मनुष्य के लिए ईश्वर के समान है अगर उनके बताए हुए मार्ग ओर उनकी दि हुई विद्या को ग्रहण किया होता तो आज भारत आर्यावर्त हि रहता इंडिया या हिन्दुस्तान नहीं होता ओऽम् सादर नमस्ते जय आर्यावर्त

  • @yogenderkumar1218
    @yogenderkumar1218 5 лет назад +156

    स्वामी जी मैं भी राहुल आर्य को सुनने के बाद ही आर्य समाज से जुडा हुं

  • @vedbhasker
    @vedbhasker 5 лет назад +65

    प्रणाम गुरु जी, आपने सत्य कहा है महर्षि दयानन्द जी ने सनातन वैदिक धर्म के उत्थान के लिए कितना त्याग और पुरुषार्थ किया हैं ये बहुत कम लोग जानते हैं और जानने की कोशिश भी कम करते है। यहां तक कि आज की तिथि मे आर्य समाज के लोगों को भी बहुत कम जानकारी है।

  • @tonyrajawat7399
    @tonyrajawat7399 5 лет назад +15

    बहोत बहोत धन्यवाद आदरणीय गुरु जी जय श्री राम जय श्री राम हरे कृष्णा

  • @dineshprajapati7051
    @dineshprajapati7051 3 года назад +6

    वाह संत जी वाह ,,, क्या तर्कसंगत वाणी है,,, पहली बार ऐसा सुना,,,

  • @goldysuthar6998
    @goldysuthar6998 2 года назад +5

    गुरु जी आप को कोटि कोटि नमन। राहुल आर्य जी और अंकुर आर्य जी बहुत अच्छा वैदिक कार्य कर रहे हैं। ॐ

  • @AnkitSingh-mn6us
    @AnkitSingh-mn6us 5 лет назад +10

    ॐ नमस्ते गुरुजी।
    ऐसे ही विडियो की जरूरत आज हिदू समाज को हे।
    आप प्रयास करते रहिए, ओर तोड़ दीजिए पुराणों के फैलाये भ्रम को।
    🙏🙏🙏

  • @review7309
    @review7309 3 года назад +3

    अग्निव्रत जी आप को कोटि कोटि नमन आप जो कार्य कर रहे है उसमे मेरा और सम्पूर्ण सनातनियों का पूर्ण सहयोग है।

  • @kanvarmojiram
    @kanvarmojiram 5 лет назад +70

    नमस्ते आचार्य जी। क्या सूर्य दर्शन से नेत्रों की आरोग्यता बढ़ती है कृपया बताएं। वह किस प्रकार बढ़ती हैं।

  • @Sneakingmentor
    @Sneakingmentor 5 лет назад +12

    Acharya ji Mai Rahul Arya ka bhaut manta hun. Lekin maine aapki video nishpaksh hokar dekhi. Kaafi achhi jankaari dikhne aur sunney ko mili. प्रणाम🙏

  • @sudeshsaini3291
    @sudeshsaini3291 Год назад +3

    ॐ ॐ ॐ जय हो सनातन वैदिक धर्म की । महर्षि जी मै भी राहुल और अंकुर आर्य के द्वारा आपसे जुड़ा था।

  • @gamingwithroblox1696
    @gamingwithroblox1696 5 лет назад +31

    Swamiji, you are unique in present time...pranam.

  • @मेरेआदर्शराजीवदीक्षित-ज4ङ

    ओम नमस्ते आचार्य जी आपके श्री चरणो में कोटि कोटि प्रणाम मे श्री राजीव दिक्षित जी सुनकर आर्य समाज से प्रभावित हुआ

  • @JaiSanatanBharat
    @JaiSanatanBharat 5 лет назад +27

    महाराज जी वायुगवन विद्या पर रिसर्च करे है और इस विद्या पर एक योगी बनाए सनातन धर्म बहुत बड़ी सेवा होगा

  • @vijayprajapatis007
    @vijayprajapatis007 5 лет назад +31

    आचार्य जी आप का व्याख्यान सुनने के बाद लगता है कि वेद ब्राह्मण ग्रंथ दर्शन उपनिषद सभी अर्श ग्रंथो के विज्ञान को समझ के रामायण तथा महाभारतं की मिलावटों को निकालने का सफल प्रयास किया जा सकता है

