चंद्रमा किस अंश पर मृत्यु कारक
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- Опубликовано: 20 окт 2024
- चंद्रमा किस अंश पर मृत्यु कारक बनता है इस वीडियो में चर्चा की गई है हर एक राशि के लिए यह अलग अलग है जब इस अंश पर अगर चंद्रमा होगा तो स्वास्थ्य हानि ज्यादा करने की संभावना रहती है चंद्रमा को मां का कारक बताया गया है लेकिन जब नवजात शिशु पैदा होता है तो चंद्रमा से ही उसकी उसकी आयु का निर्धारण होता है इसलिए चंद्रमा आयु के लिए सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है
चंद्रमा नौ ग्रहों के क्रम में सूर्य के बाद दूसरा ग्रह है। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, यात्रा, सुख-शांति, धन-संपत्ति, रक्त, बाईं आंख, छाती आदि का कारक होता है। चंद्रमा राशियों में कर्क और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी होता है। इसका आकार ग्रहों में सबसे छोटा है परंतु इसकी गति सबसे तेज़ होती है। चंद्रमा के गोचर की अवधि सबसे कम होती है। यह लगभग सवा दो दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में संचरण करता है। चंद्र ग्रह की गति के कारण ही विंशोत्तरी, योगिनी, अष्टोत्तरी दशा आदि चंद्र ग्रह की गति से ही बनती हैं। वहीं वैदिक ज्योतिष शास्त्र में राशिफल को ज्ञात करने के लिए व्यक्ति की चंद्र राशि को आधार माना जाता है। जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित होता है वह जातकों की चंद्र राशि कहलाती है।
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