Gussae ki intensity itani jyda hoti hy ki dekhna mushkil ho jata hy. Ek second ke thoda bahut dekha to jata bt rukna muskil ho jata hy baad me tufan gujar chuka hota tb sochane pe pata chalta hy aysa nahi aysa karana tha agali baar le liye aadmi taiyar rahata hy bt sayad agali baar situation kuchh aur ho
"Gyan kabhi taaza nahi hota hai" का आध्यात्मिक सन्दर्भ बहुत गहरा और गूढ़ है। इसका तात्पर्य यह है कि ज्ञान एक शाश्वत सत्य है, जो समय या परिस्थितियों से नहीं बदलता। आध्यात्मिक दृष्टि से, ज्ञान किसी बाहरी परिस्थिति या काल के अनुसार नया या पुराना नहीं होता, बल्कि यह अनंत और अपरिवर्तनीय होता है। जैसे कि सत्य हमेशा सत्य रहता है, चाहे वह किसी भी समय और स्थान पर क्यों न हो। मुख्य बिंदु: 1. ज्ञान का शाश्वत स्वरूप: ज्ञान समय और युगों से परे होता है। यह अनादि और अनंत है। इसे किसी नवीनता की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह अपनी मूल अवस्था में ही संपूर्ण होता है। 2. आध्यात्मिक स्थिरता: आध्यात्मिक दृष्टि से, आत्मा का ज्ञान और उसका संबंध परमात्मा से भी ऐसा ही स्थिर और अपरिवर्तनीय होता है। यह चेतना की उच्च अवस्था का बोध कराता है। 3. माया या परिवर्तन से मुक्त: सांसारिक ज्ञान समय के साथ बदलता है, लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान माया और परिवर्तन के बंधनों से मुक्त होता है। इस प्रकार, यह वाक्य हमें यह समझने में मदद करता है कि सच्चा ज्ञान वह है जो हमें हमारे वास्तविक स्वरूप और अस्तित्व का बोध कराता है, और यह हमेशा स्थायी, स्थिर और शाश्वत रहता है।
Thank you sir 🙏🏼🙇
Thank you sir ❤❤❤🎉🎉🎉
Great Series Sir🙏🙏🤗
Thank you sir..
Thanks sir ji 🙏
Gussae ki intensity itani jyda hoti hy ki dekhna mushkil ho jata hy. Ek second ke thoda bahut dekha to jata bt rukna muskil ho jata hy baad me tufan gujar chuka hota tb sochane pe pata chalta hy aysa nahi aysa karana tha agali baar le liye aadmi taiyar rahata hy bt sayad agali baar situation kuchh aur ho
IAmshiv what is Shiv ALakh Narayan Shiv
🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕
Shirt 👌
Ghuassa wohi kerte hai jo dukh hai
Jb jb koi Gandhi ki taarif krta hy bahut gussa aata hy.😂😂 Bhagwan Raman ke saath Gandhi jyse aadmi ki tulana to honi hi nahi chahiye
"Gyan kabhi taaza nahi hota hai" का आध्यात्मिक सन्दर्भ बहुत गहरा और गूढ़ है। इसका तात्पर्य यह है कि ज्ञान एक शाश्वत सत्य है, जो समय या परिस्थितियों से नहीं बदलता।
आध्यात्मिक दृष्टि से, ज्ञान किसी बाहरी परिस्थिति या काल के अनुसार नया या पुराना नहीं होता, बल्कि यह अनंत और अपरिवर्तनीय होता है। जैसे कि सत्य हमेशा सत्य रहता है, चाहे वह किसी भी समय और स्थान पर क्यों न हो।
मुख्य बिंदु:
1. ज्ञान का शाश्वत स्वरूप: ज्ञान समय और युगों से परे होता है। यह अनादि और अनंत है। इसे किसी नवीनता की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह अपनी मूल अवस्था में ही संपूर्ण होता है।
2. आध्यात्मिक स्थिरता: आध्यात्मिक दृष्टि से, आत्मा का ज्ञान और उसका संबंध परमात्मा से भी ऐसा ही स्थिर और अपरिवर्तनीय होता है। यह चेतना की उच्च अवस्था का बोध कराता है।
3. माया या परिवर्तन से मुक्त: सांसारिक ज्ञान समय के साथ बदलता है, लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान माया और परिवर्तन के बंधनों से मुक्त होता है।
इस प्रकार, यह वाक्य हमें यह समझने में मदद करता है कि सच्चा ज्ञान वह है जो हमें हमारे वास्तविक स्वरूप और अस्तित्व का बोध कराता है, और यह हमेशा स्थायी, स्थिर और शाश्वत रहता है।
Thank you Sir 🙏