  • @sompalsaini5021
    @sompalsaini5021 4 года назад +3

    गुरु जी आप को मेरा नमस्कार आपकी हर बात में सत्ये हैं और हम आप जैसे व्यक्तियों द्वारा बताया गया हर बात में सत्ये मानते हैं और आप जैसे व्यक्तियों हमारा मार्गदर्शन करते रहे

  • @ajaykumar-hk5zu
    @ajaykumar-hk5zu 5 лет назад +167

    ईश्वर आपको दीर्घ आयु दे achary ji. ॐ namaste achary

  • @BrajDarshanNews
    @BrajDarshanNews 4 года назад +9

    आर्य समाज मे बस आप ही हो जिसको सुनने का मन करता है

  • @नितेशआर्य-म3थ
    @नितेशआर्य-म3थ 5 лет назад +34

    दुर्लभ जानकारी ||धन्यवाद आचार्य जी||
    सागर के ज्यों तरण में
    नौका है प्रधान ।
    त्यों भवसागर तरण में बह्मचर्य प्रमाण ।। अर्थात ब्रह्मचारी व्यक्ति ब्रह्मचर्य के बल पर सागर को भी जीत सकता हैं फीर तो हमारे कई देवता महापुरुष महायोगी थे ,योग में बहुत ही गूढ़ वीज्ञान छुपा हुआ है

  • @madhukararoychoudhury6818
    @madhukararoychoudhury6818 3 года назад +4

    आपकी सम्यकदृष्टि को शत शत नमन । न्याय ही धर्म हैं और सम्पूर्ण न्यायदृष्टि आपमें दिखतें हैं । 🙏🙏🙏😔
    आनुकूलयेन विचारयेत ---- यह ही ऋद्धियों की आदेश हैं ।

  • @yogatrainersureshswami6849
    @yogatrainersureshswami6849 4 года назад +5

    ओउम आचार्य जी नमस्ते
    आप ने बिल्कुल सच बोला हैं।
    में भी आर्य समाज से बहुत समय से
    जुड़ा हुआ हूं।

  • @deepakbhai4024
    @deepakbhai4024 5 лет назад +64

    जय आर्य जय आर्यवर्त
    आधुनिक ऋषि आचार्य अग्निव्रत नैषठिक जी की जय हो।।

  • @bhagwadharisher2817
    @bhagwadharisher2817 4 года назад +10

    आप महान हैं गुरु जी आप आधुनिक भारत के ऋषि हैं

  • @mohansuthar26
    @mohansuthar26 5 лет назад +18

    आप ने बहुत अच्छी बात कही....जब तक कोई साक्ष्य न हो....आप उसके बारे में कुछ भी जानते न....उसका खंडन करने से बचना चाहिए।

  • @AryaSunilSheokand619
    @AryaSunilSheokand619 4 года назад +10

    नमस्ते आचार्य जी
    ये मेरे लिए बहुत बड़ी समस्या थी। आप ने आज समाधान कर दिया।

  • @जयआर्यावर्त-ङ8न

    गुरुजी आपका सही बात है आप जैसा एक लाख भी विद्वान हो जाए हम पूरे दुनिया को एक सही ही आधार और सही शिक्षा पूरी दुनिया को दे पाएंगे

  • @shatruhanvermaji
    @shatruhanvermaji 3 года назад +3

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति

  • @VaidicRastra
    @VaidicRastra 2 года назад +2

    गुरु जी आप मुझे बहुत बढ़िया लगे। मुझे एक शंका है- भूतों के अस्तित्व, सपूतों या किसी देवता का किसी व्यक्ति मे आना। मैंने ऐसे ही किसी से मेरे बिना बोले उन्होंने बताया कि‌ तुम
    धर्म को मानते हो बढ़िया है लेकिन देवता होते हैं। आत्मा रुप में भटकते है मरने के बाद लोग।

  • @BlackPanther.999
    @BlackPanther.999 4 года назад +5

    आप ने बहोत ही उम्दा बात की। आप का खूब खूब धन्यवाद। आप को नमन। 🙏🙏🙏❤️❤️❤️

  • @ANKITSharma-gs9gh
    @ANKITSharma-gs9gh 5 лет назад +6

    Sir i passing my 12th class this year.But my only main aim is to shape my country with the scientific knowledge of vedas. Now i am joing to ENGINEERING COLLEGE FOR CSE
    . I Want to read all knowledge of vedas. Sir recommend me a books of all hindu script which show knowledge about machine like veman, time machine, weapons etc and many like that. Thanks a lot if u see this. This all word manily from my heart.

