MPPD Aarti: Om Jai Jai Mata Pita Aarti [Top Aarti of Mata Pita] 14th February
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- Опубликовано: 27 янв 2025
- ■ माँ बाप ईश्वरकृत सर्वश्रेष्ठ रचना हैं।
और बच्चे के लिए तो वे जीवनदाता हैं।
इसलिए उनका स्थान ईश्वरतुल्य ही है।
■ आरती ज्योत के रूप में हमारे हृदय को भी प्रकाशित करती है और जब ईश्वर रूपी माता-पिता ही हमारे सामने साक्षात बैठे हों तो उस आरती का तो अनुभव ही अलग होता है | हृदय गदगद हो जाता है | ईश्वर ने माता पिता के रूप में स्वयं को दिया है |
■ ऐसा भी कहा जाता है कि यदि किसी पूजा विधान में यदि कोई त्रुटि रह गई हो तो वह आरती से क्षमा हो जाती है |
■ अग्नि महाभूत पंचमहाभूतों में से एक है। जिस तरह बाहर की अग्नि प्रज्वलित होती है वैसे ही हमारी अंतरात्मा की भी ज्योत सके इसी भावना के साथ आरती की जाती है। जैसे दीपक बाहर की वस्तुओं को प्रकाशमान करता है वैसे ही वह हमारे हृदय को भी प्रकाशित करें |
■ और जब सामने पूजन माता पिता और गुरुजन का हो तो वह पवित्र सद्भावना अनंत गुना हो जाती है| वह ह्रदय में शुद्ध प्रेम का झलकाता है |
■ "स्कन्द पुराण" में आरती के महत्व की चर्चा सबसे पहले की गई है | जो आज भी घरों घर प्रचलित है | 14 February - Matri Pitri Pujan Diwas पर पूजन पश्चात आरती करके हम माता पिता के सामने अपनी पिछली भूलों की क्षमा मांगते हैं।
■ माता - पिता का पूजन करते हैं तो काम राम में बदलेगा, अहंकार प्रेम में बदलेगा, माता-पिता के आशीर्वाद से बच्चों का मंगल होगा ।
■ धन्य हुए हम जो परम पूज्य Sant Shri Asharamji Bapu को सद्गुरु रूप में पाया है। जो समाज को न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से उन्नत कर रहे हैं बल्कि समाज के गिरते मूल्यों एवं मरते संस्कारों को भी पुनर्जीवित कर रहे हैं।
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