  • @rashtrabhakt3002
    @rashtrabhakt3002 4 года назад +3

    आचार्य जी प्रणाम। आपने बहुत गूढ़ जानकारी दी।ऐसे ही न जाने कितनी बातें हमारे सनातन संस्कृति में छिपी पड़ी है बस उन्हें प्राप्त करने योग्य बनने के लिए कठिन साधना करने की आवश्यकता है। आपको शत शत प्रणाम।

  • @sharadbhaisoni9286
    @sharadbhaisoni9286 4 года назад +2

    श्री आचार्यजी आपको नमस्कार, आपके वीडियो के माध्यम से हमारे मन की कई उलझने,ओर शंका,मनमे उपस्थित हुई कई गलत भ्रांतियों का आपसे समाधान होता है,वैसे तो सिर्फ साइन्स,को ही मानने वाले ने बहोत ही तर्क करके ईश्वर को ,परमात्मा को नकारा है लेकिन आप जैसे इस युग के ऋषि है और वेद,ओर धर्म,की धरोहर रूपसे आप खड़े है आपको ईश्वर,परमात्मा लंबी आयु दे और आपकी रक्षा करे,प्रभुसे प्राथना,नमस्ते,

  • @pradyumnapanda1270
    @pradyumnapanda1270 2 года назад +3

    *स्वामीजी आपकी चरणों मे कोटि नमस्ते।*
    *आपके अत्यंत गूढ़ ज्ञान मेरे लिए ज्ञान बर्धक ओर मार्गदर्शक साबित हो रहा है।*
    *ईस्वर से प्राथना है कि आपको लंबी आयु प्रदान करे।*
    *आचार्य जी आपसे निवेदन है कि:- ये सृष्टि मे क्या संभव है , क्या असंभव है, इसके बारेमे हम कैसे विचार करे। क्या क्या point को लेकर हम विचार कर सकते है कि ये बात सम्भव हो सकता या नही। इसके ऊपर एक पुस्तक लिखने की कृपा करें। जिसके आधार पर हम निर्णय कर सके कि क्या सम्भव है या क्या असम्भव है। क्या सृष्टि विरुद्ध है क्या नही है इस बात की पता लगा सके।*
    *नही तो पुरणो में वर्णित सारे असम्भव लगने वाले कथा को सच मान बैठेगे।*
    *नही तो तंत्र शास्त्र मे वर्णित तांत्रिको की साधना को सच मान लिया जाएगा। किसी वूक्ष को जला देना, इंसान बाघ भालू इत्यादि का रूप लेना, जैसे रामायण में मारीच का स्वर्ण मृग बन जाना, अदृश्य हो जाना, एक स्थान पर बैठके किसी दूर जगह पर किसी ब्यक्ति का अनिष्ट करना, अतृप्त आत्मा को पकड़ लेना इत्यादि सारे बात को भी सच मान लिया जाएगा।*
    *आपसे अनुरोध है ये सारे बातों पर विचार करके हम को मार्ग दिखाने की कृपा करें।*

  • @aparichit8513
    @aparichit8513 5 лет назад +37

    Superb episode Acharya ji 👌👌👌👍

  • @penguinsearching142
    @penguinsearching142 4 года назад +5

    Mai ishwar se apki lambi Umar ki kamna karta hu Qki grantho Ka bhvysha apke hath me hai

  • @ankitpatidar6046
    @ankitpatidar6046 3 года назад +1

    अदभुत समाधान किया🙇 नमन है💐
    "हनुमानजी का सूर्य को फल समान खा जाना" यह एक अलंकारीक समझाइश भी तो हो सकती है, जिसका तातपर्य यह भी हो सकता है कि "सूर्य समान तेज को साधना के द्वारा अपने अन्दर समाहित या अर्जित कर लेना।

  • @MUKHLALMAHTO
    @MUKHLALMAHTO 5 лет назад +3

    shri Hanuman ji ka udane ka rahashya mujhe pahle se pata tha lekin uski pramanikta ko sidh karne k liye mere pass koi praman nhi tha , aaz aapne jo praman diye hai usase mera ishko pramanit karne ka majboot adhar mila hai.....

  • @raghavjipatel7867
    @raghavjipatel7867 2 года назад

    बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी आपने बहुत सुंदर स्पस्टीकरण किया है।सादर प्रणाम

  • @bajrangdal9164
    @bajrangdal9164 4 года назад +4

    बहुत ही अतुलतम जानकारी। बहुत ही।
    क्या बात👌👌👌👌👌👌👌
    💪💪💪💪💪💪
    मे जरूर आपके साथ जुड़कर इसपर रिसर्च करूँगा।

  • @SILFUN333
    @SILFUN333 5 лет назад +18

    ज्ञान के लिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद गुरूजी.🙏

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 лет назад +3

      धन्यवाद

    • @SILFUN333
      @SILFUN333 5 лет назад +1

      @@vaidicphysics और गुरुदेव भूत और भविष्य देखने की भी बाते बतायी है और अपने पूर्वजन्म देखने की भी बाते बतायी है मुझे नहीं लगता ये संभव है.

    • @SILFUN333
      @SILFUN333 5 лет назад

      और एक बात गुरुदेव ,दंड मारने से शरीर में बल बढ़ता है।पर
      विभूति पद से शरीर में बल भी बढ़ता है तोह क्या फिर विभूति पद से बल बढ़ने पर शारीरिक व्यायाम करने की जरूरत नहीं पढ़ती?

    • @SILFUN333
      @SILFUN333 5 лет назад +1

      🙏कृपया हो सके तोह इन्ह सवालो का जवाब दीजिए ,बहोत मदत होगी, में भी वेदो के ज्ञान को धरती पे फैलाना चाहता हूँ। इसलिए में आर्य समाज और वेदो पर अधिक से अधिक ज्ञान पाने की कोशिश कर रहा हूँ।
      में भी सत्य जानना चाहता हूँ।

  • @mytravelstory3702
    @mytravelstory3702 4 года назад +6

    You studied vedic physics that's why your concepts and Explainations are valid

  • @GaffurGhisela
    @GaffurGhisela 5 лет назад +143

    महाशय, कृपया श्री कृष्ण जी के विराट स्वरूप की सच्चाई को समझाइए.
    मैं जानना चाहता हूँ कि अगर ईश्वर निराकार है तो श्री कृष्ण जी का विराट स्वरूप क्या था??
    आपका आभारी रहँगा महाशय.. 🙏🙏🙏

    • @xtylishking7579
      @xtylishking7579 5 лет назад +1

      Right

    • @dilipsanatan1396
      @dilipsanatan1396 5 лет назад +10

      तुम्हारा जवाब इसी में है

    • @anandvishwakarma4790
      @anandvishwakarma4790 5 лет назад +1

      Yahi mera bhi subject hai
      Please explain

    • @truefact4543
      @truefact4543 5 лет назад +7

      अच्छा सवाल कट्टप्पा जी,,,
      बहुत दिन के बाद आपसे भेंट हुआ

    • @सनातनभारती
      @सनातनभारती 5 лет назад +16

      Katappa hypnosis! सम्मोहन विद्या! lol
      याद हैं अर्जुन को दिव्य दृष्टि प्रदान। maybe that was some type of thermal goggles which can detect the thermal image of shri krishna's super cosmic aura! after all he was not a normal human being he was yogeshwar, he activated his 7 kundalis by practicing yoga to the ultimate limit. his cosmic Aura is much much powerful and millions times stronger than normal human being! and yes cosmic aura is form less it's a kind of power like electricity. You can feel it's existence but can't touch or see it unless it comes out through to the bulb and lights. so at the same time he was in form and form less too. remember Aham Brahmasmi.

  • @bmgroups4972
    @bmgroups4972 5 лет назад +16

    Aap ek maharshi ho garu ji

  • @ANILGUPTA-uq9fy
    @ANILGUPTA-uq9fy 2 года назад +2

    Acharya ji u are doing great great great job in this world.

  • @harishchandrayadav9410
    @harishchandrayadav9410 5 лет назад +37

    जब मनुष्य ईश्वर लीन हो जाता है तब वह प्रकृति के आधीन नही होता है तब उसके लिए कुछ भी असंभव नही होता है ।

    • @surendersigh6658
      @surendersigh6658 5 лет назад +3

      मैं आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूं

  • @7creative4
    @7creative4 5 лет назад +7

    Dhanyavaad acharaya ji . Ye prashan Maine he Kia Tha k hanuman ji kesai udai Thai or ek sajjan nai mjhe yog darshan ke Salah de the parantu aaj acharya ji k mukh see sunn k santusti hue.

  • @mohansuthar26
    @mohansuthar26 5 лет назад +24

    धन्यवाद आचार्य....आप से निवेदन है कि ऐसे कई अनसुलझे मुद्दे उस पर प्रकाश डालते रहिए.....।

  • @santoshsoni-pt6tj
    @santoshsoni-pt6tj 3 года назад

    नमन, संगठित होकर समाज मे जागरण की आवश्यकता है । आर्यसमाज कमरे के अंदर केवल यज्ञ करने तक सीमित हो गये है ।

  • @rangmanch3442
    @rangmanch3442 5 лет назад +8

    अद्भुत ज्ञान अद्भुत सच उजागर किया है है महात्मा आपको सत सत नमन 🙏🙏

  • @nainikabisht3811
    @nainikabisht3811 5 лет назад +1

    निसंदेह , राहुल आर्य और अंकुर आर्य जी सराहनीय कार्य कर रहे हैं .
    वैसे हमारा. मानना है वैदिक धर्म में अवतार वाद इस कारण भी वैदिक संस्कृति का भाग बना , जब आसुरी प्रवृतियां वेदों या इन्हें नष्ट कर के अराजकता फैला रही थी , उन्हें पुनर्स्थापित करने के लिये राम या कृष्ण ने आसुरी शक्तियों का विनाश किया .

  • @maheshtiwari201
    @maheshtiwari201 4 года назад +4

    🚩🚩वैदिक धर्म की जय 🚩🚩
    🌅धन्य कर दिया श्री अग्निव्रत जी🌅

  • @kanvarmojiram
    @kanvarmojiram 5 лет назад +2

    गुरु जी आपकी यह बातें अत्यंत ज्ञानवर्धक है। इससे अनेक भ्रांतियां का निवारण हुआ है। किंतु कुछ शंकाएं और हैं जिनका भी आप कृपया निवारण करें। जैसा कि हम सब जानते हैं कि श्री ब्रह्मा तथा महर्षि नारद आदि सृष्टि में हुए थे । किंतु जैसा कि हम जानते हैं कि रामायण आज से लगभग 900000 साल पहले हुई। तो उस समय महर्षि ब्रह्मा द्वारा महर्षि बाल्मीकि को रामायण की रचना करने के लिए कहना कैसे संभव है तथा नारद जी का संवाद भी कैसे संभव है। साथ ही गुरु जी एक और शंका का समाधान करें, जैसा कि हम सब जानते हैं कि रामायण में अंगद के अडिग पेर से संबंधित कथा है। किंतु एक वीडियो में भैया राहुल आर्य ने इसे भी असंभव माना है तथा नकार दिया है। किंतु मैंने पतंजलि योग सूत्र में पढा है कि जब योगी को अष्ट सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं, तो उन अष्ट सिद्धियों में से ही एक गरिमा सिद्धि के कारण योगी अपने शरीर को इतना भारी बना लेता है कि किसी से हिले भी नहीं। जैसा कि इन्हीं अष्ट सिद्धियों में से लघिमा सिद्धि के द्वारा हनुमान जी ने अपने शरीर को हल्का बना लिया था। तथा वे हवा में उड़ सके । श्री अंगद जी भी क्या कम योगी थोड़े ही थे। तो इस प्रकार अंगद का पांव भी सत्य हो सकता है। इस बारे में आपका क्या कहना है कृपया हमें अवगत कराएं गुरुजी तथा सत्य से परिचित करवाएं। ईश्वर आपको दीर्घायु बनावे। तथा ईश्वर हम पर आप जैसे बुद्धिजीवियों की सदा छाया बनाए रखें।

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 лет назад +2

      युवराज अंगद के पैर जमाने की बात मिथ्या है। यह वाल्मीकि रामायण में कहीं नहीं है। हाँ, उनका रावण के महल में अन्य पराक्रम तथा वायुमार्ग से वापिस आना अवश्य लिखा है।

    • @kanvarmojiram
      @kanvarmojiram 5 лет назад

      @@vaidicphysics धन्यवाद आचार्य जी।

  • @Sarojjaibhm
    @Sarojjaibhm 5 лет назад +11

    बात यही है कि लोग प्रत्यक्ष मानते है और आज कोई भी उस योग को नहीं पा सकता।ये तब तक विवादित रहेगा जब तक कोई और मनुष्य कलयुग में वो योग पाकर ना दिखा दे।

  • @surendratiwari3097
    @surendratiwari3097 3 года назад +1

    आदरणीय आपका स्वागत करते हैं। आपने जिस प्रकार से प्रस्तुत किया है। मैं नमन करता हूँ। आप दीर्घकालिक स्वस्थ रहें ताकि मानवता का कल्याण हो सके।

  • @Sunshine88.
    @Sunshine88. 3 года назад +3

    जय श्री राम जय श्री हनुमान ❤️❤️❤️

  • @tejasgroup7393
    @tejasgroup7393 4 года назад +23

    राहुल जी और अंकुर जी के वजह से मुझे बहुत ज्ञान हुआ

  • @sarvatantrasiddhanta
    @sarvatantrasiddhanta 5 лет назад +8

    ▪ *आर्य नियम* ▪
    *दस नियम*
    १. सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
    २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।
    ३. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना - सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
    ४. सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिये।
    ५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहियें।
    ६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
    ७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिये।
    ८. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिये।
    ९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिये, किन्तु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिये।
    १०. सब मनुष्यों को सामाजिक, सर्वहितकारी, नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिये और प्रत्येक हितकारी नियम पालने में स्वतन्त्र रहें।
    *'ओ३म्' महर्षि दयानन्द कृत 'सत्यार्थ प्रकाश' और अन्य वैदिक ग्रन्थ का निःशुल्क डिजिटल रूप प्राप्त कीजिये―whatsapp 94 130 20 130*

  • @ar.bhaskartanpure3279
    @ar.bhaskartanpure3279 4 года назад +2

    कृपया शंकर भगवान की शिवलिंग की पूरी जानकारी वेद के हिसाब से दे काफी लोग अलग अलग धारणाएं बनाके रखते है धन्यवाद
    ॐ नमः शिवाय

  • @sanjaytyagi5300
    @sanjaytyagi5300 5 лет назад +25

    ब्रह्मचारी कृष्णदत्त जी ने आर्य समाज व पौराणिक के बीच सामंजस्य बैठाया है ।
    हनुमानजी सूर्य विधा के जानकार थे

  • @keshawnarayanawasthi136
    @keshawnarayanawasthi136 3 года назад

    सनातन धर्म को वैदिक पौराणिक निर्गुण सगुण जैन बौद्ध और सिक्ख में बांटने वालों ने बहुत क्षति पहुंचायी है ऐसे लोगों को मैं भारतीय संस्कृति का हनन करने वाला मानता हूं उसका ज्ञान एकांगी और अहंकार युक्त है।

  • @rameshtripathi2194
    @rameshtripathi2194 4 года назад +8

    यह सत्य है कि पुराणों ने सनातन धर्म का बहुत नुक्सान किया है।एक बार फिर ' वेदों की ओर लौटो'का नारा जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

  • @shikharkantsrivastav9872
    @shikharkantsrivastav9872 3 года назад +2

    ओ३म् अनेक धन्यवाद साधुवाद आपको... 🙏

  • @नमोनारायण1
    @नमोनारायण1 5 лет назад +5

    आप पहले आर्य है जिसे सुनने के बाद मेरे मतभेद आर्य समाजियो के प्रति सहमत हुआ सच मै जो चपरासी के योग्य नही है वो प्रभु रामचंद्र और कृष्ण के उपर सवाल उठाये जा रहा है बुद्धि से अपंग भ्रमित लोगो की बात ही क्या करे
    ओउम नमों नारायण

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 лет назад +4

      हम सभी एक है कुछ अज्ञानता के कारण दूरिया बनी हुई हैं |

  • @devichand6210
    @devichand6210 Год назад

    नमस्ते आचार्य जी..... मुझे आर्य निर्मात्री सभा के दो दिवसीय सत्र के माध्यम से आर्य समाज को जानने का सुअवसर मिला

  • @shiv9628
    @shiv9628 5 лет назад +15

    dhanyawaad guru ji, Sanka Samadhan ke liye

  • @themukesh.k
    @themukesh.k 4 года назад

    आपके इस विडियो को पूर्ण देखने पर मुझे अहसास हुआ कि इतनी स्पष्टता से समझाने के बावजूद अगर कोई वेदों, योगदर्शन, व्याकरण, रामायण-महाभारत, दर्शन शास्त्र, और ऋषि महर्षियों के अनमोल ज्ञान विज्ञान को नहीं समझता वह अपने साथ साथ अपने परिवार, परिजन, मित्र, समाज, धर्म, प्रकृति, और राष्ट्र को विनाश की ओर ले जाएगा। आपने हमारी अनेक शंकाओं को केवल एक वीडियो से ही समाप्त कर दिया है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद 🙏🙏👏 #mkyogaaesthetics

  • @vedichorizon7327
    @vedichorizon7327 5 лет назад +7

    जन्म कर्म दोनों अनादि हैं ईश्वर जीव प्रकृति की तरह। अच्छा है।

  • @tusharmaithilee
    @tusharmaithilee 5 лет назад +1

    Muze yahi lgta tha jab tak baki arya samaji yuvako ko sunta tha...kahi ye log sirf ved vijyan ke ek ang ko samj ke yog jyan adhyatma jyan se dur to nahi jayenge...but jab aap ke bare me pata chala tabhi se yakin tha ki aap yogiyo ki aur adhyatma vadiyonki sachhayi vijyan se siddha kar hi denge aur aaj aapka ye pravachan dekh ke meri aashanka dur huyi..ab purna yakin he ke jald hi sanatani purna vaijyanik ta se aage badhenge

  • @ghasiramboran7481
    @ghasiramboran7481 5 лет назад +11

    Infinite consciousness is VIRAAT Swaroop of Lord Krishna.

  • @ankurarora82
    @ankurarora82 4 года назад +2

    धन्यवाद

  • @जगदीशप्रसादगौङमहाराज

    जय हो गुरूदेव, आपको कोटि कोटि प्रणाम, अपका एकलव्य शिष्य हु, ओउम् तत्सत

  • @chandanbenbanshi1737
    @chandanbenbanshi1737 3 года назад +1

    Dhanyabad 🙏

  • @thedharmikwinger2843
    @thedharmikwinger2843 5 лет назад +8

    Dhanyawad acharya ji ...
    Apne bhut ache se samjhaya ...

  • @awadhibana
    @awadhibana 4 года назад

    सत्य कहा आप ने की राहुल आर्य अच्छा कार्य कर रहे हैं लेकिन अनुभव व ज्ञान में अभी और परिपक्व होने की आवश्यकता है , हनुमान जी , राम जी और कृष्ण जी को साधारण मनुष्य समझ कर व्याख्या सर्वथा अनुचित व निंदनीय है

  • @वैदिकसंस्कृति-व9ग

    बहुत अच्छा. आचार्य जी 🙏

  • @उपेन्द्रआर्य

    आचार्य जी सादर नमस्ते
    मन प्रसन्न हो गया आपकी वीडियो देखकर...

  • @dillimanaap7007
    @dillimanaap7007 5 лет назад +7

    आज से ३५ वर्ष पूर्व एक मुला को मैं बताया था कि हनुमान जी योग बल से अपने शरीर के पांच तत्व में से वायु और आकाश तत्व बढ़ाया और उड़ कर समुद्र पार लंका गए थे।

  • @nehabhomi
    @nehabhomi 3 года назад +1

    नमन आचार्य जी, ईश्वर आपको दिर्घायु दे।

  • @lokendersingh3140
    @lokendersingh3140 5 лет назад +6

    गुरूदेव प्रणाम,ईश्वर आपको दीर्घायु प्रदान करे 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @VijaySharma-oz3er
    @VijaySharma-oz3er 4 года назад +2

    गुरु जी योग सिद्ध करने से वहुत सारी सिद्धियां मिलती हैं आप .मन पर एक विडियो जरूर वनायें क्योंकि योग तो
    मन को नियंत्रित करने से ही मिल पाता है

  • @sudamsutar555
    @sudamsutar555 5 лет назад +13

    Namaste swamiji. Mere ku ye lagta he aap risi dayanad saraswati ki sapna ko pura kare nge.aap ko koti koti dhanya baad.

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 лет назад +3

      आपके उच्च विचारों के लिए धन्यवाद

  • @toshi7358
    @toshi7358 Год назад

    Guru ji apko Naman ..ap Gyan ne Hume ek sahi rah dikhai .Eshwar ki vani ved h ..Hume sikhaya meri jigyasa badhti ja Rahi sristy k rahsayo Janene ki Eshwar ki kripa h ki apko Suna..dhayvad ap Gyan ka Sagar ho

  • @swami_108
    @swami_108 5 лет назад +28

    सृस्टि में कई महापुरुष हुए है जिनका नाम ब्रह्मा था। इस हेतु लोग परेशान न हो